Thursday, April 2, 2020

पीएफआरडीए ने कोविड-19 के प्रकोप से लड़ाई में सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-केयर फंड में योगदान करने का संकल्प लिया

पेंशन क्षेत्र का नियामक, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने 'आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष' (पीएम केयर्स फंड) में कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा योगदान करने का संकल्प लिया है, जिसका प्रारंभ हाल ही में प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कोरोनोवायरस (कोविड-19) के वैश्विक प्रकोप को देखते हुए देश के नागरिकों को सहायता और राहत प्रदान करने के लिए किया गया है।


अन्य सरकारी संस्थानों, उद्योगपतियों, जानी-मानी हस्तियों और व्यक्तियों के समान ही, पीएफआरडीए के कर्मचारियों ने अपने वेतन का एक हिस्सा योगदान करने का फैसला किया है और पीएफआरडीए, भारत में इस महामारी के खिलाफ सरकार द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।


पीएफआरडीए के चेयरमैन, श्री सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा, “यह सबसे चुनौतीपूर्ण समय में से एक है जिसका सामना आज हमारा देश कर रहा है। इस समय जो सबसे ज्यादा मायने रखता है, वह कोरोनावायरस (कोविड-19) के खिलाफ लड़ाई में जिम्मेदारी को हर संभव तरीके से साझा करना है। पीएफआरडीए इस महामारी की स्थिति के प्रति संवेदनशील है और इस संकट से निपटने में योगदान करना चाहता है।”


पीएफआरडीए के संदर्भ में


पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए), संसद की एक अधिनियम द्वारा स्थापित, वैधानिक प्राधिकरण है, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और पेंशन योजनाओं को विनियमित करने, बढ़ावा देने और उसके क्रमिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए है, जिन पर यह अधिनियम लागू होता है। शुरूआत में एनपीएस को 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अधिसूचित किया गया था और बाद में उसे लगभग सभी राज्य सरकारों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए अपनाया गया। एनपीएस को स्वैच्छिक आधार पर सभी भारतीय नागरिकों (निवासी/अनिवासी/विदेशी) और कारपोरेट जगत के कर्मचारियों के लिए बढ़ाया गया।


31 मार्च 2020 तक, एनपीएस और अटल पेंशन योजना के अतर्गत ग्राहकों की कुल संख्या 3.45 करोड़ के पार हो गई है और एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 4,17,478 करोड़ रुपये हो गया है। 68 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस के अंतर्गत नामांकित किया गया है और 22 लाख ग्राहकों ने निजी क्षेत्र में एनपीएस की सदस्यता प्राप्त की है, जिसमें 7,568 संस्थाएं कॉरपोरेट के रूप में पंजीकृत हैं। वर्तमान समय में, 2.11 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता सरकार की गारंटी पेंशन योजना - अटल पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं।



 ‘एक्सरसाइज एनसीसी योगदान’ के तहत एनसीसी के कैडेट कोविड-19 से निबटने के राष्ट्रव्यापी अभियान में होंगे शामिल

नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) ने  ‘एक्सरसाइज एनसीसी योगदान’के तहत कोडिट-19 से निबटने के राष्ट्रव्यापी अभियान में नागरिक प्रशासन को मदद की पेशकश की है।एनसीसी ने इसके लिए स्वैच्छिक सेवा देन के इच्छुक अपने कैडेटों के वास्ते अस्थायी रोजगार के दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि महामारी से निपटने के कार्यो में शामिल विभिन्न एजेंसियों की ओर से चलाए जा रहे राहत प्रयासों और काम काज के तरीकों को और मजबूत बनाया जा सके।



    योगदान के तहत एनसीसी कैडेटों के लिए निर्धारित कार्यों में , हेल्पलाइन / कॉल सेंटर का प्रबंधन; राहत सामग्री / दवाओं / खाद्य / आवश्यक वस्तुओं का वितरण; सामुदायिक सहायता; डेटा प्रबंधन और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए कतार में खडे होने की व्यवस्था करना तथा यातायात प्रबंधन शामिल है। दिशानिर्देशों के अनुसार, कैडेटों को कानून और व्यवस्था की स्थिति से निपटने, सक्रिय सैन्य ड्यूटियों तथा कोरोना के हॉट स्पाट बन चुके स्थानों पर तैनात नहीं किया जा सकता है।


    दिशानिर्देशों के अनुसार अस्थायी रोजगार की व्यवस्था के तहत केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मंडल कैडट ही नियुक्त किए जा सकते हैं। उन्हें स्थायी प्रशिक्षक स्टाफ या एक एसोसिएट एनसीसी अधिकारी की देखरेख में आठ से 20  छोटे समूहों में नियोजित किया जाना चाहिए।


      स्वैच्छिक सेवा देने के इच्छुक ऐसे कैडेटों की नियुक्ति के लिए, राज्य सरकारों / जिला प्रशासन को राज्य एनसीसी निदेशालयों के माध्यम से अपनी आवश्यकताऐं प्रेषित करनी होंगी। इसका विवरण एनसीसी निदेशालय / समूह मुख्यालय / इकाई स्तर पर राज्य सरकार / स्थानीय नागरिक प्राधिकरण के साथ समन्वित किया जाएगा।  कैडेटों को ड्यूटी पर तैनात करने से पहले , जमीनी हालात और निर्धारित आवश्यकताओं को सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।


      रक्षा मंत्रालय के अ​धीन कार्यरत एनसीसी देश का सबसे बड़ा वर्दीवाला युवा संगठन है जो  विभिन्न तरत की सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास की गतिविधियां संचालित करता है।  एनसीसी के कैडेट अपने संगठन की स्थापना के समय से ही  बाढ़ और चक्रवात आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राष्ट्र सेव में योगदान देते रहे हैं।




केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की सलाह पर सीबीएसई ने संबद्ध स्कूलों को कक्षा 1 से 8 तक के सभी बच्चों को अगली कक्षा/ग्रेड में प्रमोट करने का निर्देश दिया

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सीबीएसई को कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा/ग्रेड में प्रमोट करने की सलाह दी है। कोविड-19 के कारण बने मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने बोर्ड से यह भी कहा है कि प्रोजेक्ट्स, पीरियडिक टेस्ट्स, टर्म एग्जाम्स आदि समेत स्कूल आधारित मूल्यांकन पर कक्षा 9 और 11 में पढ़ रहे बोर्ड विद्यार्थियों को अगली कक्षा/ग्रेड में प्रमोट किया जाए। केंद्रीय मंत्री ने यह भी सुझाव दिया है कि 29 प्रमुख विषयों जो प्रमोशन और एचईआई (उच्च शिक्षण संस्थानों) में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, के लिए ही बोर्ड परीक्षाएं कराई जाएं और बाकी के विषयों के लिए बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगा। ऐसे सभी मामलों में अंकन/मूल्यांकन के लिए निर्देश बोर्ड की तरफ से अलग से जारी किए जाएंगे।


एहतियाती उपाय के तौर पर और 18 मार्च 2020 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में, सीबीएसई ने 19 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 के बीच होने वाली सभी बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। 18 मार्च 2020 को बोर्ड की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि हालात की फिर से समीक्षा करने के बाद प्रेस विज्ञप्ति और अपनी वेबसाइट के माध्यम से दोबारा से निर्धारित की गई बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों के बारे में जानकारी दी जाएगी।


बोर्ड अपने विद्यार्थियों के शैक्षणिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए बोर्ड लगातार स्थिति का आकलन कर रहा है और विद्यार्थियों, अभिभावकों और स्कूलों की चिंता को कम करना चाहता है। कोविड-19 के दुनियाभर में फैलने से बनी असाधारण परिस्थितियों और देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर और छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को लेकर अपने हितधारकों द्वारा उठाए गए सवालों को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सुझाव के अनुसार, बोर्ड अपने से संबद्ध सभी स्कूलों को एक बार के उपाय के तौर पर निम्नलिखित सलाह/सूचना देता है:


1- कक्षा 1 से 8 के लिए: कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा/ग्रेड में प्रमोट किया जा सकता है। यह एडवाइजरी एनसीईआरटी से परामर्श के बाद जारी की जा रही है।


2- कक्षा 9 और 11 के लिए: हमारे संज्ञान में आया है कि वैसे तो सीबीएसई से संबद्ध कई स्कूलों ने 2019-20 के शैक्षणिक सत्र में ग्रेड 9 और 11 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं, मूल्यांकन और प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन कई स्कूल ऐसे हैं जो अब तक ऐसा नहीं कर पाए हैं। इनमें अन्य के साथ केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, राज्यों/केंद्रशासित सरकारों के स्कूल, निजी स्कूल, भारत और विदेश में स्थित स्कूल आदि शामिल हैं। ऐसे सभी स्कूलों को सलाह दी जाती है कि वे अब तक किए गए प्रोजेक्ट वर्क, पीरियडिक टेस्ट्स, टर्म एग्जाम आदि समेत स्कूल आधारित मूल्यांकन के आधार पर 9वीं और 11वीं ग्रेड के विद्यार्थियों को अगली ग्रेड में प्रमोट करें। कोई भी बच्चा, जो इस आंतरिक प्रक्रिया (किसी भी विषय में) को पास करने में असमर्थ है तो स्कूल इस अवधि का इस्तेमाल इसका उपाय निकालने में कर सकता है और स्कूल ऐसे छात्रों के लिए स्कूल आधारित टेस्ट, ऑनलाइन या ऑफलाइन का एक मौका दे सकता है। ऐसे टेस्ट के आधार पर इस तरह के बच्चों का प्रमोशन तय किया जा सकता है।


3- कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा का शेड्यूल: कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं फिर से निर्धारित करने के संबंध में सूचित किया जाता है कि इस परिस्थिति में बोर्ड के लिए परीक्षाओं का नया शेड्यूल तय कर उसकी घोषणा करना मुश्किल है। हालांकि यह सूचित किया जाता है कि परीक्षाओं के संबंध में बोर्ड का कोई भी फैसला उच्च शिक्षा अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर और प्रवेश परीक्षा, प्रवेश तिथि आदि संबंधित सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। इस संदर्भ में यह भी सूचित किया जाता है कि बोर्ड परीक्षाएं शुरू करने से पहले बोर्ड सभी हितधारकों को करीब 10 दिनों का नोटिस देगा।


4. बोर्ड परीक्षाओं के लिए विषय: यह सूचित किया जाता है कि कोविड-19 महामारी से बने हालात के कारण बोर्ड 8 परीक्षा दिवसों पर परीक्षा नहीं करा सका। इसके अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण बोर्ड 4 परीक्षा दिवसों पर परीक्षा आयोजित नहीं करा सका था। वहीं, इस जिले और आसपास के काफी कम छात्र 6 परीक्षा तिथियों पर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे।


असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड इस संबंध में अपनी नीति की समीक्षा करने के लिए मजबूर हुआ है। सामान्य परिस्थितियों में बोर्ड को 18 मार्च 2020 के बाद न होने वाली या किसी अन्य कारणों से स्थगित सभी परीक्षाओं को आयोजित करने में कोई हिचकिचाहट न होती। लेकिन वर्तमान स्थिति में बोर्ड ने निम्नानुसार निर्णय लिया है:



  • बोर्ड केवल उन मुख्य विषयों के लिए परीक्षाएं आयोजित करेगा जो अगली कक्षा में पास करने के लिए आवश्यक होंगे और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

  • बोर्ड बाकी विषयों के लिए परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगा; ऐसे सभी मामलों में अंकन/मूल्यांकन के लिए बोर्ड की ओर से अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे।

  • इस प्रकार से बोर्ड जब कभी परीक्षाएं आयोजित करने की स्थिति में होगा तो वह निम्नलिखित केवल 29 विषयों के लिए ही परीक्षाएं आयोजित करेगा:




























कक्षा 10 के विषय, जिनकी परीक्षाएं आयोजित होंगी



12वीं के विषय, जिनकी परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी



पूरे देश में आयोजित करने के लिए



उत्तर पूर्व दिल्ली में आयोजित करने के लिए



पूरे देश में आयोजित होंगी



उत्तर पूर्वी दिल्ली के लिए



 


कुछ नहीं



1.हिंदी कोर्स ए


2.हिंदी कोर्स बी


3.इंग्लिश कम्युनिकेशन


4.अंग्रेजी भाषा और साहित्य


5. विज्ञान


6.सामाजिक विज्ञान



1.बिजनस अध्ययन


2. भूगोल


3. हिंदी (वैकल्पिक)


4. हिंदी (कोर)


5. गृह विज्ञान


6. समाज शास्त्र


7. कंप्यूटर साइंस (ओल्ड)


8. कंप्यूटर साइंस (न्यू)


9. इन्फॉर्मेशन प्रैक्टिस (ओल्ड)


10.इन्फॉर्मेशन प्रैक्टिस (न्यू)


11. इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी 12. बायो-टेक्नोलॉजी



1.अंग्रजी वैकल्पिक- एन


2. अंग्रेजी वैकल्पिक- सी


3. अंग्रेजी कोर


4. गणित


5. अर्थशास्त्र


6. जीव विज्ञान


7. राजनीति विज्ञान


8. इतिहास


9. भौतिकी


10. लेखाशास्त्र


11. रसायनशास्त्र



कुछ नहीं



06


 



12


 



11



 


 


 


5- विदेशों में सीबीएसई स्कूल: 25 देशों में सीबीएसई के स्कूल हैं। इनमें से हर किसी देश में लॉकडाउन चल रहा है और/या अलग-अलग समयावधि के लिए स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया गया है। ऐसी परिस्थितियों में यह महसूस होता है कि बोर्ड इनमें से हर एक देश के लिए अलग परीक्षा आयोजित करने की स्थिति में नहीं होगा। इसके साथ ही मौजूदा हालात में उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए भारत लाना मुश्किल होगा। ऐसे में बोर्ड ने भारत के बाहर स्थित स्कूलों के 10वीं और 12वीं की कक्षा के विद्यार्थियों के लिए कोई और परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है। परिणाम घोषित करने के उद्देश्य से अंकन/मूल्यांकन की प्रणाली जल्द ही बोर्ड तय करेगा और इन स्कूलों को सूचना दे दी जाएगी।


6- मूल्यांकन कार्य: वर्तमान स्थिति के कारण बोर्ड अपना मूल्यांकन कार्य जारी रखने की स्थिति में नहीं है। बदली हुई परिस्थितियों में मूल्यांकन को लेकर बोर्ड आगे निर्देश लेकर आएगा। ये निर्देश और देश के विभिन्न मूल्यांकन केंद्रों में काम फिर से शुरू करने की तारीखों की घोषणा इस स्तर पर नहीं हो सकती है। हालांकि बोर्ड मूल्यांकन कार्य को फिर से शुरू करने के लिए सभी मूल्यांकन केंद्रों से संबंधित मुख्य नोडल पर्यवेक्षकों, मुख्य परीक्षकों, मूल्यांकनकर्ताओं, समन्वयकों आदि को 3-4 दिनों का नोटिस देगा।


7- अफवाहों से बचें: अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए सभी हितधारकों को सूचित किया जाता है कि वे केवल बोर्ड की वेबसाइट पर बोर्ड द्वारा की गई आधिकारिक घोषणाओं पर ही भरोसा करें। सभी से अनुरोध है कि वे ताजा अपडेट के लिए केवल बोर्ड की वेबसाइट www.cbse.nic.in या इसके सोशल मीडिया हैंडल देखते रहें, जो इस प्रकार हैं:


इंस्टाग्राम : https://instagram.com/cbse_hq_1929 


ट्विटर : https://twitter.com/@cbseindia29


फेसबुक : https://www.facebook.com/cbseindia29/


8- सभी विद्यार्थियों को सूचित करें स्कूल: सभी स्कूलों से अनुरोध है कि वे यह सुनिश्चित करें कि यह जानकारी संबंधित स्कूलों द्वारा सभी छात्रों तक पहुंचा दी जाए।



लाइफलाइन उड़ान सेवाओं के तहत 70,000 किमी से अधिक की हवाई दूरी तय की गई

लाइफलाइन उड़ान कार्गो सेवाओं के तहत अब तक परिचालित74 उड़ानों में से 56 उड़ानों का संचालन एयर इंडिया समूह द्वारा किया गया है। छह दिनों (26 से 31 मार्च 2020) की अवधि में इन उड़ानों का परिचालन एयर इंडिया, अलायंस एयर, भारतीय वायु सेना, पवन हंस और निजी वाहकों द्वारा किया गया। लाइफलाइन उड़ान सेवा के तहत अब तक 70,000 किमी से अधिक की हवाई दूरी तय की गई है और इसके जरिये अब तक करीब 38 टन कार्गो की ढुलाई की गई है। हवाई अड्डों तक और वहां से कार्गो के सड़क परिवहन और विमानन कर्मियों की आवाजाही में लॉजिस्टिक संबंधी उल्‍लेखनीय चुनौतियों के बावजूद लाइफलाइन उड़ान सेवाओं का परिचालन किया जा रहा है।


 






















































































क्रम संख्‍या



तिथि



एयर इंडिया



अलायंस



भारतीय वायु सेना



इंडिगो



स्‍पाइसजेट



कुल परिचालित उड़ान



1



26.3.2020



02



-



-



-



02



04



2



27.3.2020



04



09



-



-



-



13



3



28.3.2020



04



08



-



06



-



18



4



29.3.2020



04



10



06



--



-



20



5



30.3.2020



04



-



03



--



-



07



6



31.3.2020



09



02



01



 



 



12



 



कुल उड़ान



27



29



10



06



02



74



 


कार्गो में अधिकतर वस्‍तुएं कम वजन और अधिक मात्रा वाले उत्पाद शामिल थे जैसे मास्क, दस्ताने एवं उपभोग की अन्‍य वस्‍तुएं जिनके लिए प्रति टन कार्गो अधिक स्थान की आवश्यकता होती है। इन वस्‍तुओं को सावधानीपूर्वक एवं उचित देखभाल के साथ यात्रियों के बैठने के स्‍थान पर रखने के लिए विशेष अनुमति दी गई है।


अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर, नागरिक उड्डयन मंत्रालयऔर एयर इंडिया 3 अप्रैल 2020 से महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति के लिए भारत और चीन के बीच कार्गो एयर-ब्रिज की स्थापना के लिए चीनी अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विमानन उद्योग भारत के दूरदराज के क्षेत्रों तककुशलता एवं कम लागत मेंचिकित्‍सा हवाई-कार्गो परिवहन के जरिये कोविड-19 के खिलाफ भारत की इस लड़ाई में मदद के लिए तैयार हैं।


 


लाइफलाइन उड़ान सेवाओं की तिथिवार विवरणइस प्रकार हैं:


* एयर इंडिया और भारतीय वायु सेना ने लद्दाख, दीमापुर, इंफाल, गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर के लिए आपस में सहयोग किया।