-अनिल बेदाग़-
मुंबई : इरा खान ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर 'अगत्सु फाउंडेशन' के लॉन्च की घोषणा की है जो मानसिक स्वास्थ्य सहायता और शरीर जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और आत्म-प्राप्ति को बढ़ावा देने का प्रयास है।
-अनिल बेदाग़-
लिंक- https://www.youtube.com/watch?
मुंबई : कुछ सुंदर धुन और गीत हैं और जब उन्हें एक आधुनिक मोड़ दिया जाता है, तो युवाओं को क्लासिक्स से परिचित कराने में मदद करता है।
पुराने संस्करण की तरह, नया "जब दिल मिले" संगीत और गीतात्मक रूप से समृद्ध है और देखने लायक है।
कुमार तौरानी कहते हैं, “पुराने गानों में कुछ जादुई होता है, जो यादों को ताजा करने की ताकत रखता है। नई पीढ़ियों की संवेदनाओं से मेल खाने के लिए बनाए जाने पर वे और भी दिलचस्प हो जाते हैं। ”
गायक फरहान गिलानी कहते हैं, "टिप्स म्यूजिक के साथ काम करना सम्मान की बात है। हालांकि गाने को फिर से बनाया गया है, लेकिन एहसास और वाइब बिल्कुल अलग है। उम्मीद है कि दर्शक इसे पसंद करेंगे।" संगीत अनु मलिक और आतिफ अली ने दिया है।कोरियोग्राफी जीतू सुरजीत, मोहिब खान, ज़ाकीर की है।
लिंक- https://youtu.be/b1adTx8wfts
मुंबई : जसबीर जस्सी और अनीशा मधोक का नया ट्रैक 'दिल मंगदी' एक मजेदार शुरुआती कविता के साथ खुलता है और फिर पार्टी बीट्स के साथ क्लब मोड में लॉन्च होता है। जब गीत गति को गति देता है, तो यह नृत्य करने योग्य मनोदशा को बढ़ाता है। हालांकि इस गाने में वेस्टर्न टच है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि यह पंजाबी फील के लिहाज से काफी ऊंचा है।
इसकी संगीत समृद्धि, इसकी सूक्ष्मता और दर्शकों के दिलों में गहराई तक पहुंचने की इसकी अलौकिक क्षमता अधिक है। जसबीर जस्सी ने कहा, "हम एक कठिन परिस्थिति के बीच में हैं। संगीत एक महान पलायन है। यह चंगा करता है, शांत करता है और सकारात्मक विचारों को उत्तेजित करता है।"
दिल मंगदी' गाने को प्रमोद शर्मा राणा ने डायरेक्ट किया है। इसमें पूर्व मिस इंडिया प्रतियोगी इशिका तनेजा ने अपना जलवा बिखेरा है। इस गाने के लिरिक्स जसबीर जस्सी ने लिखे हैं, जबकि म्यूजिक सिंबा सिंह और जैरी सिंह ने दिया है। इस गाने के जरिए जसबीर एक बार फिर अपना जादू बिखेरने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
अनिल बेदाग़-
-अनिल बेदाग़-
-अनिल बेदाग़-
-अनिल बेदाग़-
गोंदिया - वैश्विक महामारी कोविड-19 ने काल का ग्रास बनाकर लाखों मानव जीवो की इह लीला समाप्त कर ली। और अभी भी तांडव मचाना जारी है।..बात अगर हम भारत की करें तो यहां इस महामारी की दूसरी लहर की तीव्रता में हल्का सा सुधार आना शुरू हुआ था, लेकिन इससे घातक बीमारी ब्लैक फंगस और वाइट फंगस ने तीव्रता से पैर पसारना शुरू कर दिया है और 15 राज्यों में पैर पसार दिया है जिसमें से 12 राज्यों ने इसे महामारी अधिनियम 1897 के तहत महामारी घोषित कर दिया है...बात अगर हम इन महामारीयों से ग्रस्त भारतीय परिवारों की करें तो इस भारी त्रासदी में देश के बड़ी संख्या में बच्चे अनाथ हो गए हैं याने उनके माता-पिता तथा परिवारों के सदस्य काल के गाल में समा गए हैं और यह मासूम बच्चे अनाथ हो गए हैं हालांकि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा कि उन्हें ऐसे कई मामलों की जानकारी मिली है कि कई एनजीओ उन बच्चों के बारे में बता रहे हैं जो कोविड-19 की वजह से माँ-बाप की मौत के बाद अनाथ हो गए हैं। एनसीआरपी, कमिशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स (सीपीसीआर) एक्ट, 2005 के सेक्शन 3 के तहत बनाई गई एक वैधानिक बॉडी है, जिसका काम देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा करना और इससे जुड़े मसलों को देखना है। एनसीपीसीआर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को इस बारे में चिट्ठी लिखी है। आयोग ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति, संस्था या एनजीओ को ऐसे बच्चों की जानकारी मिलती है तो उनको इस बारे में चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर जानकारी देनी होगी। हालांकि आयोग ने कहा है कि ऐसे बच्चों की किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत देखभाल और सुरक्षा की जाएगी और ऐसे बच्चों को जेजे एक्ट 2015 के सेक्शन 31 के तहत ज़िले की चाइल्ड वेलफ़ेयर कमेटी के सामने पेश करना होगा, ताकि बच्चे की देखभाल के लिए ज़रूरी आदेश पास किए जा सकें। हालांकि, इस सेवायज्ञ में योगदान के लिए कई सामाजिक संस्थाएं, गैर सरकारी संस्थाएं, एनजीओस, बड़ी संख्या में आगे आ रहे हैं और इस सेवायज्ञ में अपना योगदान देने की हामी भरी है परंतु मेरा यह निजी मानना है कि इसमें सेवा यज्ञ को इन गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा मदद करने में आने वाली सरकारी प्रक्रिया को कुछ सरल करना होगा जिसके लिए एक आसान रणनीतिक रोडमैप योजना बनाकर बाल संरक्षण संबंधी कुछ कानूनों में लचीलापन या ढील देने का नोटिफिकेशन जारी करना होगा, ताकि अधिक से अधिक गैर सरकारी संस्थाएं, सामाजिक संस्थाएं और एनजीओस इस सेवायज्ञ में सामने आकर बच्चों के भविष्य को सवारे। केंद्रीय महिला और बाल विकासमंत्रालय की माननीय मंत्री ने भी 1 मई 2021 को अपराह्न 7.24 पर एक ट्वीट करके बताया कि भारत सरकार ने सभी राज्यों से संपर्क करके कोविड-19 की वजह से अपने माँ-बाप को खोने वाले बच्चों को जेजे एक्ट के तहत संरक्षण देना सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय ने राज्यों से अपील की है कि वो बाल कल्याण समितियों को ज़रूरतमंद बच्चों के बारे में सक्रिय रूप से पता करते रहने के काम में लगाएँ। वहीं दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने भी एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. डीसीपीसीआर के चेयरपर्सन ने ट्वीट कर कहा, अगर आपको ऐसे ज़रूरतमंद बच्चों के बारे में पता चलता है तो संपर्क करें, डीसीपीसीआर 24 घंटे के अंदर मदद करेगा।...वही बात अगर हम राज्य सरकारों द्वारा बेसहारा बच्चों की योजनाओं की करतेहैं तो मध्यप्रदेश श्रम विभाग ने सी एम कोविड-19 जन कल्याण (पेंशन, शिक्षा व राशन) योजना का आदेश जारी किजा जा चुका है। आदेश के मुताबिक, काेरोना से अनाथ बच्चों को 21 साल तक हर माह 5 हजार रुपए पेंशन दी जाएगी। आदेश के मुताबिक, काेरोना से अनाथ हुए बच्चों को 21 साल तक प्रति माह 5 हजार रुपए पेंशन स्कीम देने का वादा किया गया है। हालांकि, इस योजना को सिर्फ 30 मार्च 2021 से 31 जुलाई 2021 तक के लिये प्रभावी किया गया है। इस अवधि के दौरान ही कोरोना से मृत्यु होने पर अनाथआश्रितों को योजना का लाभ मिल सकेगा। उधर गुजरात सरकार ने भी ऐसे ही बेसहारा बच्चों को हर महीने 4, हज़ार रुपये 18 साल की उम्र तक देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की मीटिंग में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, हालांकि, गुजरात सरकार की एक योजना पहलेसे चल रही है जिसमें अनाथ बच्चों के अभिभावक को हर महीने 3, हज़ार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है।..उधर दिल्ली में कोरोना वायरस कहर में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों की परवरिश का जिम्मा राज्य सरकार उठाएगी। इसके अलावा, उनकी पढ़ाई का खर्च भी दिल्ली सरकार देगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित दिल्ली की जनता का सहारा बनने का ऐलान किया है। जिन बुजुर्गों के कमाने वाले बच्चे नहीं रहे, उनकी भी आर्थिक मदद सरकार करेगी। उधर कोविड-19 में बेसहारा हुए बच्चों की मदद का मामला अदालतों की दहलीज पर भी जा पहुंच गया है और माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। अतः उपरोक्त पूरे मामले पर अगर हम विश्लेषण करें तो मेरा मानना है कि उपरोक्त राज्य सरकारों द्वारा दी गई योजनाओं में शर्तों, बंधनों, कागजी कार्यवाही, में परिस्थितियों को देखते हुए कुछ ढीला रुख अपनाया जाएगा तो बेसहारा बच्चों को जल्द राहत मिलेगी और उनका भविष्य सुरक्षित होगा और इस तरह की योजनाएं सभी राज्यों ने बनाकर घोषणा करना चाहिए तथा केंद्र सरकार द्वारा भी रणनीतिक रोडमैप योजना बनाकर तात्कालिक घोषणा करना चाहिए।
सन 2005 की वो हसी शाम थी।जिस दिन हमारी शादी कुर्सी से हुई आज सोलह वर्ष हो गये लेकिन विकास पुत्र का जन्म नही हुआ ।महिला, माता, बूढे, बुजुर्ग, की दर्द भरी कहानी जो विकास के खोखले दावो की पोल खोलता गंगा तट पर दफन हो गया । क्या कुर्सी के कुमारों एक भी विकास पुत्र पैदा कर पाएँगे?
-अनिल बेदाग़-
-अनिल बेदाग़-
राजापाकर (वैशाली) संवाददाता, दैनिक अयोध्या टाइम्स
राजापाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित बैघनाथपुर चकसिकंदर एवं भोजपट्टी स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में गुरूवार को 308 व्यक्तियों को कोरोना की वैक्सीन दी गई। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार एवं बीसीसीएम रवि कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि 18 से 44 आयु वर्ग के 220 लोगों को कोवि शील्ड के टीके दिए गए। वही 45 से ऊपर वाले 88 लोगों कोवैक्सीन के टीके दिए गए। राजापाकर बाजार निवासी पत्रकार अरुण श्रीवास्तव के पुत्र व पुत्री क्रमशः उज्जवल श्रीवास्तव एवं नंदनी ने बताया कि वे दोनों टीके लेने के बाद अपने को महफूज होने का अनुभव कर रहे हैं। हमें किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं हुई
राजापाकर( वैशाली) संवाददाता, दैनिक अयोध्या टाइम्स
राजापाकर थाना की पुलिस ने बुधवार की रात थाना कांड संख्या 107/21 के प्राथमिकी अभियुक्त नागेश्वर साहनी का पुत्र सुनील साहनी एवं शाहिद साह का पुत्र फूल मोहम्मद दोनों साकिन चौसीमा कल्याणपुर को एस आई पंकज शर्मा एवं संजीत कुमार ने बीते बुधवार की रात गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज दिया है। दोनों गिरफ्तार अभियुक्त पर पुलिस अनुसंधान में बाधा डालने एवं मारपीट किए जाने का आरोप था।
गोरौल(वैशाली)संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स
गोरौल थाना क्षेत्र के धाने गोरौल गांव में तलाब में रखा मछली की रखबाली करना एक व्यक्ति को महंगा पडा। रखबाली के दौरान ही कुछ लोग आ धमके और उसे मारपीट कर बुरी तरह जख्मी कर दिया। जख्मी हालत में उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। जहा से उसे अच्छे इलाज हेतु सदर अस्पताल हाजीपुर रेफर कर दिया गया है। इस सम्बंध में गांव के ही रवि कुमार के द्वारा थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि वह अपने तलाब में पलने के लिये रखे मछली की रखबाली कर रहा था कि कुछ लोग आ धमके और मछली मारने का प्रयास करने लगा। मना करने पर सभी ने लाठी डंडे से मारकर सर फोर दिया। साथ ही दो हजार रुपया भी निकाल लिया। इस मामले में थाना क्षेत्र के ही राजखण्ड गांव निवासी सुजीत पासवान,वीरेंद्र पासवान,रोहित कुमार सहित पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।
राजापाकर( वैशाली) संवाददाता, दैनिक अयोध्या टाइम्स
जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव की रिहाई की मांग अब गांवों में भी उठने लगी है। गुरूवार की शाम प्रखंड की बाकरपुर पंचायत के शेखपुरा गांव में पप्पू यादव की रिहाई के स्वर सुनाई दिए। पूर्व सांसद की गिरफ्तारी को लेकर पार्टी के नेताओं ने आक्रोश व्यक्त कर विरोध जताया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मंजेलाल राय प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र राय युवा जाप नेता सुरंजन यादव युवा समाजसेवी अभिषेक शर्मा अरुण यादव उर्फ व्यास जी आदि ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए शेखपुरा विद्यालय के समीप से राष्ट्रीय राजमार्ग 322 के गोविंदपुर झखराहा चौक पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी की अर्थी निकालकर पुतला दहन किया। पुतला दहन के बाद प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र राय ने कहा कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। गिरफ्तारी सांसद राजीव प्रताप रूडी की होनी चाहिए और यहां की अंधी-बहरी सरकार गरीबों का मसीहा जो अपनी जान की परवाह किए बगैर गरीबों और आम आवाम की मदद करने वाले पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया।
युवा जाप नेता सुरंजन यादव ने कहा की इस डबल इंजन की सरकार ने 15 साल के अंदर स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक नहीं कर सकी। आज लोग दवा , ऑक्सीजन, एंबुलेंस के लिए दर-दर भटक रहे हैं। सरकार के मुखिया नीतीश कुमार जी कहाँ हैं। डबल इंजन की सरकार के सांसद और विधायक कहां हैं। बल्कि उल्टे सारी सरकारी तंत्र सांसद प्रताप रूडी को बचाने के लिए लग गए हैं। पप्पू यादव को अगर अभिलंब रिहा नहीं किया गया तो जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक ढंग से उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी। वही युवा समाजसेवी अभिषेक शर्मा ने कहा कि जिसने पर्दाफाश किया उसकी गिरफ्तारी करवा दी गई। सरकार की नजरों में जनता के हक-हकूक के लिए लड़े वह गलत है।
पुतला दहन कार्यक्रम में प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र राय सुरंजन यादव अभिषेक शर्मा उर्फ गोलू पूर्व जिला अध्यक्ष गंगा राय अरुण यादव उर्फ व्यास जी वीरेंद्र राय रवि कुमार मंजय कुमार तुलसी कुमार जितेंद्र राय दीपक कुमार अभिलाख राय रंजन यादव रणधीर राय सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल हुए ।
सारण (ब्यूरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक अयोध्या टाइम्स
सोनपुर प्रखंड अंतर्गत डुमरी बुजुर्ग के भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में गुरुवार की सुबह अचानक बिजली के शार्ट सर्किट से अचानक लगी आग से बैंक शाखा से धुआ निकलता देख आसपास के लोगों में अफरा तभरी बन गया । इस घटना के देखकर मकान मालिक पंकज कुमार ने शाखा प्रबंधक पंकज कुमार सिंह व अग्निशमन विभाग, पंचायत समिति उदय कुमार सिंह को इस घटना की जनकारी दी। खबर के सुनते ही वहां देखते ही देखते थोड़ी ही देर में लोगों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। दूसरी ओर खबर की जनकारी मिलते ही शाखा प्रबंधक ने तत्परता दिखाते हुए अग्निशमन विभाग तथा स्थानीय पुलिस व अपने कर्मचारियों के सूचित किया। आग लगने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तथा अग्निशमन की गाड़ी मौके पर पहुंच गई इसके पूर्व आसपास के लोगों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया था। शाखा प्रबंधक पंकज कुमार ने बताया कि बिजली की शार्ट सर्किट से यह आग लगी। आग लगने से शाखा मे लगा बिजली का मीटर तथा कुछ इलेक्ट्रिक तार जल गया। बैंक के अन्य किसी सामान की कोई क्षति नहीं हुई है । इलेक्ट्रिक मैन को बुलाकर जले हुए समानो को मरम्मत किया जा रहा है । वही समिति सदस्य उदय कुमार सिंह, शशिभूषण सिंह ने कहा कि मकान मालिक अभिषेक कुमार अगर तत्क्षण जनकारी व तत्प्रता नही दिखाते तो निश्चित ही बैक के बहुत बड़ी छति हो सकता था ।
सारण (ब्यूरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक आयोध्या टाइम्स सोनपुर प्रखंड के कल्याणपुर पंचायत अंतर्गत बैजलपुर नया टोला मे विभिन्न महिला ग्रुपो के बीच गरीब रक्षक आर्मी की महिला उपाध्यक्ष सह समाजसेवी सुकांती देवी द्बारा महिलाओं के बीच गुरुवार को मास्क, वितरण किया गया।
मौके पर संगठन की सचिव हैप्पी कुमारी ने कहा कि कोविड 19 को लेकर हम सभी को सतर्क रहने की जरूरत है । घर में भी बाहरी लोगों से बातचीत करे तो मास्क लगाकर बातचीत करे और सोशल डिस्टेन्स का पालन करे साथ ही घर के साफ सफाई पर विशेष ध्यान दे । किसी काम को करने से पहले हाथ को साबून से जरूर धोएं क्योंकि यह महामारी बहुत ही खतरनाक है ।
मौके पर संगठन के संयोजक प्रभात रंजन , प्रीति कुमारी, करीना कुमारी, निशा कुमारी समेत दर्जनों महिला मौजूद रही।
महुआ ( वैशाली) अनुमंडल संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स
अनुमंडल क्षेत्र के महुआ बाजार में चार दुकान सागर रेडीमेड, ओम साई रेडीमेड व कपड़ा दुकान तथा एक आभूषण दुकान को अधिकारियों द्वारा सील किया गया। जिससे आस पास हलचल मच गई। वृहस्पतिवार को थानाध्यक्ष कृष्णानंद झा ने बताया कि महुआ कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद तथा थानाध्यक्ष महोदय के नेतृत्व में लाॅकडाउन के नियमों को लेकर महुआ बाजार में जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान पातेपुर रोड स्थित सागर रेडीमेड , ओम साई रेडीमेड व कपड़ा दुकान तथा गांधी चौक स्थित लख्खी ब्याहुत आभूषण भंडार को भी सील किया गया। बताते चलें कि कोरोनावायरस एवं लाॅकडाउन गाइडलाइन में चोरी छिपे दुकान खोलने तथा नियमों का उल्लघंन करने के आरोप में चार दुकान को सील किया गया है। वही अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण से मुक्ति एवं बचाव में सभी लोग सहयोग करें। सरकार के द्वारा जो गाइडलाइन दिया गया है उसका पालन करें। जो लोग सरकार के तमाम गाइडलाइन के पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सारण (ब्यूरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक आयोध्या टाइम्स बिहार में कोरोना महामारी लगातार बढ़ रही है ऐसे में बिहार सरकार ने इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए 25 दिनों के लिए लॉक डाउन लगाते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को स्थगित कर दी है । अगर बिहार सरकार पंचायत के जनप्रतिनिधियों की सत्ता का अधिकार छीन लेती है तो पंचायती राज पदाधिकारी से लेकर, बीडीओ, सीओ, अनुमंडल अधिकारी से लेकर जिला के सभी वरीय अधिकारियों को पंचायत के जनसमस्याओं को जानकारी पूर्ण रूप से हो जाएगी। जिस तरह से पंचायतों में कुछ भष्ट जनप्रतिनिधियों के कारण जातिवाद, व्यक्तिवाद, और कुटनितिवाद के कारण पंचायत का विकास न होकर सरकारी योजनाओं की धरातल पर पूर्ण रूप से नहीं होना एवम् सरकार की योजनाओं की जानकारी आम जनता तक नहीं मिलने के कारण जन प्रतिनिधियों ने भले ही पंचायत की विकास नहीं की हो लेकिन अपना सर्वांगीण विकास करते हुए पीढ़ी दर पीढ़ी तक सरकार की योजनाओं का खुलियाम कागजों पर घोटाला करते हुए समाज के अंदर अपना वर्चस्व कायम कर लिया । अगर सरकार की मंशा पंचायत की विकास चाहती है तो सत्ता में बैठे जनप्रतिंनीधियो की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के समय पूर्ण होते ही सत्ता छीन कर अधिकारियों को दे दी गयी तो निश्चित ही जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती दिखाई देगी । जिस तरह कोरोना काल में भी मास्क, साबुन के साथ अन्य सरकारी योजनाओं का भी घोटाला हुआ है वैसे कई उदाहरण है जो जमीनी हकीकत को अगर नेक आला अधिकारी निरीक्षण करे तो कई तरह की खामियां ही खामियां पंचायतो में उजागर होगी और भर्स्ट जनप्रतिनिधियों की पोल खुल सकती हैं । जिस तरह से मतदाता को जनप्रतिनिधियों द्वारा चुनाव में विकास के सपने दिखाते हैं लगता है कि महात्मा गांघी के सपना पूर्ण हो जायेगा और सरकार की योजनाओं का लाभ लाभान्वितों को मिल जायेगा लेकिन जैसे ही सत्ता मिली कि जनप्रतिनिधियों गिरगिट के तरह रंग बदलकर अपना विकास में लग जाते हैं और जनता माथे पर हाथ धर कर अफसोस जताते हुए नये जनप्रतिनिधियों की 5 साल बीतने की बाट जोहते है कुछ ग्रामीण प्रखंड के अधिकारियों को जन समस्याओं या अपनी समस्याओं को अवगत कराते हुए निदान करने की गुहार लगाते-- लगाते थक जाते है क्योंकि कुछ कुर्सियाँ भर्स्ट व जनप्रतिनिधियों के कथनानुसार चलने के कारण ग्रामवासियों के विकास रुक जाती है और सरकारी लाभ से वंचित हो जाते हैं जिसके कारण हर पांच साल पर जनता छलते जाते है जिसके कारण महात्मा गांधी का सपना चकनाचूर होते जा रहा है ।
हाजीपुर(वैशाली)संवाददाता नवीन कुमार दैनिक अयोध्या टाइम्स
महनार थाना क्षेत्र के वासुदेवपुर गांव के चम्बर में पेड़ से लटका हुआ एक युवक का शव बरामद हुआ शव बरामद होने की सूचना मिलने के बाद मौके पर लोगो की भाड़ी भीड़ जमा हो गई जिसके बाद स्थानीय लोगो ने इसकी सूचना महनार थाने को दिया घटना की सूचना के बाद महनार एसडीपीओ सुरेंद्र पंजियार एवं थानाध्यक्ष मनोज कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पंहुचे और शव को पेड़ से जे सी बि की मद्द से नीचे उतरवाया गया ।इस संबंध में महनार थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया की मृतक की पहचान समस्तीपुर जिले के तारा धमौन गांव निवासी 35 वर्षिय धर्मेंद्र कुमार के रूप में हुई है और शव देखने से आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है ।साथ ही थानाध्यक्ष ने बताया की लोगो द्वारा बताया जा रहा है कि मृतक युवक पहले भी आत्महत्या का प्रयास किया था।फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।वही स्थानीय लोगो का कहना है कि युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त था। हालांकि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच ने जुटी हुई है।
अनिल बेदाग़-
यूके फ़िल्म फेस्टिवल में होगा प्रीमियर
राजापाकर( वैशाली ) संवाददाता, दैनिक अयोध्या टाइम्स
बिहार में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लगे संपूर्ण लॉकडाउन के बाद सरकार द्वारा प्रखंड मुख्यालय में भी सामुदायिक किचन का शुभारंभ किया गया है जिसमें दोनों वक्त निर्धनों का पेट भरेगा। खासकर वैसे गरीब मजदूर जिन्हें दो वक्त की रोटी भी बड़ी कठिनाइयों से नसीब हो पाती है उनके लिए परेशानी और बढ़ गई थी इसे देखते हुए बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन अब गरीबों का पेट भर रहा है। राजापाकर प्रखंड मुख्यालय में फिलहाल मात्र एक स्थान प्रखंड मुख्यालय अंतर्गत आदर्श मध्य विद्यालय राजापाकर पर सामुदायिक किचन बुधवार 19 मई से अंचलाधिकारी राजापाकर के देखरेख में शुरू किया गया है। इस दौरान लगभग 60 लोगों को खाना परोसा गया। CO राजापाकर ने बताई की सामुदायिक किचन में गरीब, असहाय, दैनिक श्रमिकों ,रिक्शा ,ठेला चालक के लिए यह सामुदायिक किचन काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने यह भी बताया कि आज प्रथम दिन 60 लोगों के बीच चावल दाल एवं सब्जी का भोजन कराया गया है ।पुनः शाम 5:00 बजे से रात्रि का भोजन परोसा जाएगा। हालांकि सामुदायिक किचन के चालू हो जाने का कोई प्रचार प्रसार नहीं किया गया है । मालूम हो कि सरकार द्वारा आगामी 25 मई तक लॉकडाउन लगे रहने की घोषणा की गई है यह सामुदायिक किचन 7 दिनों के लिए खुला है।
सारण (ब्युरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक आयोध्या टाइम्स सोनपुर-- सोनपुर में लॉक डाउन होने के बाद से अब कोरोना संक्रमित की संख्या में कमी आने शुरू हो गयी है लेकिन फिर भी इस महामारी को नजरअंदाज करने की जरूरत नहीं है अब भी संक्रमित व्यक्ति कोरोना जाँच में मिल रहे हैं । कुछ लोगो की लापरवाही के कारण आज भी संक्रमित व्यक्ति की पहचान हो रही हैं आज भी लोग इस महामारी को नजरअंदाज कर रहे हैं और बिना मास्क पहने घर से निकल रहे हैं। इस बात की जानकारी देते हुए सोनपुर पूर्व कोरोना नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक कुमार सिन्हा ने बुधवार को बताया कि सोनपुर एएनएम ट्रेनिंग सेंटर ,रेलवे स्टेशन ,अनुमंडल अस्पताल में रैपिड कीट से 173 लोगो को जांच किया गया जिसमें 17 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं वहीं 203 लोगों आरटीपीसीआर के तहत जांच किया गया सभी जांच सैंपल पटना भेज दी गई है । कोरोना नोडल अधिकारी डॉ राजकिशोर सिंह ने बताया कि कोविड केयर सेंटर में आज तक कुल 4 संक्रमित व्यक्ति भर्ती है ।जब कि एक संक्रमित व्यक्ति को पटना रेफर कर दिया गया है । अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डॉ हरिशंकर चौधरी ने बताया कि 17 संक्रमित व्यक्ति की पहचान हुई हैं सभी संक्रमित व्यक्ति को दवा उपलब्ध कराते हुए होम कवर्टाइन में रहने को सलाह दिया गया है । संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले को भी कोरोना जाँच किया जायेगा स्वास्थ प्रवन्धक रवीश कुमार ने बताया कि 130 लोगो को दी गयी कोविड 19 वैक्सीन ।
महुआ ( वैशाली) अनुमंडल संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स।
महुआ अनुमंडल क्षेत्र के गोलारोड में कोरोनावायरस गाइडलाइन का उल्लघंन करने पर कपड़ों की तीन रेडीमेड तथा एक परचून दुकानों को अधिकारियों ने सील कर दिया। जिससे क्षेत्र में आस पास हड़कंप मच गई। गुरूवार को महुआ कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, अमीन रामेश्वर पंडित तथा पुअनि शिवेंद्र ना. सिंह के नेतृत्व में कोरोनावायरस गाइडलाइन को लेकर महुआ बाजार में जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान गोलारोड में लुका छुपी का खेल कपड़ा दुकानदार ने क्रमशः अजय रेडीमेड, पवन रेडीमेड व वैशाली साड़ी तथा महेश परचून की दुकानदार ने समय अवधि के बाद भी चोरी छिपे दुकान खोलने के आरोप में दुकान को सील कर दिया गया है। वही अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण के जो गाइडलाइन दिया गया है उसका पालन करें। जो लोग सरकार के गाइडलाइन के पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजापाकर( वैशाली )संवाददाता, दैनिक आयोध्या टाइम्स
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजापाकर समेत चार केंद्रों पर गुरुवार से पुनः कोरोना का वैक्सीन दिया जाएगा ।जानकारी देते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार ने बताया है कि गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजापाकर समेत बैजनाथपुर, चक सिकंदर एवं भोज पट्टी स्वास्थ्य केंद्र पर गुरुवार 20 मई को 45 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों का प्रथम डोज़ एवं सेकंड डोज़ सिर्फ को वैक्सीन का टीकाकरण होगा ।वही उन्होंने यह भी जानकारी दिया कि राजापाकर अस्पताल में 18 से 44 वर्ष वाले उन्हीं लोगों का टीकाकरण होगा जिन लोगों ने 20 मई के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुक कराया है। मालूम हो कि जिला वैक्सीन भंडार में वैक्सीन उपलब्ध नहीं रहने के कारण बीते 19 मई को वैक्सीनेशन का कार्य बाधित रहा है।
गोंदिया - वैश्विक रूप से कोविड -19 महामारी ने वर्ष 2019 के अंत से वैश्विक स्तर पर पैर पसारना शुरू कर दिया था और अपनी तीव्र घातकता से वैश्विक स्तर पर मानव पर हमला कर अपना उग्र रूप दिखाया, पूरे विश्व में तबाही मचा कर रख दी।...बात अगर हम भारत की करें तो भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे पहला मामला केरल के त्रिचूर में 30 जनवरी 2020 को सामने आयाथा और इसके अगले ही दिन याने 31 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को वैश्विक आपदा घोषित किया था। 11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किया था और इसके अगले ही दिन याने 12 मार्च 2020 को भारत में कोरोना संक्रमण से पहली मौत की पुष्टि हुई थी, जिसमें भारत एकदम चौकन्ना, चाक-चौबंद और सतर्क हुआ और पीएम मोदी ने 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू का आह्वान कर 25 मार्च 2020 को देश को संबोधन किया और रात 12 बजे से 21 दिन का पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी और फिर कोविड-19 की गाइडलाइंस बनाने का और क्रियान्वयन करने का दौर जो शुरू हुआ जो मंगलवार दिनांक 18 मई 2021 तक शुरू है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), केंद्रीय गृहमंत्रालय, केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवारकल्याण मंत्रालय, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राज्य सरकारोंने अपने अपने स्तर पर गाइडलाइंस बनाकर क्रियान्वयन करना शुरू किया गया था जो अभी तक जारी है।......बात अगर हम नई गाइडलाइंस की करें तो हर संबंधित विभाग एमएचए, आईसीएमआर, एमएचएफडब्ल्यूई, एनडीएमए, द्वारा परिस्थितियों के बदलते परिवेश में अपनी-अपनी गाइडलाइंस को संशोधित, रणनीतिक अपडेट, करते रहे। जैसे जैसे कोविड-19 महामारी के वेरिएंट में बदलाव का संकेत, या कानून व्यवस्था नियंत्रण, स्वास्थ्य समीक्षा का अपडेट डाटा, के आधार पर अपनी अपनी गाइडलाइंस को संशोधित करते रहे और वर्ष 2020 पूरा निकल गया जबकि महामारी में कुछ राहत 2020 के अंत और 2021 के जनवरी माह तक थी। लेकिन फरवरी 2021 से महामारी ने ऐसी तीव्रता से आघात किया कि महामारी की दूसरी लहर पीक पर और तीसरी लहर का अंदेशा जताया जाने लगा। जिसको ध्यान में रखते हुए एमएचए, आईसीएमआर और एमएचटीडब्ल्यूए, एनडीएमए ने भी अपने दिशानिर्देशों में संशोधन करते हुए कुछ सामायिक अंतराल में बदलते परिवेश में नई नई गाइडलाइंस निकालते रहे, जिससे लॉकडाउन की तिथियां बढ़ाना, घर पर 3 लेयर मेडिकल मास्क पहनना, कोरोना मरीज हल्के लक्षण मरीजों को घर पर क्वॉरेंटाइन, होली, ईद पर भीड़ इकट्ठा ना होने, धार्मिक स्थल बंद करने इत्यादि अनेक महत्त्वपूर्ण दिशानिर्देशों में बदलाव करते हुए जारी किए गए और आज दिनांक 18 मई 2021 तक यह सामायिक अंतर में, बदलते परिवेश, परिस्थितियों और डाटा के अपडेट होने पर तुरंत नई गाइडलाइंस बनाई जा रही है। कोरोना महामारी के संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय सहित अनेक मंत्रालयों को भी अपनी गाइडलाइंस बनाने पड़ी है और परिस्थिति के अनुसार उन्हें अपडेट करना चालू है।.....बात अगर हम पिछले कुछ दिनों की गाइडलाइंस अपडेट की करें तो अभी कुछ राज्यों में ब्लैक फंगस बहुत तेजी से विस्तारित हो रहा है और गाइडलाइंस जारी हुई है तथा एम्स के विशेषज्ञों ने भी अलर्ट किया है और दिनांक 17 मई 2021 को आईसीएमआर ने प्लाजमा थेरेपी को चिकित्सीय प्रबंधन दिशानिर्देशों से हटा दिया है। आईसीएमआर ने जानकारी दी है कि प्लाजमा थेरेपी बीमारी की गंभीरता या मौत की संभावना को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अतः बदलते परिवेश में आईसीएमआर ने नई गाइडलाइन जारी कर इसे हटा दिया है। अब कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाजमा थेरेपी उपयोग में नहीं होगा और इसे चिकित्सीय प्रबंधन दिशा-निर्देशों से हटा दी गई है।अतः हम उपरोक्त पूरे विवरण का विश्लेषण करें तो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, आईसीएमआर, मानव संसाधन विकास मंत्रालय इत्यादि अनेक विभागों द्वारा बदलती परिस्थितियों और डाटा अपडेट के कारण अपनी गाइडलाइंस को रणनीतिक अपडेट किया हैं, जो इसका प्रमाण है कि शासन प्रशासन इस विपत्ति की घड़ी में हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण सजगता, जागरूकता के साथ कर रहे हैं और भारत को इस महामारी से मुक्ति दिलाने के लिए रात दिन प्रयत्नों में सक्रिय भूमिका अदा कर रहे हैं।
हिंदी लेखन जगत में एक नई बहस चल रही है। मेरे बहुत से मित्र कुछ न कुछ लिख रहे हैं। कुछ समर्थन में तो कुछ विरोध में। हालांकि बहस में कुछ भी नया नहीं है। यह सालों से चली आ रही समस्या है; जिससे लेखक-कवि जूझ रहा है। समस्या है - सरस्वती-लक्ष्मी का द्वंद्व।
21वीं सदी के डिजिटल युग में भ्रांतियों, टोटकों और जादू टोना प्रथा को स्वतः संज्ञान लेकर लगाम लगाना जरूरी - एड किशन भावनानी
आज देश के ओ वंचित वर्ग सबसे ज्यादा परेशान हैं,जो रोज कुंआ खोदते रोज पानी पीते थे,यानी की मजदूर वर्ग जो दिहाड़ी करके कमाते थे, जिससे इनके घरों में चूल्हे जला करते थे , आंकड़ों को देखें तो इस कोरोना महामारी ने लगभग 63 फीसदी तो घरेलू कामगारों से ही रोजगार छीन लिया है , ऐसे में अब तो घर चलाना बहुत ही मुश्किल हो रही है। हमने देखा की पिछले साल कोरोना के चलते लगाएं गए लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया था, हालांकि कुछ समय बाद चीजें धीरे-धीरे पटरी पर लौटना शुरू हुई तो कोरोना की दूसरी लहर ने सब कुछ तबाह कर दिया है , दूसरी लहर के बाद अचानक नए कोरोना के मामलों में भारी उछाल आया और फिर राज्य सरकारों ने धीरे-धीरे सख्त पाबंदियां लगाते हुए लॉकडाउन लगा दिया है ,इस कोरोना महामारी से भारी संख्या में लोगों की नौकरी गई हैं,स्थिति यह हो गई कि जिन लोगों का रोजगार छूटा है, उनके घरों में आर्थिक संकट इस कदर हावी हो गया कि घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। हम सभी ने देखा की हमारे प्रवासी मजदूर देश के अलग-अलग शहरों और राज्यों से पैदल ही हजारों हजार किलोमीटर चलने को मजबूर हुए थे, जिनमें से बहुत से प्रवासी मजदूर अपने घर पहुंचने से पहले ही कोई ट्रेन के पहियों के नीचे तो कोई ट्रक के पहियों के नीचे तो बहुत से प्रवासी मजदूर भूखे दम तोड़ दिया था ,अब तो लगभग देश के हर वह वर्ग रोजी रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है जो रोज कमाता खाता था, साथ ही मध्यम वर्गीय परिवार वालों का भी आज हालात दिन पर दिन बदतर होती जा रही है , एक रिपोर्ट में पता चला है कि केवल देश के राजधानी दिल्ली में 63 फिसदी घरेलू कामगारों जो मकानों में कपड़े, बर्तन, झाडू-पोछा और खाना बनाने वाली महिलाओं ने ही इस महामारी के बाद से नौकरी खो दी हैं, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अन्य क्षेत्रों में काम करने वालों की हालत क्या हो सकती है ? वही दूसरी तरफ इस महामारी ने मजदूरों को झझकोर कर रख दिया है, सबसे ज्यादा दुखों का पहाड़ प्रवासी मजदूरों पर टूटा है, मजदूरों के पास अब रोजी-रोटी का संकट है, इनके साथ ही अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले मध्यम वर्गीय परिवार पर भी रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है , सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से जो राशन भारत सरकार पहुंचाने का प्रयास कर रही है , गरीबों और जरूरतमंद लोगों के रोटी पर भी कालाबाजारी करने वाले डंका डाल दे रहे है , मजदूरों के उत्थान के लिए सरकार की योजनाएं सरकारी कार्यालयों में दम भर रही हैं,हर शहर व नगर के चौराहों पर सुबह के समय रोजी-रोटी की तलाश में ना जाने कितने मजदूर रोजी की तलाश में खड़े रहते हैं, देखे तो दो वर्षों में कोराना महामारी ने मजदूरों के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है, रोजी-रोटी की तलाश में मजदूर इधर-उधर भटक रहे हैं, बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूर कोरोना संकट से जूझ रहे है ,आज गांवों में भी रोजगार के संसाधन नहीं हैं, मनरेगा योजना में भी मजदूरी केवल 201 रुपये है, जिसमे पहले से काफी श्रमिक मजदूर जुड़े हुए है ,ऐसे में शहरों से अभी गए हुए ,मजदूरों को रोजी रोटी का व्यवस्था कैसे होगा ? वही दूसरी तरफ देश के कुछ रहीस लोग गरीबों पर ही कोरोना महामारी का भी आरोप लगा देते है, बोलते हैं कि गरीबों के कारण यह करोना का रफ्तार बढ़ा है, अब इनको मैं कैसे समझाऊं कि हमारा गरीब तबका जहाज से नहीं चलता है, जहाजों में बैठकर आप लोग आएं और आप हमारे यहां लाए,फिर जो वर्षों तक आपके शहर को चमकाने में हमारे प्रवासी मजदूर दिन रात एक किए थे उसको आप रोटी तक के लिए भी नहीं पूछते हो, बल्कि घटिया राजनीति करते हो झूठी आश्वासन देते हो फिर सोशल मीडिया पर उसका आप मजाक भी बनाते रहते हों, हालांकि सभी लोग ऐसे ही नहीं करते बहुत से लोग आज भी मानवता के रास्ते पर चलते हुए जरूरतमंद लोगों को मदद दे रहे हैं, आज आप सभी से मेरा विनम्र निवेदन है कि आप भी अपने सामर्थ्य अनुसार जो भी जरूरतमंद आपके आंखों से दिखे तो जरूर आगे बढ़कर उसका साथ दे।
यह एक ऐसी वनस्पति है जिसे पुनर्नवा के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद के जानकार इसे एक प्रचलित औषधि के रूप में सदियों से प्रयोग कराते आ रहे हैं ।पुनर्नवा जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह पुर्न यानि दुबारा नवा अर्थात नई यानि जो शरीर मे नवीन कोशिकाओं को जन्म दे नूतनता लाये ऐसी वनस्पति पुनर्नवा है।लेटिन में इसे बोरहावीया डिफ्युजा के नाम से जाना जाता है।इसकी दो प्रजातियां होती है एक श्वेत पुनर्नवा और दूसरी रक्त पुनर्नवा।अभी बारिश के मौसम के इसके छोटे पौधे निकलते है जो 2 से 3 मीटर लंबे होते हैं और जमीन पर फैलते हैं।इसके नामके साथ एक और रोचक पहलू है सूखा हुआ पुनर्नवा का पौधा बरसात आने पर फिर से नया जीवन प्राप्त कर लेता है इन्ही गुणों के कारण प्राचीन ऋषियों ने इसका नाम पुनर्नवा रखा हो।
ऐसी विपदा तो सौ सालों में,कभी नहीं थी आई।
कैसा ये परिदृश्य बना है, टीवी देखें आये रुलाई।
इंसानों ने विकास हेतु,किया प्रकृति से खिलवाड़।
वृक्ष एवं जंगल सब काटे,बंद ऑक्सीजन किवाड़।
बड़े बड़े तालाबों को पाटा,बिल्डर्स का है ये धंधा।
खनन माफियाओं का भी,काम हुआ नहीं ये मंदा।
वृक्षारोपण किए नहीं हैं,प्रदूषण भी ऐसा फैलाया।
साँस भी लेना दूभर है,कोरोना ने ऐसे पैर फैलाया।
पिघल रहा ग्लेशियर,ग्लोबल वॉर्मिंग का असर है।
भू जल भी क्षरण हो रहा,ऊर्जा ह्रास का असर है।
अपनी करनी का ये फल,मानव ही भोगा-भोगे गा।
धरती पर तो शुकून नहीं,हर घर में रोग है भोगे गा।
इन सब झंझावातों से कैसे,इंसान कोई संघर्ष करे।
आजिज आ गया है ये,इंसा कोविड से संघर्ष करे।
कितनी जानें रोज जा रहीं, हर तरफ है हाहाकार।
आपदा में भी अवसर का,कर रहे लोग हैं व्यापार।
नहीं रह गई इंसानियत कोई,ब्लैक में बेंचते दवाई।
लाशों का ढ़ेर लगा है,अस्पताल में बेड है न दवाई।
शमशान में जाते ही,मिट ये गया है सब छुआछूत।
पास पास ही जल रहे हैं,ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र।
राजनीति लाशों पर भी होये,कितनी है ये बेहयाई।
किसी नेता को भी बिलकुल,इसमें शर्म नहीं आई।
कभी-2 मरने वाले के दरवाजे,पे पहुँच भले जाते।
नेतागण दिखावे में अपना भी,ये शोक जता जाते।
डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
हमारे सनातन धर्म में कहा गया है लड़की का सुहागन होना और ससुराल में होना शुभ है ,और संस्कारिक मर्यादा भी।लेकिन आज कल के माॅम डैड ने इसे वर्बाद कर रखा है।सबसे ज्यादा विकट स्थिति का माध्यम फोन का घंटो तक आदान प्रदान होना।जिस किसी घर में ऐसी बीमारी लगी है वह घर रिश्ते की लिहाज से दम तोड़ चुके हैं । जबसे यह आधुनिक फोन का प्रचलन बढा है मायके का हस्तक्षेप बढता गया है। जिसे कोई खुद्दार पति शायद बर्दाश्त नहीं करता और यही सम्बन्धों की एक दीवार खड़ी करती है जो आये दिन अदालतें थाने और विभिन्न आयोग के बढ़ती फाइलों में दम तोड़ रही है।
प्राचीन काल में ऐसा बिल्कुल नहीं था रिश्तों की एक बुनियाद होती थी ।मायके पक्ष कभी भी नादानी या ओछी बात नही करते थे बल्कि अपने बच्ची को समझाते थे ।जिससे रिश्ता प्रगाढ और निरंतर बना रहता था।जब कोई खास आयोजन में उनसे राय मांगी जाती थी तो वे मशवरा देते थे आज बिल्कुल अलग है ।आज दाल में नमक अधिक हो गया अगर पति ने डांट दी तो पति को डाटने के लिए प्रोग्राम बनाया जाता है जिसका माध्यम भी मोबाइल ही है जबकि पहले लोग हंसकर उड़ा डालते थे। यही फर्क है आज के इस नयी पीढी में जिसकी वजह से नौबत तालाक तक पहुंच जाती है।घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की सारे हदें पार कर चुका यह समाज अब पतन की कगार पर खड़ा है जिसकी वजह है एकल मानसिकता से ग्रसित लडकियां शादी के बाद सिर्फ एकल परिवार को बढावा दे रही है।