Thursday, February 27, 2020

आगामी टिड्डी आक्रमण व उसके नियंत्रण हेतु केंद्र व राज्य सरकार की तैयारियों के आकलन हेतु सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण,भारत सरकार की अध्यक्षता मे उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार के निर्देशानुसार, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण,भारत सरकार की अध्यक्षता मे  आज नई दिल्ली मे एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमे राजस्थान, गुजरात, पंजाब व हरियाणा राज्यो से उच्च स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक मे राजस्थान से प्रमुख सचिव,कृषि, कृषि आयुक्त व संयुक्त निदेशक (पादप संरक्षण), गुजरात से अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंजाब से संयुक्त निदेशक(टिड्डी नियंत्रण) व हरियाणा से संयुक्त निदेशक (पादप संरक्षण) ने भाग लिया। भारत सरकार के विशेष सचिव, कृषि आयुक्त, संयुक्त सचिव (पीपी), निदेशक(पीपी),संयुक्त निदेशक,कीट विज्ञान, अतिरिक्त सचिव,राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण,निदेशक,विदेश मंत्रालय,निदेशक,गृह मंत्रालय, मुख्य प्रबंध निदेशक, एचआईएल लिमिटेड ने भाग लिया।


संयुक्त सचिव (पीपी), ने भारत मे किए गए टिड्डी नियंत्रण के बारे मे पावर पॉइंट के द्वारा माह मई 2019 से अब तक किए गए टिड्डी नियंत्रण के बारे मे ,व नियंत्रण के दौरान अनुभव की गई कठिनाइयों व सफलताओं पर विस्तार से चर्चा की गई। फसलों मे टिड्डी से हुए नुकसान के बारे मे चर्चा की गई व एनडीआरएफ़ ,एसडीआरएफ़ के मानको के अनुसार सहायता की स्थिति के बारे मे बताया ।


कृषि सचिव ने टिड्डी नियंत्रण हेतु आगामी तैयारियो के लिए राजस्थान, गुजरात,पंजाब व हरियाणा के  टिड्डी प्रभावित जिलों मे टिड्डियों के बारे मे जागरूकता अभियान कार्यक्रम एक निश्चित  समय मे आयोजित करने हेतु कहा जिसमे राज्य कृषि विभाग के अधिकारी, व ग्राम स्तर पर राजस्व विभाग के पटवारी,ग्राम  विकास अधिकारीयों, कृषकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। सीमा सुरक्षा बल के कार्मिको को भी टिड्डी के बारे मे प्रशिक्षित किया जाएगा.


सचिव महोदय ने इस वर्ष के नियंत्रण व उपलब्ध संसाधनो को ध्यान मे रखते हुए आगामी मौसम मे भारत सरकार के टिड्डी नियंत्रण संगठन, राज्य सरकार, स्थानीय कृषकों, बीएसएफ़ व अन्य संगठनो के द्वारा संयुक्त प्रयास द्वारा टिड्डी नियंत्रण करने हेतु कहा व राज्य सरकारो को टिड्डी नियंत्रण के लिए आवश्कतानुसार संसाधन हेतु सहायता देने  व बैठक के अंत मे सचिव महोदय ने अब तक किए गए प्रयासों पर संतुष्टि व्यक्त की, कठिन परिश्रम की प्रशंशा की और भविष्य मे बेहतर प्रयास की अपेक्षा की  और सभी को धन्यवाद कहा।   



श्री किरेन रिजिजू ने लेह, लद्दाख में पहले खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों का उद्घाटन किया

युवा कार्य और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री किरेन रिजिजू ने संघ शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में पहले खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों का आज उद्घाटन किया। भारत में यह इस तरह का पहला आयोजन है, जिसे देश में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने और देश के युवाओं के बीच इन खेलों को लोकप्रिय करने के लिए आयोजित किया गया है।


खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों के उद्घाटन समारोह में श्री किर रिजिजू ने कहा, ‘दुनिया की 20 प्रतिशत भारत में मौजूद युवा शक्ति को दिशा दिखाने के लिए सरकार खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय खेलों, युवा खेलों और शीतकालीन खेलों का पहली बार आयोजन करने में अब तक 15 हजार छात्रों को पहचाना गया है और उन्हें विभिन्न शिविरों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 7 मार्च से जम्मू और कश्मीर के गुलमर्ग में शीतकालीन खेलों का आयोजन किया जाएगा और मैं आश्वासन देता हूं कि शीतकालीन खेलों का स्तर सुधारने और उनमें भागीदारी बढ़ाने के लिए धनराशि बढ़ाई जाएगी।’


खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों का दूसरा चरण 7 मार्च से 11 मार्च तक कोंगदोरी, गुलमर्ग में आयोजित किया जाएगा और इसमें एल्पाइन स्कीइंग, क्रॉस कंट्री स्कीइंग, स्नो बोर्डिंग और स्नो शूइंग  प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।


लद्दाख में चल रहे खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों के दौरान तीन शीतकालीन खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। ये हैं:- ओपन आइस हॉकी चैंपियनशीप, फिगर स्केटिंग, स्पीड स्केटिंग। इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए लेह और कारगिल से 1700 खिलाड़ी आएंगे, जो ब्लॉक, जिला और संघ शासित क्षेत्र के स्तर पर होंगी।



नोवल कोरोनावायरस (कोविड-19) पर अपडेट: यात्रा के लिए नई एडवाइजरी

अन्‍य देशों से प्राप्‍त हो रहे कोविड-19 से संक्रमित रोगियों के मामलों से उत्‍पन्‍न स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने वैसे तो कई यात्रा एडवाइजरी पहले ही जारी कर दी हैं, लेकिन इसके साथ ही निम्‍नलिखित अतिरिक्‍त निर्देश भी जारी किए गए हैं:



1)  भारतीयों को यह सलाह दी जाती है कि यदि अत्‍यंत आवश्‍यक न हो, तो वे कोरिया गणराज्‍य, ईरान और इटली की यात्रा करने से बचें।


2)  कोरिया गणराज्‍य, ईरान और इटली से आ रहे लोगों अथवा 10 फरवरी, 2020 से अब तक वहां से यात्रा कर आए लोगों को भारत में आगमन पर 14 दिनों तक अलग चिकित्‍सा वार्ड में रखा जा सकता है।


3)  किसी भी तरह के तकनीकी सवाल का उत्‍तर पाने के लिए संबंधित व्‍यक्ति स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष के चौबीसों घंटे चालू रहने वाले हेल्‍पलाइन नम्‍बर +91-11-23978046 पर संपर्क कर सकते हैं अथवा ncov2019@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं।




मानव संसाधन विकास मंत्री ने प्रबंधकों के लिए यूकेआईईआरआई-यूजीसी उच्च शिक्षा लीडरशिप विकास कार्यक्रम की शुरुआत की

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ‘प्रबंधकों के लिए उच्च शिक्षा लीडरशिप विकास कार्यक्रम’ की शुरुआत की। यह ब्रिटेन, भारत शिक्षा और अनुसंधान पहल (यूकेआईईआरआई) के तत्वाधान में यूजीसी और ब्रिटिश काउंसिल की संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य भारतीय विश्वविद्यालयों में मध्यम और वरिष्ठ स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों तक लीडरशिप विकास कार्यक्रम पहुंचाना है। कार्यक्रम की शुरुआत के दौरान मंत्रालय में सचिव श्री अमित खरे; यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर डी.पी. सिंह, ब्रिटिश काउंसिल ऑफ इंडिया की ओबीई-निदेशक सुश्री बारबरा विकहैम और मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथ ब्रिटिश काउंसिल के अन्य अधिकारी मौजूद थे।


इस अवसर पर श्री पोखरियाल ने कहा कि यह एक अनूठा कार्यक्रम है, जिसमें भारतीय विश्वविद्यालयों के मध्यम और उच्च स्तर के अधिकारियों की लीडरशिप क्षमता बढ़ाने के महत्वपूर्ण पहलुओं को रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे विश्वविद्यालयों में प्रदान की जा रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता की तर्ज पर संस्थागत विकास की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से वैश्विक नजरिया विकसित करने में मदद मिलेगी और इससे समावेशी तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ी उच्च शिक्षा प्रणालियों के लिए ज्ञान को बढ़ावा देगा, जो ब्रिटेन और भारत में आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करती है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम अधिकारियों के लिए एक प्रेरक के रूप में काम करेगा ताकि वे अपनी प्रदर्शन और क्षमताओं में सुधार ला सकें, जिससे संस्थागत रूप रेखा और भारत में विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा बढ़ाई जा सके।


कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ और मध्यम स्तर पर शैक्षणिक प्रशासकों को प्रशिक्षित करना है ताकि वे नवीन दृष्टिकोणों, क्षमता, साधनों और कौशल के साथ भारत के विश्वविद्यालयों में सर्वांगी परिवर्तन ला सकें। ‘प्रशासकों के लिए उच्च शिक्षा लीडरशिप विकास कार्यक्रम’ विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक काम-काज पर कार्य साधकता सुनिश्चित करेगा। इस कार्यक्रम में दो कार्यशालाएं शामिल हैं, जिन्हें ब्रिटेन के प्रशिक्षकों द्वारा कराया जाएगा, जो लगभग 300 शैक्षणिक अधिकारियों को रजिस्ट्रार और संयुक्त/उप/सहायक रजिस्ट्रार प्रशिक्षित करेंगी ताकि वे उच्च शिक्षा संस्थानों में बदलाव ला सकें। कार्यक्रम में निरंतरता बनाए रखने के लिए 300 भागीदारों में से भविष्य में 30 संभावित लीडरशिप विकास कार्यक्रम प्रशिक्षकों का चयन किया जाएगा और उन्हें अन्य लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) वैश्विक दृष्टि से मान्यता प्राप्त संस्थागत विशेषज्ञों और ब्रिटेन की उत्कृष्ट लीडरशिप के साथ प्रशिक्षण सहयोगी के रूप में एडवांस एचई के सहयोग से इस कार्यक्रम को चलाएगा।



 एनसीएससी ने राजस्थान सरकार को नागौर में असामाजिक तत्वों के अत्याचार और अमानवीय व्यवहार के दो पीड़ितों को मुआवजा देने और मामले में तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया

राजस्थान के नागौर में अनुसूचित जाति के दो लोगों पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अत्याचार और अमानवीय व्यवहार का मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के संज्ञान में लाया गया है। मामले को राजस्थान सरकार के सामने पहले ही उठाया गया है और इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपी गई है।  इस मामले पर एनसीएससी के सचिव ने 20 फरवरी, 2020 को नागौर के डीएम से फोन पर बात की है। एनसीएससी के अध्यक्ष  को 20 फरवरी, 2020 को पुलिस और डीएम द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी गई।


      प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पीओए अधिनियम की  धारा 342, 323, 341, 143 आईपीसी, 3 (1) (डी), 3 (1) (एस) और 3 (2) (वीए) के तहत  एफआईआर नंबर 011/19.02.2020  दर्ज की गई। पुलिस ने मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डीएम ने पुष्टि की है कि 20.02.2020 को नियमानुसार अनुमोदन संख्‍या  डीओएसजेई/9986/एटीआरओसी/2019/106286 के तहत दोनों में से प्रत्‍येक पीड़ित को 50,000/- रुपये का भुगतान किया गया है। एनसीएससी के उपाध्‍यक्ष ने राज्य अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने और पीड़ित को मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश भी दिया है।



उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों को लोगों के सामाजिक जीवन के साथ आत्मीयता से जुड़ना चाहिए और लोक-प्रसिद्ध 'एकांत' नहीं बने रहना चाहिए

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज सभी विश्वविद्यालयों से कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) की तरह विश्वविद्यालय की सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने और छात्रों को किसी न किसी रूप में सामाजिक सेवा करने के लिए प्रोत्साहन देने का आह्वान किया ताकि वे देश के जिम्मेदार नागरिक बनें। उन्होंने कहा कि खुद को राष्ट्र-निर्माण में सकारात्मक, सार्थक और रचनात्मक तरीके से शामिल करें।


पांडिचेरी विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने छात्रों से अपने ज्ञान में वृद्धि करने और अपने करियर में उन्नति के लिए अपने बहुमूल्य समय का उचित उपयोग करने के लिए कहा। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और अन्य बड़े कार्यक्रमों में भाग लें और इन्हें जन आन्दोलन में परिवर्तित करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को लोगों के सामाजिक जीवन के साथ आत्मीयता से जुड़ना चाहिए और लोक-प्रसिद्ध 'एकांत' ही  नहीं बने रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षाविदों को न केवल सामाजिक-आर्थिक संदर्भ में निहित होना चाहिए बल्कि दुनिया भर में ज्ञान की खुशबू भी फैलानी चाहिए।


उपराष्ट्रपति ने 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक समग्र शिक्षा मानव को परिष्कृत करती है और न केवल बुद्धि और कौशल का विस्तार करती है, बल्कि सहानुभूति, करुणा, सम्मान, सहिष्णुता और सकारात्मक सोच जैसे आवश्यक मानवीय गुणों का समावेश भी करती है।


शिक्षा पर श्री अरबिंदो के विचारों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा को समग्र, ज्ञानवर्धक और सशक्त बनाना होगा। उन्होंने कहा कि यह केवल रोजगार के लिए ही नहीं होनी चाहिए। श्री नायडू ने किसी भी भाषा के आंख मूंदकर विरोध करने को गलत बताते हुए कहा कि हर किसी को अपनी मातृभाषा को सीखने के दौरान जितनी संभव हो उतनी भाषाएं सीखने की कोशिश करनी चाहिए और किसी भी भाषा का कोई विरोध नहीं होना चाहिए।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों- ‘मूल्य प्रवाह उच्च शिक्षण संस्थानों में मानवीय मूल्यों और पेशेवर नीति का समावेश’ के बारे में दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए उपराष्ट्रपति ने संस्थानों से निम्नलिखित पांच प्रणालियों के सृजन के लिए के प्रयास करने का आह्वान किया-


1. समग्र विकास के लिए सीखने की प्रक्रिया


2. दोष रहित शासन


3. प्रभावी संस्थागत प्रबंधन


4. पुरस्कारों और अनुशासन की अच्छी प्रणाली


5. संस्थागत माहौल जहां अधिकारों, आनंद और गलतियों को प्रोत्साहन न मिले।


इस अवसर पर केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की उप राज्यपाल और पांडिचेरी विश्वविद्यालय की मुख्य संरक्षक  डॉ. किरण बेदी, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री श्री वी. नारायणसामी, विद्युत, शिक्षा और कृषि मंत्री श्री आर. कमलाकन्नन, राजस्व, उद्योग और वाणिज्य, परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी, वन, वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री, श्री एमओएचएफ शाहजहाँ, कुलपति प्रो. गुरमीत सिंह और विभिन्न विश्वविद्यालय निकायों के विशिष्ट सदस्य भी उपस्थित थे।



भारतीय वायु सेना और रॉयल एयर फोर्स के संयुक्त युद्धाभ्यास इन्द्रधनुष के 5वें संस्करण की शुरुआत

      भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) ने 24 फरवरी 2020 को वायु सेना स्टेशन हिंडन पर इंद्रधनुष युद्धाभ्यास के पांचवें संस्करण की संयुक्त रूप से शुरुआत की। युद्ध अभ्यास के इस संस्करण में 'बेस डिफेंस एंड फोर्स प्रोटेक्शन' पर जोर दिया गया है। आतंकी तत्वों से सैन्य प्रतिष्ठानों को अभी हाल के खतरों को देखते हुए युद्ध अभ्यास का यह विषय बहुत महत्वपूर्ण है। इन्द्रधनुष युद्धाभ्यास भारतीय वायुसेना और रॉयल एयर फोर्स को अपने प्रतिष्ठानों को आतंकी खतरों से निपटने के लिए मान्य रणनीतियों और युक्तियों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।


आरएएफ के दल में उनकी रेजिमेंट के 36 विशेष लड़ाके शामिल हैं जबकि भारतीय वायु सेना में गरुड़ फोर्स के 42 लड़ाके शामिल हैं। दोनों दल संयुक्त रूप से कार्य करने वाली योजनाओं और परिदृश्यों के आधार पर मिशन पूरा करेंगी। दोनों पक्ष विशेष हथियारों, उपकरणों और वाहनों का भी उपयोग करेंगे। विशेष मिशन में शहरी निर्मित जोन में  एयरफील्ड आक्रमण, बेस डिफेंस और आतंकवाद विरोधी अभियान शामिल हैं। इन अभ्यासों में सी-130 जे विमान से पैरा ड्राप्स, एमआई-17 वी 5 हेलीकॉप्टरों द्वारा सामरिक इनसर्जन और विभिन्न हवाई सेंसरों का उपयोग शामिल हैं।


भारतीय वायुसेना और रॉयल एयर फोर्स एक दूसरे के परिचालन अनुभव, प्रशिक्षण दर्शन, समकालीन प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के अनुसरण से महत्वपूर्ण लाभ अर्जित करेंगी। आपसी समझ और मिलनसारिता बढ़ाने के लिए इस अभ्यास के दौरान कुछ सामाजिक खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। इस अभ्यास का औपचारिक समापन 29 फरवरी 2020 को होगा।