Friday, January 29, 2021

मकड़ी की कहानी

 *दैनिक अयोध्या टाइल्स* 

धर्मेंद्र कुमार पोरवाल अहमदाबाद*
 शहर के एक बड़े संग्रहालय (Museum) के बेसमेंट में कई पेंटिंग्स रखी हुई थी. ये वे पेंटिंग्स थीं, जिन्हें प्रदर्शनी कक्ष में स्थान नहीं मिला था. लंबे समय से बेसमेंट में पड़ी पेंटिंग्स पर मकड़ियों ने जाला बना रखा था.
बेसमेंट के कोने में पड़ी एक पेंटिंग पर एक मकड़ी (Spider) ने बड़ी ही मेहनत से बड़ा सा जाला बुना हुआ था. वह उसका घर था और वह उसके लिए दुनिया की सबसे प्यारी चीज़ थी. वह उसका विशेष रूप से ख्याल रखा करती थी.
एक दिन संग्रहालय (Museum) की साफ़-सफाई और रख-रखाव कार्य प्रारंभ हुआ. इस प्रक्रिया में बेसमेंट में रखी कुछ चुनिंदा पेंटिंग्स (Paintings) को म्यूजियम के प्रदर्शनी कक्ष में रखा जाने लगा. यह देख संग्रहालय के बेसमेंट में रहने वाली कई मकड़ियाँ अपना जाला छोड़ अन्यत्र चली गई.
लेकिन कोने की पेंटिंग की मकड़ी ने अपना जाला नहीं छोड़ा. उसने सोचा कि सभी पेंटिंग्स को तो प्रदर्शनी कक्ष में नहीं ले जाया जायेगा. हो सकता है इस पेंटिंग को भी न ले जाया जाये.  
कुछ समय बीतने के बाद बेसमेंट से और अधिक पेंटिंग्स उठाई जाने लगी. लेकिन तब भी मकड़ी ने सोचा कि ये मेरे रहने की सबसे अच्छी जगह है. इससे बेहतर जगह मुझे कहाँ मिल पाएंगी? वह अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं थी. इसलिए उसने अपना जाला नहीं छोड़ा.
लेकिन एक सुबह संग्रहालय के कर्मचारी उस कोने में रखी पेंटिंग को उठाकर ले जाने लगे. अब मकड़ी के पास अपना जाला छोड़कर जाने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था. जाला न छोड़ने की स्थिति में वह मारी जाती. बुझे मन से उसने इतनी मेहनत से बनाया अपना जाला छोड़ दिया.
संग्रहालय से बाहर निकलने के बाद वह कई दिनों तक इधर-उधर भटकती रही. कई परेशानियों से उसे दो-चार होना पड़ा. वह बड़ी दु:खी रहा करती थी कि उसका ख़ूबसूरत घर भगवान ने उससे छीन लिया और उसे इस मुसीबत में ढकेल दिया.
वह संग्रहालय के अपने पुराने घर के बारे में सोचकर और दु:खी हो जाती कि उससे अच्छा स्थान अब उसे कभी हासिल नहीं होगा. लेकिन उसे अपने रहने के लिए स्थान तो खोजना ही था. इसलिए वह लगातार प्रयास करती रही. आखिर में एक दिन वह एक सुंदर बगीचे में पहुँची.
बगीचे में एक शांत कोना था, जो मकड़ी को बहुत पसंद आया. उसने फिर से मेहनत प्रारंभ की और कुछ ही दिनों में पहले से भी सुंदर जाला तैयार कर लिया. यह उसका अब तक का सबसे ख़ूबसूरत घर था. अब वह ख़ुश थी कि जो हुआ अच्छा ही हुआ, अन्यथा वह इतने सुंदर स्थान पर इतने सुंदर घर में कभी नहीं रह पाती. वह ख़ुशी-ख़ुशी वहाँ रहने लगी.
सीख – कभी-कभी जीवन में ऐसा कठिन समय आता है, जब हमारा बना-बनाया सब कुछ बिखर जाता है. ये हमारा व्यवसाय, नौकरी, घर, परिवार या रिश्ता कुछ भी हो सकता है. ऐसी परिस्थिति में हम अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं या भगवान से शिकायतें करने लग जाते हैं. लेकिन वास्तव में कठिन परिस्थितियों हमारे हौसले की परीक्षा है. यदि हम अपना हौसला मजबूत रखते हैं और कठिनाइयों से जूझते हुए जीवन में आगे बढ़ते जाते हैं, तो परिस्थितियाँ बदलने में समय नहीं लगता. हमारा हौसला, हमारा जुझारूपन, हमारी मेहनत हमें बेहतरी की ओर ले जाती हैं. यकीन मानिये, हौसला है तो बार-बार बिखरने के बाद भी आसमान की बुलंदियों को छुआ जा सकता है।

जो बाइडेन की चुनौतियां

जो बाइडेन अब अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति बन चुके हैं और इसी के साथ अब अमेरिका में बाइडेन युग की शुरुआत हो गई है। अमेरिका के लोगों को बाइडेन से बहुत सी उम्मीदें हैं, जिनको पूरा करने की चुनौतियों का सामना अब अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति को करना है। पहली चुनौती को स्वीकार करते हुए जो बाइडेन को कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब बहुत बड़े और कड़े कदम उठाने होंगे क्योंकि अमेरिका अभी तक कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने में बहुत असफल रहा है। बाइडेन के सामने दूसरी सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की और उसे पटरी पर लाने की है। अर्थव्यवस्था कमजोर हो जाने के कारण अमेरिका का मध्यमवर्गीय समाज प्रभावित हुआ है और इस कारण समाज में बंटवारे और आय की असमानता को दूर करना बाइडेन के लिए तीसरी बड़ी चुनौती बन गया है। अमेरिका की चौथी बड़ी समस्या रंगभेद का मुद्दा है जिसने अमेरिकी समाज को दो वर्गों में बांट दिया है, जिससे वहां सामाजिक सौहार्द बिगड़ चुका है। इस समस्या को दूर करना और अमेरिका में सामाजिक सौहार्द स्थापित करना जो बाइडेन के लिए चौथी बड़ी चुनौती होगा। अभी हाल ही में अमेरिकी संसद में हुई हिंसा के कारण दुनिया के अन्य देशों में अमेरिका की छवि बहुत धूमिल हुई है और अमेरिका की छवि सुधारने की पांचवी चुनौती जो बाइडेन के लिए सबसे कठिन होगी। अब जो बाइडेन को पुनः पूरी दुनिया के सामने अमेरिकी लोकतंत्र का सही स्वरूप पेश करना होगा तभी पिछले दिनों हुई अमेरिका की बदनामी को कुछ हद तक मिटाया जा सकता है। 

      कोरोनाकाल में अमेरिका में बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हुए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2020 में करीब 66 लाख लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था‌। बेरोजगार हुए और नौकरी गंवा चुके लोगों को रोजगार देना बाइडेन के लिए एक बड़ी चुनौती होगा।
       अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कोरोना संकटकाल में अमेरिका की जनता की नाराजगी देखने को मिली है। इसका फायदा डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन को मिला और अब अमेरिकी नागरिकों के विश्वास पर खरा उतरना भी  जो बाइडेन के लिए एक बड़ी चुनौती है।
         पूरी दुनिया आतंकवाद की समस्या से जूझ रही है, फ्रांस और अॉस्ट्रिया जैसे देशों ने इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अमेरिका को कट्टरवाद से बचाना भी बाइडेन के लिए एक बड़ी चुनौती होगा। विदेश नीति को सुधारने की बड़ी चुनौती का सामना भी बाइडेन को करना है। उन्हें दुनिया के अहम देशों का भरोसा जीतना होगा। उन्हें अमेरिकी हितों को ध्यान में रखते हुए, दुनिया में शांति, समृद्धि और विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियां अपनानी होंगी।
        34 वर्षों से जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए प्रयास जारी रखा और 78 वर्ष की आयु में अब वह अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के अपने सपने को पूरा कर पाए हैं। अमेरिका और चीन के रिश्तो में पिछले कुछ वर्षों में कड़वाहट आई है। जो बाइडेन अमेरिका की विदेश नीति को एक नई दिशा देते हुए एक ऐसी रणनीति बना सकते हैं जिसमें एशिया और यूरोप के सहयोगी देशों के साथ चीन को लेकर कॉमन अप्रोच बनाई जाए। बाइडेन चीन को लेकर शायद ट्रंप की तरह आक्रामक ना हों पर इसका अर्थ यह भी नहीं कि उनका रवैया चीन को लेकर नर्म होगा। ऐसी परिस्थितियों में संभव है कि अमेरिका के लिए भारत ज्यादा महत्वपूर्ण हो और चीन की विस्तारवादी रणनीति के खिलाफ अमेरिका का झुकाव भारत की ओर बना रहे।
        अमेरिका के उपराष्ट्रपति और सीनेटर की भूमिका में जो बाइडेन का पाकिस्तान जैसे देशों से गहरा जुड़ाव रहा है। वर्ष 2008 में उन्हें पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'हिलाले पाकिस्तान' से नवाजा गया था। जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बने तब डेमोक्रेटिक पार्टी के शासनकाल में उनका रुख पाकिस्तान और कश्मीर को लेकर नर्म था और वर्ष 1993 से 97 के दौरान जब बिल क्लिंटन अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब भी अमेरिका का रुख पाकिस्तान के प्रति काफी नर्म ही था।
        अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है और वह दुनिया भर के लोगों के दिलो-दिमाग में एक शक्तिशाली विचारधारा के रूप में छाया रहता है। कोई इसे उम्मीदों को सच करने वाला देश मानता है तो कोई विनाश का दूसरा नाम। कोई इसे एक मजबूत और पुराना लोकतंत्र मानता है तो कोई इसे सैनिक तानाशाह मानता है जो दूसरे देशों में घुसकर सैनिक कार्यवाही कर सकता है। कोई अमेरिका को बहुत महत्व देता है तो कोई उस पर अपने संसाधनों को लूटने का आरोप लगाता है। कुल मिलाकर पूरी दुनिया में अमेरिका की सुपर पावर की छवि आज भी मौजूद है। वहां के राष्ट्रपति को दुनिया का सबसे ताकतवर व्यक्ति माना जाता है ऐसे में पूरी दुनिया की नजरें जो बाइडेन पर टिकी हैं।

रंजना मिश्रा ©️®️
कानपुर, उत्तर प्रदेश

कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है , यह तो बहादुर की निशानी है - बापू

कोई भी इंसान महान पैदा नहीं होता है, उसके विचार उसे महान बनाते हैं,विचार और काम की शुद्धता और सरलता ही महान लोगों को आम लोगों से अलग करती है, वे वही काम करते हैं, जो दूसरे करते हैं, लेकिन उनका मकसद समाज में बदलाव लाना होता है । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से हम 'बापू' कहते हैं, महान सोच वाले एक साधारण व्यक्ति थे ,जों  देशवासियों के जीवन  में बदलाव लाना चाहते थे।आइंस्टीन ने  तो महात्मा गांधी के बारे में कहे थे कि हमारा आने वाली नस्लें शायद ही यकीन करे कि हाड़-मांस से बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति भी इस धरती पर चलता-फिरता था। एक साधारण से शरीर में विराट आत्मा के लिए ही तो दुनिया हमारे राष्ट्रपिता को ‘महात्मा’ कहती है , आज बापू का 73 वां शहादत दिवस है।आज के दिन भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर आते हैं ,साथ ही सभी गणमान्य हस्तियां गांधीजी को श्रद्धांजलि देती हैं और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदानों को हम सभी याद किया करते  है। मेरे आत्मीय मित्रों देश का  दुर्भाग्य  ही था कि इस नेता का मार्गदर्शन हम स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अधिक समय तक नहीं पा सके और नाथूराम गोड़से नामक व्यक्ति की गोली से 30 जनवरी 1948 को गांधीजी की जीवनलीला समाप्त हो गई। साथियों वर्तमान  के किसान आंदोलन हो या अन्य मुद्दों पर भी गांधी जी के विचार आज भी कहीं ना कहीं किसी ना किसी कोने से आवाज दे रही है ,हम महात्मा गांधी के सत्याग्रह को युद्ध के नैतिक विकल्प के रूप में देख सकते है। उन्होंने आम जन को यह सिखाया कि सत्याग्रह का प्रयोग समस्या तथा संघर्ष के समाधान हेतु किस प्रकार किया जाता है। गांधी का सत्याग्रह राजनीतिक मुद्दों के निवारण हेतु एक प्रभावी साधन साबित हुआ है। युद्ध और शांति, आतंकवाद, मानवाधिकार, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन,  इसके साथ ही सामाजिक-राजनीतिक अशांति और राजनीतिक-प्रशासनिक भ्रष्टाचार से संबंधित समकालीन चुनौतियों में से कई को गांधीवादी तरीके से हल किया जा सकता है। अतः 21वीं सदी के लोगों के पास अभी भी गांधीवाद से सीखने के लिये बहुत कुछ सीखना बाकी है।


महिला लेखन : स्त्री-अस्मिता का साहित्य

पिछले कुछ दशक में हिंदी साहित्य में स्त्री लेखन का व्यापक प्रस्फुटन एक अनूठी और ऐतिहासिक घटना है। यहां स्त्री लेखन एक सामाजिक सच्चाई और अस्मिता के संघर्ष की चुनौती के रूप में सामने आता है। यह स्त्री के अपने नजरिए से स्त्री लेखन का नया पाठ है। इस साहित्य में स्त्री विमर्श अस्मिता का वह आंदोलन है, जो हाशिए पर छोड़ दिए गए नारी अस्तित्व को फिर से केंद्र में लाने और उसकी मानवीय गरिमा को प्रतिष्ठित करने का अभियान है। यह साहित्य स्त्री को सामाजिक संरचना में दूसरे दर्जे पर रखने का मुखर विरोध और स्त्री को एक जीवंत मानवीय ईकाई के रूप में स्वीकार करने का प्रयास है।


दुनिया के सभी समुदायों, सभ्यता, धर्म, वर्ग और जाति में पितृसत्ता किसी न किसी रूप में मौजूद रही है। सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व्यवस्था और मूल्यों ,मर्यादाओं, आदर्शों और संस्कारों के विभिन्न रूपों के जरिए बड़े बारीक ढंग से इसे समाज की संरचना में बुना गया है। इसके माध्यम से पुरुष को स्त्री की तुलना में श्रेष्ठ स्थापित करने का जो षड्यंत्र रचा गया उसमें स्त्री शोषण को सहज और स्वाभाविक मान्यता के रूप में समाज के मन-मस्तिष्क में बैठाने की निरंतर कोशिश की गई। समय-समय पर विभिन्न शक्तियों से गठजोड़ करके इसने अपना रूप भी बदला, पर इसकी मौजूदगी सामंतवादी व्यवस्था से लेकर पूंजीवादी और अब बाजारवादी व्यवस्था की आतंरिक संरचना में भी अनेक स्तरों पर बनी हुई है। इसका उद्देश्य स्त्री के वास्तविक अस्तित्व और स्वप्नों का सदा के लिए दमन करना और पौरुषपूर्ण वर्चस्ववादी समाज में स्त्री के लिए समानता और न्याय की संभावनाओं को समाप्त करना रहा है।

इन सभी रूढ़िवादी व्यवस्थाओं और सदियों से चल रहे सुनियोजित शोषण-उत्पीड़न के विरुद्ध विश्व भर के वैचारिक चिंतन में नारीवादी विमर्श ने एक नया आयाम और परिप्रेक्ष्य निर्मित किया। 1975 अंतरराष्ट्रीय महिला वर्ष घोषित हुआ। भारत के संदर्भ में भी इसे ऐतिहासिक काल कहा जा सकता है। स्त्री शिक्षा का सभी क्षेत्रों में विकास हुआ, अधिकारों की मांग बढ़ी और आत्माभिव्यक्ति के लिए क्षुब्ध और छटपटाते हृदय ने साहित्य को माध्यम बनाया। राजनीति और समाज के सभी क्षेत्रों में जब महिला सशक्तीकरण का दौर शुरू हुआ तो साहित्य की दुनिया में भी यह एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। महिला-लेखन के केंद्र में स्त्री अस्मिता का संघर्ष, अदम्य जिजीविषा, स्त्री स्वतंत्र, देह और यौन उत्पीड़न के प्रति विद्रोह और स्वयं की पहचान के प्रति जागरूकता के साथ सामाजिक पहलुओं से जुड़े यथार्थ को भी देखा गया। मानवीय संवेदना की गहरी पड़ताल करते हुए सभी वर्ग, वर्ण और जाति की स्त्रियों की अंतरात्मा का अवलोकन करके ये स्त्री रचनाएं पाठकों को स्तब्ध और उद्वेलित कर देती हैं। यह स्त्री-लेखन नारी-शोषण के विरुद्ध परिवर्तन और क्रांति के साथ समकालीन साहित्य में सशक्त हस्तक्षेप भी करता है।

वर्तमान स्त्री लेखन में स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे मूलभूत अधिकारों के लिए संघर्षरत और सक्रिय स्त्री रचनाकार स्त्री-हितों की चर्चा स्वयं करने लगी है और अपनी अस्मिता को पहचान रही है। स्त्री साहित्य अपनी मूल चेतना में उसे पराधीन बनाने वाली इस पितृसत्तात्मक व्यवस्था में निहित विवाह संस्था, धर्म, जाति, वर्ग आदि की स्त्री-विरोधी भूमिका को प्रकाश में लाता है। स्त्री को शक्तिहीन करने की यह प्रक्रिया बेहद सूक्ष्म, जटिल और संश्लिष्ट है, जिसमें स्त्री को कभी किसी संवाद या विवाद का अवसर नहीं दिया गया। स्त्री लेखन इन्हीं प्रश्नों से सीधी मुठभेड़ करके समाज की संकीर्ण मानसिकता से टकराने का जोखिम उठाता है। वह पुरुष को बेहतर सत्ता का मनुष्य मानने वाले समाज से प्रश्न करता है कि स्त्री आधी आबादी है, तो फिर उसे मानवीय गरिमा से वंचित क्यों रखा गया है। आज हिंदी में स्त्री लेखन का साहित्य समृद्ध और पहले की अपेक्षा कहीं अधिक विस्तृत है। स्त्री रचनाकार एक बड़े बदलाव के साथ आत्मविश्वास से अपने सुख-दुख, आक्रोश और असहमति को व्यक्त कर रही है। वह समान नागरिक के रूप में पुरुष से किसी अतिरिक्त दया या सहानुभूति की अपेक्षा नहीं रखती। मात्र देह मुक्ति को विमर्श न मान कर वह बौद्धिक रूप से अधिक सक्षम, सामाजिक रूप से ज्यादा सचेत और परिपक्व है। स्त्री साहित्य में आज की स्त्री के जीवन की वास्तविकताएं, संभावनाएं और दासता की दारुण स्थितियों से मुक्ति की दिशाओं का उद्घाटन हुआ है। स्त्री की अपनी पहचान को स्थापित करते हुए इन रचनाकारों ने यह सिद्ध किया कि समाज मे हर तरह के शोषण और अत्याचार का उपभोक्ता प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से अधिकतर स्त्री ही होती है, चाहे वह धार्मिक कुरीतियां हों, यौन हिंसा या आर्थिक पराधीनता, युद्ध हो या जातिगत दंगे- विवाद, इन सभी का सबसे बुरा प्रभाव स्त्री पर ही पड़ा है। 

स्त्रीवाद की वैचारिकी साहित्य में अत्यंत विश्वसनीय रूप से एक सतत संघर्ष यात्रा और आंदोलन के रूप में निरतंर समृद्ध हो रही है। स्त्री-लेखन सामाजिकता और दैहिकता के प्रश्नों को समांतर लेकर चलते हुए पितृसत्ता पर ठीक उन्ही तर्कों से प्रहार कर रहा है, जो उसके लिए भी अपनी पहचान के सवाल हैं। हिंदी का स्त्रीवादी साहित्य स्त्री को व्यवस्था की गुलामी से मुक्त करके उसे एक आत्मनिर्णायक स्वतंत्र व्यक्ति की अस्मिता के रूप मे स्थापित करने का महत्त्वपूर्ण और सार्थक प्रयास है।


प्रफुल्ल सिंह "बेचैन कलम"
युवा लेखक/स्तंभकार/साहित्यकार

कदाचारमुक्त इंटर परीक्षा संचालन को लेकर जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार ने प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों एवं केंद्राधीक्षक को संयुक्त रूप से किया ब्रीफिंग


मुज़फ़्फ़रपुर (व.सं.) दैनिक अयोध्या टाइम्स।कदाचारमुक्त एवं शांतिपूर्ण इंटर परीक्षा संचालन को लेकर जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर ने स्थानीय सिकंदरपुर स्टेडियम के मैदान में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों एवं केंद्राधीक्षक को संयुक्त रूप से  ब्रीफिंग करते हुए कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा संचालित इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 जिले के 62 परीक्षा केंद्रों पर दिनांक 01.02.2021 से प्रारंभ होकर 13.02.2021 तक दो पालियो में यथा:- प्रथम पाली 9:30 पूर्वाहन से  12:45 बजे अपराहन तक तथा द्वितीय पाली 1:45 बजे अपराहन से 5:00 अपराह्न तक चलेगी।  गश्ती दल के दंडाधिकारी अपने साथ टैग किये गए परीक्षा केंद्रों के निरीक्षण के क्रम में यह भी सुनिश्चित करेंगे कि  केंद्राधीक्षक एवं परीक्षा केंद्र पर प्रतिनियुक्त स्टैटिक दंडाधिकारी /पुलिस पदाधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन समिति के निदेशों के आलोक में सख्ती से करे। परीक्षा केंद्रों के परिभ्रमण के दौरान यदि कोई छात्र/ छात्रा/ अभिभावक/ वीक्षक/ शिक्षक/ प्राध्यापक या कोई भी व्यक्ति स्वच्छ एवं कदाचार रहित वातावरण में परीक्षा संचालन में व्यवधान करते पाए जाएं अथवा किसी तरह के कदाचार में लिप्त हो तो  गश्ती दल के प्रभारी दंडाधिकारी वैसे व्यक्तियों के विरुद्ध बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 के अंतर्गत कार्रवाई कर तत्संबंधी प्रतिवेदन समर्पित करेंगे। अनुमंडल दंडाधिकारी परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर की परिधि में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू करेंगे। 

किसी भी परिस्थिति में 200 मीटर की परिधि में कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति नहीं रहेगा । यदि किसी व्यक्ति द्वारा इसका उल्लंघन किया जाता है तो उन्हें गिरफ्तार कर उन पर आर्थिक दंड लगाया जायेगा। परीक्षा केंद्र के 200 मीटर की परिधि में फोटोस्टेट, चाय, पान दुकान ,किताब की दुकान परीक्षा केंद्र परीक्षा के दौरान बंद रहेगी। किसी भी परीक्षार्थी के पास मोबाइल पाया जाता है तो संबंधित  वीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वीक्षक को भी मोबाइल रखने की अनुमति नहीं होगी। कदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न कराने के संबंध में परीक्षा केंद्र पर विद्यालय के बाहर ब्लैक बोर्ड पर आवश्यक सूचना केंद्राधीक्षक द्वारा अंकित कराया जाएगा। परीक्षा के दिन सभी पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी ,सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी थानाध्यक्ष एवं सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिक्षा विभाग क्षेत्र में  भ्रमणशील रहेंगे एवं कदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न कराएंगे। गश्ती दल के प्रभारी अधिकारी परीक्षा समाप्ति के पश्चात अपने साथ संबंध परीक्षा केंद्रों पर कदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न होने तथा की गई कार्रवाई तथा परीक्षार्थियों के निष्कासन, बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम -1981 के अंतर्गत की गई गिरफ्तारी के संबंध में प्रतिवेदन संध्या 6:00 तक  जिला गोपनीय शाखा एवं अनुमंडल अधिकारी को समर्पित करेंगे। प्रत्येक परीक्षा केंद्र के बाहर एवं आवश्यक स्थानों पर सीसीटीवी लगाया जा रहा है एवम्  वीडियोग्राफी भी कराई  जाएगी। कदाचार मुक्त परीक्षा में बाधा डालने वाले असामाजिक तत्व कैमरे की नजर में रहेंगे। सभी सीसीटीवी कैमरा की निगरानी में रहेंगे।

 वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।जूता मोजा पहन कर परीक्षा केंद्र पर प्रवेश करना वर्जित रहेगा चप्पल की अनुमति होगी। किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मोबाइल पगों, मोबाइल ब्लूटूथ ,पेजर,  कैलकुलेटर आदि रखने को अनुमति नहीं है।

परीक्षा केंद्र परिसर में परीक्षा अवधि में मीडिया कर्मियों का प्रवेश पूर्णता वर्जित होगा।

परीक्षा केंद्र में कोई भी परीक्षार्थी या वीक्षक  मोबाइल फोन लेकर नहीं जाएंगे।

 किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि उस प्रश्नपत्र की परीक्षा समाप्त नहीं हो जाती है।

कोविड-19 के ध्यान में रखते हुए परीक्षार्थी मास्क लगाकर एवं हाथ को सैनिटाइज कर ही परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होंगे।

इस अवसर पर विशेष आवांछिनीय  स्थिति से निपटने के लिए जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना स्थानीय पी आईआर में की गई है जिसका दूरभाष नंबर 0621- 2212377 2216275 है। नियंत्रण कक्ष के वरीय प्रभारी श्री अशोक कुमार अपर समाहर्ता जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी रहेंगे।

सिविल सर्जन मुजफ्फरपुर, जिला अग्निशमन पदाधिकारी पुलिस उपाधीक्षक यातायात सभी को इसके लिए आवश्यक निर्देश दिया गया है।

अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी/ पश्चिम, सभी पुलिस उपाधीक्षक अपने-अपने क्षेत्र में विधि व्यवस्था के संपूर्ण प्रभार में रहेंगे।

श्री राजेश कुमार अपर समाहर्ता अपर जिला दंडाधिकारी तथा बैजनाथ सिंह पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय परीक्षा के दौरान विधि व्यवस्था के वरीय प्रभार में रहेंगे।

 वही अपर समाहर्ता आपदा को इस परीक्षा का नोडल अधिकारी बनाया गया है। 

शांतिपूर्ण व कदाचार मुक्त परीक्षा के आयोजन हेतु 138 स्टैटिक दंडाधिकारियों की प्रतिनयु की गई है।


बड़े पैमाने पर पुलिस बल और पुलिस अधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है।

 18 गस्ती दंडाधिकारी बनाये गए हैं जबकि 06 उड़नदस्ता दंडाधिकारी भी बनाए गए हैं। वहीं सुपर उड़नदस्ता के रूप में जिला पंचायती राज पदाधिकारी मोहम्मद फैयाज अख्तर, डीआरडीए निदेशक चंदन चौहान और  जिला भू अर्जन पदाधिकारी मोहम्मद उमैर की प्रतिनियुक्ति की गई है।

एईएस/ चमकी बुखार के रोकथाम में व्यापक प्रचार प्रसार और जागरूकता अभियान होगा कारगर-डीएम

मुज़फ़्फ़रपुर(व.सं.)दैनिक अयोध्या टाइम्स।समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार की अध्यक्षता में एईएस/चमकी बुखार को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

बैठक में उपविकास आयुक्त,जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, एसकेएमसीएच के प्राचार्य ,एसकेएमसीएच के चिकित्सकगण ,सिविल सर्जन के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ यूनिसेफ और केयर के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। बैठक में एईएस/ चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर सर्वप्रथम विगत वर्ष में किए गए कार्यों से अवगत हुआ गया। साथ ही आगे आने वाले दिनों में और क्या -क्या प्रभावी कदम उठाएं जा सकते हैं इस बाबत गंभीर विचार विमर्श किए गए।

जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने उपस्थित सभी पदाधिकारियों और चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि विगत वर्ष की भांति इस बार भी सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करना सुनिश्चित करेंगे ताकि चमकी बुखार की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सके।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि एईएस पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर विभिन्न कोषांगों के द्वारा किए गए कार्यों के 

अलावे प्रचार- प्रसार -जन जागरूकता कोषांग की अहम भूमिका होगी।

उन्होंने कहा कि सभी परिवारों तक हमें पहुंच बनानी होगी।गाँव ही नहीं बल्कि वार्डो तक पहुंचना होगा। साथ विभिन्न माध्यमों से व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाना होगा ताकि हर व्यक्ति को जागरूक किया जा सके।

बैठक में प्रचार प्रसार जन जागरूकता कोषांग, क्षमता वर्धन एवं प्रशिक्षण कोषांग, चिकित्सीय संसाधन एवं प्रबंधन कोषांग, एंबुलेंस परिवहन कोषांग के साथ अन्य कोषांगों को को पुनर्गठित करने का निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक 15 दिन पर बैठक कर विभिन्न कोषांगों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की जाएगी। 

मुज़फ़्फ़रपुर में घटना को अंजाम देने जा रहे अपराधी को पुलिस ने हथियार और मादक पदार्थों के साथ धर दबोचा

मुजफ्फरपुर, (व.सं.)दैनिक अयोध्या टाइम्स। पुलिस की टीम द्वारा जिले के अहियापुर थाना, कांटी थाना और कटरा क्षेत्र से चार अपराध कर्मियों को पकड़ कर पीठ थपथपा रही है । लेकिन लगातार कई घटनाओं में पुलिस के हाथ अभी खाली है हाल के दिनों में जिस तरह से मुजफ्फरपुर में अपराध कर्मी के पास से गाजा,चरस बरामद की जा रही है उससे यह साफ जाहिर है कि मुजफ्फरपुर में अपराध कर्मी अब शराब के साथ साथ मादक पदार्थों का भी कारोबार शुरू कर चुके हैं लेकिन पुलिस की टीम द्वारा कहीं भी भारी मात्रा में मादक पदार्थ नहीं बरामद किया जा सका है अब तक लेकिन फरार अभियुक्तों के पास से कुछ किलो गांजा या चरस जरूर बरामद कर लेती है मुजफ्फरपुर पुलिस लाख दावे जरूर कर ले लेकर अपराधियों के आगे मजबूर ही दिख रही है जिस तरीके से बेखौफ अपराधी दिन रात जब चाहे जहां चाहे घटना को अंजाम दे देते हैं और बड़े आराम से निकल जाते हैं मुजफ्फरपुर एसपी जयंत कांत ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बताया कि बीते 24 घंटे में पुलिस की टीम को सफलता मिली है चार अपराधियों को विभिन्न स्थानों से आ गया है जिसके पास पुलिस ने एक तीन देसी कट्टा 4 गोली,मोबाइल,तीन बाइक और 1 किलो चरस भी बरामद किया है । आपको बताते चले कि यह चारों अपराध कर्मी बीते कई महीने पूर्व लूट की घटनाओं में वांछित था जिसे पुलिस तलाश कर रही थी लेकिन हाल के महीनों में जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में जिस तरह से लूटपाट और हत्या की घटनाएं हुई है उसमें पुलिस कई कांडों में अभी खाली हाथ है साथ ही साथ पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है कि अब मुजफ्फरपुर में अपराधी कर्मी शराब के व्यवसाय के साथ-साथ मादक पदार्थों का व्यवसाय शुरू कर चुके हैं जिस पर पुलिस की टीम कब लगाम लगाती है यह देखना दिलचस्प होगा जो कि लगातार पकड़े गए अपराधियों के पास से पुलिस गांजा और चरस भी बरामद कर रही है ।

हत्या कांड का एक फरार अभियुक्त को पुलिस गिरफ्तार कर भेजा जेल

गोरौल(वैशाली)संवाद सूत्र,दैनिक अयोध्या टाइम्स,गोरौल पुलिस ने बीती रात पिरोई गांव में छापामारी कर हत्या कांड का एक फरार अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.  बताया गया है कि थाना कांड संख्या - 144 / 2020 के हत्या कांड का फरार चल रहा पिरोई निवासी रूपेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है.

सोंधो मुख्यमार्ग के वभनटोली गांव के निकट सड़क किनारे एक बाइक सवार का शव बरामद

गोरौल(वैशाली)संवाद सूत्र,दैनिक अयोध्या टाइम्स।थाना क्षेत्र के हुसैना- सोंधो मुख्यमार्ग के वभनटोली गांव के निकट सड़क किनारे एक बाइक सवार का  शव  बरामद किया है. मृतक का पहचान भगवानपुर थाना क्षेत्र के प्रतापटांड़ गांव निवासी भूप नारायण सिंह के  42 वर्षीय पुत्र उमेश कुमार के रूप में की गई है. लोगो द्वारा मृतक को सेवा निवृत्त फौजी भी बताया जा रहा था. घटना के सम्बंध में बताया गया है कि शुक्रवार को भले सुबह मृतक रुसुलपुर कोरीगांव निवासी जवाहर पासवान के यहां बकाया रुपया मांगने के लिये बीते रात्रि ही पहुचा था और अचानक गाड़ी खराब हो गयी जिसके कारण वह रात्रि में घर नही लौट सका. शुक्रवार को देर रात्रि मृतक जवाहर पासवान के बाइक संख्या बीआर 31 डब्लू-9788 से घर लौट रहा था कि उसकी बाइक दुर्घटना ग्रस्त हो गयी जिसमे उसकी मौत हो गयी. वही मृतक के भाई सत्येंद्र कुमार के द्वारा दी गयी गोरौल थाने में आवेदन में बताया गया है कि  उसके भाई के गले मे चोट का निशान है जिससे उसकी मौत हो गयी है. जहाँ से शव बरामद हुआ है उसके आसपास के तम्बाकू की फसल भी  पूर्णतः नष्ट हो गया है. सूचना मिलते ही अवर निरीक्षक संजय कुमार सिंह,विकास कुमार ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये सदर अस्पताल भेजा.

   थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि एक शव को बरामद किया गया,जिसे पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही  स्पष्ट हो पायेगा की यह मामला दुर्घटना का है या हत्या का मामला है. हालांकि कई बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है.

Thursday, January 28, 2021

रूपनारायणपुर बाज़ार में सामुदायिक शौचालय उद्घाटन के साथ पीसीसी सड़क का शिलान्यास

सालानपुर : बाराबनी विधायक बिधान उपाध्याय ने गुरुवार को पीसीसी सड़क का शिलान्यास एंव रूपनारायणपुर बाजार में सामुदायिक शौचालय का उद्घाटन किया। मौके पर उपस्थित विधायक बिधान उपाध्याय ने कहा की सालानपुर पंचायत समिति कोष से लगभग 3 लाख रुपये की लागत से रूपनारायणपुर बाज़ार में महिला एंव पुरूष शौचालय का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि NRGS कोष से अचरा ग्राम पंचायत अंतर्गत श्री कृष्णपल्ली में लगभग 10 लाख की लागत से पीसीसी सड़क की निर्माण का आज शिलान्यास किया गया। सालानपुर इलाके में कोरोना के कारण स्थगित बहुत सारे विकास कार्य को पुनः रफ़्तार दिया जा रहा है। मैंने लोगों से जो वादा किया था उसे पूर्ण किया जा रहा है। चुनाव से पहले पहले सभी जर्जर एवं नई सड़कों को जल्द बनाया जायेगा, श्री कृष्णपल्ली के निवासियों ने मुझेसे इस सड़क निर्माण की मांग की थी जो आज पूर्ण हो रहा है।रूपनारायणपुर बाजार में एक शौचालय की बहुत दिनों से मांग थी क्योकि विक्रेता एंव क्रेता दोनो को शौचालय की समस्या से गुजरना पड़ता था, उद्घाटन कार्यक्रम में जिला परिषद कर्माध्यक्ष सह सालानपुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष मोहम्मद अरमान, सालानपुर पंचायत समिति सभापति फाल्गुनी कर्मकार घासी, सह् सभापति विद्युत मिश्रा, सालानपुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस महासचिव भोला सिंह, रूपनारायणपुर प्रधान रानू रॉय, आँचरा प्रधान कल्पना तांती, समेत उपप्रधान एवं पंचायत सदस्य उपस्तिथ रहे।

मारवाड़ी युवा मंच कुल्टी एवं आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा नाड़ी परीक्षण शिविर का आयोजन

कुल्टी : मारवाड़ी युवा मंच कुल्टी  एवम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा 

कुल्टी अग्रसेन भवन धर्मशाला में गुरुवार को नाड़ी परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

   शिविर का शुभारम्भ सर्वप्रथम चिकितसा के माध्यम से मानव एवम राष्ट्रसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए नाड़ी परीक्षण विशेषज्ञ डॉ0 गौरी शंकर मिश्रा को कुल्टी अग्रसेन भवन धर्मशाला कमेटी एवम मारवाड़ी युवा मंच प्रबंधन कमेटी के सदस्यों द्वारा साल एवम बुके देकर सम्मानित किया गया। शिविर के दौरान चिकित्सक एवम विशेषज्ञ डॉ गौरी शंकर मिश्रा ने नाड़ी परीक्षण के माध्यम से लोगो के शारीरिकी बिमारिओ की जांच के साथ उनके उपचार बताया ।

इस संदर्भ में आर्ट ऑफ लिविंग एवम 

शिविर के संयोजक सुरेश कुमार साव ने बताया कि महीने में एकबार शिविर लगाई जाएगी ताकि लोगो को नाड़ी परीक्षण के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिया जा सके।

शिविर में केंदुआ बाजार, रानितलाब, कुल्टी स्टेशन रोड, सियालडंगाल, लालबाजार, इंदिरागांधी कालोनी सहित कुल्टी के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रो  से आये पुरुष एवम महिलाओ ने नाड़ी परीक्षण के माध्यम से अपना स्वास्थ्य जांच कराया । 

  नाड़ी परीक्षण शिविर के दौरान विशिष्ट अतिथियो में अग्रसेन भवन धर्मशाला कमेटी के सचिव राजेन्द्र पोद्दार, संयुक्त सचिव अनूप सराफ, कोषाध्यक्ष अजय खेतान, कुल्टी मदद फाउंडेशन के महासचिव रवि शंकर चौबे, आर्ट ऑफ लिविंग एवम कार्यक्रम के संयोजक बिकाश कुमार बर्णवाल, सुरेश कुमार साव, विकी साव, अमित दास एवं क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति  मौजूद थे।

कीर्तिमान स्थापित करने वाले युवाओ का माइनोरिटी सेल ने किया अपमान,

 विगत दिनो आसनसोल शहर के विभिन्न क्षेत्रो से 9 युवक-युवतियो ने उत्तराखंड स्थित केदारकांठा पर्वत के 12 हजार 500 फिट ऊंचाई पर 112 फिट का तिरंगा लहरा कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था, उनके इस सरहनीय कार्य ने पूरे असनसोल का नाम विश्व मे स्थापित किया है। किन्तु ऐसे महान युवाओ को तृणमूल कांग्रेस माइनोरिटी सेल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम मे अपमानित होने का मामला भी प्रकाश मे आया है। उल्लेखनीय है कि केदारकांठा पर्वत पर तिरंगा लहराने मे आसनसोल, चिनाकुड़ी निवासी गोपाललाल बर्नवाल के पुत्र अमन बर्नवाल के नेतृत्व मे अक्षय प्रसाद, राहुल कुमार पासवान, बिष्णु प्रसाद, साहिल गुप्ता, सोमावती शर्मा, काजल प्रसाद, अलका बाउरी और बहार कुमारी शामिल थी। जानकारी के अनुसार पश्चिम बर्दवान तृणमूल कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग द्वारा मंगलवार को असनसोल अटवाल मोड़ के समीप एक कार्यक्रम आयोजित की गई थी, जहां विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाले युवाओ को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था। आरोप है कि जिस तरह से युवाओ ने आसनसोल का मान बढ़ाया है, वहाँ उस तरह के सम्मान उन्हे नहीं मिले। कार्यक्रम मे उन्हे बैठने तक का स्थान नहीं दिया गया। काफी इंतेजार के पश्चात दो-तीन युवको को मंच पर बुलाकर सेकेंड भर मे ही उन्हे मंच से उतार दिया गया, बाकी युवाओ को बुलाया भी नहीं गया। इस दौरान सभी युवाओ के अभिभावकगण भी मौजूद थे। अमन बर्नवाल के पिता गोपाल लाल बर्नवाल के अनुसार उक्त कार्यक्रम मे राज्य के मंत्री मलय घटक भी उपस्थित थे और उनके समक्ष ही युवाओ का अपमान हो रहा था। उन्होने बताया कि इस अपमान से बच्चे इतने हताश हुये कि सभी ने वहाँ से मिले सर्टिफिकेट फाड़ दिये। उन्होने कहा कि तृणमूल मे लोगो को सम्मान नहीं मिलता यही वजह है कि लोग तृणमूल छोड़ रहे है।

72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सोशल जस्टिस ने समाजसेवी संगठनों को सम्मानित किया

आसनसोल : आसनसोल स्थित माहिशिला कॉलोनी के बैशाखी मैरेज हॉल में मंगलवार को रास्ट्रीय मानवाधिकार एवम शोसल जस्टिस द्वारा भारत के 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पश्चिम बर्दवान जिला के विभिन्न समाजसेवी संगठनों सहित विशिष्ट व्यक्तियो को  सम्मानित किया गया । साथ ही जरूरतमंद लोगों को कम्बल एवम छात्र छात्राओं को पाठ्य सामग्री वितरण किया गया । 

कार्यक्रम का शुभारंभ नेशनल ह्यूमन राइट्स एवम शोसल जस्टिस कमीशन के रास्ट्रीय सचिव सेवक बनर्जी द्वारा 

ध्वजारोहण के बाद दीप प्रज्ज्वलित कर  किया गया । 

    समारोह के दौरान पश्चिम बर्दवान जिला के ख्यातिप्राप्त समाजसेवी संगठन कुल्टी मदद फाउंडेशन के महासचिव रवि शंकर चौबे को

समाजसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड शोसल जस्टिस कमिशन के राष्ट्रीय सचिव सेवक बनर्जी द्वारा मानपत्र एवम मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड शोसल जस्टिस के जिला एवं राज्य स्तरीय सदस्यों को नियुक्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर स्कूली छात्र छात्राओं द्वारा देशभक्ति सांस्क़ृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर लगभग दो सौ जरूरतमंदों महिला एवम पुरुषों को  ठंड से बचने के लिए वस्त्र वितरण किया गया । साथ ही समाज मे शिक्षा के विकाश को बढ़ावा देने  के लिए लगभग 100 स्कूली बच्चों को शैक्षणिक सामग्री,  स्कूल बैग, पुस्तक एवम खाद्य सामग्री प्रदान की गई । इस अवसर पर संस्था द्वारा समाज को जागरूक करने और असहाय लोगों के मदद करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित की गई । इस अवसर पर समाज के वैसे परिवार के साथ खड़े होने के साथ समाज के जरूरतमंद पुरुषों, महिलाओं और बच्चों तक राज्य मानवाधिकार और सामाजिक न्याय आयोग ने शोषित और वंचित पीड़ितों के लिए उनके साथ खड़े होने का संकल्प लिया है। इस अवसर पर

नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड शोसल जस्टिस कमिशन के राष्ट्रीय सचिव सेवक बनर्जी, महिला सेल की इंचार्ज इंद्राणी गुप्ता, सैकत बोस एवम चैताली राय सहित क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति, शिक्षक, चिकित्सक, प्रशासनिक अधिकारी सहित गणमान्य व्यक्ति और सामाजिक कार्यकर्ता विशेष रूप से उपस्थित थे । कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।