Wednesday, July 1, 2020

कैदियों को मिली सहूलियत, अब अपने घर से मंगा सकेंगे सामान 





गोरखपुर । जिला कारागार के बंदी अब अपने कपड़े व रोजमर्रा की जरूरत का सामान घर से मंगा सकेंगे। सामान को 24 घंटे तक क्वारंटाइन करने के बाद बंदियों को सुपुर्द किया जाएगा। सामान की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उस पर बंदी के नाम की स्लिप लगाई जाएगी।
लाकडाउन में लगी थी रोक
लॉकडाउन में कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए बंदियों से मुलाकात के साथ ही घर से आने वाले सामान पर भी रोक लगा दी गई थी। अब जब देश में अनलाक वन लागू हो चुका है तो जेल प्रशासन भी बंदियों को सशर्त ढील देने की तैयारी में है। पहले चरण में घर से आने वाले सामानों पर लगी रोक हटाने का फैसला किया गया है, जबकि मुलाकात पर लगी रोक जारी रहेगी। बंदी कपड़े, ब्रश, पेस्ट, बिस्तर, नमकीन, बिस्किट, फल जैसे सामान मंगा सकेंगे।
पीसीओ से फोन कर बता सकते हैं जरूरत
जरूरत का सामान मंगाने के लिए बंदी जेल के पीसीओ से घर पर फोन कर सकते हैं। वह अपने परिजनों से बात कर सकते हैं। परिजनों को जेल के गेट तक सामान लेकर आने की अनुमति रहेगी। उसके बाद उन्‍हें लौटा दिया जाएगा। उनके सामान को सुरक्षित रख लिया जाएगा।
पैक कर लाना होगा सामान
परिजनों को सामान गत्ते में पैक करके लाना होगा। उस गत्ते पर बंदी के नाम की स्लिप होगी, जिसे विशेष कमरे में रखा जाएगा। संक्रमण फैलने की आशंका खत्म होने के बाद जेल अधिकारी अपनी मौजूदगी में सामान की जांच कराएंगे। उसके बाद संबंधित बंदी को सौंपा जाएगा।

बोले वरिष्‍ठ जेल अधीक्षक
वरिष्‍ठ जेल अधीक्षक डा. रामधनी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण मुलाकात के साथ ही सामान मंगाने पर रोक थी। अब बंदियों को घर से सामान मंगाने की अनुमति दे दी गई है। घर से आए सामान को 24 घंटे क्वारंटाइन में रखने के बाद ही बंदी को दिया जाएगा। इसके लिए उचित व्‍यवस्‍था की गई है। 

 

 



 



गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में प्रवेश की आवेदन तिथि बढ़ाने के लिए कुलपति से मिले छात्र , सौंपा ज्ञापन 





गोरखपुर । दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म की अंतिम तिथि 30 जून को समाप्त हो गई है। आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर छात्रनेता अनिल दूबे के नेतृत्व में छात्रों ने कुलपति प्रो.वीके सिंह को ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने छात्रहित में आवेदन की तिथि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया है।
कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश छात्र नहीं कर पाए हैं आवेदन
छात्रों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश छात्र अभी तक आवेदन पत्र नहीं भर पाए हैं। ऐसे में उनके हित में तिथि बढ़ाया जाना आवश्यक है। कुलपति ने छात्रों की मांगों पर शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया। ज्ञापन सौंपने वालों में छात्र नेता विशाल सिंह, अमित सिंह, अंकित यादव आदि मौजूद रहे। विद्यार्थी परिषद ने भी सौंपा ज्ञापन
इसी क्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर संगठन मंत्री आकाश गौड़ के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव को तीन सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश विद्यार्थी अभी ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाए हैं। ऐसे में आवेदन की तिथि को पंद्रह दिन और बढ़ाया जाए। परिषद के नेताओं ने कहा कि छात्रों की परेशानियों को देखते हुए फैसला लिया जाए। कुलसचिव डॉ. ओम प्रकाश ने मांगों पर शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया।
मानदेय को लेकर वित्तविहीन  शिक्षक सभा ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
प्रदेश के माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मानदेय उपलब्ध कराने की मांग को लेकर माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा ने  मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। ज्ञापन के जरिये मानदेय शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की।
आर्थिक सहायता न मिलने से स्थिति खराब
ज्ञापन में कहा गया है कि संगठन द्वारा कई बार इस समस्या को शासन के संज्ञान में लाया गया, लेकिन अभी तक कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं हुई है। जिससे शिक्षक व कर्मचारी भुखमरी  के कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में हमारी मांगों पर शीघ्र विचार किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में हर्षवर्धन सिंह, राणा रत्नेश्वर सिंह, हरिनंद सिंह, कन्हैया लाल जायसवाल तथा विनय कुमार पांडेय आदि शामिल रहे। 

 

 



 



गोरखपुर में बैंक से रूपए निकालकर घर जा रहे वृद्ध से दिन दहाड़े लूट 





कनिष्क गुप्ता गोरखपुर। शहर के शाहपुर थाना क्षेत्र के राप्ती नगर चौराहा स्थित पंजाब नेशनल बैंक से डेढ़ लाख रुपए निकालकर औटो से घर वापस लौटते हुए 60 वर्षीय वृद्ध के साथ खजांची रांची बाजार चौराहा से फ़ातिमा अस्पताल के पास पल्सरसाइडर दो युवक लूटकर फरार हो गए हैं। सूचना पर क्षेत्राधिकारी गोरखनाथ व थानेदार शाहपुर घटना स्थल पहुंचे। शाहपुर पुलिस द्वारा घटना स्थल गुलरिया बताते हुए गुलरिया पुलिस को सूचना दी गई। शाहपुर व गुलरिया पुलिस बहुत देर तक सीमा विवाद में उलझी हुई थी कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना शाहपुर घटना की जांच पड़ताल कर रही है। कप्तानगंज, कुशीनगर के ग्राम डोम बरवा के मूल निवासी रामप्रीत सिंह 60 वर्ष थाना पांडाइच के जंगल धमुड़ मे मकान बनवा कर परिवार के साथ रहते है। आवश्यक कार्य से मंगलवार को दिन के 12 बजे रामप्रीत शाहपुर के रचितीनगर चौराहा स्थित पंजाब नेशनल बैंक से 1,50,000 रुपये निकाल कर बैंक से लगभग 300 मीटर पैदल चलने की तारीख रांची चौराहा से पादरी बाजार के लिए ऑटो चालक आगे सीट के बगल में बाइक कर आ रहे हैं। रहे थे कि चौराहे से लगभग 500 मीटर बासमण्डी के पास पल्सर सवार दो युवकों ने झपट्टा मारकर फरार हो गए। लगभग 100 आगे जाने पर जन सेवा अस्पताल के पास वृद्ध की कंपकपी देख ऑटो चालक ने कारण पूछा तो वृद्ध ने लूट की घटना को बताया। 

 

 



 



सभासद एकता मंच के तत्वाधान में सफाई नायक का विदाई समारोह सम्पन्न




अमेठी विजय कुमार सिंह

आज कार्यालय नगर पंचायत मुसाफिरखाना में सभासद एकता मंच के तत्वाधान में सफाई नायक श्री राम नरेश जी का विदाई समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एमएलसी श्री शैलेंद्र प्रताप सिंह उपस्थित रहे तथा नगर पंचायत कार्यालय के समस्त कर्मचारी गण इस अवसर पर उपस्थित रहे उक्त कार्यक्रम का आयोजन नगर के 8 सभासदों ने मिलकर किया सेवानिवृत्त हुए श्री रामनरेश सफाई नायक जी को सभासदों ने अपनी अपनी तरफ से माला पहनाकर तथा अनेकों प्रकार  के उपहार देकर नम आंखों से विदाई देते हुए कहा कि श्री राम नरेश जी द्वारा दिया गया यह योगदान सदैव हम लोगों को याद रहेगा इसी क्रम में कार्यालय के समस्त कर्मचारियों ने भी श्री राम नरेश जी को माला पहनाकर तथा अनेकों प्रकार के उपहार देकर नम आंखों से विदाई दी बताते चलें कि श्री राम नरेश कार्यालय नगर पंचायत मुसाफिरखाना के सफाई नायक पद पर कार्यरत थे जो बहुत ही इमानदारी और निष्ठा के साथ इन्होंने योगदान दिया जिनकी तारीफ करते हुए श्री शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा की सदैव आपके द्वारा दिया गया यह जनता में योगदान याद रहेगा  और हम लोग आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे और इसी क्रम में समस्त सभासदों ने श्री राम नरेश जी के द्वारा किए गए कार्य की सराहना की तथा  सदैव कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहने के लिए आवाहन किया इस मौके पर मुख्य अतिथि एमएलसी श्री शैलेंद्र प्रताप सिंह एवं सभासद राम कुमार एडवोकेट,चन्दन कुमार,हसन उल्ला, करुणेश द्विवेदी,सभासद प्रतिनिधि अभिषेक केसरिया,विश्व प्रकाश जायसवाल,संजीत कुमार उर्फ पम्मी,सनी कुमार के साथ साथ बीडीसी प्रतिनिधि हनुमान जयसवाल , लिपिक मंगली प्रसाद श्रीवास्तव कंप्यूटर ऑपरेटर राहुल कुमार त्रिभुवन यादव राधे राम वर्मा श्री प्रकाश अरविंद कुमार दुबे तथा समस्त सफाई कर्मचारी मौजूद रहे ll


 

 




Sunday, June 28, 2020

एसडीएम साहेब के आदेशों की नगर पंचायत और ठेकेदार द्वारा ग्राम उम्मेदखेड़ा में उड़ाई जा रही धज्जियाँ




बंथरा / लखनऊ :- थाना सरोजनी नगर बंथरा के उमेद खेड़ा गांव में मार्ग को लेकर हाहाकार इस विकास शील देश मे कुछ देश के ही लोग ऐसे है जो अपनी भलाई के लिए इस विकास में रोड़ा बनकर सामने खड़े हो जाते है।ये जो तस्वीरों में आपको खड़ंजा और पानी भरा गड्ढा दिखाई दे रहा है ये उस गांव को शहर से जोड़ता है जहां तक़रीबन 300 परिवार रहते हैं उस गांव का नाम है उमेद खेड़ा जो बंथरा में है।यहां तक़रीबन 350 मीटर लम्बी सड़क पर आधा तो खड़ंजा है और लगभग 50 मीटर सड़क विवाद में फस कर रह गई है जिसकारण ग्रामीणों का कहीं आना जाना दूभर हो गया है ये विवाद भी एसडीएम साहब ने अपने आदेश के बाद समाप्त करवा दिया था लेकिन फिर भी ना जाने क्यों वहां की जिला पंचायत और ठेकेदार वहां खड़ंजा बिछाने को तैयार ही नही हो रहे हैं। ग्रामीणों ने हमे बताया कि 50 मीटर की जिस जमीन पर गोबर पड़ा रहता है उस पर किसी शख्स ने दावा कर दिया कि ये ज़मीन उसकी है लेकिन पैमाइश होने के बाद एसड़ीएम साहब ने उसके दावे को गलत करार देते हुए मार्ग बनाये जाने का आदेश पारित कर दिया बावजूद इसके  फरवरी 2020 से ये रास्ता जस का तस ही पड़ा हुआ है जिस कारण वहां 40 वर्षों से रह रहे ग्रामीण मुख्य धारा में जुड़ने के लिए काफी परेशान है और इसी गंदी सड़क से वो अपने गंतव्य को आने जाने पर मजबूर हैं उन्होंने इस समस्या को सीएम के पोर्टल और डीएम साहब तक को भेजा है पर अभी तक कोई काम शुरू नही हो सका।उम्मीद है कि हमारे द्वारा खबर दिखाए जाने के बाद उमेद खेड़ा गांव की ये सड़क विवाद से हटेगी और जिसने भी इसपर विवाद किया है उसको सबक सिखाया जाएगा और यहां निर्माण कार्य पुनः शुरू हो पायेगा जिससे उमेद खेड़ा गांव भी अपने विकासशील होने पर गर्व करेगा और ग्रामीणों का आवागमन सुगम होगा।


 

 



 

आओ स्वदेशी भाव अपनाएं, भारत को आत्मनिर्भर बनाएं

जैसा कि हम सबको विदित है न सिर्फ हमारा देश अपितु समूचा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी (कोविड-19) की चपेट में आकर प्रगति की पटरी से बहुत नींचे उतर चुका है जो कि सोचनीय है। इस गम्भीर समस्या को ध्यान में रखते हुए हमें स्वदेशी योजनाएं बनाने होंगी। यह सोचना इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि भविष्य की योजनाओं पर आज की अर्थव्यवस्था में आई मंदी का गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए हमें स्वदेशी वस्तओं को महत्व देकर स्वदेशी भाव अपनाना चाहिए। जिससे हमारा देश आत्मनिर्भर भारत बने। हमारे देश को सुसंपन्न और सामर्थ्यवान भारत बनाने में स्वदेशी भाव का बहुत बड़ा योगदान है। 

आज पुरुषों के साथ महिलाएं भी भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रही हैं। संक्रमण काल में महिलाएं  आत्मविश्वास की नई उड़ान भरकर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना से नारी शक्ति को प्रोत्साहित कर सम्पूर्ण मानव समाज में आत्मनिर्भरता की अलख जगा रही हैं। इस महासंकट के दौर में महिलाएं संक्रमण फैलने से रोकने और आर्थिक मंदी से निपटने के लिए नारी सशक्त मोर्चा संभाल रही हैं। देश-प्रदेश में महिलाएं मास्क , पीपीई किट व सैनिटाइजर का निर्माण कर रही हैं। जिससे महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है और आत्मनिर्भर बनने का सपना भी साकार हो रहा है। स्वदेशी रोजगार से जन-जन का आत्मविश्वास भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की ओर बढ़ रहा है। एक प्रण लेने की हम सभी को बेहद ज़रूरत है और यह स्वेच्छा से लेना भी चाहिए कि चीनी वस्तओं का सम्पूर्ण बहिष्कार किया जाए और स्वदेशी को दिल से अपनाया जाए। स्वदेशी अपनाकर हम अपना पैसा अपने ही देश की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने में निवेश करेंगे जो कि एक बेहतर पहल है जिसमें हम सभी को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। यह पहल हर देशवासी के लिए प्रेरक सिद्ध होगी। अंत में यही प्रण लेना है स्वदेशी अपनाना है भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।

अतुल पाठक

 कर्त्तव्य परायणता से पकड़े, जियो और जीने दो की राह




कर्तव्य कई तरह के होते हैं लेकिन आज जिस कर्तव्य की बात हो रही वह है नागरिको के कर्तव्य की।देश के नागरिक होने के नाते आपके कर्तव्य क्या है ?क्या पालन हो रहे है? शायद नहीं और हो भी रहे दोनो ही स्थिति है। गलत कामो के प्रति आवाज उठाना, घूसखोरो से सावधान रहना,आपदा की स्थिति में मदद पहुँचाना,समस्याओ पर विचार करना,कुव्यवस्थाओ पर आवाज उठाना,आवरू की रक्षा करना, जागरूकता फैलाना आदि कई ऐसे कार्य है जो नागरिक कर्तव्य है पर पालन कितने होते है यह बात छिपी नही है।लेकिन कुछ लोग आज भी इन सभी  नियमों का पालन करते है जिससे हमारा देश और समाज सुरक्षित रहता है।चाहे वह पुलिस हो सेना हो नागरिक हो लेखक हो पत्रकार हो आम लोग हो डाक्टर हो वकील हो जज हो ड्राइवर हो सामाजिक कार्यअकर्ता हो इन्होने देश और नागरिक कर्तव्यो का पालन किया है। सही मायने में मानव सेवा ही नागरिक कर्तव्य है । मानव प्रेम ही प्रेम है ।मानव के पोति श्रद्धा ही भक्ति।लेकिन दुर्भाग्य उन लोगो का जो  मानव के शत्रु बनकर अपनी उपेक्षा करवाते हैं। कर्त्तव्य परायणता से ही वो मार्ग प्रशस्त हो सकते है जिसे हम "जियो और जीने दो" कहते हैं । यह बात तो सामाजिक परिवेश और दैनिक जीवन में होनी ही चाहिए और शायद होता भी यही है। लेकिन कुछ विलासिता पर सवार लोग इसे लुटो और लुटने दो की मानसिकता के साथ ही घरो से निकलते हैं जिनका सामना नित ही जियो और जीने दो से होती है। कहते है जीत हमेशा सत्य और सही रास्तो पर चलने वालों को ही मिली है। सत्य ही वो रास्ता है जो जीवन का आधार है। इसके राह कठिन है चकाचौंध से दूर एक सरल और सहज पगडंडी, जिसमें जीवन की सवारी गाड़ी से नहीं पैदल करनी होती है,जबकि लुटो और लुटने दो के रास्ते तेज दौड़ती है लेकिन हमेशा एक्सीडेंट हो जाती है ।वह मंजिल तक कभी पहुँचती ही नहीं। आज मानवता का दम घुट रहा है। सभी तेज सवारी करने को ललायित है, लेकिन बहुत से ऐसे लोग है जो आज के इस बदलते युग में भी जियो और जीने दो को अपना सौभाग्य मानते हैं ऐसे लोग ही मंजिल तक पहुँच पाते हैं। अर्थात हमारे धर्म भी यही कहते है शास्त्र, कुरान, बायबिल सभी का यह कथन है मानव सेवा ही सर्वोत्तम सेवा है ।मानव ही इस पृथ्वी पर बुद्धिजीवी है जो कठिन से कठिन कार्य कर सकता है।वह चाहे तो चंद लुटो और लुटने दो को भी सबक सिखाकर जियो और जीने दो जैसा बना सकता है। आज के इस वैज्ञानिक युग में किताबो, साहित्य संस्कृति और सभ्यता पीछे छुट रही जबकि पाश्चात प्रवृत्ति हावी होने लगी है। ऐसे में जियो और जीने दो को आर्दश बने रहना एक चुनौती है। एक सामाजिक उदघोष के साथ पूर्वजो के संकल्पो को याद रखना ही होगा जिन्होने हमें यह काया देकर सिखाया था कि बेटा खुद भी जियो और औरो को भी जीने दो।

                                    आशुतोष

                                  पटना बिहार