दैनिक अयोध्या टाइम्स,रामपुर- अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सम्माननीय राम कुमार वालिया पूर्व राज्य मंत्री उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता शमीम अहमद के दिशा निर्देश पर रामपुर के कांग्रेसी नेता हाजी नाजिश खान अपने निवास पर धरने पर बैठे । धरने पर बैठे रहने पर उन्होंने कहा कि आज मैं आप सभी का ध्यान इस ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ कि आज केंद्र व राज्य में बैठी भाजपा सरकार पूर्ण रूप से किसान विरोधी सरकार है जो किसानों की जन समस्याओं की लगातार अनदेखी कर रही है हम निरंतर किसानों की समस्याओं को उठा रहे है तथा सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहे है लेकिन सरकार निरंतर भेदभाव पूर्ण नीति पर कार्य कर रही है हाल ही में हमारे नेताओ ने भारत के प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर फिलहाल देश में कोरोना के चलते किसानों को आर्थिक पैकेज देने ,उनका बकाया का भुगतान तुरन्त कराये जाने ,उनका कर्ज माफ किये जाने ,तथा खाद के कट्टो एव कर्षि के यंत्रों से जी. एस.टी.हटाये जाने की मांग की थी । जिस पर आज तक कोई ठोस कदम नही उठाया गया । भाजपा सरकार निरन्तर देश के अन्नदाता किसानों का शोषण कर रही है इसमें प्रदेश की योगी सरकार भी बढ़ चढ़कर अपना योगदान दे रही है । हमें अफसोस हैं कि हम लगातार सरकार का ध्यान किसानों की समस्याओं की तरफ अकर्षित कर रहे परन्तु हमें यह कह दिया है कि किसानों को कोई पीड़ा नही आप किसानों के मुद्दे पर राजनीति कर रहे है ।मेरी आप सभी किसानों व किसानों से जुडे सभी लोगो से आग्रह है कि आप भी अपने स्तर से इस मांग को उठाये और अपने आवासों पर ही इन मांगों को लेकर सांकेतिक धरने पर बैठे ।
Wednesday, June 3, 2020
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र प्रताप सिंह ने अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा से कई जिलो में पदाधिकारियों को किया नियुक्त
पुष्पेन्द्र सिंह संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा प्रदेश अध्यक्ष ने आज प्रदेश कार्यालय पे संगठन विस्तार किया जिसमें ज्ञानेंद्र सिंह को मेरठ मंडल अध्यक्ष ,प्रदीप सिंह मंडल महासचिव मेरठ, संदीप सिंह और ठाकुर अंकुज सिंह को जिला महामंत्री उन्नाव तथा , सौरभ सिंह को जिला सचिव अम्बेडकरनगर एव अजय प्रताप सिंह को सफीपुर विधानसभा अध्यक्ष चुना गया , प्रदेश अध्यक्ष जी ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारीयो को शुभकामनाएं देकर उनके उज्जव भविष्य की कामना की।
प्रकृति प्यारी
होता बड़ा, पीपल देती शीतल छाया
नीम करता हवा शुद्ध आँवला औषधियुक्त।
बबूल दंत की औषधि वेर खजूर मधूर
तार का बुलंद हौसला छूती गगन ।।
आम, लीची, कटहल तो देते वृद्धि
देश विदेश सैर कर लाते है समृद्धि।।
औषधियों से भरा हरे भरे घनघोर वन
इनके छाल,पत्ते जड़ और फल संवारे तन।
इनसे सुरभित है जीवन हमारा
इनका सदा ख्याल रखना धर्म तुम्हारा।
इनके वजूद पर टिका हुआ है
मानव अस्तित्व तुम्हारा।
कंचन काया की है यह वरदान
पेड़ पौधे रहे भरे घनघोर समान।
मानव की दानवता से कटते वृक्ष
छोड़ो दानवता और लगाओ वृक्ष।
हिमखंड की पिघलने की रफ्तार
संकट के बादल प्रकृति का वार।
असमय वारिस बदलते मौसम
सब तो है प्रकृति का प्रकोप।
इन सबसे बचने का तो एक उपाय
पेड़ लगाओ साफ रखो घर द्वार।।
धरती कहती हमसे चीख चीख कर
रोको रासायनिक प्रयोग ।
लुप्त हो जाऊँ मै भी ये अचरज नही
अगर ऐसे ही होते रहे मुझपर प्रयोग।।
धुआँ धुआँ सा गहरा लगता क्यूँ है?
प्रदूषण का पहरा इतना गहरा क्यूँ है?
फटे हाल सा हवा पानी चिथरा चिथरा
दम घुँटता सा शहर दर शहर विखरा विखरा।
ऐसे तो पूर्वजो ने विरासत दी तो न थी
बना डाला कैसा संभालने की तरकीब न थी।
आशुतोष
पटना बिहार
नीम करता हवा शुद्ध आँवला औषधियुक्त।
बबूल दंत की औषधि वेर खजूर मधूर
तार का बुलंद हौसला छूती गगन ।।
आम, लीची, कटहल तो देते वृद्धि
देश विदेश सैर कर लाते है समृद्धि।।
औषधियों से भरा हरे भरे घनघोर वन
इनके छाल,पत्ते जड़ और फल संवारे तन।
इनसे सुरभित है जीवन हमारा
इनका सदा ख्याल रखना धर्म तुम्हारा।
इनके वजूद पर टिका हुआ है
मानव अस्तित्व तुम्हारा।
कंचन काया की है यह वरदान
पेड़ पौधे रहे भरे घनघोर समान।
मानव की दानवता से कटते वृक्ष
छोड़ो दानवता और लगाओ वृक्ष।
हिमखंड की पिघलने की रफ्तार
संकट के बादल प्रकृति का वार।
असमय वारिस बदलते मौसम
सब तो है प्रकृति का प्रकोप।
इन सबसे बचने का तो एक उपाय
पेड़ लगाओ साफ रखो घर द्वार।।
धरती कहती हमसे चीख चीख कर
रोको रासायनिक प्रयोग ।
लुप्त हो जाऊँ मै भी ये अचरज नही
अगर ऐसे ही होते रहे मुझपर प्रयोग।।
धुआँ धुआँ सा गहरा लगता क्यूँ है?
प्रदूषण का पहरा इतना गहरा क्यूँ है?
फटे हाल सा हवा पानी चिथरा चिथरा
दम घुँटता सा शहर दर शहर विखरा विखरा।
ऐसे तो पूर्वजो ने विरासत दी तो न थी
बना डाला कैसा संभालने की तरकीब न थी।
उपहार
प्रकृति की यह उपहार
नदी की नीर
धरती को शीतल करे
वह ठंडी समीर
गूंजे गीत पर्वत - पहाड़
मनोबल बढ़ाए हिमालय की विशाल फैलाव
नवचर की गीत गूंजे तीर
भानु की यह ऊर्जा
तन बने ऊर्जा वीर
धरती की यह बाग बगीचे में
गूंजे नवचार गीत
उषा की वह संतुलित तप
गिरे बादल नीर
और नाचे मोर
नजारा ही देख लागे
सुंदर यह प्रकृति की उपहार
खिले बाग बगीचे की सुंदर सुमन
सुगंधित होवे
मन की यह छीन
दोष को दोस्त बनाए
यह सुमन की महान वीर
यह प्रकृति की उपहार समझिए
और समझिए धरती माता की उपहार।