Monday, November 29, 2021

राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक - मानव विकास, भूख, प्रतिस्पर्धात्मकता, मानव पूंजी, नवाचार सहित 29 वैश्विक सूचकांकों में देश के निष्पादन पर नज़र रखी जा रही है

वैश्विक मान्यता प्राप्त सूचकांको के आधार को औजार बनाकर रणनीतिक रोडमैप बनाकर परिणामों में सुधार के लिए सूचकांक के निगरानी तंत्र का लाभ उठाना ज़रूरी - एड किशन भावनानी

गोंदिया - भारत में दशकों से हम मीडिया के माध्यम से पढ़ व सुन रहे हैं कि गरीबी रेखा के नीचे, गरीबी रेखा के ऊपर, रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट, तेंदुलकर कमेटी की रिपोर्ट, दांडेकर समिति की रिपोर्ट, अर्जुन सेनगुप्ता कमेटी का गठन गरीबी का पैमाना नापने का आधार, सबका अपना-अपना पैमाना परंतु साथियों आज भी वही चल रहा है कौन गरीबी रेखा के नीचे है, और कौन ऊपर। सन 2012 में जारी योजना आयोग के साल 2009-2010 के गरीबी आंकड़े कहते हैं कि पिछले पांच साल के दौरान देश में गरीबी 37.2 फीसदी से घटकर 29.8 फीसदी पर आ गई है। यानि अब शहर में 28 रुपए 65 पैसे प्रतिदिन और गांवों में 22 रुपये 42 पैसे खर्च करने वाले को गरीब नहीं कहा जा सकता।नए फार्मूले के अनुसार शहरों में महीने में 859 रुपए 60 पैसे और ग्रामीण क्षेत्रों में 672 रुपए 80 पैसे से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। साथियों बात अगर हम गरीबी की करें तो, गरीब कौन ? गरीबी रेखा क्या है? गरीब,गरीबी और गरीबी रेखा आय-व्यय, कैलौरी मात्र, कुपोषण अर्द्ध-भुखमरी व भूख से मौतों जैसे मुद्दोंपर सरकार, योजनाकारों व जनता के बीच कई दशकों से देश में बहस चल रही है। हाल ही में गरीबी रेखा पर हुई बहस में योजनाकारों द्द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रूपये तथा शहरी क्षेत्रों में 32 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन आय से कम प्राप्त करने वालों को गरीबी रेखा के नीचे या बी. पी. एल. माना गया जिसे सभी वर्गों ने एकमत से नकार दिया तथा इस सम्बन्ध में सुझाव देने हेतु सरकार दवारा नई समिति का गठन किया गया। गरीबी बहस का विषय नहीं है, सोचने समझने और महसूस करने तथा उसे हर संभव तरीके से निपटने का विषय है। गरीबी रेखा के निर्धारण में रात-दिन कवायद चल रही है। सभी समितियों के निष्कर्ष भिन्न-भिन्न व विरोधाभासी होने के कारण किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग की इस रिपोर्ट की करें तो उसके अनुसार 12 इंडिकेटर के आधार पर तय होते हैं राज्यों की रैंकिंग। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और नीति आयोग की पीआईबी के अनुसार, नीति आयोग द्वारा जारी सूचकांक के अनुसार, बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है जबकि झारखंड में 42.16 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत आबादी गरीबी में रह रही है। सूचकांक में मध्य प्रदेश (36.65 प्रतिशत) चौथे स्थान पर है, जबकि मेघालय (32.67 प्रतिशत) पांचवें स्थान पर है। केरल (0.71 प्रतिशत), गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) पूरे देश में सबसे कम गरीब लोग वाले राज्य हैं और सूचकांक में सबसे नीचे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत पद्धति का उपयोग कर तैयार किया जाता है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक में मुख्य रूप से परिवारकी आर्थिक हालात और अभाव की स्थिति को आंका जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है, भारत के एमपीआई में तीन समान आयामों-स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर का मूल्यांकन किया जाता है। इसका आकलन पोषण,बाल औरकिशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने के पानी, बिजली, आवास, संपत्ति तथा बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों के जरिये किया जाता है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग द्वारा दिनांक 27 नवंबर 2021को जारी राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक पर व्याख्यात्मक नोट की करें तो पीआईबी के अनुसार, कैबिनेट सचिव की सुधार एवं विकास हेतु वैश्विक सूचकांक पहल के तहत, मानव विकास सूचकांक, वैश्विक भूख सूचकांक, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक, मानव पूंजी सूचकांक, वैश्विक नवाचार सूचकांक सहित 29 वैश्विक सूचकांकों में देश के निष्पादन पर नज़र रखी जा रही है। इस कार्य का लक्ष्य महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सूचकांकों के निगरानी तंत्र का लाभ उठाना है, ताकि परिणामों में सुधार लाने के लिए इन सूचकांकों को औजार के रूप में इस्तेम…

Sunday, November 28, 2021

श्रीमद्भागवत गीता का कथा कहते हुए रवि कुमार भार्गव ने कहा कि"काम,क्रोध,लोभ, यही मनुष्य जीवन को पतन की ओर ले जाता है

(रवि कुमार भार्गव अयोध्या टाइम्स सिरहाकोठी पूर्वीचंपारण)


आज सप्ताहिक श्रीमद्भागवत गीता कथा कार्यक्रम में रवि कुमार भार्गव ने कहा कि काम क्रोध और लोभ ये तीनों मनुष्य का पतन करने वाले हैं।जिनका उद्देश्य भोग भोगना और संग्रह करना होता है,वे लोग अपनी सोंच समझ के अनुसार अपनी उन्नति करने के लिए इन तीनों दोषों को हितकारी मान लेते हैं।उनका यही भाव रहता है कि हम लोग काम आदि से सुख पायेंगे,आराम से रहेंगे,खूब भोग भोगेंगे,यही भाव उनकी मनुष्य जीवन का पतन कर देता है।

ये काम क्रोध आदि नरको के दरवाजे हैं, इसलिए मनुष्य इनका त्याग कर दें।भोग भोगना"काम"है,दूसरे को रिस्ते की जाल में,प्रेम की जाल में,कोई काम की लालच देकर धन संग्रह करना, "लोभ" है,किसी असहाय की स्त्री जमीन पर कब्जा करना साक्षात मृत्यु के गाल में समाने की कदम है,आप जानते हैं कि इन तीनों मे बाधा आने पर लिप्त ब्यक्ति को बाधा उत्पन्न करने वाले ब्यक्ति पर क्रोध आ जाता है।ये तीनों ही आसुरी सम्पत्ति के मूल रूप हैं, मनुष्य सभी तरह के पाप इन तीनों के वशीभूत होकर ही करता है, इसलिए हम दैवी शक्ति सम्पत्ति वाले मनुष्य को अपने अन्दर इन तीनों काम क्रोध लोभ को नही आने देनी चाहिए।

मुजफ्फरपुर में नवनिर्वाचित मुखिया पर फायरिंग,

    बाल-बाल बचीं:जीत का सर्टिफिकेट लेकर पति के साथ लौट रही थीं, अपराधी बोला- तुमको मुखियायिन नहीं रहने देंगे।

(रवि कुमार भार्गव ब्यूरो चीफ अयोध्या टाइम्स बिहार) मुजफ्फर


पुर में पंचायत चुनाव की गिनती खत्म होने के बाद शुक्रवार देर रात नवनिर्वाचित मुखिया पर बदमाशों ने हमला कर दिया। इसमें वह बाल-बाल बच गईं। घटना गायघाट थाना क्षेत्र के मकरंदपुर गांव की है। यहां लक्ष्मणनगर पंचायत की नवनिर्वाचित मुखिया अनामिका देवी और उनके पति अशोक कुमार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। वे दोनों जीत का सर्टिफिकेट लेकर कार से अपने घर की ओर जा रहे थे। तभी उन पर हमला हुआ। फायरिंग करने वाले अपराधियों ने कार के सामने से गोली चलाई है। इसमें गोली गाड़ी का शीशा भेदते हुए सीट में लगी है। मौके से 2 खोखा बरामद किया गया है। घटना के संबंध में गायघाट पुलिस का कहना है, 'मामले की छानबीन की जा रही है।' मुखिया पति अशोक कुमार ने गायघाट थाना में एप आई आर दर्ज कराने के लिए लिखित शिकायत की है। इसमें उन्होंने दो लोगों को नामजद किया है। शिकायत में उन्होंने बताया है, 'गायघाट इलाके के लक्ष्मण नगर के रहने वाले हैं। पत्नी अनामिका देवी मुखिया पद की उम्मीदवार थी। शुक्रवार को मुखिया पद के लिए निर्वाचित हुई है। जिसका प्रमाण पत्र मतगणना स्थल से लेकर हम लोग लौट रहे थे। इस बीच मकरंदपुर स्थित अपने समर्थक विकास सिंह से मिलने के लिए रुक गए। वहां से देर रात करीब 11 बजे निकले। इस बीच बदमाशों ने गाड़ी पर फायरिंग कर दी। इसमें दोनों बाल-बाल बच गए। गोली कार के शीशा को भेदते हुए सीट में लगी। बदमाशों ने धमकाया कि तुमको मुखियायिन नहीं रहने देंगे, तुम्हें जान से मार देंगे।' इधर, विकास ने भी आरोपी पक्ष पर फायरिंग करने की बात कही है। उसने कहा, 'दोनों के ऊपर 10 राउंड फायरिंग की गई है। गोली कार पर लगी है।'

सीतामढ़ी में लड़कियों की खरीद-फरोख्त का गंदा खेल, युवती ने क‍िया पर्दाफाश, तीन दलाल ग‍िरफ्तार

(रवि कुमार भार्गव ब्यूरो चीफ अयोध्या टाइम्स बिहार) सीतामढ़ी ज‍िले देह व्‍यापार के लिए रेडलाइट एरिया में युवती को जिंदा जलाने का प्रयास ग्राहकों के पास जाने से मना करने पर द‍िया घटना को अंजाम जान बचाकर भागी पीड़िता पहुंची नगर थाने पुलिस को सुनाई आपबीती एसपी के आदेश पर छापेमारी।


सीतामढ़ी में लड़कियों की खरीद-फरोख्त का 'गंदा खेल' अर्से से चल रहा है। पुलिस ने फिर एकबार छापेमारी कर बदनाम गली से दो युवियों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया। एक महिला समेत तीन दलालों को गिरफ्तार भी किया गया है। इससे पहले जुलाई महीने में ही कई थानों की पुलिस ने छापेमारी की थी जिसमें कई लोग पकड़ाए भी थे और दलालों के चंगुल से लड़कियां भी मुक्त हो पाई थीं। इस दलदल में जबरन ढकेली गई एक युवती ने हिम्मत दिखाई तो पुलिस ने छापेमारी कर उसको मुक्त कराया। युवती ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस से शिकायत भी की जिसके बाद उनको गिरफ्तार किया गया। शनिवार शाम पीड़ित युवती रेड लाइट एरिया से भागकर नगर थाना पहुंच गई। वह जख्मी हालत में थी। एसपी हर किशोर राय के आदेश पर तुरंत छापेमारी की गई जिसमें रेड लाइट एरिया से एक महिला चांदनी खतून, मो. बादल व मो. असगर को गिरफ्तार कर थाने लाया गया। देर शाम तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जख्मी युवती काे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। ऐसे लड़क‍ि‍या फांसते हैं जालसाज  युवती ने बताया कि कुछ दिन पूर्व दलालों के एक गिरोह ने उसे अपनी जाल मे फांस कर रेड लाइट एरिया में ढकेल दिया। हफ्ते भर से उसे देह व्‍यापार के लिए दबाव डाला जा रहा था। इनकार करने पर उसके जिस्म के कई हिस्सों पर लोहे की रॉड को गर्म कर दागा दिया गया। उसके बाद भी वह तैयार नहीं हुई तो जिस्म के सौदागरों ने उसकी जान लेने की कोशिश की। बेरहमी से पिटाई की और शरीर में आग लगा दी। युवती ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और किसी तरह वह रेड लाइट एरिया से भाग निकली। नगर थाना पुलिस को उसने आपबीती सुनाई। पुलिस ने बिना विलंब एसपी को इतला किया। एसपी के आदेश पर टाऊन सर्किल इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह, नगर थानाध्यक्ष विकास कुमार राय, महिला थाना प्रभारी रेखाकुमारी, पीएसआई रश्मि कुमारी, एसआई ओम प्रकाश, एएसआई रामवती भगत, रामाशीष पासवान के आलवा बड़ी संख्या में महिला व पुरुष पुलिस बल को वहां छापेमारी के लिए भेजा गया।

रा.मध्य विद्यालय करमवा के स्थानीय शिक्षक विद्यालय को अपना जागीर समझते हैं,अधिकारी द्वारा नही होता है कार्यवाही।

कुंदन मिश्रा का रिपोर्ट। सुगौली पु.च.


सुगौली प्रखण्ड के विद्यालयों में शिक्षा और शिक्षक नाम की कोई चीज नही है।स्कूल समय मे बच्चे स्कूल में ही पत्ती, तास खेलते नजर आ रहे हैं।ऐसा ही एक मामला राजकीय मध्य विद्यालय करमवा का है,इस विद्यालय के सभी शिक्षक स्थानीय है और दबंग भी,जिससे विद्यालय का बद से बत्तर स्थिति है।बच्चों का भविष्य अंधकारमय होते जा रहा है।विद्यालय के सभी सरकारी योजनाओं में बन्दर बाट किया जाता है।विद्यालय के सभी शिक्षक स्थानीय होते हुए भी समय से नही आते है।वही प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि विद्यालय खुलने का समय 9:00 बजे है लेकिन 11:00 बजे तक शिक्षक विद्यालय में ही नही आता है,और विद्यालय के समय बच्चे विद्यालय कम्पाउंड में ही तास, पत्ती खेलते हैं।कभी कभी तो हद तब हो जाता है जब शिक्षक और प्रधानध्यापक खुद से विद्यालय बन्द कर छुट्टी मना लेते है।विद्यालय में ना ही साफ पानी का व्यवस्था है और ना ही शौचालय का।स्थानीय लोगो का कहना है कि विद्यालय का स्थिति बहुत ही खराब है,ना ही समय से पढ़ाई होती है,ना ही समय से शिक्षक आते है,स्थानीय शिक्षक का दबंगई बरकरार है विद्यालय में।मिडे मिल का चावल भी समय से नही दिया जाता है और विद्यालय से गायब हो जाता है,पता नही उस चावल को आसमान निगल लेता है या धरती।शिक्षक व प्रधानध्यापक का कहना है कि हमरा कुछ नही होगा।वही जब रिपोर्टरों के द्वारा स्थानीय प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी से बात किया गया तो उनका कहना है कि जाँच किया जाएगा और कारवाई होगी।

Saturday, November 27, 2021

किन्नर समाज ने गोद ली बेटी का धूमधाम से किया विवाह

अजय मौर्या ब्यूरो चीफ अयोध्या


अयोध्या। मां सीता के जन्म स्थल में जन्मी और भगवान राम की जन्म स्थली को अपना कर्म स्थल बनाने वाले किन्नर ने जिस अनोखी परंपरा की शुरुआत की वह आज भी कायम है। इस अनोखी परंपरा के जरिए समाज में किन्नरों के प्रति आदर का भाव बढ़ रहा है। दरअसल हम बात कर रहे हैं समाज सेवा के जरिए सत्ता के गलियारों तक कदम रखने वाली किन्नर गुलशन बिंदु की जिनकी मृत्यु के बाद उनके शिष्य सामाजिक कार्यों को गति दे रहे हैं। गरीबों को संबल प्रदान करना और असहाय बच्चों को शिक्षा, विवाह समेत कई सामाजिक कार्य गुलशन बिंदु के किन्नर शिष्यों ओर से आज भी किए जा रहे हैं.रामनगरी अयोध्या का किन्नर समाज गरीब असहाय और अनाथ बच्चों को सहायता करने में पीछे नहीं है। सीतामढ़ी में जन्मी किन्नर समाजसेवी गुलशन बिंदु ने जो जिस परंपरा की शुरुआत की उसे उनके शिष्य आज भी महत्व दे रहे हैं। गुलशन बिंदु आज हमारे बीच में नहीं है लेकिन उन्होंने आमतौर पर ही दृष्टि से देखे जाने वाले किन्नर समाज को अपनी सामाजिक कार्यों के जरिए जो सीख दी उसका पालन कर किन्नर समाज के लोग अन्य समाज में अपने प्रति आदर की भावना उत्पन्न कर रहे हैं। गुलशन बिंदु असहाय बच्चों के लिए यतीमखाना चलाती थीं। उन्होंने 250 से अधिक गरीब लड़कियों की शादी करवाई। गुलशन बिंदु के इसी कार्य को अब उनके शिष्य पिंकी किन्नर, राखी किन्नर समेत करीब 18 से 20 शिष्य आगे बढ़ा रहे हैं।  वही पिंकी मिश्र किन्नर समाज से हैं। अयोध्या में रहती हैं और किन्नर गुलशन बिंदु को अपना गुरु मानती हैं। लिहाजा पिंकी भी अब समाजसेवी गुलशन बिंदु के रास्ते पर चल पड़ी हैं। वह कहती हैं कि मैं अपने गुरु कितना समाज सेवा तो नहीं कर सकती लेकिन मुझसे जितना हो सकता है उतना मैं समाज के लिए करने के में तत्पर हूं। पिंकी मिश्रा ने बताया कि उन्होंने अपने संरक्षण में पांच बेटियां और दो बेटों को रखा है। एक बेटी की शादी हो रही है। बाकी चार बेटियां और एक बेटा पढ़ रहा है। एक बेटा अभी छोटा है। किन्नर पिंकी मिश्रा ने कहा कि हमें समाज के प्रति सम्मान की भावना रखनी चाहिए। सामाजिक कार्यों से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। पता नहीं कि कर्मों का फल हम किन्नर समाज में जन्म लेकर भुगत रहे हैं ऐसे में हमें अपना जीवन सुधारने के लिए नेक कर्म करने चाहिए। पिंकी ने किन्नर समाज के अन्य लोगों को भी संदेश दिया कि वह भी गरीबों, असहायओं की मदद के लिए सामने आए और ईमानदारी से कार्य करें।बता दें कि पिंकी मिश्रा ने गरीब परिवारों से पांच बेटियां और दो बेटे अपने संरक्षण में लिया है, जिसके भरण पोषण का पूरा खर्चा उठा रही हैं। इसके साथ ही ही बच्चों के शिक्षा का प्रबंध भी कर रही हैं। एक बेटी की आज शादी हो रही है। बेटी की शादी में पिंकी ने उपहार देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। एक निजी मैरिज लान में बड़ी धूमधाम से पिंकी अपनी बेटी की शादी संपन्न कर रही हैं।

रामलला के दर्शन अवधि को बढ़ाने से ट्रस्ट ने किया इनकार

अजय मौर्या ब्यूरो चीफ अयोध्या


अयोध्या। रामलला के दर्शन की अवधि को बढ़ाने की बात से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अभी सहमत नहीं है। ट्रस्ट महासचिव का मानना है कि सुरक्षा की दृष्टि से भी अवधि को बढ़ाया नहीं जा सकता। सिर्फ दिन में ही भक्तों को राममंदिर में रामलला के दर्शन करने की इजाजत होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में पुरानी आतंकी घटनाओं और साजिशों का हवाला देते हुए रामलला के दर्शन की अवधि बढ़ाने से मना कर दिया।उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों की वजह से रामलाल के दर्शन की अवधि को बढ़ाना संभव नहीं है। सभी कठिनाइयों को समझने की जरूरत है। राम जन्मभूमि की स्थितियां हनुमानगढ़ी व कनक भवन जैसी नहीं है। उन्होंने कहा कि ठाकुर जी की सुरक्षा, जनता की सुरक्षा और स्थानीय नागरिकों का जीवन सर्वोपरि है। सुरक्षा कारणों से सिर्फ और सिर्फ दिन में ही दर्शन हो सकता है। गौरतलब है कि पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने सोमवार को अयोध्या का दौरा किया था। रामलला के दर्शन करने के बाद मंदिर परिसर में स्थायी सुरक्षा समिति की बैठक में शामिल हुए। जिसमें रामलला के दर्शन की समय सीमा बढ़ाने पर चर्चा हुई थी।

क्षेत्रीय बोर्डिंग हाउस सोसायटी की कार्यकारिणी भंग

कृष्ण कुमार संवाददाता अयोध्या


अयोध्या। 12 दिसंबर 2021 को दिन में 2 बजे बोर्डिंग हाउस सभागार में प्रभारी अध्यक्ष अशोक सिंह के  द्वारा आहुति की गई बैठक उपरोक्त जानकारी प्रेस वार्ता के दौरान प्रभारी अध्यक्ष अशोक सिंह के द्वारा दी प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया 26 सितंबर 20 21 को कुछ विशेष कारणों से सोसाइटी कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से कार्यकारिणी के अधिकार समाप्त करते हुए उनको प्रभारी अध्यक्ष नाविक किया गया था उनके सहयोग हेतु डॉ एचबी सिंह तथा दुर्गा प्रसाद सिंह को भी नामित किया गया तथा अपेक्षा की गई वह नई कार्यकारिणी के गठन हेतु साधारण सभा की बैठक बुलाकर उचित कार्रवाई करेंगे 

उन्होंने बताया सितंबर 20 21 लेकर अब तक साधारण सभा के नये सदस्यों की जिनकी संख्या बहुत अधिक हो गई है उनकी सूची लिपिबद्ध करने में कासफी समय लगता रहा साथ ही तमाम वित्तीय कठिनाई विशेषकर बैंक संचालन में तत्कालीन अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह द्वारा व्यवधान डालने के फलस्वरूप उत्पन्न स्थिति से असहज होने तथा निवर्तमान कार्यकारिणी के कार्यकाल में बिजली मीटर के विरुद्ध रिपोर्ट तथा नगर निगम के बिल के सापेक्ष व्यस्तता तथा निजी कारणों से साधारण सभा की बैठक एवं उपेक्षित कार्रवाई नहीं हो सकी।

 उन्होंने बताया की नई कार्यकारिणी के गठन के लिए विचार-विमर्श हेतु चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने तथा परिसर एवं सोसाइटी के लंबित कार्यों के निष्पादन हेतु साधारण सभा की बैठक 12 दिसंबर 2021 को आहूत की गई है ।

श्री सिंह ने बताया की अनधिकृत रूप से इसके विपरीत कोई भी सूचना अथवा कार्य अवैध है जिस पर साधारण सभा की बैठक में विचार किया जाएगा तथा उसके विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाएगी

ग्राम जुनेदपुर में ग्राम चौपाल व शिलान्यास का कार्यक्रम सम्पन्न

पवन कुमार अयोध्या। रूदौली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मवई ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत सेवढ़ारा (जुनेदपुर)गांव में शनिवार को भाजपा द्वारा ग्राम चौपाल का आयोजन किया गया।जहाँ तेजतर्रार विधायक रामचंद्र यादव ने ग्राम चौपाल लगाकर कई गांव के ग्रामवासियों की समस्याओं को सुना तथा उनके त्वरित समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया।इस दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों ने कैम्प लगाकर एक मुश्त समाधान योजना के बारे में लोगो को जानकारी दी तथा बिजली विभाग से संबंधित मामलों को निस्तारित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा विधायक राम चन्द्र यादव व विशिष्ट अतिथि ब्लाक प्रमुख मवई राजीव तिवारी मौजूद रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता वेद मुनि महाराज के द्वारा किया गया व संचालन मवई मंडल अध्यक्ष अंजनी साहू ने किया।विधायक राम चंद्र यादव का महंत वेद मुनि जी महाराज ने स्वागत किया। इस दौरान उपजिलाधिकारी रुदौली स्वप्निल यादव,पुलिस क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र प्रताप तिवारी व खंड विकास अधिकारी मोनिका पाठक मौजूद रही। विधायक रामचंद्र यादव के सामने गांव के लोगों ने अपनी विभिन्न प्रकार की समस्याओं को रखा जिसे गंभीरता से लेते हुए विधायक श्री यादव ने कुछ काम मौके पर ही समाधान कर दिया तथा शेष के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।इस दौरान विधायक ने क्षेत्र के सैकड़ों गरीब,असहाय लोगो को कंबल भी वितरित किया। विधायक ने ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा की  की प्रदेश सरकार की जो कल्याणकारी योजनाएं थी उसे आज जन-जन के लिए काम कर रही है और जो भी वादे सरकार द्वारा किये गए थे उन्हें एक-एक करके पूरा किया जा रहा है। पेंशन को लेकर चिंतित रहने वाले को आज पेंशन मिल रही है चाहे वो विधवा पेंशन हो या वृद्धावस्था पेंशन हो सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बना हुआ है ताकि लोगों को बाहर शौच के लिए न जाना पड़े यही नहीं महिलाओं का सम्मान भी इस सरकार में हुआ है, प्रधानमंत्री उज्जवला गैस कनेक्शन योजना,मुख्यमंत्री बाल योजना,पीएम किसान सम्मान निधि,प्रधानमंत्री आवास योजना,गांवो में बिजली सहित तमाम योजनाओं का लाभ आज जनता को मिल रहा है। नि:शुल्क राशन वितरण का कार्य भारतीय जनता पार्टी कि सरकार ने ही किया है। वंही ग्राम चौपाल में गायक समरपाल सिंह यादव ने अपनी टीम के साथ संगीत के माध्यम से सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का बखान किया।


इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता निर्मल शर्मा,पूर्व चेयरमैन अशोक कसौंधन,तेज तिवारी,संतोष मिश्रा,ग्राम प्रधान मुरलीधर रावत,धर्मेंद्र वर्मा,सेक्टर संयोजक राम सजीवन वर्मा,विंध्या प्रसाद,बब्लू खान,सिया राम वर्मा,सेक्टर संयोजक प्रवेंद्र वर्मा,सुरेश पेंटर,आकाश वर्मा,अखिलेश वर्मा,विवेक वर्मा,बाबा कमलापति आदि लोग मौजूद रहे।

Friday, November 19, 2021

तेरा सानिध्य

मैं तेरे पास रहूं

तेरे साथ रहूं
यही काफी है।
मंत्रों का बोझ
तंत्रो का ओज
भारी सा लगता है।
तेरी गोद में
ममता भरी छाया में
सोया रहूं
यही काफी है।
जन्म जन्मांतर की सिद्धियां
युगों-युगों की रिद्धियां
अब भारी सी लगती है
तेरा हाथ पकड़ कर
बस चलता रहूं
हर जगह
हर क्षण
यही काफ़ी है।

राजीव डोगरा
(भाषा अध्यापक)

रील्स की रंगीन दुनिया और सेलिब्रिटी बनने का सपना

वीरेंद्र बहादुर सिंह 

एक लड़का और लड़की पहली बार मिले। लड़के ने लड़की से पूछा, "तुम क्या करती हो?" लड़की ने कहा, "मैं हीरोइन हूं।" लड़के ने हैरानी से आंखें फैला कर नया सवाल किया, "अच्छा, किस फिल्म में काम किया है?" लटकाझटका मारते हुए लड़की ने कहा, "मैं रील्स बनाती हूं।"
अब नंबर लड़की का था। लड़की ने सवाल किया, "तुम क्या करते हो?" लड़के ने सीना फुला कर कहा, "मैं सैनिक हूं।" लड़की ने नया सवाल किया, "अच्छा, कहां पोस्टिंग है?" लड़के ने कहा, "मैं पबजी खेलता हूं।" इस तरह की रील्स आप ने कहीं न कहीं जरूर देखी होगी और कहीं न कहीं इस तरह का जोक भी सुना होगा। रील्स के पीछे आज का यंगस्टर्स क्रेजी है। 
फिल्म, टेलीविजन, वेब सिरीज और इंटरटेनमेंट की दुनिया ऐसी है, जो हर किसी को एट्रैक करती है। हर आदमी का कभी न कभी तो ऐक्टिंग करने का मन हुआ ही होगा। तमाम लोगों को यह भी भ्रम होता है कि किसी फिल्म या सीरियल में काम करने का मौका मिल जाए तो दुनिया को दिखा दें कि वे भी कुछ कर सकते हैं। लड़कियां तो स्टाइल मारने में आगे ही होती हैं। अगर उनमें इस तरह की तमन्नाएं पैदा होती हैं तो कुछ गलत भी नहीं है। अब तक सवाल यह था कि छोटा तो छोटा, पर हमें फिल्म या सीरियल में रोल दे कौन? अब इसकी कोई जरूरत रही नहीं। आपको अभिनय का शौक पूरा करने के लिए रील्स हाजिर है।
रील्स में सब से बड़ा फायदा यह है कि डायलाग और म्युजिक हाजिर ही होता है। शूटिंग के लिए मोबाइल ही काफी है। शुरू कर दो एक्टिंग। अलबत्त, फ्यू सेकेंड के अभिनय में ही तमाम लोगों की समझ में यह आ जाता है कि एक्टिंग ये खाने का खेल नहीं। तमाम लोगों को यह रास भी आ जाती है। 2-4 को सेलिब्रिटी स्टेटस भी मिल जाता है। बाकी के सभी लाइक्स, फालोअर्स और व्यूज बढ़ाने के लिए झख मारते रहते हैं।
टिकटाॅक एप ने सभी को पागल कर दिया था। टिकटाॅक पर प्रतिबंध लगने के साथ ही इंस्टाग्राम, फेसबुक सहित  सभी सोशल मीडिया ने टिकटाॅक का ट्राफिक उन्हें मिले, इसके लिए प्रयास करना शुरू कर दिया था और उन्हें इसका फायदा भी हुआ। टिकटाॅक को टक्कर देने के लिए इंस्टाग्राम ने 5 अगस्त, 2002 को भारत और अमेरिका सहित 50 देशों में एक साथ रील्स लांच किया। अपने देश में रोजाना 6 मिलियन रील्स अपलोड होती है। रील्स ने इंस्टाग्राम और फेसबुक को जबरदस्त ब्रेक दिया है। 2018 में फेसबुक ने टिकटाॅक जैसा एप बनाया था। उसका नाम लासो था। पर वह चला नहीं था। इंस्टाग्राम ने प्रयोग के लिए नवंबर, 2019 में केनास नामक रील्स शुरू की थी। टिकटाॅक पर अपने देश में भले बैन लग गया है, पर टिकटाॅक आज की तारीख में 154 देशों में धूम मचा रहा है। कहने का मतलब यह है कि रील्स की ललक केवल अपने देश के लोगों में ही नहीं है। पूरी दुनिया इसके पीछे पागल है। 
रील्स बनाने के लिए तो अब प्रोफेशनल भी मैदान में आ गए हैं। वे रील्स बना कर तो देते ही हैं, किस तरह फालोअर्स और व्यूज बढ़ते हैं, इसकी टिप्स भी देते हैं। एक निश्चित समय के दौरान ही रील अपलोड करने और मैक्सिमम हेशटेग रखने को कहा जाता है। रील्स की दुनिया में दो तरह के लोग हैं। एक जो रील्स बनाते हैं और अपलोड करते हैं, दूसरे वे जो मौज से रील्स देखते हैं। रील्स ऐसी चीज है कि देखने वाला एक बार शुरू करता है तो फिर छोड़ नहीं सकता। अभी एक-दो देख लेता हूं, सोच कर वह चिपका ही रहता है। फनी रील्स से ले कर शाकिंग रील्स का बहुत बड़ा वर्ग है। रील्स के हिट होने का एक कारण यह है कि लोग अपने काम और दूसरे की चिंताओं के कारण बहुत तनाव में रहते हैं। रील्स देखने से उन्हें हल्कापान महसूस होता है। डांस के रील्स खूब पॉपुलर हुए हैं। कुछ हजार व्यूज होने के बाद पेमेंट भी मिलता है। यूट्यूबर्स में भी आगे निकलने की होड़ लगी रहती है। 
रील्स के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी काम करता रहता है। आप एक अमुक तरह की निश्चित रील्स देखते हैं तो आप के सामने उसी तरह की रील्स आती जाएगी। धार्मिक मोटिवेशन या शेरोशायरी की रील्स देखने वाले को बारबार उसी तरह की रील्स देखने को मिलेगी। आप एक रील्स को एक से अधिक बार देखते हैं तो उन्हें पता चल जाता है कि इस भाई या बहन को किस में रुचि है। आदमी को इतनी चालाकी से रील्स का आदी बना दिया जाता है कि घंटो कैसे बीत गए, उसे पता ही नहीं चलता। सोशल मीडिया संचालकों को हमेशा कुछ न कुछ नया देने का टेंशन रहता है। उन्हें इस बात का डर सताता रहता है कि कुछ नया नहीं आया तो लोग तुरंत डायवर्ट हो जाएंगे।
रील्स का कंटेंट तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर काम होता है। वह रील तुम ने देखी थी? झूठ बोले कौआ काटे कहा जाता है, पर सच बोले तो कहां कोयल किश करने वाली है? इस तरह के तमाम कंटेंट रोजना तैयार किए जाते हैं। जिन पर लोग रील्स बनाते हैं। श्रीलंका की यंगसिंगर योहानी दिलोका डिसल्वा का गाना 'मनिके मागे हिथे' पर हजारों लड़कियों ने सोलो और ग्रुप में डांस किए। श्रीलंका के रिपब्लिक डे ने 22 मई, 2021 को यह गाना यूट्यूब पर अपलोड किया था। इसके बाद यह वायरल हुआ। 28 साल की योहानी रातोरात पॉपुलर हो गई। इस तरह के तमाम उदाहरण हैं। मणी, पोहे बनेंगें... वाली रील भी हिट हो गई थी। पशु-पक्षियों के शिकार से ले कर विमान के उड्डयन तक की रील्स लोगों को आकर्षित करती हैं। रील्स की एक हकीकत यह भी है कि यह जितनी तेजी से हिट और वायरल होती है, उससे अधिक तेजी से भुला दी जाती है। यह ऐसी दुनिया है, जो बहुत क्षणजीवी है। बदलती रहती है। नया आता है और पुराना भूलता जाता है। कुछ भी परमानेंट नहीं है। यंगस्टर्स के लिए यह बड़ा खतरा है। कुछ रील्स जबरदस्त चलने के बाद अगर व्यूअर्स घट जाएं या फालोअर्स न बढ़ें तो यंगस्टर्स टेंशन में आ जाते हैं। उन्हें अपना सेलिब्रिटी स्टेटस छिनता नजर आने लगता है।
रील्स का क्रेज ऐसा है कि लड़के-लड़कियां जहां देखो, वहीं रील्स बनाने लगते हैं। एयरपोर्ट हो या रेलवे-स्टेशन, हिल स्टेशन हो या हाईवे, मौका मिला नहीं कि रील बना लिया। मनोचिकित्सक ऐसे युवाओं को सलाह देते हैं कि जस्ट फाल फन अधिक करो, पर इसे दिमाग पर सवार न होने दो। एंज्वॉय करो, पर इतना याद रखो कि इससे महान नहीं हो जाओगे। हां, कुछ समय के लिए चर्चित जरूर हो सकते हो। पर यह टेम्परेरी होगा। मजा करो और लोग तुम्हें भूल जाएं, उसके पहले तुम भूल जाओ। रील्स देखने वालों को भी यह सलाह दी जाती है कि देखो और मजा करो, पर समय मर्यादा का ख्याल रखें। हाथ में मोबाइल ले कर बैठे ही न रहें। आपका समय आपके लिए, आपके काम के लिए और आपके लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। किसी भी चीज में अति ठीक नहीं है। बाय द वे, आप कितना समय रील्स बनाने में  अपलोड करने में या देखने में गुजारते हैं? इस बारे में भी थोड़ा सोच कर देखना कि आप अपना समय तो बरबाद नहीं कर रहे न?

वीरेंद्र बहादुर सिंह 

चिकित्सा पेशे से जुड़े हर व्यक्ति में नैतिकता, संवेदनशीलता, सहयोग, सेवा, समर्पण का भाव अत्यंत ज़रूरी

कोविड-19 की भयंकर त्रासदी से चिकित्सा पेशे से जुड़े खट्टे-मीठे अनुभव से दो-चार हुए कोविड पीड़ितों की दासतां का स्वतःसंज्ञान नीति निर्धारकों को लेना ज़रूरी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक रूप से खासकर भारत में आदि-अनादि काल से ही चिकित्सक पेशे से जुड़े व्यक्तियों को खासकर डॉक्टरों को एक भगवान ईश्वर अल्लाह का दर्जा दिया हुआ है। हमारे बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि उनके जमाने में और सैकड़ों वर्षो पूर्व डॉक्टरों को वैद्य के रूप में जाना जाता था। उस समय भी हम उन्हें ईश्वर अल्लाह ही दर्जा देते थे। क्योंकि उनमें समर्पण का भाव, नैतिकता, संवेदनशीलता, सहयोग और सेवा का भाव कूट-कूट कर भरा रहता था। उस समय पैसों की इतनी अहमियत नहीं थीं, जितनी सेवा, सहयोग, समर्पण का भाव था। साथियों बात अगर हम वर्तमान चिकित्सा पेशे से जुड़े डॉक्टरों सहित हर व्यक्ति जिनमें हम फार्मा को भी शामिल कर सकते हैं की करें तो हम सब ने टीवी चैनलों, प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा दिखाए कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर देखें कि किस तरह का माहौल था। बीते डेढ़ वर्ष में मैंने स्वयं भी कोविड संबंधी अनेक ग्राउंड रिपोर्टिंग देखी और अपने सिटी में कुछ ग्राउंड रिपोर्टिंग स्थलों पर भी गया और पाया था कि बुजुर्गों द्वारा बताए गए ईश्वर अल्लाह के दर्जे से अपेक्षाकृत कहीं ना कहीं थोड़ा अलग रास्ता दिखाई दिया!! हालांकि इस स्थिति, परिस्थिति में कोविड पीड़ितों, मरीजों के रिश्तेदारों का भी रवैया कहीं ना कहीं परिस्थितिवश दिखा पर हम पूर्ण रूप से दोनों पक्षों को एकदम सही नहीं दर्शा पाए!! जिसमें अपेक्षाकृत अधिक ज़वाबदारी चिकित्सक पेशे से जुड़े फार्मा सहित पूरे समुदाय की बनती है जिसे हमें उन परिस्थितियों से सबक सीख कर उसका स्वतःसंज्ञान लेकर अपेक्षाकृत सेवा, सहनशीलता, संवेदनशीलता, समर्पण व नैतिकता का अधिकतम भाव लाने की ज़रूरत है। साथियों बात अगर हम चिकित्सा क्षेत्र के पेशे में सरकारी और निजी लेवल पर करें तो हमें उस त्रासदी दरमियान दोनों लेवल पर साफ फर्क देखने को मिला। साथियों मैंने देखा एक क्षेत्र में अपेक्षाकृत पैसों के वजन का भाव अधिक था अनेक टीवी चैनलों पर भी इस विषय पर अनेक ग्राउंड रिपोर्टिंग दिखाई गई। लेकिन समय का चक्र चलता गया!! और कई जानें बचाई गई तो कई जानें चली गई परंतु हमें इस त्रासदी से भाव सीखने का मौका नहीं छोड़ना चाहिए। चिकित्सक नीति निर्धारको द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर त्रासदी पीड़ितों से उनके खट्टे-मीठे अनुभव के डाटा कलेक्शन कर आगे की सकारात्मक राह बनाने में उपयोग करना ज़रूरी है ताकि चिकित्सा क्षेत्र में नैतिकता, सवेंदनशीलता, सहयोग सेवा, समर्पण का भाव कूट-कूट कर भरने ज़वाबदारी, जवाबदेही तय करने की नीतियां बनाई जा सके। साथियों बात अगर हम माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा दिनांक 17 नवंबर 2021 को एक प्राइवेट लिमिटेड चिकित्सालय का उद्घाटन करने पर संबोधन की करें तो पीआईबी के अनुसार उन्होंने भी इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र में नैतिक व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि कुछ गलत लोगों के कारण इस नेक पेशे का नाम खराब होता है। उन्‍होंने रोगियों को अनावश्यक जांच की सलाह देने से बचने का आह्वान किया। कोविड-19 वैश्विक महामारी के बारे में बात करते हुए उन्होंने फ्रंटलाइन कोविड वॉरियर की कड़ी मेहनत, समर्पण और बलिदान के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी ने हमें कई कठिन सबक सिखाए हैं जिसमें हमारे घरों एवं कार्यालयों में वेंटिलेशन का महत्व और हमारी प्रतिरक्षा को बेहतर करने वाले पारंपरिक स्वस्थ आहार अपनाने की आवश्यकता आदि शामिल हैं। रिकॉर्ड समय में कोविड टीका तैयार करने के लिए हमारे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की सराहना करते हुए उन्होंने सभी से आगे बढकर टीका लगवाने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे अपने बचाव में लापरवाही न करें और कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करें। उन्होंने भारतमें गैर-संक्रामक रोगों के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए युवाओं को स्वस्थ एवं अनुशासित जीवन शैली अपनाने की सलाह दी। उन्होंने उनसे कहा कि गलत आदतों और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक आहार से बचने और नियमित योगाभ्‍यास अथवा साइक्लिंग जैसी शारीरिक गतिविधियां शुरू करें। उन्होंने आज सभी के लिए सस्ती एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने आधुनिक मल्‍टी - स्‍पेशिएलिटी अस्पतालों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में सैटेलाइट सेंटर शुरू करने का सुझाव दिया। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि चिकित्सा पेशे से जुड़े हर व्यक्ति में नैतिकता संवेदनशीलता, सहयोग, सेवा, समर्पण का भाव होना अत्यंत ज़रूरी है तथा कोविड-19 की भयंकर त्रासदी ने चिकित्सा पेशे से जुड़े खट्टे-मीठे अनुभवों से दो-चार हुए कोविड पीड़ितों की दासतां का स्वतः संज्ञान चिकित्सा नीति निर्धारकों को लेना ज़रूरी है। 

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

Thursday, November 4, 2021

तुम एक दीपक जलाये रखना

दीपो का उत्सव तो आता जाता रहेगा।

तुम एक दीपक सदा जलाये रखना।
प्रेम का दीपक कभी बुझने मत देना
विश्वास की लो सदा प्रज्वलित रखना।

जीवन मे उतार चढ़ाव आते जाते रहेंगे
होली के रंगों को जीवन मे भरे रखना।
कितना भी मुखालिफ हो वक़्त तुम्हारा
 धाराओं के विपरीत तैरने का हौसला रखना।
तुम एक दीपक सदा जलाये रखना.....

पग पग पे लोग काटे भी बिछाएंगे
अपना बन तेरे दिल को भी दुखायंगे
वो बार बार तोडेंगे तेरे हौसले को
ऐसे लोगो को नज़रो से गिराये रखना।
तुम एक दीपक सदा जलाये रखना.....

जीवन है चलने का नाम , चलते रहना
हर सुबह उम्मीदों का सूरज उगाए रखना
तेरे कर्म ही तेरी परछाई है ये जान लो
अपनी बगिया में  प्यारे फूल लगाए रखना।
तुम एक दीपक सदा जलाये रखना.....

कमल राठौर साहिल 
शिवपुर , मध्य प्रदेश

**मेरी भारत माता**

   मेरी भारत माता,

तुम हो वीरों की गाथा,
तुम को सत सत नमन,
तुम को शत शत वंदन,
    मेरी भारत माता,
तुम हो हम सब की माता,
तेरे चरणों में शीश झुकाता,
  तुम को शत शत वंदन,
     मेरी भारत माता,
   तुमसे है मेरा नाता,
 तुमको शत-शत नमन,
 तुमको शत-शत वंदन,
 तु महान है मां, 
 देश की रक्षा के लिए,
 कई वीर जवानों ने,
 अपने प्राण दिए मां,
  उन शहीदों को भी,
    शत शत नमन,
   मेरी भारत माता,
 तुमको शत-शत वंदन!

        प्रस्तुति
     कृष्णा चौहान