Sunday, August 15, 2021

जनपद में शांतिपूर्ण ढंग से मना स्वतंत्रता दिवस, एसएसपी एटा ने ध्वजारोहण कर कर्मियों को दिलाई राष्ट्रीय एकता तथा अस्प्रश्यता निवारण की शपथ

आज 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा उदय शंकर सिंह द्वारा पुलिस लाइन क्वार्टर गार्ड प्रांगण में ध्वजारोहण किया गया। साथ ही देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए उपस्थित पुलिस कर्मियों को शपथ ग्रहण कराई गई, इस दौरान भारत सरकार एवं प्रशासन द्वारा चिह्नित किये गये पुलिस कर्मियों को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा द्वारा पदक तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिनमें ~

*अति उत्कृष्ट सेवा पदक के लिए-* 
1. निरीक्षक जयेंद्र प्रसाद, नियुक्ति स्थान- क्राइम ब्रांच
2. मुख्य आरक्षी अजय सिंह, नियुक्ति स्थान- पेशी कला
3. मुख्य आरक्षी गणेश पाल सिंह, नियुक्ति स्थान- पेशी कला
4. मुख्य आरक्षी रविंद्र सिंह नियुक्ति स्थान- एस.आई.ओ कार्यालय
*उत्कृष्ट सेवा पदक के लिए-* 
1. निरीक्षक देवेंद्र नाथ मिश्रा, नियुक्ति स्थान- कोतवाली नगर
2. उप निरीक्षक अनिल कुमार शर्मा, नियुक्ति स्थान- कोतवाली देहात
3. उप निरीक्षक अखिलेश कुमार, नियुक्ति स्थान- थाना मारहरा
4. उप निरीक्षक हेमंत कुमार, नियुक्ति स्थान- निधौली कला
5. मुख्य आरक्षी वसंतकुमार, नियुक्ति स्थान- थाना अलीगंज
6. मुख्य आरक्षी अनिल कुमार शर्मा, नियुक्ति स्थान- थाना राजा का रामपुर
7. मुख्य आरक्षी रामप्रकाश, नियुक्ति स्थान- पेशी अपर पुलिस अधीक्षक
*सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह के लिए-* 
1. रेडियो निरीक्षक श्री शाहनवाज हुसैन, वर्तमान नियुक्ति रेडियो शाखा एटा, इकाई/रेंज- रेडियो हेड क्वार्टर
*डायल 112 मुख्यालय लखनऊ से निम्नलिखित पीआरवी कर्मचारियों को अधिक इवेंट निष्पादित करते हुए भी उत्कृष्ट रिस्पांस बनाए रखने के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया-* 
1. मुख्य आरक्षी रामनिवास, पद- कमांडर, पीआरवी 1946
2. मुख्य आरक्षी लाखन सिंह, पद- कमांडर, पीआरवी 1946
3. महिला आरक्षी प्रीति कुमारी, पद- सब कमांडर, पीआरवी 1946
4. महिला आरक्षी प्रीति वर्मा, पद-सब कमांडर, पीआरवी 1946
5. महिला आरक्षी नीलम सिंह, पद- सब कमांडर, पीआरवी 1946
6. आरक्षी मानवेंद्र सिंह, पद- कमांडर, पीआरवी 1952
7. होमगार्ड सौदान सिंह, पद- पायलट, पीआरवी 1952
 *लोगों की मदद करने वाले जागरूक कॉलर जिनके द्वारा सड़क दुर्घटना की सूचना दी गई जिस पर यूपी 112 द्वारा त्वरित कार्यवाही की गई उनको भी सम्मानित किया गया-* 
1. श्री अनुपम यादव ग्राम यादव नगर नगला मई थाना बागवाला।
 *दिनांक 13.07.2021 को थाना निधौली कला क्षेत्रांतर्गत अज्ञात बदमाशों द्वारा गाड़ी को लूट कर अपहरण करने के उपरांत अल्प समय में किए गए घटना के अनावरण के लिए निम्न कर्मचारियों को सम्मानित किया गया-* 
1. मुख्य आरक्षी हरिश्चंद्र ज्ञानी, नियुक्ति स्थान- सर्विलांस सेल शाखा
2. आरक्षी दीपक त्रिवेदी, नियुक्ति स्थान- इंटेलिजेंस विंग शाखा

तत्पश्चात उपस्थित पुलिस कर्मियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मिष्ठान वितरण कर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया,


इस अवसर पर उच्चाधिकारियों द्वारा पुलिस लाइन एवं पुलिस कार्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया गया। एसएसपी एटा द्वारा इस दौरान समस्त जनपदवासियों एवं पुलिस कर्मियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी गई। जिला मुख्यालय के साथ साथ जनपद के प्रत्येक थाना एवं कार्यालयों पर भी शांतिपूर्ण ढंग से ध्वजारोहण कर हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया,

इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक एटा ओमप्रकाश सिंह, क्षेत्राधिकारी श्री इरफान नासिर खान, प्रतिसार निरीक्षक एटा श्री हरपाल सिंह एवं अन्य पुलिस बल उपस्थित रहा,

बेहट नगर पंचायत कार्यालय में नगर पंचायत चेयरमैन अब्दुल रहमान उर्फ शालू द्वारा ध्वजारोहण किया गया

रिपोर्ट; अनीक अहमद तहसील बेहट संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स सहारनपुर उत्तर प्रदेश, देश में मनाया जा रहा है 75 वा स्वतंत्रता दिवस आज बेहट में जगह जगहो पर ध्वाजरोहण कार्यक्रम किया गया l बेहट नगर पंचायत कार्यालय पर बेहट चेयरमैन अब्दुल रहमान उर्फ शालू द्वारा ध्वजारोहण कार्यक्रम किया गया l उसके बाद नगर पंचायत चेयरमैन ने देश, प्रदेश, और अपने कस्बे वासियों को स्वतंत्रता दिवस की मुबारकबाद पेश की l औरत नगर पंचायत कर्मचारियों को कोरोना कॉल मैं साफ सफाई का ध्यान रखते हुए कस्बे को साफ बनाने में कर्मचारियों का बड़ा योगदान बताया है l  ओर मैं धन्यवाद करता हूं l और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सभी कर्मचारियों से निवेदन करते हुए कहां है मेरा  कार्यकाल थोड़ा ही बचा हुआ है मैं चाहता हूं आप सभी मेरे साथ मिलकर कस्बे को बहुत ही स्वच्छ और सुंदर बनाएं l बताते हुए हमने अपने प्रस्ताव में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो पास कर रखी हैं जिस से कस्बे को उन्नति प्रदान करेगी l उपस्थित रहे नगर पंचायत सभासद आरिफ मंसूर सभासद, फौजी, सभासद सलीम, सभासद विक्की, सभासद नौशाद, सभासद हफीज, सभासद प्रतिनिधि अरशद खा महमूद खान राव गुलफाम आडती कांग्रेस नगर अध्यक्ष मिर्जा अबरार वह नगर के गणमान्य लोग मौजूद रहे । 


आनलाइन क्लास ने बढ़ाई बच्चों की मुश्किलें, खराब हो रही आंखें

कोविड संक्रमणकी वजह से विद्यालय बंद हैं। मजबूरी में बच्‍चों को आनलाइन क्‍लास करनी पड रही है। इसके लिए मोबाइल और लैपटाप का इस्‍तेमाल करना मजबूरी बन गया है। लगातार मोबाइल व लैपटाप इस्‍तेमाल करने से बच्‍चों की आंखों पर असर पड रहा है।

गोरखपुर, । बच्चों की आंखों में एलर्जी, लाली, जलन व खुजली की समस्या पैदा हो रही है। इन समस्याओं को लेकर नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास स्कूली बच्चे आ रहे हैं। कुल रोगियों में इनकी संख्या लगभग 70 फीसद है। डाक्टरों के मुताबिक यह बड़ी समस्या नहीं है लेकिन लंबे समय तक मोबाइल या लैपटाप पर देखने की वजह से आगे चलकर बच्चों की आंखों में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।
कोविड संक्रमण की वजह से चल रही आनलाइन क्‍लास
कोविड संक्रमण काल ने स्कूलों को बंद करने पर विवश कर दिया। ताकि बच्चों को महामारी से बचाया जा सके। इस दौरान उनकी पढ़ाई न रुके, इसलिए स्कूल प्रबंधन ने आनलाइन क्लास की शुरुआत की। सभी बच्चों के घर लैपटाप न होने से उन्होंने मोबाइल पर पढ़ाई की। लगातार मोबाइल को नजदीक से देखने की वजह से उनकी आंखों में दिक्कतें शुरू हुईं। पानी गिरना आम समस्या हो गई। इसके बाद खुजली, जलन व गड़न की दिक्कतें भी आ रही हैं।
बच्‍चों को लेकर डाक्‍टर के पास पहुंच रहे अभिभावक
बच्‍चों की दिक्‍कतें लगातार बढ़ रही हैं। इससे अभिभावक परेशान हैं। बच्‍चों को आंख की दिक्‍कतों से निजात दिलाने के लिए अभिभावक उन्‍हें डाक्‍टर के पास लेकर पहुंच रहे हैं। इस समय सरकारी अस्पताल से लेकर निजी डाक्टरों के यहां बड़ी संख्या में बच्चे आंखों की समस्या लेकर लोग पहुंच रहे हैं। ज्यादातर की आंखों में मोबाइल देखने की वजह से सूखापन आने की समस्‍या आ रह है। जिसकी वजह से आंखों में लाली, खुजली व जलन की दिक्‍कत हो रही है।
मोबाइल या लैपटाप का इस्‍तेमाल के दौरान आंखों को दें आराम
नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. रजत कुमार कहते हैं कि जब भी मोबाइल या लैपटाप पर पढ़ाई करें या कोई भी कार्य करें तो हर 20 मिनट पर एक मिनट के लिए मोबाइल या लैपटाप से आंख हटा लें। इतनी देर में ही आंखों को आराम मिल जाएगा। यदि हर घंटे पर पानी से आंख धोते रहे तो भी मोबाइल की किरणों का दुष्प्रभाव कम होगा।
आंखों का रखें विशेष ध्‍यान
बीआरडी मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विभाग के विभागाध्‍यक्ष डा. राजकुमार जायसवाल बताते हैं कि बच्चों की आंखों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वह भी ऐसे समय में जब हमारा ज्यादातर काम मोबाइल व लैपटाप पर शुरू हो गया है। अब बिना इंटरनेट के पढ़ाई कर पाना भी मुश्किल लग रहा है। हम तकनीकों का उपयोग करें लेकिन अपनी आंखों की देखभाल भी जरूरी है। 

स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न जगहों पर बड़े ही शान से फहराया तिरंगा।

रामनगर बाराबंकी(चैतन्य नारायण)– स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जगह जगह ध्वजारोहण का कार्यक्रम बड़े ही देश प्रेम और उत्साह के साथ किया गया भारत मां की जयकारों के साथ ध्वजारोहण के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। प्रबुद्ध जनों का उद्बोधन भी और राष्ट्र के नाम वीर शहीदों की गौरव गाथा के साथ संपन्न हुआ बता दें कि तहसील रामनगर में ग्राम न्यायालय परिसर में ध्वजारोहण न्यायाधीश अशोक कुमार कसौधन के द्वारा किया गया वही तहसील कार्यालय पर उप जिलाधिकारी राजीव कुमार शुक्ल द्वारा ध्वजारोहण किया गया बार एसोसिएशन रामनगर के कार्यालय पर बार एसोसिएशन अध्यक्ष द्वारा ध्वजारोहण कार्यक्रम संपन्न हुआ इसी तरह सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम संभ्रांत व्यक्तियों की अगुवाई में किया गया विभिन्न प्राथमिक स्कूलों में चाहे व प्राइवेट हो या सरकारी सभी जगह स्वतंत्रता  दिवस मनाया गया और स्वतंत्र दिवस के अवसर पर उपस्थित लोगों को लड्डू भी बांटे गए पारिजात कानवेंट स्कूल रामनगर के प्रबंधक श्रीनारायण उपाध्याय द्वारा पारिजात परिसर में विद्यालय के समस्त स्टाफ की मौजूदगी में व प्रधानाध्यापक विवेक नारायण के संयोजन में ध्वजारोहण का कार्यक्रम संपन्न हुआ स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कई प्रतिष्ठानों कार्यालयों पर तिरंगा झंडा बड़ी शान से फहरा रहा था विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं जिला उपाध्यक्ष आरoपीo दुबे की अगुवाई में ध्वजारोहण विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय पर किया गया जहां पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ गौ रक्षा प्रमुख रामसूरत मौजूद रहे उन्होंने तिरंगे को सलामी ठोकी ब्लॉक प्रमुख रामनगर संजय तिवारी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कई स्थानों पर हो रहे कार्यक्रमों में हिस्सा लिया स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चारों तरफ देश प्रेम की भावना से पूरा माहौल ओत प्रोत था वीर शहीदों को नमन करते हुए पूरा जनमानस भाव विहवल थाऔर भारत माता की जय कारों से पूरा वायुमंडल गुंजायमान हो रहा था।



स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर जनपदवासियों से प्रतिबन्धित प्लास्टिक की सामग्री का उपयोग न करने की डीएम ने की अपील


 दैनिक आयोध्या टाइम्स

बहराइच। दिनांक 15 अगस्त 2021, स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर आपसे विनम्र अनुरोध करने की इच्छा हुई, क्योंकि हम आज़ादी की 75 वीं वर्षगाॅठ ‘‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’’ एवं ‘‘चैरी-चैरा शताब्दी वर्ष’’ के अन्तर्गत स्वतन्त्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहूति देकर भारत को स्वतन्त्र कराने के सपने को साकार किया है। उनको नमन कर रहे तथा श्रृंखलाबद्ध तरीके से उन वीर शहीदों की याद में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से शौर्य एवं वीरता के अमर सपूतों के प्रति याद कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे। यह हमारा सौभाग्य है कि हम स्वतन्त्र भारत के लोकतांत्रिक प्रक्रिया (व्यवस्था) के अन्तर्गत देश में निर्वाचन के माध्यम से बहुमत के आधार पर गठित सरकार के यशस्वी, युगपुरूष, राष्ट्र एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्राचीन गौरव की पुनस्र्थापना के लिए संकल्पबद्ध परमश्रद्धेय श्रीयुत श्री नरेन्द्र मोदी जी मा.0 प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘‘सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास’’ की अवधारणा पर आधारित संकल्प के साथ भेदभाव रहित जनकल्याण की भावना से अखण्ड एवं अपराजय संकल्पशक्ति के साथ कार्य कर रहे महान राजनीतिज्ञ के संरक्षण एवं नेतृत्व में आगे बढ़ रहे हैं। मा0 प्रधानमंत्री जी के उपरोक्त संकल्प को उत्तर प्रदेश में यशस्वी, ऊर्जावान, निष्ठावान, कर्तव्य एवं प्रतिबद्धता के प्रतीक, अजस्र ऊर्जा के संवाहक, अखण्ड आत्मविश्वास, अपराजय संकल्प शक्ति एवं अहर्निश सेवा भाव से जनकल्याण के प्रति समर्पित महान योगी तथा कर्म एवं योग की अतुलनीय, अद्भुत, असीमित उर्जा की शक्ति के स्रोत के रूप में श्रीयुत योगी आदित्यनाथ जी मा0 मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे, युगदृष्टा एवं दूरदर्शी व्यक्तित्व के नेतृत्व में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष चुनौतियों का सामना करते हुए तमाम झंझावातों, कंटकाकीर्ण मार्ग पर संघर्ष पूर्ण यात्रा तथा कोविड-19 की वैश्विक महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों को अदम्य साहस से चुनौती देकर सबके कल्याण की ओर अग्रसर, विकास की बहुमुखी सम्भावनाओं के प्रदेश, उत्तर प्रदेश में हम सब निश्चिंत भाव से शान्ति एवं सदभाव के साथ निवास कर रहे हैं।
परन्तु आज हमें पुनः उस समस्या के निराकरण के प्रति विचार करना है जिसके अनवरत प्रयोग एवं अव्यवस्थित निस्तारण की वजह से हम अपने भविष्य को पुनः आसन्न भयंकर विनाशकारी विभीषिका की ओर समाज को ले जा रहे हैं और वह है सिंगल यूज़ प्लास्टिक का अंधाधुन्ध प्रयोग, यद्यपि उत्तर प्रदेश भारत का अग्रणी राज्य है जिसने इस विषय पर वर्ष 2000 में चिन्तन किया था और इस चिन्तन को पुनः नवीन कलेवर में अमली जामा पहनाने का संवैधानिक कार्य श्रीयुत योगी जी मा0 मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मा0 राज्यपाल जी की सहमति से संविधान के अनुच्छेद 213 के खण्ड (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाश्रित कूड़ा कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2013 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 10 सन् 2018) प्रख्याप्ति किया गया है।
जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश राज्य के भीतर से प्लास्टिक या अन्य जीव अनाश्रित सामग्री या तत्समय सामग्री जैसा कि वह उचित समझे, के उपयोग, विनिर्माण, विक्रय, वितरण, भण्डारण, परिवहन आयात या निर्यात पर निर्बन्धन या प्रतिषेध अधिरोपित किया गया है, जिसके अन्तर्गत प्लास्टिक के कप प्लेट, गिलास, चम्मच, कैरी बैग इत्यादि को पूर्णतः प्रतिषेध किया गया है इसी भाव को विस्तार देते हुए केन्द्र सरकार ने भी 01 जुलाई 2022 से सिंगल यूज़ प्लास्टिक की वस्तुओं की खरीद, बिक्री, निर्माण पर रोक का आदेश जारी किये जाने की उदघोषणा की है।
अतः जनपद बहराइच के जागयक एवं पर्यावरण प्रेमी नागरिकों से मेरी विनम्र अपील है कि प्रदेश में पूर्व से ही प्रभावी इस व्यवस्था को लागू कराने में सार्थक सहयोग करें तथा स्वतन्त्रता दिवस 15 अगस्त 2021 के इस राष्ट्रीय पर्व पर संकल्प लें कि हम 15 अगस्त 2022 तक अपने व्यवहार में परिवर्तन कर प्रतिबन्धित प्लास्टिक के प्रयोग को अपने जीवन एवं प्रयोग से बाहर रखेंगे अर्थात प्रयोग नहीं करेंगे, वैसे इस व्यवस्था को लागू के लिए दण्ड एवं सजा का भी प्राविधान है परन्तु समाज में व्यापक क्रान्ति व्यवहार परिवर्तन एवं संकल्प से ही संभव है। अतः हम इस संकल्प को पर्यावरण एवं जनहित को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिबन्धित प्लास्टिक की सामग्री के प्रति त्याग का संकल्प करें। सहयोग की आकांक्षाओं के साथ।

एटा में सभासद ने ईओ खिलाफ फिर खोला मोर्चा,

आमरण अनशन पर बैठे वार्ड नम्बर 13 के सभासद उमाकांत चतुर्वेदी, 


आमरण अनशन पर बैठे सभासद के समर्थन मे पहुँचे अन्य सभासद,

ईओ को हटाने के लिए आमरण अनशन बैठे सभासद,
अतिक्रमण की भी ईओ से की थी शिकायत,
ईओ ने किसी भी समस्या नही लिया संज्ञान,
हाथ पर हाथ धरे बैठे ईओ पर पर कार्रवाई की मांग,करते सभसाद
*रिपोर्ट, पकंज गुप्ता etah

ठाकुर समाज ने शहीदों का सम्मान समारोह ग्राम हदरुख में मनाया एडवोकेट संदीप सिंह सेंगर

दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो रविकांत गौतम


ऊमरी जालौन: रविवार को ग्राम हदरुख में ठाकुर समाज ने शहीदों का सम्मान समारोह  का आयोजन किया ठाकुर समाज के  शहीदों के   सम्मान कार्यक्रम की शुरुआत छात्र छात्राओं ने गीत गाकर की  कार्यक्रम का  संचालन कर रहे अजय दीप सिंह सेंगर  हदरुख के द्वारा किया गया  मंच पर उपस्थित एसके सिंह बरी का भूरा प्रमोद सिंह सेंगर एवं कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि के रूप में  उरई से चल कर आए हुए  संदीप सिंह सेंगर एडवोकेट   का मंच पर बैठे सभी लोगों ने फूल माला से स्वागत किया इसके बाद मुख्य अतिथि ने अपने हाथों से शहीद 9 जवानों के परिवार को सहायता राशि प्रदान की और कहा है कि हर साल  हमारे वीर सपूतों का सम्मान समारोह मनाया जाएगा    ऐसे वीर जवानों को हम नमन करते हैं जो हमारे क्षेत्र से निकलकर अपनी धरती मां की सेवा करने के लिए अपनी जान निछावर कर दी है  नौजवानों से यही कहना है कि  आप भी अपनी सेवा किसी मिलिट्री या सिविल सर्विस में देकर अपने क्षेत्र में अपने गांव का नाम रोशन करें आज हमारे द्वारा इस स्थल पर शहीदों के लिए सम्मान कार्यक्रम रखा गया है जो ऐसे वीर जवानों ने जो अपनी जान की बाजी लगाकर अपनी धरती मां को जान निछावर कर दी ऐसे परिवार के लोगों को हम सम्मान करके उनका हौसला बढ़ाते हैं और कहते है कि आपने ऐसे लाल पैदा किए हैं जो देश  के खातिर अपनी जान दे देते हैं ऐसे वीर जवानों को हम बार-बार नमन करते हैं और कहा है कि देश 15 अगस्त 1947 को  देश आजाद हुआ था जब से हमारे कई माताओं के लाल इस देश पर बलिदान हो गए हैं इस आजादी का स्वागत तो हम बखूबी चला रहे हैं लेकिन हजारों दर्द सहने वाले क्रांतिकारियों की याद करना और उनको सम्मान देना हमारा परम कर्तव्य है शायद इसलिए संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 51 का काम है स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदेशों को हृदय में संजोये रखने और उनका पालन करने के मूल कर्तव्य को शामिल किया अब जबकि आजादी को 75 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है इस वर्षगांठ को और अधिक रूप से प्रदान करने के लिए आजादी का देशभर के बसे भारतीयों को आपस में जोड़ते हुए मनाया जा रहा है एडवोकेट संदीप सिंह सेंगर ने कहा है कि जिन अमर शहीदों की मां के लालो ने अपने देश के लिए  बलिदान दिया है ऐसे वीर सपूतों को हम सब लोग नमन करते हैं और इस कार्यक्रम के अंतर्गत बताया जा रहा है कि हमारा तिरंगा हमारा स्वाभिमान और राष्ट्रगान की गरिमा से परिचित है और शहीदों की यादों में हमेशा तिरंगा का चिन्ह याद आता है इस सम्मान समारोह के कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति आजादी के आंदोलन से जिन अमर शहीदों ने अपना सबकुछ बलिदान कर दिया है उनके प्रति यह कर्तव्य है कि हम सब लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए और ऐसे अमर शहीदों को याद करना चाहिए गांव के जो अमर शहीद हुए हैं उनके परिवार जनों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह वह साल देकर सम्मानित किया वीर जवानों के परिवारों को सम्मान और प्रमाण पत्र तौलिया मिलते ही उनके चेहरे पर खुशी देखने को मिली है बताते चलें आपको बुंदेलखंड जनपद  जालौन का  यह पहला हदरुख गांव है जहां पर भारतीय नौजवान ज्यादा संख्या में इस गांव से भर्ती होते हैं कार्यक्रम मैं उपस्थित सुरेंद्र प्रताप सिंह हथेरी, राजेश कुमार गुप्ता एडवोकेट, उरई बृजेंद्र सिंह एडवोकेट अजनारी उरई ,अनिल सिंह सेंगर , विपिन सिंह  , कपिल सिंह सेंगर हदरुख ,राजकुमार सिंह सेंगर प्रबंधक जनता इंटर कॉलेज उरई ,विनय सिंह सेंगर, माधव सिंह टिल्लू ,अभिषेक सिंह, शिवम सिंह ,कुलदीप सिंह, राजदीप सिंह, राहुल नेता, गोरे भदोरिया, भजन सिंह, राज सेंगर, आदित्य सिंह ,सौरभ सेंगर, अतुल सिंह ,विशाल सिंह सेंगर औरैया, आजाद सिंह सेंगर हदरुख ,प्रवीण सिंहसेंगर हदरुख ,पुत्तन सिंह तोमर हदरुख आदि लोग उपस्थित रहे!!!

सिद्धौर के कार्यकर्ताओ द्वारा कुल 15 गांवो में किया गया ध्वजारोहण


दैनिक अयोध्या टाइम्स


सिध्दौर बाराबंकी- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नगर इकाई सिद्धौर के कार्यकर्ताओ द्वारा स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने तथा देश को आजाद कराने में जिन जिन शहीदों ने अपनी जान गवाई उसी को ध्यान में रखते हुए। पूरे देश में 102536 जगहों पर और सिद्धौर नगर के कार्यकर्ताओ द्वारा कुल 15 गांव जैसे की सिद्धौर,मोहम्मदपुर चंडी सिंह,अंबेडकर पार्क,बाबाकपुरवा और कई अन्य गांवों में ध्वजारोहण करके मिष्ठान  वितरण किया। नगर मंत्री दुर्गेश वर्मा रुद्रांश ने बताया कि स्वाधीनता के 75 वे वर्ष में हम सब प्रवेश कर रहे है,यह हमारे लिए गौरव की बात है,भारत पुनः वैश्विक पहचान के साथ आगे बढ़ रहा है। यह दिन हमे महात्मा गांधी,भगत सिंह,नेता सुभाष चन्द्र बोस,चंदशेखर आजाद, समेत सैकड़ो महान स्वतंत्रता सेनानियो के त्याग तपस्या और बलिदान की याद दिलाता आज हम उन स्वतंत्रता सेनानियो को नमन करना चाहता हूं जिन्होंने इस देश को आजाद कराने में अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था।  इस दिन ही हमारे देश को वर्षो के गुलामी के बाद आजादी मिली थी। नगर  सह मंत्री विवेक कटियार ने बताया कि हम सब भारतीय के दिल में जो दिन देशभक्ति का जोश जगाने आता है वो है 15 अगस्त इस अवसर पर,नगर मंत्री दुर्गेश वर्मा रुद्रांश,नगर सहमंत्री विवेक कटियार,अनिकेत वर्मा,उत्कर्ष वर्मा,सूरज कुमार, राम तारे,सौरभ,शिवा, और कई अन्य कार्यकर्तओ द्वारा ध्वजारोहण करके मिष्ठान वितरण किया।

Thursday, July 1, 2021

तुम मेरी पहली और आखरी आशा

तुम्हीं मेरी पहली और आखरी आशा

तुम्हीं मेरी हो जीने की अभिलाषा
कहे करूं बखान तेरे प्यार की परिभाषा
सुन प्रियतम मेरे तुम ही मेरी पिपासा।।

तुम संग ही जुड़ी मेरी हैं सांसें
तुम्हें ही देख भरती मैं आंहें
बिन तेरे रह ना पाती प्रियतम
तुम्हीं मेरे जीने की हो वजह।।

मेरी पहली मंजिल तुम 
मेरी आखरी मंजिल भी गुम
खोके तेरी आंखों की गहराई मे प्रियवर
जैसे हो जाती मैं बेसुध।।

तुम मेरी पहली और आखरी आशा।।2।।

वीना आडवाणी"तन्वी"
नागपुर, महाराष्ट्र

आंखों में सागर लहराए

 आँखों में सागर लहराए

होठों पर मुस्कान खिली है!
आत्म-कक्ष में भंडारे में
दुख की बस सौगात मिली है!

मन उपवन में किया निरीक्षण
प्रेम-पुष्प सब निष्कासित हैं!
सांसों से धड़कन तक फैले
कंटक सारे उत्साहित हैं!

पीडाओं के कंपन से अब
अंतस की दीवार हिली है!
आत्म-कक्ष के--------

उलझ गये रिश्तों के धागे
जगह-जगह पर गाँठ पड़ी है!
द्वार प्रगति के बंद हुए सब
मुश्किल अब हर राह खड़ी है!

सत्य-झूठ की दुविधा में ही
विश्वासों की परत छिली है!
आत्म-कक्ष के---------

प्रश्न सरीखा जीवन जैसे
निशदिन उत्तर ढूढ़ रही हूँ!
पर्वत नदियाँ झरनों से अब
पता स्वयं का पूँछ रही हूँ!

सृष्टि करे संवाद भले पर
सबकी आज जुबान सिली है!
आत्म-कक्ष के-------

यहां चौरासी सिद्धों को योगनी माता ने दिये थे साक्षात दर्शन

हिमाचल प्रदेश जिला मण्डी के वाह्य सिराज व सतलुज के साथ लगते शिमला जिला क्षेत्र के गांव व उप गांव का शायद कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो च्वासी क्षेत्र व च्वासीगढ़ से परिचित न हो। समुद्रतल से करीब 9000 फुट की ऊंचाई पर स्थित च्वासीगढ़ के नामकरण के बारे में प्रदेश के स्थान नाम व्युत्पत्तिजन्य विवेचनात्मक अध्ययन पुस्तक में लिखा है ,कि मण्डी जिला की करसोग तहसील के च्वासीगढ़ में किसी समय गुरु गोरखनाथ चौरासी सिद्धों के साथ स्वयं इस स्थान पर आये थे । इसलिए यह स्थान चौरासी कहलाया। जो बाद में बदलकर ( अपभ्रंश शब्द) च्वासी हो गया ।अपने धार्मिक महत्व की वजह से यह स्थान सुकेत ही नहीं ,अपितु जिला कुल्लू व शिमला का भी प्रसिद्ध तीर्थ स्थल रहा है । 

इस स्थान के बारे में जे• हचिसन और जे• बोगल ने हिस्ट्री ऑफ पंजाब हिल स्टेट भाग एक में सुकेत राज्य में उग्रसेन के शासन काल में धूंगल वजीर की कठोरता के कारण इसी गढ़ में बने किले में बारह दिनों तक वजीर को बंदी बनाने का वर्णन मिलता है। करसोग घाटी के पांगणा निवासी वरिष्ठ समाज सेवी व संस्कृति मर्मज्ञ डाॅ• जगदीश शर्मा जी व च्वासीगढ़ के युवा कारदार व समाज सेवी टी सी ठाकुर बताते है कि समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाली योगिनियों का यह मंदिर जब अस्तित्व में आया तब से इसकी पूजा एक ही गांव के गांव वासी के वंशानुगत की जाती है। योगिनियों का यह मंदिर कताण्ङा से रोखङू बानीधार तक गहन वनराजियों से गुजरते हुए पहुंचा जा सकता है । यह मंदिर बानीधार व रोखङू के बीच एक ऊंचे स्थान पर जंगलों के बीच स्थित है ।कहा जाता है कि एक बार एक योगनी ने हाथ में सांप रूपी शस्त्र के साथ चौरासी सिद्धों को साक्षात दर्शन दिए थे। अतीत में यह तांत्रिक साधना का दिव्य स्थल रहा है। स्थानीय निवासी युवा नितेश ठाकुर जी ने बताया कि आगामी समय में इस मंदिर का जीर्णोद्धार प्राचीन शैली में ही किया जायेगा। यह स्थान चारों ओर से शानदार जंगलों से घिरा है ।हरे भरे पेड़ मन की शांति व तनाव मुक्ति रास्ता है। इस प्रकार के प्रयोजनों को सिद्ध करने वाली यह तांत्रिक योगिनियां आज तक खुले स्थान पर ही पूज्य रही है ।

कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को बड़ी राहत - प्रवासी मजदूरों को राहत - सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुआवजे सहित दो बड़े फैसले

कोरोना महामारी राहत पर दो दिन में सुप्रीम कोर्ट के 2 बड़े फैसले - मृत्यु पर परिजनों को मुआवजा और वन नेशन वन कार्ड, कम्युनिटी किचन से आम जनता को राहत - एड किशन भावनानी

गोंदिया - भारत में कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर से हर नागरिक आर्थिक रूप से त्रस्त हुआ तथा संभावित डेल्टा प्लस प्रकोप से भयग्रस्त और चिंतित है। भारतीय परिवार जिन्होंने अपनों को खोया है उसमें हम सभी और और भी बहुत दुखी हैं। कई बच्चे अनाथ हुए हैं, कई परिवारों के कमाने वाले अब नहीं रहे, उनके सामने भविष्य रूपी पहाड़ खड़ा है उसे पार करने की दुविधा में फंसे हैं। हालांकि सरकारें भी अनेक राहतें उपलब्ध करवा रही है। 28 जून 2021 को ही 6.29 लाख करोड़ का पैकेज दिए हैं। परंतु अगर हम पिछले साल की बात करें तो 14 मार्च 2020 को केंद्र सरकार ने देश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की सहायता के लिए मुआवजे का एलान किया था। गृह मंत्रालय ने कहा था कि कोरोना वायरस से मरने वाले व्यक्ति के परिवार को 4 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा, इसमें राहत कार्यों में या प्रतिक्रिया गतिविधियों में शामिल लोगों कोभी इसका लाभ मिलेगा। हालांकि सरकार ने इसके कुछ घंटे बाद जारी अधिसूचना में मुआवजे को लेकर और स्पष्टीकरण दिया था, भारत सरकार के जॉइंट सेक्रेटरी ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी थी, उन्होंने बताया था कि अब स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड के तहत कोरोना वायरस के इलाज में होने वाले खर्च को दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि अब अगर कोई कोरोना वायरस की चपेट में आता है, तो उसके आइसोलेशन और जांच से लेकर इलाज तक में होने वाला खर्च ही सरकार देगी। स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंडसे धनराशि देने का फैसला भी राज्य सरकार करेगी...। बात अगर हम बुधवार दिनांक 30 जून 2021 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की करें तो आदेश कॉपी और टीवी चैनलों में बताइए समाचार अनुसार माननीय दो जजों की बेंच जिसमें माननीय न्यायमूर्ति अशोक भूषण और माननीय न्यायमूर्ति एमआर शाह की बेंच ने रिट पिटिशन (सिविल) क्रमांक 554/2021और 539/2021 याचिकाकर्ता बनाम यूओआइ के मामले में अपना फैसला 66 पृष्ठोंऔर 17 पॉइंटों के आदेश के पॉइंटनंबर 16 में कोर्ट ने एनडीएमए को डीएमए की धारा 12 (iii) के तहत अनिवार्य रूप से कोविड-19 के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों के लिए अनुग्रह राशि के लिए दिशा-निर्देशों के साथ आने का निर्देश दिया। कोर्ट ने आगे कहा कि अनुग्रह सहायता के रूप में कितनी राशि दी जानी है, यह राष्ट्रीय प्राधिकरण के विवेक पर छोड़ दिया गया है। वे अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए राशि तय करने पर विचार कर सकते हैं। वे आवश्यकता, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के तहत फंड की उपलब्धता और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण केंद् द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं, राहत के न्यूनतम मानकों के लिए किए गए फंड आदि पर भी विचार कर सकते हैं। उपरोक्त निर्देशों को 6 सप्ताह की अवधि के भीतर समायोजित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि मौत का सही कारण यानी कोविड-19 के कारण मृत्यु का कारण बताते हुए मृत्यु प्रमाण पत्र/आधिकारिक दस्तावेज जारी करने के लिए सरल दिशानिर्देश तैयार किए जाएं। दूसरे शब्दों में शीर्ष अदालत ने कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को एक बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने ऐसे परिजनों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट नेएनडीएमए को निर्देश दिया कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद देने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि कोविड-19 से मारे गए लोगों के परिवारों को दी जाने वाली आर्थिक मदद की राशि, हर पहलू को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाए और माननीय कोर्ट ने कहा कि मुआवजा तय करना सरकार का काम हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुआवजे की रकम या नियम तय करना उसका काम नहीं है। अदालत ने एनडीएम ए को दायित्व निभाने में नाकामी पर फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कहा कि एनडीएमए को वैधानिक तौर पर मुआवजा तय करने और दिलवाने की सिफारिश करने का अधिकार है, लेकिन ऐसा न करके वह अपने वैधानिक कर्तव्य का पालन करने में विफल रहा है। उसे मुआवजा समेत मिनिमम स्टैंडर्ड की राहत तो कम से कम देनी ही चाहिए। यह आवश्यक है हालांकि, कोर्ट ने यह जवाब याचिका कर्ताओं द्वारा दायर उन याचिकाओं पर दिया है, जिसमें कोविड-19 महामारी से मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत  चार लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई थी।...बात अगर हम मंगलवार दिनांक 29 जून 2021 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की करें तो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वह 31 जुलाई 2021 तक वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम लागू करें ताकि अपने राज्य से दूसरे राज्य में गए प्रवासी मजदूरों को राशन आसानी से मिल सके। तथा केंद्र सरकार को निर्देशित किया कि वह असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल डेवलप करें ताकि उन्हें स्कीमों का फायदा मिल सके। तथा केंद्र, राज्यों को राशन मुहैया करवाएं जब तक देश में महामारी से पनपे हालात समाप्त नहीं हो जाते तब तक राज्य कम्युनिटी किचन चलाएं।...बात अगर हम दिनांक 30 जून 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा ली गई हाई लेवल मीटिंग की करें तो दो दिन पहले एक बड़ा निर्णय घोषित किया था कि जिनको कोविडके चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने ऐसे सभी क्षेत्रों को 6.28 लाख़ करोड़ रुपये की मदद का खाका बताया था। कैबिनेट ने उसे मजूरी दी। वहीं, कैबिनेट भारत नेट को पीपीपी के माध्यम से देश के 16 राज्यों में 29,432 करोड़ रुपये के कुल खर्च को भी मंजूरी दी है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजे के फैसले के रूप में बड़ी राहत माननीय कोर्ट द्वारा दी गई है और असंगठित मजदूरों को वन नेशन वन कार्ड, कम्युनिटी किचन के रूप में राहत दी गई है जो सराहनीय है। 

-संकलनकर्ता- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

बिना किसान किसी भी देश का संपूर्ण होना संभव नहीं है

देश में कोरोना की रफ्तार कम हो गई है,अधिकतर राज्य धीरे-धीरे अनलॉक की तरफ बढ़ रहे हैं, इस बीच हमारे  अन्नदाता भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गए हैं। देश में अन्नदाता का विरोध प्रदर्शन जारी है।,देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन का करीब सात महीने से भी अधिक होने वाले हैं। देखे तो आजाद भारत में हम सबका पेट भरने वाले अन्नदाता को आये दिन अपने अधिकारों और हक को हासिल करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है ,लेकिन देश की सरकारें है कि वो अपनी चतुर चाणक्य नीति से हर बार हम किसानों को आश्वासन देकर समझा-बुझाकर सबका पेट भरने के उद्देश्य से अन्न उगाने के लिए वापस खेतों में काम करने के लिए भेज देती है। देश में सरकार चाहें कोई भी हो, लेकिन अपने अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्षरत किसानों की झोली हमेशा खाली रह जाती है। आज अन्नदाता किसानों के हालात बेहद सोचनीय हैं, स्थिति यह हो गयी है कि एक बड़े काश्तकार को भी अपने परिवार के लालनपालन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जो स्थिति देशहित में ठीक नहीं हैं। किसानों के इस हाल के लिए किसी भी एक राजनैतिक दल की सरकार को ज़िम्मेदार ठहराना उचित नहीं होगा। उनकी बदहाली के लिए पिछले 74 सालों में किसानों की वोट से देश में सत्ता सुख का आनंद लेने वाले सभी छोटे-बड़े राजनैतिक दल जिम्मेदार हैं। क्योंकि इन सभी की गलत नीतियों के चलते ही आज हम किसानों की स्थिति यह है कि भले-चंगे मजबूत किसानों को सरकार व सिस्टम ने कमजोर, मजबूर व बीमार बना दिया है। जिसमें रही सही कसर हाल के वर्षों में सत्ता पर आसीन रही राजनैतिक दलों की सरकारों ने पूरी कर दी है। जिनकी गलत नीतियों व हठधर्मी रवैये ने हम परेशान किसानों को सड़क पर आने के लिए मजबूर कर दिया है।

देखे तो वही अन्नदाताओं की आत्महत्याओं के पीछे भी सबसे बड़ा मुख्य कारण साहुकार व बैंकों के ऋण की समय से अदायगी न कर पाना है ,और बैंक से किसानों को ऋण लेने में इतनी परेशानियों का सामना करनी पड़ती है , जो की मैं खुद अपने परिवार और दूसरों के लिए कई बार बैंकों के उदासीन रवैया का सामना कर चुका हूं , वही किसान ब्याज के चलते कर्ज में भारी वृद्धि हो जाने से समय पर कर्ज नहीं चुका पाता है, इसके लिए फसल उत्पादन लागत में भारी वृद्धि के बाद भी फसल उत्पादन में कमी, फसल का उचित मूल्य नहीं मिलना तथा मौसम की बेरुखी के चलते लगातार फसलों का बर्बाद होना, बर्बाद फसलों का उचित मुआवजा नहीं मिल पाना आदि हालात जिम्मेदार है। हमारे देश में आजकल किसानों के द्वारा नगदी फसलें उगाने का चलन ज्यादा चल गया है, जिनकी लागत बहुत अधिक होती है। जिसके चलते किसानों को बहुत पैसे की आवश्यकता होती है और देश में आज भी स्थिति यह है कि बैंकों व अन्य संस्थाओं से किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक कर्ज आसानी से नहीं मिल पाता है। जिसके चलते किसान 24 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत ब्याज पर निजी साहूकारों से ऋण लेकर अपनी खेती की जरूरतों को पूरा करता है, लेकिन फसल तैयार होने के बाद गलत नीतियों के चलते उचित मूल्य ना मिल पाने, फसल बर्बाद व उत्पादन कम होने के चलते किसानों की कर्ज अदा करने की स्थिति नहीं रह पाती है, जिसके चलते वो कर्ज के इस खतरनाक दलदल में बुरी तरह धंसता चला जाता हैं और जब उसकी सहने की क्षमता जवाब दे जाती हैं तो वो जिंदगी से खफा हो आत्महत्या करने जैसा कदम उठा कर असमय मौत को गले लगा लेता है, देखो मत मारो गोलियों से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ, मेरी मौत कि वजह यही हैं कि मैं पेशे से एक किसान हूँ, अंत में यही कहुंगा की हम सभी अन्नदाता के खेतों से उपजा हुआ अन्न ही खाएंगे,ना की गूगल से डाउनलोड करके रोटी खाएंगे, इसलिए तरक्की तो खूब करें लेकिन अन्नदाता की उपेक्षा करके तरक्की करके हम कंकड़ मिट्टी पत्थर नहीं खाएंगे, इसलिए आज आपसे अनुरोध करता हूं कि अगर आप हम अन्नदाता के उपजाया हुआ अन्न को खाते हैं तो अन्नदाता के  न्याय के लिए आवाज उठाते रहे, साथ ही जितना संभव हो आप अपने सामर्थ्य अनुसार आगे बढ़कर अन्नदाता की मदद के लिए भी आगे आएं।

डॉ.विक्रम चौरसिया (क्रांतिकारी)  चिंतक/आईएएस मेंटर/ दिल्ली
लेखक सामाजिक आंदोलनो से जुड़े रहे हैं व वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहे है ।