Monday, February 3, 2020

जनवरी, 2020 के लिए रुपये 1,10,828 करोड़ जीएसटी सकल राजस्व संग्रहित किया गया

जनवरी 2020 में संग्रहित सकल जीएसटी राजस्व रुपये 1,10,828 करोड़ है जिसमें से सीजीएसटी रुपये 20,944 करोड़, एसजीएसटी रुपये 28,224 करोड़ (आयातों पर संग्रहित रुपये 23,481 करोड़) और सेस रुपये 8,637 करोड़ (आयातों पर संग्रहित रुपये 824 करोड़) है। 31 जनवरी, 2020 तक दिसम्बर महीने के लिए फाइल किए गए जीएसटीआर 3बी रिटर्न की कुल संख्या 83 लाख (अनंतिम) है।


सरकार ने नियमित निपटान के रूप में सीजीएसटी को रुपये 24,730 करोड़ और आईजीएसटी से एसजीएसटी को रुपये 18,199 करोड़ का निपटान किया है। जनवरी 2020 में नियमित निपटान के बाद केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए रुपये 45,674 करोड़ और एसजीएसटी के लिए  रुपये 46,433 करोड़ है।


घरेलू कारोबार से जनवरी 2020 के दौरान जीएसटी राजस्वों ने जनवरी 2019 के राजस्व की तुलना में 12 प्रतिशत की प्रभावी वृद्धि दर्ज की है।


चार्ट वर्तमान वर्ष के दौरान राजस्व का रूझान प्रदर्शित करता है। सारणी जनवरी 2019 की तुलना में जनवरी 2020 के दौरान प्रत्येक राज्य में संग्रहित जीएसटी के राज्य-वार आंकड़े प्रदर्शित करती है।  


जनवरी 2020 के लिए राज्य-वार आंकड़े






























































































































































































































































































 



 राज्य



जनवरी-19



जनवरी-20



वृद्धि



1



जम्मू और कश्मीर



331



371



12%



2



हिमाचल प्रदेश



647



675



4%



3



पंजाब



1,216



1,340



10%



4



चण्डीगढ



159



195



22%



5



उत्तराखण्ड



1,146



1,257



10%



6



हरियाणा



4,815



5,487



14%



7



दिल्ली



3,525



3,967



13%



8



राजस्थान



2,776



3,030



9%



9



उत्तर प्रदेश



5,485



5,698



4%



10



बिहार



1,039



1,122



8%



11



सिक्किम



176



194



11%



12



अरूणाचल प्रदेश



38



52



36%



13



नागालैंड



17



32



84%



14



मणिपुर



24



35



48%



15



मिजोरम



26



24



-8%



16



त्रिपुरा



52



56



8%



17



मेघालय



104



128



24%



18



असम



787



820



4%



19



पश्चिम बंगाल



3,495



3,747



7%



20



झारखण्ड



1,965



2,027



3%



21



ओडिशा



2,338



2,504



7%



22



छत्तीसगढ़



2,064



2,155



4%



23



मध्य प्रदेश



2,414



2,674



11%



24



गुजरात



6,185



7,330



19%



25



दमन एवं दीव



101



117



16%



26



दादर एवं नागर हवेली



173



165



-5%



27



महाराष्ट्र



15,151



18,085



19%



29



कर्नाटक



7,329



7,605



4%



30



गोवा



394



437



11%



31



लक्ष्यद्वीप



1



3



150%



32



केरल



1,584



1,859



17%



33



तमिलनाडू



6,201



6,703



8%



34



पुड्डुचेरी



159



188



18%



35



अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह



35



30



-13%



36



तेलंगाना



3,195



3,787



19%



37



आन्ध्र प्रदेश



2,159



2,356



9%



97



अन्य क्षेत्र



194



139



-28%



99



केन्द्र अधिकार क्षेत्र



45



119



166%



 



कुल योग



77,545



86,513


 


आम बजट 2020-21 पर प्रधानमंत्री का वक्तव्य

मैं इस दशक के पहले बजट के लिए, जिसमें विजन भी है, एक्शन भी है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।


बजट में जिन नए रीफॉर्म्स का ऐलान किया गया है, वो अर्थव्यवस्था को गति देने, देश के प्रत्येक नागरिक को आर्थिक रूप से सशक्त करने और इस दशक में अर्थव्यवस्था की नींव को मजबूत करने का काम करेंगे।


रोजगार के प्रमुख क्षेत्र होते हैं, एग्रीकल्चर, इंफास्ट्रक्चर, टेक्सटाइल और टेक्नोलॉजी। इम्प्लॉयमेंट जनरेशन को बढ़ाने के लिए इन चारों पर इस बजट में बहुत जोर दिया गया है।


किसान की आय दोगुनी हो, इसके प्रयासों के साथ ही, 16 एक्शन प्वाइंट्स बनाए गए हैं जो ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को बढ़ाने का काम करेंगे। बजट में कृषि क्षेत्र के लिए Integrated approach अपनाई गई है, जिससे परंपरागत तौर तरीकों के साथ ही हॉर्टिकल्चर, फिशरीज, एनीमल हस्बेंड्री में वैल्यू एडिशन बढेगा और इससे भी रोजगार बढ़ेगा। ब्लू इंकोनॉमी के अंतर्गत युवाओं को फिश प्रोसेसिंग और मार्केटिंग क्षेत्र में भी नए अवसर मिलेंगे।


टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए नए मिशन की घोषणा हुई है। मैनमेड फाइबर को भारत में प्रोड्यूज करने के लिए उसके रॉ मटेरियल के ड्यूटी स्ट्रक्चर में रीफॉर्म किया गया है। इस रीफॉर्म की पिछले तीन दशकों से मांग हो रही थी।


आयुष्मान भारत योजना ने देश के हेल्थ सेक्टर को नया विस्तार दिया है। इस सेक्टर में ह्यूमन रीसोर्स- डॉक्टर, नर्स, अटेनडेंट के साथ ही मेडिकल डिवाइस मैन्यूफैक्चरिंग का बहुत स्कोप बना है। इसे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा नए निर्णय लिए गए हैं।


टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इम्प्लॉयमेंट जनरेशन को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में हमने कई विशेष प्रयास किए हैं। नए स्मार्ट सिटीज, इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग, डेटा सेंटर पार्क्स, बायो टेक्नोलॉजी और क्वांटम टेक्नोलॉजी, जैसे क्षेत्रों के लिए अनेक पॉलिसी इनिशिएटिव्स लिए गए हैं। इसके द्वारा भारत, ग्लोबल वैल्यू चेन का एक अभिन्न अंग बनने की तरफ मजबूती से आगे बढ़ेगा।


बजट में युवाओं के स्किल डवलपमेंट को लेकर भी नए और इनोवेटिव इनिशिएटिव्स का ऐलान किया गया है। जैसे, डिग्री कोर्सेस में अप्रेन्टिसशिप, लोकल बॉडीज में इंटर्नशिप और ऑनलाइन डिग्री कोर्सेस की व्यवस्था। भारत से जो युवा नौकरी के लिए विदेश जाना चाहते हैं, उनके लिए ब्रिज कोर्सेस की व्यवस्था भी की जा रही है।


एक्सपोर्ट और MSME सेक्टर, इंप्लॉयमेंट जनरेशन को ड्राइव करता है। बजट में एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए नई योजनाओं की घोषणा हुई है। छोटे उद्यमों की फाइनेंसिंग के लिए भी कई नई पहल हुई हैं।


आधुनिक भारत के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत महत्व है। इंफ्रास्ट्रक्चर का क्षेत्र भी बड़ा इंप्लायमेंट जनरेटर है। 100 लाख करोड़ रुपए से 65 सौ प्रोजेक्ट्स का निर्माण, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बढ़ाएगा।नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी से भी व्यापार, कारोबार और रोज़गार, तीनों क्षेत्रों को लाभ होगा। देश में 100 एयरपोर्ट विकसित करने का लक्ष्य सामान्य मानवी की हवाई उड़ान को नई ऊंचाई देगा, भारत के पर्यटन सेक्टर को नई गति देगा। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हम स्टार्ट-अप्स के जरिए और प्रोजेक्ट डवलपमेंट के जरिए युवा ऊर्जा को नई ताकत देंगे।


टैक्स स्ट्रक्चर में मूलभूत बदलावों के कारण भारत में अनेक सेक्टर्स में वैल्यू एडिशन की संभावना भी बढ़ेगी।


इम्पलॉयमेंट के लिए इनवेस्टमेंट सबसे बड़ा ड्राइवर है। इस दिशा में कुछ ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। बॉन्ड मार्केट को मजबूत करने के लिए और इंफ्रास्ट्रक्चर की लॉन्ग टर्म फाइनेंसिंग के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं।


डिविडेंट डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स को हटाने के कारण, कंपनियों के हाथ में 25 हजार करोड़ रुपए आएंगे जो उनको आगे इनवेस्टमेंट करने में मदद करेंगे। बाहर के निवेश को भारत में आकर्षित करने के लिए विभिन्न टैक्स कन्सेशन्स दिए गए हैं। स्टार्ट अप्स और रीयल इस्टेट्स के लिए भी टैक्स बेनिफिट्स दिए गए हैं। ये सभी फैसले अर्थव्यवस्था को तेज गति से बढ़ाने और इसके जरिए युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएंगे।


अब हम इनकम टैक्स की व्यवस्था में, विवाद से विश्वास के सफर पर चल पड़े हैं।


हमारे कंपनी कानूनों में जो अभी कुछ सिविल नेचर की गलतियां होती हैं, उन्हें अब डी-क्रिमिनलाइज करने का बड़ा फैसला किया गया है। टैक्सपेयर चार्ट्रर के द्वारा टैक्यपेयर्स के अधिकारों को स्पष्ट किया जाएगा।


MSME से जुड़े छोटे उद्यमियों पर हमारी सरकार ने हमेशा भरोसा किया है। अब 5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर पर ऑडिट की आवश्यकता नहीं होगी। एक और बड़ा फैसला डिपॉजिटर्स इंश्योरेंस को लेकर हुआ है। बैंकों में उनका पैसा सुरक्षित है, ये विश्वास दिलाने के लिए अब डिपॉजिस इंश्योरेंस की सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है।


मिनिमम गवन्मेंट, मैक्सीमम गवर्नेंस के कमिटमेंट को इस बजट ने और मजबूत किया है।


फेसलेस अपील का प्रावधान, डायरेक्ट टैक्स का नया और सरल स्ट्रक्चर, डिसइनवेस्टमेंट पर जोर, ऑटो इनरोलमेंट के जरिए यूनिवर्सल पेंशन का प्रावधान, यूनिफाइड प्रोक्योरमेंट सिस्टम की ओर बढ़ना, ये कुछ ऐसे कदम हैं, जो लोगों की जिंदगी में से सरकार को कम करेंगे, उनकी ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाएंगे।


मैक्सीमम गवर्नेंस की दिशा में एक लाख ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी, स्कूल, हेल्थ और वेलनेस सेंटर एवं पुलिस स्टेशन को ब्रॉडबैंड से जोड़ना, एक ऐतिहासिक शुरुआत होगी।


आज सरकारी नौकरी के लिए युवाओं को कई अलग-अलग परीक्षाएं देनी होती हैं। इस व्यवस्था को बदलकर, अब नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी द्वारा लिए गए ऑनलाइन कॉमन एक्जाम के जरिए, नियुक्तियां की जाएंगी।


किसानों के लिए अपने उत्पादों को सही तरह से मार्केट करने और ट्रांसपोर्ट के लिए - किसान रेल और कृषि उड़ान के द्वारा नई व्यवस्था बनाई जाएगी।


मुझे विश्वास है कि ये बजट Income और Investment को बढ़ाएगा, Demand और Consumption को बढ़ाएगा, 


Financial System और Credit Flow में नई स्फूर्ति लाएगा।


ये बजट देश की वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही इस दशक में भविष्य की अपेक्षाओं की पूर्ति करेगा।


मैं एक बार फिर देश को, निर्मला जी को और वित्त मंत्रालय की टीम को इस बजट के लिए बधाई देता हूं।


बहुत-बहुत धन्यवाद !!!







 







नोवेल कोरोनावायरस पर अपडेट: केरल में सामने आया नोवेल कोरोनावायरस का एक सकारात्मक मामला

केरल में नोवेल कोरोनावायरस का दूसरा सकारात्मक मामला सामने आया है। रोगी का चीन की यात्रा करने का इतिहास रहा है।


रोगी का परीक्षण नोवेल कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक मिला है और उसे अस्पताल में अलग रखा गया है।


रोगी की हालत स्थिर है और उसकी गहन जांच की जा रही है।



भीड़-भाड़ और यातायात जाम भारतीय शहरों की बड़ी चुनौती-उपराष्‍ट्रपति

      उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने पर्यावरण तथा आर्थिक और व्‍यावहारिक रूप से अनुकूल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को समय की आवश्‍यकता बताया है।  


      आज कर्नाटक में हुबली-धारवाड़ बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) परियोजना का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि इसके पहले की पर्यावरण को बड़ा नुकसान हो जाए ग्रीन हाउस गैसों और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करने की तत्काल आवश्यकता है।


      उन्होंने निजी वाहनों का उपयोग करने के बजाय बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन का इस्‍तेमाल करने के लिए शहरी लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के कदम उठाए जाने का आह्वान किया। उन्होंने शहरी निकायों के अधिकारियों से कहा कि वे परिवर्तन की इस प्रक्रिया में लोगों को सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित करें।


      भीड़-भाड़ तथा यातायात जाम को देश के शहरों की बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि हर साल सड़कों पर वाहनों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है जिससे वायु गुणवत्‍ता खराब हो रही और लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण  दोनों पर एक साथ समान ध्यान नहीं दिया गया लेकिन आज समय आ गया है कि विकास से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियों में आगे से इस का ध्यान रखा जाए।


      उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक ऊर्जा मांग में शहरों का दो-तिहाई और कार्बन उत्सर्जन में 70 प्रतिशत हिस्सा है। उपराष्ट्रपति ने कम कार्बन उत्सर्जन तथा पर्यावरण के अनुकूल शहरी बुनियादी ढ़ांचे के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया।


      गुणवत्ता की कीमत पर विकास नहीं किए जाने पर जोर देते हुए श्री नायडू ने कहा कि वायु की खराब गुणवत्ता, पीने योग्य पानी की अपर्याप्त आपूर्ति, स्वच्छता का अभाव, अपर्याप्त ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा सीमित सार्वजनिक परिवहन अवसंरचना भारत के लगभग सभी शहरों की मुख्य समस्या है। इनका तत्काल समाधान होना चाहिए।


      इस संदर्भ में, उपराष्ट्रपति ने सरकार से गैर-प्रदूषणकारी इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की नीति को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ई-वाहनों के लिए जरूरी अवसंरचनाएं विकसित की जानी चाहिए। श्री नायडू ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर बल देते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 लाख लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है। उन्होंने सड़क सुरक्षा के बारे में विशेष रूप से युवाओं को जागरुक बनाने पर जोर दिया और सतत शहरी विकास के लिए  निजी क्षेत्र और राज्यों तथा केंद्र के बीच सहयोग को जरूरी बताया।


      हुबली-धारवाड़ बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) पहले से ही अपने ट्रायल रन में दोनों  शहरों के बीच एक लाख यात्रियों को परिवहन सुविधा दे रही है।


      परियोजना के उद्घाटन अवसर पर केन्द्रीय संसदीय मामलों, कोयल और खान मंत्री प्रहलाद जोशी, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री, श्री लक्ष्मण सावदी,  उप मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री, श्री गोविंद एम. करजोल, कर्नाटक के गृह मंत्री, श्री बसवराजबोम्मई सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।