Wednesday, April 29, 2020

नगर पालिका और खाद्य विभाग की टीम ने किया करौंदी बस्ती का निरीक्षण नगर पालिका द्वारा जरूरतमंदों को राशन का वितरण

शिवपुरी, 29 अप्रैल 2020/ शहर की करौंदी बस्ती के आदिवासी परिवारों को राशन नहीं मिला है। यह मामला जैसे ही कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल नगर पालिका शिवपुरी सीएमओ और जिला आपूर्ति नियंत्रक को निर्देश दिए कि नगरपालिका और खाद्य विभाग की टीम जाकर बस्ती में भ्रमण करें। ऐसे परिवार जिन्हें राशन नहीं मिला है, उन जरूरतमंद परिवारों को राशन उपलब्ध कराएं। 
कलेक्टर के निर्देश पर बुधवार को नगर पालिका सीएमओ श्री के.के.पटेरिया और जिला आपूर्ति अधिकारी श्री नारायण शर्मा ने अपनी टीम के साथ वार्ड 36 की आदिवासी बस्ती में निरीक्षण किया। कई परिवारों से खाद्यान्न के संबंध में चर्चा की। जब उन्होंने वहां लोगों से जानकारी ली तो बस्ती के लोगों ने बताया कि जिनके पास बीपीएल राशन कार्ड हैं, उन्हें मार्च माह में राशन मिल गया है। इस दौरान कुछ परिवार ऐसे थे जिन्हें पहले 5 किलो गेहूं दिया गया है। उनका कहना था कि अब यह अनाज खत्म हो गया है उन्हें और अनाज मिलना चाहिए। सीएमओ ने मौके पर ही कुछ जरूरतमंद परिवारों को 10 किलो गेहूं के पैकेट वितरित किए और बाद में अनाज भेजकर अन्य परिवारों को भी उपलब्ध कराया।
उन्होंने बस्ती के सभी लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन करने की समझाइश दी और बताया अभी कोरोना वायरस बीमारी फैल रही है इसलिए घर से बाहर जाते समय मास्क का उपयोग करें। साफ-सफाई रखें। अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। सावधानी से ही हम इस बीमारी से बचाव कर सकते हैं।


ड्रग्स इंस्पेक्टर के रूप में राजेश कुमार ने कार्यभार संभाल लिया

दैनिक अयोध्या टाइम्स,रामपुर- जनपद में ड्रग्स इंस्पेक्टर के रूप में राजेश कुमार ने कार्यभार संभाल लिया है। उनकी मूल तैनाती अमरोहा में है तथा शासन द्वारा जनपद रामपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत जनपद में आमजन को दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। साथ ही मेडिकल स्टोरों पर औचक छापेमारी करके दवाइयों की वैध बिक्री, भंडारण सहित ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के अंतर्गत निहित प्रावधानों के अनुसार अन्य कार्यवाहियाँ सुनिश्चित की जाएगी।
 


 


ट्रांसपोर्टर्स के साथ कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने बैठक कर दिए निर्देश ट्रकों में किसी बाहरी व्यक्ति को बैठाकर न लाएं



शिवपुरी, 29 अप्रैल 2020/ अभी कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लॉक डाउन किया गया है। बाहर से आने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग की जा रही है लेकिन यह शिकायत भी सामने आ रहीं हैं कि ट्रकों में बैठकर कुछ लोग बिना सूचना के जिले में आ रहे हैं। इस प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी इसलिए यह सुनिश्चित करें कि ट्रकों में कोई व्यक्ति बैठकर न आये और वाहन चालकों को भी इस संबंध में निर्देशित करें। अन्यथा संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। यह निर्देश कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के साथ आयोजित बैठक में दिए। उन्होंने कहा है कि आवश्यक वस्तुओं का परिवहन जरूरी है इसलिए सभी ऐसी व्यवस्था बनाएं कि परिवहन सुचारू रूप से चलता रहे और संक्रमण के खतरे से भी बचा जा सके।
बुधवार को कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक रखी। इस दौरान अपर कलेक्टर आर एस बालोदिया, जिला परिवहन अधिकारी श्रीमती मधु सिंह सहित ट्रांसपोर्ट यूनियन से श्री अब्दुल रफीक, शिवपुरी आल इंडिया ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष सूबेदार सिंह, उपाध्यक्ष शहीद खान और सचिव हृदेश सचदेव उपस्थित थे।
कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने बैठक में कहा कि अभी प्रधानमंत्री आवास, ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्य प्रारंभ होने जा रहे हैं। इसलिए निर्माण सामग्री का परिवहन जरूरी है। अभी राजस्थान, गुजरात और अन्य राज्यों से भी मजदूर जिले में आ रहे हैं। लेकिन यह ध्यान रखें कि अनाधिकृत तरीके से कोई मजदूर न आये। कोई भी व्यक्ति बिना सूचना के सामान के साथ ट्रकों में बैठकर ना आए। यह समस्या उत्पन्न कर सकता है। इसके बारे में वाहन चालकों को सख्ती से पालन करने के लिए बताएं।
बैठक में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इंदौर, मुंबई से आने वाले वाहन चालकों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं ताकि आवश्यक होने पर मेडिकल टीम द्वारा वाहन चालकों का चेकअप कराया जा सके।

 

 



 

 अन्तराष्ट्रीय मजदूर दिवस ,1 मई

-डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित

  जो हाड़ तौड़ मेहनत कर देश के विकास में हाथ बंटाते है। चिलचिलाती धूप में रेलवे की पटरियों पर गिट्टी की तगारी सिर पर रख दिन भर मेहनत करते हैं। जो खेतों में डेरा तम्बू डालकर रहते हैं। वे मजदूर है जो सड़कों के किनारे फुटपाथों पर सोते है जिनके घर नहीं। जो यायावर है घुमक्कड़ है। आज यहाँ कल कहाँ पता नहीं। जहाँ काम मिल जाये इनका झुंड चल पड़ता है। ऐसे श्रमवीरों के लिए मजदूर दिवस प्रतिवर्ष 1 मई को मनाते है। बड़े बड़े दानदाता अपना जन्मदिन इनकी बस्तियों में जाकर मनाते हैं। सेल्फी लेते हैं।

  किसी ने लिखा कि जिनकी वजह से रहते है ऐशो आराम से पैसे वाले नियत सच्ची होती है उनकी और हाथों में होते हैं छाले।

पड़ोस के भूखे को भी अपने हिस्से की रोटी खिला देता है वो मजबूर ही होता है जो नेकी कर भुला देता है।

 महात्मा गांधी जी ने कहा था किसी देश की उन्नति देश के कामगारों और किसानों पर ही निर्भर करती है। मजदूरों का राज प्रबन्ध में बड़ा योगदान है। मालिक उद्योगपति स्वयं को ट्रस्टी समझें।। मजदूरों से विवाद न करें उन्हें संतुष्ट करें। सुखदायी पारिवारिक सम्बन्ध रखें। 

  मजदूर दिवस 1 मई 1886 से मनाया जा रहा है। इसके पीछे भी एक कहानी है दोस्तो उस समय अमेरिका में मजदूरों से आठ घन्टे से ज्यादा काम करवाया जाता था। 1 मई के दिन अमेरिका की मजदूर यूनियनों ने हड़ताल की और मजदूरों के लिए 8 घण्टे तय करने की मांग रखी। भारी संख्या में मजदूर एकत्रित हुए तो पुलिस की और से गोलीबारी की गई जिसमें 7 मजदूर मार दिए गए। शिकांगों में बम धमाका हुआ। इन घटनाओं का असर ये हुआ कि उस दिन से अमेरिका में मज़दूरो की मांग मान ली और 8 घण्टे तय कर दिये। इसी खुशी में मजदूर दिवस मनाया जाता है तभी से।

  महलों में रहने वालों को नींद तक नहीं आती थका हारा मजदूर चैन से फुटपाथ पर सोकर रात गुजार लेता है।

   हमारे देश मे 1 मई मजदूर दिवस को मद्रास दिवस के रूप में सबसे पहले मनाया गया। बाद में मजदूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिकलावेलु ने मजदूर दिवस के नाम से शुरुआत की। इन्होंने हाई कोर्ट के सामने प्रदर्शन किया। इन्होंने मांग की 1मई को भारत मे मजदूर दिवस मनाया जावे।इस पर सहमति बन गई। इस दिन छुट्टी रखी गई। लगभग 80 देशों में 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। क्योंकि ये दिन अन्तराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में घोषित हो चुका है।

  गुरु नानक जी ने  किसानों मजदूरों कामगारों के लिए आवाज बुलंद की थी। उस समय के लुटेरे हकीमो को सबक सिखाया। उनका अहंकार तोड़ा। सिख समुदाय 1 मई को भाई लालो दिवस मनाते हैं। किसी भी समाज देश संस्था और उधोग में मजदूरों कामगारों मेहनतकशों का मुख्य रोल होता है। उनकी बड़ी संख्या इसकी कामयाबी के लिए हाथों अक्ल इल्म और तनदेही के साथ जुटी होती है।किसी भी उधोग में सफलता के लिए मालिक सरमाया कामगार और सरकार ये अहम धड़े माने जाते हैं। मजदूरों के बिना कोई भी ओधोगिक ढाँचा खड़ा नहीं कर सकते। अतः विन्रमता से मजदूरों से पेश आना चाहिए।

   चीथड़ों में लिपटे कृशकाय ये मजदूर मिलो भूखे प्यासे सड़कों पर पैदल मिलों चल लेते हैं। रोजगार की तलाश में भटकते रहते हैं। आओ इनकी समस्याएं सुने इनके बच्चों को पढ़ाएं मिलकर इन्हें आगे बढ़ाएं।

   -डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित