Tuesday, May 12, 2020

लॉकडाउन के चलते लाखो की क्षति उठा रहे है ट्रावेल एजेंसियाँ




ब्यूरो रिपोर्ट बजरंगी गुप्ता

 उतरौला(बलरामपुर)कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन के दौरान जहाँ एक ओर इंसानी जिन्दगी की रफ्तार थम सी गई है वही प्राइवेट बसो के संचालन पर प्रतिबंध के कारण बसो के पहिये मे ब्रेक लग गया है।जिसका खामियाजा ट्रावेल्स एजेंसियो के संचालको को उठाना पड रहा है।

जानकारी के अनुसार जिले मे मजदूरो की भारी संख्या है।जो मुम्बई,गुजरात,अहमदाबाद, राजस्थान,हैदराबाद,बेगलुरू आदि जगहो पर रह कर मजदूरी करते है।इन मजदूरो के आवागमन को देखते हुए जिले मे कई ट्रावेल एजेंसियाँ इन शहरो से लोगो को लाने ले जाने का काम लम्बे अरसे से करती चली आ रही है।

राप्ती ट्रावेल एजेंसी के संचालक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास 14 बसे है जो मुम्बई,गुजरात आदि शहरो के लिए यहाँ से नियमित चलती थी।लॉकडाउन के कारण इन बसो का संचालन पूरी तरह से बंद है।उन्होने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बसो पर प्रतिबंध के कारण उन्हे लाखो रूपये का आर्थिक क्षति प्रतिमाह उठानी पड रही है।इसके अलावा रोड टैक्स,फाइनेंस,बीमा का किश्त जमा न हो पाने के चलते उनकी कमर टूटती जा रही है।उन्होने बताया कि पिछले मार्च तक इन शहरो के लिए हजारो बुकिंग उनकी ट्रावेल एजेंसी ने कर रखी थी जिसका एडवांस भी अब लोगो को वापस करना पड रहा है।

ट्रावेल एजेंसी के संचालक भूपेंद्र सिंह ने सरकार से मांग करते हुए बताया कि लॉकडाउन मे सोशल डिस्टेसिंग का उल्लंघन कर ट्रको के जरिये एक राज्य से दूसरे राज्यो मे लोग आ जा रहे है।ऐसे मे उन्हे बसो के संचालन की अनुमति मिलनी चाहिए।उन्होने बताया कि सरकार प्राइवेट बसो के संचालन के दौरान जो भी शर्त ट्रावेल एजेंसी पर लागू करती है तो उसे पालन किया जायेगा।क्योकि वह 70 सीट के स्थान पर 40 सीट पर ही सवारी लाने ले जाने को तैयार है ताकि सोशल डिस्टेसिंग भी बनी रहे और उन्हे आर्थिक कष्ट भी न उठानी पडे।


 

 



 

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