Wednesday, January 29, 2020

संभावित कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में श्वास नली के लक्षणों से बचाव की सलाह

29-01-2020 को जारी किए गए निवारक उपायों के साथ-साथ कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण कोरोना वायरस मामलों में श्‍वास नली के लक्षणों से बचाव की सलाह नीचे दी गई है:


आयुष प्रणाली पारंपरिक स्वास्थ्य पद्धतियों पर आधारित है। देश की पारंपरिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल प्रणाली शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उचित जीवनशैली की तरफदारी करती है। प्रतिरक्षा विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोगों की रोकथाम में मदद करती है। हाल ही में, कोरोना वायरस का प्रकोप देखा गया है, जो मुख्य रूप से श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। आयुष मंत्रालय निवारक उपाय के रूप में परामर्श जारी कर रहा है। आयुष मंत्रालय के तहत अनुसंधान परिषदें विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधियों में शामिल हैं और आम जनता के लिए समय-समय पर जीवनशैली की तरफदारी उपलब्‍ध कराती हैं।


आयुर्वेदिक पद्धतियों के अनुसार निम्नलिखित निवारक प्रबंधन उपाय  सुझाए गए हैं-



  • शदांग पानिया (मस्‍टा, परपट, उशीर, चंदन, उडीच्‍या और नागर) संसाधित पानी (1 लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डालकर तब तक उबालें जब तक  यह आधा हो जाए) पीएं। इस पानी को एक बोतल में भर लें और प्यास लगने पर पी लें।

  • आयुर्वेदिक पद्धतियों के अनुसार रोगनिरोधी उपाय/इम्यूनोमॉड्यूलेटरी दवाइयां।

  • स्वस्थ आहार और जीवनशैली पद्धतियों के माध्यम से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उपाय किए जाएं।

  • अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लें।

  • समशामणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार लें।

  • त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3 से 5 पत्तियॉं एक लीटर पानी में तब तक उबाले,  जब तक पानी आधा लीटर न रह जाएं। इस पानी को एक बोतल में भर लें और आवश्यकतानुसार धीरे-धीरे पीएं।

  • प्रतिमर्षा नस्य: अनुतैल/तिल तेल की दो-दो बूंद प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह लगाएं।


होम्योपैथी पद्धतियों के अनुसार निम्नलिखित निवारक प्रबंधन कदम उठाने का सुझाव हैं-


     विशेषज्ञों के समूह ने परस्‍पर यह सिफारिश की है कि होम्योपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 संभावित कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में ली जा सकती है। इसे आईएलआई की      रोकथाम में भी लेने की सलाह दी गई है। आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक खुराक तीन दिनों तक रोजाना खाली पेट लेने की भी सलाह दी गई है। अगर समुदाय में कोरोना वायरस का संक्रमण मौजूद हो, तो यह खुराक एक महीने के बाद दोहरायी जानी चाहिए।


यूनानी प्रथाओं के अनुसार निम्नलिखित निवारक प्रबंधन कदम सुझाए गए हैं।


· बेहिदाना  (सिदोनिया ओबलोंगा) 3 ग्राम, उनाब ज़िज़िफ़स (जुज्यूब लिन) 5 नग, सैपिस्तां (कॉर्डिया माइक्‍सा लिन) 7 नग को 1 लीटर पानी में आधा होने तक उबालकर काढ़ा तैयार करें। इसे बोतल में भरकर आवश्यकता पड़ने पर धीरे-धीरे पीएं।


· रोगनिरोधी उपायों के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को इस उद्देश्य के लिए मजबूत बनाने की जरूरत है। खमीरा मार्वेरीड 3 से 5 ग्राम रोजाना लें।


यह परामर्श केवल जानकारी के लिए है। इसे पंजीकृत आयुर्वेदहोम्‍योपैथी और यूनानी चिकित्‍सकों के परामर्श से अमल में लाया जाए।



एनसीआरबी ने गुमशुदा लोगों की खोज और वाहन एनओसी प्राप्त करने के लिए दो ऑनलाइन राष्ट्रीय सेवाएं लान्च की; सीसीटीएनएस हैकथन तथा साइबर चैलेंज प्रारंभ किया

राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने आज सीसीटीएनएस प्लेटफॉर्म पर पुलिस की नागरिक केन्द्रित सेवाओं को लान्च किया। समारोह की अध्यक्षता गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक श्री अरविन्द कुमार ने की।


इन ऑनलाइन सेवाओं से गुमशुदा व्यक्तियों को खोजने और वाहनों का अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) ऑनलाइन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इन सेवाओं को ‘digitalpolicecitizenservices.gov.in’ पोर्टल पर या वर्तमान डिजिटल पुलिस पोर्टल पर दिए गए लिंक से एक्सेस किया जा सकता है। अभी तक ऐसी सेवाएं राज्य नागरिक पोर्टलों के माध्यम से दी जा रही थी और यह पहला मौका है जब केन्द्रीय रूप से ये सेवाएं लान्च की जा रही हैं।


समारोह को संबोधित करते हुए एनसीआरबी के निदेशक श्री रामफल पवार ने बताया कि गुमशुदा व्यक्ति की खोज (मिसिंग पर्सन सर्च) तथा ‘जेनरेट व्हीकल एनओसी’ सेवाएं अब नागरिकों को ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। अब नागरिक अज्ञात पाए गए व्यक्ति, पहचानरहित मृतक की खोज राष्ट्रीय डाटाबेस से घर बैठे कर सकते हैं। इससे गुमशुदा व्यक्तियों के परिजनों को लाभ होगा और उन्हें दौड़-धूप नहीं करनी पड़ेगी। क्राइम तथा क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली में फोटो सहित सारे विवरण उपलब्ध होंगे।


यूजर अनुकूल सर्च में नागरिक पोर्टल में जाकर सर्च पर क्लिक करेंगे और प्रणाली देश भर के उपलब्ध राष्ट्रीय डाटाबेस में खोज करके फोटो तथा अन्य विवरणों के साथ तुरंत परिणाम दिखाएगी।


निदेशक ने ‘जेनरेट व्हीकल एनओसी’ सेवा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सेकंडहैंड खरीद से पहले नागरिक वाहन की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सूचना प्राप्त कर सकते हैं कि वाहन संदिग्ध है या पुलिस रिकॉर्ड से मुक्त है। मालिकाना हक के हस्तांतरण से पहले प्रासंगिक एनओसी डाउनलोड किया जा सकता है।


एनसीआरबी तथा साइबर पीस फाउंडेशन ने मिलकर सीसीटीएनएस हैकथन तथा साइबर चैलेंज 2020 डिजाइन किया है। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर कानून लागू करने वाले कर्मियों की दक्षता और ज्ञान को बढ़ाना है। यह हैकथन सहभागियों की कुशलता और ज्ञान को बढ़ाएगा और उद्योग तथा शिक्षा जगत के साथ तालमेल करेगा।


एनसीआरबी तथा अमेरिका के लापता और शोषित बच्चों के राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएमईसी) ने भारत से लापता और शोषित बच्चों की जानकारी प्राप्त करने के लिए समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। एनसीएमईसी अमेरिका की कांग्रेस द्वारा स्थापित गैर-लाभकारी संगठन है।


गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक ने एनसीआरबी में साइबर टिपलाइन निगरानी सुविधा का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में आज अपराध और प्रौद्योगिकी के बीच का चौराहा ज्यादा स्पष्ट दिख रहा है। डिजिटल प्रौद्योगिकी और इंटरनेट ने न केवल साइबर अपराध को बढ़ाया है, बल्कि ऐसे अपराधों को ज्यादा नाजुक बना दिया है। इसलिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में दक्ष होना तथा अपराध की खोज, जांच और मुकाबले के लिए नवाचारी तौर-तरीकों को अपनाना आवश्यक है।


उन्होंने बताया कि लगभग 25000 साइबर टिपलाइन रिपोर्ट प्राप्त की गई हैं और राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से साझा की गई हैं। इनमें से 15 रिपोर्टें उच्च प्राथमिकता की हैं।



सरकार ने बैंकों के वाणिज्यिक निर्णयों के बचाव के लिए अनेक उपाय किए

     वित्‍त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने शीर्ष बैंक अधिकारियों को बार-बार इस आशय का आश्‍वासन दिया है कि उनके द्वारा ईमानदारीपूर्वक लिए जाने वाले वाणिज्यिक निर्णयों का बचाव किया जाएगा और वास्‍तविक वाणिज्यिक विफलता एवं दोषी साबित होने के बीच अंतर किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि प्रत्‍येक बैंक के लिए यह आवश्‍यक है कि वह समयबद्ध ढंग से आंतरिक अनुशासनात्‍मक एवं सतर्कता के मामलों का निपटारा करे, ताकि कर्मचारियों के मनोबल पर कोई प्रतिकूल असर पड़ने से बचा जा सके और इसके साथ ही उत्‍पीड़न की गुंजाइश कम हो सके। सरकार के इस प्रयास के तहत धारा 17ए को भ्रष्‍टाचार की रोकथाम अधिनियम में शामिल किया गया था, जिसके तहत किसी भी लोक सेवक के खिलाफ जांच पड़ताल शुरू करने से पहले पूर्व अनुमति लेना आवश्‍यक है।


इस बीच, केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग ने सार्वजनिक क्षेत्र के प्रबंधकों के वाणिज्यिक निर्णयों में निहित जटिलताओं को ध्‍यान में रखते हुए बैंकिंग एवं वित्‍तीय धोखाधडि़यों के लिए सलाहकार बोर्ड (एबीबीएफएफ) का गठन किया है, ताकि पूछताछ एवं जांच-पड़ताल शुरू करने से पहले महाप्रबंधक एवं उससे ऊपर की रैंक के लोक सेवकों की संलग्‍नता वाली 50 करोड़ रुपये से अधिक की संशयात्‍मक धोखाधडि़यों की आरंभिक स्‍तर की जांच अनिवार्य रूप से हो सके।


सरकार ने अब बड़ी रकम वाली धोखाधडि़यों से जुड़ी अपनी ‘रूपरेखा (फ्रेमवर्क) 2015’ को संशोधित कर दिया है, जिसके तहत निर्दिष्‍ट समय सीमा के अंदर अनुपालन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ की व्‍यक्तिगत जिम्‍मेदारी को समाप्‍त कर दिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक और केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग के सर्कुलर में निर्दिष्‍ट समय सीमा के अंदर अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु एक उपयुक्‍त व्‍यवस्‍था करने के लिए वित्‍तीय सेवा विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इस आशय का अधिकार सौंप दिया है। इसी तरह 50 करोड़ रुपये से अधिक के सभी एनपीए खातों के लिए धोखाधड़ी की अनिवार्य जांच-पड़ताल से संबंधित वित्‍तीय सेवा विभाग के वर्ष 2015 के निर्देशों को 15 जनवरी, 2020 के सीवीसी सर्कुलर के साथ संयोजित कर दिया गया है, जिसके तहत संशयात्‍मक धोखाधड़ी के इस तरह के मामलों को सबसे पहले ‘एबीबीएफएफ’ को सौंपा जाएगा।


लम्बित अनुशासनात्‍मक एवं आंतरिक सतर्कता के मामलों की प्रगति पर नजर रखने हेतु वरिष्‍ठ अधिकारियों की एक समिति का गठन करने के‍ लिए सरकार ने 27 जनवरी, 2020 को अलग से बैंकों को निर्देश दिया है, क्‍योंकि जहां एक ओर प्रक्रियागत देरी होने से कर्मचारियों का मनोबल गिरता है, वहीं दूसरी ओर संबंधित प्रणाली की कार्य क्षमता काफी घट जाती है। अत: प्रत्‍येक बैंक को वरिष्‍ठ अधिकारियों की एक समिति का गठन अवश्‍य करना चाहिए, ताकि लम्बित अनुशासनात्‍मक एवं आंतरिक सतर्कता के मामलों की समीक्षा की जा सके। इसके साथ ही बैंकों को इस तरह के मामलों में निर्णय लेने में होने वाली देरी में कमी लाने के लिए समय सीमा तय करनी चाहिए।           



संविधान दिवस और मौलिक कर्तव्यों को मनाने पर गतिविधियों का एक राउंड-अप

संविधान दिवस के वार्षिक उत्सव के हिस्से के रूप में विभिन्न मंत्रालय और विभाग देश के विभिन्न हिस्सों में कर्मचारियों, छात्रों और आम जनता की भागीदारी के साथ कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। विधि विभाग नोडल विभाग होने के नाते गतिविधियों की निकट से निगरानी कर रहा है।


पिछले सप्ताह की कुछ गतिविधियाँ निम्नलिखित हैं:


1. विदेश मंत्रालय


I.     भारत के महावाणिज्य दूतावासन्यूयार्क: प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर 09 जनवरी, 2020 को मौलिक कर्तव्य समारोह मनाया गया। 13 जनवरी, 2020 को समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद कार्यक्रम ‘चलो वाणिज्य दूतावास’ का आयोजन किया गया।


2. विधि और न्याय मंत्रालय


I.     राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल: 10-16 जनवरी, 2020 से जूनियर डिवीजन जजों के लिए आयोजित अपने ओरिएंटेशन प्रोग्राम के दौरान, राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की ओर से 10 जनवरी, 2020 को "जस्टिस ऑफ़ कॉन्स्टीट्यूशनल विज़न ऑफ़ जस्टिस" विषय पर पहला सत्र आयोजित किया गया। पूर्व सदस्य, भारत के विधि आयोग के न्यायमूर्ति रवि त्रिपाठी और नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. वी.के. दीक्षित रिसोर्स पर्सन थे।


3. युवा मामले और खेल मंत्रालय


I.     नागालैंड सरकार का युवा संसाधन और खेल विभाग


(ए)   प्रस्तावना पठन: युवा संसाधन और खेल विभाग ने पूर्वोत्तर एनएसएस उत्सव 2019 का आयोजन कोहिमा साइंस कॉलेज, जोत्सोमा में 8-12 दिसंबर, 2019 तक किया। इसका विषय था स्टेप अप एम्पावरिंग यंग माइंड्स’। त्यौहार पर मुख्य संबोधन के बाद शपथ दिलाई गई। शपथ कार्यक्रम का संचालन श्रीमती खनरिनला टी. कोजा, सचिव, न्याय और विधि द्वारा किया गया। श्रीमती कोजा ने अपने मुख्य भाषण में कॉलेज के छात्रों को संविधान और मौलिक कर्तव्यों की प्रस्तावना के महत्व को समझाया। उन्होंने शपथ लेने से पहले मौलिक कर्तव्यों के पठन का नेतृत्व किया। इस आयोजन में सिक्किम सहित सात पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न कॉलेजों के लगभग 300 छात्र शामिल हुए। स्थानीय मीडिया में इस कार्यक्रम के साथ-साथ जागरूकता कार्यक्रम को व्यापक प्रचार मिला।


(बी)   जागरूकता वॉक: 9 दिसंबर, 2019 को सुबह 10:00 बजे, संविधान और मौलिक कर्तव्यों पर जागरूकता वॉक का आयोजन किया गया। नगालैंड सरकार के युवा संसाधन और खेल, सलाहकार इंजीनियर जाले नीखा ने जागरूकता वॉक को हरी झंडी दिखाई।


4. मानव संसाधन विकास मंत्रालय - स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग


I.     विनय नगर बंगाली स्कूल, नई दिल्ली: "हमारे समय में संविधान के निर्माण की पुनर्व्याख्या" विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता में 15 छात्रों ने भाग लिया। आठवीं से ग्यारहवीं कक्षा के तीन समूहों के 13 छात्रों ने क्विज प्रतियोगिता में भाग लिया।


II.         जवा


5. सिविल सोसायटी


I.     अभ्युदय एनजीओ बेंगलुरु : सामाजिक रूप से वंचित बच्चों के लिए शिक्षा परियोजना अभ्युदय ने 4 जनवरी, 2020 को बेंगलुरु में कर्नाटक सरकार के श्रम और सूचना तथा जनसंपर्क सचिव कैप्टेन मणिवनन्न के साथ छात्रों के लिए एक संवाद सत्र का आयोजन किया। अभ्युदय के नि:शुल्क अध्ययन केंद्र के 200 छात्रों ने कार्यक्रम में भाग लिया, जो प्रस्तावना को पढ़ने के साथ शुरू हुआ ताकि सभी छात्रों को नागरिकों के कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया जा सके। कैप्टन मणिवन्नन ने संविधान की प्रस्तावना को बहुत ही सरल शब्दों में समझाया। प्रस्तावना के प्रत्येक और हर शब्द को विस्तार से समझाया गया ताकि कोई भी छात्र समझ सके। उन्होंने बताया कि कैसे संविधान तैयार किया गया है और मतदान का महत्व क्या है। उन्होंने राष्ट्रीय विकास के लिए और लोगों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए संविधान के महत्व को भी समझाया। अंत में, सत्र का समापन प्रश्न और उत्तर सत्र के साथ हुआ। छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्न वास्तव में प्रेरक विचार वाले थे। यह वह क्षण था जिसमें कैप्टन मणिवन्न ने युवा छात्रों के विचारपूर्ण प्रश्न सुनने के बाद बहुत खुशी महसूस की।  उन्होंने सभी सवालों के जवाब खुशी-खुशी दिए।


III.    पूर्व मध्य रेलवेसोनपुर डिवीजन: 20 जनवरी, 2020 को पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर डिवीजन में एक पैदल मार्च का आयोजन किया गया। सभी डिवीजन के अधिकारियों, कर्मचारियों, खिलाड़ियों, यूनियनों और संघों के सदस्यों, स्कूल के छात्रों तथा भारत स्काउट एंड गाइड के सदस्यों सहित लगभग 1000 लोगों ने मार्च में भाग लिया और जनता से अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करने का आग्रह किया।


हर नवोदय विद्यालय-I, उखरूलमणिपुर: 47 छात्रों ने "मौलिक कर्तव्य" विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया। इसका आयोजन 18 जनवरी, 2020 को तीन भाषाओं- अंग्रेजी, हिंदी और मणिपुरी में किया गया।



प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने दिल्‍ली में नेशनल कैडेट कोर की रैली में हिस्‍सा लिया

     प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज दिल्‍ली में नेशनल कैडेट कोर की रैली में हिस्‍सा लिया। रैली में प्रधानमंत्री ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और एनसीसी के विभिन्‍न जत्‍थों के साथ-साथ अन्‍य मित्र एवं पड़ोसी देशों के कैडेटों की मार्च पास्‍ट का अवलोकन किया।


बोडो एवं ब्रू-रियांग समझौता  


     पूर्वोत्‍तर के विकास के लिए जारी प्रयासों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले यह क्षेत्र उपेक्षित था एवं इसे उग्रवाद से निरंतर जूझना पड़ रहा था और हिंसा के कारण अनेक निर्दोष लोगों की मौत हो गई। उन्‍होंने कहा कि इस सरकार ने जहां एक ओर पूर्वोत्‍तर के विकास के लिए अभूतपूर्व योजनाएं बनाईं, वहीं दूसरी ओर खुले मन एवं खुले दिल से सभी हितधारकों के साथ संवाद शुरू किया गया। बोडो समझौता इसी का परिणाम है। यह युवा भारत की सोच है।








मिजोरम एवं त्रिपुरा के बीच ब्रू-रियांग समझौते के बाद ब्रू जनजातियों से जुड़ी 23 वर्ष पुरानी समस्‍या सुलझा ली गई है। यह युवा भारत की सोच है। हम सबका साथ लेकर, सबका विकास करते हुए, सबका विश्‍वास हासिल करते हुए देश को आगे बढ़ा रहे हैं।








नागरिकता संशोधन कानून


   प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश के युवाओं के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक है कि वे नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ी वास्‍तविकता से अवगत हों। आजादी मिलने के बाद स्‍वतंत्र भारत ने पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश एवं अफगानिस्‍तान में रहने वाले हिन्‍दू, सिख एवं अन्‍य अल्‍पसंख्‍यकों से यह वादा किया कि यदि उन्‍हें आवश्‍यकता महसूस हुई, तो वे भारत आ सकते हैं। प्रधानमंत्री ने वादा किया कि भारत उनके साथ खड़ा है। उन्‍होंने कहा कि गांधी जी की भी यही इच्‍छा थी। इसी तरह वर्ष 1950 में हुए नेहरू-लियाकत समझौते की भी यही भावना थी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इन देशों में व्‍यक्तिगत आस्‍था के कारण जिन लोगों को प्रताडि़त किया गया, उन्हें शरण देना एवं भारत की नागरिकता देना हमारे देश की जिम्मेदारी है, लेकिन इस तरह के हजारों लोगों को लौटा दिया गया।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस तरह के लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्‍याय को समाप्‍त करने के लिए हमारी सरकार नागरिकता संशोधन कानून लाई है। भारत के पुराने वादे को पूरा करने के लिए इस तरह के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।’   


   प्रधानमंत्री ने कहा कि बंटवारे के समय अनेक लोग भारत छोड़कर चले गए थे, लेकिन उन्‍होंने यहां स्थित अपनी संपत्तियों पर अपना अधिकार जताया। उन्‍होंने कहा कि करोड़ रुपये की इन सपंत्तियों पर भारत का अधिकार होने के बावजूद शत्रु संपत्ति को कई दशकों तक ठंडे बस्‍ते में रखा गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने शत्रु संपत्ति कानून का विरोध किया था, वही लोग अब नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के लिए आगे आ रहे हैं।


भारत-बांग्‍लादेश सीमा विवाद


   प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्‍लेख किया कि भारत और बांग्‍लादेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में विवाद को सुलझाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई थी। उन्‍होंने कहा कि जब तक सीमाओं पर विवाद रहेगा, तब तक घुसपैठ को नहीं रोका जा सकता है। विवाद को जारी रखो, घुसपैठियों को खुला रास्‍ता दे दो, अपनी राजनीति चलाते रहो।    


      उन्‍होंने कहा कि सरकार ने एक-दूसरे की बात सुनकर, एक-दूसरे को समझकर और आपसी सहमति से एक ठोस समाधान ढूंढकर बांग्‍लादेश के साथ सीमा विवाद सुलझाया। उन्‍होंने इस बात पर संतोष जताया कि न केवल सीमा विवाद सुलझा लिया गया है, बल्कि भारत और बांग्‍लादेश के बीच संबंध अब ऐतिहासिक उच्‍चतम स्‍तर पर पहुंच गए हैं और दोनों ही देश आपस में मिलकर गरीबी से लड़ रहे हैं।


करतापुर कॉरिडोर


      प्रधानमंत्री ने कहा कि बंटवारा गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को हमसे दूर ले गया और इसे पाकिस्‍तान का एक हिस्‍सा बना दिया। करतारपुर गुरुनानक की पावन भूमि थी। उन्‍होंने कहा कि करोड़ों देशवासियों की आस्‍था इस पावन स्‍थल से जुड़ी हुई थी। उन्‍होंने कहा कि कई दशकों से सिख श्रद्धालु बड़ी सहजता के साथ करतारपुर पहुंचने और गुरु भूमि की झलक पाने के अवसर का इंतजार कर रहे थे। इस सरकार द्वारा करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण करने के साथ ही यह सपना साकार हो गया है।   















जम्मू और कश्मीर भारत का ताजः प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि युवा भारत समस्याओं को टालना नहीं चाहता है और अलगाववाद और आतंकवाद का मुकाबला करना चाहता है। श्री मोदी आज नई दिल्ली में एनसीसी रैली को संबोधित कर रहे थे।


देश से युवा मन और उत्साह विकसित करने का आग्रह करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की समस्या दशकों से बनी हुई है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से जम्मू और कश्मीर की समस्या चली आ रही है। उन्होंने पूछा कि समस्या सुलझाने के लिए क्या किया गया है ?


उन्होंने कहा कि तीन-चार परिवार तथा राजनीतिक दल समस्या के समाधान में कोई दिलचस्पी नहीं रखते थे और चाहते थे कि समस्या अपनी जगह बनी रहे। इसका परिणाम यह हुआ कि निरंतर आतंकवाद से कश्मीर बर्बाद हो गया और हजारों बेगुनाह लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि राज्य में लाखों लोगों को घरों से बाहर कर दिया गया और सरकार मूक-दर्शक की तरह देखती रही।


अनुच्छेद 370 की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अस्थायी प्रबंध था, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों की वोट बैंक की राजनीति के कारण यह सात दशकों तक बना रहा। उन्होंने कहा कि कश्मीर देश का ताज है और इसे अशांति से बाहर निकालना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर की पुरानी समस्याओं को सुलझाना है।


आतंकवाद से मुकाबले में सर्जिकल स्ट्राइक तथा एयर स्ट्राइक


      उन्होंने कहा, ‘हमारे पड़ोसी ने हमारे साथ तीन बार युद्ध किया, मगर सभी लड़ाईयों में पराजित हुआ। अब यह हमारे साथ छद्म युद्ध कर रहा है और हमारे हजारों नागरिक मारे जा रहे हैं। पहले इस विषय पर क्या सोच थी। इसे कानून और व्यवस्था की समस्या के रूप में देखा जाता था।’


      प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समस्या को बनाए रखा गया और सुरक्षा बलों को कार्रवाई करने का कभी मौका नहीं दिया गया।


      ‘आज युवा सोच और मन के साथ भारत प्रगति कर रहा है। इसी कारण भारत सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करने में सक्षम रहा और प्रत्यक्ष रूप से आतंकी शिविरों पर हमला किया।’


      प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कार्रवाई के परिणाम स्वरूप आज देश में चारों तरफ शांति है और आतंकवाद में काफी कमी आई है।


राष्ट्रीय युद्ध स्मारक


      प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कुछ लोग शहीदों का स्मारक नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल ऊपर उठाने के बदले सुरक्षा बलों के गर्व को ठेस पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा भारत की इच्छा के अनुसार आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक तथा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का निर्माण किया गया है।


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ


      प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे विश्व में सशस्त्र बलों में परिवर्तन हो रहा है और सेना, नौसेना तथा वायुसेना के बीच तालमेल पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस विषय में कई दशकों से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की मांग की जा रही थी, लेकिन दुर्भाग्यवश निर्णयहीनता की स्थिति बनी रही। उन्होंने कहा कि युवा सोच और मन से प्रेरणा लेते हुए हमारी सरकार द्वारा नये सीडीएस की नियुक्ति की गई है।


      उन्होंने कहा ‘सीडीएस पद का गठन और नये सीडीएस की नियुक्ति हमारी सरकार द्वारा की गई है’।


राफेल को शामिल करना- अगली पीढ़ी का लड़ाकू विमान


      सशस्त्र सेना के आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नयन के विषय में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश से प्यार करने वाला कोई भी व्यक्ति चाहेगा कि उसके देश के सुरक्षा बल आधुनिक और उन्नत हों।


      उन्होंने इस बात पर अफसोस किया कि 30 वर्षों के बाद भी भारतीय वायुसेना अगली पीढ़ी का एक भी विमान हासिल नहीं कर सकी।


      उन्होंने कहा, ‘हमारे विमान पुराने और दुर्घटना जोखिम वाले थे, हमारे लड़ाकू पायलट शहीद हो रहे थे।’


      उन्होंने कहा, ‘हमने तीन दशकों से लंबित कार्य को पूरा किया। आज मुझे खुशी है कि तीन वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भारतीय वायुसेना को अगली पीढ़ी का लड़ाकू विमान – राफेल – मिला।’







 






बसंत ऋतु का आगमन

 

बसंत ऋतु का हुआ आगमन,

पतझड़ का अब हुआ गमन।

चहुँओर दिख रही हरियाली,

तन मन ख़ूब हो रहा प्रसन्न।।

 

खेतों में  बसंती पीले रंग के,

सरसों के ढेरों हैं फूल  खिलें।

प्रकृति हरा घाघरा चुनरी ओढ़े,

आम के  पेड़ पर बौर  लगे।।

 

दुल्हन  बन के सजी प्रकृति,

सुंदर फूलों का कर  श्रृंगार।

अनुपम सौंदर्य से मंत्र मुग्ध,

मंद  मंद  बह रही  बयार।।

 

पतझड़ अब खत्म हो गए,

नव  पल्लव से हैं वृक्ष लदे।

प्रकृति को मिला नवजीवन,

सपनों से लगते आँख मुदें।।

 

बोल रही कोयल  डालों पर,

पंछियों का हो रहा कलरव।

मन में उमड़ी ख़ुशियाँ अपार,

लगता है जैसे कोई उत्सव।।

 

धरती सजी है  दुल्हन  जैसे,

पायल की  रुनझुन झंकार।

प्रकृति की है  छंटा निराली,

अविरल सुंदर सा उपहार।।