Thursday, February 27, 2020

अप्रैल, 2020 में राज्‍य सभा से सेवानिवृत्‍त होने वाले 55 सांसदों की रिक्‍त सीटों को भरने के लिए द्विवार्षिक चुनाव

17 राज्‍यों से निर्वाचित राज्‍य सभा के 55 सदस्‍यों या सांसदों का कार्यकाल अप्रैल 2020 में सेवानिवृत्‍त होने पर समाप्‍त हो जाएगा जिनका विवरण नीचे दिया गया है:


  




































































































क्र. सं.



राज्‍य



सीटों की संख्‍या



सेवानिवृत्ति की तिथि




  1.  



महाराष्‍ट्र



7



02.04.2020


 




  1.  



ओडिशा



4




  1.  



तमिलनाडु



6




  1.  



पश्चिम बंगाल



5




  1.  



आंध्र प्रदेश



4



09.04.2020


 




  1.  



तेलंगाना



2




  1.  



असम



3




  1.  



बिहार



5




  1.  



छत्तीसगढ़



2




  1.  



गुजरात



4




  1.  



हरियाणा



2




  1.  



हिमाचल प्रदेश



1




  1.  



झारखंड



2




  1.  



मध्‍य प्रदेश



3




  1.  



मणिपुर



1




  1.  



राजस्‍थान



3




  1.  



मेघालय



1



12.04.2020



 


उपर्युक्‍त रिक्तियों का विवरण अंग्रेजी में ‘अनुलग्‍नक-ए’ (हाइपरलिंक) में दिया गया है। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि राज्‍य सभा के लिए उपर्युक्‍त द्विवार्षिक चुनाव निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार होंगे:



















































क्रसं.



कार्यक्रम



तिथियां



 



अधिसूचना जारी करना



06 मार्च, 2020 (शुक्रवार)



 



नामांकन दाखिल करने  की अंतिम तिथि



13 मार्च, 2020 (शुक्रवार)



 



नामांकनों की जांच



16 मार्च, 2020 (सोमवार)



 



उम्‍मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि



18  मार्च, 2020 (बुधवार)



 



मतदान की तिथि



26 मार्च, 2020  (बृहस्‍पतिवार)



 



मतदान का समय



प्रात: 09:00 बजे से सायं 04:00 बजे तक



 



मतगणना



26 मार्च, 2020 (बृहस्‍पतिवार) को सायं 05:00 बजे से



 



जिस तिथि से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाएगी



30 मार्च, 2020 (सोमवार)



निर्वाचन आयोग ने यह निर्देश दिया है कि मतपत्र पर वरीयता अंकित करने के लिए निर्वाचन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) द्वारा उपलब्‍ध कराए गए पूर्व-निर्धारित विनिर्देश वाले केवल एकीकृत वायलेट कलर स्केच पेन का ही इस्तेमाल किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में उपर्युक्‍त चुनावों में किसी भी अन्‍य पेन का इस्‍तेमाल नहीं किया जाएगा।


स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। निर्वाचन प्रक्रिया पर करीबी नजर रखने के लिए पर्यवेक्षकों द्वारा पर्याप्‍त उपाय किए जाएंगे।


अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रंप की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का प्रेस वक्तव्य

मेरे मित्र और अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump,


अमेरिकी delegation के सम्मानित सदस्य गण,


Ladies and gentlemen,


नमस्कार।


राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके डेलीगेशन का भारत में एक बार फिर हार्दिक स्वागत है। मुझे विशेष ख़ुशी है की इस यात्रा पर वो अपने परिवार के साथ आए हैं। पिछले आठ महीनों में राष्ट्रपति Trump और मेरे बीच ये पाँचवी मुलाक़ात है।


कल मोटेरा में राष्ट्रपति Trump का unprecedented और historical welcome हमेशा याद रखा जाएगा। कल ये फिर से स्पष्ट हुआ कि अमेरिका और भारत के संबद्ध सिर्फ दो सरकारों के बीच नहीं हैं, बल्कि people-driven हैं, people-centric हैं। यह संबंध, 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण पार्टनरशिप्स में है। और इसलिए आज राष्ट्रपति Trump और मैंने हमारे संबंधों को Comprehensive Global Strategic Partnership के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया है। संबंधों को इस मुकाम तक लाने में राष्ट्रपति Trump का अमूल्य योगदान रहा है।


Friends,


आज हमारी चर्चा में हमने इस partnership के हर अहम पहलू पर सकारात्मक विचार किया - चाहे वो defence and security हो, एनर्जी में strategic partnership हो, टेक्नॉलजी cooperation हो, global connectivity हो, ट्रेड relations हों या फिर people to people ties । भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता रक्षा और सुरक्षा सहयोग हमारी strategic partnership का एक बहुत अहम हिस्सा है। अत्याधुनिक रक्षा उपकरण व platforms पर सहयोग से भारत की डिफेन्स क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। हमारे defence manufacturers एक दूसरे की supply chains का हिस्सा बन रहे हैं। भारतीय forces आज सबसे अधिक ट्रेनिंग exercises US की forces के साथ कर रही हैं। पिछले कुछ सालों में, हमारी सेनाओं के बीच interoperability में unprecedented वृद्धि हुई है।


Friends ,


इसी तरह हम अपने homelands की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध से लड़ने के लिए भी सहयोग बढ़ा रहे हैं। आज homeland security पर हुए निर्णय से इस सहयोग को और बल मिलेगा। आतंक के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराने के लिए आज हमने अपने प्रयासों को और बढ़ाने का निश्चय किया है। President Trump ने ड्रग्स और opioid crisis से लड़ाई को प्राथमिकता दी है। आज हमारे बीच Drug trafficking, narco–terrorism और organized crime जैसी गम्भीर समस्याओं के बारे में एक नए mechanism पर भी सहमति हुई है।


Friends ,


कुछ ही समय पहले स्थापित हमारी Strategic Energy Partnership सुदृढ़ होती जा रही है। और इस क्षेत्र में आपसी निवेश बढ़ा है। तेल और गैस के लिए अमेरिका भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण स्त्रोत बन गया है। पिछले चार वर्षों में हमारा कुल energy व्यापार करीब 20 बिलियन डॉलर रहा है। Renewables हो या न्यूक्लियर energy, हमारे cooperation को नई ऊर्जा मिल रही है।


Friends,


इसी तरह, Industry 4.0 और 21st Century की अन्य उभरती टेक्नालजीज़ पर भी इंडिया-US partnership, innovation और enterprise के नए मुक़ाम स्थापित कर रही है। भारतीय professionals के टैलेंट ने अमेरिकी companies की टेक्नॉलजी leadership को मजबूत किया है।


Friends,


भारत और अमरीका आर्थिक क्षेत्र में openness औऱ Fair and Balanced trade के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले तीन वर्षों में हमारे द्विपक्षीय व्यापार में double-digit growth हुई है, और वह ज्यादा संतुलित भी हुआ है। अगर energy, civil aircrafts, defence, और higher Education लें तो पिछले चार-पांच सालों में सिर्फ इन चार sectors ने ही भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंधों में लगभग 70 बिलियन डॉलर्स का योगदान किया है। इसमें से काफी कुछ राष्ट्रपति Trump की नीतियों और फैसलों के कारण संभव हुआ है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में ये आंकड़ा काफी बढ़ जाएगा। जहां तक bilateral trade का सवाल है, हमारे Commerce Ministers के बीच सकारात्मक वार्ताएँ हुई हैं । राष्ट्रपति ट्रंप और मैं सहमत हैं कि हमारे Commerce Ministers के बीच जो understanding बनी है उसे हमारी teams legal रूप दें। हम एक बड़ी trade deal के लिए negotiation शुरू करने पर भी सहमत हुए है। हमें आशा है कि आपसी हित में इसके अच्छे परिणाम निकलेंगे।


Friends,


वैश्विक स्तर पर भारत और अमरीका का सहयोग हमारे समान लोकतांत्रिक मूल्यों और उद्देश्यों पर आधारित है। खासकर Indo-Pacific और global commons में rule based international order के लिए यह सहयोग विशेष महत्व रखता है। हम दोनों देश विश्व में connectivity infrastructure के विकास में sustainable and transparent financing के महत्व पर सहमत हैं। हमारा यह आपसी तालमेल एक दूसरे के ही नहीं, बल्कि विश्व के हित में है।


Friends ,


भारत और अमरीका की इस स्पेशल मित्रता की सबसे महत्वपूर्ण नींव हमारे people to people relations हैं। चाहे वो professionals हों या students, US में Indian Diaspora का इस में सबसे बड़ा योगदान रहा है। भारत के ये ambassadors ना सिर्फ़ अपने टैलेंट और परिश्रम से US की अर्थव्यवस्था में contribute कर रहे हैं। बल्कि अपने democratic वैल्यूज़ और समृद्ध culture से अमेरिकन society को भी enrich कर रहे हैं। मैने राष्ट्रपति ट्रंप से अनुरोध किया है कि हमारे professionals के social-security contribution पर totalisation agreement को दोनों पक्ष चर्चा आगे बढ़ाएं। ये आपसी हित में होगा।


Friends,


इन सभी आयामों में हमारे रिश्तों को और मज़बूत बनाने में राष्ट्रपति ट्रम्प की यात्रा ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। एक बार फिर, मैं President Trump को भारत आने के लिए, और भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूँ।



डॉ.हर्षवर्धन ने नोवेल कोरोना वायरस से बचाव के उपायों और तैयारियों की समीक्षा की

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश में नोवेल कोरोना वायरस से निपटने के उपायों और तैयारियों की समीक्षा की।



डॉ हर्षवर्धन को इस बात से अवगत कराया गया कि वर्तमान में, देश के सभी 21 हवाई अड्डों, 12 बड़े और 65 छोटे बंदरगाहों तथा सीमाओं पर यात्रियों की जांच की जा रही है। अब तक सभी 4,214 उड़ानों और 4,48,449 विमान यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसके अलावा  उन्‍हें विदेश मंत्रालय के हवाले से यह भी जानकारी दी गई कि वुहान से और भारतीय नागरिकों को लाने के लिए वायुसेना का विशेष विमान 26 फरवरी को भेजने की जाने की योजना है। यह वुहान से लोगों को लेकर 27 फरवरी को वापस आएगा। कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए अब तक 2,707 नमूनों का परीक्षण किया गया, जिनमें से केवल 3 (केरल) लोगों के नतीजे ही पॉजीटिव रहे। उन्‍हें भी इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब वे घर पर हैं।


वुहान से लाए गए सभी भारतीय नागरिकों की जांच की गई और उनके नतीजे ने‍गेटिव रहे। इन सभी लोगों के लिए अलग व्‍यवस्‍था की गई थी पर अब इनको घर वापस भेज दिया गया है। 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 23,259 व्यक्तियों को एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के माध्यम से सामुदायिक निगरानी में रखा गया था।


डॉ हर्षवर्धन को जानकारी दी गई कि 22 फरवरी, 2020 को सिंगापुर की यात्रा के संबंध में संशोधित यात्रा परामर्श जारी किया गया है। पंजाब में करतारपुर सीमा पर श्रद्धालुओं की आवाजाही को देखते हुए इस बारे में गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और पंजाब सरकार के स्वास्थ्य सचिव के साथ विचार-विमर्श के बाद पंजाब सीमा पर विशेष स्क्रीनिंग व्‍यवस्‍था को मजबूत किया गया है और श्रद्धालुओं के लिए मास्क पहनने की सुविधा शुरू की जा रही है।


स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को यह भी बताया गया कि चीन के अलावा अन्य देशों में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों को ध्यान में रखते हुए और 10 देशों से आने वाले यात्रियों के लिए भी स्क्रीनिंग शुरू की जा रही है और इस संबंध में विशेष स्वास्थ्य सचिव ने आज 21 हवाई अड्डों के स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों और संबंधित राज्‍यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से बात की। उन्‍हें यह भी सूचित किया गया कि वर्तमान में, चीन, हांगकांग, थाईलैंड, सिंगापुर, जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाली उड़ानों के यात्रियों की स्क्रीनिंग के अलावा, वियतनाम, नेपाल, इंडोनेशिया और मलेशिया से आने वाली उड़ानों के यात्रियों के लिए भी 23 फरवरी, 2020 से स्‍क्रीनिंग की व्‍यवस्‍था की गई है। । स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के सचिव ने बताया कि दुनिया भर में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण पर ताजा जानकारी पाने के लिए विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ लगातार करीबी संपर्क बनाए रखा गया है।


डॉ. हर्षवर्धन ने नोवेल कोरोना वायरस के प्रबंधन के लिए किए गए बेहतरीन प्रयासों के लिए राज्यों की सराहना की। उन्‍होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के सभी अपर सचिवों और वरिष्‍ठ अधिकारियों को राज्य निगरानी मशीनरी की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रतिनियुक्त किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र, राज्यों तथा इसके साथ विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ समन्वय में किए जा रहे विभिन्न एहतियाती उपायों को भी सराहा।




इस्पात मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक

इस्पात मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक आज नई दिल्ली में हुई। इस्पात और पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ‘स्टील क्लस्टर डेवलपमेंट’ विषय पर बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सासंद श्री विजय बघेल, चंद्रप्रकाश चौधरी, जनार्दन सिंह सिगरीवाल, बिद्युत बरन महतो, सप्तगिरी संकर उलाका, अखिलेश प्रताप सिंह, सतीश चन्द्र दूबे और नरेन्द्र सिंह स्वैन ने भी हिस्सा लिया।

सदस्यों का स्वागत करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि इस्पात भारत के औद्योगिकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, क्योंकि यह महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचा, विनिर्माण और मोटर वाहन के लिए एक प्रमुख निविष्टि है। भारतीय इस्पात की क्षमता धीरे-धीरे बढ़कर 142 एमटीपीए हो गई है और देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बन गया है। वर्ष 2024-25 तक इस्पात का कुल उपभोग करीब 160 एमटीपीए तक पहुंचने की उम्मीद है और सरकार इस्पात के घरेलू उत्पादन और उपभोग को बढ़ावा दे रही है। इस्पात के कुल उत्पादन में करीब 55 प्रतिशत योगदान गौण इस्पात उत्पादकों का है और यह मूल्य श्रृंखला में रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। श्री प्रधान ने कहा कि वैश्विक दृष्टि से इस्पात उद्योग क्लस्टर मॉडल में फल-फूल रहा है, क्योंकि ये इकाईयां प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार वैश्विक बैंच मार्क की तर्ज पर नए इस्पात समूहों के सृजन को बढ़ावा देने की इच्छुक है और वर्तमान समूहों को व्यवस्थित करके सही संस्थागत तंत्र स्थापित करना चाहती है। श्री प्रधान ने कहा कि इस्पात मंत्रालय ने भारत में इस्पात समूहों के विकास के लिए एक मसौदा नीति तैयार की है और यह इस्पात इकाईयों के सामने मौजूद वर्तमान चुनौतियों के समाधान में मदद करने और उनके विकास की संभावनाओं को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है। इस नीति में विभिन्न हितधारकों, विशेषकर राज्य सरकारों, उद्योग और जनता की भूमिका और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखा जाएगा।


बैठक में माननीय सांसदों ने इस्पात क्षेत्र विशेषकर समूह नीति के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए।



मंत्रिमंडल ने इंडिया पोर्ट्स ग्‍लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) को डीपीई दिशानिर्देशों में छूट देने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया पोर्ट्स ग्‍लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) के लिए आरक्षण एवं सतर्कता नीतियों को छोड़कर डीपीई दिशानिर्देशों में छूट देने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी है।      


      आईपीजीएल की स्‍थापना ईरान में चाबहार के शाहिद बेहेस्‍ती बंदरगाह के विकास एवं प्रबंधन के लिए जहाजरानी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) और दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट (डीपीटी) [पूर्व में कांडला पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी)] के संयुक्त रूप से प्रवर्तित एक विशेष उद्देशीय कंपनी के रूप में कंपनी अधिनियम 2013 के तहत की गई थी।  


      व्‍यापक संयुक्त कार्य योजना (जेसीपीओए) से संयुक्त राज्य अमेरिका हटने के बाद विदेश मंत्रालय ने 29 अक्टूबर 2018 को जहाजरानी मंत्रालय को सलाह दी थी कि जेएनपीटी और डीपीटी को अमेरिकी प्रतिबंधों के संभावित प्रभाव से बाहर किया जाए।


      इसके आधार पर और अधिकार प्राप्त समिति के अनुमोदन के साथ जेएनपीटी एवं डीपीटी के सभी शेयरों की खरीदारी सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एसडीसीएल) द्वारा 17 दिसंबर, 2018 को की गई थी। एसडीसीएल एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (सीपीएसई) है और इसलिए एसडीसीएल की सहायक कंपनी के तौर पर आईपीजीएल भी सीपीएसई बन गई है। परिणामस्‍वरूप, डीपीई के दिशानिर्देश तकनीकी तौर पर आईपीजीएल पर लागू होते हैं।


      चूंकि चाबहार पोर्ट सामरिक उद्देश्यों के साथ देश की पहली विदेशी बंदरगाह परियोजना है। इसलिए आईपीजीएल को बोर्ड द्वारा प्रबंधित कंपनी के रूप में कार्य करने की अनुमति देने की तत्काल आवश्यकता है। जहाजरानी मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए उस पर 5 वर्ष की अवधि के लिए डीपीई के दिशानिर्देश लागू नहीं होंगे। तदनुसार, जहाजरानी मंत्रालय ने परियोजना के सुचारू निष्पादन के लिए डीपीई दिशानिर्देशों की प्रयोज्यता से आईपीजीएल को छूट का अनुरोध किया है।



डीबीटी स्थापना दिवस समारोह 

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का जैव प्रौद्योगिकी विभाग 26 फरवरी, 2020 को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (एनआईआई) में अपना 34वां स्थापना दिवस मनाएगा।


विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे और पुरस्कार प्रदान करेंगे। अपने अस्तित्व में आने के बाद विभाग ने देश भर में विभिन्न स्तरों पर विभिन्न अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, वैज्ञानिक संगठनों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं आदि में कार्यरत वैज्ञानिकों के योगदान को प्रोत्साहित करने और उसे पहचान प्रदान करने के लिए विभिन्न पुरस्कारों की शुरूआत की। डीबीटी द्वारा शुरू किए गए विभिन्न पुरस्कारों को अब समग्र रूप से डीबीटी ब्राइट (बायोटेक्नोलॉजी, रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्सीलेंस पुरस्कार) के नाम से जाना जाता है। विभाग ने भारतीय विज्ञान को उल्लेखनीय योगदान देने वाले देश के कुछ ऐसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के सम्मान में कुछ पुरस्कारों को नया नाम दिया है, जो दुनिया भर में वैज्ञानिक समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं।


डीबीटी ब्राइट पुरस्कार में डीबीटी द्वारा दिए जाने वाले निम्नलिखित पुरस्कार शामिल हैं:-



  1. हर गोविंद खुराना – नवोन्मेष युवा जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक पुरस्कार

  2. एस रामचंद्रन – करियर बनाने के लिए राष्ट्रीय जैव विज्ञान पुरस्कार

  3. जानकी अम्मल राष्ट्रीय महिला जैव वैज्ञानिक पुरस्कार

  4. टाटा नवोन्मेष फैलोशिप पुरस्कार

  5. जैव प्रौद्योगिकी सामाजिक विकास पुरस्कार


डीबीटी स्थापना दिवस व्याख्यान जाने-माने वैज्ञानिक, एल वी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट, हैदराबाद के अवकाश प्राप्त निदेशक पद्मश्री डॉ. डी. बालासुब्रमण्यम देंगे।


भारत में जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र पिछले तीन दशकों में विकसित हुआ है और इसने विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर स्वास्थ्य, कृषि आदि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सरकार और निजी क्षेत्र से काफी समर्थन मिलने के कारण जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र काफी तेजी से विकसित हुआ है और इसकी वार्षिक वृद्धि दर करीब 20 प्रतिशत है। भारत की गणना दुनिया के 12 शीर्ष जैव प्रौद्योगिकी स्थलों में होती है।



आगामी टिड्डी आक्रमण व उसके नियंत्रण हेतु केंद्र व राज्य सरकार की तैयारियों के आकलन हेतु सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण,भारत सरकार की अध्यक्षता मे उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार के निर्देशानुसार, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण,भारत सरकार की अध्यक्षता मे  आज नई दिल्ली मे एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमे राजस्थान, गुजरात, पंजाब व हरियाणा राज्यो से उच्च स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक मे राजस्थान से प्रमुख सचिव,कृषि, कृषि आयुक्त व संयुक्त निदेशक (पादप संरक्षण), गुजरात से अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंजाब से संयुक्त निदेशक(टिड्डी नियंत्रण) व हरियाणा से संयुक्त निदेशक (पादप संरक्षण) ने भाग लिया। भारत सरकार के विशेष सचिव, कृषि आयुक्त, संयुक्त सचिव (पीपी), निदेशक(पीपी),संयुक्त निदेशक,कीट विज्ञान, अतिरिक्त सचिव,राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण,निदेशक,विदेश मंत्रालय,निदेशक,गृह मंत्रालय, मुख्य प्रबंध निदेशक, एचआईएल लिमिटेड ने भाग लिया।


संयुक्त सचिव (पीपी), ने भारत मे किए गए टिड्डी नियंत्रण के बारे मे पावर पॉइंट के द्वारा माह मई 2019 से अब तक किए गए टिड्डी नियंत्रण के बारे मे ,व नियंत्रण के दौरान अनुभव की गई कठिनाइयों व सफलताओं पर विस्तार से चर्चा की गई। फसलों मे टिड्डी से हुए नुकसान के बारे मे चर्चा की गई व एनडीआरएफ़ ,एसडीआरएफ़ के मानको के अनुसार सहायता की स्थिति के बारे मे बताया ।


कृषि सचिव ने टिड्डी नियंत्रण हेतु आगामी तैयारियो के लिए राजस्थान, गुजरात,पंजाब व हरियाणा के  टिड्डी प्रभावित जिलों मे टिड्डियों के बारे मे जागरूकता अभियान कार्यक्रम एक निश्चित  समय मे आयोजित करने हेतु कहा जिसमे राज्य कृषि विभाग के अधिकारी, व ग्राम स्तर पर राजस्व विभाग के पटवारी,ग्राम  विकास अधिकारीयों, कृषकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। सीमा सुरक्षा बल के कार्मिको को भी टिड्डी के बारे मे प्रशिक्षित किया जाएगा.


सचिव महोदय ने इस वर्ष के नियंत्रण व उपलब्ध संसाधनो को ध्यान मे रखते हुए आगामी मौसम मे भारत सरकार के टिड्डी नियंत्रण संगठन, राज्य सरकार, स्थानीय कृषकों, बीएसएफ़ व अन्य संगठनो के द्वारा संयुक्त प्रयास द्वारा टिड्डी नियंत्रण करने हेतु कहा व राज्य सरकारो को टिड्डी नियंत्रण के लिए आवश्कतानुसार संसाधन हेतु सहायता देने  व बैठक के अंत मे सचिव महोदय ने अब तक किए गए प्रयासों पर संतुष्टि व्यक्त की, कठिन परिश्रम की प्रशंशा की और भविष्य मे बेहतर प्रयास की अपेक्षा की  और सभी को धन्यवाद कहा।