चढ़ चेतक पर जो हुंकार लगाता था
जिसके आने पर हर दुश्मन घबराता था
जिसकी तलवार से पापी का सिर अलग हो जाता था
मातृभूमि को बचाने के लिए वो भूखा सो जाता था
छत विछत कर डाला जिसने बड़ी हुकूमत को
ऐसे शूरवीर प्रताप की ख़ातिर ये धरती अभिमानी है
थी धन्य उनकी वीरता अमर उनकी कहानी है
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