Thursday, April 2, 2020

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 से निपटने के रक्षा मंत्रालय के प्रयासों की समीक्षा की;

 रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मंत्रालय एवं इसके विभिन्न घटकों द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए किये जा रहे कारगर उपाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौ सेना अध्यक्ष एडमिरल कर्मबीर सिंह, वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, थल सेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री राज कुमार, सचिव ( पूर्व सैनिक कल्याण) श्रीमती संजीवनी कुट्टी, सचिव ( रक्षा वित्त) श्रीमती गार्गी कौल, सचिव आर एंड डी रक्षा विभाग एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी, महानिदेशक भारतीय तटरक्षक श्री कृष्णास्वामी नटराजन, महानिदेशक सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस) लैफ्टिनेंट जनरल अनुप बैनर्जी, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुख (डीपीएसयूएस) और अन्य वरिष्ठ  सिविल तथा सैन्य अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया।


          रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने विभिन्न सर्विसिज, संगठनों और डीपीएसयूएज द्वारा स्थल खाली करवाने के कार्य, क्वारंटाइन स्थलों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने और चिकित्सा अनुसंधान एवं अन्य उत्पादनों, सैनिटाइजर, फेश मास्क और वैयक्तिक सुरक्षा के उपकरण (पीपीई) के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।उन्होंने संकट की इस घड़ी में सभी संगठनों को अपने प्रयासों को दोगुना करने और केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों/संगठनों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।


          रक्षा प्रमुख अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने  श्री राजनाथ सिंह को बताया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अलग से अस्पताल चिन्हित किए गए हैं और अस्पतालों में  9,000 से ज्यादा बेड उपलब्ध करवाए गए हैं। जैसलमेर, जोधपुर, चेन्नई , मानेसर, हिंडन और मुंबई में 1,000 से ज्यादा  निष्क्रांतो को क्वारंटाइन  किया गया है। उनकी क्वारंटाइन की अवधि 07 अप्रैल 2020 तक है।


          नौ सेना अध्यक्ष जनरल कर्मबीर सिंह ने रक्षा मंत्री को बताया कि किसी भी प्रकार की आवश्यक सहायता करने के लिए नौसेना के जहाज तैयार स्थिति में रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि नौसेना स्थानीय सिविल प्रशासन को आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है।


          वायु सेना के अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने बताया कि पिछले पांच दिनों में देश के अंदर लगभग 25 टन चिकित्सा आपूर्ति करने के लिए वायु सेना के जहाजों ने कई उड़ान भरे हैं। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक सावधानियाँ सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक संक्रियात्मक कार्य भी जारी हैं।


          थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने रक्षा मंत्री को बताया कि आवश्यकता पड़ने पर सिविल प्रशासन को 8,500 से ज्यादा डॉक्टर और सहायक स्टाफ प्रदान कराये जा सकते हैं। श्री राजनाथ सिंह के पड़ोसी देशों को सहायता प्रदान करने के निर्देश की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर नेपाल को चिकित्सा उपकरणों की सहायता शीध्र प्रदान की जा सकती है।


          रक्षा आर एंड डी विभाग के सचिव और डीओरडीओ के अध्यक्ष डॉ सतीश रेड्डी ने रक्षा मंत्री को बताया कि दिल्ली पुलिस सहित सुरक्षा संस्थानों को डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं में निर्मित 50,000 लिटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति की गई और इसके अलावा एक लाख लिटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति पूरे देश में गई। उन्होंने कहा कि वार फुटिंग में पांच लेयर वाला नैनो तकनीक से बना फेश मास्क एन99 बनाया जा रहा है। एक हजार बना लिए गए हैं और शीघ्र ही प्रतिदिन के हिसाब से 20,000 फेश मास्क बनाए जाएंगे। डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं ने दिल्ली पुलिस को इनके अतिरिक्त 40,000 फेश मास्क की आपूर्ति की है। सचिवों के सशक्त समूह के सदस्य होने के नाते डीआरडीओ के सचिव चिकित्सा उपरकरणों के संबंध में स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ गहन तालमेल से काम कर रहे हैं। डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं ने प्रतिदिन के हिसाब से 20,000 से ज्यादा पीपीई बनाने का भी प्रबंध किया है। डीआरडीओ वैंटिलेटर में कुछ सुधार करने के कार्य में भी लगा हुआ है ताकि एक मशीन एक साथ चार मरीजों को संभाल सके।


          महानिदेशक एएफएमएस लैफ्टिनेंट जनरल अनुप बैनर्जी ने रक्षा मंत्री को बताया कि आवश्यक उपकरण मंगवाए गए हैं और विभिन्न अस्पतालों में भेज दिए गए हैं। सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों को भी स्वैच्छिक सेवा करने के लिए तैयार किया गया है। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के लगभग 25,000 कैडेटों को आवश्यक स्थानीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया जा रहा है।


          विभिन्न डीपीएसयूज जैसे कि हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटिड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटिड (बीईएल), मिश्र धातु निगम लिमिटिड (मिधानी), भारत अर्थ मुवर्स लिमिटिड (बीईएमएल), हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटिड (एचएसएल), गोवा शिपयार्ड लिमिटिड (जीएसएल)  ने  40 करोड़ की अपनी कोर्पोरोट सोशल रिस्पोंसिब्लिटी (सीएसआर) की राशि  आपात स्थिति में प्रधानमंत्री (राहत कोष) नागरिक सहायता और राहत निधि में योगदान दिया है।  इसके अलावा इन सभी ने अपने सभी कार्मिकों का एक दिन का वेतन भी प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया है। रक्षा मंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए डीपीएसयूज  ने अपने सभी दैनिक वेतन भोगियों और अनुबंधित कर्मचारियों को वेतन की अदायगी की है।


          आयुध निर्माणि बोर्ड (ओएफबी) भी हैंड सेनेटाइजर, फेश मास्क और पीपीई बनाने के कार्य में लगी हुई है।



प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और कुवैत के प्रधानमंत्री के बीच टेलीफोन पर बातचीत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कुवैत के प्रधानमंत्री, महामहिम शेख सबाह अल-खालिद अल-हमद अल-सबाह के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।


प्रधानमंत्री ने कुवैत के अमीर, शाही परिवार और कुवैत की जनता के अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारत के विस्तारित पड़ोस के बहुमूल्‍य सदस्य कुवैत के साथ अपने संबंधों के महत्व पर जोर किया।


दोनों नेताओं ने वर्तमान कोविड-19 महामारी के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पहलुओं के बारे में चर्चा की। वे इस बात पर सहमत हुए कि उनके अधिकारी स्वास्थ्य संकट के दौरान नियमित रूप से संपर्क बनाए रखेंगे, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सके और सहयोग और पारस्परिक सहायता के अवसरों का पता लगाया जा सके।


महामहिम कुवैती प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि कुवैत विशाल भारतीय समुदाय के योगदान को बहुत महत्व देता है, और वर्तमान स्थिति में उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना जारी रखेगा। प्रधानमंत्री ने इस तरह के आश्वासन के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया और कुवैत की सराहना की।



अस्सी प्रतिशत आबादी मास्क पहने तो महामारी पर लग सकती है लगाम

 अगर 50 प्रतिशत आबादी मास्क पहनती है, तो सिर्फ 50 प्रतिशत आबादी को ही कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। पर, 80 प्रतिशत आबादी मास्क पहनती है, तो इस महामारी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जा सकती है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय द्वारा ये तथ्य सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस से जुड़ी एक नियमावली में पेश किए गए हैं।



सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय में वरिष्ठ सलाहकार डॉ शैलजा वैद्य गुप्ता कहती हैं “मास्क की कमी को देखते हुए इस नियमावली में घर पर मास्क बनाने पर जोर दिया गया है। यह पहल मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है, जो मास्क पहनना चाहते हैं, लेकिन उनके पास इन मास्कों तक पहुँच नहीं है। ऐसे में घर पर बनाए हुए मास्क उपयोगी हो सकते हैं। इनकी खूबी यह है कि इन्हें धोकर दोबारा उपयोग कर सकते हैं।”


कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने घर में बने मास्क पर केंद्रित एक विस्तृत नियमावली “सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क” जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए इस नियमावली में कहा गया है कि “मास्क उन्हीं लोगों पर प्रभावी हैं जो अल्कोहल युक्त हैंडवॉश या साबुन और पानी से हाथ साफ करते हैं। यदि आप मास्क पहनते हैं, तो आपको इसके इस्तेमाल और इसके उचित निस्तारण के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।”


मास्क को क्यों पहना जाए? इस पर नियमावली कहती है कि एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति से संपर्क में आने पर कोविड-19 वायरस आसानी से फैलता है। वायरस को ले जाने वाली बूंदें इसे तेजी से फैलाती हैं और हवा में जीवित रहते हुए यह आखिरकार विभिन्न सतहों के संपर्क में आ जाता है। कोविड-19 को फैलाने वाला वायरस सार्स-कोव-2 किसी ठोस या तरल सतह (एयरोसोल) पर तीन घंटे तक और प्लास्टिक व स्टेनलेस स्टील पर तीन दिन तक जीवित रहता है।


इस नियमावली में कहा गया है कि मास्क के उपयोग से संक्रमित व्यक्ति से निकले द्रव कणों में मौजूद वायरस के किसी दूसरे व्यक्ति के श्वसन तंत्र में प्रवेश की आशंका कम हो जाती है। सुरक्षित मास्क पहनकर वायरस के सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश की संभावनाएं कम हो जाती हैं, जो इसके प्रसार को रोकने के लिहाज से अहम हो सकता है। हालाँकि, ,मास्क को ऊष्मा, यूवी लाइट, पानी, साबुन और अल्कोहल के एक संयोजन के उपयोग से स्वच्छ किया जाना जरूरी है।


इस नियमावली को जारी करने का उद्देश्य मास्क, इनके उपयोग और मास्क के दोबारा उपयोग की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया की सरल रूपरेखा उपलब्ध कराना है, जिससे एनजीओ और व्यक्तिगत रूप से लोग खुद ऐसे मास्क तैयार कर सकें और देश भर में तेजी से ऐसे मास्क अपनाए जा सकें। प्रस्तावित डिजाइन के मुख्य उद्देश्यों में सामग्रियों तक आसान पहुंच, घरों में निर्माण आसान करना, उपयोग और पुनः उपयोग को आसान बनाना शामिल है।




राष्ट्रपति ने राम नवमी की शुभकामनाएं दी भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने राम नवमी की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहाः “राम नवमी के पावन अवसर पर, मैं सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली रामनवमी, हमारे मेहनतकश किसानों के लिए नव-धान्य का भी अवसर होती है। श्रीराम का आदर्श जीवन हमें सदाचार, सहनशीलता, सहृदयता और मैत्री-भाव का संदेश देता है। अपने-अपने कर्तव्य पथ पर हमें इन शाश्वत जीवन-मूल्यों के प्रति सच्ची निष्ठा दर्शानी चाहिए। आइए, राम नवमी के इस उल्लास-पूर्ण पर्व पर हम, अपने जीवन में श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करने और गौरवमयी भारत के निर्माण का संकल्प लें। साथ ही, त्योहार मनाते समय सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी सरकारी निर्देशों का पालन कर विश्वव्यापी आपदा कोविड-19 वायरस का मुकाबला करके इसे परास्त करना है।”

राष्ट्रपति ने राम नवमी की शुभकामनाएं दी


भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने राम नवमी की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहाः


 “राम नवमी के पावन अवसर पर, मैं सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।


मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली रामनवमी, हमारे मेहनतकश किसानों के लिए नव-धान्य का भी अवसर होती है। श्रीराम का आदर्श जीवन हमें सदाचार, सहनशीलता, सहृदयता और मैत्री-भाव का संदेश देता है। अपने-अपने कर्तव्य पथ पर हमें इन शाश्वत जीवन-मूल्यों के प्रति सच्ची निष्ठा दर्शानी चाहिए।


आइए, राम नवमी के इस उल्लास-पूर्ण पर्व पर हम, अपने जीवन में श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करने और गौरवमयी भारत के निर्माण का संकल्प लें। साथ ही, त्योहार मनाते समय सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी सरकारी निर्देशों का पालन कर विश्वव्यापी आपदा कोविड-19 वायरस का मुकाबला करके इसे परास्त करना है।”