Wednesday, February 26, 2020

बच्‍चों और गर्भवती महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य की देखभाल सरकार की सर्वोच्‍च प्राथमिकता: डॉ. हर्षवर्धन

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि बच्‍चों और गर्भवती महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य की देखभाल सरकार की सर्वोच्‍च प्राथमिकता है।


डॉ. हर्षवर्धन सोमवार (24 फरवरी, 2020) को दिल्ली में सघन मिशन इन्द्रधनुष (आईएमआई 2.0) पर एक विशेष सामुदायिक कार्यक्रम की शुरुआत करने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्‍होंने इस कार्यक्रम को एक वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विज्ञापन और दृश्‍य प्रचार निदेशालय (बीओसी) के संगीत और नाटक प्रभाग द्वारा किया जा रहा है।


इस अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री का एक वीडियो संदेश प्रतिभागियों के साथ साझा किया गया  जिसमें उन्होंने आईएमआई 2.0 के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के महत्व पर जोर दिया और कहा कि भारत सरकार इनके लिए पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्‍य हासिल करने को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र   मोदी के नेतृत्व में, आईएमआई को 2017 में गुजरात के वडनगर से शुरु किया गया था और अब इसे ग्राम स्वराज अभियान और विस्‍तारित ग्राम स्‍वराज अभियान के माध्‍यम से और सशक्‍त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2019 से आईएमआई 2.0, 27 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के 272 जिलों तथा बिहार और उत्तर प्रदेश के और 109 जिलों के 650 खंडों में चलाया जा रहा है।


केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा ‘ऐसे में जबकि हमारे पास 90 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य है, हम सभी को यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्‍चे को बीमारियों से बचाव का टीका लगाया जाए। यह तब और भी जरूरी हो जाता है जब हमारे पास सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम  (यूआईपी) के तहत इस तरह के तमाम टीके मौजूद हैं।’ उन्‍होंने कहा कि सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 की शुरुआत के साथ ही देश में पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्‍चों की मृत्‍यु दर में कमी लाने और 2030 तक बीमारियों से बचाव के जरिए बाल मृत्‍य दर में कमी के सतत विकास लक्ष्‍य को हासिल करने का मौका है।


उन्‍होंने कहा कि इस समय देश में बच्‍चों के लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर डिप्‍थीरिया, काली खांसी, टेटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, रोटावायरस डायरिया, हेपेटाइटिस बी, दिमागी बुखार और निमोनिया के टीके उपलब्‍ध हैं। इसके अलावा न्‍यूमोकोकल निमोनिया तथा जापानी एनसेफलाइटिस से बचाव के टीके भी लगाए जा रहे हैं। उन्होंने टीकाकरण अभियान के प्र‍ति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विज्ञापन और दृश्‍य प्रचार निदेशालय (बीओसी) का आभार जताया। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कहा कि सघन इंद्रधनुष अभियान को सफल बनाने के लिए, मिशन इन्द्रधनुष (एमआई) के पहले दौर में राज्‍यों द्वारा अपनायी गई सर्वोत्‍तम प्रथाओं से सीख लेनी होगी और उनके अनुभव साझा करने होंगे। 


उन्‍होंने बताया कि देश के 190 जिलों में टीकाकरण अभियान पर कराए गए सर्वेक्षण के नतीजों में पाया गया कि राष्‍ट्रीय परिवार स्‍वास्‍थ्‍य सर्वेक्षण-चार की तुलना में पूर्ण टीकाकरण के मामलों में 18.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उन्‍होंने यह जानकारी भी दी कि दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 के बीच सघन टीकाकरण अभियान के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। इसके तहत 29.74 लाख बच्‍चों और 5.90 लाख गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए। इसका एक और चरण मार्च 2020 में शुरु किया जाएगा।


 सामुदायिक कार्यक्रम के तहत स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की विभिन्‍न टीकाकरण योजनाओं की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों के अलावा, बीओसी, दिल्‍ली सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारी, स्‍थानीय स्‍तर पर काम करने वाली आशा और एनएएम कार्यकर्ता तथा साझेदार संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। 



No comments:

Post a Comment