Monday, April 12, 2021

जनरेशन गैप की वर्तमान में बढ़ती समस्या - समाधान आपस में ढूंढना जरूरी

बच्चों और अभिभावकों में आपस में मैत्रिता का भाव जगाने की कोशिश होना चाहिए - एड किशन भावनानी


गोंदिया - भारत के प्रधानमंत्री ने जिस तरह बुधवार दिनांक 7 अप्रैल 2021 को परीक्षाओं के संबंध में तथा सभी अन्य मुद्दों पर छात्रों को अनेक मंत्र दिए वाकई काबिले तारीफ हैं। परंतु यह मंत्र केवल उन छात्र-छात्राओं तक ही सीमित नहीं रहेंगे, अब उसमें पीढ़ियों के भी भाव समाहित हुए हैं। जिस तरह से माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने बच्चों और अभिभावकों की जनरेशन गैप और वर्तमान में बढ़ती समस्या पर प्रकाश डाला, यह बात दूर तलक और पीढ़ियों तलक जाएगी, क्योंकि यह एक जीती जागती सत्यता वर्तमान समाज में दिख रही है। अतः आज हम जनरेशन गैप की वर्तमान बढ़ती समस्या और उसके समाधान आपस में ही ढूंढने पर अनेक तर्कों पर चर्चा करेंगे जो कि मूल रूप से प्रधानमंत्री महोदय द्वारा बताए गए मंत्रों का ही सारांश होगा वर्तमान बदलते आधुनिक परिवेश में आज की जनरेशन की पौराणिक कथाओ, कहानियों पर रुचि नहीं है पौराणिक परंपराओं, प्रथाओं, रीति-रिवाजों से भी बहुत बड़ा हिस्सा आज किनारा करने की कोशिश कर रहा है। मेरी यह निजी राय है कि इसका एक बहुत बड़ा कारण आज वर्तमान डिजिटल युग में विभिन्न मोबाइल ऐप्स और अनेक इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्राम सहित वर्तमान परिवेश के की नशीली चीजें, खेल अब शामिल हैं जिसके कारण जनरेशन गैप के विपरीत में बहुत बड़ा बल मिला है, जिसके कारण बच्चे उनमें समाहित हो कर पुराने तौर-तरीकों को नापसंद करते हैं। साथियों, एक सत्यता यह भी है कि, अगर आज के जमाने के बच्चे आधुनिकता सेनहीं परिपक्व होते हैं तो समाज, रिश्तेदार और आस पड़ोस के लोग उन्हें पुराने विचारों और दब्बू किस्म के नौजवान समझते हैं। इन परिस्थितियों में हम अभिभावकों की जवाबदारी बहुत बढ़ जाती है। हमें अब जनरेशन गैप की कड़ी को समझना होगा याने बच्चे अनुशासन, मर्यादा, सटीक हो बिगड़े नहीं, इसके कारण अनेक आधुनिकता के सही प्रयासों में उनका साथ देना होगा। अपने पुराने विचारों से कुछ हद तक पीछे हटना होगा। बच्चों में अगर असभ्य और अनैतिक आचरण समाहित है तो उनसे वह सख्ती से छुड़वाना होगा। याने आज के युग में पालकों को अभिभावकों को एक रणनीतिक के तहत बच्चों का मार्गदर्शक, दोस्त, साथी ,  सलाहकार सब बनना होगा। और उनसे ऐसा माहौल पैदा करना होगा कि उनके समझ में बात आ जाए कि मेरे अभिभावक जो कर रहे या कह रहे हैं वह सत्य है। साथियों, बच्चों की उम्र का एक दौर ही ऐसा होता है कि, किसी भी परिस्थिति में हम उसका दोष कोई नहीं निकाल सकते क्योंकि एक निश्चित उम्र तक यह दौर ऐसा होता है कि हमारा बच्चा केवल बच्चा बनकर ही रहता है। आगे तो हमको ही सोचना होता है, वह तो केवल बच्चा समझकर ही छूट जाता है। और जब उनकी उम्र का तकाजा परिपक्व हो जाता है तो, बात उन्हें समझ में आ जाती है। और इस परिपक्वता तक के समय का हर अभिभावक या पालक को संयमता से इंतजार करना होता है। बच्चों को मार्गदर्शन , अच्छी सीख, सलीका अच्छी आदतें, अच्छे विचार अच्छे कार्य, को सिखाने का काम करना होता है और आज के दौर में तो यह सब प्लानिंग और रणनीति के तहत करना होता है ताकि सटीकता से काम भी हो जाए और बच्चों की को हवा भी न लगे कि क्या हो रहा है। आज अगर हम अपने बचपन और अभिभावकों  की बात करें, और तुलना करके देखें तो बहुत बड़ा फर्क हम महसूस करेंगे। क्योंकि दशकों पहले का दौर कुछ और था अभी वर्तमान दौर कुछ और है। हमारे अभिभावक जिस प्रकार से हमारे साथ कड़ाई, गुस्सा या दंड दिए जाने का दौर था और हम वर्तमान जनरेशन के साथ ऐसा नहीं कर सकते। एक मेरी अपनी सोच और सटीक विचार है कि दशकों पूर्व अभिभावकों की अपनी नेक्स्ट जनरेशन में चलती थी, वह बात आगे हम अपने नेक्स्ट जनरेशन में नहीं चला सकते, दूसरे शब्दों में दशकों पूर्व हम अपने अभिभावकों का बहुत सम्मान करते थे आज की जनरेशन में वह गुण कम दिखाई दे रहा है। अतः अगर हम सभी मुद्दों की चर्चा के परिपेक्ष में विश्लेषण कर निष्कर्ष निकालेंगे तो हम पाएंगे कि वर्तमान जनरेशन के साथ हमको केवल अभिभावक, सटीक दोस्त, साथी ,बच्चा, मार्गदर्शक, सभी रूपों में उनके साथ खड़ा होना पड़ेगा उनकी नई सोच के साथ को कुछ हद तक हामी भरनी पड़ेगी और उनके विचारों के साथ कुछ हद तक खड़ा होना पड़ेगा। परंतु यह विशेष ध्यान रखना होगा कि कहीं हमारे बच्चे मर्यादा की सीमा ना लांघे,अश्लील हरकतें ना करें सामाजिक व्यवस्था, आर्थिक सजगता, नैतिक मूल्य, स्कूल कॉलेज प्रशासन की मर्यादा, में कहीं भी चूक ना करें। यह अगर  हमने कर दिया तो समझो जीवन की जंग जीत गए और बच्चे सुदृढ़ हो अपना जीवन समग्रता से व्यतीत करने हमारे ध्यान रखने में जरूर काबिल होंगे।

-संकलनकर्ता-लेखक कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुख दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

आलोचना मानव जीवन का एक अभिन्न गुण _

आलोचना मानव जीवन और व्यवहार की एक अभिन्न विशेषता है। यही कारण है कि मनुष्य अपने जीवन में सही और गलत चीजों को सत्यापित करने और निरंतर सीखने की प्रवृत्ति को बनाए रखने में सफल होता है। दुनिया में सबसे अच्छे लोगों की आलोचना की गई है। उन्होंने अपने जीवन से मिली सीख को आत्मसात किया है, लेकिन सभी लोग आलोचना से नहीं सीख सकते। आलोचना भी बदलती है। यह रचनात्मक या नकारात्मक हो सकता है। जब हम आलोचना के बारे में बात करते हैं, तो हमारे मन में अक्सर नकारात्मक भावनाएं होती हैं और हम रक्षात्मक होते हैं, लेकिन यह स्थिति हमेशा अच्छी नहीं होती है। प्रतिक्रिया करने से पहले आलोचना की प्रकृति को समझना आवश्यक है।

 
नकारात्मक आलोचना हमेशा आत्म-सम्मान को नुकसान पहुंचाने, अपमानित करने या आत्मविश्वास को कम करने के उद्देश्य से अज्ञानता या ईर्ष्या से जुड़ी है। इसलिए, एक व्यक्ति को धैर्यपूर्वक अनदेखा किया जाना चाहिए और अनदेखा किया जाना चाहिए क्योंकि अधिकांश पेड़ एक ही पेड़ में मारे जाते हैं, जो अधिक फल देता है। दूसरी ओर, व्यक्ति के समर्थन के उद्देश्य से सकारात्मक या रचनात्मक आलोचना की जाती है। इस आलोचना को एक सीमित दायरे में व्यक्ति के आत्म-सम्मान को नुकसान पहुंचाए बिना किसी व्यक्ति की गलतियों, विफलताओं और दोषों को ठीक करने के सुझाव के रूप में समझा जाता है, जो एक प्रेरक के रूप में भी कार्य करता है। इस आलोचना से प्राप्त प्रेरणा व्यक्ति के भीतर एक सकारात्मक भावना पैदा करती है जो विश्वास को मजबूत करती है। इससे व्यक्ति की हीनता, विश्वास और कार्यक्षमता में गिरावट नहीं होती है।

रचनात्मक आलोचना से आशय की आलोचना के बजाय कार्य और शैली की आलोचना होती है, और महान आत्मसम्मान वाला व्यक्ति हमेशा नकारात्मक आलोचना को नजरअंदाज करके रचनात्मक आलोचना स्वीकार करना सीखता है।

प्रफुल्ल सिंह "बेचैन कलम"
युवा लेखक/स्तंभकार/साहित्यकार
लखनऊ, उत्तर प्रदेश

Monday, April 5, 2021

अपराधी ने युवती को दिनदहाड़े गोली मारकर की हत्या

परसा थाना क्षेत्र के बनकेरवा परसौना पथ पर आर के आर चेमनी के पास 23 वर्षीय युवती प्रमिला कुमारी को अज्ञात अपराधी ने गोली मार कर हत्या कर दी। घटना सोमवार के सुबह करीब पांच बजे की आसपास की बताई जा रही है। जब युवती अपने घर पास की गांव में टयूशन पढ़ाने के लिए जा रही थी। तभी अपराधी ने महज घर से पांच सै गज की दूरी पर सुमसन जगह पर हत्या कर दी उसके बाद खबर आग की तरफ पूरे आसपास की गांव में फैल गई और देखते ही देखते हजारों लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई और लोगों ने पुलिस  को घटना की सूचना दी।सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा,सोनपुर डीएसपी अंजनी कुमार मौके पर पहुँचे और घटना की परिजनों से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि शव देखने के बाद प्रतीन होता हैं कि अपराधी पहले बातचीत किया होगा उसके बाद नजदीक से युवती के सर में दो गोली और पैर में भी गोली मार दी है। अपराधी किस कारण हत्या किया और इतना सुबह बैदल टयूशन पढ़ाने जा रही थी कि कही और जा रही सभी विषयों पर पुलिस छानबीन कर रही है स्थानीय लोग भी कुछ भी बताने से बच रही हैं जांच के बाद ही घटना के बारे में कुछ भी कहा जा सकता है घटना स्थल से गोली के एक खोला एक जोड़ा चपल भी बरामद हुई हैं।मामले की गम्भीरता से पुलिस जांच में जुट गई है और अपराधी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। वही मृत्तिका के परिजनों ने बताया कि प्रतिदिन की तरह आज भी सुबह करीब पांच बजे घर से टयूशन पढ़ाने जा रही थी तभी अपराधी ने गोली मार कर हत्या कर दी। घटना के बाद परिजनों का रोते रोते बुरा हाल है

अपराध की योजना बना रहे तीन अपराधियों को पातेपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

पातेपुर (वैशाली) संवाददाता दैनिक अयोध्या टाईम्स फोटो।

पातेपुर थाना क्षेत्र के रमौली मन के पास से पातेपुर थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर अपराध की योजना बना रहे तीन  अपराधी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गिरफ्तार अपराधियो के पास से पुलिस ने दो कट्टा, चार जिंदा कारतूस, चार लूट की मोटरसाइकिल समेत 25 हजार रुपये नगद बरामद की है । वही पुलिस द्वारा छापेमारी के दौरान चार अन्य अपराधी भागने में सफल रहे।

                  प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को पातेपुर थाने की पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि थाना क्षेत्र के रमौली मन के पास फाइनांस कंपनी के कर्मी को लूटने के उद्देश्य से जुटे कुछ अपराधी फाइनांस कर्मी को लूटने की योजना बना रहे है। सूचना मिलते ही  थानाध्यक्ष रामशंकर कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे जहां पुलिस को देखते ही सभी अपराधी भागने लगे। भागने के क्रम में बल के सहयोग से पुलिस द्वारा तीन अपराधियो को पकड़ लिया गया। मौके पर पकड़े गए अपराधियो की तलाशी के दौरान पुलिस ने अपराधियो के पास से दो देशी कट्टा, चार जिंदा कारतूस, फाइनांस कर्मी से लुटा गया दो टैब, दो बायोमैट्रिक मशीन, 25 हजार रुपये नगद तथा मौके पर खड़ी लूट की चार मोटरसाइकिल बरामद की है। पुलिस गिरफ्त में आये चंदन पासवान बलिगांव थाना क्षेत्र के पंचायत गाछी गांव निवासी वीरा पासवान का पुत्र है। जबकि दूसरा अपराधी उक्त गांव निवासी बसंत पासवान का पुत्र राकेश पासवान है। वही तीसरे अपराधी की पहचान थाना क्षेत्र के खेसराही गांव निवासी फूलों सहनी का पुत्र रमेश सहनी के रूप में हुई है। गिरफ्तार तीनो अपराधियो से पातेपुर थाने में गहन पूछताछ के क्रम में पुलिस को बताया कि भागने वाले अपराधियो में श्रवण सहनी, अरविंद सहनी, सनोज सहनी तथा टुनटुन सहनी बताया गया है। पुलिस फरार अपराधी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।