Monday, February 3, 2020

 ‘सीडीआरआई’ आपदा सक्षम अवसंरचना पर फोकस करते हुए जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाएगा : वित्‍त मंत्री

     केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आपदा सक्षम अवसंरचना पर फोकस कर जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाने के सरकारी लक्ष्‍य पर विशेष बल देते हुए आज केन्‍द्रीय बजट 2020-21 में पर्यावरण सेक्‍टर से संबंधित विभिन्‍न प्रस्‍तावों को पेश किया।     


 केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि आपदा सक्षम अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) का शुभारंभ सितम्‍बर 2019 में किया गया था, जिसका सचिवालय दिल्‍ली में है। उन्‍होंने कहा, ‘इस वैश्विक भागीदारी से अनेक सतत विकास लक्ष्‍यों (एसडीजी) के साथ-साथ सेंडाई फ्रेमवर्क के लक्ष्‍यों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी। इससे आपदा सक्षम अवसंरचना पर फोकस करते हुए जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाना आसान होगा।’


      वित्‍त मंत्री ने किसी देश की विकास संबंधी अनिवार्यताओं को ध्‍यान में रखते हुए पेरिस समझौता, 2015 के तहत उल्लिखित ‘राष्‍ट्रीय स्‍तर पर निर्धारित अंशदान (एनडीसी)’ को सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया। उन्‍होंने यह आश्‍वासन दिया कि सामान्‍य बजट प्रक्रिया के जरिए संबंधित वि‍भागों एवं मंत्रालयों द्वारा विभिन्‍न सेक्‍टरों में ठोस कदमों के रूप में भारत की प्रतिबद्धताओं पर अमल किया जाएगा।        


      श्रीमती निर्मला सीतारमण ने पुराने ताप विद्युत संयंत्रों के कारण हो रहे व्‍यापक कार्बन उत्‍सर्जन के मुद्दे पर प्रकाश डाला। वित्‍त मंत्री ने इस तरह के संयंत्रों को बंद करने और वैकल्पिक प्रयोजन के लिए खाली पड़ी भूमि का उपयोग करने संबंधी सरकारी प्रस्‍ताव के बारे में बताया।  


वित्‍त मंत्री ने 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में स्‍वच्‍छ हवा की उपलब्‍धता न होने पर भी चिंता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने अधिक से अधिक स्‍वच्‍छ हवा सुनिश्चित करने के लिए राज्‍यों को योजनाएं तैयार एवं कार्यान्वित करने के लिए प्रोत्‍साहित करने संबंधी सरकार की मंशा के बारे में विस्‍तार से बताया। इस पहल हेतु 2020-21 की अवधि के लिए 4,400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है और संबंधित पहलों के लिए उपयुक्‍त मानदंडों को जल्‍द ही पर्यावरणवन एवं जलवायु परितर्वन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।  



उद्यमिता हमेशा से भारत की ताकत रही है: श्रीमती निर्मला सीतारमण

     केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि उद्यमशीलता हमेशा से भारत की ताकत रही है और हमारे युवा एवं युवतियां अपने उद्यमशीलता कौशल के साथ भारत के विकास में योगदान करते रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हम हमारे युवाओं के ज्ञान, कौशल और जोखिम लेने की उनकी क्षमता को मानते हैं। वे रोजगार की तलाश करने वाले ही नहीं हैं, बल्कि अब वे रोजगार सृजन करने वाले बन गए हैं।


       वित्‍त मंत्री ने युवा उद्यमियों को अंतिम छोर तक सुविधा एवं सहायता मुहैया कराने के लिए एक निवेश क्लियरेंस प्रकोष्‍ठ स्‍थापित करने और बाधाओं को दूर करने की घोषणा की। उन्‍होंने पीपीपी मॉडल के तहत राज्‍यों के सहयोग से पांच नई स्‍मार्ट सिटी विकसित करने का भी प्रस्‍ताव दिया। शहरों का चयन उपरोक्‍त सिद्धांतों के लिए बेहतरीन विकल्‍पों के आधार पर किया जाएगा।


      श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि इलेक्‍ट्रॉनिक विनिर्माण उद्योग काफी प्रतिस्‍पर्धी है और उसमें रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि भारत को घरेलू विनिर्माण को प्रोत्‍साहित करने और इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स मूल्‍य श्रृंखला में बड़े निवेश आकर्षित करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने मोबाइल फोन, इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण और सेमी-कंडक्‍टर पैकेजिंग के विनिर्माण को प्रोत्‍साहित करने के लिए एक योजना की घोषणा की। उन्‍होंने तकनिकी कपड़ा क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनाने के लिए एक राष्‍ट्रीय तकनिकी कपड़ा मिशन शुरू करने का प्रस्‍ताव दिया। इसकी कार्यान्‍वयन अवधि 2020-21 से 2023-24 तक चार वर्षों की होगी और इसका अनुमानित व्‍यय 1480 करोड़ रुपए होगा।


      वित्‍त मंत्री ने गुणवत्‍ता एवं मानक के संदर्भ में लाल किले से प्रधानमंत्री के संबोधन का उल्‍लेख किया, जिसमें उन्‍होंने ‘जीरो डिफेक्‍ट – जीरो इफेक्‍ट’ विनिर्माण की बात कही। उन्‍होंने कहा कि पूरे साल के दौरान सभी मंत्रालय गुणवत्‍ता मानक संबंधी आदेश जारी करेंगे।


      वित्‍त मंत्री ने अधिक निर्यात ऋण वितरण के लिए एक नई योजना निर्विक के लिए की घोषणा की। इसके तहत छोटे निर्यातकों के लिए अधिक बीमा कवरेज और प्रीमियम में कमी के प्रावधान के साथ दावों के निपटान की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। उन्‍होंने आगे कहा कि पांचवें वर्ष के अंत तक इस योजना से करीब 30 लाख करोड़ रुपए के निर्यात को मदद मिलने की उम्‍मीद है। उन्‍होंने निर्यातकों के लिए केंद्र, राज्‍य और स्‍थानीय स्‍तर पर शुल्‍कों एवं करों जैसे बिजली शुल्‍क और परिवहन के लिए इस्‍तेमाल ईंधन पर वैट आदि के डिजिटल रिफंड व्‍यवस्‍था की घोषणा की। इस प्रकार के शुल्‍कों में किसी अन्‍य मौजूदा व्‍यवस्‍था के तहत रिफंड अथवा छूट नहीं दी जाती है।


      श्रीमती निर्मला सीतारण ने वस्‍तुओं, सेवाओं और कार्यों की एकीकृत खरीद प्रणाली स्‍थापित करने के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केटप्‍लेस (जीईएम) स्‍थापित करने की घोषणा की। उन्‍होंने जीईएम के कुल कारोबार को 31 लाख करोड़ रुपए रखने का प्रस्‍ताव दिया। उन्‍होंने वर्ष 2020-21 में उद्योग एवं वाणिज्‍य के विकास एवं संवर्द्धन के लिए 27300 करोड़ रुपए उपलब्‍ध कराने का प्रास्‍तव दिया।



टैरिफ अधिसूचना संख्या-8/2020-सीमा शुल्क (एन.टी.)

सीमा शुल्‍क अधिनियम, 1962 (1962 की 52) की धारा 14 की उप-धारा (2) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए केन्‍द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्‍क बोर्ड (सीबीआईसी) ने आवश्‍यक समझते हुए वित्‍त मंत्रालय (राजस्‍व विभाग) में भारत सरकार की अधिसूचना संख्‍या 36/2001-सीमा शुल्‍क (एनटी), दिनांक 3 अगस्त 2001, जिसे भारत के गजट में विशेष रूप से संख्‍या एस.ओ. 748 (ई) के नाम से भाग-।।, अनुभाग-3, उप-अनुभाग (ii) में दिनांक 3 अगस्‍त, 2001 को प्रकाशित किया गया है, में निम्‍नलिखित संशोधन किये हैं।


उपर्युक्‍त अधिसूचना में, तालिका-1 और तालिका-2 के लिए निम्‍नलिखित तालिकाओं को प्रतिस्थापित किया जाएगा : -


तालिका – 1








































































क्र.सं.



अध्याय / शीर्षक / उप-शीर्षक / टैरिफ मद



वस्‍तुओं का विवरण



टैरिफ मूल्य


(अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन)



(1)



(2)



(3)



(4)



1



1511 10 00



कच्चा पाम तेल



821



2



1511 90 10



आरबीडी पाम तेल



847



3



1511 90 90



अन्य - पाम तेल



834



4



1511 10 00



कच्चा पामोलिन



851



5



1511 90 20



आरबीडी पामोलिन



854



6



1511 90 90



अन्य - पामोलिन



853



7



1507 10 00



कच्चा सोयाबीन तेल



865



8



7404 00 22



पीतल कतरन


(सभी श्रेणियां)



3607



9



1207 91 00



पोस्ता दाना



3623



 


तालिका-2


 






























क्र.सं.



अध्याय / शीर्षक / उप-शीर्षक / टैरिफ आइटम



वस्‍तुओं का विवरण



टैरिफ मूल्य


(अमेरिकी डॉलर)



(1)



(2)



(3)



(4)



1



71 या 98



किसी भी रूप में सोना, जिसके संदर्भ में अधिसूचना संख्‍या 50/2017- सीमा शुल्‍क दिनांक 30.06.2017 की क्रम संख्‍या 356 में दर्ज प्रवि‍ष्टियों का लाभ उठाया जाता है



508 प्रति 10 ग्राम



2



71 या 98



किसी भी रूप में चांदी, जिसके संदर्भ में अधिसूचना संख्‍या 50/2017- सीमा शुल्‍क दिनांक 30.06.2017 की क्रम संख्‍या 357 में दर्ज प्रवि‍ष्टियों का लाभ उठाया जाता है



572 प्रति किलो




दिसम्‍बर, 2019 में आठ कोर उद्योगों का सूचकांक (आधार वर्ष : 2011-12=100)

आठ कोर उद्योगों के सूचकांक(आधार वर्ष: 2011-12=100) का सार अनुलग्‍नक में दिया गया है।


औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल वस्तुओं के भारांक (वेटेज) का 40.27 प्रतिशत हिस्सा आठ कोर उद्योगों में शामिल होता है। आठ कोर उद्योगों का संयुक्‍त सूचकांक दिसम्‍बर, 2019 में 133.2 अंक रहा, जो दिसम्‍बर 2018 में दर्ज किए गए सूचकांक के मुकाबले 1.3 प्रतिशत अधिक है। वहीं, वर्ष 2019-20 की अप्रैल- दिसम्‍बर अवधि के दौरान आठ कोर उद्योगों की संचयी उत्‍पादन वृद्धि दर 0.2 प्रतिशत रही।


कोयला


दिसम्‍बर, 2019 में कोयला उत्‍पादन (भारांक: 10.33%) दिसम्‍बर, 2018 के मुकाबले 6.1  प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2019-20 की अप्रैल- दिसम्‍बर अवधि के दौरान कोयला उत्‍पादन की वृद्धि दर पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.8 प्रतिशत कम रही।
कच्‍चा तेल


दिसम्‍बर, 2019 के दौरान कच्‍चे तेल का उत्‍पादन (भारांक: 8.98%) दिसम्‍बर, 2018 की तुलना में 7.4 प्रतिशत गिर गया। वर्ष 2019-20 की अप्रैल- दिसम्‍बर अवधि के दौरान कच्‍चे तेल का उत्‍पादन बीते वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6.0 प्रतिशत कम रहा।


प्राकृतिक गैस


दिसम्‍बर, 2019 में प्राकृतिक गैस का उत्‍पादन (भारांक: 6.88%) दिसम्‍बर, 2018 के मुकाबले 9.2 प्रतिशत गिर गया। वर्ष 2019-20 की अप्रैल- दिसम्‍बर अवधि के दौरान प्राकृतिक गैस का उत्‍पादन पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.8 प्रतिशत घट गया।


रिफाइनरी उत्‍पाद


पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्‍पादों का उत्‍पादन (भारांक: 28.04%) दिसम्‍बर, 2019 में दिसम्‍बर 2018 के मुकाबले 3.0 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2019-20 की अप्रैल- दिसम्‍बर अवधि के दौरान पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्‍पादों का उत्‍पादन पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 0.6 प्रतिशत कम रहा।


उर्वरक


दिसम्‍बर 2018 के मुकाबले दिसम्‍बर, 2019 के दौरान उर्वरक उत्‍पादन (भारांक: 2.63%) 10.2 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2019-20 की अप्रैल- दिसम्‍बर अवधि के दौरान उर्वरक उत्‍पादन बीते वित्‍त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.7 प्रतिशत अधिक रहा।


इस्‍पात


दिसम्‍बर 2018 के मुकाबले दिसम्‍बर, 2019 में इस्‍पात उत्‍पादन (भारांक: 17.92%) 1.9 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2019-20 की अप्रैल- दिसम्‍बर अवधि के दौरान इस्‍पात उत्‍पादन पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 5.2 प्रतिशत ज्‍यादा रहा।


सीमेंट


दिसम्‍बर, 2019 के दौरान सीमेंट उत्‍पादन (भारांक: 5.37%) दिसम्‍बर, 2018 के मुकाबले 5.5 प्रतिशत अधिक रहा। वर्ष 2019-20 की अप्रैल- दिसम्‍बर अवधि के दौरान सीमेंट उत्‍पादन बीते वित्‍त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 0.7 प्रतिशत अधिक हुआ।


बिजली


दिसम्‍बर, 2019 के दौरान बिजली उत्‍पादन (भारांक: 19.85%) दिसम्‍बर, 2018 के मुकाबले 1.6 प्रतिशत गिर गया। वर्ष 2019-20 की अप्रैल- दिसम्‍बर अवधि के दौरान बिजली उत्‍पादन पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 0.5 प्रतिशत अधिक रहा।


नोट 1: अक्‍टूबर 2019 नवम्‍बर, 2019 और दिसम्‍बर, 2019 के आंकड़े अनंतिम हैं।


नोट 2: अप्रैल, 2014 से ही बिजली उत्पादन के आंकड़ों में नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त बिजली को भी शामिल किया जा रहा है।


नोट 3: जनवरी 2020 के लिए सूचकांक शुक्रवार, 28 फरवरी, 2020 को जारी किया जाएगा।