Thursday, April 2, 2020

एसईजेड  की इकाइयों/डेवलपर्स/सह-डेवलपर्स को अनुपालन में छूट

      वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप तथा पूरे देश में लॉकडाउन को देखते हुए अधिकांश सरकारी सेवाएं बंद हैं और आपातकालीन सेवाओं आदि से जुड़े कार्यालय बहुत कम कर्मचारियों की मदद से चल रहे हैं। इसलिए वाणिज्य विभाग ने विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) की इकाइयों/डेवलपर्स/सह-डेवलपर्स को अनुपालन में उचित छूट देने का निर्णय लिया है। ऐसे अनुपालन जिनमें यह छूट लागू होगी, में शामिल हैः-



  • डेवलपर्स/सह-डेवलपर्स द्वारा स्वतंत्र चार्टर्ड इंजीनियरों से सत्यापित त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट (क्यूपीआर) दाखिल करने की आवश्यकता

  • आईटी/आईटीईएस इकाइयों द्वारा दाखिल किए जाने वाले सॉफ्टेक्स फार्म

  • एसईजेड इकाइयों द्वारा वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट (एपीआर) दाखिल करना

  • मंजूरी पत्र (एलओए) का विस्तार जिसकी अवधि निम्न स्थितियों में समाप्त हो सकती हैः-

    • डेवलपर्स/सह-डेवलपर्स जो एसईजेड का विकास तथा संचालन करने की प्रक्रिया में हैं

    • इकाइयां जिनकी एनएफई मूल्यांकन के लिए 5 वर्ष की अवधि का पूरा होना संभावित है

    • इकाइयां जिन्हें अभी संचालन शुरू करना है




एसईजेड के विकास आयुक्तों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि डेवलपर्स/सह-डेवलपर्स/इकाइयों को किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े और विपत्ति की इस अवधि में यदि कोई अनुपालन नहीं हो पाता है तो ऐसे मामलों में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। इसके अलावा, जहां तक संभव हो, एलओए के सभी विस्तारों और अन्य अनुपालनों को तय समय-सीमा में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पूरा किया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में जहां इलेक्ट्रॉनिक तरीके से विस्तार देना संभव न हो या ऐसे मामले जिनमें आपसी बैठक की आवश्यकता हो, विकास आयुक्तों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि विपत्ति की इस अवधि के दौरान वैधता की समाप्ति के कारण डेवलपर/सह- डेवलपर/इकाइयों को किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े। तदर्थ अंतरिम विस्तार/समाप्ति की तारीख को आगे बढ़ाने को 30 जून, 2020 या विभाग द्वारा जारी कोई अन्य निर्देश, इनमें से जो भी पहले हो, तक की स्वीकृति दी जा सकती है।



भारतीय रेल कोविड -19 के कारण लाकडाउन हुए जरुरतमंद लोगों को लगातार उपलब्ध करा है भोजन, 28 मार्च से अब तक लगभग 1.4 लाख पका भोजन वितरित किया

भारतीय रेल ने आरपीएफ, जीआरपी, जोनों के वाणिज्यिक विभागों, राज्य सरकारों एवं एनजीओ की सहायता से आईआरसीटीसी के बेस किचनों के जरिये जरुरतमंद लोगों को लंच के लिए पेपर प्लेट एवं डिनर के लिए फूड पैकेट के साथ बड़ी मात्रा में पका भोजन उपलब्ध कराना जारी रखा है।


आरपीएफ एवं विभिन्न रेल जोनों में अन्य रेल विभागों के साथ एक टीम के रूप में कार्य कर रही आईआरसीटीसी जरुरतमंद लोगों को लंच के लिए पेपर प्लेट एवं डिनर के लिए फूड पैकेट के साथ पके भोजन की आपूर्ति कर रही है।


जरुरतमंद लोगों को भोजन की आपूर्ति करने के दौरान सोशल डिस्टंसिंग एवं स्वच्छता का पालन किया जा रहा है। संबंधित जोन एवं डिवीजन के जीएम/डीआरएम भी जिला प्रशासनों एवं एनजीओ की सहायता से रेलवे स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले जरुरतमंद लोगों की भोजन की आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए स्टेशन के निकट के क्षेत्र से आगे भी आईआरसीटीसी के इन प्रयासों की पहुंच को बढ़ाने के लिए आईआरसीटीसी के अधिकारियों के निरंतर संपर्क में हैं।


आईआरसीटीसी ने उत्तरी, पश्चिमी, पूर्वी, दक्षिणी एवं दक्षिण मध्य जैसे विभिन्न जोनों में फैले नई दिल्ली, बंगलुरू, हुबली, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद, भुसावल, हावड़ा, पटना, गया, रांची, कटिहार, दीन दयाल उपाध्याय नगर, बालासोर, विजयवाड़ा, खुर्दा, काडपाली, तिरुचिरापल्ली, धनबाद, गुवाहाटी एवं समस्तीपुर में अपने किचनों से आरपीएफ, अन्य सरकारी विभागों एवं एनजीओ की सहायता से 28 मार्च, 2020 से गरीबों एवं जरुरतमंद लोगों को अब तक लगभग 102,937 पके भोजनों को वितरित किया है।


28 मार्च को, 2700 पके भोजनों के साथ आरंभ कर, आईआरसीटीसी ने 23 स्थानों पर 29 मार्च को 11530, 30 को 20487, 31 मार्च को 30850 एवं आज 37370 पके भोजन वितरित किए।


रेलवे सुरक्षा बल भारतीय रेल द्वारा जरुरतमंद लोगों को भोजन वितरण कराने में व्यापक रूप से शामिल है।



  • 28.03.2020 को आरपीएफ द्वारा 74 स्थानों पर 5419 जरुरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया। आईआरसीटीसी के किचनों में तैयार भोजन के अतिरिक्त, 2719 व्यक्तियों के लिए भोजन आरपीएफ के आंतरिक संसाधनों से सोर्स किया गया।

  • 29.03.2020 को आरपीएफ द्वारा 146 स्थानों पर 21568 जरुरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया। आईआरसीटीसी के किचनों में तैयार भोजन के अतिरिक्त, 8790 व्यक्तियों के लिए भोजन आरपीएफ के आंतरिक संसाधनों से सोर्स किया गया, जबकि 4150 व्यक्तियों के लिए भोजन एनजीओ के सहयोग से वितरित किया गया।

  • 30.03.2020 को आरपीएफ द्वारा 186 स्थानों पर 30741 जरुरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया। आईआरसीटीसी के किचनों में तैयार भोजन के अतिरिक्त, 12453 व्यक्तियों के लिए भोजन आरपीएफ के आंतरिक संसाधनों से सोर्स किया गया, जबकि 3746 व्यक्तियों के लिए भोजन एनजीओ के सहयोग से वितरित किया गया।

  • 31.03.2020 को आरपीएफ द्वारा 196 स्थानों पर 38045 जरुरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया। आईआरसीटीसी के किचनों में तैयार भोजन के अतिरिक्त, 14633 व्यक्तियों के लिए भोजन आरपीएफ के आंतरिक संसाधनों से सोर्स किया गया, जबकि 4072 व्यक्तियों के लिए भोजन एनजीओ के सहयोग से वितरित किया गया।


रेल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल के अधिकारियों को अपनी सर्वश्रेष्ठ मानवीय क्षमताओं एवं संसाधनों के अनुसार भोजन एवं अन्य सहायता के साथ जरुरतमंद लोगों के पास पहुंचने का निर्देश दिया है। मंत्री ने कहा कि रेलवे को अपने प्रयासों का दायरा बढ़ाना चाहिए और जिला अधिकारियों तथा एनजीओ आदि के परामर्श से रेलवे स्टेशनों से दूर के क्षेत्रों तक पहुंचना चाहिए।


उल्लेखनीय है कि रेल मंत्रालय लाक डाउन के समय, जो कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाया गया है,  जरुरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने की किसी भी भारी मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। भारतीय रेल किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार है और खाद्यान्नों एवं अन्य कच्चे मालों का पर्याप्त भंडार बना कर रखा जा रहा है।



‘कोविड-19’ फैलने के मद्देनजर आईसीएआर ने रबी फसलों हेतु किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को ध्‍यान में रखते हुए रबी फसलों की कटाई एवं मड़ाई और फसल कटाई के बाद कृषि उपज के भंडारण  एवं विपणन के लिए निम्नलिखित एडवाइजरी जारी की है:


फसलों की कटाई एवं मड़ाई


देश में कोविड-19 वायरस के फैलने के खतरे के साथ ही फसलें भी तेजी से पकने की ओर अग्रसर हैं। इन फसलों की कटाई एवं उन्‍हें बाजार तक पहुंचाने का काम वांछनीय है क्योंकि कृषि कार्य में समय की बाध्यता अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः किसानों के लिए सावधानी एवं सुरक्षा का पालन करना बहुत ही जरूरी है, ताकि इससे महामारी का फैलाव ना हो सके। ऐसी स्थिति में साधारण एवं सरल उपाय जैसे सामाजिक दूरी बनाए रखना, साबुन से हाथों को साफ करते रहना, चेहरे पर मास्क लगाना, सुरक्षा हेतु कपड़े पहनना एवं कृषि संयंत्रों एवं उपकरणों की सफाई करना अत्यंत आवश्यक है। किसानों के लिए खेती के प्रत्येक कार्य के दौरान एक-दूसरे से सामाजिक दूरी बरकरार रखते हुए काम करना आवश्यक है।


निम्नलिखित कुछ सलाह किसानों के लिए अत्‍यंत उपयोगी हैं:



  • भारत के उत्तरी प्रांतों में गेहूं पकने की स्थिति में आ रही है। अतः इनकी कटाई के लिए कम्बाइन कटाई मशीन का उपयोग एवं प्रदेशों के अन्दर तथा दो प्रदेशों के बीच इनके आवागमन की अनुमति भारत सरकार के आदेश के तहत दी गई है। हालांकि, इस दौरान मशीनों के रखरखाव एवं फसल कटाई में लगे श्रमिकों की सावधानी एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है।

  • इसी प्रकार उत्तर भारत की सरसों रबी की महत्वपूर्ण फसल है जिसकी किसानों द्वारा हाथ से कटाई एंव कटी फसलों की मड़ाई का कार्य जोरों से चल रहा है।

  • मसूर, मक्का और मिर्ची जैसे फसलों की भी कटाई एवं तुड़ाई चल रही है तथा चने की फसल पकने की स्थिति में आ रही है।

  • गन्ने की कटाई जोरों पर है तथा उत्तर भारत में इसकी रोपाई (हाथ से) का भी समय है।

  • ऐसी स्थिति में समस्त किसानों एवं कृषि श्रमिकों, जो फसलों की कटाई, फल एवं सब्जियों की तुड़ाई, अंडों और मछलियों के उत्पादन में लगे हैं, द्वारा इन कार्यों के क्रियान्वयन के पहले, कार्यों के दौरान एवं कार्यों के उपरांत व्यक्तिगत स्वच्छता तथा सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करना अत्यावश्यक है।

  • फसलों की हाथ से कटाई/तुड़ाई के दौरान बेहतर होगा कि 4-5 फीट की पट्टियों में काम किया जाए तथा एक पट्टी की दूरी में एक ही श्रमिक को कार्यरत रखा जाए। इस प्रकार कार्यरत श्रमिकों के बीच उचित दूरी सुनिश्चित की जा सकेगी।

  • कार्यरत सभी व्यक्तियों/श्रमिकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे मास्क पहन कर ही काम करें तथा बीच-बीच में साबुन से हाथ धोते रहें।

  • एक ही दिन अधिक श्रमिकों को कार्य में लगाने के बजाय उस कार्य को अवधि/दिनों में बांट दिया जाए तथा खेतों में काम विभिन्‍न अंतराल में किया जाए।

  • जहां तक संभव हो, परिचित व्यक्ति को ही खेतों के कार्य में लगाएं। किसी भी अनजान श्रमिक को खेत में काम करने से रोकें, ताकि वे इस महामारी का कारण न बन सकें।

  • जहां तक संभव हो, कृषि कार्य उपकरणों व मशीनों से ही किया जाए, न कि हाथों से और इसके साथ ही केवल उपयुक्त व्यक्ति को ही ऐसे संयंत्रों को चलाने दिया जाए।

  • कृषि कार्यों में लगे संयंत्रों को कार्यों के पूर्व तथा कार्यों के दौरान साफ (सैनिटाइज) किया जाना चाहिए। इसके साथ ही बोरी तथा अन्य पैकेजिंग सामग्री को भी साफ (सैनिटाइज) किया जाना चाहिए।

  • खलिहानों में तैयार उत्पादों को छोटे-छोटे ढेरों में इकट्ठा करें जिनकी आपस में दूरी 3-4 फीट हो। इसके साथ ही प्रत्येक ढेर पर 1-2 व्यक्ति को ही कार्य पर लगाना चाहिए तथा भीड़ इकट्ठा करने से बचना चाहिए।

  • कटाई किए गए मक्के एवं खोदी हुई मूंगफली की मड़ाई हेतु लगाई गई मशीनों की उचित साफ-सफाई एवं स्वच्छता (सैनिटाइज) सुनिश्चित करें, खासकर यदि इन मशीनों को अन्य किसानों या कृषक समूहों द्वारा उपयोग किया जाना है। इन मशीनों के पार्ट्स (पुर्जो) को बार-बार छूने पर साबुन से हाथ धोना चाहिए।


फसल कटाई के बाद कृषि उपज का भंडारण और विपणन



  • प्रक्षत्रों पर कुछ खास कार्यों जैसे कि मड़ाई, सफाई, सुखाई, छंटाई, ग्रेडिंग, तथा पैकेजिंग के दौरान किसानों/श्रमिकों को चेहरे पर मास्क अवश्य लगाना चाहिए, ताकि वायु-कण एवं धूल-कण से बचा जा सके और श्वास से संबंधित तकलीफों से दूर रहा जा सके।

  • तैयार अनाजों, मोटे अनाजों तथा दालों को भंडारण के पहले पर्याप्त सुखा लें तथा जूट की पुरानी बोरियों का उपयोग भडारण हेतु न करें। नई बोरियों को नीम के 5 प्रतिशत घोल में उपचारित कर तथा सूखा कर ही अनाजों के भंडारण हेतु उपयोग करें।

  • शीत भंडारों, सरकारी गोदामों तथा अन्य गोदामों द्वारा आपूर्ति की गई जूट की बोरियों का उपयोग अनाज भंडारण हेतु काफी सतर्कतापूर्वक करें।

  • अपने उत्पादों को बाजार-यार्ड अथवा नीलामी स्थल तक ले जाने के दौरान ढुलाई के वक्त किसान अपनी निजी सुरक्षा का भरपूर ध्यान रखें।

  • बीज उत्पादक किसानों को अपने बीजों को लेकर बीज कंपनियों तक ढुलाई करने की इजाजत है, बशर्ते कि उन किसानों के पास संबंधित दस्तावेज हों तथा भुगतान के वक्त वे समुचित सावधानी बरतें।

  • बीज प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग, संयंत्रों द्वारा बीजों का आवागमन बीज उत्पादक प्रांतों से फसल उत्पादक प्रांतों तक आवश्यक है, ताकि गुणवत्‍ता युक्त बीजों की उपलब्धता आगामी खरीफ सीजन के लिए सुनिश्चित की जा सके (दक्षिण भारत से उत्तर भारत तक)। उदाहरण के लिए, अप्रैल के महीने में उत्तर भारत में हरे चारे की खेती हेतु बीज की आपूर्ति दक्षिण भारत के प्रांतों द्वारा की जाती है।

  • इनके अतिरिक्त, किसानों द्वारा उनके प्रक्षेत्रों पर तैयार टमाटर, फूल गोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां, खीरा तथा लौकी श्रेणी की अन्य सब्जियों के बीज के सीधे विपणन में किसानों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।


खेतों में खड़ी फसलें



  • जैसा कि देखा जा रहा है कि इस बार ज्‍यादातर गेहूं उत्पादक प्रांतों में औसत तापमान विगत अनेक वर्षों के औसत तापमान से कम है, अतः गेहूं की कटाई कम-से-कम 10-15 दिन आगे बढ़ने की संभावना है। ऐसी दशा में किसान यदि 20 अप्रैल तक भी गेहूं की कटाई करें तो भी उन्हें कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा। इस प्रकार गेहूं की खरीदारी राज्य सरकारों व अन्य एजेंसियों द्वारा करना आसान होगा।

  • दक्षिण भारत के प्रातों में शीतकालीन (रबी) धान की फसल के दाने पुष्ट होने की अवस्था में हैं तथा नेक ब्लास्ट रोग से प्रभावित हैं। अतः किसानों को सलाह दी जाती है कि वे संबंधित रोगनाशक रसायन का छिड़काव सावधानीपूर्वक करें।

  • इन्हीं प्रांतों में धान की कटाई की अवस्था में यदि असामयिक बारिश हो जाए तो किसानों को 5 प्रतिशत लवण के घोल का छिड़काव फसल पर करना चाहिए, ताकि बीज अकुंरण को रोका जा सके।

  • उद्यानिकी फसलें, खासकर, आम के पेड़ पर इस समय फल बनने की अवस्था है। आम के बागों में पोषक तत्वों के छिड़काव तथा फसल सुरक्षा के उपायों के दौरान रासायनिक कच्‍चे माल का समुचित संचालन, उनका सम्मिश्रण, उपयोग तथा संबंधित संयंत्रों की सफाई अत्यंत आवश्यक है।

  • चना/सरसों/आलू/गन्ना/गेहूं के बाद खाली खेतों में जहां ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती होनी है वहां मूंग की फसलों में सफेद मक्‍खी के प्रबंधन हेतु उचित रसायनों के उपयोग के दौरान समुचित सुरक्षा का पालन करें, ताकि इन फसलों को पीले मोजैक (विषाणु) के प्रकोप से बचाया जा सके।


कोविड-19 के कारण किए गए लॉकडाउन के दौरान निम्नलिखित कृषि और संबद्ध गतिविधियों को छूट दी गयी हैः



  • पशु चिकित्सा अस्पताल।

  • एमएसपी परिचालनों सहित कृषि उत्पादों की खरीद हेतु उत्तरदायी समस्त अभिकरण।

  • जिन मंडियों का संचालन कृषि उपज मंडी समिति द्वारा किया जाता है या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाता है।



  • किसानों और खेत श्रमिकों द्वारा खेती का कार्य।

  • फार्म मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी)।

  • उर्वरक, कीटनाशक और बीज के विकास और पैकेजिंग में कार्यरत इकाइयां।

  • कम्बाइन हार्वेस्टर और कृषि/बागवानी उपकरणों की कटाई और बुवाई से संबंधित मशीनों की अंतर-राज्य आवाजाही।


इन छूटों से कृषि और खेती से संबंधित गतिविधियों को बिना किसी असुविधा के सुनिश्चित किया जा सकेगा ताकि आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके और किसानों को लॉकडाउन के दौरान किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार (इसके लिए संख्‍या 40-3/2020-डीएम-आई(ए) दिनांक 24, 25 और 27 मार्च, 2020 देखें) लॉकडाउन के दौरान कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित मंत्रालयों/विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ये अनुच्‍छेद 2, 4, 5 और 6 के अतिरिक्‍त हैं, जो भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुरोधों पर आधारित हैं।


भारत सरकार के नीति-निर्देशों के आधार पर कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित गतिविधियों को जारी रखने के लिए राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा कार्यान्वयन हेतु दिशा- निर्देश जारी कर दिये गये हैं।


 



टैरिफ अधिसूचना संख्या 36/2020-सीमा शुल्क (एन.टी.)

सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 (1962 की 52) की धारा 14 की उप-धारा (2) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने आवश्यक समझते हुए वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) में भारत सरकार की अधिसूचना संख्या 36/2001- सीमा शुल्क (एन.टी.), दिनांक 3 अगस्त 2001, जिसे भारत के राजपत्र, असाधारण भाग-II, अनुभाग-3, उप-अनुभाग (ii) में निम्नलिखित संशोधन किये हैं। इसके लिए संख्या एस.ओ. 748 (ई), दिनांक 3 अगस्त, 2001 देखें।


उपर्युक्त अधिसूचना में, तालिका-1, तालिका-2 और तालिका-3 के लिए निम्नलिखित तालिकाओं को प्रतिस्थापित किया जाएगा-


तालिका-1








































































क्र.सं.



अध्याय/शीर्षक/उप-शीर्षक/टैरिफ आइटम



वस्तुओं का विवरण



टैरिफ मूल्य (अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन)



(1)



(2)



(3)



(4)



1



15111000



कच्चा पाम तेल



588



2



15119010



आरबीडी पाम तेल



603



3.



15119090



अन्य-पाम तेल



596



4.



15111000



कच्चा पामोलिन



618



5.



15119020



आरबीडी पामोलिन



621



6.



15119090



अन्य-पामोलिन



620



7.



15071000



कच्चा सोयाबीन तेल



649



8.



74040022



पीतल कतरन (सभी श्रेणियां)



3084



9.



12079100



पोस्ता दाना



3623



 


तालिका-2










































क्र.सं.



अध्याय/शीर्षक/ उप-शीर्षक/टैरिफ आइटम



वस्तुओं का विवरण



टैरिफ मूल्य (अमेरिकी डॉलर)



(1)



(2)



(3)



(4)



1.



71 या 98



किसी भी रूप में सोना, जिसके संदर्भ में अधिसूचना संख्या 50/2017-सीमा शुल्क दिनांक 30.06.2017 की क्रम संख्या 356 में दर्ज प्रविष्टियों का लाभ उठाया जाता है



521 प्रति 10 ग्राम



2.



71 या 98



किसी भी रूप में चांदी, जिसके संदर्भ में अधिसूचना संख्या 50/2017-सीमा शुल्क दिनांक 30.06.2017 की क्रम संख्या 357 में दर्ज प्रविष्टियों का लाभ उठाया जाता है



454 प्रति (किलोग्राम)


 


 



3.



71



(i)पदकों एवं चांदी के सिक्कों को छोड़ किसी भी रूप में चांदी, जिसमें चांदी सामग्री 99.9 प्रतिशत से कम न हो, अथवा चांदी के ऐसे अर्द्ध-निर्मित स्वरूप जो उप-शीर्षक 7106 92 के अंतर्गत आते हों;


(ii) पदक एवं चांदी के सिक्के, जिनमें चांदी सामग्री 99.9 प्रतिशत से कम न हो, अथवा चांदी के ऐसे अर्द्ध-निर्मित स्वरूप जो 7106 92 के अंतर्गत आते हों, डाक, कुरियर अथवा यात्री सामान के जरिए इस तरह की वस्तुओं के आयात के अतिरिक्त।


व्याख्या-इस प्रविष्टि के प्रयोजन के लिए किसी भी रूप में चांदी में विदेशी मुद्रा वाले सिक्के, चांदी के बने जेवरात अथवा चांदी की बनी सामग्री शामिल नहीं होगी।



454 प्रति (किलोग्राम)


 



4.



71


 


 



(i) तोला बार को छोड़ सोने की छड़ (गोल्ड बार) जिनमें निर्माता अथवा परिष्कृत करने वाले की अंकित क्रम संख्या और मीट्रिक यूनिट में दर्शाया गया वजन दर्ज हो;


(ii) सोने के सिक्के जिनमें स्वर्ण सामग्री 99.5 प्रतिशत से कम न हो और गोल्ड फाइंडिंग्स, डाक या कुरियर अथवा यात्री सामान के जरिए इस तरह की वस्तुओं के आयात के अतिरिक्त।


व्याख्या-इस प्रविष्टि के प्रयोजन के लिए ‘गोल्ड फाइंडिंग्स’ से आशयएक ऐसे छोटे उपकरण जैसे हुक, बकल, पिन, कैच, स्क्रू बैक से है जिसका उपयोग पूरे गहने अथवा उसके एक हिस्से को आपस में जोड़े रखने के लिए किया जाता है



521 प्रति 10 ग्राम



तालिका-3
























क्र. सं.



अध्याय/शीर्षक/उप-शीर्षक/टैरिफ आइटम



वस्तुओं का विवरण



टैरिफ मूल्य


(अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन)



(1)



(2)



(3)



(4)



1



080280



सुपारी



3782



नोटः मुख्य अधिसूचना भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग-II, खंड-3, उप-खंड (ii) में प्रकाशित की गई थी, जिसके लिए अधिसूचना संख्या 36/2001- सीमा शुल्क (एन.टी.), दिनांक 3 अगस्त, 2001 देखें और संख्या एस.ओ. 748 (ई), दिनांक 3 अगस्त, 2001 देखें। इसे पिछली बार जो संशोधित किया गया था। उसके लिए अधिसूचना संख्या 33/2020- सीमा शुल्क (एन.टी.), दिनांक 26 मार्च, 2020 देखें। इसका ई-प्रकाशन भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग-II, खंड-3, उप-खंड (ii) में किया गया था, जिसके लिए संख्या एस.ओ. 1221 (ई), दिनांक 26 मार्च, 2020 देखें।



जन शिकायत और सुझावों के बारे में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत गठित अधिकारियों के अधिकार प्राप्त समूह 10 द्वारा कोविड-19 प्रतिक्रिया कार्यों का समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए किए गए फैसले     

जन शिकायत और सुझावों के बारे में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत गठित अधिकारियों के अधिकार प्राप्त समूह 10 की कोविड-19 प्रतिक्रिया कार्यों का समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 31 मार्च 2020 को बैठक हुई जिसमें समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और योजनाओं की रूपरेखा प्रस्‍तुत करने, योजना तैयार करने और कार्यनीति के संचालन तथा फैसलों के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने के बारे में निम्‍नलिखित फैसले किए गए। बैठक में मानव संसाधन विकास सचिव श्री अमित खरे, डीएआरपीजी सचिव डॉ. क्षत्रपति शिवाजी, गृह मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव श्री आशुतोष अग्निहोत्री,  मंत्रिमंडल सचिवालय में निदेशक श्रीमती मीरा मोहंती और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।


जन शिकायतें:


इस उद्देश्य का पालन करने के लिए प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग, कोविड 19 पर रोजाना रिपोर्ट तैयार करने के लिए 5 अधिकारियों की एक तकनीकी टीम का गठन करेगा, जिसमें सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर प्राप्त सुझावों और शिकायतों की सूची और निपटाने की स्थिति शामिल होगी। ।


प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग सभी केन्‍द्रीय मंत्रालयों/ विभागों और राज्य सरकारों को कोविड-19 जन शिकायत मामलों की बेहतर निगरानी के लिए दिशा-निर्देश देगा। प्रत्येक विभाग/ मंत्रालय कोविड 19 जन शिकायतों से निपटने के लिए प्राधिकृत नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा, प्राधिकृत नोडल अधिकारी का नाम, फोन नंबर और ई-मेल आईडी विभाग/ मंत्रालय की वेबसाइट पर दिया जाएगा। प्रत्येक विभाग/ मंत्रालय की वेबसाइट का सीपीजीआरएएमएस पर एक अलग क्षेत्र होगा ताकि कोविड 19 से जुड़ी शिकायतों पर अधिक केन्द्रित निगाह, निगरानी रखी जा सके और जनता की शिकायतों का निपटारा हो सके। प्रत्येक विभाग/मंत्रालय अपने संबंधित डैशबोर्ड पर कोविड 19 जन शिकायत निवारण की बारीकी से निगरानी करेगा। विभागों/मंत्रालयों में जहां सीपीजीआरएएमएस संस्करण 7.0 लागू कर दिया गया है, आखिरी शिकायत अधिकारियों को की जाएगी। कोविड 19 शिकायतों के निवारण की जरूरत और इसके महत्व को देखते हुए,  प्रत्येक मंत्रालय/ विभाग के अधिकारी पर निर्भर करेगा कि वह इन शिकायतों का 3 दिन की समय सीमा के भीतर निवारण कर दे।


प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग राज्य सरकारों के अपनाने के लिए इसी तरह के दिशा-निर्देश जारी करेगा।


प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग शीघ्र ही कोविड-19 राष्ट्रीय तैयारी सर्वेक्षण 2020 को अंतिम रूप देगा जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के 266 अधिकारियों ने जिलावार संवेदनशील जगहों की पहचान करने और बेहतर तैयारियों के लिए 23 बिन्‍दु की प्रश्‍नावली का जवाब दिया है। ये आईएएस अधिकारी  पिछले 5 वर्षों में भारत सरकार में सहायक सचिवों के रूप में कार्य कर चुके हैं। 


कोविड 19 पर सुझाव:


सरकार को प्राप्त सुझावों को MyGov.in द्वारा मिलाया जाएगा। MyGov को 46000 से अधिक सुझाव मिले हैं और कार्यान्वयन के लिए उन्‍हें विधिवत संसाधित किया जाएगा।



कोविड-19 के फैलाव को रोकने से संबंधित कर्तव्य चूक के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के चार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू

यह सक्षम प्राधिकारी के ध्यान में लाया गया है कि निम्नलिखित अधिकारी जो कोविड-19 के फैलाव को रोकने के संबंध में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत गठित राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार थे, प्रथम दृष्टया ऐसा करने में विफल रहे।



ये अधिकारी कोविड-19 से निपटने के लिए लॉकडाउन प्रतिबंध के दौरान जन स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे। अपने कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर चूक के कारण सक्षम प्राधिकारी ने निम्न अधिकारियों के खिलाफ  अनुशासनात्मक कार्यवाई शुरू की हैः-



  1. अपर मुख्य सचिव, परिवहन विभाग, जीएनसीटीडी- तत्काल प्रभाव से निलम्बित।

  2. अपर मुख्य सचिव, गृह एवं भूमि भवन विभाग, जीएनसीटीडी- कारण बताओ नोटिस।

  3. प्रधान सचिव, वित्त, जीएनसीटीडी- तत्काल प्रभाव से निलम्बित।

  4. एसडीएम सीलमपुर- कारण बताओ नोटिस।




देश के विभिन्न हिस्सों में  मालवाहक विमानों के जरिए की जा रही है चिकित्सा सामग्रियों की आपूर्ति

नागरिक उड्डयन मंत्रालय कोविड-19 से बचाव और उसकी जांच से जुड़े आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और संबंधित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में मालवाहक विमानों की उड़ानें संचालित कर रहा है। मंत्रालय  इसके लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर रहा है।  विभिन्न राज्यों की ओर से तत्काल जरूरत की मांग के आधार पर, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी आवश्यक सामग्रियों के लिए आपूर्ति एजेंसियों के साथ  भी समन्वय कर रहे हैं ताकि ऐसी सामग्रियों को उनके गंतव्यों तक आगे पहुँचाया जा सके। एयर  इंडिया और एलायंस एयर की उड़ानें पूरे देश में आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति के लिए संचालित की जा  रही हैं। इन उड़ानों के जरिए माल परिवहन के​ लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अधिकृत एजेंसियां ​​अपने क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों से संपर्क करती हैं और सामान की समय पर आपूर्ति और उसकी रसीद प्राप्त करने के लिए समन्वय स्थापित करती हैं।



देश के पूर्वी और उत्तर पूर्वी हिस्सों में आपूर्ति के लिए , एलायंस एयर की एक उड़ान गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और अगरतला के लिए आवश्यक चिकित्सा सामग्रियां लेकर 29 मार्च, 2020 को​ दिल्ली से कोलकाता गई।


देश के उत्तरी क्षेत्र  में आपूर्ति के लिए भारतीय वायुसेना के एक मालवाहक विमान के जरिए आईसीएमआर के वीटीएम किट और अन्य आवश्यक साम​ग्रियां  दिल्ली से चंडीगढ़ और लेह भेजी गईं। पुणे से दिल्ली लाए गए आईसीएमआर किटों कों (मुंबई -दिल्ली-हैदराबाद-चेन्नई-मुंबई और हैदराबाद - कोयम्बटूर) - के मार्गों पर संचालित  उड़ानों के जरिए शिमला, ऋषिकेश, लखनऊ और इम्फाल पहुंचाया जा रहा है। आईसीएमआर की किटें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी भी पहुंचाई गई हैं। चेन्नई और हैदराबाद के लिए अलग से इनकी खेप भेजी गई है।


पुणे से दिल्ली लाए गए आईसीएमआर किटों कों (मुंबई -दिल्ली-हैदराबाद-चेन्नई-मुंबई और हैदराबाद - कोयम्बटूर)  के मार्गों पर संचालित  उड़ानों के जरिए शिमला, ऋषिकेश, लखनऊ और इम्फाल पहुंचाया जा रहा है। आईसीएमआर की किटें आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी भी पहुंचाई गई हैं। चेन्नई और हैदराबाद के लिए अलग से इनकी खेप भेजी गई है। कपड़ा मंत्रालय की और से भेजी गई खेप को कोयंबटूर पहुंचाया गया है।


समय पर ढंग से गंतव्यों तक आपूर्ति पहुंचाने के लिए सूचनाओं को साझा करने, प्रश्नों का उत्तर देने और जमीनी स्तर पर किया जा रहा काम चौबीसों घंटे चल रहा है ताकि कोविड-19 से निबटने के प्रयासों को और सशक्त बनाया जा सके और इनके लिए आवश्यक मदद दी जा सके।


 




लॉकडाउन के बीच राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय- एनजीएमए नेअपने स्थानीय संग्रहों का वर्चुअल टूर शुरु कर मनाया स्थापना के 66 साल पूरे होने का जश्न

कोरोना वायरस (कोविड-2019) के मद्देनजर, देश में 21 दिनों के लिए लॉक डाउन रखा गया है। ऐसे में संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले संग्रहालय और पुस्तकालय अगले आदेश तक सार्वजनिक उपयोग के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसकी वजह से लोग राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमएमें प्रदर्शित उसके स्थायी  संग्रहों को देखने नहीं जा पा रहे हैं।


वर्तमान परिदृश्य में, अपने 66 वें स्थापना दिवस (29मार्च2020) की पूर्व संध्या पर, एनजीएमए ने लाकडाउन की अवधि के दौरान आगंतुकों के लिए भौतिक रूप से संग्रहालय का दौरा किए बिना उसके संग्रहों का आनंद लेने के लिए वर्चुअल टूर यानी आभासीय दौरा करने की सुविधा शुरू की है।  यह पहली बार है जब असाधारण परिस्थितियों में एनजीएमए ने कला प्रेमियों को अपने स्थायी संग्रह के आभासी दौरे की सुविधा प्रदान की है। संग्रहालय के महानिदेशक, श्री अद्वैत गडनायक ने कहा कि एनजीएमए के इस वचुर्अल टूर में देखने और विचार करने लायक बहुत कुछ है।


संग्रहालय के महानिदेशक ने कहा कि इस वर्चुअल टूर में प्रदर्शित मूर्तियां, पेंटिंग और प्रिंट हमारे संग्रहित वस्तुओं के छिपे हुए खजाने को दिखाने की ओर उठाया गया एक अगला कदम हैं।उन्होंने कहा कि एनजीएमए का यह वर्चुअल टूर आधुनिक कला के महारथियों  लिए एक श्रद्धांजलि  है और एनजीएमए का यह दृढ़ विश्वास है कि यह रचनात्मक माध्यम के रूप में मूर्तियों, चित्रों और प्रिंट की विरासत के प्रति लोगों में अधिक रुचि पैदा करेगा। वर्चुअल टूर का लिंक नीचे दिया गया है।



प्रधानमंत्री ने एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) चंदन सिंह राठौर के निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) चंदन सिंह राठौर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा। 'भारत हमेशा एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) चंदन सिंह राठौर की त्रुटिरहित सेवा को याद रखेगा। वह एक बहादुर एयर वॉरियर थे जिन्होंने एक मजबूत और सुरक्षित भारत के लिए योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति संवेदना। ओम शांति।'

मोदी सरकार कोविड-19 से लड़ाई के लिए देश भर में लागू 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान लोगों की मुश्किलों को दूर करने को प्रतिबद्ध : केंद्रीय गृह मंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान लोगों की मुश्किलों को दूर करने के दृष्टिकोण के मद्देनजर केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के उद्देश्य से लागू लॉकडाउन का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के वास्ते उचित कदम उठाने के लिए राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों की सरकारों के साथ संवाद किया। इसके साथ ही उन्होंने इस अवधि के दौरान प्रवासी कामगारों की आर्थिक दिक्कतों को दूर करने पर भी चर्चा की।


केंद्रीय गृह मंत्री के दिशा-निर्देशों के तहत गृह सचिव ने सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों को अपने गृह राज्य जाने से रोकने के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं से युक्त राहत शिविर बनाने और उनकी आर्थिक दिक्कतें दूर करने के वास्ते कदम उठाने को लिखा है, जिससे कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके।


लॉकडाउन के कदमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने और पलायन करने वाले कामगारों की आर्थिक दिक्कतें दूर करने के लिए सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को निम्नलिखित अतिरिक्त कदम उठाने की सलाह दी गई है:



  • राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों की सरकारें लॉकडाउन के कारण संबंधित इलाकों में फंसे प्रवासी कामगारों के साथ ही गरीब और वंचित लोगों के लिए अस्थायी आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें और खाद्य आदि का प्रावधान करें;

  • अपने गृह राज्यों या गृह नगर जाने के लिए निकलने वाले प्रवासी लोगों को संबंधित राज्य/ गृह नगरों द्वारा पर्याप्त जांच के बाद नजदीक के आश्रय स्थल पर कम से कम 14 दिन तक के लिए क्वारंटाइन (एकांतवास) में रखा जाए। इस दौरान मानकीकृत स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन किया जाए;

  • उद्योग या दुकानें या कोई अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हो, सभी नियोक्ता अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान उनके प्रतिष्ठान बंद रहने की अवधि के दौरान बिना किसी कटौती के अपने कार्यस्थल पर निश्चित तारीख पर ही भुगतान करें;

  • यह सुनिश्चित किया जाए कि किराये के घर में रहे प्रवासियों सहित सभी कामगारों से मकान मालिकों को एक महीने के किराये की मांग नहीं करनी चाहिए।

  • अगर कोई मकान मालिक जबरन किसी कामगार और छात्र से अपना घर खाली करने के लिए कहता है तो उनके खिलाफ कानून के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।


आदेश में कहा गया है कि उक्त निर्देशों में से किसी एक के उल्लंघन पर संबंधित राज्य/ संघ शासित क्षेत्र की सरकार को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत जरूरी कदम उठाने होंगे और जिलाधिकारी/ उप आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस उपायुक्त उक्त दिशानिर्देशों और पूर्व में जारी लॉकडाउन के उपायों को लागू करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे।



कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने सभी एनएसटीआई को कोविड-19 के लिए क्वारंटीन केंद्रों के रूप में उपयोग किए जाने के लिए तैयार किया

नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार से लड़ने के लिए सरकार की तैयारी के एक हिस्से के रूप में, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीआई) ने देश भर के सभी राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) एवं उनके छात्रावासों को कोविड-19 के लिए क्वारंटीन/आइसोलेशन केंद्रों के रूप में परिवर्तित करने का फैसला किया है। यह निर्णय मंत्रालय द्वारा महामारी के लिए केंद्र सरकार की तैयारी के प्रयासों के अनुरूप किया गया है जिसकी वजह से लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को प्रोत्साहित करने के लिए तीन सप्ताह का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन किया गया है।


एमएसडीआई ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को लगभग एक लाख कार्मिकों की सूची भी उपलब्ध कराई है जिन्हें स्किल इंडिया मिशन के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल कौशलों में प्रशिक्षित किया गया है। विभिन्न रोजगार भूमिका में प्रशिक्षित, ये उम्मीदवार प्रसार को नियंत्रित करने एवं स्थापित किए जा रहे नए क्वारंटीन/आइसोलेशन/अस्पताल सुविधा केंद्रों में संक्रमित लोगों के उपचार एवं देखभाल के प्रयासों को बढ़ावा देंगे।


इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ 2000 हेल्थकेयर प्रशिक्षकों एवं 500 से अधिक हेल्थकेयर एसेसर्स की सूची भी साझा की गई है।


इसके अतिरिक्त, कार्मिक मंत्रालय ने कारोना वायरस महामारी से लड़ने के सरकार के प्रयासों में मदद करने के लिए कम से कम एक दिन के वेतन का योगदान पीएम केयर्स फंड को देने का भी फैसला किया है।


कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि एनएसटीआई को जोड़े जाने से अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों के लिए एक विकल्प उपलब्ध कराने के द्वारा वायरस द्वारा संक्रमित लोगों के उपचार में जिला एवं राज्य प्रशासनों को भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘ नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के अभूतपूर्व प्रसार द्वारा उत्पन्न वैश्विक आपातकाल को देखते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय इस महामारी से लड़ने में केंद्रीय सरकार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा।‘ हमने एनएसटीआई के सभी क्षेत्रीय निदेशकों से आग्रह किया है कि वे उत्पन्न होने वाली स्थिति की आवश्यकता की पूर्ति में सहायता करने के लिए पूरी तरह राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ सहयोग करें।


इसके अतिरिक्त, राज्य सरकारें भी इस कार्य के लिए आईटीआई के परिसरों का उपयोग कर सकती हैं।‘


प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा संचालित, एनएसटीआई वे उत्कृष्ट संस्थान हैं जो देश भर में फैले अपने प्रशिक्षण केंद्रों एवं छात्रावासों में विशिष्ट कौशलों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है। लगभग एक लाख उम्मीदवार, जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आपातकाल और आइसोलेशन कार्यों में सहायता देंगे, को विभिन्न रोजगार में प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:


पीएमकेवीवाई स्वास्थ्य प्रशिक्षित : 92 ,040     आपातकालीन मेडिकल टेकनिशियन (बेसिक) : 989


रेडियोलॉजी : 373                                                            होम हेल्थ ऐड : 1644


एक्सरे टेकनिशियन : 299                                              जनरल ड्यूटी सहायक : 10 ,172


अग्रिमपंक्ति स्वास्थ्य कार्यकर्ता : 530                                            फ्लेबोटोमी टेकनिशियन : 334


कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय अपने रोजगारपरकता कौशलों को बढ़ाने पर फोकस करता है। अपनी शुरुआत से ही कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने नीति, संरचना एवं मानकों को औपचारिक रूप देने, नए कार्यक्रमों एवं योजनाओं को आरंभ करने, नई अवसंरचना का सृजन करने एवं वर्तमान संस्थानों का उन्नयान करने, राज्यों के साथ साझीदारी करने, उद्योगों के साथ सहयोग करने एवं कौशलों के लिए समाजगत स्वीकृति एवं आकांक्षाओं का निर्माण करने के लिहाज से उल्लेखनीय पहल और सुधार किए हैं। मंत्रालय का उद्वेश्य न केवल वर्तमान रोजगारों, बल्कि उन रोजगारों के लिए भी जिनका सृजन किया जाना है, के लिए नए कौशलों एवं नवोन्मेषण का निर्माण करने के लिए कुशल श्रमबल की मांग एवं आपूर्ति के बीच अंतराल को कम करना है। अभी तक स्किल इंडिया के तहत तीन करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। अपने प्रमुख कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 2016-2020 के तहत, मंत्रालय ने अभी तक 73 लाख से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है।



केंद्रीय मंत्री श्री गौड़ा ने कोविड-19 से निपटने में मदद के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में अपने एक मास का वेतन और सांसद निधि से 1 करोड़ रुपये दिए

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री सदानंद गौड़ा ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चलाए गए राहत कार्यों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में अपने एक महीने का वेतन तथा सांसद निधि से एक करोड रुपए देने का फैसला किया है।


श्री गौड़ा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कोविड​​-19 महामारी से लड़ने की तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर, मैं अपना एक महीने का वेतन और सांसद निधि से 1 करोड़ रुपये  दान कर रहा हूं ताकि इसका इस्तेमाल बचाव और उपचार के कामों के लिए किया जा सके।


श्री गौड़ा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा समय-समय पर तेजी से सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहत उपायों का उद्देश्य आम लोगों विशेषकर गरीबों और श्रमिकों के लिए हर संभव सर्वोत्तम सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना है।



ईपीसीएच ने आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर स्प्रिंग-2020 के 49वें संस्करण को रद्द किया

भारत और विदेशों में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ईपीसीएच) द्वारा आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर स्प्रिंग-2020 के 49 वें संस्करण को रद्द कर दिया गया है। ईपीसीएच के महानिदेशक, राकेश कुमार ने कहा कि चूंकि देश लॉकडाउन की स्थिति में है, इसलिए निकट भविष्य में इस प्रकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन करना अव्यवहार्य बन गया है।


इससे पहले, 15-19 अप्रैल, 2020 को इस मेले का आयोजन होने वाला था, जिसे इस उम्मीद के साथ स्थगित कर दिया गया था कि कोविड-19 की स्थिति में सुधार आ जाएगा और मेले का आयोजन जून/जुलाई में कभी भी किया जा सकता है।


इस मेले में 10,000 से ज्यादा आगंतुकों और 7,000 विदेशी खरीदारों और उनके प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद थी, जिसमें पूरे देश से भारतीय हस्तशिल्प में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 3,200 से ज्यादा प्रदर्शकों द्वारा मेजबानी किया जाना था।


हस्तशिल्प, सामूहिक गतिविधि पर आधारित होता है और इस मेले के रद्द होने से प्रमुख शिल्प समूहों जैसे मुरादाबाद, सहारनपुर, जोधपुर, जयपुर, आगरा, नरसापुर, फिरोजाबाद और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का निर्यात प्रभावित होने वाला है।


आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर ऑटम के 50वें संस्करण का आयोजन 14-18 अक्टूबर 2020 को इंडिया एनसीआर सेंटर और मार्ट, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली एनसीआर में किया जाएगा।