दीपावली का त्यौहार आया
Friday, October 29, 2021
**दीपावली**
# दावत #
हमारे गाँव में एक बुड्ढे थे जिनका नाम बनी सिंह था ।जब मैंने उन्हें पहली बार देखा तब में सिर्फ दस साल का हूँगा ।
लोग उनकें बारे में बहुत भला बुरा कहते थे और वास्तव में वे थे भी बहुत बूरे ।उनके बारे में एक बात तो प्रचलित थीं कि जब उनका परिवार साजे में रहता था तो वही अपने सभी भाईयों में मुखिया थे और उनके भाई उनपर आंख बंद कर के विश्वास करते थे ।एक दिन सभी भाईयों ने मिलकर छ बिघा जमीन खरीदी और बेनामा कराने सभी भाईयों ने बनीं सिंह जो मुखिया थे उन्हें तहसील भेज दिया और कोई भी भाई उनके साथ नहीं गया|बनी सिंह ने बिना किसी को बताए तीन बिघा जमीन अपने नाम करा ली और घर आकर कह दिया कि मैं पिता जी के नाम बेनामा करा आया ।सभी ने कहा चलो अच्छा है, आखिर छ बिघा जमीन खरीद ली चलो बच्चों के काम आएगी|दिन धीरे धीरे बितते चले गए।ये तीन भाई थे|एक दिन बीच वाला जिसका नाम राज सिंह था कही गया और फिर कभी लौटकर नहीं आया।उसके तीन लडके और दो लडकियाँ थी।एक लड़का पन्द्रहा साल जिसका नाम मुकेश था, दूसरा धर्मेश जो बारहा साल और तीसरा टिन्नू जो लगभग दस साल का था और दोनों लडकियाँ लता और रेखा और भी छोटी थी। अब बच्चे तो सभी लगभग छोटे ही थे।अब माँ और सबसे छोटे भाई ने कई दिनों तक खोजा और पुलिस में भी कम्पलेन्ट कराई पर कोई सूराक ना मिला जब काफी दिन हो गयें तो माँ और बच्चों ने भी सब्र कर लिया अब गाँव कि औरतें भी मुंह पर ही कहने लगीं कि जिन्दा होता तो आ जाता अब ये चूडियाँ तोड़ डाल, मंगलसूत्र उतार फेक और सिन्दूर मिटा दें पर पत्नी को ऐसा कभी नहीं लगा कि उसका पती नहीं रहा उसकों तो हमेशा यही लगा कि कहीं गया है आ जाएगा।पर बाहर की औरतों के ताने सुन सुन कर वो भी परेशान थी।उसे भी उनकी बातों पर विश्वास होने लगा कि उसका पति शायद कभी ना आए और वो विधवा कि जिंदगी जीने को तैयार हो गई।अब जैसे ही वह अपनीअपनी माथे कि बिंदिया हटाने चली तभी बडे़ लडके ने उसे रोक दिया और उसका जवाब सुनकर किसी कि कुछ कहने कि हिम्मत ना हुई और जो औरतें वहाँ थी वो भी चुप ही वहाँ से चली गई।उस दिन के बाद उसकी माँ ने कभी भी अपने माथे कि बिंदिया, मांग का सिन्दूर हटाने की बात नहीं कि।बड़े लडके मुकेश ने कहा, पापा ही तो यहाँ नहीं है, मैं और तेरे दोनों छोटे बेटे तो है, तू हमारे ऊपर सुहागन रहेगी, सिन्दूर लगाएगी, मंगल सूत्र पहनेगी और बिंदिया लगाएगी।कुछ दिनों बाद बनीं सिंह का सबसे छोटा भाई जयपाल भीअपनी टयूबेल पर सिंचाई करते समय बिजली से करंट लग जाने के कारण मर गया और उसने भी दो छोटे छोटे बच्चे छोडे ।अब बस सारे बच्चों के ताऊ बनी सिंह ही बचे और बनी सिंह के केवल एक लड़का शिवकुमार था। धीरे धीरे सभी बच्चे बडे़ हो गयें , लगभग सभी पच्चीस साल के आस पास हो चुकें थे और बनी सिंह बिल्कुल बुड्ढे, अब बटवारे का समय आया क्योंकि सभी भाईयों के बच्चों को उनके हिस्से की जमीन मिलनी थी|सभी खेतों का बटबारा हुआ।उस छ बिघा जमीन का भी होना था, अब बनी सिंह बोले इस छ बिघा जमीन में से उस समय तीन बिघा तो मैने अलग ली थी।ये मेरेे नाम पर है और शेष तीन बिघा में से हम सभी बांट लेते हैं।मुकेश जो उस समय सबसे बड़ा था उसे कुछ कुछ याद था कि छ बिघा जमीन साजे में ली गई थी, उसने ये कहा भी पर बनीं सिंह ने कहा तुम छोटे थे तुम्हें कुछ नहीं पता और उसकी बात दबा दी। शिवकुमार को भी सब सच्चाई पता थी पर लालच में उसने कुछ नहीं बताया और बनीं सिंह ने तीन बिघा जमीन कि बेईमानी कर ली, साजे में बनी सिंह ने अपना घर भी बनाया था वो भी ये कहकर ले लिया कि ये मैंने अपने पैसों से बनाया था इसलिए ये भी मेरा है अब बस बनी सिंह के दोनों भाईयों के बच्चों को थोड़ी सी जमीन मिली बाकी कुछ नहीं।बिना बाप के बच्चे अपनी अपनी जमीन पर झोपड़ी डालकर रहने लगे और उसी जमीन पर खेती करने लगे।बनी सिंह को गाँव के सभी लोग बेईमान कहने लगे और बनी सिंह था भी बेईमान। बनी सिंह अब बिल्कुल बुडढा हो गया था।बनी सिंह कि एक आदत और भी थी कि पूरे गाँव में कोई भी खुशी होने पर बनी सिंह के घर में दुख मनाया जाता था क्योंकि उसे सब कि खुशी से जलन होती थी।बनी सिंह कि इज्जत इतनी खराब हो चुकी थी कि लोग कहते थे, हे भगवान इसे उठा ले। पर वह भी मरने वाला नहीं था नव्वे साल पार करकर भी नहीं मरा लोगों कि वदुआ का भी उस कोई असर नहीं।अब गाँव के बच्चे और बड़े उसके मुह पर ये कहने लगे कि बाबा अपने मरने कि दावत जल्दी कराओ, बहुत दिनों से दावत नहीं खाई।बनी सिंह उनपर चिल्लाता और गालियाँ देता पर वे भी रोज बनी सिंह से उसके मरने कि दावत मांगते।बनी सिंह ने अपनी जवानी के दिनों में एक जमीन बीस हजार में अपनी ससुराल में खरीदी थी जो अब उसपर सरकारी फैक्ट्री बनने के कारण सरकार ने एक करोड़ में खरीद ली और बनी सिंह को बुढ़ापे में एक करोड़ मिल गयें।अब बनी सिंह ने सोचा कि मेरी एक लड़की जो गरीब घर में है और उसका पति शराबी हैं तो पचास लाख रुपये में उसे दे देता हूँ वो भी अमीर हो जाएगी और खुशी से रहने लगेगी बाकी तो शिवकुमार के है ही।उसने यह बात शिवकुमार को बताई, उसे यह बात पसंद न आई।वह सारा पैसा हडपना चाहता था इसलिए उसने एक योजना बनाई।बनी सिंह बुडढा तो था ही इसलिए उसे दिखाई भी कम देता था, शिवकुमार ने बनी सिंह कि चैक बुक से चैक लेकर एक करोड़ रुपये भरे और बनी सिंह से झूठ बोलकर उस पर हस्ताक्षर करा लिए और अपने खाते में चैक लगाकर सारा धन अपने खाते में डाल दिया। कुछ दिनों बाद बनी सिंह अपने पौते को लेकर जो लगभग सोलह साल का था बैंक गया और पचास लाख खाते से निकालने के लिए बैक मेनेजर से बात कि तब बैंक मैनेजर ने बताया कि आपके खाते में तो एक भी पैसा नहीं है, कुछ दिनों पहले आपके दिए चैक के आधार पर हमने एक करोड़ रुपये शिवकुमार नाम के खाते में भेज दिए।इतना सुनते ही बनी सिंह को सब समझ आ गया और तुरंत ही दिल का दौरा पड गया|बनी सिंह को अस्पताल में भर्ती करवा गया।उसके दौरे के बारे में सुनते ही गाँव में खुशी की लहर आ गई परन्तु अभी किसी को बनी सिंह की दावत मिलने वाली नहीं थी।वह बच गया और घर आ गया परन्तु अब उसने खाट पकड़ ली क्योंकि उसे अपने ही लडके की बेईमानी से गहरा सदमा पहुँचा और तब उसे समझ आया कि जैसी करनी बैसी भरनी।अब वह स्वयं भी अपने मरने कि दुआ मांगने लगा पर भगवान भी उसे बुलाना नहीं चाहते थे।वह भी उसे खाट में गला गला कर उसके किए कि सजा दे रहे थे।लोग अभी भी उससे कहते कि तुम तो बहुत बेशर्म हो दिल के दोरे से भी नही मरे, अरे अब तो मरने कि दावत दो।बनी सिंह को रोज यही ताने सुनने पडते और तो और उसके बहु बेटे भी उसके मुह पर कहते अब तो मर जा बुड्ढे, हम कब तक तुझे खाट पर खाने को दे।लोग रोज उसके पौते से कहते, अरे जल्दी घर जा तेरे बाबा मर गए और वो घर जाता तो बाबा को जिंदा पाता।इसी प्रकार कि मजाक लोग रोज करते|एक दिन पौता खेतों में काम कर रहा था और भी लोग आस पास अपने खेत में काम कर रहे थे, तभी एक आदमी उसके पास आया और बोला तेरे बाबा मर गए जल्दी घर जा|उसके उसकी बात पर कोई ध्यान नही दिया और काम करता रहा, आदमी ने कहा, सच में तेरे बाबा मर गए, में मजाक नही कर रहा, अभी गाँव से फोन आया है मेरे पास, तू घर जा।उसे विशवास न था उसे बस मजाक लग रहा था, पर आदमी के बहुत समझाने पर वह घर जाने को तैयार हो गया, पर उसे अभी भी मजाक लग रहा था, पर जब वह घर पहुंचा उसके बाबा सच में मर चुकें थे और इस तरह गांव के लोगों को बनी सिंह के मरने कि दावत नसीब हुई
नितिन राघव
सलगवां बुलन्दशहर
उत्तर प्रदेश
नए आविष्कारों और नवाचार परिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने उद्योग, विश्वविद्यालयों और सरकार को सार्वजनिक निजी भागीदारी में एक साथ काम करना ज़रूरी
भारत को तात्कालिक आत्मनिर्भर बनाने अनेकता में एकता, एक और एक ग्यारह कहावतें धरातल पर उतारने उद्योग, विश्वविद्यालयों और सरकार में सार्वजनिक निजी भागीदारी ज़रूरी - एड किशन भावनानी
Saturday, October 23, 2021
तेज़ी से फ़लफूल रहा झोलाझाप डॉक्टर का गोरख धंधा
अलीगंज/एटा। आज हमारे देश प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गयी है ऐसे में एथिकल व अच्छे डॉक्टरों को स्वास्थ्य सेवा देने का मौका ही नही मिल पा रहा है। ऐसा ही एक मामला थाना क्षेत्र के अंर्तगत देखने को मिला है जहां एक झोलाछाप डॉक्टर अबैध व मानक विहीन क्लीनिक बनाकर अपना गोरख धंधा बहुत ही तेजी से चला रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ थाना क्षेत्र के मोहल्ला गही अलीगंज कस्बा में एल एस मेमोरियल क्लीनिक के नाम से मानक विहीन व अबैध रूप से एक क्लीनिक चलाया जा रहा है जहां पर क्लीनिक के मालिक झोलाछाप डॉ मानवेन्द्र सिंह का दावा है कि हर मरीज की पुरानी से पुरानी बीमारी की दवा गारंटी से दी जाती है और ऑनलाइन भी मरीज ठीक किये जाते हैं। सही मायने में देखें तो भोले भाले गरीब लोगों की जेब काटी जाती है। आपको बता दें इस क्लीनिक के मालिक झोलाछाप डॉ मानवेन्द्र सिंह बहुत ही शातिर व चालाक किस्म का व्यक्ति हैं जो कि स्वास्थ्य विभाग को चकमा दे मानक विहीन अबैध रूप से पूरा क्लीनिक बनाकर सरकार व स्वास्थ्य विभाग की आंखों में धूल झोंक रहा है और गरीब जनता को इस महामारी में दौर में लूट व पेट काट रहा है। अब देखना यह है कि उस झोलाछाप डॉक्टर व मानक विहीन क्लीनिक पर क्या जिला प्रशासन का डंडा चलता है की नही? वही लोगों का कहना है कि ऐसे झोलाछाप डॉक्टर राज्य, प्रशासन व समाज के साथ धोखाधड़ी करते हुए बिना चिकित्सीय योग्यता व मानक विहीन अवैध रूप से क्लीनिक खोलकर चिकित्सा व्यवस्था को चला रहे हैं ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही होनी चाहिए।
तेज़ी से फ़लफूल रहा झोलाझाप डॉक्टर का गोरख धंधा
अलीगंज/एटा। आज हमारे देश प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गयी है ऐसे में एथिकल व अच्छे डॉक्टरों को स्वास्थ्य सेवा देने का मौका ही नही मिल पा रहा है। ऐसा ही एक मामला थाना क्षेत्र के अंर्तगत देखने को मिला है जहां एक झोलाछाप डॉक्टर अबैध व मानक विहीन क्लीनिक बनाकर अपना गोरख धंधा बहुत ही तेजी से चला रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ थाना क्षेत्र के मोहल्ला गही अलीगंज कस्बा में एल एस मेमोरियल क्लीनिक के नाम से मानक विहीन व अबैध रू
प से एक क्लीनिक चलाया जा रहा है जहां पर क्लीनिक के मालिक झोलाछाप डॉ मानवेन्द्र सिंह का दावा है कि हर मरीज की पुरानी से पुरानी बीमारी की दवा गारंटी से दी जाती है और ऑनलाइन भी मरीज ठीक किये जाते हैं। सही मायने में देखें तो भोले भाले गरीब लोगों की जेब काटी जाती है। आपको बता दें इस क्लीनिक के मालिक झोलाछाप डॉ मानवेन्द्र सिंह बहुत ही शातिर व चालाक किस्म का व्यक्ति हैं जो कि स्वास्थ्य विभाग को चकमा दे मानक विहीन अबैध रूप से पूरा क्लीनिक बनाकर सरकार व स्वास्थ्य विभाग की आंखों में धूल झोंक रहा है और गरीब जनता को इस महामारी में दौर में लूट व पेट काट रहा है। अब देखना यह है कि उस झोलाछाप डॉक्टर व मानक विहीन क्लीनिक पर क्या जिला प्रशासन का डंडा चलता है की नही? वही लोगों का कहना है कि ऐसे झोलाछाप डॉक्टर राज्य, प्रशासन व समाज के साथ धोखाधड़ी करते हुए बिना चिकित्सीय योग्यता व मानक विहीन अवैध रूप से क्लीनिक खोलकर चिकित्सा व्यवस्था को चला रहे हैं ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही होनी चाहिए।
Sunday, October 3, 2021
केस्को में लंबे समय से एक ही सीट पर डटे हैं अधिकारी
पत्रकार राकेश डंग दैनिक समाचार पत्रों में स्थानांतरण नीति को लेकर कई बार प्रकाशित करने के बाद 9 अधिशासी अभियंता इधर से उधर किए गए पर अभी भी कई सहायक अभियंता और अवर अभियंता अभी भी लंबे समय से एक ही सीट पर डटे हैं और कुछ अधिकारी सहायक अभियंता पद पर हैं वह वर्तमान में अधिशासी अभियंता का कार्य दिया है तो क्या केस्को की इसी तरह मनमानी होती रहेगी और स्थान तरण नीत को अनदेखा किया जा रहा है
Saturday, October 2, 2021
सीएससी केन्द्रों पर मनाया गया महात्मा गांधी जयंती : अवनीश कुमार श्रीवास्तव
ब्यूरो, अयोध्या टाइम्स
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के द्वारा आम जनमानस की पानी की समस्याओं को दूर करने के लिए योजनाएं चलाई जाने की बात कही गई जिसमें
गांधी की शिक्षाएं व सन्देश आज भी प्रासंगिक :- बोहरा
गांधी जयंती पर विद्यालय में हुआ पौधारोपण,
एक घर एक पौधा अभियान में लगाएं 51 पौधेबाड़मेर । 02.10.2021। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी एवं सादगी के प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती उपलक्ष में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सांसियों का तला में शनिवार को प्रधानाध्यापिका गुंजन आचार्य एवं एक घर एक पौधा अभियान के प्रेरक मुकेश बोहरा अमन के नेतृत्व में अभियान के तहत् गांधी ईको वाटिका में अलग-अलग किस्म में 51 पौधे लगाएं गए । तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद किया गया ।
विद्यालय प्रधानाध्यापिका गुंजन आचार्य ने कहा कि विद्यालय परिसर को हरा-भरा बनाने को लेकर बड़ी तादाद में पेड़-पौधे लगाएं गए है । जिनकी समय-समय पर उचित देखभाल की जा रही है । जिसका परिणाम है कि सांसियों का तला विद्यालय में आज हरियाली खुलकर नजर आ रही है ।
एक घर एक पौधा अभियान के प्रेरक मुकेश बोहरा अमन ने कहा कि महात्मा गांधी की शिक्षाएं व सन्देश आज भी सम्पूर्ण विश्व में पहले से भी अधिक प्रासंगिक साबित हो रहे है । अमन ने कहा कि महात्मा गांधी ने हमेशा सत्य का मार्ग अपनाते हुए जीवन को आगे बढ़ाया । आज हमें गांधी को नए सिरे से पढ़ने और समझने की जरूरत है । गांधी को जानने से अधिक हमें उनके बताएं मार्ग को मानने की जरूरत है ।
इस दौरान शिक्षक डालूराम सेजू, उषा जैन, मिथलेश चौधरी, चन्द्रकला सियाग, रहीम खान खिलजी, अक्षय वड़ेरा, हितेष भंसाली, पिन्टू सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे ।
मुकेश बोहरा अमन
प्रेरक अभियान एक घर एक पौधा
Wednesday, September 22, 2021
सत्तरह बच्चों का रेस्क्यू किया गया
ओंकार नाथ चौधरी
जनपद बलरामपुर श्रीमान विशेष सचिव गृह, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ के आदेश के अनुक्रम में एवं श्रीमान पुलिस अधीक्षक जनपद बलरामपुर के कुशल मार्गदर्शन में एवं नोडल अधिकारी एएचटीयू के पर्यवेक्षण में जागरूकता / बचाओ अभियान के तहत थाना एएचटीयू जनपद बलरामपुर द्वारा थाना पचपेड़वा क्षेत्र के अंतर्गत- बस स्टैंड ,रेलवे स्टेशन चौराहा बाजारों मार्गों के आसपास लावारिस घूमती महिला एवं बच्चों जो कालांतर में अनेक प्रकार की कुरीतियों अथवा अपराध में कतिपय तत्वों द्वारा इन्हें जबरन सम्मिलित कर लिया जाता है, हेतु अभियान चलाया गया जिसके दौरान कुल 17 बच्चों को रेस्क्यू किया गया
टीम के सदस्यों के नाम-
1- महिला उपनिरीक्षक श्रीमती ममता सिंह यादव प्रभारी एएचटीयू
2- श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री भूपेंद्र मिश्रा
3- मुख्य आरक्षी विक्रम शर्मा AHTU
4-आरक्षी पप्पू सिंह-AHTU
5 आरक्षी सलमान वारसी-AHTU
6 महिला आरक्षी आरती वर्मा-AHTU
स्वयं सेवकों का दो दिवसीय क्षमतावर्धन हेतु कार्यशाला का आयोजन
ओंकार नाथ चौधरी
जनपद बलरामपुर आगा खान फाउंडेशन व टाटा ट्रस्ट्स के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम पंचायत लर्निंग सेंटर जरकुसहा (पाण्डेयपुरवा) में स्वयं सेवकों का दो दिवशीय क्षमतावर्धन हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान आगा खान फाउंडेशन व टाटा ट्रस्ट्स के कार्य एवं क्षेत्र की जानकारी दी गयी । इसके साथ ही गांव स्तर पर सन्चालित सामुदायिक आधारित शिक्षण केंद्र पर कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के साथ सीखने सिखाने की प्रक्रिया पर समझ बनाने का काम किया गया जिसमें बताया गया कि बच्चो के साथ खेल व गीत व पुस्तकालय की गतिविधियां सन्चालित की जायेंगी इसके साथ ही बच्चो को कहानी सुनाना क्यो आवश्यक है व इसकी प्रक्रिया क्या क्या होंगी उसको लेकर बात किया गया जिसमे सभी ने बताया कि पुस्तकों के उपयोग से बच्चो का शब्द भंडार बढ़ता है, किताबो से लगाव बनता है व पुस्तकालय का उपयोग कहानी किताबे पढ़ने, नाटक तैयार करने आदि में मददगार हो सकती है। इसी तरह संदर्भ से भाषा सीखने की प्रक्रिया बताई जिसमे बच्चो के परिवेशीय ज्ञान को आधार बनाते हुए भाषा सीखाने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही गणित सिखाने के लिए मूर्त से अमूर्त की तरफ जाने की बात बताई गई।
कार्यशाला के दौरान श्रावस्ती जनपद के हरिहरपुररानी ब्लॉक में अलग अलग गांव से स्वयंसेवको ने प्रतिभाग किया । प्रशिक्षण के दौरान सत्र संचालन के लिये प्रशिक्षक जितेंद वर्मा , मनोज कुमार, दिनेश, सतेंद्र,जितेंद मिश्र व श्रीकांत शुक्ल के साथ ही शिवांशु जी टाटा ट्रस्ट्स ने सहयोग किया।
केस्को में खराब मीटर बदलने का अधीक्षण अभियंता द्वितीय द्वारा चलाया अभियान से उपभोक्ताओं को मिली राहत
पत्रकार राकेश डग केस्को में खराब मीटर बदलने के लिए अभियान चलाया गया जिससे उपभोक्ताओं को मिली राहत जिसमें किदवई नगर डिवीजन में 14 बर्रा विश्व बैंक डिवीजन में 24 गोविंद नगर डिवीजन में 37 और पराग डेरी डिवीजन में 19 खराब मीटर बदले गए अधीक्षण अभियंता अनिल जायसवाल ने टीमें लगाकर खराब मीटर बदलवाए
Monday, September 20, 2021
बिग बॉस ओटीटी की विजेता बनी दिव्या अग्रवाल,कोन हैं दिव्या अग्रवाल जानिए
मुंबई | पिछले माह के आठ अगस्त से शुरू हुआ बिग बॉस ओटीटी शनिवार रात को खत्म हो गया है। शनिवार रात हुए फाइनल में अभिनेत्री दिव्या अग्रवाल को बिग बॉस ओटोटी के पहले सीजन का विजेता घोषित किया गया है। करण जौहर ने विजेता के तौर पर उनके नाम की घोषणा की। इस शो में कुल 13 कंटेस्टेंट्स ने हिस्सा लिया। जिसमें अभिनेत्री . शमिता शेट्टी, प्रतीक सहजपाल और राकेश बापट जैसे कंटेस्टेंट को हराकर दिव्या अग्रवाल विजेता बनी हैं। आइए जानिए दिव्या अग्रवाल कौन हैं।
डांसर भी हैं। वो एलीवेट डांस इंस्टीट्यू नाम से अपनी खुद की डांस एकेडमी भी चलाती हैं। दिव्या ने अपने करियर की शुरुआत भी मॉडलिंग और डासिंग से की थी। 2015 में उन्होंने 'मिस नवी मुंबई' और 2016 में मिस इंडियन प्रिंसेस और मिस टूरिज्म इंटरनेशनल इंडिया का खिताब जीतकर लोगों का ध्यान खींचा था। टीवी पर उन्होंने 2017 में एमटीवी इंडिया के स्प्लिट्सविला में भाग लेकर लोगों का ध्यान खींचा। दिव्या इस शों की उपविजेता रही थीं। 2018 में दिव्या ने एमटीवी इंडिया के ऐस ऑफ स्पेस 1 शो को जीता था। दिव्या ऑल्ट बालाजी के वेब सीरीज रागिनी एमएमएस: रिटर्न्स में रागिनी/सावित्री देवी की भूमिका भी कर चुकी हैं।
Sunday, August 15, 2021
यौन उत्पीड़न को रोकने पर कार्यक्रम आयोजित
ओंकार नाथ चौधरी
जनपद बलरामपुर ब्रेकथ्रू लखनऊ के दो युवा ट्रेनर ने गूगल मीट के माध्यम से बलरामपुर, सुल्तानपुर,श्रावस्ती, एवं सिद्धार्थनगर के
युवाओं के बीच एक ऑनलाइन सेशन का आयोजन किया। इस सेशन का संचालन अमित रावत और उनके साथी शुभम सिंह चौहान ने किया है। इसमें प्रतिभागियों को बताया गया कि किस तरह से वह 5डी का इस्तेमाल कर के यौन उत्पीड़न को रोक सकते हैं। उन्होंनेे वीडिओज़ और सवालों के माध्यम से लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले यौन उत्पीड़न के बारे में बताया और उस से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी अवगत कराया ।इसके साथ ही इस कार्यशाला में यौन उत्पीड़न होने पर किस तरह से अपना ख़्याल बेहतर तौर पर रखा जा सकता है इस पर भी बात हुई। इस सेशन को आयोजित करवाने में ग्रामीण बौद्ध कल्याण सेवा संस्थान के संस्था प्रमुख श्री ओंकार नाथ चौधरी ने बहुत अपना अमूल्य योगदान दिया है गौरतलब है कि ब्रेकथ्रू अमेरिकी संस्था होलाबैक और लोरियल पेरिस के साथ मिल कर के भारत के विभिन हिस्सों में युवाओं के बीच सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले यौन उत्पीड़न को ले कर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इस सेशन में भाग लेने वाले लोगों ने सीखा की यदि अब वह सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न होते हुए देखेंगे तो उन्हें किस तरह से अपने आपको सुरक्षित रखते हुए दख़ल देना है। प्रतिभागियों ने कार्यशाला के दौरान अपने विचार तथा यौन उत्पीड़न से संबंधित अपने अनुभव भी साझा किए । सभी प्रतिभागियो को यह सेशन बहुत लाभदायक लगा और उन्होंने कहा कि वो भविष्य में भी ऐसी कार्यशाला का हिस्सा बनना चाहेंगे। ब्रेकथ्रू भविष्य में भी ऐसी ट्रेनिंग का आयोजन करता रहेगा। इस कार्यक्रम में परवीन बानो, ममता, मनोज कुमार तिवारी, मुकेश कुमार, नीतू शुक्ला, एकता तिवारी, आशमा बेगम, घनश्याम वर्मा, हेमावती आदि समाजिक साथियों ने प्रतिभाग किया