Wednesday, August 5, 2020

शिलान्यास के लिए होगा चांदी के फावड़े और कन्नी का इस्तेमाल

अयोध्या. राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम कुछ देर में शुरू होने वाला है. 12:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमिपूजन कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे. इसके कुछ ही देर बाद पीएम मोदी के करकमलों से राम मंदिर की आधारशिला की स्थापना होगी. खास बात है कि मंदिर की नींव खोदने के लिए चांदी का फावड़े का इस्तेमाल किया जाएगा जबकि नींव की ईंट पर सीमेंट लगाने के लिए चांदी की कन्नी का भी प्रयोग किया जाएगा. पीएम मोदी नींव खोदने के लिए चांदी के इसी फावड़े का इस्तेमाल करेंगे.


मेहमानों को चांदी का सिक्का
इसके अलावा इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले हर मेहमान को लड्डू के साथ-साथ चांदी का एक सिक्का भी दिया जाएगा. चांदी के सिक्के के एक तरफ राम दरबार की छवि है जिसमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान हैं और दूसरी तरफ ट्रस्ट का प्रतीक चिह्न है.


 


हरे और भगवा रंग वस्त्र में रामलला ने मन मोहा
रामलला को जो वस्त्र पहनाए गए हैं उनकी पहली झलक सामने आ चुकी है. रामलला को हरे और भगवा रंग के वस्त्र पहनाए गए हैं. इन वस्त्रों में रामलला की छटा देखते ही बन रही है. बतादें कि रामलला के वस्त्र मखमल के कपड़े से बने हैं. इन वस्त्रों पर 9 तरह के रत्नों को लगाया गया है.


हनुमान गढ़ी पहुंचे पीएम मोदी, सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा है खास ख्याल

अयोध्या. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के भूमिपूजन लिए अयोध्या पहुंच गए हैं. आजाद भारत में मोदी राम जन्मभूमि जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं. अयोध्या पहुंचकर पीएम ने हनुमान गढ़ी के दर्शन किए. मोदी का विशेष विमान 10:35 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था, इसके बाद 10:45 बजे अयोध्या के लिए प्रस्थान किया. करीब 11:30 बजे मोदी का हैलीकॉप्टर अयोध्या के साकेत कॉलेज पहुंचा. यूपी सीएम ने उनका स्वागत किया. 2 गज की दूरी से मोदी और योगी ने एक दूसरे को नमस्कार किया.



पीएम मोदी के हाथों होगा भूमि पूजन
करीब 12 बजे तक पीएम नरेंद्र मोदी राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचेंगे. यहां रामलला परिसर में 12:15 बजे पीएम मोदी पारिजात के पौधे का रोपण करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी 12:30 बजे भूमिपूजन कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे. ठीक 12:40 बजे पीएम नरेंद्र मोदी के करकमलों से राम मंदिर की आधारशिला की स्थापना होगी. 1.10 बजे पीएम मोदी नृत्यगोपाल दास वेदांती जी सहित राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट कमेटी के लोगों से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात के बाद करीब 2:05 बजे पीएम मोदी साकेत कॉलेज के हेलीपैड के लिये रवाना होंगे. इसके बाद करीब 2:20 बजे पीएम मोदी का हेलिकॉप्टर वापस लखनऊ के लिए उड़ान भरेगा.


राम मंदिर निर्माण को लेकर मनोज तिवारी ने जताई खुशी, भगवान राम के लिए गाया ये गाना

बीजेपी नेता और भोजपुरी इंडस्ट्री के पॉपुलर सिंगर-एक्टर रहे मनोज तिवारी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर काफी एक्साइटेड हैं. इस मौके पर उन्होंने राम मंदिर निर्माण और राम कथा को लेकर एक गाना बनाया है. इसे उन्होंने बहुत ही खूबसूरती से गाया है. इस गाने को टीम फिल्म भोजपुरी पर लॉन्च किया गया है. इस गाने को अब तक हजारों बार देखा जा चुका है. गाने के शुरुआत में मनोज तिवारी कहते हैं,"500 सालों का इंजतार और अब अयोध्या में राम मंदिर का भव्यय शिलान्यास. सौ साल मतलब एक सदी. पांच सदी. " वह गाने के जरिए कह रहे हैं कि पांच सदी के इंतजार को, मिलकर हमें सजाना है. जहां जगत में राम पधारे उसी अयोध्या जाना है. गाने का शीर्षक भी 'जहां जगत में राम पधारे' है. इस गीत को मनोज तिवारी अयोध्या भूमिपूजन स्पेशल गीत बताया है. इस गान के बोल खुद मनोज तिवारी ने लिखा है.


अयोध्या जाने पर दुखी होंगे मनोज तिवारी


बता दें कि मनोज तिवारी भूमि पूजन के दौरान आयोध्या में नहीं रहेंगे. एक न्यूज चैन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा,"वह अयोध्या जाएंगे तो दुखी हो जाएंगे कि हम उस समय धरती पर हैं और अयोध्या में नहीं है. बड़ी टीस हो सकती है, ऐसा सोचते ही मैं रोने लगूंगा" इस दौरान मनोज तिवारी भावुक भी दिखाई दिए. और इसी गीत की एक लाइन को गाकर बताते हैं.


गाने में प्रधानमंत्री की तारीफ


मनोज तिवारी गाने में मोदी के काल में राम मंदिर बनने पर खुशी जताई है. बता दें कि मनोज तिवारी हाल ही में दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटे हैं. लेकिन वह उत्तरी पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद है. भाजपा के सक्रिय नेता है. उन्होंने काफी वक्त पहले ही भोजपुरी फिल्मों से दूरी बना ली थी.


29 साल बाद अयोध्या पहुंचे मोदी, रामलला के दर्शन करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे, दोपहर 12.30 बजे राम मंदिर के लिए भूमि पूजन करेंगे, 32 सेकंड का मुहूर्त

आज राम काज का दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंच गए हैं। वे रामलला के दर्शन और हनुमान गढ़ी जाने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे। दोपहर 12:30 बजे मोदी राम मंदिर की नींव रखेंगे। मोदी, जिनकी पार्टी भाजपा ने 10 में से 8 लोकसभा चुनाव में यही वादा दोहराया था।...और सबसे खूबसूरत बात यह कि इसका सबसे पहला न्योता उन इकबाल अंसारी को भेजा गया, जो बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे थे।


492 साल पहले बाबर के कहने पर अयोध्या में विवादित ढांचा बना था। 1885 में पहली बार यह मामला अदालत में गया। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके ठीक नौ महीने बाद अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमिपूजन होने जा रहा है।


आजादी के बाद मोदी इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री होंगे, जो इस पद पर रहते हुए रामलला के दरबार में होंगे। उनसे पहले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी और खुद नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री अयोध्या पहुंचे, लेकिन रामलला के दर्शन नहीं कर पाए थे।


मोदी 29 साल बाद अयोध्या में


इससे पहले मोदी 1991 में अयोध्या गए थे। तब भाजपा अध्यक्ष रहे मुरली मनोहर जोशी तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे और यात्रा में मोदी उनके साथ रहते थे। मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त फैजाबाद-अंबेडकर नगर में एक रैली को सं‍बोधित किया था, लेकिन अयोध्या नहीं गए थे।


सीएम योगी और राज्यपाल अयोध्या पहुंचे, दोनों का कोरोना टेस्ट आया निगेटिव

अयोध्या: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंच चुके हैं. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी अयोध्या पहुंच चुकी हैं. अयोध्या पहुंचने से पहले दोनों का कोरोना टेस्ट हुआ, जिसमें दोनों निगेटिव आए. इनके अलावा यूपी के दोनों उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य की कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आई है. कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे मेहमानों का भी भूमि पूजन स्थान में पहुंचने से पहले कोरोना टेस्ट होगा. ये सभी टेस्ट रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के जरिए होगा, ताकि सिर्फ 15 मिनट में नतीजा मिल जाए. इसके बाद ही किसी भी मेहमान को अंदर जाने दिया जाएगा.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे राम जन्मभूमि पहुंचेंगे और 12 बजकर 5 मिनट पर रामलला के दर्शन करेंगे. इसके बाद राम जन्मभूमि परिसर में 12 बजकर 15 मिनट पर पारिजात के पौधे को लगाएंगे. ठीक 12 बजकर 30 मिनट पर भूमि पूजन को संपन्न करेंगे और 12 बजकर 40 मिनट पर राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. इसके बाद 1 बजकर 15 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा और ये करीब 1 घंटा चलेगा. इसके बाद वो 2 बजकर 5 मिनट पर साकेत स्थित हैलीपेड रवाना होंगे और वहां से दिल्ली के लिए निकलेंगे.


अयोध्या में कोरोना के खतरे को टालने के लिए भी विशेष इंतजाम
यहां सबसे बड़ा खतरा बने कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरती गई है. हाल ही में भूमि पूजन से जुड़े पुजारी और सुरक्षाकर्मी संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद इसको लेकर ज्यादा एहतियात रखी जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी पुलिस ने पीएम को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए उनके करीबी सुरक्षा में 150 ऐसे पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जो हाल ही में कोरोना से जंग जीतकर आए हैं.


पुलिस के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि इन पुलिसकर्मियों के शरीर में कोरोना की एंडीबॉडीज विकसित हो गई हैं और अब कुछ समय तक न तो उनमें संक्रमण का खतरा है और न ही उनसे संक्रमण फैलने का खतरा है. इसलिए ऐसे पुलिसकर्मियों को पीएम के सबसे करीब रखा गया है.


32 महीने के अंदर पूरा होगा राम मंदिर का निर्माण

उत्तर प्रदेश: अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर को लेकर भूमि पूजन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. आखिरी कुछ घंटों का वक्त और बचा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत डेढ़ सौ से ज्यादा लोग इस दौरान राम जन्मभूमि पर मौजूद होंगे. लेकिन अब सब के ज़हन में सवाल यही है कि इस भूमि पूजन के बाद आखिर यह भव्य राम मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा. आप के जहन में उठ रहे इसी सवाल का जवाब तलाशा है एबीपी न्यूज़ ने अपनी इस खास रिपोर्ट में.


अयोध्या में हर तरफ इस वक्त रौनक है. हर तरफ लोग बेसब्री से भूमि पूजन का इंतजार कर रहे हैं. भूमि पूजन को लेकर पूरा अयोध्या जगमगा रहा है, लेकिन इस सब के बीच अब राम के भक्त और देश भर से अयोध्या पहुंचने की इच्छा रखने वाले श्रद्धालु यह भी जानना चाह रहे हैं कि इस भूमि पूजन के बाद कितना वक्त और लगेगा राम मंदिर के निर्माण में. इस सवाल का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज़ ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद महाराज से बात की. इस बातचीत के दौरान स्वामी परमानंद महाराज ने बताया कि अभी राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम तय किया गया है, लेकिन इसके बाद पूरा जोर होगा जल्द से जल्द मंदिर निर्माण पूरा करने का.


लेकिन सवाल यह था कि आखिर श्रद्धालुओं को राम मंदिर के भीतर पहुंचकर रामलला के दर्शन करने का मौका कब मिलेगा. इस सवाल के जवाब में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद ने बताया कि फिलहाल जैसे ही भूमि पूजन का कार्यक्रम पूरा होगा. उसके बाद से ही जल्द से जल्द मंदिर निर्माण को लेकर काम शुरू हो जाएगा. इसी के मद्देनजर ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण करने वाली कंपनी को मंदिर निर्माण पूरा करने के लिए अगले 32 महीने का वक्त दिया है. यानी अब से 2 साल 8 महीने बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो सकता है.


इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी परमानंद जी महाराज ने एक अहम जानकारी और साझा की. परमानंद जी महाराज के मुताबिक देशभर में जिन जिन जगहों पर शिला पूजन हुआ है, उन सभी शिलाओं का इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा. इतना ही नहीं अयोध्या के कारसेवक पुरम में बनाई गई कार्यशाला में जो पत्थर तराश के रखे गए हैं, उनका भी इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में होगा.


इन शिलाओं और पत्थरों के अलावा भी अयोध्या के कारसेवक पुरम में हजारों हजार की संख्या में ईंट भी रखी हुई हैं, जिनको देश के अलग-अलग हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने अपनी श्रद्धा के तौर पर यहां पर रखा है. इसके अलावा कारसेवक पुरम में जो ईंट रखी हुई हैं उन ईंटों का इस्तेमाल भी राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा.


इसके अलावा जो भी श्रद्धालु श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए चंदा देंगे, उनको चंदे की जो रसीद मिलेगी, वह भी अपने आप में खास होगी. क्योंकि वह रसीद आम रसीदों से हटकर होगी. वह रसीद ऐसी होगी, जिसको लोग हमेशा के लिए यादगार बना कर अपने पास रख सकेंगे.


तो कुल मिलाकर भूमि पूजन कल यानी 5 अगस्त 2020 को जरूर हो जाएगा, लेकिन फिलहाल जिस तरह से तैयारी की जा रही है, उससे तो यही लग रहा है कि साल 2023 में होने वाली रामनवमी तक मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा और श्रद्धालु श्री रामलला विराजमान के दर्शन कर सकेंगे.


 


रामलला की नगरी तैयार, नरेंद्र मोदी का इंतजार, अयोध्या के लिए दिल्ली से रवाना हुए पीएम

अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन समारोह के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। भूमिपूजन समारोह में मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राम मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख नृत्य गोपाल दास, उ.प्र. की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे।


अयोध्या के लिए प्रधानमंत्री दिल्ली से रवाना हुए। सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर लखनऊ पहुचेंगे पीएम मोदी। वहीं 10 बजकर 40 मिनट पर अयोध्या के लिए रवाना होंगे। पीएम मोदी कुर्ता और धोती पहने नजर आए। 


अयोध्या पहुंचे योग गुरु बाबा रामदेव, बोले- रामराज्य का संकल्प जरूर पूरा होगा

अयोध्या. राम मंदिर भूमि पूजन के लिए अब बस कुछ ही घंटों का वक्त रह गया है. अयोध्या में इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए देश की कई जानी-मानी हस्तियां यहां पहुंची हैं. योगगुरु बाबा रामदेव भी राम नगरी अयोध्या पहुंचे हैं. बाबा रामदेव ने बुधवार सुबह हनुमान गढ़ी में बजरंग बली के दर्शन किए. रामदेव ने दर्शन से पहले एबीपी न्यूज के साथ बातचीत भी की. रामदेव ने बताया कि वो बजरंग बली से आशीर्वाद मांगने आए हैं. उन्होंने कहा, "मैं बजरंग बली से ये ही मांगने आया हू्ं कि राम मंदिर का काम बिना रुकावट के पूरा हो जाए. बजरंग बली की हम पर कृपा बनी रहें."


 


"भगवान राम हमारी संस्कृति, जीवन की मर्यादा"
रामदेव ने पूरा भरोसा जताया है कि राम मंदिर दुनिया का सबसे दिव्य और श्रेष्ठ मंदिर होगा. उन्होंने कहा "मुझे विश्वास है कि श्रेष्ठ मंदिर बनने के साथ ही राम और सीता जैसा चरित्र इस राष्ट्र का होगा. क्योंकि भगवान राम सिर्फ एक इंसान ही नहीं थे. बल्कि वे हमारी संस्कृति हैं. भगवान राम हमारे आध्यात्म है. हमारी परंपरा और हमारे जीवन की मर्यादा है. भगवान राम ही हमारी अस्मिता है." रामदेव ने बातचीत के अंत में ये भी कहा कि राम राज्य का संकल्प जरूर पूरा होगा.


भूमि पूजन से पहले 3.51 लाख दीयों से जगमग हुई अयोध्या
मंगलवार को रोशनी में नहाया अयोध्या बुधवार रात तक जगमग रहेगा. अयोध्या धाम में 3,51,000 दिए जलाए गए हैं. जिला प्रशासन ने बताया कि राम की पैड़ी समेत अयोध्या धाम के 50 स्थानों पर दिए जलाए गए. अयोध्या धाम के सभी मंदिरों में दिये जलाए गए हैं. प्रशासन के अनुसार 1 लाख 25 हजार दीपक सरयू घाट (राम की पैड़ी) पर इसके अलावा 25 हजार भरतकूप, छोटी चौक में 11 हजार, बड़ी चौक में 12 हजार हनुमान गढ़ी में 11000, जन्मभूमि में 101, इसके अन्य कई जगह भी दीपक जलाए गए.


Tuesday, August 4, 2020

बॉलीवुड फ़िल्म सीक्रेट पॉकेटमार से डेब्यू करेंगे आयुष और अवंतिका

-फ़िल्म पीआरओ कुमार युडी की रिपोर्ट।
मुम्बई।बॉलीवुड की दुनिया एक ऐसी दुनिया जो ग्लैमर से भरी हुई हैं और हमेशा से ही बॉलीवुड में नए-नए चेहरे नज़र आते ही रहें हैं।इसी श्रेणी में लखनऊ के आयुष उपाध्याय और गुजरात की अवंतिका दावे भी डेब्यू करने जा रहीं हैं।बॉलीवुड फ़िल्म सीक्रेट पॉकेटमार से ही दोनों अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत करने जा रहें हैं।यह फ़िल्म काफी समय से चर्चा का विषय बना हुआ हैं।जिसकी कहानी में दर्शकों को रोमांस,थ्रिलर और एक्शन भरपूर देखने को मिलेगा।फिल्म के लीड रोल में आयुष कुमार उपाध्याय,जबकि उनके साथ लीड एक्ट्रेस में अवंतिका दावे को फाइनल किया गया है।अवंतिका पहले से मॉडलिंग करती हैं।लेकिन,यह उनकी पहली फ़िल्म होगी।इस बात की जानकारी आयुष कुमार उपाध्याय ने अपने इंस्टाग्राम के एक पोस्ट में दिया हैं।
 उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में अवंतिका की एक तस्वीर शेयर किया हैं और लिखा हैं कि फिल्म डायरेक्टर अखिलेश कुमार उपाध्याय अवंतिका दावे को फिल्म सीक्रेट पॉकेटमार से बॉलीवुड में लॉन्च करने का फैसला कर चुके हैं।फिल्म की शूटिंग अतिशीघ्र पूरी हो जाएगी। बॉलीवुड में ये नई जोड़ी बहुत जल्द दर्शकों को सिनेमा घरों में देखने को मिलेगी।आयुष ने ये भी लिखा हैं कि करीब 500 से ज्यादा लडकियो के ऑडिशन लेने के बाद अवंतिका को इस फिल्म की अभिनेत्री के रोल में सेलेक्ट किया गया ।


एनएसएनआईएस पटियाला और सीएसएस-एसआरआईएचईआर ने खेल संबंधी परिवेश को बुनियादी स्तर पर मजबूती प्रदान करने के लिए खेल फिजियोथेरेपी और खेल न्यूट्रीशन में पाठ्यक्रम शुरू किए

इस बात को सुनिश्चित करने के एक प्रयास के रूप में कि खेल विज्ञान को एथलीटों को प्रशिक्षित करने के लिए बुनियादी स्तर पर भी लागू किया जाए, एनएसएनआईएस पटियाला ने सीएसएस-एसआरआईएचईआर, चेन्नई (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) के साथ, खेल विज्ञान विषयों में संयुक्त रूप से छह महीने के प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों का संचालन करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य, खेल विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाले योग्य युवा पेशेवरों को विशेषज्ञता के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करना है। पहले चरण में, खेल फिजियोथेरेपी और खेल न्यूट्रीशन पाठ्यक्रमों की शुरुआत ऑनलाइन माध्यम से की जा रही हैं, उन पाठ्यक्रमों के लिए 3 अगस्त 2020 से नामांकन प्रारंभ किए गए हैं। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य उन पेशेवरों को प्रशिक्षण प्रदान करना है जो कि सामुदायिक कोचों और विकासात्मक कोचों के साथ मिलकर जमीनी स्तर के प्रशिक्षण में खेल विज्ञान का उपयोग कर सकते हैं।


खेल फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम की लिखित प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की पात्रता फिजियोथेरेपी (ऑर्थो/खेल) में परास्नातक की डिग्री है। जिन लोगों के पास किसी खेल संस्थान, खेल टीम या क्लब में तीन वर्ष काम करने का अनुभव प्राप्त होने के साथ-साथ फिजियोथेरेपी में स्नातक की डिग्री है, वे भी इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। खेल न्यूट्रीशन पाठ्यक्रम के लिए, जो व्यक्ति प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के योग्य हैं, उनके पास किसी भी विषय में परास्नातक की डिग्री होनी चाहिए, जिसमें खाद्य और पोषण, एप्लाइड न्यूट्रीशन, सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण, नैदानिक पोषण और आहार विज्ञान, खाद्य विज्ञान और गुणवत्ता नियंत्रण या खेल न्यूट्रीशन भी शामिल हैं। उपरोक्त में से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री रखने वाले, और साथ ही किसी भी मान्यता प्राप्त खेल संस्थान, क्लब या राज्य या राष्ट्रीय स्तर की टीम में तीन वर्ष काम करने का अनुभव रखने वाले भी प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।


छह महीने के पाठ्यक्रम को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा, जिसमें खेल फिजियोथेरेपी और खेल न्यूट्रीशन के सभी महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे। पाठ्यक्रम के भाग के रूप में, दो सप्ताह की शारीरिक कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी, और जिसका आयोजन कोविड महामारी के बाद किया जाएगा। अंतिम रूप से प्रमाणपत्र देने के लिए, उपस्थित लोगों का मूल्यांकन ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी और लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा।


भारतीय खेल प्राधिकरण के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (अकादमिक), कर्नल आरएस बिश्नोई ने जमीनी स्तर के कोचों की खेल शिक्षा में, खेल विज्ञान को शामिल करने के महत्व के संदर्भ में कहा कि, "खेल विज्ञान में नए पाठ्यक्रमों को शामिल करने का उद्देश्य, ज्यादा वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण प्रदान करके बुनियादी स्तर पर खेल संबंधी परिवेश को मजबूती प्रदान करना है। इन पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद, ये पेशेवर जमीनी स्तर पर सामुदायिक कोचों और विकासात्मक कोचों के साथ काम करने के लिए तैयार हो जाएंगे और जूनियर एथलीटों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। दूसरे चरण में भारतीय खेल प्राधिकरण, एक्सरसाइज फिजियोलॉजी, खेल बायोमैकेनिक्स, स्ट्रेंथ एंड कंडिशन, खेल साइकोलॉजी में भी पाठ्यक्रमों की शुरुआत करेगा।"


पाठ्यक्रम की अध्ययन सूची के संदर्भ में सीएसएस-एसआरआईएचईआर के निदेशक, प्रोफेसर अरुणमुगम ने कहा कि, “इन पाठ्यक्रमों को खेल फिजियोथेरेपी और खेल न्यूट्रीशन के क्षेत्र में नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय चलनों को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। पाठ्यक्रम में खेल विज्ञान को शामिल करना, यहां तक ​​कि जमीनी स्तर पर भी, इस क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों को एक एथलीट की जरूरतों को ठीक प्रकार से समझने में सहायता प्रदान करेगा। इन पाठ्यक्रमों को सर्वश्रेष्ठ भारतीय संकाय और विदेशी विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाएगा।”


इन पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन फॉर्म, तीन अगस्त से 10 अगस्त तक ऑनलाइन उपलब्ध होंगे, जिसके बाद पात्र उम्मीदवारों के लिए 16 अगस्त, 2020 को लिखित ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों की शुरुआत 24 अगस्त, 2020 से होगी।



भारत की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि, 2 करोड़ से भी अधिक ‘कोविड टेस्‍ट’ का नया रिकॉर्ड बना

भारत ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर अब तक 2,02,02,858 कोविड-19 सैंपल का परीक्षण (टेस्‍टिंग) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र के मार्गदर्शन में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा इस अत्‍यंत कारगर रणनीति को अपनाने से ही संभव हो पाया है - ‘आक्रामक तरीके से परीक्षण करें, मरीज के संपर्क में आए लोगों का कुशलतापूर्वक पता लगाएं और तुरंत आइसोलेट एवं उपचार करें’। इस दृष्टिकोण पर प्रभावकारी ढंग से अमल करने से देश भर में टेस्‍टिंग क्षमता काफी बढ़ गई है और इसकी बदौलत लोगों के व्यापक कोविड परीक्षण में भी काफी आसानी हो रही है।


पिछले 24 घंटों में 3,81,027 सैंपल का परीक्षण होने के साथ ही टेस्ट प्रति मिलियन (टीपीएम) की संख्या बढ़कर 14640 के आंकड़े को छू गई है। मौजूदा समय में, भारत में प्रति मिलियन कोविड टेस्‍टिंग की संख्‍या 14640 है। देश भर में टीपीएम में निरंतर वृद्धि का रुख देखा जा रहा है जो तेजी से विस्‍तृत होते टेस्‍टिंग नेटवर्क को दर्शाता है। एक और विशेष बात यह है कि 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रति मिलियन आबादी पर कोविड टेस्‍ट की संख्‍या राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक आंकी गई है।


देश में टेस्टिंग लैब नेटवर्क निरंतर विस्‍तृत एवं मजबूत हो रहा है। देश भर में 1348 लैब हैं जिनमें से 914 लैब सरकारी क्षेत्र में और 434 लैब निजी क्षेत्र में हैं। इनमें निम्‍नलिखित शामिल है:


• वास्तविक समय में आरटी पीसीआर आधारित टेस्टिंग लैब: 686 (सरकारी 418 + निजी: 268)


• ट्रूनैट आधारित टेस्टिंग लैब : 556 (सरकारी: 465 + निजी: 91)


• सीबीनैट आधारित टेस्टिंग लैब: 106 (सरकारी: 31 + निजी: 75)


कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों पर समस्‍त प्रामाणिक एवं अद्यतन जानकारियों, दिशा-निर्देशों और एडवाइजरी के लिए कृपया नियमित रूप से यहां जाएं: https://www.mohfw.gov.in/ and @MoHFW_INDIA


कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्‍न technicalquery.covid19@gov.in पर और अन्‍य प्रश्‍न  ncov2019@gov.in तथा @CovidIndiaSeva पर भेजे जा सकते हैं।


कोविड-19 से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्‍तर जानने के लिए कृपया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर: +91-11-23978046 अथवा 1075 (टोल-फ्री) पर कॉल करें। कोविड-19 पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर भी उपलब्ध है।



नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) के वैज्ञानिकों ने मोतियाबिंद की सरल, सस्ती और बिना ऑपरेशन के इलाज की तकनीक विकसित की है

मोतियाबिंद अंधेपन का एक प्रमुख रूप है जो तब होता है जब हमारी आंखों में लेंस बनाने वाले क्रिस्टलीय प्रोटीन की संरचना बिगड़ जाती है, जिससे क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित प्रोटीन एकत्र होकर एक और नीली या भूरी परत बनाते हैं, जो अंततः लेंस की पारदर्शिता को प्रभावित करता है। इस प्रकार, इन समुच्चयों के गठन के साथ-साथ रोग की प्रगति के प्रारंभिक चरण में रोकना मोतियाबिंद की एक प्रमुख उपचार रणनीति है, और इस कार्य के लिए सामग्री मोतियाबिंद की रोकथाम को सस्ती और सुलभ बना सकती है।


भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले एक स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने गैर-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (गैर-दाहक या उत्तजेक दवा)-एनएसएआईडी एस्पिरिन से नैनोरोड विकसित किया है, जो एक लोकप्रिय दवा है जिसका उपयोग दर्द, बुखार, या सूजन को कम करने के लिए किया जाता है और यह मोतियाबिंद के खिलाफ एक प्रभावी गैर-आक्रामक छोटे अणु-आधारित नैनोथेरेप्यूटिक्स के रूप में भी पाया गया।


जर्नल ऑफ मैटेरियल्स केमिस्ट्री बी में प्रकाशित उनका शोध एक सस्ते और कम जटिल तरीके से मोतियाबिंद को रोकने में मदद कर सकता है। उन्होंने स्व-निर्माण की एंटी-एग्रीगेशन क्षमता का उपयोग मोतियाबिंद के खिलाफ एक प्रभावी गैर-प्रमुख छोटे अणु-आधारित नैनोटेराप्यूटिक्स के रूप में किया है। एस्पिरिन नैनोरोड क्रिस्टलीय प्रोटीन और इसके विखंडन से प्राप्त विभिन्न पेप्टाइड्स के एकत्रीकरण को रोकता है, जो मोतियाबिंद बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे जैव-आणविक संबंधों के माध्यम से प्रोटीन/पेप्टाइड के एकत्रीकरण को रोकते हैं, जो बीटा-टर्न जैसे क्रिस्टलीय पेप्टाइड्स की संरचना में बदल देते हैं, जो कॉइल्स (लच्छे) और कुंडल में अमाइलॉइड बनने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये क्रिस्टलीन, और क्रिस्टलीन व्युत्पन्न पेप्टाइड समुच्चय के एकत्रीकरण को रोककर मोतियाबिंद बनने में रोकने के लिए पाए गए थे। उम्र बढ़ने के साथ और विभिन्न परिस्थितियों में, लेंस प्रोटीन क्रिस्टलीन समुच्चय नेत्र लेंस में अपारदर्शी संरचनाओं का निर्माण करता है, जो दृष्टि को बाधित करता है और बाद में मोतियाबिंद का कारण भी बनता है।


संचित अल्फा-क्रिस्टलीन प्रोटीन और क्रिस्टलीन व्युत्पन्न पेप्टाइड समुच्चय वृद्ध और मोतियाबिंद मानव लेंस में लक्षित असहमति को मोतियाबिंद बनने की रोकथाम के लिए एक व्यवहार्य चिकित्सीय रणनीति माना जाता है। एस्पिरिन नैनोरोड्स आणविक स्व-जमा होने की प्रक्रिया का उपयोग करके उत्पादित किए जाते हैं, जो आम तौर पर नैनोकणों के संश्लेषण के लिए उपयोग किए जाने वाले उच्च लागत और श्रमसाध्य भौतिक तरीकों की तुलना में एस्पिरिन नैनोरोड उत्पन्न करने के लिए कम लागत और उच्च-स्तरीय तकनीक से होता है।


आणविक गतिकी (एमडी) अनुकरण पर आधारित कम्प्यूटेशनल अध्ययन एस्पिरिन के एंटी-एग्रीगेशन व्यवहार और आणविक पेप्टाइड्स और एस्पिरिन के बीच प्रोटीन (पेप्टाइड) की प्रकृति के आणविक तंत्र की जांच करने के लिए किए गए थे। यह देखा गया कि पेप्टाइड-एस्पिरिन (अवरोधक) अंतःक्रियाओं ने पेप्टाइड्स को द्वितीयक संरचनाओं को बीटा-टर्न से बदल दिया, जो एमाइलॉयड्स बनने के लिए जिम्मेदार हैं, विभिन्न कॉइल्स (लच्छे) और कुंडल (हेलिक्स) में, इसके एकत्रीकरण को भी रोकते हैं। इस अनुकरण ने एस्पिरिन के मॉडल मोतियाबिंद पेप्टाइड्स द्वारा अमाइलॉइड जैसे फाइब्रिल गठन के लिए एक संभावित अवरोधक के रूप में कार्य करने की क्षमता को उजागर किया है।


कई प्राकृतिक यौगिकों को पहले ही क्रिस्टलीन एकत्रीकरण के लिए संभावित एकत्रीकरण अवरोधक के रूप में चिह्नित किया गया है, लेकिन इस दिशा में गैर-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (गैर-दाहक या उत्तजेक दवा)-एनएसएआईडी जैसे एस्पिरिन उपयोगिता एक नया प्रतिमान भी स्थापित करेगी। इसके अलावा, अपने नैनो-आकार के कारण एस्पिरिन नैनोरोड्स जैव उपलब्धता, दवा की गुणवत्ता, कम विषाक्तता आदि में सुधार करेंगे। इसलिए, आई-ड्रॉप के रूप में एस्पिरिन नैनोरोड्स मोतियाबिंद के इलाज के लिए एक प्रभावी और व्यवहार्य विकल्प के रूप में कार्य करने वाला है।


प्रयोग करने में आसान और कम लागत वाले इस वैकल्पिक उपचार पद्धति से विकासशील देशों में उन रोगियों को लाभ होगा जो मोतियाबिंद के महंगे उपचार और शल्यचिकित्सा का खर्च वहन नहीं कर सकते।



Monday, August 3, 2020

अयोध्या शिलान्यास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की भागीदारी असंवैधानिक - जेड0के0 फैज़ान

संविधान की संरचना लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था पर आधारित है।


खेतासराय(जौनपुर):- पीपुल्स अवेयरनेस फोरम के जनरल सिकरेट्री व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जेड0के0 ने पत्रकारों से वार्तालाप के दौरान देश के संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों पर टिप्पणी करतते हुए कहा कि अयोध्या शिलान्यास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी असंवैधानिक है संविधान की संरचना धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है। और धर्मनिरपेक्षता शब्द स्पष्ट रूप से इसके शुरुआती शब्दों में लिखा गया है। जिसे प्रधानमंत्री द्वारा शपथ ली गई है। 


उन्होंने कहा कि यह सच है कि अतीत में मोदी जी आरएसएस के सदस्य रहे   उन्होंने मस्जिद को शहीद करने और उसके स्थान पर मंदिर बनाने के संघर्ष में भाग लिया। लेकिन अब वह इस देश के प्रधानमंत्री हैं और प्रधानमंत्री किसी एक वर्ग या धर्म के नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने अयोध्या जाकर मन्दिर बनवना और एक मन्दिर की आधारशिला रखना, सरकार की पूरी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था के खिलाफ है। 


उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि लेकिन यहां सांप्रदायिकता आंखें मूंदे हुए है इसलिए मोदी जी को नफरत फैलाने के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।श्री फैज़ान ने याद किया कि स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जी जब वह मुंबई में एक सरकारी भवन के उद्घाटन के अवसर पर केंद्र सरकार में संचार मंत्री थे, उन्होंने धार्मिक संस्कारों के अनुसार मौके पर नारियल जलाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, या तो इस इमारत का उद्घाटन सभी धर्मों के धार्मिक संस्कारों से होगा या किसी के अनुसार नहीं होगा।
                
5 अगस्त को शिलान्यास कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक धार्मिक मुद्दा है। लेकिन अब यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि मंदिर बनाने का तरीका स्पष्ट है। इस शिलान्यास का आग्रह क्या था। कोरोना महामारी समाप्त होने के बाद भी काम किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि एक तरफ लॉकडाउन इतना गंभीर था कि मुसलमानों को ईद के मौके पर एक बार में पांच से अधिक लोगों को नमाज अदा करने की अनुमति नहीं थी। दूसरी ओर अयोध्या में एक भीड़ इकट्ठा हो रही है। जिसमें देश के प्रधानमंत्री भी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण आज देश में करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं। 


सरकार लोगों की नाराजगी से बचने के लिए इस तरह की चालाक रणनीति का सहारा ले रही है। देश की आर्थिक व्यवस्था अराजक हो गई है। उन्होंने कहा कि पहले तब्लीगी जमात, फिर सरकार पाकिस्तान और चीन और अब अयोध्या में शालीनता जैसे मुद्दों का प्रचार करके लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दे से हटाने की कोशिश कर रही है। यह सबसे बड़ी शर्म की बात है। मुद्दा यह है कि पिछले एक पखवाड़े से मीडिया उसी चीज और प्रसारण में व्यस्त है। जैसे कि मुसलमान अभी भी इसे बाधित करने में सक्रिय हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ऐसे कार्यक्रमों का एक नियमित हिस्सा है। प्रसारण जो मुसलमानों के जख्मों को सलाम कर रहा है और यह आपसी भाईचारे और देश के हित में नहीं है