Sunday, March 8, 2020

महिला उद्यमी सशक्तिकरण सम्मेलन 2020 का उद्घाटन

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार के नीतिगत सरलीकरण से देश में महिला उद्यमियों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि देश के एमएसएमई क्षेत्र में अब लगभग 80 लाख महिला उद्यमी हैं और पिछले 5 वर्षों में पीएमईजीपी के तहत महिला उद्यमियों द्वारा लगभग 38% की वृद्धि के साथ उद्यमों की स्‍थापना हो रही है।

श्री गडकरी ने कल शाम नई दिल्ली में महिला उद्यमी सशक्तिकरण सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार महिला उद्यमियों के साथ कोई भेदभाव नहीं करने के लिए प्रतिबद्ध है । उन्‍होंने महिला उद्यमियों से उत्पादों की गुणवत्ता और वितरण में उच्च मानकों को बनाए रखने का आह्वान किया। श्री गडकरी ने यह माना कि महिला उद्यमियों को हतोत्साही चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सभी बाधाओं का लंबे समय तक सामना करने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार एमएसएमई उत्पादों के विपणन के लिए अलीबाबा मंच की तर्ज पर एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक नई वेबसाइट शुरू करने पर काम कर रही है।


6000 से अधिक महिलाओं को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा अगरबत्ती विनिर्माण और पैकेजिंग में प्रशिक्षित किया गया है। जम्‍मू-कश्‍मीर में बारामुला जिले के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में बिजली से मिट्टी के बर्तन बनाने के काम में 150 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा पुलवामा में लगभग 25 लड़कियों और कठुआ में लगभग 100 लड़कियों को सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया है। जम्मू के पास नगरोटा की 125 महिलाएं हर रोज 7500 खादी की रुमालें बना रही हैं। अब केंद्रीय मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम 25% खरीदारी एमएसएमई से कर रहे हैं। यह भी निर्देश दिया गया है कि 4% खरीदारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों और 3% खरीदारी महिला उद्यमियों से होनी चाहिए। शहद उत्पादन के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वैश्विक बाजार में शहद उत्पादों को बेचने के लिए एक मार्केटिंग वेबसाइट पर काम चल रहा है। महिलाओं को ‘सौर चरखे’ भी दिए जा रहे हैं।


तीन-दिवसीय सम्मेलन का आयोजन एमएसएमई मंत्रालय फिक्‍की-फ्लो, सीआईआई और भारतीय एसएमई मंच जैसे विभिन्न उद्योग संघों के सहयोग से किया गया है। ‘महिला उद्यमी सशक्तिकरण के लिए एक सशक्‍त व्‍यवसाय के अनुकूल परितंत्र का निर्माण’ विषय पर देश के सभी भागों से आने वाली 300 से अधिक महिला उद्यमियों के लिए एक पैनल चर्चा की गई। श्री गडकरी और एमएसएमई राज्य मंत्री श्री प्रताप चंद्र सारंगी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिला उद्यमियों को बधाई दी और सम्मेलन में महिला उद्यमियों को सम्मानित किया।


इस अवसर पर श्री सारंगी ने कहा कि प्रधानमंत्री की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण के बिना पूरा नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी), खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग, कॉयर बोर्ड, एमएसएमई विकास संस्‍थान जैसे संगठनों द्वारा चलाई जा रही वित्‍तीय मदद, बाजार तक पहुंच, उद्यमिता विकास, निर्यात एवं अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग,  प्रशिक्षण और कौशल विकास से संबंधित विभिन्‍न योजनाओं के जरिए महिला उद्यमियों को मदद करता है। एमएसएमई मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्‍न योजनाओं के तहत पिछले 5 वर्षों के दौरान कुल 3.13 लाख महिलाएं लाभान्वित हुईं।


सचिव डॉ. अरुण पांडा ने सभी महिला उद्यमियों से पोर्टल ‘एमएसएमई संबंध’ से अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की जहां सीपीएसई द्वारा की गई खरीद की सभी प्रासंगिक जानकारियां उपलब्‍ध हैं। उन्‍होंने कहा कि ‘उद्यम सखी’ महिला उद्यमियों के लिए एक विशेष पोर्टल है। उन्होंने यह भी बताया कि शहरी क्षेत्रों में महिला उद्यमियों को 25 प्रतिशत अनुदान और ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। विकास आयुक्त और विशेष सचिव श्री राम मोहन मिश्रा और संयुक्‍त सचिव श्रीमती अलका अरोड़ा ने भी सभा को संबोधित किया।



कोविड-19 पर नई जानकारी-नए मामले सामने आए

कोविड-19 की जांच में तीन और लोग पॉजीटिव पाए गए हैं। इनमें से दो लोग लद्दाख के हैं जिन्‍होंने ईरान की यात्रा की थी और एक तमिलनाडु से है जो ओमान गया था। इन तीन नए मामलों के साथ देश में कोरोना से संक्रमित मामलों की संख्या 34 हो गई है। 31 संक्रमित लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है। जबकि केरल में पहले के तीन संदिग्‍ध लोगों को अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई है।


भूटान में अमेरिकी नागरिक के पॉजीटिव पाए जाने के साथ ही वहां 150 से अधिक संदिग्‍ध लोगों को आईडीएसपी निगरानी के तहत रखा गया है।


इसके अलावा, आज सुबह ईरान से 108 नमूने प्राप्त हुए हैं। इन नमूनों का परीक्षण एम्‍स की प्रयोगशाला में किया जा रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के छह वैज्ञानिक ईरान में तैनात किए गए हैं। लगभग 10 करोड़ रुपये के उपकरण और अभिक्रमक ईरान भेजे गए हैं ताकि ये वैज्ञानिक वहां प्रयोगशाला स्‍थापित कर सकें।


हवाई अड्डों पर आज 7,108 उड़ानों से आए कुल 7,26,122 लोगों की जांच की गई। कल सुबह और आज के बीच 573 उड़ानों से आए 73,766 यात्रियों की हवाई अड्डों पर जांच की गई।


देशभर में कोविड​​-19 वायरस के परीक्षण के लिए अभी 52 प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं। इसके अलावा नमूना संग्रहण के लिए वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया और पट्टी के साथ 57 अतिरिक्‍त प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं।


लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्‍य से सभी दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा विशेष कोविड-19 मोबाइल फोन कॉलरट्यून लॉन्च किया गया है जिसमें कॉलर द्वारा डायल करने पर संक्रमण की रोकथाम संबंधी बुनियादी सूचनाएं दी जाती हैं। बीएसएनएल, एमटीएनएल, रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के 117.2 करोड़ से अधिक ग्राहकों तक एसएमएस और कॉल बैक के जरिये संदेश पहुंचाए जा रहे हैं।



प्रधानमंत्री नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं के साथ कल करेंगे संवाद

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लोक कल्याण मार्ग, नई दिल्ली में कल नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद करेंगे। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कल प्रधानमंत्री के ट्विटर अकाउंट का परिचालन महिलाओं के हाथ में रहेगा। #SheInspiresUs।


राष्ट्रपति कल सुबह राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान करेंगे।


सरकार हर वर्ष विशेष रूप से वंचित और कमजोर तबके की महिलाओँ के सशक्तीकरण के क्षेत्र में सराहनीय काम करने वाले लोगों, समूहों, संस्थानों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करती है।



प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के लाभार्थियों और जन औषधि केन्द्रों के स्टोर मालिकों के साथ आज वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से बातचीत की।


प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास अत्यन्त कुशल चिकित्सक और चिकित्सा संसाधन मौजूद हैं साथ ही साथ नागरिकों के बीच इस संबंध में पूरी जागरूकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में सतर्क नागरिकों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।







प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल बार-बार हाथ धोने के महत्व पर ही अत्यधिक बल नहीं दिया जा सकता, दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए छींकते या खांसते समय मुंह ढकना भी जरूरी है।


प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिन लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है उन्हें आवश्यक निगरानी में रखा गया है। लेकिन यदि किसी व्यक्ति को अपने संक्रमित साथी के संपर्क में आने का संदेह है, तो उसे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। इसकी बजाय उसे अस्पताल में जाकर जांच करानी चाहिए। परिवार के अन्य सदस्यों के भी संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है, ऐसी स्थिति में उन्हें भी आवश्यक परीक्षण कराने चाहिए।’


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के बारे में किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने का अनुरोध किया और सलाह दी कि केवल डॉक्टर का परामर्श लेना और मानना चाहिए।


उन्होंने कहा, ‘और हां पूरी दुनिया अब नमस्ते करने की आदत डाल रही है। यदि किसी कारणवश हमने यह आदत छोड़ दी है, तो हाथ जोड़कर नमस्ते करने की आदत दोबारा डालने का यह बिल्कुल उचित समय है।’








जन औषधि दिवस समारोह 7 मार्च, 2020 को मनाया जाएगा

 जन औषधि दिवस 7 मार्च, 2020 को मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चुने हुए जन औषधि केन्‍द्रों के मालिकों तथा प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के लाभार्थियों से बातचीत करेंगे। दूरदर्शन समाचार के माध्‍यम से प्रत्‍येक जन औषधि केन्‍द्र से प्रधानमंत्री के संदेश को प्रसारित किया जाएगा।


    केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना केंद्र में भाग लेंगे। केंद्रीय जहाजरानी और रसायन तथा उर्वरक राज्‍य मंत्री श्री मनसुख लक्ष्मणभाई मंडाविया जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना केंद्र में भाग लेंगे। श्री गौड़ा ने सभी केन्‍द्रीय मंत्रियों से जन औषधि दिवस समारोह में भाग लेने का अनुरोध किया है, ताकि जन औषधि केन्‍द्रों की दवाइयों के प्रति लोगों का विश्‍वास बढ़ाया जा सके और योजना के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके।


      पूरे देश में पीएमबीजेपी केन्‍द्रों पर योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्‍न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में डॉक्‍टर, स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ, एनजीओ तथा बड़ी संख्‍या में लाभार्थी शामिल होंगे। जन औषधि दिवस का उद्देश्‍य जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इस अवसर पर सभी के लिए गुणवत्‍ता संपन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल का कदम सरकार द्वारा उठाए गए हैं। इन कदमों में आयुष्‍मान भारत, पीएमबीजेवाई आदि शामिल हैं।


      प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना की घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी, ताकि रियायती दरों पर सभी को विशेषकर गरीब और वंचित लोगों को उच्‍च गुणवत्‍ता की दवाइयां उपलब्‍ध कराई जा सकें ।


     जन औषधि केंद्र को विश्व की सबसे बड़ी खुदरा दवा श्रृंखला माना जाता है। देश के 700 जिलों में 6200 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में वित्त वर्ष 2019-20 में 390 करोड़ रुपये से अधिक की कुल बिक्री हुई और इससे  सामान्य नागरिकों के लिए कुल 2200 करोड़ रुपये की बचत हुई। यह योजना सतत और नियमित आय के साथ स्वरोजगार का अच्छा साधन प्रदान करती है।  



उपराष्ट्रपति ने सरकारी कार्यक्रमों की डिलिवरी में सुधार का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि भारत में नीति निर्माण में कोई कमी नहीं है लेकिन अधिक महत्वपूर्ण इन नीतियों का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन है। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन के लिहाज से भी नीति अच्‍छी होनी चाहिए।


आज हैदराबाद में एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया (एएससीआई) के संकाय सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति ने विकास के लिए समावेशी और टिकाऊ दृष्टिकोण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों का लाभ अंत्योदय की सच्ची भावना से अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए जैसा कि महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महान नेताओं ने सोचा था। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति, समुदाय या क्षेत्र पीछे नहीं रह जाना चाहिए।


सरकारी कार्यक्रमों में लोगों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए श्री नायडू ने कहा कि भारत जैसे बड़े आकार का देश शासन में लोगों की भागीदारी के बिना प्रगति नहीं कर सकता है। उन्होंने सेवा वितरण में सुधार और भ्रष्टाचार कम करने के लिए डिजिटल तकनीकों का अधिकतम उपयोग करने का भी आह्वान किया। श्री नायडू ने कहा कि शासन में सुधार के लिए उपयुक्त रणनीति तैयार करने और प्रशासन में परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए प्रशासकों की मदद करनी चाहिए।   प्रशासन से जुड़े हर पहलू में परिवर्तन पर ध्यान आकर्षित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान समय में प्रशासन केवल कार्यान्वयन तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें प्रबंधन और शासन की व्यापक अवधारणा समाहित है। उन्‍होंने सर्वोत्‍कृष्‍ट प्रथाओं को लागू करने और शासन में एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। देश में सिविल सेवकों, प्रबंधकों और प्रशासकों के क्षमता विकास में प्रमुख संस्थानों में से एक के रूप में उभरने के लिए एएससीआई की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसके संकाय को प्रशासकों के बीच व्यवहार और मानसिकता में बदलाव लाने की दिशा में काम करने को कहा है। श्री नायडू ने एएससीआई के संकाय सदस्यों से कहा कि आप से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रत्येक अधिकारी नागरिक-केंद्रित और परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाएंगे जो समय की मांग है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए दुनिया के कई देश भारत की ओर देख रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि एएससीआई अपने प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों, सार्वजनिक नीति में विशेषज्ञता और परामर्श सेवाओं के बल पर सरकारों, कॉरपोरेट्स और दूसरे देशों को भी सही तरह से मदद कर सकता है।


सार्वजनिक-निजी-भागीदारी को समय की मांग बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लिए विकास करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए उन्‍होंने नीति निर्धारकों, प्रशासकों और सलाहकारों को नियमित सरकारी कार्यों के अलावा पीपीपी पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।


एएससीआई की यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने इसके परिसर में घूमकर प्रशिक्षुओं से बातचीत की। उन्होंने एएससीआई के परिसर में एक पौधा भी लगाया।


एएससीआई देश का सबसे पुराना प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान है। 1956 में अपनी स्थापना के बाद से इसने सरकार, उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों को प्रबंधन विकास कार्यक्रम, अनुसंधान और सलाहकार कार्य के जरिए सार्वजनिक नीतियों के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया। एएससीआई ने पिछले साल दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट पाठ्यक्रम भी ​​शुरू किया है।


उपराष्ट्रपति के साथ बातचीत में एएससीआई के अध्यक्ष श्री के. पद्मनाभैया, संस्थान के निदेशक एवं संकाय और छात्र भी शामिल हुए।



प्रधानमंत्री ने संबंधित मंत्रालयों के साथ कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की

माननीय प्रधानमंत्री ने 7 मार्च 2020 को सुबह 11:30 बजे नोवल कोरोनावायरस (कोविड-19) की स्थिति और इससे बचाव के लिए विभिन्न मंत्रालयों द्वारा अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन,  केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्‍य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, कैबिनेट सविच श्री राजीव गौबा, नीति आयोग के सदस्‍य डॉ. विनोद के पॉल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत उपस्थित थे। इस दौरान स्‍वास्‍थ्‍य, औषधि, नागर विमानन, विदेश, स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान, गृह, जहाजरानी आदि मंत्रालयों के सचिव एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।


स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव ने कोविड​-19 से निपटने के लिए तैयारी एवं प्रतिक्रिया के संबंध में वर्तमान परिस्थिति और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा अन्य सहायक मंत्रालयों द्वारा की गई कार्रवाई पर एक प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में प्रवेश द्वार एवं समुदाय की निगरानी, प्रयोगशाला सहायता, अस्पतालों की तैयारी, लॉजिस्टिक्‍स और संचार के जोखिम जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया गया। औषधि विभाग के सचिव ने भारत में उपयोग के लिए दवाओं, एक्टिव फार्मास्‍युटिकल्‍स इनग्रेडिएंट्स (एपीआई) और अन्य सामग्रियों के स्‍टॉक की पर्याप्‍त उपलब्धता के बारे में जानकारी दी।


बैठक के दौरान सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों एवं बॉर्डर क्रॉसिंग पर लगातार सतर्क रहने की आवश्यकता से संबंधित मुद्दों, प्रोटोकॉल के अनुसार सामुदायिक स्तर पर निगरानी ​​और रोगियों को अलग रखने के लिए पर्याप्त बिस्‍तरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। डॉ. हर्षवर्धन ने समय रहते पहल करने के लिए राज्यों के साथ प्रभावी समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। नीती अयोग के सदस्‍य ने रोगियों को अस्पतालों में भर्ती करने के लिए क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही ईरान से भारतीयों को बाहर निकालने के लिए प्राप्त अनुरोध पर प्रकाश डाला गया।


माननीय प्रधानमंत्री ने अब तक किए गए कार्यों के लिए सभी विभागों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत को उभरते परिदृश्य से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा। सभी विभागों को आपसी तालमेल के साथ काम करना चाहिए और समुदायों के बीच इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने और सावधानियां बरतने के लिए पहल की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को दुनिया भर में और विभिन्‍न देशों में कोविड-19 से निपटने के लिए अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान और उन पर अमल सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों की राय के मद्देनजर लोगों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे जहां तक ​​संभव हो सामूहिक समारोहों से बचें। साथ ही क्‍या करें और क्‍या न करें के बारे में जागरूक रहें। उन्होंने इस बीमारी के फैलने की स्थिति में रोगियों को अलग-थलग करने और उन्‍हें गंभीर देखभाल की सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए पर्याप्त स्थानों की पहचान करने का काम तत्‍काल शुरू करने का निर्देश दिया। उन्‍होंने अधिकारियों को ईरान में फंसे भारतीयों की तत्‍काल जांच और उन्‍हें बाहर निकालने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इस संक्रामक बीमारी के प्रबंधन के लिए पहले से ही विस्‍तृत योजना तैयार करने और समय पर प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।



Saturday, March 7, 2020

नारी से ही स्वाभिमान है

पौराणिक शास्त्रों के अनुसार नारी शक्ति के रूप में खुद को स्थापित करती रही है। जिसमें माता को आदि शक्ति के रूप में माना जाता है उन्ही के अलग अलग रूपो का बखान हमें पढने को मिलता है।शिव शक्ति के वगैर अधूरे माने जाते है।उसी तरह हमारे इतिहास और राजा रजवाडो की कहानियो मे भी नारी की प्रधानता वीरता के कई वर्णन मिल जाते हैं ।स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगनाओ मे महारानी लक्ष्मी बाई अर्थात झांसी की रानी को कौन भूल सकता है।कहने का तात्पर्य नारी व्यक्ति और समाज को शक्ति प्रदान करती है उसकी महत्ता को सभी को समझना होगा।

समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए सबों को सामाजिक समरसता और मानसिकता में नरमी के साथ सबों के प्रति आदर का भाव रखना आवश्यक होगा विशेषकर महिलाओं के साथ। सामाजिक उत्थान और विकास के साथ शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ और रोजगार के लिए सरकार के साथ-साथ स्वंय में भी महिलाओं को प्रयास और सजगता लानी होगी।

आज हर समाज, अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है, उपहास और परिहास की दृष्टि से आज सामाजिक कार्यकर्ता को देखा जाने लगा है क्योंकि सामाजिक कार्यों मे उतनी चमक घमक नहीं है जितनी कि राजनीतिक या अन्य क्षेत्रो में है। संविधान में सभी नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता, न्याय, शिक्षा, स्वास्थ, सुरक्षा, रोजगार, के लिए समान मौलिक  अधिकार प्रदान किए गए हैं। 

जबकि सामाजिक व्यवस्था और मान्यताओं के कारण ही आज परिवार और समाज हमें स्वीकार करता है। जिसके फलस्वरूप आज महिलाओ की स्थिति में पहले के मुकाबले काफी परिवर्तन भी हुए हैं लेकिन सुरक्षा की दृष्टिकोण से अभी भी व्यापक बदलाव की जरूरत है।आज की महिलायें सभी क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही है।कृषि कार्य,सेना,लेखन,डाक्टर,इंजीनीयर और राजनीति में भी वे अपनी जगह सुनिश्चत कर देश का नाम रौशन कर रही है।यह बदलाव आधी आबादी को ताकत के साथ निखार रहा है।वही चंद ऐसे वीभत्सकारी घटनाएँ भी होती रही है जिससे देश और समाज को शर्मसार होना पडा है।यह देश नारी सम्मान के लिए जाना जाता है जहाँ दुर्गा सरस्वती लक्ष्मी की पूजा की जाती है।पर असामाजिक तत्वो द्वारा विध्न डालने की प्रवृत्ति भी होती रही है जिसे शास्त्रो की भाषा में असुर समाज कहते है।यह असुर समाज आज भी है कोई चोर है कोई लुटेरा कोई दहेज लोभी कोई बालात्कारी भ्रूण हत्या तो कोई उत्पीडन करने वाला।देश में बढती बालात्कार की घटना चिंता का विषय है जो सरकार को वेचैन करने वाली रही है।दहेज और महिला उत्पीडन की भी घटनाये चिता मे डालती प्रतीत होती है।बढता शराब का प्रचलन तथा नेट पर बढते अश्लील शार्ट फिल्म ने तो इन घटनाओ को और अधिक प्रोत्साहन दिया है जहाँ खुलकर अश्लीलता परोसी जाती है।ऐसे फीचर को कठोर और सख्त नियम के तहत बंद की जानी चाहिए।

आज भी महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी नही है। देश में अनेक जनकल्याणकारी योजनायें और निःशुल्क अनाज राशन आवास गैस आदि का प्रावधान होने के बावजूद भी कई लोग बदहाल हैं। देश में सामाजिक शिक्षा का अलग से कोई प्रबंध नहीं है, इसे हम देखकर, पढकर, ऐतिहासिक, नैतिक कार्यो का अध्ययन कर और बडो के संगत से ही ग्रहण कर सांस्कृतिक मर्यादा का पालन करते हुए निवर्हन करते हैं। जिसमें महिलाओं का सम्मान,सभी धर्मों का सम्मान,बडो का आदर,आपसी भाइचारे, संस्कृति का सम्मान व रक्षा, देश के प्रति समर्पण का भाव और सभ्यता के प्रति आत्मविश्वास के साथ पीढी दर पीढी आगे ले जाने की असीम प्रेरणा मिलती है ताकि सभी लोग समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकें साथ हीं सामाजिक उपेक्षा का कोई भी शिकार न हो सके। संविधान में भी सभी के लिए समान अवसर की बात कही गई है। शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशलयुक्त होकर आज महिलाओ को घर से बाहर निकलना पडता है जहाँ उन्हें नित्य मुश्किलो का सामना करना पड़ता है। सरकार महिलाओं के विकास और रोजगार प्राप्ति के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है, पर दुर्भाग्य है कि आज भी वे बदहाल की स्थिति में हैं। योजना का लाभ तो दूर उन्हें योजना की जानकारी तक नहीं होती, या होती भी है तो उस स्तर तक वे पहुँच ही नही पाते। फलस्वरूप  योजना का लाभ उन्हें नही मिल पाता जिनके लिए योजनायें है।

समानता की गरिमा का ख्याल करते हुए  उन लोगो को समान अधिकार  मिले और समाज में समानता और समरसता तभी स्थापित होगी जब आधी आबादी को मजबूत किया जाएगा। 

    इक्कीसवीं सदी में भी वंचित महिलायें आधुनिकताओं  में जीने के लिए समाज में अपना घर तलाश रही है । वह चिता करने वाला है अतः आशा करनी चाहिए इन सभी विसंगतियो पर पूर्ण विराम की स्थिति हो। इनको दूर करने की दिशा में सरकार सकारात्म कदम के साथ कठोर कार्रवाई भी कर रही है जिससे खोया हुआ आत्मविश्वास पुनः लौटने लगी है । 

आधी आबादी के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाये गये हैं जिनमें तीन तालाक, आरक्षण, महिला आयोग, पुलिस में महिला की नियुक्ति का कोटा, निकाय चुनावो में आरक्षण आदि शामिल हैं । आज हमारे संसद में भी महिलाओं की वृद्धि हुई है जो अपनी हक की बात वखूवी रख रही है ।लेकिन अभी भी महिला आरक्षण बिल का पास होना बाकी है।आत्म सुरक्षा के लिए भी मार्शल आर्टस ट्रेनिंग के जरिये भी आजकल मोर्डन स्कूलो में ट्रेनिंग दी जाती है जो निश्चित ही आने वाले दिनो में कारगर साबित होगी।

 अतः कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पहले की अपेक्षा आज महिलाओं की उपस्थिति हर क्षेत्र में बढ़ रही है।राहे कठिन जरूर है पर उपस्थिति नगण्य नही जो भविष्य के लिए शुभ संकेत देते है और हमें मुस्कुराने का मौका भी।

 

शक्ति स्वरूप नारी

न क्रुंदन करती ना ही चित्कार करती

कभी न किसी को  वो तिरस्कार करती।

 

रूप बदलकर आती, सभी अवस्थाओ में वो तो सिर्फ हृदय से, हमें प्यार करती।

 

शक्ति की प्रगाढ़ता, जीवन की मौलिकता

आधार बनकर जीवन में वास करती।

 

सच्चाई की मिशाल, विश्वास में विशाल

छल कपट भी, मुस्कुरा के टाला करती।

 

वो काया कितनी महान, जिसमें सारे गुण

पर मानवता, इनका दिल तोड़ा करती।

 

बड़ा शर्मसार होना पड़ता देश को 

जब दरिंदगी भी यहाँ निवास करती।

 

न्याय के लिए सच और झूठ तौला जाता

वेतुके तर्क से इन्हें और टाला करती।

 

शक्ति की धरोहर की यह पीड़ा 

जब हद से पार हुआ 

फांसी पर लटका दो

संसद के दोनों सदनों से पास हुआ।

 

धरती हो या अम्बर जुल्म नही चलेगा

नारी शक्ति के आगे फांसी नहीं टलेगा।

 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी एएसआई संरक्षित स्मारक मुफ्त घूम सकेंगी भारतीय और विदेशी महिला आगंतुक - श्री प्रहलाद सिंह पटेल

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ताजमहल सहित सभी एएसआई संरक्षित टिकट स्मारकों को सभी भारतीय और विदेशी महिला आगंतुकों के लिए मुफ्त करने की घोषणा की है। श्री पटेल ने कहा कि भारत में महिलाओं को सम्मान देने की एक महान परंपरा रही है और हम मानते हैं कि जहां महिलाओं को उचित सम्मान दिया जाता है, वहीं पर देवता भी निवास करते हैं और जहां महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता है, वहां सभी कार्य निष्फल रहते हैं।


उन्होंने कहा कि यह संस्कृति मंत्रालय की ओर से विश्व की नारी शक्ति के लिए एक छोटा सा उपहार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अपने स्मारकों पर आने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में 29 अगस्त 2019 को आगरा के ताजमहल परिसर में उनके द्वारा एक बेबी केयर एंड फीडिंग रूम का उद्घाटन किया गया था और इसके बाद पूरे भारत में विभिन्न स्मारकों में इसकी स्थापना की गई थी।


उन्होंने कहा कि इन स्मारकों पर महिला आगंतुकों को सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव प्रदान करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने निम्नलिखित प्रावधान किए हैं:-


भारत भर के विभिन्न स्मारकों में बेबी फीडिंग रूम / चाइल्ड केयर सेंटर।


- स्मारकों पर आने वाली महिलाओं के लिए स्वच्छ शौचालय की सुविधा।


- महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला सुरक्षा गार्ड की तैनाती।


- लाल किला और ताजमहल जैसे कुछ प्रमुख स्मारकों में टिकट / टोकन खरीदने वाली महिलाओं के लिए अलग कतार।


- लाल किला और ताजमहल जैसे कुछ प्रमुख स्मारकों में महिलाओं के लिए अलग प्रवेश और निकासी द्वार।


- एएसआई और सीआईएसएफ के कर्मचारियों के लिए लैंगिक संवेदनशीलता जैसे विषयों पर नियमित रूप से बातचीत सत्र जैसी विशेष पहल।


- महिला यात्रियों की तलाशी के लिए प्रवेश द्वार पर महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती।



केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी कल नई दिल्ली में ‘उभरते भारत में महिलाएं’ विषय पर एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) और भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) ने अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्‍या पर 7 मार्च, 2020 को "उभरते भारत में महिलाएं" विषय पर राष्‍ट्रीय मीडिया केन्‍द्र में दोपहर 12 बजे एक कार्यक्रम का संयुक्त रूप से आयोजन किया है।


केंद्रीय महिला और बाल विकास तथा वस्‍त्र मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ‘उभरते भारत में महिलाएं’ विषय पर मुख्‍य भाषण देंगी। समारोह के दौरान श्रीमती ईरानी आईआईएमसी द्वारा तैयार एक रिपोर्ट "दक्षिण एशिया में मीडिया में महिलाओं की स्थिति" जारी करेंगी।


प्रोफेसर और एंबेसडर, दक्षिण एशिया महिला नेटवर्क (स्वान) की संस्थापक ट्रस्टी और संयोजक सुश्री वीणा सीकरी रिपोर्ट पर एक संक्षिप्त नोट देंगी। इसके बाद भारतीय महिला प्रेस कोर की अध्यक्ष सुश्री ज्योति मल्होत्रा संबोधित करेंगी।


सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न मीडिया प्रमुख भी आयोजन के दौरान उपलब्ध रहेंगे।



केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने महिला विश्वविद्यालयों  के कुलपति और दिल्ली स्थित महिला महाविद्यालयों की महिला प्राचार्यों को सम्मानित किया

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस,2020 के अवसर पर, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज नई दिल्ली में महिला विश्वविद्यालयों के कुलपति और दिल्ली स्थित महाविद्यालयों की महिला प्राचार्यों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मंत्रालय और यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।


केंद्रीय मंत्री ने यूजीसी द्वारा विकसित सक्षम पोर्टल का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य मौजूदा अवसरों और पहलों, सहायता और निवारण तंत्र के बारे में जागरूकता पैदा करते हुए परिसरों में महिलाओं का सशक्तीकरण करना है। पोर्टल के माध्यम से उच्च शिक्षा संस्थानों की महिला छात्रों और कर्मचारियों को वेब संसाधन (सरकार और संयुक्त राष्ट्र के नीतिगत दस्तावेज)  उपलब्ध कराए जाते हैं।


इस अवसर पर बोलते हुए,श्री पोखरियाल ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों और हकदारी को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए, हमारा मानना है कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में महिला छात्रों और कर्मचारियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण पहली शर्त है। उन्होंने कहा कि  क्षमता विस्तार और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संस्थानों को सहायता के लिए  सरकार ने विभिन्न फैलोशिप, छात्रवृत्ति आदि माध्यमों से कई पहल की हैं।केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नयी शिक्षा नीति अपने अंतिम चरण में है और इसमें बालिकाओं के लिए विशेष फंडिंग, विशेष छात्रवृत्ति जैसे अनेक प्रावधान हैं।


सक्षम पोर्टल के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि यह सभी महिलाओं के लिए की गई पहलों के बारे में एक साथ जानकारी उपलब्ध कराता है और उच्च शिक्षा संस्थानों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर (1800111656) के माध्यम से  एक मंच प्रदान करता है। उन्होंने आगे बताया कि एक ईमेल पता (gssec.ugc@nic.in) और शिकायत निवारण के तहत 'अपनी शिकायत अपलोड करें ’ का एक विकल्प भी पोर्टल पर उपलब्ध है।



अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस 8मार्च 2020 के अवसर पर सभी राज्‍य/केन्‍द्र शासित प्रदेश, ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा और महिला सभा आयोजित करेंगे

केन्‍द्र ने 8 मार्च, 2020 को अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा और महिला सभाओं का आयोजन करने का निर्देश दिया है। पंचायती राज मंत्रालय ने राज्‍यों तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशों के सचिवों/प्रधान सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि इस वर्ष का विषय ‘समता सृजन: महिलाओं की अधिकार प्राप्ति’है। विशेष ग्राम सभाओं और महिला सभाओं का आयोजन सामुदाकि संसाधन व्‍यक्तियों (सीआपी) आंगनवाड़ी, आशा, सखी तथा सहायक नर्स मिडवाइफ(एएनएम) कर्मियों की साझेदारी में होना चाहिए। ग्राम सभाएं पोषण पंचायत, भूमि अधिकार, शिक्षा, सुरक्षा, पुन: प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य तथा समान अवसर जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगी। इससे पहले, पचायतोंसे 8 मार्च से 22 मर्च, 2020 तक महिला और बाल विकास मंत्रालय के कार्यक्रम के अनुसार पोषण पखवाड़ा आयोजित करने को कहा गया था।


   विशेष ग्राम सभाओं में लिंग निर्धारण जांच पर पाबंदी, लड़की के जन्‍म को समारोह के रूप में मनाने तथा सभी महिलाओं के लिए प्रसवपूर्व देखभाल तथा नवजात देखभाल,टीकाकरण और पौष्टिकता,प्रत्‍येक लड़की के लिए उचित देखभाल, पौष्टिकता तथा टीकाकरण, लड़कियों को स्‍कूल जाने के लिए प्रोत्‍साहित करने और घर तथा स्‍कूल के सुरक्षित माहौल पर ध्‍यान के साथ स्‍कूली शिक्षा पूरी करने, बाल विवाह पर पाबंदी, महिलाओं तथा लडकियों के साथ होने वाली हिंसा दुर्व्‍यवहार और अन्‍याय, ग्राम पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी और निर्णय लेने में योगदान तथा ग्राम सभाओं में भागीदारी के लिए महिलाओं को प्रोत्‍साहन जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। विशेष ग्राम सभाओं के दौरान पंचायती राज मंत्रालय द्वारा संदेश को सीआरपी तथा स्‍वयं सहायता समूहों द्वारा पढ़कर सुनाया जाएगा। इसके अतिरिक्‍त संदेश में नवजात शिशु के शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जन्‍म के बाद पहले 1000 दिनों में स्‍तनपान के महत्‍व तथा चाइल्‍ड हेल्‍पलाइन 1098 जैसे विषयों को भी शामिल किया जाएगा।


    सामुदायिक सक्रियता को मजबूत बनाने और समुदाय में व्‍यवहार परिवर्तन के अग्रदूत के रूप में काम करने में पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका बहुत महत्‍वपूर्ण है। 73वें संविधान संशोधन ने ग्रामीण स्‍वशासन को स्‍वायत्‍ता प्रदान की और शासन संचालन को जनता के निकट ला दिया। इस संशोधन से पंचायतों में 33.3 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को प्राप्‍त हुआ। अभी तक 20 राज्‍यों ने पंचायती राज संस्‍थानों में महिलाओं के आरक्षण को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का कानून पारित किए हैं। इसके परिणामस्‍वरूप 30.41 लाख निर्वाचित प्रतिनिधियों में से 13.74 लाख (45.2 प्रतिशत)निर्वाचित महिलाएं हैं। इनमें से कुछ सामाजिक रूप से पिछड़े समूहों से है और अब नेतृत्‍व की स्थिति में हैं।


    पंचायती राज मंत्रालय ने समुदाय की आवश्‍यकताओं और प्राथमिकताओं पर फोकस करने के लिए ग्राम पंचायत स्‍तर पर एकीकृत विकास नियोजन के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना(जीपीडीपी) तैयार की।जीपीडीपी दिशा-निर्देशों में वर्ष 2018 में संशोधन किया गया। दिशा-निर्देशों के कुछ प्रमुख पहलू महिला सशक्तिकरण के लिए प्रासंगिक हैं। इन पहलुओं  में बजट बनाने, नियोजन, क्रियान्‍वन, जीपीडीपी की निगरानी तथा सामान्‍य ग्राम सभा से पहले महिला सभाओं का आयोजन शामिल है। ये सभी पहलू पंचायती राज मंत्रालय के विजन दस्‍तावेज 2024 का हिस्‍सा हैं। इस दस्‍तावेज का फोकस विभिन्‍न क्षेत्रों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाने और उन्‍हें परिवर्तन का एजेंट बनाने पर है।