Wednesday, December 30, 2020

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय सडक सुरक्षा समिति की बैठक हुई आयोजित

 अमेठी विजय कुमार सिंह


*अमेठी 30 दिसम्बर 2020,* जिलाधिकारी श्री अरुण कुमार की अध्यक्षता में कल देर शाम कैम्प कार्यालय में जनपद स्तरीय सडक सुरक्षा समिति  की बैठक आयोजित की गई। बैठक में एआरटीओ ने बताया कि यातायात नियमों के अंतर्गत ओवर स्पीडिंग/यातायात नियमों के उल्लंघन में अब तक 567 चालान किए गए हैं साथ ही दो पहिया वाहन पर ट्रिपलिंग करने पर 922 चालान किए गए हैं, नशे की हालत में वाहन चालक के विरुद्ध 28 चालान किए गए हैं, इसके साथ ही 31650 हेलमेट ना लगाने वालों पर तथा 1093 सीट बेल्ट ना लगाने वालों पर कार्यवाही की गई है ओवरलोडिंग को लेकर 167 के खिलाफ कार्यवाही की गई है, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने पर 52 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गई है, उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा को लेकर  जनपद में निरंतर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। बैठक में एआरटीओ ने आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक व फिटनेस सेंटर के निर्माण के लिए 05 एकड़ भूमि की आवश्यकता बताई जिस पर  जिलाधिकारी ने ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक व फिटनेस सेंटर हेतु 05 एकड़ भूमि  को उपलब्ध कराने के निर्देश अपर जिलाधिकारी को दिया।  जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को सड़कों पर जितने भी मोड़ हैं उन पर संकेतांक बोर्ड, साइड पट्टी व स्पीड ब्रेकर बनवाने व उन पर कलर करवाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने एआरटीओ को सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने खासकर बच्चों को स्कूलों में ट्रैफिक नियम के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए, साथ ही उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील किया कि वह अपने बच्चों को स्कूटर या मोटरसाइकिल चलाने के लिए न दें। जिलाधिकारी ने सभी हाई स्कूल/इंटरमीडिएट व डिग्री कॉलेजों में ट्रैफिक नियमों/सड़क सुरक्षा जागरूकता संबंधी पम्पलेट बंटवाने के निर्देश एआरटीओ को दिए। बैठक में सड़क किनारे खड़े वाहनों की समस्या उठाई गई जिस पर जिलाधिकारी ने एआरटीओ व ट्रैफिक पुलिस को सड़क किनारे खड़े वाहनों की चेकिंग कर उन पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सड़क सुरक्षा के अन्तर्गत डग्गामार वाहनों, स्कूली वाहनों, टैम्पों तथा टैक्सी को एआरटीओ व पुलिस विभाग को संयुक्त रूप् से अभियान चलाकर सघन चेकिंग कर डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने सड़क दुर्घनाओं को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश एआरटीओ व पुलिस विभाग को दिया। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी वंदिता श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम सरोज, एआरटीओ, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी, डीआईओएस   सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

गायत्री व उनके नौकर के घर पर प्रयागराज की ईडी टीम की छापेमारी


 अमेठी विजय कुमार सिंह

गैंगरेप समेत कई मामलों में जेल की सलाखों में बंद सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति का अमेठी स्थित आवास विकास कालोनी पर बुधवार को प्रयागराज के ईडी   अधिकारियों की टीम ने छापेमारी की। करीब सात घंटे तक अधिकारियों ने गायत्री और उनके निजी ड्राइवर के घर छापेमारी कर चप्पे-चप्पे की छानबीन की। कुछ अहम दस्तावेज को लेकर ईडी की टीम दोपहर दो बजे के बाद वापस लौट गई है।

ईडी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि मनी लैंडिग एक्ट के तहत हम लोगों नए छापेमारी की थी। सुबह 7:30 बजे से छापेमारी शुरू किया था जो दिन में दो बजे तक चली। हां कुछ डाक्यूमेंट्स मिले हैं। बता दें कि बुधवार सुबह ईडी की टीम अमेठी में गायत्री के घर पहुंची तो हड़कंप मच गया। आसपास से किसी के आने जाने पर पाबंदी रही। ईडी गायत्री के परिवार वालों से पूछताछ करती रही। इसके अतिरिक्त ईडी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के ड्राइवर के टिकरी स्थित घर पर भी छापेमारी की। ड्राइवर रामराज यादव के घर पर जब आधा दर्जन से अधिक ईडी के अधिकारी पहुंचे तो लोगों की वहां भीड़ जमा हो गई। ईडी ने यहां से भी दस्तावेज खंगालने में सफलता प्राप्त की है।

5 वर्ष हुए पूरे काम रह गए अधूरे

अपनी बदकिस्मती पर रो रहे ग्रामीण


दैनिक अयोध्या टाइम्स जिला संवाददाता बहराइच सूरज कुमार त्रिवेदी के साथ मनोज अवस्थी की रिपोर्ट


आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद बहराइच के तहसील महसी अंतर्गत ग्रामसभा भि रवा के देवरी मजरे का है जहां पर ग्राम प्रधान द्वारा किए गए कार्य शैली पर उठ रहे सवालों के बारे में ग्रामीणों द्वारा दिए गए जानकारी बहराइच जिले के भिरवा ग्राम सभा मे जब पहली बार सीएमडी न्यूज़ के जिला संवाददाता सूरज कुमार त्रिवेदी पहुंचे तो अचानक से भीड़ एकत्रित हो गई संवाददाता ने पूरी जानकारी ली तो पता चला कि विकास का नाम इस मजरे से काफी दूर है जहां पर अगर किसी को शौचालय मिला है तो शौचालय में गेट आज तक नहीं लगा है जबकि 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है ग्रामीणों ने बताया कि पैसा पूरा नहीं हो पाया जो हम गेट लगवा सकें आखिरकार ग्रामीणों के द्वारा गेट नहीं लग पाए या फिर ग्राम प्रधान के माध्यम से पैसा पूरा नहीं मिला इसकी जांच होना अति आवश्यक है और तो और देखने पर कई ऐसे घर है जहां पर इस ठंड में जीवन व्यतीत करना काफी कठिनाई का सामना करना है प्रधान रामगोपाल यादव के ऊपर उठ रहे सवालों की सच्चाई आपको दिखाई जाएगी आपको कुछ तस्वीरें दिखाएंगे जिला संवाददाता सूरज कुमार त्रिवेदी के साथ देखिए पूरी रिपोर्ट

जिले में कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारियां और तेज हो चली हैं

ऋषि मिश्रा सीतापुर।

 वैक्सीनेशन के लिए अफसर रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वैक्सीन आने से लेकर उन्हें रखने को लेकर क्या-क्या तैयारियां की गई हैं, इसे लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला टास्क फोर्स की हुई बैठक में डीएम विशाल भरद्वाज ने समीक्षा की। डीएम ने सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग से वैक्सीनेशन की तैयारियों की प्रगति जानी। प्रभारी सीएमओ डॉ. पीके सिंह की ओर से बताया कि तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कुछेक कमियां रह गई हैं, उन्हें भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। जिले में 500 के करीब वैक्सीन कैरियर आ चुके हैं, जिसमें 25-25 कैरियर सीएचसीवार दिए जा चुके हैं।

प्रभारी सीएमओ ने जानकारी दी कि जिले को 11 लाख के आसपास सीरिंज आवंटित हुई हैं। 2 लाख 40 हजार फिलहाल हैंडओवर कर दी गई हैं, उसमें से 70 हजार सीरिंज लाई जा चुकी है। बाकी लखनऊ में स्टोर किया गया है। डीएम ने जानकारी लेने के बाद पूछा कि कंट्रोल बनाने के लिए क्या किया गया है, इस पर प्रभारी सीएमओ ने बताया कि कंट्रोल रूम के लिए समिति बनाई जा रही है। इसमें पुलिस, स्वास्थ्य और सीडीपीओ को शामिल किया गया है। प्रभारी सीएमओ ने कहा कि ये कंट्रोल रूम उस तरह का नहीं है, जिस पर लोग 24 घंटे कॉल कर जानकारी लेंगे बल्कि इसमें समिति बनाकर लोगों को शामिल किया जाएगा। टीकाकरण के दौरान कोई समस्या होने पर समिति के लोग बैठक कर समस्या का समाधान करेंगे, लेकिन इसका नाम कंट्रोल रूम दिया गया है।

पुरानी पेंशन बहाली एवं वित्तविहीन शिक्षकों को समान कार्य के आधार पर समान वेतन से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया

बहराइच से सूरज कुमार की रिपोर्ट

 बहराइच उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी की 13 दिसंबर को संपन्न हुई बैठक के द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम माध्यमिक शिक्षक संघ बहराइच के जिला अध्यक्ष डाक्टर दीनबन्धु शुक्ल के नेतृत्व में शिक्षकों द्वारा सत्ताधारी दल के   विधायक पयागपुर  सुभाष त्रिपाठी जी को आज ज्ञापन के रूप में मांग पत्र दिया गया । मांग पत्र में पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली, वित्तविहीन शिक्षकों को समान कार्य के आधार पर समान वेतन ,महंगाई भत्ते को पूर्ववत बनाए जाने,  विनियमितीकरण से वंचित तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण, कंप्यूटर तथा व्यवसायिक शिक्षकों को पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा दिए जाने, शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा बहाल करने, महिला शिक्षिकाओं को अनुमन्य अवकाश सुविधा को सरली कृत ढंग से देने, शिक्षकों के स्थानांतरण को सुगम बनाने तथा  बंद सामूहिक बीमा को पुनः चालू किए जाने से संबंधित मांग शामिल है ।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष मनोज कुमार पाण्डेय,कोषाध्यक्ष रामपाल यादव, आनंद मोहन प्रधान ,डॉ जसवंत सिंह ,सतविंदर सिंह ,कमल सिंह,रामेश्वर पाण्डेय, अरुण कुमार मिश्र  ,बेचेलाल मौर्य, रामानंद चौरसिया ,मानस श्रीवास्तव ,दीपक कुमार, अमरेश मिश्र ,सुधीर आर्य ,सिद्ध नाथ पाठक ,राजकुमार शर्मा, पशुपतिनाथ शुक्ल तथा सुधाकर तिवारी उपस्थित थे ।माननीय विधायक जी ने आश्वासन दिया कि शिक्षक संघ की मांग को पार्टी के प्रदेशीय फोरम पर तथा माननीय मुख्यमंत्री जी एवं विभागीय मंत्री डा .दिनेश शर्मा के समक्ष रखा जाएगा और मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने के लिए कहा जाएगा।

बसपा छोड़ कर सपा का दामन थामा अनिरुद्द सविता ने

कानपुर  (Dainik Ayodhya Times)  पूर्व बसपा पार्षद प्रत्याशी व सविता महासभा ( उ0 प्र0 ) के जिला महासचिव अनिरुद्द सविता ने अपने तमाम सैकड़ो समर्थको के साथ मे समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सतीश निगम व कानपुर नगर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव की अगुवाई मे अनिरुद्द सविता व तमाम समर्थको का समाजवादी पार्टी मे जोरदार स्वागत किया गया व पूर्व विधायक ने सविता समाज के सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए पार्टी मे नई मजबूती प्रदान करने के लिए सभी का स्वागत किया और कहा समाजवादी पार्टी गरीब जनता के साथ हमेशा साथ में रही है और आगे भी रहेगी ,और हमेशा उनके साथ  आगे बढ़ चढ़कर कार्य करेगी, और पूर्व विधायक सतीश निगम ने सविता महासभा को हर संभव मदद दिलाने के लिए आगे बढ़ चढ़कर के कार्य करने का  भरोसा दिलाया रात हो या दिन हो मैं हमेशा सबके साथ हूं और रहूंगा, कार्यक्रम में मौजूद रहे अंकुर सविता, मुकेश सविता, राकेश शर्मा,अरविंद सविता, ऋषभ सेन, अवनीश सविता,शिवम सविता,अजय सविता,प्रदीप सविता व तमाम समाजवादी समर्थक ,  साथ रहे


जिला बहराइच के तहसील नानपारा के ब्लाक बलहा के ग्राम पंचायत भालुहिया भारत के ग्राम हकीमरवा में लेखपाल शैलेन्द्र वर्मा द्वारा भ्रष्टाचार चरम सीमा पर

संवाददाता तिलक राम मिश्रा के साथ सूरज कुमार त्रिवेदी


आज मैं इस पत्रिका के माध्यम से आप लोगों को एक नए घूसखोर लेखपाल शैलेंद्र वर्मा के बारे में बताना चाहता हूं दोस्तों यह बात देश के रक्षक मोहम्मद असलम की है जिसमें मुद्दा मोहम्मद असलम और तमाम ग्राम वासियों के घर से रास्ते तक बीच में पड़ी ग्राम समाज की भूमि का है जिस पर दबंग भूतपूर्व प्रधान लड्डन हुसैन अपना कब्जा कर रास्ते को बंद कर देना चाहते हैं  जबकि भूतकाल में पहले से नक्शे पर दर्ज  रास्ता  गाटा संख्या 405 उसे पहले ही अपने घर में कर निर्माण कर लिया है अब बाकी पड़ी नवीन परती गाटा संख्या 407 पर भी अपना अधिक रमण करना चाहते हैं जिसकी जांच उप जिलाधिकारी नानपारा द्वारा टीम गठित कर करवाया गया जिसमें टीम के कर्मचारी कानूनगो     शिव बक्स सिंह और क्षेत्रीय लेखपाल शैलेंद्र वर्मा दूसरा वाहिद कमाल तीसरा केके श्रीवास्तव चौथा अशोक कुमार मौर्य और पांचवे  श्री  बृज बहादुर  जयसवाल जी थे जिसकी जांच आख्या टीम द्वारा हस्ताक्षरित कर वाया तहसीलदार साहब द्वारा एसडीएम नानपारा को प्रेषित की देश के रक्षक मोहम्मद असलम को जब पता चलता है कि टीम ने रास्ते पर लड्डन हुसैन आदि को किसी प्रकार कोई भी निर्माण ना करने को बोला है ग्राम समाज वाली भूमिका समस्त ग्रामवासी अपने रास्ते के रूप में इस्तेमाल करते आ रहे हैं और वह भविष्य में करते रहेंगे इस पर कोई अपना अधिकार नहीं दिखाएगा तो देश के रक्षक मोहम्मद असलम एसडीएम नानपारा से मिलते हैं और कहते है श्रीमान जी से इस रास्ते को धारा २५ के तहेत पक्का करवा दे बड़ी महान कृपा होगी
एसडीएम नानपारा द्वारा तहसीलदार नानपारा को आदेशित किया जाता है कि आप इनका धारा २५ सूखा अधिकार k तहेत आप इनका रास्ता पक्का करवा दे देश के रक्षक मोहम्मद असलम द्वारा वकील से मुकदमा तैयार कर तहसीलदार साहब को देकर मुकदमा पंजीकृत करवा कर नोटिस भेज दी जाती है और रक्षक अपने देश की रक्षा के लिए देश कि सरहद पर पहुंच जाते है और यहां दो माह उपरांत जब आदेश का समय आता है तो उस समय छेत्रिए लेखपाल शैलेंद्र वर्मा भूत पूर्व प्रधान लड्डन हुसैन से मिलकर तहसीलदार नानपारा को एक दूसरी आख्या प्रेषित करते है जिसमे लिखा होता है कि ग्राम समाज की भूमि पर लड्डन हुसैन का कब्जा है वहां कोई रास्ता नहीं है जिससे ये साबित होता है कि एसडीएम नानपारा के द्वारा कि गई गठित टीम जिसमे भ्रष्ट लेखपाल शैलेंद्र वर्मा खुद मौजूद था उनकी ये टीम नकारा है लेखपाल शैलेंद्र ठीक है या फिर एसडीएम नानपारा के आदेश तहसील नानपारा में नहीं चलते या फिर गुंडा गरदी और दबंगई योगी और मोदी सरकार में भी चलेगी 
पूरा गांव हकीम पुरवा इस बात से परेशान है नियाय कि गुहार लगाकर एसडीएम नानपारा के आदेशों को इंतजार कर रहा है 
उम्मीद है एसडीएम नानपारा ग्राम वासियों को नीयाय दिलाएंगे

सात खाद विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त, नौ निलंबित

 

आयोध्या टाइम्स सबाददाता
बहराइच। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी शंभु कुमार ने उपजिलाधिकारियों व कृषि विभाग के अधिकारियों को तहसीलवार उर्वरक व्यवसायियों व प्रतिष्ठानों की जांच एवं सत्यापन कराने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों की जांच में उर्वरक व्यवसायी व बिक्री केंद्र प्रभारी किसानों को यूरिया की बिक्री पीओएस मशीन से अनियमित ढंग से खारिज करने के दोषी पाए गए। जिलाधिकारी के निर्देश पर सात उर्वरक व्यवसायियों के लाइसेंस को निरस्त करने व नौ के निलंबन तथा सात विक्रेताओं को कठोर चेतावनी दी गई है।
जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पांडेय ने बताया कि सलारगंज के खाद व्यवसायी रमेश सिंह, आसाम रोड स्थित रफीक अहमद, मैनहिया स्थित राम सहारे यादव, खुटेहना के मिठ्ठू लाल मौर्या, चौधरीपुरवा के मकरंदपुर की सपना सिंह, दौलतपुर के आत्माराम व अड़गोढ़वा के दुर्गा प्रसाद वर्मा के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। इसी तरह लोधी चौराहा के शिवपाल, मरौचा के संतोष कुमार गुप्ता, खुटहेना के दिनेश सिंह, साईगांव चौराहे के राजेंद्र प्रसाद, लौकाही रोड दरोगापुरवा के जगदीश प्रसाद, मनिकापुर गंगवल के लक्ष्मन प्रसाद, किशुनपुर मीठा के बलराम वर्मा, मेटुकहा के वीरेंद्र कुमार व टिकोरा मोड़ के महेंद्र प्रताप सिंह के उर्वरक लाइसेंस के निलंबन की कार्रवाई की गई है।

सीएम ने 196 ग्रामीणों को दी आवास की सौगात

 आयोध्या टाइम्स सबांंददाता

बहराइच। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के 21562 लाभार्थियों के बैंक खातों में योजना के तहत प्रथम किश्त का वर्चुअल माध्यम से हस्तांतरण किया गया, जिसमें जनपद के 196 लाभार्थी सम्मिलित हैं। सीएम के हाथों पैसा पाकर ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बहराइच के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित एनआईसी के कांफ्रेंसिंग हाल से लाभार्थियों को संबोधित किया। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी लोगों को छत मुहैया कराने के प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करने में जुटी हुई है। इसी के तहत आवास की राशि दी जा रही है, जिससे लोग पक्के मकानों में रहकर अपने जीवन स्तर में सुधार ला सकें। सीएम ने प्रथम किश्त के रूप में प्रत्येक लाभार्थी के खाते में 40 हजार रुपये हस्तांतरित किए। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला सूचना विज्ञान केंद्र के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी शंभु कुमार, मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, परियोजना निदेशक डीआरडीए अनिल कुमार सिंह तथा मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के 10 लाभार्थी भी मौजूद रहे। एनआईसी में आयोजित कार्यक्रम के बाद दैवीय आपदाग्रस्त 10 लाभार्थियों विकास खंड फखरपुर के ग्राम मझारा तौकली के नान्हू, शत्रोहन, गुरूदीन व ओमकार, बौंडी के अर्जुन, इस्लाम व सरजू, ब्लाकॅ चित्तौरा के ग्राम खलीलपुर की राजेश्वरी, सुसरौली के राधेश्याम तथा सिंगहा की सुमिरता को डीएम ने सीडीओ कविता मीना व परियोजना निदेशक अनिल कुमार सिंह के साथ कंबल बांटे।

परिवार से बिछड़े बुजुर्ग को फखरपुर पुलिस ने मिलवाया

आयोध्या टाइम्स सबांददाता


फखरपुर/बहराइच। थाना फखरपुर की पुलिस टीम रात में गश्त के दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति को टहलते पाया जिससे पूछताछ में पुलिस को मालूम पड़ा कि यह व्यक्ति अपने परिवार से बिछड़ कर फखरपुर क्षेत्र में पहुंच गया था। थाना अध्यक्ष श्री प्रकाश त्रिपाठी उपनिरीक्षक अर्जुन भदौरिया सिपाही अजय यादव, शशांक गोड ने जानकारी ली तो जानकारी में पता चला कि बुजुर्ग व्यक्ति का नाम नंदलाल पुत्र जगधारी 60 वर्ष निवासी ग्राम अहरानी थाना फूलपुर जनपद   बनारस का निवासी है। जिस पर ऐसो श्री प्रकाश त्रिपाठी ने बनारस पुलिस से संपर्क कर बातये हुए पाते पर मालूम करवाया तो जानकारी सत्य पाई गई जिसपर थाना फूलपुर की पुलिस ने परिजनों को फखरपुर बहराइच भेजा थाना फखरपुर पहुँचे नंदलाल को परिजनों से पहचान कराने के बाद  सुपुर्द किया गया अपने परिवार से मिलकर बुजुर्ग नंदलाल भाऊक हो उठा और सभी परिवार के लोगों ने बहराइच पुलिस वह थाना अध्यक्ष फखरपुर को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।

जहरीला आदमी


                बहुत समय पहले वर्ली नाम का एक व्यक्ति एक टापू पर रहता था और उस टापू से कुछ दूरी पर एक गांव था जिसका नाम बरपाना था उस गांव के लोग बहुत ही भोले भाले थे और खेती तथा मजदूरी से अपने जीवन यापन किया करते थे । एक बार उस गांव के कुछ लोग लकड़ी काटने के लिए जब उस टापू के पास पहुंचे तो उन्होंने वर्ली नामक उस व्यक्ति को टापू पर पूजा पाठ करते हुए देखा तो गांव के सभी लोगों ने निर्णय लिया कि.. यह व्यक्ति बहुत ही धार्मिक और सज्जन प्रतीत होता है । अतः इस व्यक्ति को हम अपने गांव लेकर चले ताकि हमारा गांव जो विषमताओं से गुजर रहा है तो हो सकता है इस व्यक्ति के कारण कुछ अच्छा होने लगे और हम सब इस व्यक्ति से सामाजिक , धार्मिक अनुष्ठान करा कर अपने गांव का भला कर सकते हैं ।

            यही सोच विचार कर सभी गांव वाले अगले दिन वर्ली के पास पहुंच जाते हैं तथा उसे अपने गांव बरपाना में चलने का निवेदन करते हैं  काफी मान मनौव्वल के बाद वर्ली उनके साथ गांव आने को तैयार हो गया । गांव आने के बाद वर्ली की दिनचर्या बहुत ही धार्मिक, सामाजिक सत्कर्म व लोगों को प्रवचन देना अर्थात् कर्मकांड का पाठ पढ़ाना नित्य कर्म उषाकाल में उठना पूजा पाठ करते हुए ग्रंथों का अध्ययन करना तथा सप्ताह में एक दिन सभी गांव वालों को प्रवचन के माध्यम से धार्मिक व सामाजिक गतिविधियों का महत्व बताते हुए उन्हे सत्कर्मों के रास्ते पर चलने हेतु मानव सेवा का पाठ पढाना बता कर कार्य करने के लिए प्रेरित करना  रहता । वर्ली के इस प्रकार के कामों सभी जगह सराहना होती व गाँव के सभी लोग बहुत प्रसन्न रहा करते थे । 

             ऐसा कई दिनों तक चलता रहा और गाँव के सभी लोग वर्ली को एक बहुत बड़ा पहुंचा हुआ संत व सत्कर्म वाला व्यक्ति मानकर उसकी आराधना पूजा करने लगे । इस तरीके से यह क्रमान्तर चलता रहा और गांव वाले भी बहुत खुश थे उनका गांव अब सत्कर्म और धार्मिक प्रवृत्ति वाला हो गया । परंतु अचानक एक दिन जिस झोपड़ी में वर्ली रहा करता था वहां पर एक कोबरे ने वर्ली को काट लिया तथा वर्ली चिल्लाता हुआ बाहर निकला गांव वालों ने जब बर्ली की आवाज सुनी तो सभी दौड़कर बर्ली के झोपड़ी के पास पहुंचे तब बर्ली ने पूरी बात बताई और झोपड़ी में जा कर गाँव बालों ने जब काला कोबरा नाग देखा जो कि एक कोने में दुबक कर बैठा था । 

              बर्ली जो कि दयालु था तो उसने गांव वालों को मारने से मना कर दिया इसके बाद सभी गांव वाले वर्ली को शहर के अस्पताल ले गए वहां पर इलाज कराने हेतु भर्ती करा दिया । अब गांव में यह चर्चा फैल गई वर्ली का बचना मुश्किल है क्योंकि जिस काले सांप ने काटा है वो बहुत ही जहरीला होता है और इसका काटा हुआ अभी तक कोई बचा नहीं है , ऐसी चर्चा होती रही और सब लोग कहने लगे कि कैसे इतने सच्चे, सहज, धार्मिक, कर्म प्रधान और दयालु व्यक्ति को सांप ने काट लिया कितना घोर अन्याय है । ये कैसे कलयुग के दिन आ गए हैं कि एक अच्छे व सज्जन व्यक्ति को साँप ने काट लिया है उसका जीवित रहना मुश्किल है और सभी गांव वालों में शोक की लहर दौड़ पड़ी । धीरे-धीरे एक तरह से गम के रूप में गांव वाले का माहौल बनने लगा और गांव वालों ने झोपड़ी में जाना भी कम कर दिया और चारों तरफ उदासी ही उदासी थी धीरे-धीरे यह माहौल और गम हीन होने लगा । 

             परंतु ये क्या एक सप्ताह बाद वर्ली पुनः स्वस्थ होकर वापस लौटा तो गाँव के लोगो को अविश्वसनीय लगा कि इतने जहरीले सापों के काटने के बाद भी वर्ली जिंदा है, तो ये कोई दैवीय शक्ति का ही चमत्कार है खैर वर्दी के जिंदा आने की खुशी में उन्होंने ढोल धमाकों के साथ बर्ली का जुलूस निकालते हुए झोपड़ी तक लेकर गए पर जैसे ही झोपड़ी में प्रवेश किया तो वहाँ का नजारा देख सभी आश्चर्य चकित रह कि जिस सांप ने बर्ली को काटा था वह सांप झोपड़ी के बीचों बीच मरा हुआ बड़ा था । अर्थात जिस सांप के काटने से कोई नहीं बचता है पर व्यक्ति तो ठीक हो गया परंतु साँप मर गया जो इतना जहरीला था । इसके बाद तो गाँव बाले बर्ली की पूजा ही करने लगें कि बर्ली एक महान आत्मा बाला सज्जन पुरूष है ये बर्ली के सत्कर्मों का ही प्रतिफल है कि आज वह जीवित है । परन्तु गाँव के भोले भाले लोग ये नही जानते थे कि जिस व्यक्ति की गाँव के लोग पूजा पाठ कर रहे है वास्तव में वह व्यक्ति अन्दर से बहुत विष बाला है कि धार्मिक प्रवृत्ति और सामाजिक प्राणी होने के बाद भी उसके अंदर कितना जहर है कि वह ठीक हो गया और एक जहरीला सांप मर गया । ये कही न कही गाँव बालों की अज्ञानता और अंधविश्वास को दर्शाता है ।  

            इस प्रकार से हम कह सकते है कि व्यक्ति दिखता कुछ और है, होता कुछ और है व करता कुछ और है । हर शख्स के चेहरे पर बना हुआ मुखौटा रहता है जरूरी नहीं है कि व्यक्ति ऐसा ही हो लेकिन अंदर से वह कितना जहरीला होता है । उसकी कार्य पद्धति व जीवन शैली कितनी नकारात्मकता वह अपने अंदर रखता है, यह कोई नहीं जानता है । इसलिए दिखावे पर नहीं उसके बिचार पर जाना चाहिए, उसके व्यवहार पर जाना चाहिए क्योंकि जरूरी नहीं है कि समाज में रहने वाला व्यक्ति जो कर्मकांड में लिप्त हो तो वह बहुत अच्छा हो । हो सकता है कि वह ये सब दिखावा करता हो परंतु उसकी नसों में बहने वाला खून बहुत ही जहरीला हो । इसलिए हमे ऐसे लोगों से बचना चाहिए ऐसे लोग समाज और देश के लिए बहुत ही घातक होते हैं । 

मासूम सवाल


गुजरा जो यह साल है भगवन
जमके किया बवाल है भगवन।

कोरोना से बच गए हैं जो यहां
तुम्हारा ही कमाल है भगवन।

कोरोना जिंदगियां लील गया
ये चाइना की चाल है भगवन।

भूलेगा नहीं ये साल किसी को
अनुभव फिलहाल है भगवन।

नया साल तो अच्छा होगा ना ?
ये मासूम सा सवाल है भगवन।

लकड़हारा

जब मैं तुम्हारी तरह था तो मुझे भी घरवालों की ओर से स्कूल जाते वक्त पैसे नहीं मिलते थे। और मिलेंगे भी कैसे! घर में खाने को खुद लाले पड़े हों, और चपाती बनाने के लिए पिसान न हो तो घर वाले कहाँ से लाकर पैसे देंगे! गरीबी की वजह से मेरी पढ़ाई छूट गई। हमारे पिताजी लकड़हारे का काम करते थे पिताजी रोज़ अलस्सुबह पेड़ काटने जाते थे। और जब साँझ होती थी, तब पिताजी लकड़ी को बेचकर कुछ पैसे लेकर घर आते थे। तब जाकर रात को मेरी माँ अधिश्रयणी जलाती थीं। कभी-कभी तो पिताजी आर्त्त हो जाते थे तो उस दिन भूखे ही सोना पड़ता था। जब पिताजी जंगल पेड़ काटने जाते तब घर में तीन वक्त की रोटी मयस्सर होती थी, लेकिन मुन्ना बेटा गरीबी जीवन में कुछ मयस्सर हो या ना हो किंतु गरीबी जीवन में भूख अवश्य मयस्सर होती है। जब मैं होश संभाला अर्थात मेरी उम्र उस समय पंद्रह साल थी, और पिताजी सदा-सर्वदा के लिए इस लोक से परलोक चले गए। पिताजी मुझे सिखाए थे कि पेड़ को कैसे काटा जाता है। मुझे पिताजी की ओर से प्रशिक्षण मिला था। और मेरे पास उनकी एक ही निशानी बची हुई है। जब वे बिस्तर पकड़े तो मुझे अपने पास बिठाकर बोले थे कि जीवन में कभी भी हराम नहीं खाना। बल्कि खून-प्रतिस्वेद की कमाई से खाना और अपने हाथों से ये कुल्हाड़ी हमको सौंप दिए। फिर मैं अपने पिताजी की भांति मैं भी एक लकड़हारा बन गया। और उसी दिन से लकड़ी बेचकर अपने जीवन व्यतीत करने लगा। मुन्ना मुशहरी काका को बोलता है,, पिताजी आप जो पेड़ काट रहे हैं। ये बिल्कुल भी औचित्य नहीं है। लकड़हारे मुशहरी काका मुन्ना को डांटते हुए बोले उनमुन हो जा। नहीं तो ऐसा थप्पड़ मारूंगा, औचित्य-अनौचित्य वाली बात ही भूल जाएगा। तुम्हारा उदर भर रहा है। अतएव तुम औचित्य अनौचित्य वाला पाठ पढ़ा रहा है। तुम पढ़े लिखे हो तो इसका ये आशय नहीं कि तुम एक अनक्षर पिता को पढ़ाओ। तुम पढ़े लिखे हो ये अच्छी बात है। किंतु तुम इस तरह हमें पाठ पढ़ा रहे हो ये तो कतई नहीं माकूल है। मुन्ना बोला क्षमा कीजिए पिताजी मैं इसलिए कहा कि आप पेड़ काटकर लकड़ी को बाजार में बेचते हैं तो इससे आपको कुछ पैसे मिलते हैं। किंतु पिताजी आपको इतना भान जरूर होने चाहिए। कि आप जो पेड़-पौधे काट रहे हैं। पेड़-पौधों को काटने से क्या होता है आपको पता है। मुशहरी काका बोले नहीं क्या होता है! मुन्ना बोला जंगल काटने से वसुंधरा पर महामारी का उद्भव होता है, यानी कि महामारी आती है, और इससे हज़ारों लोगों की जानें जाती हैं। क्या आप पेड़ काटना बंद नहीं कर सकते हैं! अरे मुन्ना तुम कैसीं बातें कर रहे हो अगर पेड़ नहीं काटूंगा तो घर में तीन वक्त की रोटी जो मिलती है। वह भी रोटी नहीं मिलेगी। और आजकल अपने देश में छोटी नौकरी लेना यानी कि टेढ़ी खीर की भांति है। किसी के पास जाओ नौकरी करने और बोलोगे यहाँ कोई नौकरी मिलेगी क्या! तो बोलता है नहीं नहीं यहाँ कोई नौकरी-वौकरी नहीं मिलेगी। आगे का रास्ता देखो तुम ही बताओ लकड़हारे का पेशा तो कई पीढ़ियों से चलता आ रहा है। अगर मैं यह काम छोड़ दूंगा, तो जो कई पीढ़ियों से ये जड़ें चलती आ रही हैं, वो तो खत्म हो जाएंगी। मुन्ना मुशहरी काका को समझाता है, पिताजी इससे आपकी जड़ ही ना समाप्त होगी। आप स्वयं सोचिए, जब धरती पर महामारी आती है तो हमसब कितने हमवतनों को खो देते हैं। फिर एक छोटी सी जड़ को खो नहीं सकते हैं क्या! जहाँ तक मुझे ज्ञात है कि आपके पिताजी के पिताजी ही लकड़हारे थे। यानी कि सिर्फ हमारे प्रपितामह ही लकड़ी काटकर बाजार में लकड़ी बेचते थे। दो-तीन पीढ़ियां ही यह काम करती थीं, फिर आप कैसे कह रहे हैं कि हमारे खानदान की मूल जड़ ही समाप्त हो जाएगी। मुशहरी काका ठीक है मैं अब से कोई पेड़ पौधों को नहीं काटूंगा। अपितु परदेश जाकर दूसरे काम की तलाश करूंगा। मुन्ना आत्यंतिक प्रसन्न हुआ, और मुशहरी काका मुन्ना से गलबाँही करते हुए कहा मुन्ना बेटा मुझे तुम पर गर्व है। आज तुम्हारी वजह से अपनी विरासत में मिला धन लकड़हारे का पेशा को छोड़ रहा हूँ। तुम वाकई में प्रकृति के संरक्षक हो, हे ईश्वर आपका लाख-लाख शुक्रिया ज्ञापित करता हूँ आपने हमारे घर में एक होनहार बेटा दिया है।।

मो. जमील
अंधराठाढ़ी, मधुबनी (बिहार)