Monday, February 3, 2020

जीवन जीने में आसानी केन्द्रीय बजट 2020-21 की मुख्य विषयवस्तु

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने जीवन जीने में आसानी का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसे सभी नागरिकों के कल्याण के लिए हासिल किया जाना चाहिए।’ इसी पृष्ठभूमि में हमारी सरकार देश को आगे ले जाने के लिए कार्य करेगी, ताकि हम स्वास्थ्य, समृद्धि और कल्याण के अगले स्तर पर पहुंच सके।


सभी नागरिकों के लिए जीवन जीने में आसानी के लक्ष्य के लिए इस बजट में तीन प्रमुख थीमों का समावेश किया गया है।



  • आकांक्षी भारत- इसके अंतर्गत समाज के सभी वर्ग जीवन का बेहतर स्तर प्राप्त करना चाहते है। लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा बेहतर रोजगार तक पहुंच की सुविधा होनी चाहिए। इसके घटक हैं- कृषि, सिंचाई एवं ग्रामीण विकास; आरोग्य, जल एवं स्वच्छता तथा शिक्षा एवं कौशल।

  • सभी के लिए आर्थिक विकास- यह प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास को दर्शाता है। इसके अंतर्गत आर्थिक सुधार किए जाएंगे और निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी जाएगी, ताकि उच्च उत्पादकता और बेहतर कार्यकुशलता सुनिश्चित हो सकेगा। इसके तीन घटक हैं- उद्योग, वाणिज्य, एवं निवेश; अवसंरचना और नई अर्थव्यवस्था।

  • अंत्योदय पर आधारित एक जिम्मेदार समाज- समाज जो मानवता तथा करुणा की भावना से ओत-प्रोत हो। इसके तीन घटक हैं- महिला एवं बाल, सामाजिक कल्याण; संस्कृति एवं पर्यटन तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन।


इन तीन विषयों (थीम) को भ्रष्टाचार मुक्त नीति आधारित अच्छे प्रशासन एवं मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ जोड़ा गया है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यह बजट दो प्रमुख तथ्यों की पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया गया है। पहला मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, एआई, एनालिटिक्स, बायो-इनफोरमेटिक्स जैसी तकनीकों के प्रसार से संबंधित है, जबकि दूसरा उत्पादन आयु सीमा वाली आबादी (15-65 वर्ष) से जुड़ा हुआ है। परिणामस्वरूप डिजिटल क्रांति ने भारत को वैश्विक स्तर पर नेतृत्व की भूमिका सौंपी है। सरकार का लक्ष्य हैः



  • डिजिटल प्रशासन के माध्यम से सेवाओं को निर्बाध रूप से उपलब्ध कराना

  • राष्ट्रीय अवसंरचना, पाइप लाइन के माध्यम से जीवन के भौतिक गुणवत्ता को बेहतर बनाना

  • आपदा रोधी उपायों के जरिए जोखिम को कम करना

  • पेंशन और बीमा के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा को प्रोत्साहन देना


वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय बजट 2020-21 कृषि, अवसंरचना, सामाजिक कल्याण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संशोधित अनुमान 2019-20 से परिव्यय में 3,43,678 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जबकि वित्तीय घाटे को जीडीपी के 3.8 प्रतिशत तक सीमित रखा गया है।



वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में व्यापक स्तर के सुविधाजनक उपायों का प्रस्ताव दिया

    केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए विवाद से विश्वास’ योजना का प्रस्ताव दिया है, जिसका उद्देश्य प्रत्यक्ष कर भुगतानों में मुकदमेबाजी को कम करना है। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे करदाता जिनके मामले किसी भी स्तर पर लंबित हैं, उन्हें इस योजना से लाभ मिल सकता है।


      वित्त मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित विवाद से विश्वास’ योजना के अंतर्गत एक करदाता को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है और उसे ब्याज और दंड से भी पूर्ण माफी मिलेगी बशर्ते वह इसका भुगतान 31 मार्च, 2020 तक कर दे। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2020 के पश्चात इस योजना का लाभ उठाने वाले करदाताओं को कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। यह योजना 30 जून, 2020 तक जारी रहेगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि करदाता इस अवसर का उपयोग मुकदमें की कष्टदायक प्रक्रिया से राहत पाने के लिए करेंगे।


      वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न अपीलीय मंचों अर्थात् आयुक्त (अपील) आईटीएटी, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष कर संबंधी 4,83,000 मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों में मुकदमेबाजी को कम करने के लिए पिछले बजट में सबका विश्वास योजना लाई गई थी और इसके परिणामस्वरूप 1,89,000 मामलों का समाधान निकाला गया।


फेसलेस अपील


      मूल्यांकन प्रक्रिया में अधिक कुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए एक नई फेसलेस मूल्यांकन योजना का शुभारंभ पहले से ही किया जा चुका है। वित्त मंत्री ने सरकार के द्वारा आरम्भ किए गए सुधारों को अगले स्तर पर ले जाने और व्यक्तिगत हस्तक्षेप को समाप्त करने के लिए आयकर अधिनियम को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया, ताकि फेसलेस मूल्यांकन की तर्ज पर फेसलेस अपील की जा सके।


आधार के माध्यम से शीघ्र पैन


      वित्त मंत्री ने विस्तृत आवेदन फॉर्म को भरने की आवश्यकता के बिना आधार के माध्यम से शीघ्र ही ऑनलाइन पैनकार्ड को आवंटित किए जाने के लिए एक प्रणाली के शुभारंभ का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में उन्होंने पैन और आधार को परस्पर बदले जाने की व्यवस्था का शुभारंभ किया था।


करदाता चार्टर


      आयकर विभाग की सुपुर्दगी प्रणाली की दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने करदाता चार्टर को अपनाने के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड– सीबीडीटी के अंतर्गत आयकर अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि इस चार्टर का विस्तृत विवरण शीघ्र की अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कर प्रणाली में करदाताओं और प्रशासन के बीच विश्वास की आवश्यकता होती है और यह तभी संभव होगा, जब करदाताओं के अधिकार की स्पष्ट रूप से गणना की जाए।


धर्मार्थ संस्थाएं


      धर्मार्थ संस्थाओं को मिलने वाले दान के लिए कटौती का दावा करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के क्रम में वित्त मंत्री ने दानकर्ता के द्वारा प्रस्तुत दानों की सूचना के आधार पर करदाता की विवरणी में दान करता की पूर्व सूचना देने का प्रस्ताव किया। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करदाता द्वारा किए गए दान के लिए कटौती का दावा करना आसान होगा। नवीन और मौजूदा धर्मार्थ संस्थाओं के लिए अनुपालन की प्रक्रिया को आसान बनाने के क्रम में वित्त मंत्री ने पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक करने का प्रस्ताव दिया, जिसके तहत सभी नवीन और मौजूदा धर्मार्थ संस्थाओं को एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या (यूआरएन) जारी किया जाएगा। इसके अलावा वे नई धर्मार्थ संस्थाएं जिन्होंने अपनी धर्मार्थ गतिविधि अभी आरम्भ नहीं की है, उनके पंजीकरण को बनाने के लिए वित्त मंत्री ने उन्हें तीन वर्षों के लिए अनंतिम पंजीकरण की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया। समाज में धर्मार्थ संस्थाओं द्वारा अदा की जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकारते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इन संस्थाओं की आय को कराधान से पूर्ण छूट प्राप्त है  और इन संस्थाओं को किए गए दान की भी दानकर्ता कर योग्य आय का परिकलन करने में कटौती के रूप में अनुमति है।


विलयित बैंकों की हानियां


      समामेलित प्रतिष्ठान, समामेलित प्रतिष्ठानों की अंतर्लीन न की गई हानियों और मूल्यह्रास के लाभ को सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम के उपबंधों में आवश्यक संशोधन करने का प्रस्ताव दिया। वित्त क्षेत्र के समेकन के भाग के रूप में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार, सरकारी क्षेत्र के बैंकों के विलय की योजना लेकर आई है।                



नई आयकर व्यवस्था में विशेष रूप से मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत

    केन्‍द्रीय बजट में करदाताओँ को बड़ी राहत प्रदान करते हुए और आयकर कानून को सरल बनाने के लिए एक नई और सरल व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें उन व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर दरों को पर्याप्त रूप से कम किया जाएगा जो कटौतियों और छूटों को छोड़ने के लिए तैयार होंगे। वर्ष 2020-21 के लिए संसद में आज केन्द्रीय बजट पेश करते हुए वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा, “नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी।” उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसे आयकर कानून के अंतर्गत इस समय अधिक कटौतियां और छूट मिल रही हैं वह इनका लाभ उठा सकता है और पुरानी व्यवस्था के अनुसार कर का भुगतान जारी रख सकता है।  


नई व्यक्तिगत आय कर व्यवस्था में निम्नलिखित कर ढांचे का प्रस्ताव रखा गया है :


 














































कर योग्य आय का स्लैब (रुपये में)



आय कर की वर्तमान दरें



नई कर दरें



0-2.5 लाख



छूट



छूट



2.5-5 लाख



5 प्रतिशत



5 प्रतिशत



5-7.5 लाख



20 प्रतिशत



10 प्रतिशत



7.5-10 लाख



20 प्रतिशत



15 प्रतिशत



10-12.5 लाख



30 प्रतिशत



20 प्रतिशत



12.5-15 लाख



30 प्रतिशत



25 प्रतिशत



15 लाख से ऊपर



30 प्रतिशत



30 प्रतिशत



नई कर व्यवस्था में किसी करदाता द्वारा दायर छूटों और कटौतियों के आधार पर उसे पर्याप्त कर लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति एक वर्ष में 15 लाख रुपये अर्जित करता है और वह किसी कटौती का लाभ नहीं उठा रहा है तो उसे पुरानी व्यवस्था में 2,73,000 रुपये का भुगतान करना होता जबकि नई कर दर के अनुसार अब उसे 1,95,000 रुपये का भुगतान करना होगा। अतः नई कर व्यवस्था में उसका कर भार 78,000 रुपये कम हुआ है। वह नई व्यवस्था में तब भी लाभ में रहेगा भले ही वह पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर कानून के अध्याय VI-क की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये की कटौती ले रहा हो।


नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी। यदि कोई व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार जो वर्तमान में कानून के तहत और अधिक कटौतियां और छूटे ले रहा है, उनका लाभ उठाने का विकल्प दे सकता है और पुरानी व्यवस्था में कर का भुगतान करना जारी रख सकता है। वित्त विधेयक में किए गए प्रावधानों के अनुसार, विकल्प का इस्तेमाल प्रत्येक पिछले वर्ष के लिए किया जा सकता है, जहां किसी व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की व्यवसाय से कोई आमदनी नहीं है और अन्य मामलों में यदि विकल्प का एक बार पिछले वर्ष के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है, तो वह पिछले वर्ष और उसके बाद के सभी वर्षों के लिए मान्य होगा। पिछले वर्ष अथवा पिछले वर्षों के लिए यह विकल्प अमान्य हो सकता है यदि व्यक्ति अथवा एचयूएफ लागू होने वाले कानून की शर्तों और अन्य प्रावधानों को पूरा करने में विफल रहता है।


नई आयकर दरों के लिए प्रतिवर्ष 40,000 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व छोड़ना अवश्य होगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा, “हमने ऐसे उपाय शुरु किए हैं जिससे आयकर रिटर्न को समयपूर्व भरा जा सके ताकि कोई भी व्यक्ति जो नई व्यवस्था को अपनाता है उसे अपना रिटर्न दायर करने और आयकर का भुगतान करने में किसी विशेषज्ञ की सहायता लेने की जरूरत नहीं होगी।” वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर व्यवस्था को सरल बनाने के लिए, उन्होंने पिछले अनेक दशकों में आयकर कानूनों में शामिल की गई सभी छूटों और कटौतियों की समीक्षा की है।


बजट में, विभिन्न प्रकृति (100 से अधिक) की 100 से अधिक छूटें और कटौतियों प्रदान की गई है। सरलीकृत व्यवस्था में इनमें से लगभग 70 छूटों और कटौतियों को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। शेष छूटों और कटौतियों की समीक्षा की जाएगी और आने वाले वर्षों में उन्हें युक्तिसंगत बनाया जाएगा ताकि कर व्यवस्था को और सरल बनाया जा सके तथा करों की दरें कम की जा सके।


पशुपालन, भंडारण, नीली अर्थव्‍यवस्‍था तथा किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए  16 सूत्री कार्य योजना पर जोर

    देश की जनता के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्‍वास और जीवन सुगमता की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए किसानों की आमदनी दोगुनी करने, बागवानी, अनाज भंडारण, पशुपालन और नीली अर्थव्‍यवस्‍था को प्रोत्‍साहित करने पर केन्द्रित 16 सूत्री कार्य योजना की घोषणा की।


किसानों की आमदनी दोगुनी


2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्‍य के साथ वित्‍त मंत्री ने आज अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री कुसुम योजना के दायरे में और 20 लाख किसानों को लाने का प्रस्‍ताव किया। इसके अलावा 15 लाख अतिरिक्‍त किसानों को उनके बिजली के पंपों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद की जाएगी।


किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वित्‍त मंत्री ने सभी तरह के उर्वरकों के संतुलित इस्‍तेमाल तथा जीरो बजट प्राकृतिक खेती को प्रोत्‍साहित करने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि वर्षा संचित क्षेत्रों में एकीकृत खेती प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही बहुस्‍तरीय फसल उगाने, मधुमक्‍खी पालन, सौर पंपों के इस्‍तेमाल तथा सौर ऊर्जा उत्‍पादन को भी बढ़ाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि जैविक खेती से संबंधित ऑनलाइन राष्‍ट्रीय पोर्टल को भी मजबूत बनाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि जल  संकट की समस्‍या से जूझ रहे देश के 100 जिलों में इस समस्‍या से निपटने के लिए व्‍यापक इंतजाम किये जाएंगे।


भंडारण और लॉजिस्टिक सेवाएं


खाद्यान्‍नों की बर्बादी रोकने तथा उनके लिए सक्षम भंडारण अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्‍यम से ब्‍लॉक स्‍तर पर भंडार गृह बनाये जाने का प्रस्‍ताव है। वित्‍त मंत्री ने क‍हा कि भारतीय खाद्य निगम और सेन्‍ट्रल वेयर हाऊसिंग कॉरपोरेशन भी अपनी भूमि पर ऐसे भंडार गृह बना सकेंगे। उन्‍होंने कहा कि धन्‍य लक्ष्‍मी के रूप में महिला स्‍व-सहायता समूहों की भंडारण क्षेत्र में भूमिका को भी प्रोत्‍साहित किया जाएगा।


उन्‍होंने कहा कि दूध, मांस जैसी जल्‍दी खराब होने वाली वस्‍तुओं के लिए एक अबाधित राष्‍ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए भारतीय रेल पीपीपी मॉडल के जरिये किसान रेल चलाएगी। एक्‍सप्रेस तथा मालगाडि़यों में प्रशीतन कोच लगाए जाएंगे। पूर्वोत्‍तर तथा जनजातीय जिलों में कृषि उत्‍पादों का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कृषि उड़ान योजना शुरू की जाएगी।


पशुपालन


पशुपालन क्षेत्र के योगदान को देखते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 2020 तक मवेशियों के  खुर और मुंह में होने वाली बीमारी 'ब्रूसिलोसिस' तथा बकरियों को होने वाली बीमारी को पूरी खत्‍म करने का प्रस्‍ताव है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि 2025 तक देश में दुग्‍ध प्रसंस्‍करण क्षमता 53.5 मिलियन मीट्रिक टन से दोगुना करके 108 मिलियन मीट्रिक टन कर दी जाएगी।


कृषि ऋण


2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्‍य तय। पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी


योजना के तहत लाने का प्रस्‍ताव।