Thursday, February 27, 2020

पूर्वोत्तर दीर्घकालिक विकास लक्ष्य सम्मेलन 2020 – दूसरा दिन

पूर्वोत्तर दीर्घकालिक विकास लक्ष्य (एसडीजी) सम्मेलन - 2020 गुवाहाटी में चल रहा है। सम्मेलन के दूसरे दिन चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसमें सभी 8 पूर्वोत्तर राज्यों की सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ केन्द्र सरकार के अधिकारी, शिक्षाविद, नागरिक समाज संगठनों, विचारकों और वित्तीय संस्थानों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।


पूर्वोत्तर क्षेत्र में एसडीजी : स्थानीयकरण और उपलब्धि के मार्ग पर आयोजित पहले सत्र की अध्यक्षता असम सरकार के पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में सचिव डॉ. इंद्रजीत सिंह ने की। मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी सत्र में दल के सदस्य थे। देश में एसडीजी के स्थानीयकरण की मौजूदा वास्तविकता की पृष्ठभूमि में, पूर्वोत्तर राज्य के प्रयासों और उपलब्धियों को सामने रखा गया। सत्र एसडीजी और संबंधित लक्ष्यों को पूर्वोत्तर क्षेत्र के संदर्भ में प्राप्त करने के संबंध में भविष्य की कार्य योजना के साझा परिप्रेक्ष्य के साथ सम्पन्न हुआ।


ड्राइवर्स ऑफ इकोनॉमिक प्रॉस्पेरिटी एंड सस्टेनेबल लाइवलीहुड विषय पर दूसरा सत्र असम सरकार में अपर सचिव, वित्त श्री राजीव बोरा की अध्यक्षता में हुआ। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ शिक्षाविद, वित्तीय संस्थानों और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हुए।


इस सत्र में एमएसएमई, कृषि-प्रसंस्करण और हस्तशिल्प क्षेत्रों की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया ताकि एक्ट ईस्ट पॉलिसी में व्यक्त भारत की निर्यात महत्वाकांक्षाओं के साथ रखा जा सके।


जलवायु अनुकूल कृषि विषय पर तीसरे सत्र की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने की। इस सत्र में उच्च-गौण-इनपुट-कृषि और दीर्घकालिक कृषि उत्पादकता के पर्यावरणीय प्रभाव की चुनौतियों को सामने लाया गया। जलवायु अनुकूल कृषि में प्रौद्योगिकी आधारित हस्तक्षेपों का विश्लेषण इस क्षेत्र में इनकी व्यापक अनुकूलनशीलता या प्रतिरूपात्मकता का मूल्यांकन करने के लिए किया गया था। व्यवहार्य संभावनाओं का पता लगाने के लिए ज्ञान के विकास, क्षमता निर्माण और संस्थागत भागीदारी की संभावनाओं का मूल्यांकन किया गया।


पोषण सुरक्षा और स्वास्थ्य तथा सभी के कल्याण विषय पर पहले दिन के अंतिम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने की। इस सत्र में क्षेत्र में स्वास्थ्य की स्थिति और विभिन्न कमजोर समूहों, जैसे महिलाओं और बच्चों, दिव्यांग और एचआईवी / एड्स के पीड़ितों के साथ रहने वाले लोगों के सामने आने वाले मुद्दों की विस्तार से जानकारी ली गई। डॉ. वी. के. पॉल ने राज्यों से एक मजबूत प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने और निजी क्षेत्र को माध्यमिक और तृतीय देखभाल में शामिल करने की रणनीतियों की पहचान करने का आग्रह किया।


पूर्वोत्तर दीर्घकालिक विकास लक्ष्य (एसडीजी) सम्मेलन - 2020 के तीसरे दिन 'शिक्षा, कौशल, विकास और उद्यमिता', 'संचार सम्पर्क और बुनियादी ढांचा विकास, 'पूर्वोत्तर में असमानता और बहिष्कार का समाधान' तथा अंतिम सत्र ‘वे फॉरवर्ड एंड वेलेडिक्टरी’ विषयों पर तकनीकी सत्र होंगे।   


पूर्वोत्तर दीर्घकालिक विकास लक्ष्य (एसडीजी) सम्मेलन - 2020 की शुरुआत 24 फरवरी, 2020 को गुवाहाटी स्थित असम प्रशासनिक स्टॉफ कॉलेज में हुई। तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन नीति आयोग ने पूर्वोत्तर परिषद, असम सरकार और टाटा ट्रस्ट के सहयोग से किया है। सम्मेलन को यूएनडीपी और आरआईएस का समर्थन प्राप्त है।


नीति आयोग को राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर एसडीजी को अपनाने और उसकी निगरानी करने  का अधिकार प्राप्त है। 2030 तक एसडीजी हासिल करने के लिए इस दशक की कार्रवाई में पूर्वोत्तर क्षेत्र की प्रगति महत्वपूर्ण है और यह सम्मेलन नीति आयोग के उप-राष्ट्रीय स्तर पर साझेदारी को बढ़ावा देने के लगातार किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। एसडीजी स्थानीयकरण के संदर्भ में, क्षेत्र के राज्यों ने अपनी विकास योजना और दृष्टि दस्तावेजों में एजेंडा 2030 रूप-रेखा को जोड़ने में काफी प्रगति की है।



श्री गंगवार ने काकीनाड़ा, आंध्र प्रदेश में 100 बिस्तरों वाले ईएसआई अस्पताल की आधारशिला रखी

श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने आज (26 फरवरी, 2020) काकीनाड़ा, आंध्र प्रदेश में 100 बिस्तरों वाले ईएसआई अस्पताल की आधारशिला रखी। आंध्र प्रदेश के श्रम और रोजगार, प्रशिक्षण और फैक्ट्री मंत्री श्री घुमानूर जयराम इस समारोह में मुख्य अतिथि थे। समारोह की अध्यक्षता काकीनाड़ा से सांसद श्रीमती वंगा गीता ने की।


इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के उप-मुख्य मंत्री और राजस्व, स्टैम्प और पंजीकरण मंत्री श्री पिल्ली सुभाष चंद्र बोस, सामाजिक कल्याण मंत्री श्री पीनिपी विश्वरूप, कृषि और सहकारी विपणन खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुरुसाला कन्नाबाबू, काकीनाड़ा नगर निगम की महापौर श्रीमती सुंकारा पावणि, विधान पार्षद श्री चिक्काला रामचंद्र राव, काकीनाड़ा के विधायक श्री द्वरमपुद्दी चंद्रशेखर रेड्डी और ईएसआईसी के चिकित्सा आयुक्त डॉ. आर. के. कटारिया मौजूद थे।


समारोह के दौरान श्री गंगवार ने भारत के कामगारों की बेहतर देख-रेख और सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ईएसआई योजना के तहत योगदान की दरें कम की गई हैं और अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना लागू की गई है।


श्री घुमानूर जयराम ने केन्द्र सरकार को धन्यवाद दिया और आगामी अस्पताल को चलाने में राज्य सरकार का पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस दौरान उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने केन्द्र सरकार के प्रयासों को स्वीकार किया और राज्य सरकार के सहयोग का आश्वासन दिया। इस परियोजना के दो वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। ईएसआईसी के इस अस्पताल के बन जाने के बाद इसे चलाने के लिए राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा।


काकीनाड़ा, आंध्र प्रदेश में ईएसआई अस्पताल


काकीनाड़ा में ईसआई का 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण सात एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा, जिसके आस-पास पूरी तरह हरियाली होगी और इसके निर्माण पर 101.54 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। अस्पताल ग्राउंड + दो स्तरों पर बनाया जाएगा, जिसमें रिहाइशी परिसर शामिल होगा। अस्पताल में सभी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं जैसे, ओपीडी, वार्ड, प्रयोगशालाएं और आपात सुविधा उपलब्ध होगी। यह अस्पताल काकीनाड़ा और यनम की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। यहां इस समय 65 हजार आईपी और 2 लाख से अधिक लाभान्वित हैं।


आंध्र प्रदेश में ईएसआई योजना


आंध्र प्रदेश में 09-10-1955 को आरंभ में 4 केन्द्रों यानी विजयवाड़ा, गुंटूर, येल्लूरू और विशाखापत्तनम के साथ केन्द्रवार ईएसआई योजना लागू की गई थी। इस योजना का धीरे-धीरे 136 केन्द्रों तक विस्तार किया गया। इस समय यह योजना आंध्र प्रदेश के 663 मंडलों में लागू है, जहां 42,880 कर्मचारी, 12,90,051 आईपी और 43,39,208 लाभान्वित हैं। आंध्र प्रदेश में ईएसआई योजना का एक क्षेत्रीय कार्यालय, दो उप क्षेत्रीय कार्यालयों और 22 शाखा कार्यालयों में प्रबंध किया गया था। लाभान्वितों को चिकित्सा सेवाएं 4 ईएसआईएस अस्पतालों, 3 डायग्नॉस्टिक केन्द्रों, 78 ईएसआईएस डिस्पेंसरियों, 79 पैनल क्लीनकों और 34 केन्द्रों में मोबाइल औषधालयों के जरिये प्रदान की जा रही है।


द्वितीय स्तर और सुपर स्पेशलिटी इलाज करने के लिए सभी जिलों और महत्वपूर्ण केन्द्रों में 38 निजी अस्पतालों के साथ अनुबंध किया गया है।


भारत में ईएसआई योजना


कर्मचारी राज्य बीमा निगम एक अग्रणी सामाजिक सुरक्षा संगठन है, जो किफायती चिकित्सा देखभाल जैसे व्यापक सामाजिक सुरक्षा लाभ और कर्मचारी के चोट लगने, बीमार होने और मृत्यु जैसी जरूरतों के समय नकदी लाभ प्रदान करता है। ईएसआई कानून उन परिसरों/संस्थानों में लागू है, जहां 10 या अधिक कर्मचारी काम करते हैं। जिन कर्मचारियों को एक महीने में 21 हजार रूपये तक वेतन मिलता है, ईएसआई कानून के अंतर्गत वह स्वास्थ्य बीमा कवर और अन्य लाभों को प्राप्त करने के हकदार हैं। यह कानून देश भर की 10.33 लाख फैक्ट्रियों और प्रतिष्ठानों पर लागू होता है, जिससे कर्मचारियों की 3.43 करोड़ पारिवारिक इकाईयां लाभ ले रही हैं। इस समय ईएसआई योजना से लाभ लेने वाली कुल आबादी 13.32 करोड़ है। 1952 में अपने अस्तित्व में आने के बाद से ईएसआई निगम अब तक 154 अस्पताल, 1500/148 डिस्पेंसरियां/आईएसएम इकाईयां, 815 शाखा/भुगतान कार्यालय और 63 क्षेत्रीय और उप क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित कर चुका है।



अप्रैल, 2020 में राज्‍य सभा से सेवानिवृत्‍त होने वाले 55 सांसदों की रिक्‍त सीटों को भरने के लिए द्विवार्षिक चुनाव

17 राज्‍यों से निर्वाचित राज्‍य सभा के 55 सदस्‍यों या सांसदों का कार्यकाल अप्रैल 2020 में सेवानिवृत्‍त होने पर समाप्‍त हो जाएगा जिनका विवरण नीचे दिया गया है:


  




































































































क्र. सं.



राज्‍य



सीटों की संख्‍या



सेवानिवृत्ति की तिथि




  1.  



महाराष्‍ट्र



7



02.04.2020


 




  1.  



ओडिशा



4




  1.  



तमिलनाडु



6




  1.  



पश्चिम बंगाल



5




  1.  



आंध्र प्रदेश



4



09.04.2020


 




  1.  



तेलंगाना



2




  1.  



असम



3




  1.  



बिहार



5




  1.  



छत्तीसगढ़



2




  1.  



गुजरात



4




  1.  



हरियाणा



2




  1.  



हिमाचल प्रदेश



1




  1.  



झारखंड



2




  1.  



मध्‍य प्रदेश



3




  1.  



मणिपुर



1




  1.  



राजस्‍थान



3




  1.  



मेघालय



1



12.04.2020



 


उपर्युक्‍त रिक्तियों का विवरण अंग्रेजी में ‘अनुलग्‍नक-ए’ (हाइपरलिंक) में दिया गया है। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि राज्‍य सभा के लिए उपर्युक्‍त द्विवार्षिक चुनाव निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार होंगे:



















































क्रसं.



कार्यक्रम



तिथियां



 



अधिसूचना जारी करना



06 मार्च, 2020 (शुक्रवार)



 



नामांकन दाखिल करने  की अंतिम तिथि



13 मार्च, 2020 (शुक्रवार)



 



नामांकनों की जांच



16 मार्च, 2020 (सोमवार)



 



उम्‍मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि



18  मार्च, 2020 (बुधवार)



 



मतदान की तिथि



26 मार्च, 2020  (बृहस्‍पतिवार)



 



मतदान का समय



प्रात: 09:00 बजे से सायं 04:00 बजे तक



 



मतगणना



26 मार्च, 2020 (बृहस्‍पतिवार) को सायं 05:00 बजे से



 



जिस तिथि से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाएगी



30 मार्च, 2020 (सोमवार)



निर्वाचन आयोग ने यह निर्देश दिया है कि मतपत्र पर वरीयता अंकित करने के लिए निर्वाचन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) द्वारा उपलब्‍ध कराए गए पूर्व-निर्धारित विनिर्देश वाले केवल एकीकृत वायलेट कलर स्केच पेन का ही इस्तेमाल किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में उपर्युक्‍त चुनावों में किसी भी अन्‍य पेन का इस्‍तेमाल नहीं किया जाएगा।


स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। निर्वाचन प्रक्रिया पर करीबी नजर रखने के लिए पर्यवेक्षकों द्वारा पर्याप्‍त उपाय किए जाएंगे।


अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रंप की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का प्रेस वक्तव्य

मेरे मित्र और अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump,


अमेरिकी delegation के सम्मानित सदस्य गण,


Ladies and gentlemen,


नमस्कार।


राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके डेलीगेशन का भारत में एक बार फिर हार्दिक स्वागत है। मुझे विशेष ख़ुशी है की इस यात्रा पर वो अपने परिवार के साथ आए हैं। पिछले आठ महीनों में राष्ट्रपति Trump और मेरे बीच ये पाँचवी मुलाक़ात है।


कल मोटेरा में राष्ट्रपति Trump का unprecedented और historical welcome हमेशा याद रखा जाएगा। कल ये फिर से स्पष्ट हुआ कि अमेरिका और भारत के संबद्ध सिर्फ दो सरकारों के बीच नहीं हैं, बल्कि people-driven हैं, people-centric हैं। यह संबंध, 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण पार्टनरशिप्स में है। और इसलिए आज राष्ट्रपति Trump और मैंने हमारे संबंधों को Comprehensive Global Strategic Partnership के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया है। संबंधों को इस मुकाम तक लाने में राष्ट्रपति Trump का अमूल्य योगदान रहा है।


Friends,


आज हमारी चर्चा में हमने इस partnership के हर अहम पहलू पर सकारात्मक विचार किया - चाहे वो defence and security हो, एनर्जी में strategic partnership हो, टेक्नॉलजी cooperation हो, global connectivity हो, ट्रेड relations हों या फिर people to people ties । भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता रक्षा और सुरक्षा सहयोग हमारी strategic partnership का एक बहुत अहम हिस्सा है। अत्याधुनिक रक्षा उपकरण व platforms पर सहयोग से भारत की डिफेन्स क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। हमारे defence manufacturers एक दूसरे की supply chains का हिस्सा बन रहे हैं। भारतीय forces आज सबसे अधिक ट्रेनिंग exercises US की forces के साथ कर रही हैं। पिछले कुछ सालों में, हमारी सेनाओं के बीच interoperability में unprecedented वृद्धि हुई है।


Friends ,


इसी तरह हम अपने homelands की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध से लड़ने के लिए भी सहयोग बढ़ा रहे हैं। आज homeland security पर हुए निर्णय से इस सहयोग को और बल मिलेगा। आतंक के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराने के लिए आज हमने अपने प्रयासों को और बढ़ाने का निश्चय किया है। President Trump ने ड्रग्स और opioid crisis से लड़ाई को प्राथमिकता दी है। आज हमारे बीच Drug trafficking, narco–terrorism और organized crime जैसी गम्भीर समस्याओं के बारे में एक नए mechanism पर भी सहमति हुई है।


Friends ,


कुछ ही समय पहले स्थापित हमारी Strategic Energy Partnership सुदृढ़ होती जा रही है। और इस क्षेत्र में आपसी निवेश बढ़ा है। तेल और गैस के लिए अमेरिका भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण स्त्रोत बन गया है। पिछले चार वर्षों में हमारा कुल energy व्यापार करीब 20 बिलियन डॉलर रहा है। Renewables हो या न्यूक्लियर energy, हमारे cooperation को नई ऊर्जा मिल रही है।


Friends,


इसी तरह, Industry 4.0 और 21st Century की अन्य उभरती टेक्नालजीज़ पर भी इंडिया-US partnership, innovation और enterprise के नए मुक़ाम स्थापित कर रही है। भारतीय professionals के टैलेंट ने अमेरिकी companies की टेक्नॉलजी leadership को मजबूत किया है।


Friends,


भारत और अमरीका आर्थिक क्षेत्र में openness औऱ Fair and Balanced trade के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले तीन वर्षों में हमारे द्विपक्षीय व्यापार में double-digit growth हुई है, और वह ज्यादा संतुलित भी हुआ है। अगर energy, civil aircrafts, defence, और higher Education लें तो पिछले चार-पांच सालों में सिर्फ इन चार sectors ने ही भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंधों में लगभग 70 बिलियन डॉलर्स का योगदान किया है। इसमें से काफी कुछ राष्ट्रपति Trump की नीतियों और फैसलों के कारण संभव हुआ है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में ये आंकड़ा काफी बढ़ जाएगा। जहां तक bilateral trade का सवाल है, हमारे Commerce Ministers के बीच सकारात्मक वार्ताएँ हुई हैं । राष्ट्रपति ट्रंप और मैं सहमत हैं कि हमारे Commerce Ministers के बीच जो understanding बनी है उसे हमारी teams legal रूप दें। हम एक बड़ी trade deal के लिए negotiation शुरू करने पर भी सहमत हुए है। हमें आशा है कि आपसी हित में इसके अच्छे परिणाम निकलेंगे।


Friends,


वैश्विक स्तर पर भारत और अमरीका का सहयोग हमारे समान लोकतांत्रिक मूल्यों और उद्देश्यों पर आधारित है। खासकर Indo-Pacific और global commons में rule based international order के लिए यह सहयोग विशेष महत्व रखता है। हम दोनों देश विश्व में connectivity infrastructure के विकास में sustainable and transparent financing के महत्व पर सहमत हैं। हमारा यह आपसी तालमेल एक दूसरे के ही नहीं, बल्कि विश्व के हित में है।


Friends ,


भारत और अमरीका की इस स्पेशल मित्रता की सबसे महत्वपूर्ण नींव हमारे people to people relations हैं। चाहे वो professionals हों या students, US में Indian Diaspora का इस में सबसे बड़ा योगदान रहा है। भारत के ये ambassadors ना सिर्फ़ अपने टैलेंट और परिश्रम से US की अर्थव्यवस्था में contribute कर रहे हैं। बल्कि अपने democratic वैल्यूज़ और समृद्ध culture से अमेरिकन society को भी enrich कर रहे हैं। मैने राष्ट्रपति ट्रंप से अनुरोध किया है कि हमारे professionals के social-security contribution पर totalisation agreement को दोनों पक्ष चर्चा आगे बढ़ाएं। ये आपसी हित में होगा।


Friends,


इन सभी आयामों में हमारे रिश्तों को और मज़बूत बनाने में राष्ट्रपति ट्रम्प की यात्रा ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। एक बार फिर, मैं President Trump को भारत आने के लिए, और भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूँ।