Friday, January 17, 2020

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) कल अपना 145वां स्थापना दिवस मना रहा है

 


भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) कल अपना 145वां स्थापना दिवस मना रहा है।


वर्ष 1875 में अपनी साधारण शुरुआत के साथ एक विनम्र शुरुआत के साथ आईएमडी समाज की सेवा करने के लिए विभिन्न लक्ष्यों और प्रतिमानों के साथ प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हुआ। वर्ष 2019 के दौरान आईएमडी की पहलों और उपलब्धियों की संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है: -


हाल ही में अर्जित उपलब्धियां


टिप्पणियां



  • डब्ल्यूएमओ ने आईएमडी के 5 वेधशालाओं को मान्यता दी है। यह चेन्नई (नुंगमबक्कम), मुंबई (कोलाबा), पंजिम, पुणे और तिरुवनंतपुरम में 100 से अधिक वर्षों से दीर्घकालिक अवलोकन केन्द्र के रूप में काम कर रही है।

  • 27 डॉपलर मौसम रडार देश में कार्यरत हैं। इनमें सोनमर्ग, जम्मू और कश्मीर में एक पोर्टेबल डीडब्ल्यूआर भी शामिल है जो अमरनाथ जी यात्रा के लिए स्थापित किया गया है।

  • 13 रेडिओसोंडे / रेडियो विंड स्टेशन 2019 में चालू किये गये। इस प्रकार इन स्टेशनों की कुल संख्या 43 से बढ़कर 56 हो गई, जो दिन में दो बार आरोहण में सक्षम हैं।

  • तीन ट्रांसमिसोमीटर - आरवीआर (दृष्टि प्रणाली) कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और भुवनेश्वर में स्थापित किये गये हैं, इससे ट्रांसमिसोमीटरों - आरवीआर (दृष्टि प्रणाली) की कुल संख्या 44 हो गई है।

  • वास्तविक वर्षा आँकड़ों की तैयारी 681 जिलों से बढ़कर 683 जिलों तक पहुंच गई है।

  • आरसीएस-उड़ान योजना के तहत नए वैमानिक मौसम विज्ञान स्टेशन शुरु किए गए हैं।

  • जिलेवार वर्षा निगरानी योजना (डीआरएमएस) में 341 नए रेनगेज स्टेशन जोड़े गए हैं।

  • पहले की 130 इकाइयों की तुलना में 138 जिला कृषि मौसम विज्ञान इकाइयां स्थापित की गई हैं।

  • रुड़की, भुवनेश्वर, जी. उदयगिरि, पूसा और अगवानपुर में 5 एएमएफयू पर एग्रोमेट वेधशालाएं स्थापित की गई हैं, इस प्रकार इनकी संख्या बढ़कर 122 हो गई है।

  • मासिक मौसम विज्ञान रजिस्टर (एमएमआर) – 01 अक्तूबर, 2019 सतह वेधशालाओं को परिचालित कर दिया गया है।

  • वायु प्रदूषण अनुभाग, आईएमडी ने डब्ल्यूएमओ के 60वें और 61वें प्रयोगशाला अंतर-तुलना कार्यक्रम में भाग लिया।


मॉडलिंग और पूर्वानुमान



  • आईएमडी का उत्तर कर्नाटक कृषि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनकेएएफसी) कृषि विश्वविद्यालय धारवाड़ (कर्नाटक) में 14 फरवरी, 2019 को स्थापित किया गया।

  • ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (जीएफएस) मॉडल का उन्नयन किया गया और 10 दिनों के पूर्वानुमान के सृजन के लिए एक दिन में 4 बार चलाया गया।

  • क्षेत्रीय डब्ल्यूआरएफ मेसोस्केल मॉडल का 9 किमी से 3 किमी रिज़ॉल्यूशन में उन्नयन किया गया।

  • हरिकेन डब्ल्यूआरएफ को आईएनसीओआईएस के सहयोग से 2 किमी के रिज़ॉल्यूशन में एक युग्मित मॉडल के रूप में चलाया गया।

  • एनडब्ल्यूपी मॉडल आधारित ग्रिडिड वर्षा डेटा (डब्ल्यूआरएफ एंड जीएफएस) सीडब्ल्यूसी को अपने बाढ़ पूर्वानुमान मॉडल के लिए परिचालित रूप में उपलब्ध कराए गए।

  • एसडब्ल्यूआईआरएल एप्लीकेशन नाऊस्टिंग सॉफ्टवेयर 12 डीडब्ल्यूआर स्टेशनों पर स्थापित किया गया।

  • आईएमडी ने एनसीएमआरडब्ल्यूएफ और आईआईटीएम के सहयोग से थंडरस्टॉर्म और लाइटनिंग मॉडलिंग और वार्निंग सिस्टम लागू किया।

  • विभिन्न गंभीर मौसम की घटनाओं के लिए प्रभाव आधारित पूर्वानुमान शुरू किए गए।

  • 261 स्टेशनों को अभी अभी शुरु की गई आईएमडी वेबसाइट के नाउकास्ट वार्निंग पेज पर जोड़ा गया, ऐसा गंभीर मौसम के लिए तीन घंटे के अबकास्ट चेतावनी जारी करने के लिए किया गया। इस प्रकार कुल संख्या बढ़कर 694 हो गई।

  • शहर में स्थानीय पूर्वानुमान और नाउकास्ट 100 स्थानों के लिए शुरू किये गये।


संचार प्रणाली नेटवर्क



  • आईएमडी ने आम जनता के लिए वेबसाइट www.mausam.imd.gov.in और एग्रोमेट एडवाइजरी सेवाओं के लिए मोबाइल ऐप्प मेघदूत की शुरुआत की है।

  • आईआईटीएम के सहयोग से, एक वेबपेज, वेब एप्लिकेशन और मोबाइल एप्लिकेशन चालू मौसम की जानकारी के साथ-साथ 2019 के दौरान कुंभमेला के लिए मौसम का पूर्वानुमान उपलब्ध कराने के लिए विकसित किये गये।

  • दिल्ली के लिए एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम की नई वेबसाइट 2019 के दौरान शुरु की गई।

  • एक डेटा आपूर्ति पोर्टल, http://dsp.imdpune.gov.inhas को डेटा पूछताछ, पुनर्प्राप्ति और आपूर्ति से संबंधित गतिविधियों के स्वचालन के लिए चालू किया गया है।

  • स्टैगर मोड में एक नया वेब पेज इन्सेट-3डी और इन्सेट-3डीआर के लिए चालू किया गया।

  • एक वेब आधारित केन्द्रीकृत डेटा एंट्री सिस्टम (सीडीईएस) पैकेज की पुराने डीएटीईएन 9 सॉफ्टवेयर के स्थान पर 8 अगस्त, 2019 को शुरुआत की गई। वर्तमान में, 91 सतह स्टेशनों, 40 हवाई अड्डों और 11 पीबीओ वेधशालाओं को इस प्रणाली के तहत डेटा भेजना शुरू कर दिया।

  • कृषि-मौसम विज्ञान संबंधी सलाहकार सेवा (एएएस) बुलेटिन पीपीपी मोड के तहत और किसानपार्टल के माध्यम से लगभग 40.2 मिलियन किसानों को प्रसारित किए जाते हैं।


पूर्वानुमान सटीकता में सुधार



  • पिछले 5 वर्षों के दौरान गंभीर मौसम की घटनाओं के सटीक पूर्वानुमान में 15 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत तक महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

  • 2019 के लिए अखिल भारतीय गंभीर मौसम पूर्वानुमान में 2002-2018 की तुलना में काफी सुधार हुआ है। 2019 के लिए प्रोबेबिलिटी ऑफ डिटेक्शन (पीओडी) 74 प्रतिशत, 92 प्रतिशत, 85 प्रतिशत तथा भारी बारिश, गर्मी, शीत लहर और अब अलग-अलग पूर्वानुमान क्रमशः जारी किए जाते हैं।

  • 2019 में 24, 48 और 72 घंटों के लिए वार्षिक औसत ट्रैक पूर्वानुमान त्रुटियां क्रमशः 69, 104 और 149 किमी रही हैं, जबकि 2014-18 के दौरान माध्य-क्रम पूर्वानुमान त्रुटियां क्रमशः 86, 132 और 177 रही। इसी तरह, 2019 में ट्रैक पूर्वानुमान कौशल में काफी हद तक सुधार हुआ और यह 24, 48 और 72 घंटों के लिए यह क्रमशः 68, 79 और प्रतिशत रहा, जबकि 2014 से 2016 अवधि के दौरान यह औसत 58, 70 और 74 प्रतिशत रहा था।


पुरस्कार और प्रशंसा



  • 2019-2023 के लिए डॉ. एम मोहपात्रा, महानिदेशक, आईएमडी को डब्‍ल्‍यूएमओ की कार्यकारी परिषद का सदस्य चुना गया।

  • नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने 7 अक्टूबर, 2019 को "मेगा साइक्लोन एफएएनआई को के बारे में एक कहानी प्रसारित की जिसमें एफएएनआई के लिए आईएमडी की प्रारंभिक चेतावनी सेवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

  • चक्रवात एफएएनआई की सटीक निगरानी से प्रभावित होकर प्रिंस चार्ल्स ने 13 नवंबर, 2019 को आईएमडी दिल्ली का दौरा किया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, डॉ एम. राजीवन तथा आईएमडी के महानिदेशक डॉ.मृत्युंजय महापात्रा ने आईएमडी में उनका स्वागत किया।

  • आईएमडी ने एफएएनआई चक्रवात के सटीक पूर्वानुमान के लिए संयुक्त राष्ट्र और माननीय राष्ट्रपति से सराहना अर्जित की।

  • गुजरात, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा राज्य सरकारों से भी आईएमडी की सराहनीय सेवाओं के लिए प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए।

  • राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस समारोह 2019 के लिए सटीक पूर्वानुमान प्रदान करने के लिए आईएमडी की सराहना की।

  • डॉ. एम. महापात्र, महानिदेशक, आईएमडी ने जय भारत फाउंडेशन द्वारा भारत गौरव पुरस्कार, 2019 से सम्मानित किया और ओडिशा के मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया।

  • 2019 में डॉ. एम. महापात्र, महानिदेशक, आईएमडी को आईएमएस एंड इंडियन क्लाइमेट कांग्रेस की फैलोशिप से सम्मानित किया गया।

  • भारतीय मौसम विज्ञान सोसायटी ने मौसम और जलवायु सेवाओं में 2019 में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र के लिए डॉ. एच. आर. बिस्वास को सम्मानित किया।


 


आईएमडी में गंभीर मौसम पूर्वानुमान के कौशल में नवीनतम सुधार



पिछले 5 वर्षों की तुलना में 2019 में 24 घंटे की शीर्ष अवधि के लिए झूठे अलार्म अनुपात (एफएआर), लापता दर (एमआर), जांच की संभावना (पीओडी), हैड के स्किल स्कोर (एचएसएस) और महत्वपूर्ण सफलता सूककांक (सीएसआई) के रूप में भारी वर्षा के पूर्वानुमान में सुधार हुआ।



24 घंटे पहले भारी वर्षा की घटनाओं की जांच की संभावना में 2002 से 2019 के दौरान काफी सुधार हुआ है।



पिछले 5 वर्षों के दौरान 5 दिन पहले हीटवेव की जांच की संभावना में काफी सुधार दर्शाया गया है



पिछले 5 वर्षों की तुलना में ट्रैक पूर्वानुमान त्रुटियों और कौशल में पर्याप्त सुधार हुआ है।



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