Tuesday, May 18, 2021

मृत्यु का अमृत भाव

यह जीवन मूल रूप में अमरता की ही यात्रा है। जीवन को यदि सरलतम ढंग से कहा जाय तो यहीं कहेंगे कि यह वह अवस्था है जिसमें जीवित होने का भाव होता है। इस भाव के अन्तरगत प्राणी अपनी इन्द्रियों द्वारा विभिन्न व्यवहार करता है। उपनिषद का यह सूत्र कहता है कि हमे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो। यह पूरा सूत्र नही हैं। इसके पूर्व सूत्र कहता है कि असत्य से सत्य की ओर, अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो। जब यह दोनों बातें घट जाँय तो तीसरी बात बहुत सरल हो जाती है। जब सत्य और प्रकाश मिल जाते हैं तो मृत्यु अमरता में परिवर्तित हो जाती है।

मृत्यु भयभीत करती है। व्यक्ति को मरने में मात्र क्षणभर या उससे भी कम समय लगता है किन्तु मृत्यु की पूर्वसूचना पूरे जीवन साथ चलती रहती है। मृत्यु की अनुभूति और उसका शब्द सम्प्रेषण भी असम्भव है ; क्योंकि यह वह घटना है जिसमें आप समूचे घट जाते हैं। आपका समूचा व्यक्त चला जाता है। चेतना की यात्रा रह जाती है। किन्तु चेतना जिससे अभिव्यक्त होती है, वह समाप्त हो जाता है। इस भय को सनातन दर्शन ने बरसों पहले समझा था। सनातन की जो सूक्ष्म दृष्टि है उसका पूरा बल इसी बात पर है कि व्यक्ति का जीवन कैसे सुखमय और भयमुक्त हो। वह इस जीवनकाल में ही अमृत की बात करता है। प्राणी इसी जीवन-वृत्त में, पूर्ण जागरण में ही अमरता को अनुभूत कर सकता है।

अमरता क्या है ? अमरता यह नही कि हम मृत्यु को प्राप्त ही नहीं होंगे, अपितु यह कि मृत्यु के पश्चात भी इस अविच्छिन्नता में, इस नैरन्तर्य में, हम सदा ही रहेंगे। इस निरंतरत्व में हमारा अस्तित्व समाप्त होगा भी तो कैसे ? इसके समाप्त हो जाने का कोई उपाय, कोई सम्भावना तो नही दिखती ! इस ज्ञात जीवन की छोटी सी अवधि का व्यतीत हो जाना भर मृत्यु तो नही है ! हमारे ऋषि जीवन को ही उत्तरोत्तर सम्भावना मानते हैं। 

हमारे चतुर्दिक ऐसे विचार आवें जो कल्याणकारी हैं, जिन्हें दबाया न जा सके, जिन्हें बाधित न किया जा सके और वह जो अज्ञात है उसको प्रकट करने वाले हों। हमारी रक्षा में सदैव तत्पर रहने वाले, प्रगति को बढाने वाले देवता प्रतिदिन हमारी वृद्धि को तत्पर रहें। अब जो अज्ञात है उसको प्रकट करने वाले विचारों की अभ्यर्थना ही अमरता की पुकार है।
व्यक्ति सूक्ष्म का अन्वेषण नहीं करता। वह जो बचा है उसको देख हर्षित नही होता। वह जो चला गया और कोटि प्रयास के उपरान्त भी आने वाला नही है, उसमें ही निर्विष्ट रहता है। दुःख प्रबल होता है और उससे प्रबल होती है दुःख  की छोड़ी गयी प्रातिच्छाया। इस प्रातिच्छाया को पाटना सरल नहीं होता। किन्तु दुख को छाती से चिपका लेने से कुछ नहीं बदलता। हाँ दुख इतना भ्रम अवश्य दे देता है कि व्यक्ति उसी से लुबधा जाय।

व्यक्ति जीवन पर्यन्त प्रक्रमण करता रहता है। एक मृत्यु ही है जिसको ढूँढने की आवश्यकता नही होती। वह स्वयं ढूँढ़ लेती है। मृत्यु अविद्यमान है। जीवन प्रत्यक्ष है। जीवन प्रकृतिस्थ है। जीवन की प्रकृतिलय ही मृत्यु है। मानवता के इतिहास में जीवन के हार जाने का कहीं कोई उदाहरण नही मिलता। जीवन तो तंकन में भी अक्षुण्ण है। इसे ऐसे ही जीना चाहिये
मैं ऐसे ही जीवित मर जाता हूँ। जीवन को बचा ले जाता हूँ। पिव को देख दिखाकर आनन्द पाता हूँ। समय का यह चक्र तपनीय है। काल का यह अंकपरिवर्तन भी अस्थायी है। वह पुनः करवट बदलेगा। 

प्रफुल्ल सिंह "बेचैन कलम"
युवा लेखक/स्तंभकार/साहित्यकार
लखनऊ, उत्तर प्रदेश

Monday, May 17, 2021

नारायणी नदी में बहते हुए देखी गयी लाश

सारण (ब्युरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक आयोध्या टाईम्स 

सोनपुर--- सूबे के कई जगहों पर गंगा नदी में कई शव मिलने के बाद जहाँ सरकार एक्शन मूड में है वहीं दूसरी  सोनपुर के गंगा- गंडक के संगम नारायणी नदी स्थल के थोड़ी ही दूरी पर गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम ,नौलखा मंदिर के समीप रविवार को शव देखे जाने से सनसनी फैल गई।नदी मे बहते शव को देखने के लिए कुछ लोग गंडक नदी घाट पर इकट्ठा हो गए। शव धीरे-धीरे नदी में बहते हुए काफी दूर निकल गया। इस संबंध में पूछे जाने पर हरिहरनाथ ओपी प्रभारी बिभा रानी  ने बताई की पुलिस को नदी में शव देखे जाने की सूचना नहीं है। वही शव नदी में यहाँ कहां से आया इस बात की चर्चा लोगों में खूब हो रही है लोगो मे यह भी बात उठ रही हैं कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद अगर नदी में प्रभावित किया गया है ऐसे में संक्रमण फैलने की आशंका है। 

बता दे कि गंगा नदी में बड़ी संख्या में लावारिस शव मिलने के बाद राज्य सरकार एक्शन में है। गृह विभाग ने शवों की अंत्येष्टि को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किया है।जारी दिशा-निर्देशों के तहत शवदाह स्थलों या अन्य किसी स्थान पर शवों को बिना जला, अधजला या बिना दफनाया हुआ नहीं छोड़ा जाएगा। लावारिस शव मिलने पर नियम के तहत सम्मानपूर्वक अंत्येष्टि की जाएगी। शवों के अंतिम संस्कार के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सहायता जिसमें कोरोना मरीज के शव या लावारिस शव का बिना शुल्क अंत्येष्टि, बीपीएल को मिलनेवाला कबीर अंत्येष्टि अनुदान लाभुकों को दिलाना सुनिश्चित करने को कहा गया है।इसके अलावा निजी अस्पताल से समन्वय बनाकर शवों की पूर्ण अंत्येष्टि सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही, शवदाह स्थलों, घाटों पर पुलिस की तैनाती करने और शवों के सम्मानपूर्वक अंत्येष्टि को जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है।

सोनपुर थाने में 8 वाहन जप्त किये गए

सारण( ब्युरो चीफ  )दैनिक अयोध्या टाइम्स 

सोनपुर -- सोनपुर अनुमंडल क्षेत्र में लगातार अवैध बालू खनन करते हुए बालू माफियाओं का वर्चस्व इतना तेज है कि वह दिनदहाड़े खुलेआम प्रशासन को चुनौती दे रही है और प्रशासन मूकदर्शक बने हुए  है  तभी तो बालू कारोबारी  लगातार क्षेत्र में  अबैध रूप से बालू खनन करते हुए शाम ढलते ही ट्रकों का परिचालन शुरू हो जाती है तो वही दूसरी ओर  छोटे--छोटे नाबालिक बच्चों के द्वारा गाड़ी का परिचालन कर रहे हैं जिसके कारण  सड़क मार्ग पर आए दिन घटना- दुर्घटना और कितने की मौत हो रही है लेकिन स्थानीय प्रशासन कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं ऐसे में  मीडिया के माध्यम से प्रशासन को कुंभकरण  नींद में सोए हुए को जगाने की कोशिश की गई ।  स्थानीय प्रशासन  से लेकर जिला के जिला अधिकारी तक नींद खुलते  सोनपुर अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न बालू घाटों से ओवरलोडेड बालू लदे ट्रकों के खिलाफ सोनपुर प्रशासन ने रविवार के  देर शाम NH19 पर बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान आधे दर्जन से ऊपर ओवरलोडेड ट्रकों पर लगभग 55 लाख 37 हजार रुपए जुर्माना किया गया। छापेमारी के बाद बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया। छापेमारी अभियान में सोनपुर के एसडीओ सुनील कुमार एडिशनल एसपी अंजनी कुमार एमवीआई ऑफिसर माइनिंग पदाधिकारी समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे । मालूम हो कि जिले में ओवरलोडेड बालू लदे वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। यहां के सबलपुर पंचायत के विभिन्न घाट, गंगाजल टोला, परमानंदपुर कल्लू घाट,डोमवा सैदपुर घाट, पहलेजा घाट, महदल्ली चक एलसीटी घाट, नयागांव के विभिन्न बालू घाट के अलावा दिघवारा थाना क्षेत्र के कई बालू घाटों पर सैकड़ों ट्रक से बालू का परिचालन होता है। अवैध परिचालन से सरकार के राजस्व की महीना में करोड़ों रुपए की क्षति पहुंचती है। इसे लेकर बीते दिनों जिला प्रशासन की काफी किरकिरी हुई। सारण के डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए अनुमंडलीय प्रशासन को छापेमारी करने का निर्देश दिया है। इसी को लेकर यह बड़ी कार्रवाई की गई। एसडीओ ने बताया कि सोनपुर थाने में 8 वाहन जप्त किये गए । 9  ट्रक मालिको के खिलाफ अवैध खनन को लेकर प्रथमिकी दर्ज की गयी है ।  यह छापेमारी अभी अनवरत चलता रहेगा।

पुत्र वधू एवं पौत्र के अपहरण कर लिए जाने का मामला दर्ज

राजापाकर (वैशाली )संवाददाता, दैनिक अयोध्या टाइम्स

थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर गांव से बीते शुक्रवार 14 अप्रैल की रात्रि को एक विवाहिता समेत 1 वर्ष के नाबालिक लड़के का अपहरण कर लिए जाने का मामला स्थानीय थाना में दर्ज किया गया है। आवेदन में राजापाकर थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर ग्राम निवासी स्वर्गीय नंदलाल सिंह की पत्नी कलावती देवी ने अपने आवेदन में बताई है कि बीते शुक्रवार की रात्रि लगभग 10:30 बजे थाना क्षेत्र के छावनी टोला निवासी लालबाबू सिंह का पुत्र मोनू कुमार एवं दिनेश सिंह का पुत्र अर्जुन कुमार गलत नियत से मेरी पुत्रवधू वंदना सिंह एवं पौत्र आरव सिंह 1 वर्ष का अपहरण कर ले भागा है ।काफी खोजबीन किया गया लेकिन कोई सुराग नहीं मिलने पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।