Wednesday, January 8, 2020

तेरे बगैर 






तेरे बगैर ऐ मेरे सनम 

जिंदगी मेरी अधूरी रही 

 

मर गयीं ख़्वाहिशें सारी 

प्यास मेरी अधूरी रही 

 

भटकता रहता हूँ रात-दिन 

ठहरने की चाहत अधूरी रही 

 

तेरे वादों की निशानी 

हृदय में दफन ही रही 

 

कहो कैसे उठाऊंगा बोझ तन्हाई का 

क्यों मुझपे तेरी मेहरबानियाँ नहीं रही 

 

अब महफिलें लगती हैं बीरानी सी 

टूटे हुए दिल में तेरी यादें जो रही 

 

तेरे बगैर ऐ मेरे सनम 

जिंदगी मेरी अधूरी रही

 

- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 

ग्राम रिहावली, डाक तारौली, 

फतेहाबाद, आगरा 283111


 

 



 



कविता - कोई तो है

 

मेरे मन को छूने का हुनर वो जान गया है।

आँखों मे छिपे अश्को को पहचान गया है।।

 

कोई रिश्ता नही है उससे लेकिन वो मेरे मन 

के हर कोने के छिपे दर्द को पहचान गया है।

 

हर एक रिश्ता जब मुझे हर वक्त छल रहा था।

वो मेरे दर्द को अपना मान मेरे साथ चल रहा था।।

 

ना उसने,ना कभी मैंने अपने रिश्तों को नाम दिया।

मैं जब भी जहाँ थका,उसने मेरा हाथ थाम लिया।।

 

वो कोई दोस्त नही,प्यार नही ना ही मेरा साया है।

जब छल रहा था काल मुझे,मैंने उसे पास पाया है।।

 

माना रिश्तों को एक नाम देना भी जरूरी हो जाता है।

कोई तो है,ये एहसास इन बातों को कहाँ मान पाता है।।

 

चलते रहना साथ यूँही,जब तक जीवन का अंत ना हो।

रिश्ता कोई बने ना बने,एहसासों का कभी अंत ना हो।।

 

 

 

 

नीरज त्यागी

ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश ).

चलो आज हम - तुम नया गीत गाएं

ख्वाबों की अपनी एक बगिया सजाएं


चलो आज हम - तुम नया गीत गाएं

 

दिल का नया गीत अनमोल सुन लो

धुन हो नई और नए बोल चुन लो

होगा पुराना नहीं कुछ भी इसमें

खुद से नया एक माहौल बुन लो

मिलाकर के सुर आओ गुनगुनाएं

चलो आज हम - तुम नया गीत गाएं

 

शिकवा गिला कोई फरियाद ना हो

नया दिल हो बिल्कुल नई भावना हो

मन में भले ही न हो और कुछ पर

सदा साथ जीने की ही कामना हो

 

इसी कामना में जहाँ को भुलाएं

चलो आज हम - तुम नया गीत गाएं

 


विक्रम कुमार

मनोरा, वैशाली


Tuesday, December 24, 2019

टाटा मोटर्स ने पेश किया भारत का पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल 'नेक्सॉन ईवी'

मुंबई : टाटा मोटर्स ने इंडिया की अपनी इलेक्ट्रिक एसयूवी-नेक्सॉन ईवी का मुंबई में अनावरण किया। यह एसयूवी उन सभी व्यक्तिगत कार के खरीदारों की पसंद की कसौटी पर खरी उतरेगी, जो गाड़ी चलाते समय रोमांच के साथ कनेक्टेड ड्राइविंग का शानदार अनुभव चाहते हैं। यह इलेक्ट्रिक एसयूवी पर्यावरण के लिहाज से बेहद अनुकूल है। आधुनिक जिपटॉन टेक्नोलॉजी से लैस यह इलेक्ट्रिक वाहन सक्षम हाई वोल्टेज सिस्टम, शानदार परफॉर्मेंस, लंबी-चौड़ी रेंज, फास्ट चार्जिंग की सुविधा, ज्यादा लंबी बैटरी लाइफ और जबर्दस्त सुरक्षा फीचर्स से लैस किया गया है। इस एएसयू को जनवरी 2020 में लॉन्च किया जाएगा। नेक्सॉन ईवी की कीमत 15 से 17 लाख रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।
    कंपनी की इलेक्ट्रिक एसयूवी को पेश करने के लिए आयोजित किए गए समारोह में टाटा मोटर्स के एमडी और सीईओ श्री गुएंटर बुश्चेक ने कहा, “आधुनिक ईवी टेक्नोलॉजी, जिपट्रॉन को लॉन्च करने के बाद हमें अपने पहले इलेक्ट्रिक वाहन नेक्सॉन ईवी से लोगों को रूबरू कराते हुए बेहद खुशी हो रही है, जिसमें इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह शानदार परफॉर्मेंस देने वाला कनेक्टेड व्हीकल है, जिसे भारतीय उपभोक्ताओं की उम्मीदों, अरमानों और जरूरत को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने के रास्ते में आ रही सारी अड़चनों और रुकावटों को खत्म कर देगा। हमें पूरा विश्वास है कि यह भारत में वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन के क्षेत्र में मील का पत्थर बनकर उभरेगा। इससे भारत के लिए स्थिर और जिम्मेदारी पूर्ण ढंग से यातायात के साधनों को विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।”
    नई नेक्‍सॉन ईवी का डिजाइन काफी बोल्ड और बेहतरीन है, जोकि इंपैक्ट डिजाइन 2.0 की भाषा को जीवंत करती है। यह नया डिजाइन नेक्‍सॉन के पहले से ही मजबूत और सार्थक अंदाज को और उभारता है। इससे सड़क पर शान से चलती नेक्‍सॉन भीड़ में बाकी बाहनों से बिल्कुल अलग नजर आएगी। टाटा की नई एसयूवी नेक्‍सॉन ईवी में पतली और चौड़ी ग्रिल के साथ लाइटें लगाई गई हैं। कंपनी ने अपने इलेक्ट्रिक वाहन में ग्रिल और लाइटिंग नए सिरे अंदाज में लगाई है। 


 

 

शिवपुरी पुलिस कन्ट्रोल रूम में किशोर सशक्तिकरण पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

शिवपुरी -   पुलिस कण्ट्रोल रूम शिवपुरी  जिले के समस्त थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को बाल संरक्षण, बालिका शिक्षा, लिंग विभेद पर प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस अधीक्षक शिवपुरी श्री राजेश सिंह चंदेल के मार्गदर्शन मंे प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के उद्येश्यों पर डीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी श्री देवेन्द्र सुन्दरियाल जी द्वारा प्रशिक्षण के उद्येश्य पर चर्चा की। भारत को युवा देश कहा जाता है इस देश में 10 से19 बर्ष के किशोर किशोरियों की जनसंख्या लगभग 22 प्रतिशत है विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किशोर अवस्था को परिभाषित करने के लिए 10 से 19 बर्ष निर्धारित की गई है, यही वो समय है जब उनकी उर्जा, विकास और बृद्धि को नई दिशा मिलती है एैसे में यह वेहद आवश्यक हो जाता है कि जीवन के इस पड़ाव में इनको उचित सलाह, मार्गदर्शन एवं एक सुरक्षित माहोल प्रदान किया जाए, किशोर अवस्था में कई चुनोतिया होतीं है। जिनका सामाना किशोरों को करना पड़ता है। जिसमें विकास के अवसरों का न मिलना, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता, लिंग भेदभाव, लिंग आधारित हिंसा , बाल विवाह, बाल श्रम तथा सामाजिक बंधन सामिल हैं। इन सारे विषयों को आज हमें समझना है व इनके लिए सकारात्मक सोच बनानी है। श्री सुन्दरियाल जी द्वारा रोशनी परियोजना के बारें मंे विस्तृत चर्चा की इसके दूरगामी परिणामों से भी अवगत कराया। श्रीमान पुलिस अधीक्षक शिवपुरी द्वारा बताया गया कि पुलिस को बच्चों के प्रति अधिक संवेदनशील रहना चाहिए, बच्चों के लिए बनाये गये कानूनों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित हो, निर्धारित व्यवस्थाओं/संरचनाओं के बारे में सभी को जानकारी हो। आज के प्रशिक्षकों उनि. रूपेश शर्मा, उनि. मनीष चैहान, उनि. भावना राठौड़, उनि (रे) प्रियंका मिश्रा के द्वारा किशोर सशक्तिकरण, बाल अधिकार, बाल संरंक्षण, बाल विवाह, बच्चों के खिलाफ हिंसा (जेजे एक्ट 2015,पोक्सो एक्ट 2012) पर प्रशिक्षण दिया। जिला परियोजना समन्वयक श्री प्रदीप सिंह तोमर, सीमा जैन, कल्पना रायजादा, ममता संस्था ने कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया।

 

*जानिए क्या है एनआरसी? यदि यह 9 दस्तावेज हैं आपके पास, तो आप हैं भारत के नागरिक।*






 मथुरा;-  इस समय देश में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर चर्चा का माहौल गर्म है। लेकिन आमतौर पर किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। कई ऐसे दस्तावेज हैं, जो या तो आपके पास होंगे या आसानी से मिल सकते हैं, जो आपकी इस देश में नागरिकता को पुख्ता करते हैं।

 

सरकार द्वारा सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट (Citizenship Amendment Act) बनने के बाद अब देशभर मेंं नागरिकता को लेकर चर्चा का माहौल गर्म है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत सरकार के सभी मंत्रियों ने नागरिकता कानून और एनआरसी से नहीं घबराने की सलाह दी है। आज हम आपको बता रहे हैं कि अगर आपके पास ये नौ आसान दस्तावेज होंगे तो यकीनन आप भारत के नागरिक हैं और आपका नाम NRC (The National Register of Citizens) यानि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में होगा।

 

इस समय नागरिकता का सवाल पूरे देश में उठाया जा रहा है कि अगर कल को अगर नागरिकता का सबूत देना पड़े तो कैसे देंगे। वास्तव में ये दस्तावेज आसान दस्तावेज हैं, लिहाजा जो भी भारत में पैदा हुआ है और यहां रह रहा है, उसके पास इनमें से कोई ना कोई दस्तावेज भी जरूर होगा।

 

संविधान में विभिन्न अनुच्छेदों के जरिए नागरिकता को पारिभाषित किया गया है।इन अनुच्छेदों में वक्त-वक्त पर संशोधन भी हुए हैं. संविधान का अनुच्छेद 5 से लेकर 11 तक नागरिकता को पारिभाषित करता है। इसमें अनुच्छेद 5 से लेकर 10 तक नागरिकता की पात्रता के बारे में बताता है, वहीं अनुच्छेद 11 में नागरिकता के मसले पर संसद को कानून बनाने का अधिकार देता है।

 

नागरिकता को लेकर 1955 में सिटीजनशिप एक्ट पास हुआ। एक्ट में अब तक चार बार 1986, 2003, 2005 और 2015 में संशोधन हो चुके हैं।

 

संविधान में भारतीय नागरिकता को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश हैं।

 

इसके अनुसार अगर ये दस्तावेज आपके पास होंगे तो आप इस सूची में शामिल हो सकते हैं।

 

1) जमीन के दस्तावेज जैसे- बैनामा, भूमि के मालिकाना हक का दस्तावेज।

 

2) राज्य के बाहर से जारी किया गया स्थायी निवास प्रमाणपत्र।

 

3) भारत सरकार की ओर से जारी पासपोर्ट।

 

4) किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस/प्रमाणपत्र।

 

5) सरकार या सरकारी उपक्रम के तहत सेवा या नियुक्ति को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज।

 

6) बैंक/डाक घर में खाता।

 

7) सक्षम प्राधिकार की ओर से जारी किया गया जन्म प्रमाणपत्र।

 

8) बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा जारी शिक्षण प्रमाणपत्र।

 

9) न्यायिक या राजस्व अदालत की सुनवाई से जुड़ा दस्तावेज।

 

कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं?

संविधान में भारतीय नागरिक को स्पष्ट तौर पर पारिभाषित किया गया है।संविधान का अनुच्छेद 5 कहता है कि अगर कोई व्यक्ति भारत में जन्म लेता है और उसके मां-बाप दोनों या दोनों में से कोई एक भारत में जन्मा हो तो वो भारत का नागरिक होगा।भारत में संविधान लागू होने के 5 साल पहले यानी 1945 के पहले से रह रहा हर व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा।

 

हालांकि जब असम में NRC प्रक्रिया को लागू किया तो उसमें ये माना गया कि वो शख्स NRC के तहत, भारत का नागरिक होने के योग्य है, जो साबित करते हैं कि या तो वे या उनके पूर्वज 24 मार्च 1971 को या उससे पहले भारत में थे। ये प्रक्रिया बांग्लादेशी प्रवासियों को बाहर करने के लिए शुरू की गई थी। बता दें कि 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ था।

 

नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद ये चर्चा काफी ज्यादा है कि अब देशभर में एनआरसी लागू होगा। हालांकि भारत में पैदा हुए या लंबे समय से रह रहे लोगों के लिए इसमें घबराने की कोई बात नहीं है।

 

अगर कोई भारत में नहीं भी जन्मा हो, लेकिन वो यहां रह रहा हो और उसके मां-बाप में से कोई एक भारत में पैदा हुए हो तो वो भारत का नागरिक माना जाएगा। अगर कोई व्यक्ति यहां पांच साल तक रह चुका हो तो वो भारत की नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकता है।

संविधान का अनुच्छेद 6 पाकिस्तान से भारत आए लोगों की नागरिकता को पारिभाषित करता है. इसके मुताबिक 19 जुलाई 1949 से पहले पाकिस्तान से भारत आए लोग भारत के नागरिक माने जाएंगे. इस तारीख के बाद पाकिस्तान से भारत आए लोगों को नागरिकता हासिल करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। दोनों परिस्थितियों में व्यक्ति के मां-बाप या दादा-दादी का भारतीय नागरिक होना जरूरी है।

संविधान का अनुच्छेद 7 पाकिस्तान जाकर वापस लौटने वाले लोगों के लिए है।इसके मुताबिक 1 मार्च 1947 के बाद अगर कोई व्यक्ति पाकिस्तान चला गया, लेकिन रिसेटेलमेंट परमिट के साथ तुरंत वापस लौट गया हो वो भी भारत की नागरिकता हासिल करने का पात्र है. ऐसे लोगों को 6 महीने तक यहां रहकर नागरिकता के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। ऐसे लोगों पर 19 जुलाई 1949 के बाद आए लोगों के लिए बने नियम लागू होंगे।

एनआरसी में वो सभी लोग पात्र हैं जो या तो भारत में पैदा हुए, या 1949 के बाद भारत आए या फिर वो लोग, जिन्होंने देश की नागरिकता हासिल कर ली हो

संविधान का अनुच्छेद 8 विदेशों में रह रहे भारतीयों की नागरिकता को लेकर है।इसके मुताबिक विदेश में पैदा हुए बच्चे को भी भारतीय नागरिक माना जाएगा अगर उसके मां-बाप या दादा-दादी में से से कोई एक भारतीय नागरिक हो। ऐसे बच्चे को नागरिकता हासिल करने के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क कर पंजीकरण करवाना होगा।

संविधान का अनुच्छेद 9 भारत की एकल नागरिकता को लेकर है. इसके मुताबिक अगर कोई भारतीय नागरिक किसी और देश की नागरिकता ले लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता अपने आप खत्म हो जाएगी।

संविधान का अनुच्छेद 10 नागरिकता को लेकर संसद को अधिकार देता है।इसके मुताबिक अनुच्छेद 5 से लेकर 9 तक के नियमों का पालन करने वाले भारतीय नागरिक होंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार के पास नागरिकता को लेकर नियम बनाने का अधिकार होगा. सरकार नागरिकता को लेकर जो नियम बनाएगी उसके आधार पर किसी को नागरिकता दी जा सकेगी।

 

संविधान का अनुच्छेद 11 संसद को नागरिकता पर कानून बनाने का अधिकार देता है। इस अनुच्छेद के मुताबिक किसी को नागरिकता देना या उसकी नागरिकता खत्म करने संबंधी कानून बनाने का अधिकार भारत की संसद के पास है।


 

 



 



मां छाया है खुशियों की, पिता सुहानी धूप

 


मात -पिता की सेवा का फल है बड़ा अनूप

वारते जीवन बच्चों पर, उनपे लुटाते जान

मां है ममता की मूरत,पिता स्नेह का रुप

 

हंसके अपने बच्चों का सर पे उठाते भार

बच्चों को ही जीने का मानते हैं आधार 

हम सबके जीवन में है इनका बड़ा महत्व 

माता है ममतामयी , पिताजी पालनहार

 

इस मन में बस एक ही बसता है अरमान

मात-पिता के चरणों में सदा मिले स्थान 

भले न देना और कुछ पर देना इतना सा

कभी अलग मां-बाप से न करना भगवान 

 

उनका जीवन सरल सुखद होता है आसान

जिस घर में मां-बाप का नित होता सम्मान 

स्वर्ग है उनके कदमों में और है चारों धाम

मात-पिता से बढ़के न कोई दूजा भगवान

 

कर्म करें पहले अच्छे फल की चिंता बाद

मात-पिता ही हैं ईश्वर रखें हरदम याद

न मथुरा काशी अवध जाने की दरकार

मात-पिता जो खुश रहें तो जीवन आबाद 

 

मांग दुआ जब भी कोई कर इतनी फरियाद

अंतर्मन में ये सदा रखना एक मुराद

धन-दौलत सुख शांति घटेंगे कभी नहीं 

गर साया हो बाप का और मां का आशीर्वाद

Thursday, December 19, 2019

ना दिख मजबूर

रूह की गर्त पर एक नकाब लपेटे हूँ।

टूटे सपनो में अब भी आश समेटे हूँ।।

 

दुखों  की  कड़कड़ाती   धूप  बहुत  है।

खुशी की सर्द हवा की उम्मीद समेटे हूँ।।

 

क्यूँ हुआ तू किनारे , सोचता है क्यूँ भला।

देख पीपल के नीचे रखे भगवान का नजारा,

टूट जाये अगर भगवान की मूरत का कोना,

वो भी पीपल के नीचे,दिखता है मजबूर बड़ा।

 

फिर से हौशलो को जिंदा करके खुद को बना।

ना दिखे मजबूर तू,अपना एक आशियाँ बना।।

 

 

 

नीरज त्यागी

जुनून जश्न कामयाबी का 2019 का आयोजन हरदा जिले की प्रताप टॉकीज में संपन्न हुआ

 



 यह प्रोग्राम डायरेक्ट सेल्लिंग कंपनी milifestyle मार्केटिंग जिसके प्रोडक्ट्स भारत सरकार के आयुष प्रीमियम मार्क से प्रमाणित हैं और साथ कौशल विकास योजना, महिला सशक्तिकरण, स्किल इंडिया, और डिजिटल इंडिया के तहत डायरेक्ट सेल्लिंग बिज़नेस लोगों को स्वरोजगार दे रहे हैं और साथ साथ इसमें सफल हुए लोगों को विजेता ऑफ मंथ विनर बने लोगों को इस चीज पर मान सम्मान दिया गया साथ ही जो लोग गोवा विनर बने उन्हें भी सम्मानित किया गया थाईलैंड विनर जिन्होंने फर्स्ट स्लैप कंप्लीट किया उन्हें भी सम्मानित किया गया साथ ही कंपनी की रैंक प्राप्त करने पर स्टार, सुपर स्टार, टीम कोऑर्डिनेटर, एरिया टीम कोऑर्डिनेटर,  डिस्ट्रिक्ट टीम कोऑर्डिनेटर, जोनल टीम कोऑर्डिनेटर, स्टेट टीम कोऑर्डिनेटर, रीजनल टीम कोऑर्डिनेटर इत्यादि रैंक पर सम्मानित किया गया यह कार्यक्रम हर वर्ष में आयोजित किया जाता है जिसमें शम्मा लोगों को सम्मानित किया जाता है इस प्रोग्राम  प्रोग्राम को सफल बनाने में हरदा की टीम फोर्स MP के निर्माता मिस्टर राम पाटिल  मिस्टर संदीप पटवारे सहयोगी शुभम जाधम, गौरव चोलकर, सौरभ राजपूत, विनोद गुर्जर, रश्मि दुगया के सहयोग से संपन्न हुआ । मुख्य अतिथि टीम फोर्स मुंबई से नेशनल टीम कोऑर्डिनेटर मिस्टर मनीष सिंह सर इंटरनेशनल टीम कोऑर्डिनेटर मिस्टर राजन सिंह सर & मिस्टर संतोष सिंह सर आए थे इस कार्यक्रम में उन्होंने अपनी सफल भूमिका निभाई लोगों को बताया कि आज किस तरह डायरेक्ट सेल्लिंग बिज़नेस से उनके जीवन मे परिवर्तन हुआ और उन्हें आम आदमी से इस बिज़नेस ने ख़ास आदमी बनाया, और इस तरह आप भी डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस करते हुए अपने सपनों को  इस  बिजनेस से पूरा कर सकते हैं इसी प्रोग्राम को देखने आए दूरदराज गांवों और शहरों के मोरगड़ी, हरदा, खिड़कियां, सिराली, खातेगांव, नेमावर, हंडिया, शिवनी, बानापुरा, बैतूल, खंडवा, भोपाल इत्यादि स्थानों से 1500 सौ से ज्यादा व्यक्तियों ने इस प्रोग्राम को देखा और आनंद लिया राजन सिंह सर ने बताया कि जब उन्होंने यह शुरुआत करी थी तब उन्होंने कभी यह कल्पना नहीं की थी कि कभी एक ऐसा भी दिन आएगा जब लोग इतनी दूर दूर से आकर कुर्सियां ना होने पर भी इस प्रोग्राम को खड़े होकर देखेंगे अभी शुरुआत की सिर्फ 3 साल हुए हैं तो यह आलम है आने वाले 3 सालों में खुले मैदान में प्रोग्राम करना पड़ेगा क्योंकि हरदा जिले के अंदर भी कोई बड़ा हॉल नहीं है लोगों की बढ़ती जागरूकता को देखते हुए आज लोग रोजगार के साथ-साथ देश विदेश की यात्रा और अपने सपनो को पूरा भी कर रहे हैं लोगों के मान सम्मान पर एक व्यक्ति के साथ साथ उसके परिवार को भी सम्मानित कर रहे हैं प्रोग्राम को सफल बनाने में समस्त हरदा जिले की टीम फोर्स MP के सहयोग से ही कार्यक्रम को सफल बनाया गया।  

 

Tuesday, December 17, 2019

स्त्री : रहम की मोहताज नहीं, असीमित शक्तियों का भण्डार

जिस तरह भक्त शिरोमणि हनुमान जी को उनकी अपार-शक्तियों के बारे में बताना पड़ता था और जब लोग समय-समय पर उनका यशोगान करते थे, तब-तब बजरंगबली को कोई भी कार्य करने में हिचक नहीं होती थी, भले ही वह कितना मुश्किल कार्य रहा हो जैसे सैकड़ो मील लम्बा समुद्र पार करना हो, या फिर धवलागिर पर्वत संजीवनी बूटी समेत लाना हो...आदि। ठीक उसी तरह वर्तमान परिदृश्य में नारी को इस बात का एहसास कराने की आवश्यकता है कि वह अबला नहीं अपितु सबला हैं। स्त्री आग और ज्वाला होने के साथ-साथ शीतल जल भी है।
आदिकाल से लेकर वर्तमान तक ग्रन्थों का अध्ययन किया जाए तो पता चलता है कि हर स्त्री के भीतर बहुत सारी ऊर्जा और असीमित शक्तियाँ होती हैं, जिनके बारे में कई बार वो अनभिज्ञ रहती है। आज स्त्री को सिर्फ आवश्यकता है आत्मविश्वास की यदि उसने खुद के 'बिलपावर' को स्ट्राँग बना लिया तो कोई भी उसे रोक नहीं पाएगा। स्त्री को जरूरत है अपनी ऊर्जा, स्टैमिना, क्षमताओं को जानने-परखने की। काश! ऐसा हो जाता तो महिलाओं के साथ अभद्रता, दरिन्दगी, रेप, गैंगरेप और हत्या जैसी अप्रिय एवं दुःखद, अमानवीय घटनाओं पर काफी हद तक नियंत्रण लगता। समाज में छुपे रहने वाले दरिन्दों की विकृत मानसिकता का हर 'सबला' मुँह तोड़ जवाब दे सकती है, इसके लिए उसे स्वयं को पहचानना होगा। साथ ही समाज के स्त्री-पुरूष दोनों को रूढ़िवादी विचार धारा का परित्याग करना होगा।
पूरी दुनिया में आधी आबादी महिलाओं की है बावजूद इसके हजारों वर्षों की चली आ रही परम्परा बदस्तूर जारी है। सारे नियम-कानून महिलाओं पर लागू होते हैं। जितनी स्वतंत्रता लड़को को मिल रही है, उतनी लड़कियों को क्यों नहीं? बराबरी (समानता) का ढिंढोरा पीटा तो जा रहा है, लेकिन महिलाओं पर लगने वाली पाबन्दियाँ कम नहीं हो रही हैं। लड़कों जैसा जीवन यदि लड़कियाँ जीना चाहती हैं तो इन्हें नसीहतें दी जाती हैं, और इनके स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं। उन पर पाबन्दियाँ लगाई जाती हैं। बीते महीने कश्मीर की प्रतिभाशाली लड़कियों के रॉक बैण्ड 'परगाश' पर प्रतिबन्ध लगाया गया। ऐसा क्यों हुआ? यह बहस का मुद्दा भले ही न बने लेकिन शोचनीय अवश्य ही है।
समाज के मुट्ठी भर रूढ़िवादी परम्परा के समर्थक अपनी नकारात्मक सोच के चलते लड़कियों की स्वतंत्रता को परम्परा विरोधी क्यों मान बैठते हैं? क्या स्त्री-पुरूष समानता के इस युग में लड़के और लड़कियों में काफी अन्तर है। क्या लड़कियाँ उतनी प्रतिभाशाली और बुद्धिमान नहीं हैं, जितना कि लड़के। वर्तमान लगभग हर क्षेत्र में लड़कियाँ अपने हुनर से लड़कों से आगे निकल चुकी हैं और यह क्रम अब भी जारी है। आवश्यकता है कि समाज का हर वर्ग जागृत हो और लड़कियों को प्रोत्साहित कर उसे आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें। आवश्यकता है कि हर स्त्री-पुरूष अपनी लड़की संतान का उत्साहवर्धन करे उनमें आत्मविश्वास पैदा करे जिसके फलतः वे सशक्त हो सकें। दुनिया में सिर ऊँचा करके हर मुश्किल का सामना कर सकें। लड़की सन्तान के लिए बैशाखी न बनकर उन्हें अपनी परवरिश के जरिए स्वावलम्बी बनाएँ। लड़का-लड़की में डिस्क्रिमिनेशन (भेदभाव) करना छोड़ें।
गाँव-देहात से लेकर शहरी वातावरण में रहने वालों को अपनी पुरानी सोच में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। लड़कियों को चूल्हा-चौके तक ही सीमित न रखें। यह नजरिया बदलकर उन्हें शिक्षित करें। सनद लेने मात्र तक ही नहीं उन्हें घर बिठाकर शिक्षा न दें लड़कों की भाँति स्कूल/कालेज अवश्य भेजे। अब समाज में ऐसी जन-जागृति की आवश्यकता है जिससे स्त्री विरोधी, कार्यों मसलन भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा स्वमेव समाप्त हो इसके लिए कानून बनाने की आवश्यकता ही न पड़े। महिलाओं को जीने के पूरे अधिकार सम्मान पूर्वक मिलने चाहिए। जनमानस की रूढ़िवादी मानसिकता ही सबसे बड़ी वह बाधा है जो महिला सशक्तीकरण में आड़े आ रही है। महिलाएँ चूल्हा-चौका संभाले, बच्चे पैदा करें और पुरूष काम-काज पर निकलें यह सोच आखिर कब बदलेगी?
मैं जिस परिवार से हूँ वह ग्रामीण परिवेश और रूढ़िवादी सोच का कहा जा सकता है, परन्तु मैने अपनी दृढ़ इच्छा-शक्ति से उच्च शिक्षा ग्रहण किया और आज जो भी कर रही हूँ उसमें किसी का हस्तक्षेप मुझे बरदाश्त नहीं। कुछ दिनों तक माँ-बाप ने समाज का भय दिखाकर मेरे निजी जीवन और इसकी स्वतंत्रता का गला घोंटने का प्रयास किया परन्तु समय बीतने के साथ-साथ अब उन्हीं विरोधियों के हौंसले पस्त हो गए। मैं अपना जीवन अपने ढंग से जी रही हूँ, और बहुत सुकून महसूस करती हूँ। मैं बस इतना ही चाहती हूँ कि हर स्त्री (महिला) सम्मानपूर्वक जीवन जीए क्योंकि यह उसका अधिकार है।
इतना कहूँगी कि गाँवों में रहने वाले माँ-बाप अपनी लड़की संतान को चूल्हा-चौका संभालने का बोझ न देकर उन्हें भी लड़कों की तरह पढ़ाए-लिखाएं और शिक्षित बनाएँ ताकि वे स्वावलम्बी बनकर उनका नाम रौशन कर सकें। माँ-बाप द्वारा उपेक्षित लड़की संतान 'डिप्रेसन' से उबर ही नहीं पाएगी तब उसे कब कहाँ और कैसे आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। जब महिलाएँ स्वयं जागरूक होंगी तो वे समय-समय पर ज्वाला, रणचण्डी, गंगा, कावेरी, नर्मदा का स्वरूप धारण कर अपने शक्ति स्वरूपा होने का अहसास कराती रहेंगी उस विकृत समाज को जहाँ घृणित मानसिकता के लोग अपनी गिद्धदृष्टि जमाए बैठे हैं। आवश्यकता है कि स्त्री को स्वतंत्र जीवन जीने, स्वावलम्बी बनने का अवसर बखुशी दिया जाए ऐसा करके समाज के लोग उस पर कोई रहम नहीं करेंगे क्योंकि यह तो उसका मौलिक अधिकार है। न भूलें कि नारी 'अबला' नहीं 'सबला' है, किसी के रहम की मोहताज नहीं।
रीता विश्वकर्मा

Sunday, December 15, 2019

गन्ना बकाया भुगतान पर किसानों ने कहा कोर्ट निगरानी करे








उत्तर प्रदेश में बेहतर गन्ना मूल्य और बकाए भुगतान की मांग कर रहे किसानों ने उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की है। गन्ना बकाया की लड़ाई लड़ रहे किसानों ने इसका भुगतान उच्च न्यायालय की ओर से गठित निगरानी समिति के जरिए कराए जाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि सरकार और अदालत के आदेशों की खुली अवहेलना कर बजाज चीनी मिल समूह न केवल उन्हे भुगतान नहीं कर रहा है बल्कि अपनी सहयोगी कंपनियों को मनमाने कर्ज बांट रहा है।

गन्ना बकाए के भुगतान को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सोमवार को किसानों की याचिका पर सुनवाई होनी है। याचिका में बजाज हिन्दुस्तान शुगर्स लिमिटेड के खिलाफ किसानों के साथ प्रदेश सरकार के गन्ना आयुक्त भी पक्षकार हैं। इस याचिका में किसानों ने कहा है कि अदालत के स्पष्ट आदेशों और निर्देशों के बाद भी बजाज चीनी मिल समूह ने बकाए का भुगतान नही किया है। इस संदर्भ में प्रदेश सरकार ने इसी साल 31 अगस्त की समय सीमा निर्धारित की थी। उच्च न्यायालय ने अपने 16 सितंबर और 19 सितंबर के आदेशों में प्रदेश सरकार से एक महीने के भीतर ब्याज सहित गन्ना मूल्य बकाए का भुगतान सुनिश्चित कराने को कहा था।

याचिकाकर्त्ताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार और उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बाद भी किसानों को भुगतान नही किया जा रहा है। इतना ही नही इस सबके बीच बजाज हिन्दुस्तान शुगर्स लिमिटेड ने अपनी सहयोगी कंपनी बजाज पावर जेनरेशन को 1600 करोड़ रुपये व एक अन्य कंपनी ओजस इंडस्ट्रीज को 500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया है। किसानों का कहना है कि एक ओर जहां उन्हे न्यायालय व सरकार के आदेशों के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है वहीं बिना किसी ठोस कारण के सहयोगी व अन्य कंपनियों को कर्ज बांटे जा रहे हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में किसानों के कुल गन्ना बकाया में 40 फीसदी हिस्सेदारी अकेले बजाज समूह की चीनी मिलों की है। सरकार के लाख दावों के बाद भी किसानों के पूरे बकाया मूल्य का भुगतान नही हो सका है।

किसान नेता मुकेश सिंह चौहान व कर्ण सिंह का कहना है कि सरकार खुद के व न्यायालय के निर्देशों व आदेशों की लगातार अवहेलना कर रहे बजाज हिन्दुस्तान शुगर्स पर कोई कारवाई नही कर रही है जिसका खामियाजा हजारों किसानों को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस साल भी प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य न बढ़ाकर निराश किया है दूसरी ओर उन्हें ब्याज सहित बकाया भुगतान दिलाने के लिए ठोस प्रयास नही किए जा रहे हैं।

याचिकाकर्त्ता किसानों ने मांग की है कि अब उन्हें बकाया भुगतान न्यायालय की ओर से गठित निगरानी समिति की देखरेख में कराया जाए।


 



 



 



*NDA 2019 रिजल्ट घोषित होने पर छात्रों का सम्मान समारोह सैन्य बलों में सेलेक्शन को लेकर वारियर्स डिफेंस एकेडमी (WDA) के छात्रों का सम्मान समारोह*






लखनऊ: डिफेंस इंस्टीट्यूशन में वारियर्स डिफेंस एकेडमी (WDA)  सेलेक्शन प्लेसमेंट को लेकर लखनऊ की सबसे बेहतर एकेडमी का गौरव एकबार फिर प्राप्त हुआ। NDA 2019 के परिणाम में 20 से अधिक बच्चों के सेलेक्शन होने पर एकबार फिर वारियर्स डिफेंस एकेडमी (WDA) ने रचा इतिहास। 

 लखनऊ के कपूरथला स्थित NDA/CDS/SSB की तैयारी कराने को लेकर अब तक कि सबसे बेहतर डिफेंस एकेडमी के रूप में जानी जाती है और NDA 2019 (।।) के परिणाम घोषित होने पर एकेडमी के 20 से अधिक बच्चों ने सफलता प्राप्त की इस खास अवसर पर छात्रों के सम्मान में लखनऊ प्रेसक्लब में सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एकेडमी के सैकड़ों छात्रों ने हिस्सा लिया साथ ही तमाम सम्मानित हस्तियां भी शामिल हुई। एकेडमी के डायरेक्टर गुलाब सिंह व समाजसेवी जे.पी.सिंह ने छात्रों को ट्राफी,सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया व उनके सफ़लजीवन के लिए शुभकामनाएं प्रदान की।

एकेडमी के डायरेक्टर गुलाब सिंह ने बताया कि देश की सेवा ही सर्वहित सेवा है,भारत मां की सेवा में उनके सैकड़ों छात्र सैन्य बलों में सेना के रूप में चयनित होकर देश की सेवा कर रहे है,एकेडमी के त्याग बलिदान, आधुनिक गुणवत्ता से परिपूर्ण शिक्षा व छात्रों के लगन जोश के कारण हर वर्ष ज्यादा से ज्यादा छात्र देशसेवा के लिए चयनित हो रहे है और NDA 2019 के रिजल्ट घोषित होने पर सबसे ज्यादा एकेडमी के छात्रों ने सफलता हासिल की है जो सबसे ज्यादा सम्मान की बात है।

इस कार्यक्रम अवसर पर समाजसेवी जे.पी. सिंह ने एकेडमी के द्वारा छात्रों को सेना के लिए तैयारी कराने व छात्रों के सफल परिणाम के लिए गुलाब सिंह को धन्यवाद दिया।तो वही छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रदान की ।


 

 



 



 

भारतीय पत्रकार संघ की उत्तराखंड प्रदेश इकाई का गठन। 






रामनगर। भारतीय पत्रकार संघ की उत्तराखंड इकाई का गठन संगठन के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष समीम दुर्रानी की अध्यक्षता में किया गया। आज दिनांक 15 दिसम्बर 2019 को रामनगर के एक निजी रेस्टोरेन्ट में आयोजित बैठक में संगठन के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष समीम दुर्रानी का पत्रकारों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। बैठक में नवनियुक्त अध्यक्ष दुर्रानी ने पत्रकारों को नये संगठन से परिचित करवाया, तथा कार्यकारिणी के विस्तार पर चर्चा की। स्वागत समारोह में आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दुर्रानी ने सगीर अशरफ़ और अज़ीम खान को संगठन का संरक्षक रामनगर नगर इकाई का गठन करते हुए सलीम अहमद को महामंत्री, मौलाना जलीस अहमद कासमी को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, असलम सिद्दकी को कनिष्ठ उपाध्यक्ष, पंकज तिवारी को सचिव नियुक्त किया गया। कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से प्रदेश महासचिव के लिए एडवोकेट मयंक मैनाली का नाम प्रस्तावित किया गया। जिस पर सभी सदस्य एकमत हुए। इसके साथ ही तय किया गया कि जल्द ही संगठन का विस्तार करते हुए एक प्रदेश स्तरीय सदस्यता अभियान जल्द चलाया जाएगा। इसके साथ ही संगठन का एक प्रदेश स्तरीय सम्मेलन भी जनवरी-फरवरी माह में आयोजित किया जाएगा। तय किया गया कि रामनगर में पत्रकारों के लिए जल्द मीडिया सेंटर की मांग करते हुए सीएम को पत्र भेजा जाएगा। स्वागत समारोह और बैठक के अंत में संजय मैहता "संजू" को नोएडा से प्रसारित चैनल लाइव इंडिया 24 न्यूज का कुमांऊ संवाददाता बनने पर सम्मानित करते हुए शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम में सलीम अहमद,असलम सिद्दकी, मौलाना जलीस अहमद कासमी, सगीर अशरफ, अजी़म खान, मयंक मैनाली, पंकज तिवारी, शमशाद अली, संजय मैहता "संजू" आदि पत्रकार मौजूद थे।