Monday, February 3, 2020

वित्त विधेयक 2020 में प्रस्ताव के संबंध में स्पष्टीकरण

वित्त विधेयक, 2020 में प्रस्ताव रखा गया है कि किसी भारतीय नागरिक को भारत में निवासी माना जाएगा, अगर वह किसी देश या अधिकार क्षेत्र में कर लगाए जाने के लिए उत्तरदायी नहीं है। यह एक दुरूपयोग-रोधी प्रावधान है क्योंकि ऐसा संज्ञान में आया है कि कुछ भारतीय नागरिक भारत में कर भुगतान से बचने के लिए निम्न या कर रहित अधिकार क्षेत्र में अपना ठहराव स्थानांतरित कर लेते हैं।


नए प्रावधान का उद्देश्य उन भारतीय नागरिकों को कर के दायरे में शामिल करना नहीं है जो अन्य देशों में वास्तविक श्रमिक हैं। मीडिया के कुछ हिस्सों में, नए प्रावधान की व्याख्या इस प्रकार की छवि का निर्माण करने के लिए की जा रही है कि जो भारतीय मध्य-पूर्व सहित अन्य देशों में वास्तविक श्रमिक हैं, और जो इन देशों में कर के उत्तरादायी नहीं है, उन पर भारत में उस आय पर कर लगाया जाएगा जो उन्होंने यहां अर्जित किया है। यह व्याख्या सही नहीं है।


किसी भी प्रकार की गलत व्याख्या से बचने के लिए, यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी ऐसे भारतीय नागरिक के मामले में, जो इस प्रस्तावित प्रावधान के तहत भारत का मानद नागरिक बन जाता है, उसके द्वारा भारत से बाहर अर्जित आय पर भारत में कर नहीं लगाया जाएगा जबतक कि यह किसी भारतीय व्यवसाय या पेशे से उत्पन्न नहीं है। अगर आवश्यकता हुई तो कानून के सुसंगत प्रावधान में आवश्यक स्पष्टीकरण शामिल किए जाएंगे।



"हमें ऐसे साधारण पुरुष मिले जो पितृसत्तात्मक प्रवृत्ति को बदलने के लिए असाधारण काम कर रहे हैं" - निर्देशक विभा बख्शी

मुंबई के फिल्म प्रभाग में आज एमआईएफएफ प्रदर्शनी के राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में प्रदर्शित दोनों फिल्मों सन राइज़ ’और शेवंती के निर्देशकों ने आज मीडिया के साथ बातचीत की।


आज एमआईएफएफ में अपनी फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता, निर्देशक (सन राइज़) विभा बख्शी और निर्देशक (शेवंती), नीलेश कुंजिर ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स के लिए मीडिया से मुलाकात की।


विभा बक्शी ने हरियाणा में शूटिंग के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा ‘‘एक सामान्य किसान सामूहिक बलात्कार की पीड़िता से विवाह करने और उसे न्याय दिलाने कि दिशा में काम करने के दौरान किस प्रकार समाज का सामना करता है।’’ हरियाणा पुरूष प्रधान समाज का भारत का केन्द्र है लेकिन  यह वह जगह भी है जहां महिलाओं का समर्थन करने वाले नायक पैदा होते हैं। उन्होंने कहा, हमें ऐसे साधारण पुरुष मिले जो पितृसत्तात्मक प्रवृत्ति को बदलने के लिए असाधारण काम कर रहे हैं"। हमारे नायक, जिनमें से सभी हरियाणा के हैं, हमारे लोगों के लिए उदाहरण हैं। उम्मीद है कि हमारी फिल्में लैंगिक मुद्दों के समाधान में महिलाओं के साथ एकजुट होने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगी।


ग्रामीण हरियाणा पर आधारित एक गैर फीचर वृत चित्र सन राइज प्रदर्शित करती है कि साधारण आदमी किस प्रकार असाधारण चीजें कर सकते हैं। इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर एवं गैर फीचर में सर्वश्रेष्ठ संपादन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उन्होंने कहा ‘संपादन में 8 महीनों से अधिक का समय लगा और हेमन्ती सरकार देश की सर्वश्रेष्ठ संपादक हैं।’


शेवंती एक विवाहित पति-पत्नी के जीवन और समय व्यतीत होने के साथ उनके संबंध किस प्रकार पनपते हैं, पर आधारित एक लघु फिल्म है। यह फिल्म एक मराठी लेखक चन्द्रशेखर गोखले द्वारा लिखित एक लघु कथा पर आधारित है। निदेशक नीलेश कुंजिर ने कहा, मैंने यह फिल्म बनाना इसलिए पसंद किया क्योंकि मुझे कहानी अच्छी लगी और मैंने इस फिल्म को बिना डायलॉग के बनाने का फैसला किया। मैंने महसूस किया कि यह विजुअल के जरिए अधिक प्रभावी बन सकती है। इस फिल्म को आधिकारिक रूप से एशियाई फिल्म समारोह के लिए चुना गया है। यह पूछे जाने पर वह कैसे अपने लेखन में महिला चरित्रों को इतनी अच्छी तरह प्रदर्शित कर पाते हैं, चन्द्रशेखर गोखले ने कहा, ‘मैं सारा श्रेय अपनी मां को देता हूं, जो बहुत भावनापूर्ण थीं और उन्होंने मुझे महिलाओं की भावना को समझना सिखाया।’    



यह व्‍यावहारिक, समग्र तथा जनता का बजट है : डॉ. हर्ष वर्धन

            बजट 2020-21 को ऐतिहासिक बजट बताते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. हर्ष वर्धन ने आज नई दिल्‍ली में इसे व्‍यावहारिक, दूरदर्शी, प्रगतिशील तथा जनता का बजट बताया, क्‍योंकि इसका लक्ष्‍य एक महत्‍वाकांक्षी भारत के तीन महत्‍वपूर्ण तथा मूलभूत स्‍तंभों का निर्माण करना है तथा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के ध्‍येय के साथ सबके रहन-सहन के स्‍तर में सुधार लाना, सभी का आर्थिक विकास करना और एक मानवीय तथा करूणामय समाज बनाना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी तथा वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण को धन्‍यवाद देते हुए, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह एक समावेशी बजट है, जो गरीब-समर्थक, किसान-समर्थक, उपेक्षित-समर्थक तथा सभी क्षेत्रों के विकास के लिए तथा कुल मिलाकर देश के विकास के लिए है। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह एक नये भारत के लिए प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए आधारशिला स्‍थापित करेगा।


      डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग के लिए बजट अनुमान में 3.75 प्रतिशत की सराहनीय वृद्धि की गई है, जबकि स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान विभाग के लिए आवंटन में 10 प्रतिशत वृद्धि की गई है। यह इस बात का सूचक है कि सरकार स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र पर काफी ध्‍यान दे रही है। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को कुल मिलाकर 69,000/- करोड़ रुपये दिये गये हैं। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि इस बजट में देश के विकास एवं समृद्धि की यात्रा में एक प्रमुख इंजन के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को स्‍थान दिया है।


      केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि बजट 2020-21 में चिकित्‍सा अवसंरचना, स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में मानव संसाधन और समग्र स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण पर जोर दिया गया है। चिकित्‍सा अवसंरचना को सशक्‍त बनाने के लिए सरकार महत्‍वकांक्षी जिलों, विशेषकर दूसरे एवं तीसरे दर्जों के महानगरों में अस्‍पतालों के निर्माण में सहायता देगी, जहां आयुष्‍मान भारत पीएमजेएवाई के तहत पेनलबद्ध अस्‍पताल नहीं हैं। यह सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत किया जायेगा। इसके अलावा राष्‍ट्रीय अवसंरचना पाईपलाइन (एनआईपी) के तहत 6,500 परियोजनाओं में ‘सबके लिए स्‍वास्‍थ्‍य’ परियोजनाएं शामिल हैं। सुयोग्‍य चिकित्‍सकों (विशेषज्ञ एवं सामान्‍य चिकित्‍सक) की कमी को पूरा करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के प्रारूप में मौजूदा जिला अस्‍पतालों के साथ चिकित्‍सा महाविद्यालय को संलग्‍न करने का प्रस्‍ताव किया गया है।



वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2019 संबधी संयुक्त समिति ने मत और सुझाव आमंत्रित किए

लोकसभा में यथा पुर:स्थापित वैयक्तिक डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 संसद सदस्य श्रीमती मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली दोनो सदनों की संयुक्त संसदीय समिति को जांच करने और उस पर प्रतिवेदन के लिए भेजा गया है। विधेयक पर संबधित व्यक्तियों और संघों/निकायों से मत एवं सुझाव लेने का निर्णय लिया गया है। वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक,2019 को लोकसभा की वेबसाइट (loksabha.nic.in/legislations/bills introduced/BILL NO.373) पर अपलोड किया गया है।


इच्छुक व्यक्ति इस विषय पर अपने मत और सुझाव की दो प्रतियाँ (अंग्रेजी या हिंदी) में निदेशक, लोकसभा सचिवालय, कमरा संख्या 152, संसदीय सौध, नई दिल्ली-110001 या ईमेल jpc-datalaw@sansad.in और mrs.mlekhi@sansad.nic.in पर इसके प्रकाशन की तारीख से 3 सप्ताह के अंदर भेज सकते हैं।


समिति को प्रस्तुत ज्ञापन समिति के अभिलेख का भाग होगा और इसे गोपनीय माना जाएगा तथा इस पर समिति का विशेषाधिकार होगा।


जो व्यक्ति ज्ञापन प्रस्तुत करने के अलावा समिति के समक्ष उपस्थित होने के इच्छुक हैं उनसे अनुरोध है कि वह स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख करें। तथापि इस बारे में अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा।