Thursday, December 23, 2021

तुम अपने और मैं अपने घर

 सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त


दुनिया की विरासत में एक डायलाग कभी नहीं मिटेगा। वह है- अपने पैरों पर खड़े होना सीखो। यह इस दुनिया का सदाबहार डायलाग है। जब हम छोटे थे तब हमारे बुजुर्ग यह डायलाग कह-कहकर हमारे कान पका देते थे। जब हम बड़े हुए तो हमने अपने बच्चों के कान पका दिए। स्वाभाविक है कि हमारे बच्चे भी अपने बच्चों के कान पकायेंगे। यही दुनिया का दस्तूर है। हँसी तो तब आती जब यह सोच-सोचकर दिमाग खपा देते कि हम अपने पैरों पर नहीं तो किनके पैरों पर खड़े हैं। खैर, किताबों की खाक़ छानी तो पता चला कि यह कथन तो एक मुहावरा है। इस मुहावरे का अर्थ है- आत्मनिर्भर बनना। फिर मैंने आत्मनिर्भर शब्द का पोस्टमार्टम किया। पता चला यह दो शब्दों से बना है- आत्म और निर्भर। आत्म शब्द आत्मा का सूचक है। आश्चर्य की बात यह है कि भारत के उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक की लगभग सभी भाषाओं में आत्मा के लिए आत्मा शब्द ही है। आत्मा के बारे में और अधिक जानने के क्रम में भगवत् गीता के अध्याय दो श्लोक 20 पर नजर पड़ी। इसमें आत्मा की परिभाषा कुछ इस प्रकार दी गयी है- जायतेम्रियतेवाकदाचित्अयम्भूत्वाभवितावा / भूयःअजःनित्यःशाश्वतःअयम्पुराणःहन्यतेहन्यमानेशरीरे। यानी आत्मा किसी काल में न तो जन्म लेता है और न मरता है न यह उत्पन्न होकर फिर होने वाला है कारण, यह अजन्मा नित्य सनातन और पुरातन है शरीर के मारे जाने पर भी यह नहीं मारा जाता। सामान्य शब्दों में कहा जाए तो आत्मा न खाती न चलतीन हिलतीन पैदा होती न मरती है। अरे भाई! जो है ही नहीं उसे खाक़ निर्भर करेंगे?

हमारे देश में आत्मा के बारे में सभी लोगों के अलग-अलग मत हैं लेकिन हद तब हुई जब सरकार ने आत्मनिर्भरता को खरीदने की कीमत लगाई – पूरे बीस लाख करोड़ रुपये! गणित में कमजोर लोग इस आंकड़े से दूर रहने में ही भलाई है। बचा-खुचा गणित भी भूल जायेंगे। तब मुझे संदेह हुआ जो है ही नहीं उसकी निर्भरता के लिए इतनी बड़ी राशि का क्या होगायह रुपया किसे मिलेगायही सोच-सोचकर सर चकरा रहा था।

तभी मेरे एक मित्र ने मुझसे मेरी चिंता का कारण पूछा। मैंने बीस लाख करोड़ रुपये और आत्मनिर्भरता की बात छेड़ी। तब उसने कहा - बस इतनी-सी बात के लिए सर खपा रहे हो। मान लो मैं सरकार हूँ और तुम जनता। मैंने तुम्हें बीस लाख करोड़ रुपये दे दिए। अब बताओ तुम्हें कैसा लग रहा है? मैंने खुशी-खुशी कहा – अच्छा लग रहा है। यह हुई न बात! कहकर मित्र फिर से अपनी बात समझाने लगा। उसने पूछा इन रुपयों का तुम क्या करोगे? मैंने कहा- यह भी कोई प्रश्न है? खाने-पीने और जरूरत की चीज़ें खरीदूँगा। मित्र ने लंबी साँस लेते हुए कहा- अब बताओ तुम्हें कैसा लग रहा है? मैंने कहा – बहुत अच्छा लग रहा है। तब मित्र ने कहा – हो गया हिसाब बीस लाख करोड़ रुपये का। जहाँ तक बात आत्मनिर्भरता की है, तो याद रखो तुम आत्मा हो और तुम्हारी खुशी निर्भरता। अब व्यर्थ की यह चिंता छोड़ो। घर जाओ और सो जाओ।

मैं घर पहुँचा। लेकिन मैं इसी उधेड़बुन में परेशान था कि जो रुपये मुझे मिले ही नहीं उसकी खुशी कैसी? आत्मनिर्भरता कैसी? यही सोचते-सोचते मैं सो गया। सपने में किसी ने मुझसे कहा – जिन बीस लाख करोड़ रुपयों को तुमने देखा नहीं, उसके लिए चिंता क्यों? उस चिंता के लिए चिता बनना क्यों? चिता बनकर यूँ सोना क्यों? जागो! अपने चारों ओर देखो। जिस प्रकार बिजली के प्रवाह को देख या छू नहीं सकते उसी प्रकार सरकारी रुपये देख या छू नहीं सकतेये रुपये बस सुनने में अच्छे लगते हैं। सोचो! ये रुपये सच में होते तो क्या लोग गरीबी से मरते? भूख से तड़पते-बिलखते? दर-दर की ठोकरें खातें? नहीं नइसीलिए जो नहीं है उसके होने का आभास दिलाने के लिए बीच-बीच में ऐसी बातें कह दी जाती हैं। ऐसा करने से जीने का झूठा दिलासा मिलता है। फिर चाहे वह बीस लाख करोड़ रुपये हो या फिर आत्मनिर्भरताआत्मा निर्भर बनने के लिए चाहे लाख डिसको करे, लेकिन निर्भरता का उसके लिए एक ही डायलाग होगा – खिसकोखिसको! खिसको


भोर-भिनसार

विधा - छंद मुक्त


परिचय - निशा खैरवा पुत्री मनोज खैरवा
छात्रा रामकुमारी कॉलेज
मु.पो. बिदासर,लक्ष्मणगढ़, सीकर राज.



भोर भिनसार शोर नित्य चहुँओर
कलरव निकुंज-खग निशा कंठ
उड़ फुर्र चाह उर-नभ वेग-तेग
भोर-भोर कजरारे अलसाये नैन।

अँगड़ाई अलसाई अंग-अंग मोरनि
प्रातः उच्छ्वास जैसे झंझावात
मृदु मुस्कान जैसे छवि कलीकंज
दृष्टि भोरी चंचल जैसे गोवत्स।

मन कोमल-अमल भाव निर्मल
विवेक एक नेक हित समरूप
मृदु बोल-तौल-मोल हित जान
कमी न, कमाई गुण जान न रूप।

'मगवाणी' की पहली वर्षगाँठ पर हुआ भव्य आयोजन, देश-विदेश में हो रही प्रशंसा

माजिक संस्था मगवाणी ने अपनी पहली वर्षगाँठ एक भव्य वीडियो कार्यक्रम के माध्यम से मनाई। इस कार्यक्रम को देश विदेश के लाखों लोगों ने यूट्यूब व फेसबुक व व्हाटसअप के माध्यम से देखा और सराहा । 'मगवाणी' एक समाचार पटल है जो देश की लगभग तीन दर्जन शाकद्वीपीय संस्थाओं के सहयोग से सामाजिक जागरण का प्रयास करती है। इस पटल के माध्यम से देश-विदेश के शाकद्वीपीय परिवारों व शाकद्वीपीय संस्थाओं के प्रेरक व महत्वपूर्ण गतिविधियों  को प्रसारित किया जाता है । इन प्रसारणों से प्रेरित 'शाकद्वीपीय समाज' अपने निजसशक्तिकरण से राष्ट्र के विकास में सहभागिता प्रदान करता है ।

     गत 20 दिसम्बर को सम्पन्न मगवाणी वार्षिकोत्सव के आलोक में देश- विदेश से प्राप्त शुभकामना सन्देशों को इस सामाजिक पटल अर्थात मगवाणी ने शृंखलावद्ध तरीके से प्रसारित किया । शुभकामना संदेश देने वाली महत्वपूर्ण विभूतियों में अयोध्यानरेश बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, दिल्ली के स्पेशल पुलिस कमिश्नर श्री दीपेंद्र  पाठक,  सीमा सुरक्षा बल के पूर्व महानिदेशक श्री देवेंद्र पाठक, लक्षद्वीप के कृषि व मत्स्यपालन सेक्रेटरी श्री ओम प्रकाश मिश्र,   राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त पूर्व आई. ए. एस. अधिकारी वैदेही शरण मिश्र,भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ पी. एस. पाण्डेय, उद्योगपति श्री सुरेश प्रसाद मिश्र, दैनिक हिंदुस्तान राँची के एसोसिएट एडिटर चंदन मिश्र, प्रख्यात साहित्यकार डॉ मदन मोहन तरुण, वेटरन जॉर्नलिस्ट प्रोफेसर सिद्धार्थ मिश्र, काशी विश्वनाथ न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेन्द्र पाण्डेय , शिक्षाविद श्री प्रदीप मिश्र, भाजपा महिला मोर्चा बिहार की सोशल मीडिया प्रभारी श्रीमती प्रीति पाठक , प्रख्यात ज्योतिर्विद पं विजयानन्द सरस्वती , बिमला हरिहर ग्रुप, राँची के संस्थापक निदेशक डॉ हरिहर प्रसाद पाण्डेय  ,पटना विश्वविद्यालय  के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर उमाशंकर शर्मा ऋषि , प्रख्यात अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक डॉ चंद्र भूषण मिश्र एवं दैनिक सन्मार्ग के पूर्व सम्पादक श्री ज्ञानवर्धन मिश्र इत्यादि  के नाम शामिल हैं ।
     वार्षिकोत्सव कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए मगवाणी कोर कमेटी सदस्य श्री बिमल कुमार मिश्र, श्री अनन्त कुमार मिश्र एवं श्री राजन राजेश्वर नायक ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी करते हुए बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत नागपुर में रहने वाली मगवाणी प्रवाचिका श्रीमती श्रुति मिश्रा द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना से हुई । इसके बाद देश की लगभग दो दर्जन शाकद्वीपीय संस्थाओं के अध्यक्षो के साथ-साथ मगवाणी के कई प्रान्त प्रतिनिधियों , जिला प्रतिनिधियों व प्रसार प्रतिनिधियों के वीडियो संदेशों का प्रसारण हुआ । बिहार की बेटी काव्या मिश्रा द्वारा प्रस्तुत नृत्य एवं जहानाबाद के श्री राजेश मिश्र व उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत 'मगोपाख्यान गायन' भी आकर्षण के केंद्र रहे । सभी तेरह प्रवाचक-  प्रवाचिकाओं में श्रुति मिश्रा, राजीव नन्दन मिश्र,डॉ नारायण दत्त मिश्र,श्रीमती अनुपमा मिश्रा,मीनाक्षी मिश्रा,दीन दयाल शर्मा,अक्षिता मिश्रा,भगवानदत्त मिश्र,डॉली मिश्रा,नीरज उमेश शर्मा,भरत कुमार,प्रियंका चन्द्र शर्मा ने मगवाणी द्वारा प्रदत्त उपहारों व प्रशास्तिपत्रों को हाथ मे लेकर अपने आभार ज्ञापन भी प्रस्तुत किये। इसके बाद मगवाणी उपसमन्वयक श्री महेंद्र पाण्डेय व समन्वयक डॉ भारती भोजक ने अपने विचार व्यक्त किये ।सबसे अंत मे मगवाणी संयोजक श्री विवेकानंद मिश्र ने अपने महत्वपूर्ण वक्तव्य में मगवाणी के समस्त प्रयासों की प्रासंगिकता तथा  मगवाणी प्रसारण से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डालते हुए आभार ज्ञापन प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का संचालन दिल्ली से डॉ नारायण दत्त मिश्र, पटना से श्रीमती अनुपमा मिश्रा तथा जोधपुर से श्री दीन दयाल शर्मा ने किया ।

Wednesday, December 22, 2021

किसान दिवस

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

     हमारा देश भारत कृषि प्रधान देश है। देश की 70 प्रतिशत आबादी किसी न किसी रूप में कृषि से जुड़ी हुई है। आज देश में कुल आबादी का 86.21 फीसदी हिस्सा लघु सीमांत किसान(दो हेक्टेयर से कम जोत वाले), अर्ध मध्यम और मध्यम आकार वाली जोतों (02 से 10 हेक्टेयर तक की जोत वाले ) की संख्या 13.22 प्रतिशत और बड़ी जोत (10 हेक्टेयर या ऊपर) वाले किसान 0.57 प्रतिशत है।

     आजादी से पहले और भूमि सुधार कानून लागू होने तक खेतों की जोत का आकार बड़ा होता था। खेती की जमीन बड़े बड़े जमींदारों के पास होती थी। गांवों के ज्यादातर लोग जमींदारों से खेत लेकर खेती करते थे। बदलें में पैदा हुए अनाज का एक निश्चित भाग जमींदार को देते थे। पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के साधन न होने, मौसम की मार पड़ जाने तथा आज जैसे खाद और कीटनाशकों के न होने से उपज अच्छी नहीं होती थी। जनमानस हमेशा अभाव में जीता था। किसान के लिए दो वक्त की रोटी जुटा पाना मुश्किल था।
     यह वह दौर था जब देश में किसान और कृषि क्षेत्र अनेकों समस्याओं  से जूझ रहा था।  ऐसे समय में चौधरी चरण सिंह एक किसान नेता के रूप में उभरे।  जमीन और किसान से जुड़ी समस्याओं को व्यापक रूप से सरकार के सामने लाना शुरू किया। उन्होंने समाजवाद के नारे "जो जमीन को जोते-बोये वो जमीन का मालिक है" के साथ काम करना शुरू किया।  वे जानते थे कि जब तक सभी के पास जमीन नहीं होगी तब तक देश से गरीबी और भुखमरी का अंत नहीं हो सकता। देश की आर्थिक हालत ठीक नहीं हो सकती। 
     उस समय राजनीतिक दल अपने घोषणापत्र में किए वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध होते थे।  उस समय सत्ता में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी। उनके घोषणा पत्र के अधिकांश वादे देश के विकास और नव निर्माण से संबंधित थे।  उनके घोषणा पत्र में भूमि सुधार एक मुख्य कार्यक्रम था।  उस समय उत्तर प्रदेश में पंडित गोविंद बल्लभ पंत  की सरकार थी। चौधरी चरण सिंह उनकी सरकार में राजस्व मंत्री थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में  भूमि सुधार  के  काम को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से 01 जुलाई 1952 को उत्तर प्रदेश में  जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ।  लेख पाल का पद उनके ही प्रयासों से सृजित किया गया।  उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया।     03 अप्रैल 1967 को वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 17 अप्रैल 1968 को उन्होंने कुछ कारणों से मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। वह उत्तर प्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। मध्यावधि चुनाव हुए जिसमें उन्हें अच्छी सफलता मिली।  17 फ़रवरी 1970 को वे फिर  मुख्यमंत्री बने। उनकी कार्यशैली के कारण आज भी उनकी गणना सबसे प्रभावी जननायक, कुशल प्रशासक और ईमानदार राजनेता के रूप में होती है।     उन्होंने सन् 1974 में  राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया और कांग्रेस के विरोध में एक नयी पार्टी का गठन किया। जिसमें भारतीय क्रांति दल के साथ-साथ बीजू जनता दल, समाजवादी पार्टी,  स्वतंत्र पार्टी जैसे कई दल शामिल हुए। आपातकाल के बाद और जे पी आंदोलन के समय यह दल काफी करीब आ गये और सबने साथ मिलकर एक नयी पार्टी का गठन किया। जो कि जनता पार्टी  कहलायी। 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक देश के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली।
     उस समय किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी।  सरकार अपने तरीके से फसलों के दाम घोषित किया करती थी। उनके कार्यकाल में ही आढ़तियों की मनमानी  पर अंकुश लगा। किसानों को कर्ज दिलाने के लिए उन्होंने नाबार्ड की व्यवस्था की। इसकी स्थापना से किसानों को खेती के लिए ऋण मिलना आसान हो गया। किसानों को कुछ हद तक साहूकारों से मुक्ति मिली।
     उन्होंने 1937 में  किसानों और सामाजिक, शैक्षिक रूप से पिछडे़ वर्ग के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा उठाया ।  उन्हीं के प्रयासों से मंडल कमीशन का गठन हुआ। 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवाद से इत्तेफाक रखने वाली पार्टियों  के सहयोग से देश के प्रधानमंत्री बने।    वह गरीब, किसान और मजदूर के नेता थे। वे सादगी, सच्चाई, ईमानदारी के पक्षधर और भ्रष्टाचार के खिलाफ थे। एक बार उन्हें एक थाने के पुलिस कर्मियों द्वारा घूस लेने की बात पता चली। उस समय वह देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने खुद किसान बनकर सच्चाई का पता लगाया। पुलिस द्वारा रिपोर्ट लिखने के लिए उनसे भी घूस मांगा गया। सच्चाई साबित होते ही उन्होंने पूरे थाने को सस्पेंड कर दिया ।  इतने निचले स्तर पर जाकर ऐसी कार्यवाही को अंजाम देना जनमानस के प्रति उनकी भावना को दर्शाता है।
     चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर 1902 को बाबूगढ़ छावनी के निकट नूरपुर , तहसील हापुड़, जनपद गाजियाबाद  में एक मध्यम वर्गीय किसान मीर सिंह के यहां हुआ था। उन्होंने 1923 में विज्ञान से स्नातक तथा 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से एल एल बी की  शिक्षा पूरी किया और गाजियाबाद में वकालत करने लगे।  
     सन् 1929 में आजादी के लिए पूर्ण स्वराज्य आंदोलन में जुड़ गये। सन् 1930 में महात्मा गाँधी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन के तहत् नमक कानून तोडने के आह्वान पर हिंडन नदी पर नमक बनाकर अंग्रेजों के बिरूद्ध शंखनाद किया। इसके लिए उन्हें 6 माह की सजा सुनाई गई। 1940 में सरकार ने उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया और 1941 में छोड़ा। अब तक वे आजादी के दीवाने बन चुके थे। अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजी सरकार को खूब छकाया। अंग्रेज सरकार उनकी गतिविधियों से परेशान हो उठी। उसने उन्हें देखते ही गोली मारने का आदेश दे दिया। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार अंग्रेज पुलिस उन्हें पकड़ने में कामयाब हो गयी। उन्हें डेढ़ साल की सजा हुई। 
     चौधरी चरण सिंह ने लम्बे समय तक गांव, गरीब और किसान की सेवा की। सादगी की मिसाल बने। 29 मई 1987 को दिल्ली में किसानों का मसीहा चिर निद्रा में लीन हो गया। खुशहाल किसान का उनका सपना आज तक पूरा न हो सका।  किसानों की समस्याओं को किसान ही समझ सकता है। गन्ने के रस को जूस कहने वाले जब तक किसान के लिए योजनाएं बनाएंगे तब तक किसान खुशहाल नहीं हो सकता। किसानों के लिए योजनाएं राजधानियों के वातानुकूलित कमरों में नहीं बल्कि खेतों की मेड़ों पर बैठकर  बनायी जाने की आवश्यकता है। जब इस स्तर पर योजनाएं बनेंगी तब ही चौधरी चरण सिंह का सपना साकार हो सकता है।


🇮🇳🌹✒🇮🇳🌹✒🇮🇳🌹✒🇮🇳
हरी राम यादव
स्वतंत्र लेखक

उठो वीर जवानों

उठो वीर जवानों भारत के भारत माता की यही पुकार 

साधो अपने लक्ष्य को साधना की बस यही पुकार ।। 

 यह धरती है वीरों का जिनके कर्मो का गवाह इतिहास 
उस इतिहास के पन्ने में दर्ज कराना अपना इतिहास।। 

 परशुराम की कर्म भूमि है जहाँ परसु उठता अन्याय 
पर एक एक कर अधर्मी और अन्यायी का परशु हिसाब करता न्याय पर।। 

 तुम वंशज हो राम के जिनके आदर्श का गाथा है 
धर्म पथ और कर्म पथ के सामंजस का गाथा है।। 

 हरिश्चंद्र हो जिसके पूर्वज वो बोलो कैसे असत्य पर धरे मौन 
राजपाट को तुच्छ ही जाना सत्य पथ पर चलकर मौन।। 

 भीष्म जहाँ की अटल प्रतीज्ञा अर्पण किये जीवन का सुख 
राष्ट्र रक्षा का विडा मन में अर्पण किये जीवन का सूख।। 

 इतिहास पुरूष हैं अर्जुन तेरे जिनके वाणों की टंकार 
बड़े बड़े और वीर योद्धा भी करते थे उन्हें नमस्कार।।

 देश तुम्हारे ही जन्मे थे लीला धर लेकर अवतार
 मुरली गैया और सुदर्शन जिनके थे प्रिय हथियार।। 

 कितने वीरों का नाम कहूँ यह भारत माता स्वतः गवाह
 क्या एक एक कर नाम गिनाऊं जिनके कृत्यों का है भंडार।। 

 चन्द्रगुप्त उस मलेच्छ पर भारी जिसने जीत पूरा विश्व
 विश्व विजेता को घुटनों बैठकर चंद्रगुप्त ने जीता दिल।। 

 चौहान चलाए सब्दबेधी चित किया उस जालिम को 
भारत माता के रक्षा में आहुति दे दिया अपने आप को।। 

 चंद्रशेखर ,भगत और वीर सुभाष जन्म लिए जिस मिट्टी पर 
आजादी का लहर उठाकर स्वाहा हो गए उस  मिट्टी पर ।। 

लाखों लाख सपूत हुए आर्यावर्त की पुण्य धरा 
अब उनके किये कृत्य पर पानी जैसे है फिर रहा।। 

 अब भी अगर जग गए तो मिट जाएगा अंधियारा
 धवल किरण लेकर आएंगे रश्मि रथी का उजियारा।।।।
श्री कमलेश झा भागलपुर

प्रत्यक्षे किम् प्रमाणम् - जो प्रत्यक्ष है, जो सामने है, उसे साबित करने के लिए कोई प्रमाण की ज़रूरत नहीं पड़ती।

प्रौद्योगिक और डिजिटल क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ते भारत में कार्यक्रमों के संबोधनों में नेताओं द्वारा बड़े बुजुर्गों की कहावतों, संस्कृति, महाकाव्य, पौराणिक ग्रंथों के वचनों का उदाहरण देना सराहनीय - एड किशन भावनानी


गोंदिया - भारत आज तेजी से प्रौद्योगिकी और डिजिटल क्षेत्र में अपेक्षा से अधिक लक्ष्यों को हासिल कर रहा है जो हर भारतीय के लिए फक्र की बात है कि हम शीघ्र ही एक वैश्विक रीडर की स्थिति में होंगे!!! साथियों इस प्रौद्योगिकी युग में भी हम अभी बीते कुछ दिनों, महीनों से एक बात बारीकी से महसूस कर रहे हैं कि हमारे राजनीतिक नेताओं, बुद्धिजीवियों विशेष रूप से वैश्विक लीडर सूची में प्रथम क्रमांक पर आए व्यक्तित्व द्वारा अपने करीब क़रीब हर संबोधन में चाहे वह राजनीति हो या गैर राजनीतिक, धार्मिक हो या सामाजिक उसमें बड़े बुजुर्गों की कहावतों, संस्कृति, साहित्य, पौराणिक ग्रंथों के वचनों, महाकाव्य के वचनों का उल्लेख कर उसका मतलब समझाया जाता है और उसपर वैचारिक सहमति दर्शाते हुए जनता से या सुनने वालों को उस राहपर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है!!! आज हम इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया पर संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तित्व का अगर हम संबोधन सुने तो उपरोक्त गुण उनके संबोधनों में पाए जाते हैं जो वर्तमान प्रौद्योगिकी और डिजिटल भारत में तारीफ़ ए काबिल है!!! साथियों बात अगर हम बीते कुछ महीनों सालों में नेताओं द्वारा संबोधनों में आध्यात्मिक,धार्मिक सांस्कृतिक, पौराणिक ग्रंथों, महाकाव्यों के वचनों, भारतीय पौराणिक संस्कृति इत्यादि के बारे में उपयोग में लाए गए कथनों की करो करें तो वह दिल को छू जाते हैं और हमें अपने भारतीय होने पर गर्व महसूस होता है!!! कुछ संबोधनों के अंश में शामिल निम्नलिखित वचन हैं। 1)- प्रत्यक्षे किम् प्रमाणम् - याने, जो प्रत्यक्ष है, जो सामने है, उसे साबित करने के लिए कोई प्रमाण की जरूरत नहीं पड़ती। 2) वसुधैव कुटुंबकम की बात कही। इसका अर्थ है- धरती ही परिवार है (वसुधा एवं कुटुम्बकम्) यह वाक्य भारतीय संसद के प्रवेश कक्ष में भी अंकित है। इसका पूरा श्लोक कुछ इस प्रकार है। अयं बन्धुरयं नेतिगणना लघुचेतसाम् ।उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥ (महोपनिषद्, अध्याय ४, श्‍लोक ७१) अर्थ यह है - यह अपना बन्धु है और यह अपना बन्धु नहीं है, इस तरह की गणना छोटे चित्त वाले लोग करते हैं। उदार हृदय वाले लोगों की तो (सम्पूर्ण) धरती ही परिवार है। 3) विश्वस्य कृते यस्य कर्मव्यापारः सः विश्वकर्मा।अर्थात, जो सृष्टि और निर्माण से जुड़े सभी कर्म करता है वह विश्वकर्मा है। हमारे शास्त्रों की नजर में हमारे आस-पास निर्माण और सृजन में जुटे जितने भी, हुनरमंद लोग हैं, वो भगवान विश्वकर्मा की विरासत हैं। इनके बिना हमअपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। 4) सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत अर्थात सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मङ्गलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े। 5)या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ यानी जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है. 'या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥' अर्थात जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है. 'या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ इसका अर्थ है कि जो देवी सब प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको बारंबार नमस्कार है। 6) वयं राष्ट्रे जागृयाम -यानी  युजुर्वेद में ये सुक्ति है इसका अर्थ है हम राष्ट्र को जीवंत और जागृत बनाए रखेंगे। 7)हजारों साल पहले हमारे मनीषियों ने इसी विचार को आत्‍मसात कर विश्‍व को राह दिखाने का काम किया और आज हम भी उसी विचार मानने वाले हैं। प्रकृति से प्‍यार करने की सीख हमारे ग्रंथों में, हमारी जीवन शैली में शामिल है।पूरे विश्‍व कोपरिवार मानने की सीख हमारे मनीषियों ने दी। 8) अमृतम् संस्कृतम् मित्र, सरसम् सरलम् वचः।एकता मूलकम् राष्ट्रे, ज्ञान विज्ञान पोषकम्। अर्थात, हमारी संस्कृत भाषा सरस भी है, सरल भी हर संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है, उसे मजबूत करती है। संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का ऐसा ही दिव्य दर्शन है जो किसीको भी आकर्षित कर सकता है। 9) कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन’ अर्थात कर्म योग। 10) हजारों साल पहले हमारेमनीषियों ने इसी विचार को आत्‍मसात कर विश्‍व को राह दिखाने का काम किया और आज हम भी उसी विचार मानने वाले हैं। प्रकृति से प्‍यार करने की सीख हमारे ग्रंथों में, हमारी जीवन शैली में शामिल है। पूरे विश्‍व को परिवार मानने की सीख हमारे मनीषियों ने दी। 11) महा-योग-पीठेतटेभीम-रथ्याम् वरम् पुण्डरी-काय,दातुम् मुनीन्द्रैः। समागत्य तिष्ठन्तम् आनन्द-कन्दं,परब्रह्मलिंगम्,भजे पाण्डु-रंगम्॥ अर्थात्, शंकराचार्य जी ने कहा है- पंढरपुर की इस महायोग भूमि में विट्ठल भगवान साक्षात् आनन्द स्वरूप हैं।इसलिए पंढरपुर तो आनंद का ही प्रत्यक्ष स्वरूप है। 12) अध्यात्म और सेवा अलग नहीं हैं और वे अनिवार्य रूप से समाज का कल्याण चाहते हैं। 13) जिस तरह से देश के स्वाधीनता संग्राम में भक्ति आंदोलन ने भूमिका निभाई थी,उसी तरह आजआत्मनिर्भरता भारत के लिए देश के संतों महात्माओं, महंतों और आचार्यों की मदद की आवश्यकता है। 14) हमारा देश इतना हजरत है कि यहां जब भी समय विपरीत होता है तो कोई ना कोई संत विभूति समय की धारा को जोड़ने के लिए अवतरित हो जातेहैं यह भारत ही है जिसकी आजादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है। 15) हमारे पुराणों ने कहा है जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। साथियों बात अगर हम ऐसे कई संबोधनों की करें तो यह अनेक नेताओं के हजारों की संख्या में संबोधन हैं!! साथियों यही भारतीय संस्कृति की पहचान है कि हमारे लीडरशिप में चाहे वह पक्ष हो या विपक्ष हो, भारत माता की मिट्टी में पैदा हुआ है और उन्हें यह संस्कृति गॉड गिफ्टेड है कि इतने बड़े पदों पर बैठे हुए भी आज अपने हर संबोधन में अपने धार्मिक ग्रंथों आध्यात्मिक संस्कृति के श्लोक पढ़े जाते हैं, उनका अर्थ समझाया जाता है जो काबिले तारीफ है!!! हालांकि राजनीति, हार जीत, पक्ष विपक्ष अपनी जगह है हर पक्ष विपक्ष द्वारा आपसी शाब्दिक हमले जनसभाओं में हम देखते रहते हैं परंतु यह आध्यात्मिक सांस्कृतिक और धार्मिक ग्रंथों का अर्थ समझा कर जनता में अपनी पैठ बढ़ाने की एक सफल कोशिश है!!! क्योंकि यह आस्था का प्रतीक होने में मील का पत्थर साबित होगा। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि प्रत्यक्षण किम् प्रमाणम -जो प्रत्यक्ष है वह सामने है उसे साबित करने के लिए किसी प्रमाण की ज़रूरत नहीं पड़ती, तथा प्रौद्योगिकी और डिजिटल क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ते भारत में कार्यक्रमों के संबोधन में बड़े बुजुर्गों, की कहावतों, संस्कृति, साहित्य, पौराणिक ग्रंथों महाकाव्य के वचनों का उदाहरण देकर शिक्षित करना सराहनीय है। 

Tuesday, December 21, 2021

राजस्व संग्रह अमीन संघ ने गरीब भिखारियों को फल वितरण कर मनाया स्थापना दिवस

 रेलवे स्टेशन गांधी डिग्री पास किया कार्यक्रम

दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो


उरई (जालौन)। उ. प्र. राजस्व अमीन संघ का स्थापना दिवस संघ के जिलाध्यक्ष उमेशचंद्र की अध्यक्षता में मनाया गया। इस दौरान गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष उमेशचंद्र ने कहा कि उ. प्र.  राजस्व संग्रह अमीन संघ की स्थापना 21 दिसंबर 1959 को हमारे महान साथियों एवं पूर्वजों द्वारा सभी साथियों को एक सूत्र में बांधने के उद्देश्य संघ की स्थापना की गयी थी। हर वर्ष की तरह संघ के स्थापना दिवस को समारोह पूर्वक मनाते हुए संस्थान के उद्देश्यों एवं पूर्वजों के त्याग और समर्पण भाव को याद करते हुए संघ के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए एकजुट होने का प्रयास करें। इस मौके पर तहसील शाखा उरई द्वारा सभी संग्रह अमीनों ने अपने-अपने विचार रखे तथा 62वें स्थापना दिवस को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया। इसके उपरांत 

राजस्व संग्रह अमीन संघ के स्थापना दिवस पर आज मंगलवार को गरीब असहाय साधु संतों को शहर के स्टेशन रोड़ पर पहुंच कर राजस्व संग्रह अमीन संघ के जिलाध्यक्ष उमेशचंद्र के नेतृत्व में अधवबिहारी उपाध्यक्ष, अशोक कुमार मंत्री,  अरविंद सिंह उपमंत्री, अनुरुद्ध प्रताप सिंह कोषाध्यक्ष, हीरालाल यादव संगठन मंत्री के अलावा राजस्व संग्रह अमीन संघ के वरिष्ठ साथी सुरेश सिंह, पवन कुमार जैन, वरुण गुप्ता, मनीष श्रीवास्तव, प्रहलाद नारायण, ओमकार सिंह, रामशरण सिंह, संजय, बलवान, सौरव अवस्थी आदि ने फल वितरण किये।

दयानंद वेदिक कॉलेज में युवा संसद का कार्यक्रम हुआ संपन्न

दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो

उरई, जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन तथा मुख्यालय ने


हरू युवा केंद्र संगठन के निर्देशानुसार नेहरू युवा केंद्र द्वारा दयानंद वैदिक कॉलेज के पुस्तकालय सभागार में जिला स्तरीय पड़ोस युवा संसद का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में सदर विधायक गौरी शंकर वर्मा तथा हरि मोहन पुरवार जी रहे कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य राजेश चंद्र पांडे जी रहे इसके अतिरिक्त रिसोर्स पर्सन के रूप में डॉ माधुरी रावत डॉ नमो नारायण डॉक्टर सौम्या बघेल इत्यादि रहे इस कार्यक्रम के अवसर पर प्रतिभागियों द्वारा विभिन्न योजनाओं के बारे में पक्ष तथा विपक्ष बनकर सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में चर्चा की इस अवसर पर माननीय विधायक गौरी शंकर वर्मा द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज लड़कियां शिक्षा तथा अन्य क्षेत्रों में बहुत प्रगति कर रही हैं इस अवसर पर हरि मोहन पुरवार जी द्वारा नेहरू युवा केंद्र जालौन के कार्यक्रम को सराहा गया कार्यक्रम तथा तथा भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा गया अवसर पर प्राचार्य राजेश चंद्र पांडे द्वारा प्रतिभागियों को ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु प्रेरित किया गया इस अवसर पर जिला युवा अधिकारी रवि दत्त शर्मा द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के कार्यक्रम 17 दिसंबर से 26 दिसंबर तक आयोजित किए जा रहे हैं तथा युवा सभी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं कार्यक्रम का संयोजन कुमारी सुरक्षा मिश्रा द्वारा किया गया तथा मंच संचालन अनादि पांडे तथा  कु आराध्या द्वारा किया गया इस अवसर पर पर नेहरू युवा केंद्र के लेखा एवं कार्यक्रम पर्यवेक्षक अरविंद संज्ञा तथा विभिन्न ब्लॉकों से वॉलिंटियर  रमाकांत सोनी रमाकांत सोनी  सत्यम  सौम्या  शिवानी  नेहा शिवप्रताप सिंह विपिन पालीवाल विमल सिंह शिवम रिछारिया इत्यादि रहे

कदौरा नगर में चारों तरफ फैली गंदगी ही गंदगी

दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो


कदौरा नगर में गंदगी का अंबार गीलाबे  से बजबज  रही नालिया

आपको बता दें कि कदौरा नगर के कई मोहल्ले गंदगी से जूझ रहे हैं।सफाई कर्मी नहीं कर रहे सफाई वही भारी कचरे से भरे हुए नाले बीमारी का संकेत दे रहे हैं*

नाले भरने के कारण नालियों से पानी नहीं निकल पा रहा है वहीं लोगों का कहना है जब तक नाले की सफाई नहीं होगी इन नालियों से पानी नहीं निकलेगा

नगर पंचायत द्वारा नाले की सफाई नहीं हो रही है जिससे नालियां भी जाम है वही लोगों ने बताया कई बार इसकी शिकायत नगर पंचायत में भी बताई गई है।

मगर नगर पंचायत द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है अधिशासी अधिकारी सुनील कुमार सिंह नगर पंचायत कदौरा से बात की तो बताया जल्द से जल्द सफाई कार्य कराया जाएगा

दबंग लोगों ने पीड़ित महिला के साथ की मारपीट पीड़ित महिला ने जालौन कोतवाली में की शिकायत

दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो

जालौन: जालौन कोतवाली क्षेत्र के सींगपुरा निवासी नेहा पत्नी  कुंवर सिंह ने मंगलवार को जालौन कोतवाली में शिकायती पत्र देकर बताया है कि  हमारे खेत में हरी मटर की फसल लगी हुई है जिसमें हमारे गांव के ही     जगदीश व मलखान आए दिन निकलते हैं   जब हमने निकालने से  मना किया तो हमारे साथ गंदी गंदी गाली गलौज करने लगे इसके बाद जब हम घर पहुंचे तो जगदीश और मलखान घर के बाहर आ कर गाली गलौज करने लगे जब हमने इसका विरोध किया तो हमारे घर के अंदर घुस कर हमारे साथ तमंचा के बल पर मारपीट कर दी  झगड़ा देख आसपास के बैठे लोगों ने मौके पर पहुंचकर बचाया इस मामले की खबर लगते ही पीड़ित महिला ने जालौन कोतवाली पहुंची जहां पर घटना की लिखित तहरीर जालौन पुलिस को दी महिला का आरोप है कि  हमारे कानों से सोने की झुमकी छीन ली और जान से  मारने कि धमकी देकर मौके से जगदीश और मलखान भाग गए जालौन पुलिस ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जांच कर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी

इनरव्हील क्लब के सौजन्य से हुआ नेत्र एवं दंत शिविर परीक्षण का आयोजन

दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो


उरई। इनरव्हील क्लब ऑफ उरई कल्यानी के सौजन्य से कन्या पूर्व माध्यमिक कोटरा में एक नेत्र परीक्षण शिविर एवं दंत परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।जिसमें परिषदीय विद्यालय के लगभग 250 बच्चों का परीक्षण किया गया।शिविर का शुभारंभ चैयरमैन नगर पंचायत कोटरा आशाराम अग्रवाल ने फीता काटकर किया। इनरव्हील क्लब की प्रेसिडेंट अरुणा सक्सेना सहित कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिवार से प्रधानाध्यापिका कल्पना सक्सेना एवम शोभा त्रिपाठी ने स्वास्थ्य परीक्षण शिविर की टीम का स्वागत किया। जिले से आई नेत्र परीक्षण टीम में डॉ सौरभ गुप्ता एवं डॉ रुचि गुप्ता नेत्र परीक्षण अधिकारी नगेन्द्र सिंह, हनुमंत निरंजन,कौशलेंद्र सिंह ने बड़ी लगन से बच्चों का नेत्र परीक्षण किया। दंत परीक्षण के लिए जिला मुख्यालय से डॉ ऋचा द्विवेदी एवम डॉ हेमंत सिंह ने सभी बच्चों का भलीभांति परीक्षण किया ।इस शिविर की पूरी देखरेख एवम व्यवस्था में सहयोग इनरव्हील क्लब उरई कल्यानी की प्रेसीडेंट अरुणा सक्सेना एवम सेक्रेटरी सुधा पाल सहित क्लब मेंबर सीता खरे ने किया। इनरव्हील क्लब की प्रेसीडेंट अरुणा सक्सेना, चार्टर प्रेसीडेंट नीलम श्रीवास्तव, सेक्रेटरी सुधा पाल द्वारा चिकित्सको को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।कन्या प्राथमिक  विद्यालय से 75 बच्चों, इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय से 35 बच्चों का प्राथमिक विद्यालय के 15 बच्चों कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय से 35 बच्चों का नेत्र एवम दंत परीक्षण किया गया।इस अवसर पर,मधु निरंजन,विजय लक्ष्मी शोभा,रानी आदि उपस्थित रहीं।अंत मे चार्टर प्रेसीडेंट नीलम श्रीवास्तव  ने सभी का आभार व्यक्त किया ।

उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के मुख्य कार्यालय तिलक नगर कॉलोनी एक बैठक का आयोजन

RAMPUR | उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के मुख्य कार्यालय तिलक नगर कॉलोनी एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी द्वारा तहसील टांडा में स्थित लालपुर पुल निर्माण नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया गया। इस मुद्दे को लेकर तहसील टांडा के व्यापारियों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी को ज्ञापन देकर पूर्व में अवगत कराया जा चुका है। इस अवसर पर व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी ने कहा। कि शहर रामपुर से तहसील टांडा जाने वाले मार्ग पर लालपुर पुल काफी समय से क्षतिग्रस्त है। लेकिन पिछले लंबे समय से व्यापारियों द्वारा लगातार अनुरोध के बावजूद भी स्थाई पुल का निर्माण नहीं किया गया है। साथ ही बताया कि जो अस्थाई पुल तैयार किया गया था। वह अब तेज जल बहाव में बह गया है। जिससे तहसील टांडा जनता व व्यापारी समाज व समस्त राइस मिलर्स में त्राहि-त्राहि मची हुई है। आम जनता व व्यापारी समाज में पुल के अति शीघ्र निर्माण ना होने के कारण अत्यधिक बेचैनी व आक्रोश है। आम जनता व व्यापारी समाज व राइस मिलर्स की रोजी रोटी व अर्थव्यवस्था ठप हो रही है और पुल बनवाने में अभी तक कोई भी ठोस निर्णय नहीं हो सका है। यह जनता व व्यापारी समाज के साथ अत्याधिक जुल्म, उत्पीड़न व धोखा है। इस अवसर पर व्यापार मंडल द्वारा मांग की गई। कि जल्द से जल्द व्यापारी समाज व आमजन हित में स्थाई व अस्थाई फुल का अति शीघ्र निर्माण कराया जाना अति आवश्यक है। इस अवसर पर अरविंद गुप्ता, सलविंदर विराट, महफूज हुसैन, सुदेश यादव, मनसूर अली खान, अतुल शर्मा, सरदार रविंद्र सिंह टोनी, सरदार मनजीत सिंह सिंपल, सरदार सतपाल सिंह टीटू, लालमन सैनी, राहुल सैनी, आदि उपस्थित रहे।    


पानी की किल्लत को लेकर प्रदर्शन

काशीराम कॉलोनी में पानी कि किल्लत को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन

काशीराम कॉलोनी में आज कांग्रेस के पुर्व शहर अध्यक्ष मामून शाह खा के नेतृत्व मे पानी कि किल्लत को प्रदर्शन किया पेयजल किल्लत से जूझ रहे लोगों ने नगर पालिका के खिलाफ नारेबाज़ी कि प्रदर्शनकारियों ने नगर पालिका चेयरमैन व अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की,

कांग्रेस नेता मामून शाह


ख़ान ने कहा कि कहा कि काशीराम कॉलोनी के बाशिंदों को नज़र अंदाज़ किया जा रहा है कोई सुनने वाला नहीं है  नगर पालिका चेयरमैन व नगर पालिका अधिकारी काशिराम कॉलोनी के गरीब बाशिंदों को अनदेखा कर रहे है गरीबों को पानी नहीं मिल रहा है पिछली सरकार द्वारा बिछाया गया पाइप पुराना होकर फट गया है उसमें से पानी बहुत बर्बाद हो रहा है। जितना पानी रास्ते में ही बेकार हो जाता है, उससे बहुत कम पानी लोगों के घरों में आता है। ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और पेयजल समस्या का समाधान किया जाए। नहीं तो लोग उग्र प्रदर्शन करेंगे। वहीं, इस संबंध में विभाग के जेई  ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही सप्लाई बहाल की जाएगी,

इस मौके पर, युवा कांग्रेस नेता सय्यद फैसल हसन, शकील मंसूरी, नासिर मलिक, जावेद, अमान मिया, फैज़, सारिम कमर, इरफान, आदि मौजूद रहे.