Monday, April 26, 2021

नियमों का पालन नियमित रूप से तो जीवन भर स्वस्थ्य

1. हमेशा पानी को घूट-घूट करके चबाते हुए पिये और खाने को इतना चबाये की पानी बन जाये। किसी ऋषि ने कहा है कि “खाने को पियो और पीने को खाओ”।

2. खाने के 40 मिनट पहले और 60-90 मिनट के बाद पानी पिये और फ्रीज का ठंडा पानी, बर्फ डाला हुआ पानी जीवन मे कभी भी नही पिये। गुनगुना या मिट्टी के घडे का पानी ही पिये।

3. सुबह जगने के बाद बिना कुल्ला करे 2 से 3 गिलास पानी सुखआसन मे बैठकर पानी घूटं-घूटं करके पियें, यानी उषा पान करे ।

4. खाने के साथ भी कभी पानी न पियें। जरुरत पड़े तो सुबह ताजा फल का रस, दोपहर मे छाछ और रात्रि मे गर्म दूध का उपयोग कर सकते हैं।

5. भोजन हमेशा सुखासन मे बैठकर करे और ध्यान खाने पर ही रहे, मतलब टेलीविजन देखते, गाने सुनते हुए, पढ़ते हुए, बातचीत करते हुए कभी भी भोजन न करे।

6. हमेशा बैठ कर खाना खाये और पानी पिये। अगर संभव हो तो सुखासन, सिद्धासन मे बैठ कर ही खाना खाये।

7. फ्रीज़ मे रखा हुआ भोजन न करें या उसे साधारण तापमान में आने पर ही खाये दुबारा कभी भी गर्म ना करे।

8. गूँथ कर रखे हुये आटे की रोटी कभी न खाये, जैसे- कुछ लोग सुबह में ही आटा गूँथ कर रख देते है और शाम को उसी से बनी हुई चपाती खा लेते है जो स्वास्थ के लिए हानिकारक है। ताजा बनाए ताजा खाये।

9. खाना खाने के तुरंत बाद पेशाब जरूर करे ऐसा करने से डायबिटज होने की समभावना कम होती हैं।

10. मौसम पर आने वाले फल, और सब्जियाँ ही उत्तम है इसलिए बिना मौसम वाली सब्जियाँ या फल न खाये।

11. सुबह मे पेट भर भोजन करें। जबकि रात मे बहुत हल्का भोजन करें।

12. रात को खीरा, दही और कोई भी वात उत्पन्न करने वाली चीज न खाये।

13. दही के साथ उड़द की दाल न खाये। जैसे- दही और उड़द की दाल का बना हुआ भल्ला।

14. दूध के साथ नमक या नमक की बनी कोई भी चीज न खाये। क्योंकि ये दोनों एक दूसरे के प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

15. दूध से बनी कोई भी दो चीजे एक साथ न खाये।

16. कोई भी खट्टी चीज दूध के साथ न खाये सिर्फ एक खा सकते है आँवला। खट्टे आम का शेक न पिये केवल मीठे पके हुए आम का ही शेक पीये ।

17. कभी भी घी और शहद का उपयोग एक साथ न करे! क्योंकि दोनों मिलकर विष बनाते है।

18. खाना भूख से कम ही खाये। जीने के लिए खाना खाये न कि खाने के लिए जीये।

19. रिफाइण्ड तेल जहर हैं आप हमेशा कच्ची घाणी का सरसो, तिल या मूगंफली का तेल ही उपयोग करे और जीवन मे हाटॅ टेक व जोडो के दर्द से बचे।

20. तला, और मसालेयुक्त खाना खाने से बचे। अगर ज्यादा ही मन हो तो सुबह मे खाये रात मे कभी भी नहीं।

21. खाने मे गुड या मिस्री का प्रयोग करें, चीनी के प्रयोग स बचें।

22. नमक का अधिक सेवन न करें। आयोडिन युक्त समुद्री नमक का उपयोग बिल्कुल भी नही करे! सेधां, काला या डली वाला नमक इस्तेमाल करें।

23. मेदा, नमक और चीनी ये तीनों सफ़ेद जहर है इनके प्रयोग से बचें।

24. हमेशा साधारण पानी से नहाएँ और पहले सर पर पानी डाले फिर पेरो पर और अगर गरम से नहाओ तो हमेशा पहले पैरो पर फिर सर पर पानी डालना चाहिये।

25. हमेशा पीठ को सीधी रख कर बेठे।

26. सर्दियों मे होंठ के फटने से बचने के लिए नहाने से पहले नाभि मे सरसों के तेल लगाये । जबरदस्त लाभ मिलता है।

27. शाम के खाने के बाद 2 घंटे तक न सोये। 5 से 10 मिनट वज्रासन मे बैठे 1000 कदम वाक जरूर करें।

28. खाना हमेशा ऐसी जगह पकाया जाये जहां वायु और सूर्य दोनों का स्पर्श खाने को मिल सके।

29. कूकर मे खाना न पकाए बल्कि किसी खुले बर्तन मे बनाए, क्योकि कूकर मे खाना उबलता है और खुले बर्तन के अन्दर खाना पकता हैं इससे खाने प्रोटीन मात्रा 93 प्रतिशत होती है और कूकर मे मात्र 13 प्रतिशत रहती है।

30. एल्मुनियम के बर्तनो का प्रयोग खाना बनाने और खाने दोनों के लिए कभी भी न करें। पीतल, कासां, मिट्टी के बर्तन का ही उपयोग करें।

31. खाने को कम से कम 32 बार चबाये। खाने में सलाद व रोज ताजे फलों का सेवन करते रहें।

32. रोज टूथब्रश का प्रयोग न करें इससे मसूड़े कमजोर होते है। दंतमंजन का प्रयोग कर सकते है।

33. अपनी दोनों नासिकाओ मे देशी गाय के घी को हल्का गुनगुना करके 2-2 बुंद रात मे डालने से दिमाग तंदरुस्त रहता है। नजला जुकाम, सिर दर्द, माइगृेन, नींद नहीं आना, तनाव आदि समस्या का समाधान होता हैं।

34. हमेशा मीठा, नमकीन से पहले खाना चाहिए।

35. बार-बार नहीं खाना चाहिये एक बार बैठ कर भरपेट या उससे थोड़ा कम खाना चाहिये।

36. हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिये। नकारात्मक सोचने से भी बीमारियाँ आती है।

37. सुख हो या दुःख, हमेशा अपने ईश्वर की नियमित आराधना करते रहें।

38. रोज सूर्योदय से पहले उठें और आधे घण्टे तक शुद्ध हवा का आनंद लेते हुये सुबह की सैर जरूर करें।

डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय


मोटापे और पेट की चर्बी गलने के लिए

अलसी 

ये पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका यूज करने के लिए बीज को4 मिनट तक गर्म करना होगा ।

जीरा 

सूखा हुआ जीरा लें, अगर आपको लगता है कि उसमें नमी है तो उसे धूप में सुखा लें। जीरा मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। जिससे चर्बी घटती है।

अजवाइन

अजवाइन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती है। ये भी चर्बी घटाने में मदद करती है।

3 औषधियों का कारगर चूर्ण बनाने का तरीका

इस चूर्ण को बनाने के लिए आपको 

3 चम्मच असली के बीज, 

2 चम्मच जीरे, 

2 चम्मच अजवाइन को लेना है। 

अलसी का बीज सिके हुए होंगे। 

इन तीनों को अच्छे से मिलाकर पीस लें। अब चूर्ण तैयार हो जाएगा। ये चूरन पेट की चर्बी को तेजी से पिघलाएगा।

चूर्ण सेवन करने का तरीका

इस चुर्ण को लेते वक्त ये ध्यान रखना है कि आपको खाना खाने के बाद और पहले गुनगुन पानी ही लेना है। इसके साथ ही पूरे दिन पर्याप्त पानी पीना होगा। एक चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ डेली नाश्ता करने से पहले लेना है। डेली यूज से पेट की चर्बी 10 दिनों में ही कई किलो तक कम हो जाएगी। अगर और जल्दी रिजल्ट चाहते हैं तो इसे दिन में दो बार ले सकते हैं। एक चम्मच सुबह नाश्ते के पहले और एक चम्मच रात को खाने से पहले ले सकते हैं। चूरन लेते वक्त ये रखें ध्यान की इस चूर्ण को लेते वक्त ये ठंडी चीजों का सेवन करना होगा क्योंकि अलसी खाने में गर्म होती है।

पेट कम करने के उपाय

1. सवेरे उठ के खाली पेट करेले का जूस पीने से आप चर्बी को आसानी से पिघला सकते है|

2. दिन भर गर्म पानी का सेवन करे. गर्म पानी में नींबू और अदरक का रस हो तो और भी बेहतर है. काली मिर्च डाले तो गुण और बढ़ जाएँगे| गर्म चाय, बिना दूध और शक्कर के आप सेवन करे तो भी यह फ़ायदा मिलेगा. गर्म पानी से पाचन तंत्र सुधर जाता है और गतिविधि बढ़ती है| जिस से आप का शरीर चर्बी को अच्छी तरह से उपयोग करके जला देता है|

3. इन सभी पेट की चर्बी कम करने के तरीके आसान तो है मगर समय लगता है और आप को परहेज करना जरूरी है| नमक कम करे, तले हुए और बाजारू चीज़ो का सेवन ना करे, सफ़ेद शक्कर को बिल्कुल बंद करे, धूम्रपान बंद कर दे

 व्यायाम

1. हर रोज 2 घंटे तक तेज चलने का रखे तो पेट कम कैसे करे की समस्या का हल अपने आप निकल आएगा|

2. मोटापा कम करने के तरीके में एक तरीका यह है की आप इतना व्यायाम करे की आप का शरीर चर्बी को पिघालने लगे. इस के लिए एरोबिक्स करे 30 मिनिट्स तक वेट लिफ्टिंग करे और हो सके तो दौड़ लगाए. पेट कम करने के लिए व्यायाम बहुत ही ज़रूरी है. दवाई या जड़ी बूटी से ही लाभ नहीं आता है|

3. आहार के साथ व्यायाम हो तो अवश्य आप के मोटापे में फ़र्क दिखाई देगा|

4. पेट कम करने के लिए योगासन बहुत ही फयदेमंद है. सवेरे उठ के 20 मिनिट तक आप कोई एक या दो योगासन, जो आप के लिए अनुकूल है और आसान है वो ही करे|

5. योगा में वक्रासना, भुजंगासन, त्रिकोनसन, पाशचिमोत्तासन, गरुर्ढआसन, उत्कतसना, अर्धचंदारसना और शलभासना जैसे आसन वजन नियंत्रण करने में और मोटापा कम करने में मदद करते है, कई आसन कठिन हैं ज़्यादा उम्र हो जाने पर जो आसन कर सकते है वही करें, मगर नियमित करे|

डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय


गुड़ खाकर गर्म पियें पानी, जड़ से खत्म हो जाएंगी ये 6 गंभीर बीमारी

गुड़ काफी मीठा होता है और खाने में काफी स्वादिष्ट भी होता है। लेकिन फिर भी कई लोग नहीं जानते कि गुड़ का सेवन करने से व्यक्ति को कौन से फायदे होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि रोज़ाना एक टुकड़ा गुड़ खाकर एक गिलास गर्म पानी पीने से कौन से रोग खत्म हो जाते हैं।

1. पेट हो जाएगा कम: अगर आप अपने बढ़े हुए पेट को अंदर करना चाहते हैं, तो रात को 2 टुकड़े गुड़ खाकर गर्म पानी पी लीजिये। गुड़ में पोटेशियम, मैग्नीशियम, बिटामिन B1, B6 और विटामिन C होते हैं, जो एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न करने में मदद करते हैं।

2. पेट से जुड़ी परेशानियाँ: सोने से पहले 2 टुकड़े गुड़ खाकर गर्म पानी पीने से पेट संबंधी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। अगर आपको भी सुबह पेट साफ ना होने की शिकायत रहती है, तो यह उपाय जरूर आज़माया करें।

3. अनिद्रा की समस्या होगी दूर: अगर आपको रात में ठीक से नींद नहीं आती या बैचेनी महसूस होती है, तो गर्म पानी के साथ 1 – 2 टुकड़े गुड़ जरूर खाएं। गुड़ में मौजूद एंटी-डिप्रेसेंट गुण तनाव को कम करके गहरी नींद दिलाने में मदद करेंगे।

4. मुँह की बीमारियों को करे खत्म: रात को इलायची खाकर गर्म पानी पीने से मुँह में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, जिससे आप कैविटी जैसी परेशानी से बचे रहते हैं। साथ ही, इससे मुँह की बदबू भी दूर होती है? औ मसूड़े भी स्वस्थ रहते हैं।

5. पथरी की समस्या को करे खत्म: सोने से पहले 1 टुकड़ा गुड़ को गर्म पानी के साथ खाने से पथरी जल्दी टूटकर पेशाब के रास्ते बाहर आ जाती है। साथ ही, गुड़ से सीने में जलन, और और जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है।

6. बालों का झड़ना करे कम: प्रदूषण का अटैक, तनाव, और अहितकारी भोजन करने वालोंकगग बालों को कमजोर कर देती है, जिसके कारण वह झड़ने लगते हैं। लेकिन सोने से पहले एक टुकड़ा गुड़ खाकर पानी पीने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है।

डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय


माइग्रेन ओर माइग्रेन के कारण होने वाली उल्टि रोकने उपाय

सिरदर्द का रोग अर्धकपारी या फिर माइग्रेन एक बडी़ ही आम सी बीमारी है। कई लोग माइग्रेन से हफ्ते में एक या दो बार जरुर जूझते हैं। इसके रोगी वे होते हैं जिनके घरों में यह बीमारी सालों से चली आ रही हो। माइग्रेन का दर्द बड़ा ही तेज होता है जिसमें सिर के एक ही ओर तेज़ दर्द होने लगता है। यह दर्द कई अन्‍य बीमारियों की भी न्‍यौता देता है जैसे, चक्‍कर, उल्‍टी और थकान।

सभी जानते है की माइग्रेन में होने वाला सर दर्द कितना तकलीफ दायक होता है। यह दर्द अचानक ही शुरू होता है और अपने आप ही ठीक भी हो जाता है।

हाथों के स्पर्श से मिलने वाला आराम और प्यार किसी भी दवा से ज्यादा असर करता है। इस दर्द में अगर सर, गर्दन और कंधो की मालिश की जाये तो यह इस दर्द से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए हलकी खुशबू वाले अरोमा तेल का प्रयोग किया जा सकता है।

माइग्रेन के दर्द को ठीक करने के कई तरीके हैं जैसे दवाइयां या फिर कुछ खाघ पदार्थ। क्‍या आप जानते हैं कि ऐसे कई फूड्स हैं जिन्‍हें खा कर आप माइग्रेन के दर्द से तुरंत ही छुटकारा पा सकते हैं। यदि आपको हर समय दवाइयों पर जिन्‍दा नहीं रहना है तो अब खाघ पदार्थ खा कर अपने जीवन की रक्षा करें। इन्‍हें खाने के अलावा थोड़ा आराम करना भी आवश्‍यक है।

माइग्रेन को दूर भागने के घरेलु नुस्खे

हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां इन सब्‍जियों में मैग्निशियम अधिक होता है। यह रसायन माइग्रेन के दर्द को तुरंत गायब कर देगा। साबुत अनाज, समुंद्री जीव और गेहूं आदि में बहुत मैग्निशियम होता है।

अलसी का बीज

इसमें भी खूब सारा ओमेगा 3 और फाइबर पाया जाता है। यह बीज सूजन को कम करती हैं।

कॉफी

यह बात बिल्‍कुल सही है कि सिर दर्द में कॉफी पीने से वह गायब हो जाता है, तो माइग्रेन अटैक आने पर कॉफी का सेवन जरुर करें।

अदरक

आयुर्वेद के अनुसार अदरक आपके सिर दर्द को ठीक कर सकता है। भोजन बनाते वक्‍त उसमें थोड़ा सा अदरक मिला दें और फिर खाएं।

दूध

दूध वसा रहित दूध या उससे बने प्रोडक्‍ट्स माइग्रेन को ठीक कर सकते हैं। इसमें विटामिन बी होता है जिसे राइबोफ्लेविन बोलते हैं और यह कोशिका को ऊर्जा देती है। यदि सिर में कोशिका को ऊर्जा नहीं मिलेगी तो माइग्रेन दर्द होना शुरु हो जाएगा।

बाजरा

इसमें फाइबर, एंटीऑक्‍सीडेंट और मिनरल पाये जाते हैं। तो ऐसे में दर्द पड़ने पर साबुत अनाज से बने भोजन का जरुर सेवन करें।

कुछ अन्य नुस्खे जिनकी मदद से आप माइग्रेन की बीमारी को दूर कर सकते है

एक तोलिये को गरम पानी में डुबाकर उस गरम तोलिये से दर्द वाले हिस्सों में मालिश करे। कुछ लोगों को ठंडे पानी से की गयी इसी तरह की मालिश से भी आराम मिलता है। इसके लिए आप बर्फ के टुकड़ो का उपयोग भी कर सकते है।कपूर को घी में मिलकर सर पर हलके हाथों से मालिश करे। मक्खन में मिश्री मिलाकर सेवन करे।नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।रात की नींद अच्छी तरह से ले। ताकि आप अच्छा महसूस कर सकेंगे।कोशिश करे की हर दिन सोने और उठने का एक नियमित समय हो जो लोग अनियमित तरीके से सोते है या फिर जिनके ऑफिस की ड्यूटी हमेशा बदलती रहती है उन्हें इस प्रकार की समस्या अधिक होती है।माइग्रेन के दर्द से बचने के लिए सही आहार का सेवन करे, यह आपके लिए बहुत जरुरी है।

उल्टी होना शरीर से विजातीय पदार्थ निकालने की एक शारीरिक प्रक्रिया है, मगर कभी कभी शरीर में संक्रमण होने से कुछ भी खाने पीने से तुरंत उल्टियाँ होने लगती है। ऐसे में ये उपाय सीधे सीधे संक्रमण समाप्त कर उल्टी को तुरंत रोकते हैं। आइये जानते हैं।

वमन उल्टी या जी मिचलाना

दो लौंग कूटकर 100 ग्राम पानी में डालकर उबालें। आधा पानी रहने पर छानकर स्वाद के अनुसार मिश्री मिलाकर पी लें और करवट लेकर सो जाएँ। दिन भर में चार-चार घंटे से ऐसी चार मात्राएँ लेने से उल्टियाँ बंद हो जाएँगी।

1. दो लौंग पीसकर 30 ग्राम पानी में मिलाकर थोड़ा गर्म करके पिलाने से जी मिचलाना ठीक हो जाता है। लौंग के पानी से सुखी हिचकियाँ भी शांत हो जाती है। केवल एक-दो लौंग चबाने चूसने से भी जी मिलचाना और मुख का बिगड़ा स्वाद ठीक होता है। चक्कर, उबकाई आने में लौंग का प्रयोग बड़ा लाभप्रद है।

2. गर्भावस्था की उल्टियों में दो लौंग मिश्री के साथ पीसकर आधा कप गर्म पानी में मिलाकर देने से आराम होता है।

3. बस में सफर करते समय जिन्हे उल्टियाँ होती है, उन्हें भी मुंह में एक लौंग रखकर चूसना लाभप्रद रहता है।

4. मुख का बिगड़ा स्वाद ठीक करने के लिए, मुख शुद्धि और कीटाणुरहित करने के लिए आवश्यकता के समय में एकबार एक लौंग चूसना लाभप्रद है।

डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय


तुतलापन

पहला प्रयोगः सूखे आँवले के 1 से 2 ग्राम चूर्ण को गाय के घी के साथ मिलाकर चाटने से थोड़े ही दिनों में तुतलापन दूर हो जाता है।

दूसरा प्रयोगः दो रत्ती शंखभस्म दिन में दो बार शहद के साथ चटायें तथा छोटा शंख गले में बाँधें एवं रात्रि को एक बड़े शंख में पानी भरकर सुबह वही पानी पिलायें।

तीसरा प्रयोगः बारीक भुनी हुई फिटकरी मुख में रखकर सो जाया करें। एक मास के निरन्तर सेवन से तुतलापन दूर हो जायेगा।

साथ में यह प्रयोग करवायें- अन्तःकुंभक करवाकर, होंठ बंद करके, सिर हिलाते हुए 'ॐ...'का गुंजन कंठ में ही करवाने से तुतलेपन में लाभ होता है।

डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय


लो ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू नुस्खे

1  50 ग्राम देशी चने व 10 ग्राम किशमिश को रात में 100 ग्राम पानी में किसी भी कांच के बर्तन में रख दें। सुबह चनों को किशमिश के साथ अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाएं और पानी को पी लें। यदि देशी चने न मिल पाएं तो सिर्फ किशमिश ही लें। इस विधि से कुछ ही सप्ताह में ब्लेड प्रेशर सामान्य हो सकता है।

2  रात को बादाम की 3-4 गिरी पानी में भिगों दें और सुबह उनका छिलका उतारकर कर 15 ग्राम मक्खन और मिश्री के साथ मिलाकर बादाम-गिरी को खाने से लो ब्लड प्रेशर नष्ट होता है।

प्रतिदिन आंवले या सेब के मुरब्बे का सेवन लो ब्लेड प्रेशर में बहुत उपयोगी होता है।

3.  आंवले के 2 ग्राम रस में 10 ग्राम शहद मिलाकर कुछ दिन प्रातःकाल सेवन करने से लो ब्लड प्रेशर दूर करने में मदद मिलती है।

4  लो ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाये रखने में चुकंदर रस काफी कारगर होता है। रोजाना यह जूस सुबह-शाम पीना चाहिए। इससे हफ्ते भर में आप अपने ब्लड प्रेशर में सुधार पाएंगे।

जटामानसी, कपूर और दालचीनी को समान मात्रा में लेकर मिश्रण बना लेँ और तीन-तीन ग्राम की मात्रा मेँ सुबह-शाम गर्म पानी से सेवन करें। कुछ ही दिन मेँ आपके ब्लड प्रेशर में सुधार हो जायेगा।

जिसको लो बी पी की शिकायत हो और अक्सर चक्कर आते हों तो आवलें के रस में शहद मिलाकर चाटने से जल्दी आराम मिलता है।

5  रात्रि में 2-3 छुहारे दूध में उबालकर पीने या खजूर खाकर दूध पीते रहने से निम्न रक्तचाप में सुधार होता है। अदरक के बारीक कटे हुए टुकडों में नींबू का रस व सेंधा नमक मिलाकर रख लें। इसे भोजन से पहले थोडी-थोडी मात्रा में दिन में कई बार खाते रहने से यह रोग दूर होता है।

6  200 ग्राम मट्ठे मे नमक, भुना हुआ जीरा व थोडी सी भुनी हुई हींग मिलाकर प्रतिदिन पीते रहने से इस समस्या के निदान में पर्याप्त मदद मिलती है।

7 200 ग्राम टमाटर के रस में थोडी सी काली मिर्च व नमक मिलाकर पीना लाभदायक होता है। उच्च रक्तचाप में जहां नमक के सेवन से रोगी को हानि होती है, वहीं निम्न रक्तचाप के रोगियों को नमक के सेवन से लाभ होता है। गाजर के 200 ग्राम रस में पालक का 50 ग्राम रस मिलाकर पीना भी निम्न रक्तचाप के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है।

8 निंबू को पानी के साथ या सलाद आदि के साछ रोज खाने से इस समस्या से रात मिलती है।

9. लहसुन निम्न रक्तचाप के रोगियों के लिये बहुत ही लाभदायक होता है इसका नियमित सेवन करने से भी लो ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम होता है।

इसके साथ ही साथ लो ब्लड प्रेशर के मरीजो के लिए भोजन पोषक तत्वोँ से भरपूर होना चाहिए, पैदल चलना, साईकिल चलाना और तैरना जैसे व्यायाम भी फायदेमंद साबित होते है।

डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय


फ्रिज का पानी पीते हैं, तो इसके नुकसान भी जान लीजिए

1 फ्रिज का पानी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है और इसका एक बड़ा कारण यह है कि फ्रिज में पानी कृत्रिम तरीके से सामान्य से अत्यधिक कम तापमान पर होता है, जो नुकसानदायक है।

2 फ्रिज का एकदम ठंडा पानी पीने से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है जिससे वह अपना काम ठीक तरीके से नहीं कर पाती। परिणामस्वरूप सुबह ठीक से पेट साफ नहीं हो पाता, और मल पेट में ही रह सड़ता है।

3 इस पानी को पीने से लंबे समय का कब्ज हो सकता है, जिससे आपका पूरा तंत्र गड़बड़ा जाता है और कई अन्य बीमारियां जन्म ले लेती हैं। आयुर्वेद में कब्ज को सारी बीमारियों की जड़ कहा गया है।

4 अत्यधिक ठंडा पानी पीने से शरीर की कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं और ठीक तरीके से काम नहीं कर पाती। इसका असर आपके मेटाबॉलिज्म और सेहत पर सीधा पड़ता है। यह आपकी ध़ड़कनों को कम भी कर सकता है।

5 फ्रिज का पानी पीने से गला खराब होने की संभावना अधिक होती है। रोजाना अगर आप इस आदत को जारी रखेंगे तो टॉन्सिल्स गले, फेफड़े और पाचन तंत्र के रोग होना बेहद आम बात है। 

 रोजमर्रा की जिंदगी में इन कृत्रिम सुख सुविधाओं का प्रयोग करना टालें ।

डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय


लहसुन खाना है फायदेमंद

1) लहसुन श्वसन तंत्र के लिए अच्छा होता है: यह टीबी, दमा, निमोनिया, सर्दी, ब्रोंकाइटिस, पुरानी ब्रोन्कियल सर्दी, फेफड़ों में संक्रमण और खांसी की रोकथाम और इलाज के लिए अच्‍छा होता है।

2) ट्यूबरक्लोसिस की समस्‍या होने पर सुबह खाली पेट लहसुन खाना बहुत फायदेमंद होता है।

3) दांत के दर्द में लहसुन का सेवन फायदेमंद होता है। यदि कीड़ा लगने से दांत में दर्द हो तो आप लहसुन के टुकड़ों को गर्म करें और उन टुकड़ों को दर्द वाले दांत पर रखकर कुछ देर तक दबाएं। ऐसा करने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है।

4) फ्लू यानी इन्फलुएन्जा में सुबह उठकर गर्म पानी के साथ लहसुन और प्याज का रस पीने से फ्लू से निजात मिलता है।

5) लहसुन पूरी zरह से एंटीबायोटिक है। इसलिए फोड़े होने पर लहसुन को पीसकर उसकी पट्टी बांधने से फोड़े मिट जाते हैं।

6) टीबी और खांसी जैसी बीमारियों को दूर करने में लहसुन लाभकारी है। लहसुन के रस की बूंदों को रूई में भिगोकर सूंघने से सर्दी ठीक हो जाती है।

7) लहसुन के नियमित सेवन करने से आपको कई प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मिलते है और यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा करता है। इनकी हीलिंग गुणों को नियमित इस्‍तेमाल करने से आप कुछ ही दिनों में यकीनन अपने समग्र स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार देखने लगेगें।

डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय


लीवर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए प्रतिदिन चार-पांच कच्‍चा आंवला खाना चाहिए। इसमें भरपूर विटामिन सी मिलता है जो लीवर के सुचारु संचलन में मदद करता है।

 उपाय 

1– लीवर सिरोसिस के लिए पपीता रामबाण इलाज है।

प्रतिदिन दो चम्‍मच पपीता के रस में आधा चम्‍मच नींबू का रस मिलाकर पीने से लीवर सिरोसिस ठीक हो जाता है। लीवर की रक्षा के लिए तीन-चार सप्‍ताह तक नियमित इसका सेवन करना चाहिए।

2– लीवर को ठीक रखने के लिए सिंहपर्णी जड़ की चाय दिन में दो बार पीना चाहिए। इसे पानी में उबालकर भी पिया जा सकता है, बाज़ार में सिंहपर्णी का पाउडर भी मिलता है।

3– पानी उबाल लें और उसमें मुलेठी की जड़ का पाउडर डाल दें। जब पानी ठंडा हो जाए तो उसे छानकर कर रख लें और दिन में दो बार सेवन करें। इसे चाय के बराबर लेना चाहिए। इससे ख़राब लीवर को ठीक किया जा सकता है।

4– अलसी के बीज को पीसकर टोस्‍ट या सलाद के साथ खाने से लीवर की बीमारियां नहीं होतीं। अलसी में फीटकोंस्टीटूएंट्स होता है जो हार्मोंन को रक्‍त में घूमने से रोकता है और लीवर का तनाव कम करता है।

5– एवोकैडो और अखरोट में ग्लुटथायन मिलता है जो लीवर में मौजूद विषैले तत्‍वों को बाहर निकालने में मदद करता है।

6– लीवर सिरोसिस के लिए पालक व गाजर के रस का मिश्रण उत्‍तम इलाज है। दोनों की मात्रा समान होनी चाहिए। दिन में कम से कम एक बार इसका सेवन जरूर करना चाहिए।

7– पत्‍तेदार सब्ज़ियों व सेब में पेक्टिन पाया जाता है जो पाचन तंत्र के विषैले तत्‍वों को बाहर निकालकर लीवर को ठीक रखता है।

8– भूमि आंवला लीवर की तमाम समस्‍याओं को दूर करता है। इसे उखाड़कर जड़ सहित पीस लें और पी जाएं। लीवर का सूजन, लीवर का बढ़ना व पीलिया आदि रोगों में यह अत्‍यंत लाभकारी है।

9- पथरी न हो तो चुना का उपयोग अति ऊतम है। लिवर सोराइसिस हेतु इसे दूध छोडकर किसी भी तरल पदार्थ में मिलाकर गेहू के दाने के बराबर या बिना कथा सुपारी युक्त पान खाये नियमित (चूना,देशी पान, अजवाइन, लौंग,गुलकंद, युक्त)

10- दो चमच्च धनिया चटनी सुबह शाम गुनगुने जल के साथ

11- गौमूत्र सुबह शाम खलिपेट आधा कप

12- सुबह शाम त्रिफला का सेवन रात्रि को दूध या गर्म जल के साथ भोजन पश्चात सुबह गुड़ या शहद के साथ।

13- 10 किशमिश रात को एक गिलास पानी मे उबाले व रात भर रख दे सुबह इस पानी का सेवन करे व किशमिश को चबाकर खायें।

लिवर शरीर के प्रमुख अंगों में से एक है। यह एक प्रकार की ग्रंथि है जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित रखती है। पाचनक्रिया में भी यह अंग मददगार है जो बाइल का निर्माण करता है। लिवर शरीर के प्रमुख अंगों में से एक है। यह एक प्रकार की ग्रंथि है जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित रखती है। पाचनक्रिया में भी यह अंग मददगार है जो बाइल का निर्माण करता है। इस अंग के खराब होने से हेपेटाइटिस, पीलिया और अन्य लिवर संबंधी दिक्कतों की आशंका बढ़ जाती है। 

लिवर से जुड़े रोग

1. हेपेटाइटिस के कारण :

वायरल बैक्टीरियल इंफेक्शन इसकी मुख्य वजह है। ऐसे में विषैले तत्त्व शरीर से बाहर निकलने की बजाय रक्त में मिल जाते हैं।

लक्षण :

भूख न लगने, बुखार, जोड़ व मांसपेशियों में दर्द व उल्टी आने जैसी समस्या होती है। इसके अलावा मरीज को सर्दी सहन न होना, भोजन के 1-2 घंटे बाद ही खट्टी डकारों के साथ खाना ऊपर आना और मोशन के बाद थकान व कमजोर महसूस होती है।

2. अल्कोहॉलिक लिवर डिजीज के कारण :

फैटी लिवर, सिरोसिस या अल्कोहॉलिक लिवर डिजीज के लिए अधिक शराब पीना जिम्मेदार है।

लक्षण :

पीलिया के लक्षणों के अलावा त्वचा पर खुजली होने, सर्दी सहन न होने और मरीज का स्वभाव गुस्सैल व अकेले रहना पसंद करना होता है। इन मरीजों में बचपन से कब्ज की दिक्कत और मसालेदार भोजन खाने व कॉफी पीने की इच्छा बनी रहती है।

3. ड्रग इंड्यूस्ड कारण :

बिना डॉक्टरी सलाह के अनियंत्रित रूप से दवा लेना लिवर की कार्यप्रणाली धीरे-धीरे बिगाड़ देता है। इससे दवाएं बेअसर होकर दुष्प्रभाव छोड़ती है जिससे संक्रमण हो सकता है।

लक्षण :

कमजोरी के साथ पेट के निचले भाग में दर्द। अधिक वजन वाले ऐसे मरीज जो हर काम को धीरे करते है। इसके अलावा दूध से एलर्जी व चॉक व पेंसिल खाने की इच्छा होने और मरीज को सिर पर ज्यादा पसीना आने की परेशानी रहती है।

4. पीलिया के कारण :

लिवर बिलुरूबिन बाहर निकालता है। इस रोग में बिलुरूबिन का स्तर बढऩे से यह रक्त में मिल जाता है और शरीर की रंगत में पीलापन आ जाता है। वायरल हैपेटाइटिस से यह रोग होता है।

लक्षण :

पेट व पैरों में सूजन, थकान, शरीर पर पीलापन, अधिक रक्तस्त्राव, सफेद मल और गहरे रंग का यूरिन आना, पीलिया होने पर आंखें, नाखून व त्वचा पर पीलापन और त्वचा पर खुजली होना।

डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय


पोखरे में डूबनें से दो मासूम सगे भाई की मौत , सोनचिरैया गांव में पसरा मातम

महराजगंज(क्राइम ब्यूरो)।  स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्राम सभा सोनचिरैया में सोमवार के दोपहर पोखरे में डूबनें से दो सगे मासूम भाइयों की मौत हो गयी। जानकारी के अनुसार ग्राम सभा सोनचिरैया में सोनू राय के दो मासूम बच्चे शिवांश उम्र 6 वर्ष व राज उम्र 4 वर्ष सोमवार की दोपहर खेलते खेलते घर के सामने स्थित पोखरे में गिर कर डूब गये परिजनों नें काफी खोजबीन की जब नहीं मिले तो अचानक किसी की नजर पोखरे के समीय पड़े चप्पल पर गयी। सक के आधार पर ग्रामिण एवं पारिजन पोखरे में छानबीन करनें लगे। थोड़ी देर वाद दोनों मासूम बच्चों की लाश मिली। मासूमों की लाश मिलते ही कोहराम मच गया। धीरे धीरे यह घटना जंगल में आग की तरह फैल गया। पूरे गांव में मातम छा गया।परिजन विना किसी कार्रवाई के अंतिम संस्कार कर दिया। इस सम्बन्ध में प्रभारी थानाध्यक्ष भगवान वक्श सिंह नें बताया कि इस सम्वन्ध में कोई सूचना एवं तहरीर नहीं मिली है।- 


फेकू बाबा

कोरोना का रोना लटपट

सांस भी छूट रही झटपट।।

आया दवा हुए लापरवाह 
लगी कतारे सजी महफिल
फिर सुनसान का दामन थामने
सोचने लगी है सरकारें।।

मानव तेरी फितरत ने परेशां किया
जो चला जाने वाला था उसे वुलावा दिया।।

यूं तो रैलियां न निकाला कर
ऑन लाइन ही बुलाया कर
चुनाव हो या प्रचार हो
दो गज तू भी दूरी बनाया कर।।

खूब चला तेरा सिक्का जहां में
अब न इसे घिसाया कर
बात फेकने से हासिल क्या
अब न दूजा फेकू बनाया कर।।

बात घिस घिस के जवां हो गई
चौदह से अब इक्कीस हो गयी
दफ्तर हो गये निजी गुलदस्ते
उसमे बैठे कोरोना के फरिश्ते।।
                                    आशुतोष 
                                  पटना बिहार 

Saturday, April 24, 2021

सोनपुर में कोरोना बंम फूटने से 88 लोग हुआ घायल, मेडिकल टीम अन्य के खोज में जुटी ,201 लोगो को दी गयी कोविड 19 वैक्सीन

                        सारण (ब्यूरो चीफ  संजीत कुमार) दैनिक अयोध्या टाइम्स सोनपुर---सोनपुर में लगातार कोरोना के संक्रमित मरीज की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है वही  दूसरी ओर अब मरने वाले की भी संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है । ऐसे में लोगों को अब सचेत होकर घर से निकलने की जरूरत है नहीं तो आप अपने,अपने परिवार एवं अपने समाज के लोगों को परेशानी में डाल देंगे । इस लिए घर से कम निकले, बहुत जरूरी कार्य हो तो घर से निकलते वक्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ निकले । आपके जीवन परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है उक्त बातें कोरोना नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक कुमार सिन्हा ने शनिवार को देते हुए कहा कि रैपिड कीट से कोरोना की जांच की गई जिसमें रेलवे स्टेशन,एएनएम ट्रेनिंग सेंटर ,अनुमंडल अस्पताल, बैजलपुर में कुल 412 लोगों को जांच किया गया जिसमें 88 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं । सभी संक्रमित व्यक्ति को होम आइसोलेशन में रहने के साथ दवा उपलब्ध कराते हुए उनके संपर्क में रहने वाले लोगों को चिन्हित कर उन्हें भी कोरोना की जांच की जायेगी । उन्होंने यह भी बताया कि एक संक्रमित मरीज भर्ती है ।  201 लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन दी गई है । वही जिला जनसंपर्क अधिकारी ज्ञानेश्वर प्रकाश ने जनकारी दी कि सारण जिले में आज तक कोरोना संक्रमितों के कुल 3760 एक्टिव केस  में से सबसे अधिक 1266 केस छपरा नगर निगम/ छपरा सदर प्रखंड में हैं तथा सोनपुर में  495, परसा में 226, दिघवारा में 207 एवं इसुआपुर में 153  एक्टिव केस हैं।

कोरोना संक्रमित व्यक्ति का हाजीपुर में इलाज के दौरान मौत

सारण जिले के परसा थाना क्षेत्र के माड़र गांव कि एक व्यक्ति की कोरोना की चपेट में आने से मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि उक्त गांव निवासी अनिल शाह का तबीयत खराब था। जिसे इलाज के लिए हाजीपुर एक निजी क्लीनिक में ले जाया गया। जहां जांच में वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए उसके बाद दवा देकर उन्हें होम कवरेंटाइन कर दिया गया। अचानक तबीयत अधिक खराब होने पर परिजन आनन-फानन में पुनः हाजीपुर ले गए जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।