Tuesday, May 18, 2021

मृत्यु का अमृत भाव

यह जीवन मूल रूप में अमरता की ही यात्रा है। जीवन को यदि सरलतम ढंग से कहा जाय तो यहीं कहेंगे कि यह वह अवस्था है जिसमें जीवित होने का भाव होता है। इस भाव के अन्तरगत प्राणी अपनी इन्द्रियों द्वारा विभिन्न व्यवहार करता है। उपनिषद का यह सूत्र कहता है कि हमे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो। यह पूरा सूत्र नही हैं। इसके पूर्व सूत्र कहता है कि असत्य से सत्य की ओर, अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो। जब यह दोनों बातें घट जाँय तो तीसरी बात बहुत सरल हो जाती है। जब सत्य और प्रकाश मिल जाते हैं तो मृत्यु अमरता में परिवर्तित हो जाती है।

मृत्यु भयभीत करती है। व्यक्ति को मरने में मात्र क्षणभर या उससे भी कम समय लगता है किन्तु मृत्यु की पूर्वसूचना पूरे जीवन साथ चलती रहती है। मृत्यु की अनुभूति और उसका शब्द सम्प्रेषण भी असम्भव है ; क्योंकि यह वह घटना है जिसमें आप समूचे घट जाते हैं। आपका समूचा व्यक्त चला जाता है। चेतना की यात्रा रह जाती है। किन्तु चेतना जिससे अभिव्यक्त होती है, वह समाप्त हो जाता है। इस भय को सनातन दर्शन ने बरसों पहले समझा था। सनातन की जो सूक्ष्म दृष्टि है उसका पूरा बल इसी बात पर है कि व्यक्ति का जीवन कैसे सुखमय और भयमुक्त हो। वह इस जीवनकाल में ही अमृत की बात करता है। प्राणी इसी जीवन-वृत्त में, पूर्ण जागरण में ही अमरता को अनुभूत कर सकता है।

अमरता क्या है ? अमरता यह नही कि हम मृत्यु को प्राप्त ही नहीं होंगे, अपितु यह कि मृत्यु के पश्चात भी इस अविच्छिन्नता में, इस नैरन्तर्य में, हम सदा ही रहेंगे। इस निरंतरत्व में हमारा अस्तित्व समाप्त होगा भी तो कैसे ? इसके समाप्त हो जाने का कोई उपाय, कोई सम्भावना तो नही दिखती ! इस ज्ञात जीवन की छोटी सी अवधि का व्यतीत हो जाना भर मृत्यु तो नही है ! हमारे ऋषि जीवन को ही उत्तरोत्तर सम्भावना मानते हैं। 

हमारे चतुर्दिक ऐसे विचार आवें जो कल्याणकारी हैं, जिन्हें दबाया न जा सके, जिन्हें बाधित न किया जा सके और वह जो अज्ञात है उसको प्रकट करने वाले हों। हमारी रक्षा में सदैव तत्पर रहने वाले, प्रगति को बढाने वाले देवता प्रतिदिन हमारी वृद्धि को तत्पर रहें। अब जो अज्ञात है उसको प्रकट करने वाले विचारों की अभ्यर्थना ही अमरता की पुकार है।
व्यक्ति सूक्ष्म का अन्वेषण नहीं करता। वह जो बचा है उसको देख हर्षित नही होता। वह जो चला गया और कोटि प्रयास के उपरान्त भी आने वाला नही है, उसमें ही निर्विष्ट रहता है। दुःख प्रबल होता है और उससे प्रबल होती है दुःख  की छोड़ी गयी प्रातिच्छाया। इस प्रातिच्छाया को पाटना सरल नहीं होता। किन्तु दुख को छाती से चिपका लेने से कुछ नहीं बदलता। हाँ दुख इतना भ्रम अवश्य दे देता है कि व्यक्ति उसी से लुबधा जाय।

व्यक्ति जीवन पर्यन्त प्रक्रमण करता रहता है। एक मृत्यु ही है जिसको ढूँढने की आवश्यकता नही होती। वह स्वयं ढूँढ़ लेती है। मृत्यु अविद्यमान है। जीवन प्रत्यक्ष है। जीवन प्रकृतिस्थ है। जीवन की प्रकृतिलय ही मृत्यु है। मानवता के इतिहास में जीवन के हार जाने का कहीं कोई उदाहरण नही मिलता। जीवन तो तंकन में भी अक्षुण्ण है। इसे ऐसे ही जीना चाहिये
मैं ऐसे ही जीवित मर जाता हूँ। जीवन को बचा ले जाता हूँ। पिव को देख दिखाकर आनन्द पाता हूँ। समय का यह चक्र तपनीय है। काल का यह अंकपरिवर्तन भी अस्थायी है। वह पुनः करवट बदलेगा। 

प्रफुल्ल सिंह "बेचैन कलम"
युवा लेखक/स्तंभकार/साहित्यकार
लखनऊ, उत्तर प्रदेश

Monday, May 17, 2021

नारायणी नदी में बहते हुए देखी गयी लाश

सारण (ब्युरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक आयोध्या टाईम्स 

सोनपुर--- सूबे के कई जगहों पर गंगा नदी में कई शव मिलने के बाद जहाँ सरकार एक्शन मूड में है वहीं दूसरी  सोनपुर के गंगा- गंडक के संगम नारायणी नदी स्थल के थोड़ी ही दूरी पर गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम ,नौलखा मंदिर के समीप रविवार को शव देखे जाने से सनसनी फैल गई।नदी मे बहते शव को देखने के लिए कुछ लोग गंडक नदी घाट पर इकट्ठा हो गए। शव धीरे-धीरे नदी में बहते हुए काफी दूर निकल गया। इस संबंध में पूछे जाने पर हरिहरनाथ ओपी प्रभारी बिभा रानी  ने बताई की पुलिस को नदी में शव देखे जाने की सूचना नहीं है। वही शव नदी में यहाँ कहां से आया इस बात की चर्चा लोगों में खूब हो रही है लोगो मे यह भी बात उठ रही हैं कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद अगर नदी में प्रभावित किया गया है ऐसे में संक्रमण फैलने की आशंका है। 

बता दे कि गंगा नदी में बड़ी संख्या में लावारिस शव मिलने के बाद राज्य सरकार एक्शन में है। गृह विभाग ने शवों की अंत्येष्टि को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किया है।जारी दिशा-निर्देशों के तहत शवदाह स्थलों या अन्य किसी स्थान पर शवों को बिना जला, अधजला या बिना दफनाया हुआ नहीं छोड़ा जाएगा। लावारिस शव मिलने पर नियम के तहत सम्मानपूर्वक अंत्येष्टि की जाएगी। शवों के अंतिम संस्कार के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सहायता जिसमें कोरोना मरीज के शव या लावारिस शव का बिना शुल्क अंत्येष्टि, बीपीएल को मिलनेवाला कबीर अंत्येष्टि अनुदान लाभुकों को दिलाना सुनिश्चित करने को कहा गया है।इसके अलावा निजी अस्पताल से समन्वय बनाकर शवों की पूर्ण अंत्येष्टि सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही, शवदाह स्थलों, घाटों पर पुलिस की तैनाती करने और शवों के सम्मानपूर्वक अंत्येष्टि को जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है।

सोनपुर थाने में 8 वाहन जप्त किये गए

सारण( ब्युरो चीफ  )दैनिक अयोध्या टाइम्स 

सोनपुर -- सोनपुर अनुमंडल क्षेत्र में लगातार अवैध बालू खनन करते हुए बालू माफियाओं का वर्चस्व इतना तेज है कि वह दिनदहाड़े खुलेआम प्रशासन को चुनौती दे रही है और प्रशासन मूकदर्शक बने हुए  है  तभी तो बालू कारोबारी  लगातार क्षेत्र में  अबैध रूप से बालू खनन करते हुए शाम ढलते ही ट्रकों का परिचालन शुरू हो जाती है तो वही दूसरी ओर  छोटे--छोटे नाबालिक बच्चों के द्वारा गाड़ी का परिचालन कर रहे हैं जिसके कारण  सड़क मार्ग पर आए दिन घटना- दुर्घटना और कितने की मौत हो रही है लेकिन स्थानीय प्रशासन कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं ऐसे में  मीडिया के माध्यम से प्रशासन को कुंभकरण  नींद में सोए हुए को जगाने की कोशिश की गई ।  स्थानीय प्रशासन  से लेकर जिला के जिला अधिकारी तक नींद खुलते  सोनपुर अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न बालू घाटों से ओवरलोडेड बालू लदे ट्रकों के खिलाफ सोनपुर प्रशासन ने रविवार के  देर शाम NH19 पर बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान आधे दर्जन से ऊपर ओवरलोडेड ट्रकों पर लगभग 55 लाख 37 हजार रुपए जुर्माना किया गया। छापेमारी के बाद बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया। छापेमारी अभियान में सोनपुर के एसडीओ सुनील कुमार एडिशनल एसपी अंजनी कुमार एमवीआई ऑफिसर माइनिंग पदाधिकारी समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे । मालूम हो कि जिले में ओवरलोडेड बालू लदे वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। यहां के सबलपुर पंचायत के विभिन्न घाट, गंगाजल टोला, परमानंदपुर कल्लू घाट,डोमवा सैदपुर घाट, पहलेजा घाट, महदल्ली चक एलसीटी घाट, नयागांव के विभिन्न बालू घाट के अलावा दिघवारा थाना क्षेत्र के कई बालू घाटों पर सैकड़ों ट्रक से बालू का परिचालन होता है। अवैध परिचालन से सरकार के राजस्व की महीना में करोड़ों रुपए की क्षति पहुंचती है। इसे लेकर बीते दिनों जिला प्रशासन की काफी किरकिरी हुई। सारण के डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए अनुमंडलीय प्रशासन को छापेमारी करने का निर्देश दिया है। इसी को लेकर यह बड़ी कार्रवाई की गई। एसडीओ ने बताया कि सोनपुर थाने में 8 वाहन जप्त किये गए । 9  ट्रक मालिको के खिलाफ अवैध खनन को लेकर प्रथमिकी दर्ज की गयी है ।  यह छापेमारी अभी अनवरत चलता रहेगा।

पुत्र वधू एवं पौत्र के अपहरण कर लिए जाने का मामला दर्ज

राजापाकर (वैशाली )संवाददाता, दैनिक अयोध्या टाइम्स

थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर गांव से बीते शुक्रवार 14 अप्रैल की रात्रि को एक विवाहिता समेत 1 वर्ष के नाबालिक लड़के का अपहरण कर लिए जाने का मामला स्थानीय थाना में दर्ज किया गया है। आवेदन में राजापाकर थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर ग्राम निवासी स्वर्गीय नंदलाल सिंह की पत्नी कलावती देवी ने अपने आवेदन में बताई है कि बीते शुक्रवार की रात्रि लगभग 10:30 बजे थाना क्षेत्र के छावनी टोला निवासी लालबाबू सिंह का पुत्र मोनू कुमार एवं दिनेश सिंह का पुत्र अर्जुन कुमार गलत नियत से मेरी पुत्रवधू वंदना सिंह एवं पौत्र आरव सिंह 1 वर्ष का अपहरण कर ले भागा है ।काफी खोजबीन किया गया लेकिन कोई सुराग नहीं मिलने पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

सोनपुर रेलवे लोको शेड में एक अज्ञात शव का जीआरपी ने किया बरामद।

सारण (ब्युरो चीफ)  दैनिक अयोध्या टाइम्स 

सोनपुर--- सोनपुर रेल मंडल के अंतर्गत सोनपुर रेलवे डेमू सेट में एक सवारी गाड़ी से मृत अवस्था में एक अज्ञात शव को जीआरपी ने सोमवार को बरामद कर लिया ।  रेल थानाध्यक्ष जय सिंह टीयू ने बताया कि  डेमो सेट में लगे सवारी गाड़ी में से मृत शरीर की दुर्गंध आ रहा था जिससे कर्मचारियों ने इसकी जानकारी दी ।  डेमू शेड में  जाने के बाद मृत अवस्था में 50 वर्ष के करीब 1 युवक की लाश पाई गई जिसे बरामद करते हुए पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेज दिया गया वहीं उपस्थित कर्मचारियों ने बताया कि समस्तीपुर से सवारी गाड़ी 14 मई को खाली ट्रैक आई थी जहां उसे साफ सफाई के लिए रखी गई थी जहां सोमवार को काफी डब्बे से दुर्गंध आ रही थी यहां देखने के बाद एक मृत अवस्था में एक युवक की लाश दुर्गंध आ रही थी जिसकी सूचना सोनपुर जीआरपी एवं आरपीएफ को दी गई ।

शादी करने की नियत से एक 15 वर्षीय लड़की का अपहरण, नामजद प्राथमिकी दर्ज

राजापाकर( वैशाली) संवाददाता, दैनिक अयोध्या टाइम्स

राजापाकर  थाना क्षेत्र के भाथादासी गांव की एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के अपहरण के संबंध में लड़की की मां ने थाने में सोमवार को  प्राथमिकी कराई  है। दर्ज प्राथमिकी में  लड़की की मां नीलम देवी पति देव लाल राम  ने बताई है कि मेरी 15 वर्षीय नाबालिग पुत्री  करिश्मा कुमारी को ग्रामीण अंकेश कुमार  पिता स्वर्गीय युधिष्ठिर सिंह वो  भाई मनीष कुमार व सहयोगी मुकेश कुमार पिता भूलन सिंह सहित पांच नामजद  ने मिलकर  एक साजिश के तहत शादी करने तथा अनैतिक कार्य की नियत से अपहरण कर किसी चार पहिया वाहन से  लेकर भागा है। काफी खोजबीन की  लेकिन मेरी पुत्री का अभी तक कोई  पता नहीं चला । मैं गरीब महादलित वर्ग  से आती हूं ।आवेदन में थानाध्यक्ष महोदय से जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है। मामले  के अनुसंधानक पंकज कुमार शर्मा बनाए गए हैं। घटना 13 मई की सुबह 5 बजे की बतायी गई है।

दैनिक अयोध्या टाईम्स के खबर का दिखा असर नरकटियागंज अनुमंडल प्रशासन ने कि कार्यावाही

नरकटियागंज संवाददाता दैनिक अयोध्या टाईम्स : -नरकटियागंज थाना क्षेत्र के मथुरा चौक पर सरकार और प्रशासन के जारी गाईडलाईन के निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा था । सभी दुकानदार निर्धारित समय के बाद भी दुकान खोलकर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे थे किसी में ना तो  संक्रमण फैलने का डर था और ना ही प्रशासन का भय जब नरकटियागंज अनुमंडल प्रशासन को दैनिक अयोध्या संवाददाता द्वारा छापी खबर की जानकारी हुई तो अनुमंडल पदाधिकारी व पुलिस अधिकारियों द्वारा मथुरा चौक पर सख्त कार्यावाही कि गई सभी दुकानदारो को हिदायत दी की जो दुकानदार लॉकडाउन का उल्लंघन करते पकड़ा गया या निर्धारित समय के बाद दुकान खोला पाया गया तो उसके उपर कड़ी कार्यवाही करते हुऐ दुकान को सील और दुकानदार पर FIR दर्ज कर जेल भेज दिया जायेगा। अनुमंडल पदाधिकारीयों ने सभी लोगों से अपील किया कि बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुऐ सभी व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारीयों को समझे सरकार द्वारा जारी दिशा- निर्देशों का शत - प्रतिशत अनुपालन सख्ती के साथ करें लापरवाही करने से बचे अपने और दूसरो को संक्रमित होने से बचायें ।

दिमाग ठंडा, दिल में रहम, जुबा नरम हो, आंखों में शर्म हो, तो सब कुछ तुम्हारा है

भारत माता की मिट्टी में मानवीय संस्कारों का भंडार - आपातकाल में इन संस्कारों का तात्कालिक उपयोग जरूरी - एड किशन भावनानी

गोंदिया - विश्व में अगर माननीय संस्कारों, मानवीय मूल्यों, परोपकार, धार्मिक आस्था, करुणा  दया, दिल में रहम, जुबान नरम इत्यादि अनेक शब्दों से हम मानवीय संस्कारों की व्याख्या कर सकते हैं जो भारत की मिट्टी में कूट-कूट कर भरी है। साथियों, मेरा ऐसा मानना है कि भारत में जन्में व्यक्ति के अंदर दया दृष्टि, परोपकार, धार्मिक आस्था, सामाजिक सहयोग, इत्यादि अनेक गुण जरूर भरे होंगे। हालांकि इसके विपरीत बहुत कम प्रतिशत ऐसे लोग मिलेंगे। परंतु मैं विश्वास से कह सकता हूं कि उनमें भी बेसिक गुण आंतरिक रुप में रग रग में समाए हैं। बस जरूरत है उनका उपयोग करने की।भारत में जन्मे मानव की अंतरात्मा कहीं ना कहीं, कभी ना कभी, भारतीय संस्कारों के मूल्यों को लेकरजागृत जरूर है या एहसास जरूर दिलाती है। उन विपरीत लोगों के दिल में कहीं ना कहीं कभी ना कभी जरूर आएगा कि हम गलत थे। बस यही प्रमाण मिल जाता है कि भारतीय मिट्टी में ही मानवीय संस्कारों की जड़ कूट-कूट कर भरी है। इसका जीता जागता उदाहरण वर्तमान भारतीय संकटकालीन स्थिति कोरोना महामारी की दूसरी लहर की पीक स्थिति में हमें देखने को भी मिल रहा है कि किस तरह अनेक सामाजिक संस्थाएं, पड़ोसी, अनजान शख्स, इस संकटकालीन स्थिति में एक दूसरे का साथ देकर मानवता का परिचय दे रहे हैं। इस आपातकाल के समय में हर भारतीय नागरिक का यह कर्तव्य हो गया है कि दिमाग ठंडा, दिल में रहम, जुबा नरम, आंखों में शर्म, जैसे मानवीय मूल्यों को सजगता, संयमता, सुदृढ़ता, सक्रियता, संकल्प के रूप में, सकारात्मकता के साथ, एक अनिवार्य कड़ी के रूप में अपनाएं। हमारे पास इस आपातकाल में भी अवसर है कि इन अनमोल मानवीय मूल्यों को अपने ऊपर हावी करें ताकि हमें भविष्य में इन मानवीय मूल्यों का लाभ मिले। हालांकि आज पूरे भारत पर यह संकटकालीन, आपातकाल आया है कोरोना महामारी के रूप में, लेकिन भविष्य में अगर किसी के ऊपर कोई निजी रूप से भी इस तरह के संकट की घड़ी आती है तो इन उपरोक्त मानवीय मूल्यों, संस्कारों, मंत्रों, के बल पर अपने निजी या व्यक्तिगत विपरीत परिस्थिति से जंग भी जीत सकते हैं।... बात अगर हम दिमाग ठंडा, रखने की करें तो सारी विपरीत परिस्थितियों विपत्तियों, आपातकाल, परेशानियों  से जंग जीतने का यह कारगर और सटीक मंत्र है। दूसरे शब्दों में गुस्सा विपरीत परिस्थितियों का यह, खाद, पानी है। स्वाभाविक रूप से ऐसी मुश्किलों में मानव को गुस्सा आता ही है और अपना आपा खो बैठता है जो उसके इस मंत्र से हारने का कारण बनता है। मेरा मानना है कि हर अपराध का बेसिक कारण गुस्सा है जिसमें मनुष्य अपने आपे से बाहर होकर कुछ कर बैठता है फिर पछतावा होता है।... बात अगर हम दिल में रहम, की करें तो यह मंत्र भारतीय मिट्टी ने ही हमको दिया है। दूसरों की विपत्तियां, परेशानियां देख कर हमारे मन में मानवता जगती है, जिसमें उन विपत्तियों में घिरे लोगों की सहायता करने का भाव उत्पन्न होता है, जो हम अभी कोरोना काल में देख रहे हैं कि आज हर भारतीय एक दूसरे की सहायता करने उमड़ पड़े हैं कोई औपचारिक रूप से, तो कोई अनऔपचारिक रूप से याने छिपे रूप से सहायता कर रहे हैं। अतः हर मानव के दिल में रहम काभाव पालना नितांत आवश्यक व जरूरी है।....बात अगर हम जुबा नरम, होने की करें तो यह मंत्र भी भारतीय मिट्टी से ही उत्पन्न संस्कारों से मिलता है मुंह से अल्फाज हमेशा मीठे निकालें, कटु अल्फाज हमेशा कटुता और दुश्मनी को बढ़ाने का काम करते हैं। जो कम से कम भारतीय तो कभी नहीं चाहेंगे। हमेशा मुंह से शब्द नापतोल के और सकारात्मक औचित्य में निकलना चाहिए। यह संबंधों को प्रगाढ़य और मधुर करने में अहम रोल अदा करता है। यह संस्कारों रूपी अस्त्र विश्व प्रसिद्ध है कि भारत  की वार्ता, संबोधन शैली, संप्रेषण शैली, हमेशा सकारात्मक और अर्थपूर्ण होती है। अतः हर भारतीय नागरिक को इस मंत्र को आपातकालीन अवस्था में अपनाना अनिवार्य है। जिसमें भविष्य की सुरक्षा का बोध है।....बात अगर हम आंखों में शर्म की करें तो हम बड़े बुजुर्गों से सुनते आ रहे हैं कि गलत आदमी कभी भी आंख मिला कर बात नहीं कर सकता। सच्चाई पर चलने वाले ही सच्चे देशभक्त और पारदर्शिता पूर्ण व्यक्ति होते हैं। आज हम कोरोना आपातकाल में देख रहे हैं कि मानव के प्राणों की रक्षा करने वाले महत्वपूर्ण मेडिकल संसाधनों, ऑक्सीजन, रेमीडेसिविर इंजेक्शन, दवाइयां, वेंटीलेटर, कंसंट्रेटर इत्यादि संसाधनों की कालाबाजारी गैंग, महामारी के खलनायक, काम कर रहे हैं क्या वे किसी से आंखों में आंखें डाल कर बात कर सकते हैं ? जो दूसरे मनुष्य के प्राण की कीमत पर नाजायज धन उगाने का काम कर रहे हैं। उनकी आंखों में भी शर्म कभी नहीं हो सकता। अतः यह जरूरी है कि हम ऐसा कोई अस्वस्थ, गैरमानवतापूर्ण और दूसरों को दुख पहुंचाने वाला कार्य कभी नहीं करें, पर हमें अपनी आंखों में सच्चाई, ईमानदारी,नैतिकता, के गुणों और शर्म को के मंत्र को भी अनिवार्य रुप से अपनाना है। अतः उपरोक्त सभी चारों मंत्रों की चर्चा का अगर हम विश्लेषण करें तो हम देखेंगे कि वर्तमान दूसरी लहर की पीक स्तर पर महामारी, ब्लैक फंगस, ताऊट चक्रवर्ती तूफान का हमला, लॉकडाउन, वैक्सीन पर टकराव, रेमदेसीविर, ऑक्सीजन पर टकराव, इत्यादि अनेक समस्याओं से हमारा भारत और हम नागरिक जूझ रहे हैं। हालांकि यह समस्या अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है परंतु इस आपातकाल की घड़ी में हम सब भारतीय नागरिकों का कर्तव्य है कि उपरोक्त चारों मंत्रों का स्वतः संज्ञान लेकर पालन करें। क्योंकि यह चारों मंत्र हमारे ऊपर ही निर्भर हैं कि हम उसका पालन करें या नहीं और इनका पालन करने में हम सब का भला होगा। 
मन के हारे हार है मन के जीते जीत। 
मुश्किलें तुम्हारे दिन हैं तुम इतरा लो।। 
हम भी भारतीय हैं यह सोच लो। 
जंग हम ही जीतेंगे परिणाम तुम देख लो।।

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

फिर भारत मुस्कायेगा

खुशहाली आएगी वापस,फिर भारत मुस्काएगा।

वक्त  बुरा है जो भी देखो,जल्दी ही कट जाएगा।

कठिन समय है देखो प्रियवर,
धीरज  सब   को  रखना  है।
विजय  हमारी  निश्चित होगी,
नहीं  किसी   को थकना  है।
थोड़ी   दूरी   पर  है  मंजिल, 
शिखर  हमें  अब  चढ़ना है।
आयेगी    जो   भी  बाधाएं,
मिलकर   सबसे  लड़ना है।
विपदा को जो समझे अवसर,दर -२ ठोकर खाएगा।
वक्त बुरा  है  जो  भी देखो,जल्दी  ही  कट  जाएगा।

कभी अँधेरे से   डर कर क्या,
दिनकर   नहीं  निकलता  है।
और शूल से   डर  कर बोलो,
फूल   नहीं  क्या खिलता है।
संकट   का आना  जाना ही,
जीना    हमें    सिखाता   है।
लड़ते  कैसे हैं   मुश्किल  से,
संकट    ही   समझाता   है।
कट जाएगी रातें काली,भोर  सुखों का आएगा।
वक्त बुरा है जो भी देखो,जल्दी ही कट जाएगा।

रिश्तों  को  तुम जोड़े रखना,
प्रेम   भरे    इन   धागों   से।  
अंधियारा कब जीत सका है,
जलते     हुए   चिरागों   से।
वीर  पुरुष के  वंशज हैं हम,
हार    हमें   स्वीकार   नहीं।
युद्धभूमि   से   पीछे   हटना,
है  अपना    किरदार   नहीं।
कौन खड़ा है  संग हमारे,संकट  ही समझाएगा।
वक्त बुरा है जो भी देखो,जल्दी ही कट जाएगा।

नितिन त्रिगुणायत 'वरी'
शाहजहॉपुर उत्तर प्रदेश

Saturday, May 15, 2021

भाकपा माले के राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस के आह्वान पर दिया धरना

राजापाकर (वैशाली )संवाददाता, दैनिक अयोध्या टाइम्स

 भाकपा माले के राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस के आह्वान पर आज थाना क्षेत्र के रंदाहा ,बहुआरा, अलीपुर, बरियारपुर बुजुर्ग सहित अनेक गांव में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए भाकपा माले के वरिष्ठ नेता विशेश्वर प्रसाद यादव, सुमन कुमार, ज्वाला कुमार ,लाला प्रसाद सिंह, रामनाथ सिंह, योगेंद्र राय ,शिव कुमारी देवी, चिंता देवी, प्रेम माझी ,बहादुर माझी ,मोहम्मद इदरीश सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने अपने अपने घरों में एक दिवसीय धरना दिया. कोविंड महामारी फैलाने वाले मोदी शाह गद्दी छोड़ का नारा दिया। कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को बर्खास्त करने, एंबुलेंस घोटालेबाज भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी को गिरफ्तार करने ,जनता की सेवा करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव सहित अन्य राजनेताओं को रिहा करने, जिला अनुमंडल और सभी पीएचसी में बेड भेन्लेटीलेटर, ऑक्सीजन दवाई की मात्रा बढ़ाकर आपूर्ति करने, गांव गांव में कोरोना की जांच,  सभी उम्र के नागरिकों के लिए वैक्सीन का इंतजाम कर ने,समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद करने, फल सब्जी उत्पादक किसानों के लिए मंडी की व्यवस्था करने की मांग किया . स्वास्थ्य व्यवस्था पर इस सरकार ने पर्याप्त बजट नहीं दिया.  अभी भी ग्रामीण इलाकों में गरीबों को जांच व वैक्सीन का इंतजाम नहीं किया गया है. गेहूं खरीद की घोषणा अखबारों में हो रही है. लेकिन पूरे वैशाली जिले में एक छटाक भी गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीद किया गया है. फल सब्जी उत्पादक किसानों के लिए मंडी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण ओने पौने दाम पर उन्हें बेचना पड़ रहा है. बिहार के चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्था वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री के रास्ते संभव नहीं है. अन्य राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी जो जनता की सेवा में लगे हैं गिरफ्तार किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए लगातार आंदोलन जारी रहेगा.

राजापाकर प्रखंड में काम की तलाश में भटक रहे मजदूर

राजापाकर( वैशाली) संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स

 प्रखंड  के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा मजदूर काम के अभाव में इधर-उधर भटक रहे हैं। नतीजतन  ना ही उन्हें इस लॉकडाउन में कोई सरकारी योजना से काम मिल रहे  हैं और  न ही निजी क्षेत्र में कोई कार्य मिल रहे हैं ।जिससे वे भुखमरी के कगार पर  पहुंच गए हैं । शनिवार को ग्रामीण क्षेत्रों में काम की तलाश में घूम रहे मजदूरों में  दिलीप दास महेश दास मुन्ना दास,

 ढुनढुन दास  मानटुन दास लखींद्र मांझी धीरज मांझी  ढोलक मांझी  कपल मांझी  आदि ने बताया कि वे मजदूरी कर कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। मनरेगा का जॉब कार्ड भी है किंतु  बिचौलिए जाॅब कार्ड  जबरदस्ती मांग के ले गए  कि पैसा आएगा। किंतु  आज तक न तो काम मिले और न ही मजदूरी मिली। प्रखंड कार्यालय द्वारा मनरेगा के तहत कार्य मिलने के संबंध में पूछे जाने पर बताया कि प्रखंड का कोई भी पदाधिकारी उनकी सुधि लेने वाला नहीं है।  टीवी पर नेता  भाषण देते  हैं कि  प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा लेकिन हालात यह है कि  लॉकडाउन में भूखे मरने की नौबत आ गई है ।मजदूरों ने बताया कि वे  सभी सुबह से ही दौड़ी व कुदाल लेकर गांव गांव में घूम रहे हैं कि कहीं कोई आदमी काम दे दे ताकि शाम को दो जून की रोटी का उपाय हो जाए। कभी कभी काम मिलता है कभी कभी नहीं मिल पाता है। इस लॉकडाउन में मजदूरों व प्रवासी मजदूरों ने सरकार के कार्यकलापों से क्षुब्ध हो  आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि उनके दुख दर्द कोई सुनने वाला कोई  नहीं हैं। अब तो  भगवान ही कोई मदद कर सकते हैं।

बहुवारा में सांसद मद निधी से ऑक्सीजन प्लांट के कार्य का हुआ शुभारंभ


पातेपुर ( वैशाली) मोहम्मद एहतेशाम पप्पू संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स

उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के पातेपुर विधानसभा अंतर्गत पातेपुर प्रखंड के बहुआरा उप स्वास्थ्य केंद्र परिसर मे ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य शुरू हो गया है । इस मौके पर उपस्थित स्थानीय विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने कहा कि यह निर्माण कार्य स्थानीय  सांसद सह केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय जी के सांसद निधि द्वारा जिले में कोविड 19 महामारी से निपटने के लिये दिए गये 1 करोड़ रुपये की राशि से कराया जा रहा है । इस ऑक्सीजन प्लांट का  निर्माण अत्याधुनिक तकनीक द्वारा हो रहा है । जिससे कोरोना माहामारी से जुझ रहे  लोगों मे हो रही आक्सीजन की कमी को यह प्लांट पुरा करेगा । इस प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन शुरू होने  पर वैशाली  जिला ऑक्सीजन आपूर्ति में आत्मनिर्भर होगा । इस ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण 15 दिनों में पूरा होकर यहाँ से ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा । सांसद  नित्यानंद राय  के इस कार्य से पातेपुर के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। कि अब उन्हें अपने घर मे ही ऑक्सीजन उपलब्ध मिलेगा । निर्माण कार्य शुरू होने के मौके पर बीडीओ डाक्टर संदीप कुमार, थानाध्यक्ष रामाशंकर कुमार,   भाजपा जिला उपाध्यक्ष अजब लाल साह  , पुर्व मुखिया देवेंद्र राय,दिलीप राय, कामेश्वर साह, मुखिया पति कुन्तलाल साह,धनेश मिश्रा,कुमार क्रान्ति ,जयप्रकाश पासवान, उपेन्द्र झा, नरेश राय,कुंदन कुमार, डॉ विशाल कुमार, शिव कुमार , सहायक अभियंता कृष्णा गुप्ता सहित  भाड़ी संख्या में पदाधिकारी कर्मचारी के साथ साथ भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

घर में आग लगने से लाखों रुपया का सामान जलकर हुआ खाक

सारण (ब्यूरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक अयोध्या टाइम्स सोनपुर प्रखंड के अंतर्गत सबलपुर पूर्वी पंचायत के चहारम में उस समय हाहाकार व अफरातफरी का माहौल बन गया जब रविन्द्र राय के घर में अचानक खाना बनाने के क्रम में आग लग जाने से वहां भगदड़ की माहौल बन गया जिससे घर के रखे शादी के सामान जलकर राख हो गया । इस बात की जानकारी देते हुए समाजसेवी लालबाबु पटेल ने बताया कि वार्ड सदस्य रविंद्र राय पिता धर्मदेव राय के घर में महिला द्वारा खाना बनाने के क्रम में शनिवार के दिन आग लग गई जहां आनन-फानन में लोगों ने किसी तरह से आग बुझाने में भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया वहीं उन्होंने यह भी बताया कि 18 .5 के रविन्द्र राय के भतीजा का शादी था जहां शादी विवाह के सभी सामानों की खरीद कर घर में रखे हुए सभी सामान जलकर राख हो गया । ग्रामीणों ने नल जल योजना के द्वारा पानी के पाईप एवं बोरिंग द्वारा किसी तरह से आग पर काबू पाया गया लेकिन आग इतनी त्रीव थी कि घर में रखे लाखों रुपए के सभी सभी सामान जलकर राख हो गया।  इस संबंध में पीड़ित ने सोनपुर थाने में लिखित आवेदन दिया । समाजसेवी लालबाबु पटेल ने स्थानीय प्रशासन से  मांग किया कि पीड़ित परिवार को हर संभव  मदद व प्रधानमंत्री आवास योजना उपलब्ध कराया जाय ।