Saturday, May 30, 2020

टिड्डी दलों से बचाव को लेकर तैयारियां तेज, सीडीओ ने विभागीय अधिकारियों व कृषि वैज्ञानिकों के साथ बैठककर तय की रणनीति




जागरूक रहें जिले के किसान, अपनाएं बचाव के तरीके-सीडीओ शशांक त्रिपाठी

टिड््डी दलों के सम्भावित हमले को लेकर जिला प्रशासन द्वारा तैयारियां तेज कर दी गईं हैं। शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने विकास भवन सभागार में कृषि, गन्ना, उद्यान, भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों तथा चीनी मिलों के महाप्रबन्धकों के साथ बैठक कर टिड्डी दलों से बचाव की रणनीति पर चर्चा की तथा सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभाग के माध्यम से किसानों को जागरूक करें तथा टिड्डियों के हमले से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारी कर लें।

          मुख्य विकास अधिकारी श्री त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश से लगे सीमावर्ती राज्यों जैसे राजस्थान ,मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के झांसी आदि जनपद मंे वर्तमान समय मे फसलों मंे नुकसान पहंचाने वाला मुख्य कीट टिड्डी दल का प्रकोप काफी फैल रहा है, इसको देखते हुए हमें भी सर्तक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसानों के खेतों में बोई गई जायद की प्रमुख फसलों जैसे-मूंग, उर्द एवं हरी सब्जियों तथा गन्ना आदि फसलों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।

          सीडीओ श्री त्रिपाठी ने जनपद के किसानों से अपील करते हुए कहा कि टिड्डी दलों से बचाव को लेकर किसान भाइयों को बेहद सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा किसान भाई टिड्डी दल को भगाने के लिये थालियां, ढोल, नगाडे़ अन्य माध्यमों से ध्वनि करना चाहिए, जिसकी आवाज सुनकर खेत से टिड्डीयां भाग जायें।

जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव ने टिड्डियों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि टिड्डी (स्वबनेज) या टिड्डा (ळतंेेीवचचमत) एक्रिडीडी परिवार के आॅर्थोप्टेरा गण का कीट है तथा सबसे विनाशकारी कीट है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कीट की उड़ान हजारों मील तक पाई जाती है। टिड्डियों को उनके चमकीले पीले रंग और पिछले लम्बे पैरों से पहचाना जा सकता है। टिड्डी जब अकेली होती हैं तो उतनी खतरनाक नहीं होती है लेकिन झुण्ड मंे रहने पर ये बहुत खतरनाक और आक्रामक हो जाती हैं तथा फसलों का एक बार मंे सफाया कर देती हैं। दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि, फसल पर किसी ने एक बड़ी सी चादर बिछा दी हो । टिड्डीयाॅ फसलों के फूल, फल, पत्ते, तने, बीज और पेड़ की छाल सब कुछ खा जाती हैं। एक टिड्डी अपने वजन के बराबर खाना खाती है। टिड्डीयों का जीवन काल कम से कम 40 से 85 दिनों का होता है।

        बैठक में उपनिदेशक कृषि डा0 मुकुल तिवारी, जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव, जिला गन्ना अधिकारी ओपी सिंह, जिला भूमि संरक्ष्ण अधिकारी सदानन्द चाौधरी, कृषि वैज्ञानकि मिथलेश झा, चीनी मिलों के जीएम तथा उद्यान विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

टिड्डियों को भगाने एवं नियंत्रित करने के लिये अपनाएं ये तरीके-जिला कृषि अधिकारी

जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को सुझाव देते हुए बताया कि टिड्डी दल को भगाने के लिये थालियां, ढोल, नगाडे़ अन्य माध्यमों से ध्वनि करना चाहियंे जिसकी आवाज सुनकर खेत से टिड्डियां भाग जायें। इसके अलावा रासायनिक कीटनाशक मैलाथियाॅन 5 प्रतिशत धूल की 25 किग्रा0 मात्रा का बुरकाव या क्विनालफाॅस 25 प्रति0 ई0सी की 1.5 ली0 मात्रा को 500 से 600 ली0 पानी मे घोलकर प्रति हक्टेयर की दर से फसल पर छिड़काव करें। टिड्डी दल सुबह 10 बजे के बाद अपना डेरा बदलता है। इस लिये इसे आगे बढ़ने से रोकने के लिय लैम्डा सायहेलोथ्रिन 5 प्रति0 ई0सी0 की 01 ली0 मात्रा या क्लोरोपाइरीफाॅस 20 प्रति0 ई0सी0 की 1 ली0 मात्रा को 500 से 600 ली0 पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से फसल पर सुबह 10 बजे से पूर्व छिड़काव करें। उन्होने यह भी बताया कि टिड्डियों को भगाने में नीम  का तेल भी बहुत किफायती तथा कारगर है। इसके लिए नीम के तेल की 40 एम0एल0 मात्रा को 10 ग्राम कपडे़ धोने के पाउडर के साथ मिलाकर प्रति टंकी पानी में डालकर छिड़काव करने से टिड्डी फसलों को नही खा पाती है। उन्होने यह भी बताया कि फसल की कटाई के बाद मई-जून में खेत की गहरी जुताई करने से सूर्य की तेज किरणों से भूमि में पड़े टिड्डीयों एवं अन्य कीटों के अण्डे व प्यूपा को नष्ट किया जा सकता हैं। बलुई मिट्टी टिड्डी के प्रजनन एवं अण्डे देने हेतु सर्वाधिक अनुकूल होता है। अतः टिड्डी दल के आक्रमण से सम्भावित ऐसी मिट्टी वाले क्षेत्रों मे जुताई करवा दें एवं जल भराव कर दें। ऐसी दशा मे टिड्डी के विकास की सम्भावना कम हो जाती है।

कृषि विभाग में कन्ट्रोल रूम स्थापित, काॅल करके कृषक ले सकते हैं मदद

मुख्य विकास अधिकारी नेे बताया है कि टिड्डी दलों के सम्भावित हमले से बचाव एवं मदद हेतु जनपद स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। कृषक भाई टिड्डी दल के प्रकोप से सम्ब्ंाधित किसी भी प्रकार की सहायता हेतु कन्ट्रोल रूम के नम्बर 05262-233516 एवं मो0 नं0 9936898070 पर कार्यायल दिवस मे प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक सम्पर्क कर सकते हैं।  वहीं चीनी मिलों तथा जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय की ओर से टिड्डी दलों से बचाव के सम्बन्ध में पम्पलेट भी बांटे जा रहे हैं जिसके माध्यम से किसानबन्धु जानकारी हासिल कर बचाव कर सकते हैं।


 

 



 

""आखिर तंबाकू निषेध पूर्ण रूप से कब होगा 

जैसा कि हम जानते हैं कि पिछले वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस का थीम"तंबाकू और फेफड़ों का स्वास्थ्य"को लेकर था l और मेरे दोस्त इस वर्ष का विषय "फेफड़ों पर तंबाकू का खतरा"पर केंद्रित है जो कि कैंसर और सांस की बीमारियों की तरफ इशारा करता है l जैसा कि हम जानते हैं कि 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रस्ताव पारित करके वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाने का निर्णय लिया गया था , तब से हम जागरूकता लाने के लिए 31 मई को अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाते हैं l अपने देश में भी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध है, जो कि भारत सरकार ने 2003 में एक अधिनियम पारित किया था जिसके तहत कहा गया कि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान नहीं करेगा लेकिन मैं बोलता हूं  हमेशा के लिए अपने भारत से  धूम्रपान और शराब बंद होना चाहिए l क्या आपको मालूम है की धूम्रपान मनुष्य के लिए कितना हानिकारक है? सर्वे के मुताबिक 450 ग्राम तंबाकू में निकोटीन नामक जहर की मात्रा लगभग 22 ग्राम से ज्यादा होती है और इसकी 6 ग्राम मात्र एक कुत्ता लेने से  3 मिनट में ही मर जाता है l दोस्तों धूम्रपान और शराब से केवल एक व्यक्ति बर्बाद नहीं होता बल्कि उसका पूरा परिवार और पूरा देश बर्बाद होता है l  मैं बचपन से ही देखते आ रहा हूं जब मैं कॉलेज में गया तब देखा कि कॉलेज के लड़के -लड़कियां धड़ल्ले से धुआं उड़ा रही है उड़ा रहे हैं l देखकर बहुत मन दुखी होता था और  हमेशा प्रयास करते रहा  प्रेरित करके अपने दोस्तों साथियों को कि स्मोकिंग ना करें गुटका ना खाएं लेकिन मेरा मजाक बनाया जाता था l  फिर मैंने अपने स्तर पर प्रतिदिन जागरूकता कैंप लगाना शुरू किया फिर धीरे-धीरे मेरे साथ लोग जुड़ते गए l  और बहुत से एनजीओ ट्रस्ट ने भी मेरे मुहिम में साथ दिया l और हमने मिलकर बड़ा आंदोलन किया और आज बिहार में कानूनी रूप से शराब बंद है l  हम कहते हैं दोस्तों की बिहार और मिजोरम जैसे पूरे देश में इस जानलेवा पदार्थ को बंद करने की जरूरत है lक्योंकि आज धूम्रपान का सबसे अधिक शिकार है हमारे देश का युवा जो कि भारत युवाओं का देश है और किसी भी देश के विकास में युवाओं का प्रमुख भूमिका होती है ,लेकिन जब युवा ही नशे में डूबा रहेगा और जिस देश का युवा बर्बाद हुआ इतिहास गवाह है कि वह देश भी बर्बाद हो गया l  इसलिए अपने देश को बचाने के लिए हम सब का यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने युवा पीढ़ी को बचाएं इसके लिए उनको जागरूक करें l 

"दोस्तों मैं देखता हूं कि लोकतंत्र में लोग अपने अधिकारों की बात तो करते हैं लेकिन कहीं न कहीं कर्तव्यों को भूल जाते हैं यह सभी पढ़े लिखे और जागरूक लोगों को मालूम है कि संविधान में यह -यह अधिकार हमें दिया गया है l जब कर्तव्यों की बात आती है तो पीछे हट जाते हैं l""दोस्त अपने स्कूल समय से ही मैं जागरूकता लाने का प्रयास कर रहा हूं l आज भी दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहते हुए आईएएस की तैयारी के साथ -साथ प्रतिदिन 15 से 20 मिनट जागरूकता लाने के लिए समय निकालता हूं ,अगर मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर लाइब्रेरी में रहता हूं अगर कोई भी व्यक्ति यहां व्यक्ति कहने का मतलब केवल छात्र ही नहीं प्रोफेसर लोग भी जोकि इतने पढ़े लिखे लोग भी मुंह में लेकर सिगरेट उडाते रहते हैं l  जब मैं उनसे जाकर पूछता हूं कि आखिर क्यों तो उनका जवाब होता है रिलैक्स फील करने के लिए फिर मैं पूछता हूं कि पैकेट पर लिखा क्या हुआ है , तब उनका जवाब होता है की स्मोकिंग किल्स, किलर टोबैको, जानलेवा है फिर जब आपको मालूम है तब भी क्यों लेते हो मरने का इतना ही जल्दी है तो और भी रास्ते हैं l यह सच है कि तंबाकू राज्य सरकार का विषय है तंबाकू शराब से राज्य सरकार को बहुत ही ज्यादा रेवेन्यू आती है लेकिन इससे कहीं ज्यादा लोगों की जिंदगियां बर्बाद होती है लोगों की पूरे परिवार बर्बाद हो जाता है। और विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है कि जितना रेवेन्यू इन जानलेवा पदार्थों से आता नहीं उससे कहीं ज्यादा जब जानलेवा बीमारियां किसी व्यक्ति में लग जाती है ,इसका सेवन से तब खर्च आता है l अगर हम आंकड़े देखें तो भारत न केवल सबसे बड़े तंबाकू उत्पादक देशों में से एक है बल्कि विश्व में तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों के 1/6 वे हिस्से का जिम्मेदार भी है और तो और किशोरों में तंबाकू के सेवन का स्तर लगातार बढ़ रहा है l  और भारत की वर्तमान तंबाकू नीति में भी मुझे कई विसंगतियां भी नजर आ रही है l जैसा आपने देखा इस लॉकडाउन में सभी राज्य सरकारों ने अपनी रेवेन्यू बढ़ाने के लिए शराब की दुकानें खोल दिए और जो हालात हुआ देश के विभिन्न राज्यों में देश के राजधानी में वह आप सबके सामने हैं जो कि एक चिंता का विषय है l दोस्तों तंबाकू के सेवन से चिकित्सा खर्च बढ़ जाती है विभिन्न प्रकार के रोग होते हैं और इससे घरेलू आय में कमी आती है जिससे गरीब और गरीबी में चला जाता है l दोस्तों नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है इसलिए हमेशा के लिए इस जानलेवा पदार्थ को बंद करने की जरूरत है l दोस्तों देश हमारा है तो इसको बचाने का जिम्मेदारी भी हमारी है , ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम बोले कि लोकतंत्र हैं और यह मेरा अधिकार है ठीक है आपका अधिकार है तो आपका कर्तव्य भी है इसलिए जितना हो सके समाज में जागरूकता लाएं मेरा साथ दे और इस अभियान के माध्यम से हम हमेशा के लिए तंबाकू ,शराब को अपने भारत देश में बंद करेंगे ,और सरकार का भी नैतिक जवाबदेही है की इसके लिए पहल करें ताकि भारत में तंबाकू, शराब अब हमेशा के लिए बंद हो जैसा कि हम जानते हैं कि राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 48 में कहा गया है कि राज्य को सार्वजनिक स्वास्थ्य में लगातार बेहतरी के प्रयास करते रहनी चाहिए लेकिन जिस प्रकार से शराब परोसी जा रही है यह कहीं से भी नैतिक और उचित नहीं है अतः भारत जैसे एक आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य को अपने सामाजिक दायित्वों के पालन हेतु वर्तमान तंबाकू शराब नीति में बदलाव करते हुए प्रयास करना चाहिए इस जानलेवा पदार्थ को बंद किया जाए और अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का दूसरा रास्ता जोड़ा जाए क्योंकि सबसे अधिक गरीब मजदूर ही इसके शिकार होते हैं, आपको बता दें कि दुनिया में हर साल तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से करीब 50 लाख  लोगों की मौत होती है , और एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष तक यह  संख्या एक करोड़ तक पहुंच जाएगी मैं डरा नहीं रहा हूं एक सर्वे के मुताबिक जो रिपोर्ट आई है ,उसी को रखने प्रयास किया हूंl और सबसे ज्यादा शिकार इसका गरीब और अशिक्षित लोग ही हैं , मेरे दोस्तों आप सब मेरे इस अभियान में साथ दें आप जहां भी रहते हैं l वही प्रतिदिन 10 मिनट अपना समय देश के युवाओं को बचाने के लिए दें उनको प्रेरित करें तंबाकू से होने वाले बीमारियों के बारे में जागरूक करेंl क्योंकि हम सब जानते हैं कि किसी भी देश का युवा खत्म तो देश खत्म किसी भी देश का रीढ़ युवा ही होता है इसलिए यह वक्त है अपने कर्तव्यों को निभाने का....

कवि विक्रम क्रांतिकारी(विक्रम चौरसिया -अंतर्राष्ट्रीय चिंतक)

तेरे लिए




टिक टॉक बंद हुआ कोरोना तेरे लिए, 

विदेशी वस्तु बंद हुई कोरोना तेरे लिए। 

 

बच्चों की पढ़ाई बंद पड़ी कोरोना तेरे लिए, 

बच्चों की क्रीड़ा बंद हुई कोरोना तेरे लिए। 

 

कोई घूमने नहीं जा रहे कोरोना तेरे लिए, 

आज अपने अपनों से भय रहे कोरोना तेरे लिए। 

सभी की नौकरी गई कोरोना तेरे लिए। 

 

मोहब्बत में दरारें आई कोरोना तेरे लिए, 

गरीब मजदूरों की जानें गई कोरोना तेरे लिए, 

गरीब भूख हेतु आत्महत्या करते कोरोना तेरे लिए। 

 

मजदूर लोग पलायन किए कोरोना तेरे लिए, 

सभी आत्मनिर्भर बन गए कोरोना तेरे लिए। 

 

मधुशाला फिर से खुली कोरोना तेरे लिए, 

बाकी का व्यापार बंद पड़ा है कोरोना तेरे लिए। 

 

एक दूसरे से दूरी बना रहे कोरोना तेरे लिए, 

मोहब्बत बीमार पड़ गई कोरोना तेरे लिए। 

 

अभी लड़की लड़कों में फेसबुक पर चैट होती,

लड़की कहती मेले बाबू थाना थाया कोरोना तेरे लिए। 

 

गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड में फेस टू फेस बात नहीं होती,

लड़की लोगों के लूटने का धंधा बंद पड़ा है कोरोना तेरे लिए। 

 

हर किसी का भविष्य संकट में पड़ा कोरोना तेरे लिए, 

सभी की खुशी छीन गई कोरोना तेरे लिए। 

मो. जमील

अंधराठाढ़ी, मधुबनी (बिहार) 


 

 



 

 भारतीय अर्थव्यवस्था

मनुष्य की सम्पूर्ण आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन व विश्लेषण करने वाली विधा अर्थशास्त्र है और इसी अर्थशास्त्र का व्यावहारिक पक्ष 'अर्थव्यवस्था' है। अर्थव्यवस्था एक ऐसी व्यवस्था है जिसकी सहायता से कोई भी देश अपने उपलब्ध संसाधनों का उपयोग और नवनिर्माण करता है। अर्थव्यवस्था से सीमित उपभोग और सीमित संसाधनों के बीच की खाईं पटती है। जिससे उपभोक्ता ज्यादा संतुष्ट हो सके, जिससे उत्पादक भी लाभान्वित हों और समाज में अधिकतम सामाजिक कल्याण सुनिश्चित हो सके।
आर्थिक उदारीकरण के दौर में 'अर्थ' मानव की तमाम गतिविधियों का नियामक बन चुका है।
जिस अर्थव्यवस्था में संसाधनों पर सार्वजनिक स्वामित्व होता है वह समाजवादी या नियंत्रणकारी अर्थव्यवस्था कहलाती है जो कि चीन, उत्तर कोरिया, क्यूबा में देखने को मिलती है।
जिस अर्थव्यवस्था में माँग व पूर्ति के कारकों का प्रभुत्व हो वह पूँजीवादी अर्थव्यवस्था कहलाती है इसमें राज्य व सरकार की भूमिका सीमित होती है।
जिस अर्थव्यवस्था में समाजवादी व पूँजीवादी दोनों अर्थव्यवस्थाओं का लक्षण मौजूद हो मिश्रित अर्थव्यवस्था कहलाती है। यह अर्थव्यवस्था हमारे अपने देश भारत में मौजूद है। जहाँ तक हमारे भारत देश का सवाल है तो यहाँ विकासशील अर्थव्यवस्था पाई जाती है और विकासशील अर्थव्यवस्था का मतलब जहाँ अपने संसाधनों का समुचित दोहन नहीं हो पाया। यहाँ औद्योगीकरण की प्रक्रिया देर से शुरू हुई। १९४०-५० के दशक में औपनिवेशिक स्वतंत्रता प्राप्त करने वाले अधिकांश देशों में यही अर्थव्यवस्था है। ऐसी अर्थव्यवस्था की जीडीपी में कृषि क्षेत्र की भागीदारी में गिरावट व औद्योगिक तथा सेवा क्षेत्रों की भागीदारी में वृद्धि देखी जाती है। वर्तमान में भारत देश में भी यही अर्थव्यवस्था व विकास के द्वितीय चरण का प्रभुत्व है। वैसे इस विकास को बढ़ाने हेतु अनेक योजनाएँ आर्थिक नीतियों की शुरुआत तेजी से हो रही है इसमें मुख्य रूप से निर्वाह कृषि क्षेत्र को वैज्ञानिक तौर-तरीके से सुदृढ़ किया जा रहा है। आत्मनिर्भर बनने की पहल तेज हुई है कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे हम कह सकते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एन एस ओ) के रिपोर्ट के अनुसार देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वर्ष २०१९-२० की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में घटकर ३.१ फीसदी पर आ गई है। इसका काफी हद तक कारण कोविड 19 की वैश्विक महामारी भी रही है जिसमें उपभोक्ता उत्पाद की मांग काफी कम रही। यह आंकड़ा इससे पहले २००८-०९ में रही थी। हालांकि कृषि क्षेत्र की जीडीपी में वृद्धि इस चौथी तिमाही में बढ़कर ५.९ होना राहत की बात है जो पिछली तिमाही में १.६ फीसदी थी।
वहीं कुछ सेवा क्षेत्रों के भी आर्थिक वृद्धि दर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। कृषि क्षेत्र की जीडीपी में वृद्धि कृषि पर विशेष ध्यान दिए जाने के बाद देखा गया यह ध्यान बहुत पहले दिया जाना चाहिए था। इस वैश्विक महामारी से जिस आर्थिक मंदी का सामना हमें करने को मिल रहा है वह शायद काफी हद तक कम रहता। आज लघु और कुटीर उद्योगों पर जो ध्यान महामारी के बाद दिया गया वह पहले दिया जाना चाहिए था तो यह आत्मनिर्भरता की तस्वीर ही कुछ अलग होती सरकारों पर जो यह आर्थिक मंदी का बोझ है काफी हद तक कम होता।
स्वदेशी अपनाने की पहल बेहद प्रभावशाली प्रयास है हम विदेशी वस्तुओं पर जो पैसा लगाते थे वह अब हमारे राजस्व की हिस्सेदारी में सहयोगी होगा। जो नीतियां आज अपनाई गई अगर यह पहले अपनाई गई होती तो आत्मनिर्भरता की दहलीज पर हम बहुत पहले पहुंच चुके होते। इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था खुद को मजबूत करने में प्रयासरत है मेक इन इंडिया का विशेष प्रभाव देखा जा रहा है। लोग स्वदेशी अपनाने में उत्सुक नजर आ रहे हैं। ऐसे में सरकार को इन कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि यह उत्सुकता आत्मनिर्भरता का हिस्सा बन सके।
चीनी की घिनौनी हरकत से जो वैश्विक विरोध चरम पर है और देश की जनता का चीन के उत्पादों के बहिष्कार की यह जो आवाज आज उठ रही है सरकार को उस अवसर को भुनाना होगा। मेक इन इंडिया प्रोडक्ट मार्केट में उतरकर खुद की नीतियों को साबित करना चाहिए। ऐसा अनुमान है कि अर्थव्यवस्था में सुधार जरूर देखा जाएगा एक अलग भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर विश्व पटल पर नजर आएगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति बढ़ेगी और मेक इन इंडिया उत्पादों की मांग में भी बढ़ोत्तरी दर्ज होने की उम्मीद रहेगी।


"टाइम्स नाओ सम्मिट" में प्रधानमंत्री के अभिभाषण का मूल पाठ

मैं Times Now ग्रुप के सभी दर्शकों, कर्मचारियों, फील्ड और डेस्क के सभी पत्रकारों, कैमरा और लॉजिस्टिक्स से जुड़े हर साथी को इस समिट के लिए बधाई देता हूं। ये Times Now की पहली समिट है। आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।


साथियों,


इस बार की थीम आपने India Action Plan 20-20 रखी है।लेकिन आज का India तो पूरे दशक के Action Plan पर काम कर रहा है। हां, तरीका 20-20 वाला है और इरादा, पूरी सीरीज में अच्छे परफॉर्मेंस का, नए रिकॉर्ड्स बनाने का और इस सीरीज को भारत की सीरीज बनाने का है। दुनिया का सबसे युवा देश, अब तेजी से खेलने के मूड में है। सिर्फ 8 महीने की सरकार ने फैसलों की जो सेंचुरी बनाई है, वो अभूतपूर्व है। आपको अच्छा लगेगा, आपको गर्व होगा कि भारत ने इतने तेज फैसले लिए, इतनी तेजी से काम हुआ।



  • देश के हर किसान को PM किसान योजना के दायरे में लाने का फैसला- DONE

  • किसान, मज़दूर, दुकानदार को पेंशन देने की योजना- DONE

  • पानी जैसे अहम विषय पर Silos खत्म करने के लिए जलशक्ति मंत्रालय का गठन- DONE

  • Middle Class के अधूरे घरों को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए का स्पेशल फंड- DONE

  • दिल्ली के 40 लाख लोगों को घरों पर अधिकार देने वाला कानून- DONE

  • तीन तलाक से जुड़ा कानून- DONE

  • Child Abuse के खिलाफ सख्त सज़ा का कानून- DONE

  • Transgender Persons को अधिकार देने वाला कानून- DONE

  • चिटफंड स्कीम के धोखे से बचाने वाला कानून- DONE

  • National Medical Commission Act- DONE

  • Corporate Tax में ऐतिहासिक कमी- DONE

  • Road Accidents की रोक के लिए सख्त कानून- DONE

  • Chief of Defence Staff का गठन- DONE

  • देश को Next Generation Fighter Plane की डिलिवरी- DONE

  • Bodo Peace Accord – DONE

  • Brue-Reang Permanent Settlement- DONE

  • भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का काम- DONE

  • Article-370 को हटाने का फैसला- DONE

  • जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला- DONE


और



  • Citizenship Amendment Act भी - DONE


मैं कभी कभार Times Now पर देखता हूं, News 30, इतने मिनट में इतनी खबरें। ये कुछ वैसा ही हो गया। और ये भी सैंपल ही है। इस सैंपल से ही आपको लग गया होगा कि The Actual Action begins here!!! मैं Non-Stop ऐसे अनेकों फैसले और भी गिना सकता हूं। सिर्फ सेंचुरी नहीं, डबल सेंचुरी लग सकती है। लेकिन ये फैसले गिनाकर, मैं जिस Point पर आपको ले जाना चाहता हूं, उसे समझना भी जरूरी है।


साथियों,


आज देश दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान करते हुए, 21वीं सदी में तेजी से आगे बढ़ रहा है। दुनिया के सबसे युवा देश को जितनी Speed से काम करना चाहिए, हम वैसे ही कर रहे हैं। अब भारत समय नहीं गंवाएगा। अब भारत तेजी से चलेगा भी और नए आत्मविश्वास के साथ आगे भी बढ़ेगा। देश में हो रहे इन परिवर्तनों ने, समाज के हर स्तर पर नई ऊर्जा का संचार किया है, उसे आत्मविश्वास से भर दिया है।


आज देश के गरीब में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो अपना जीवन स्तर सुधार सकता है, अपनी गरीबी दूर कर सकता है। आज देश के युवा में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो Job Creator बन सकता है, अपने दम पर नए Challenges को पार कर सकता है। आज देश की महिलाओं में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो हर क्षेत्र में अपना दम-खम दिखा सकती हैं, नए कीर्तिमान बना सकती हैं। आज देश के किसान में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो खेती के साथ ही अपनी आय बढ़ाने के लिए खेती से जुड़े अन्य विकल्पों पर काम कर सकता है। आज देश के उद्यमियों में. व्यापारियों में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो एक अच्छे बिजनेस Environment में, अपना बिजनेस कर सकते हैं, अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं।


आज के भारत ने, आज के न्यू इंडिया ने अपनी बहुत सी समस्याओं को पीछे छोड़ दिया है। आजादी के 70 साल बाद भी हमारे देश में करोड़ों लोग बैंकिंग सिस्टम से नहीं जुड़े थे, करोड़ों लोगों के पास गैस कनेक्शन नहीं था, घरों में टॉयलेट्स नहीं थे। ऐसी अनेक दिक्कतें थीं जिनमें देश के लोग और देश उलझा हुआ था। अब ऐसी अनेक परेशानियां दूर हो चुकी हैं। अब भारत का लक्ष्य है अगले पाँच साल में अपनी अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक का विस्तार देना। ये लक्ष्य, आसान नहीं, लेकिन ऐसा भी नहीं कि जिसे प्राप्त ही नहीं किया जा सके।


साथियों,


आज भारत की Economy करीब 3 ट्रिलियन डॉलर की है। यहां इतने Informed लोग हैं। मैं आपसे एक और सवाल पूछता हूं। क्या आपने कभी सुना था कि देश में कभी 3 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था। नहीं न। हम 70 साल में 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचे। पहले न किसी ने सवाल पूछा कि इतना समय क्यों लगा और न ही किसी ने जवाब दिया। अब हमने लक्ष्य रखा है, सवालों का भी सामना कर रहे हैं और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी-जान से जुटे भी हैं। ये भी पहले की सरकारों औऱ हमारी सरकार के काम करने के तरीके का फर्क है। दिशाहीन होकर आगे बढ़ने से अच्छा है कि मुश्किल लक्ष्य तय करके उसे प्राप्त करने की कोशिश की जाए। अभी हाल में जो बजट आया है, वो देश को इस लक्ष्य की प्राप्ति में, 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में और मदद करेगा।


साथियों,


इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ये बहुत आवश्यक है कि भारत में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़े, Export बढ़े। इसके लिए सरकार ने अनेक फैसले लिए हैं। देशभर में इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल डिवाइस और टेक्नोलॉजी क्लस्टर बनाने का फैसला किया है। नेशनल टेक्नीकल टेक्सटाइल मिशन से भी इसे सहयोग मिलेगा। हम जो एक्सपोर्ट करेंगे, उसकी क्वालिटी बनी रहे, इसके लिए भी नीतिगत निर्णय लिए गए हैं।


साथियों,


Make In India, भारत की अर्थव्यवस्था को, देश के छोटे से छोटे उद्यमियों के लिए बहुत बड़ी मदद कर रहा है। विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स Items की मैन्यूफैक्चरिंग में तो भारत ने अभूतपूर्व तेजी दिखाई है। वर्ष 2014 में देश में 1 लाख 90 हजार करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक Items का निर्माण हुआ था। पिछले साल ये बढ़कर 4 लाख 60 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। सोचिए, 2014 में भारत में मोबाइल बनाने वाली सिर्फ 2 कंपनियां थीं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है।


साथियों,


5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर 100 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश से भी बड़ी मदद मिलेगी। देशभर में 6500 ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर होने वाला काम, अपने आसपास के क्षेत्र में अर्थव्यवस्था को गति देगा। इन प्रयासों के बीच, ये भी सही है कि भारत जैसी ‘Emerging Economy’ वाले देश के सामने चुनौतियां भी ज्यादा होती हैं। उतार-चढ़ाव भी आते हैं और वैश्विक परिस्थितियों का प्रभाव भी ज्यादा झेलना पड़ता है। भारत हमेशा ऐसी परिस्थितियों को पार करता रहा है और आगे भी करता रहेगा। हम स्थितियों को सुधार रहे हैं, निरंतर फैसले ले रहे हैं। बजट के बाद भी वित्त मंत्री निर्मला जी, लगातार अलग-अलग शहरों में Stakeholders से मिल रही हैं। ये इसलिए, क्योंकि हम सभी के सुझावों को मानते हुए, सभी को साथ लेकर चल रहे हैं।


Friends,


अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की कोशिशों के साथ ही, इसी से जुड़ा एक और महत्वूपूर्ण विषय है, देश में Economic Activity के उभरते हुए नए सेंटर्स। ये नए सेंटर्स क्या हैं? ये सेंटर्स हैं हमारे छोटे शहर, Tier-2. Tier-3 Cities. सबसे ज्यादा गरीब इन्हीं शहरों में है, सबसे बड़ा मध्यम वर्ग इन्हीं शहरों में है। आज देश के आधे से अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन छोटे शहरों में हो रहे हैं। आज देश में जितने स्टार्टअप्स रजिस्टर हो रहे हैं, उनमें से आधे टीयर-2., टीयर-3 शहरों में ही हैं। और इसलिए पहली बार किसी सरकार ने छोटे शहरों की भी Economic Growth पर ध्यान दिया है। पहली बार किसी सरकार ने, इन छोटे शहरों के बड़े सपनों को सम्मान दिया है। आज, छोटे शहरों के बड़े सपनों को, नए नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे बुलंदी दे रहे हैं। उड़ान के तहत बन रहे नए एयरपोर्ट, नए एयर रूट्स उन्हें एयर कनेक्टिविटी से जोड़ रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में इन शहरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलवाए गए हैं।


साथियों,


5 लाख तक की इनकम पर ज़ीरो टैक्स का लाभ भी छोटे शहरों को सबसे अधिक हुआ है। MSMEs को बढ़ावा देने के लिए, जो फैसले हमने लिए उसका लाभ भी इन्हीं शहरों के उद्यमियों को सबसे ज्यादा हुआ है। अभी बजट में सरकार ने जो नए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी घोषणा की है, उससे भी सबसे ज्यादा फायदा छोटे शहरों को ही होगा।


साथियों,


हमारे देश में एक और क्षेत्र रहा है जिस पर हाथ लगाने में सरकारें बहुत हिचकती रही हैं। ये है टैक्स सिस्टम। बरसों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ था। अब तक हमारे यहां Process Centric टैक्स सिस्टम ही हावी रहा है। अब उसे People Centric बनाया जा रहा है। हमारा प्रयास टैक्स/जीडीपी रेशियो में बढ़ोतरी के साथ ही लोगों पर टैक्स का बोझ कम करना भी है। जीएसटी, इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स, हर दिशा में हमारी सरकार ने टैक्स में कटौती की है। पहले गुड्स एंड सर्विसेस पर ऐवरेज टैक्स रेट 14.4 परसेंट था, जोकि आज कम होकर 11.8 परसेंट हो गया है। इस बजट में ही इनकम टैक्स स्लैब्स को लेकर एक बड़ा ऐलान किया गया है। पहले टैक्स में छूट के लिए कुछ तय Investments ज़रूरी थे। अब आपको एक विकल्प दिया गया है।


साथियों,


कभी-कभी देश के नागरिकों को टैक्स देने में उतनी दिक्कत नहीं होती जितनी इस प्रक्रिया से और प्रक्रिया का पालन कराने वाले लोगों से। हमने इसका भी रास्ता खोजा है। फेसलेस असेसमेंट के बाद इस बजट में फेसलेस अपील की भी घोषणा की गई है। यानि टैक्स असेस करने वाले को अब ये पता नहीं चलेगा कि वो किसका टैक्स असेस कर रहा है, वो किस शहर का है। इतना ही नहीं, जिसका टैक्स असेसमेंट होना है, उसे भी पता ही नहीं लगेगा कि अफसर कौन है? यानि खेल की सारी गुंजाइश ही खत्म।


साथियों,


अकसर सरकार के ये प्रयास हेडलाइंस नहीं बन पाते लेकिन आज हम दुनिया के उन गिने चुने देशों में शामिल हो गए हैं, जहां टैक्स पेयर्स के अधिकारों को स्पष्टता से डिफाइन करने वाला टैक्सपेयर्स चार्टर भी लागू होगा। अब भारत में टैक्स Harassment बीते दिनों की बातें होने जा रही हैं। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से अब देश टैक्स Encouragement की दिशा में बढ़ रहा है।


Friends,


सरकार द्वारा देश को Tax Compliant Society बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बीते 4-5 वर्षों में देश ने इसमें काफी प्रगति की है लेकिन अभी लंबा सफर बाकी है। मैं आपके सामने कुछ आंकड़ों के साथ अपनी बात कहना चाहता हूं।


साथियों,


पिछले पाँच साल में देश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा कारों की बिक्री हुई है। 3 करोड़ से ज्यादा भारतीय, बिजनेस के काम से या घूमने के लिए विदेश गए हैं। लेकिन स्थिति ये है कि 130 करोड़ से ज्यादा के हमारे देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग ही इनकम टैक्स देते हैं। इसमें से भी प्रतिवर्ष 50 लाख रुपए से ज्यादा आय घोषित करने वालों की संख्या लगभग 3 लाख है। आपको एक और आंकड़ा देता हूं। हमारे देश में बड़े-बड़े डॉक्टर हैं, लॉयर्स हैं, चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, अनेक प्रोफेशनल्स हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में छाए हुए हैं, देश की सेवा कर रहे हैं। लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि देश में करीब सिर्फ 2200 प्रोफेशनल्स ही हैं जो अपनी सालाना इनकम को एक करोड़ रुपए से ज्यादा बताते हैं। पूरे देश में सिर्फ 2200 प्रोफेशनल्स !!!


साथियों,


जब हम देखते हैं कि लोग घूमने जा रहे हैं, अपनी पसंद की गाड़ियां खरीद रहे हैं तो खुशी होती है। लेकिन जब टैक्स भरने वालों की संख्या देखते हैं, तो चिंता भी होती है। ये Contrast भी देश की एक सच्चाई है। जब बहुत सारे लोग टैक्स नहीं देते, टैक्स नहीं देने के तरीके खोज लेते हैं, तो इसका भार उन लोगों पर पड़ता है, तो ईमानदारी से टैक्स चुकाते हैं। इसलिए, मैं आज प्रत्येक भारतीय से इस विषय में आत्ममंथन करने का आग्रह करूंगा। क्या उन्हें ये स्थिति स्वीकार है? आज पर्सनल इनकम टैक्स हो या फिर कॉरपोरेट इनकम टैक्स, भारत दुनिया के उन देशों में है जहां सबसे कम टैक्स लगता है। क्या फिर जो असमानता मैंने आपको बताई, वो खत्म नहीं होनी चाहिए?


साथियों,


सरकार को जो टैक्स मिलता है, वो देश में जन कल्याण की योजनाओं में काम आता है, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने में काम आता है। टैक्स के इसी पैसे से देश में नए एयरपोर्ट्स बनते हैं, नए हाईवेज बनते हैं, मेट्रो का काम होता है। गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन, मुफ्त बिजली कनेक्शन, सस्ता राशन, गैस सब्सिडी, पेट्रोल डीजल सब्सिडी, स्कॉलरशिप, इतना सब कुछ सरकार इसलिए कर पाती है, क्योंकि देश के कुछ जिम्मेदार नागरिक, पूरी ईमानदारी से टैक्स दे रहे हैं। और इसलिए, बहुत आवश्यक है कि देश का हर वो व्यक्ति, जिसे देश ने, समाज ने इतना कुछ दिया है वो अपना कर्तव्य निभाए। जिनकी वजह से उसकी आय इतनी है कि वो टैक्स देने के लिए सक्षम बना है, उसे ईमानदारी से टैक्स देना भी चाहिए। मैं आज Times Now के मंच से, सभी देशवासियों से ये आग्रह करूंगा कि देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वालों को याद करते हुए एक प्रण लें, संकल्प लें। उन लोगों को याद करें जिन्होंने देश को आजाद कराने में अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। देश के उन महान वीर बेटे-बेटियों को याद करते हुए, ये प्रण लें कि वो ईमानदारी से जो टैक्स बनता है, उसे देंगे।


वर्ष 2022 में आजादी के 75 वर्ष होने जा रहे हैं। अपने संकल्पों को इस महान पर्व से जोड़िए, अपने कर्तव्यों को इस महान अवसर से जोड़िए। मेरा मीडिया जगत से भी एक आग्रह है। स्वतंत्र भारत के निर्माण में मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका रही है। अब समृद्ध भारत के निर्माण में भी मीडिया को अपनी भूमिका का विस्तार करना चाहिए। जिस तरह मीडिया ने स्वच्छ भारत, सिंगल यूज प्लास्टिक पर जागरूकता अभियान चलाया, वैसे ही उसे देश की चुनौतियों, जरूरतों के बारे में भी निरंतर अभियान चलाते रहना चाहिए। आपको सरकार की आलोचना करनी हो, हमारी योजनाओं की गलतियां निकालनी हो, तो खुलकर करिए, वो मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत महत्वपूर्ण फीडबैक होता है, लेकिन देश के लोगों को निरंतर जागरूक भी करते रहिए। जागरूक, सिर्फ खबरों से ही नहीं बल्कि देश को दिशा देने वाले विषयों से भी।


साथियों,


21वीं सदी को भारत की सदी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका है, अपने-अपने कर्तव्य के पालन की। एक नागरिक के तौर पर देश हमसे जिन कर्तव्यों को निभाने की अपेक्षा करता है, वो जब पूरे होते हैं, तो देश को भी नई ताकत मिलती है, नई ऊर्जा मिलती है। यही नई ऊर्जा, नई ताकत, भारत को इस दशक में भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। ये दशक भारत के Startups का होने वाला है। ये दशक भारत के Global Leaders का होने वाला है। ये दशक भारत में Industry 4.0 के मजबूत नेटवर्क का होने वाला है। ये दशक, Renewable Energy से चलने वाले भारत का होने वाला है। ये दशक Water efficient और Water Sufficient भारत का होने वाला है। ये दशक भारत के छोटे शहरों का होने वाला है, हमारे गांवों का होने वाला है। ये दशक, 130 करोड़ सपनों का है, Aspirations का है। मुझे विश्वास है कि इस दशक को भारत का दशक बनाने के लिए अनेक सुझाव Times Now की पहली Summit से निकलेंगे। और आलोचना के साथ, सुझावों के साथ ही, कुछ बात कर्तव्यों पर भी होगी।


आप सभी को फिर से बहुत शुभकामनाएं।


बहुत-बहुत धन्यवाद !!!



श्री पीयूष गोयल ने व्यापार संघों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये व्यापार संघों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान राष्ट्र ने खुद को कोविड-19 महामारी से लड़ने तथा क्षमता निर्माण के लिए तैयार किया। सुरक्षा उपकरणों (जैसेकि मास्क, सैनिटाइजर, दस्ताने, पीपीई) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिला, स्वास्थ्य अवसंरचना में तेजी आई और लोगों के बीच जागरूकता का संचार हुआ।


उन्होंने कहा कि लोगों ने सरकार के दिशानिर्देशों एवं निर्देशों का अनुपालन करने के द्वारा इस अभूतपूर्व संकट का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करने की प्रधानमंत्री की अपील का प्रत्युत्तर दिया। इस अवधि के दौरान आरोग्य सेतु का विकास किया गया है जो ऐसे संकट में कवच, मित्र और संदेशवाहक के रूप में कार्य करता है। लोगों ने अपनी जीवन शैली बदली और त्वरित गति से ऐसी परिस्थितियों के तहत अलग तरीके से रहने, कार्य करने,अध्ययन करने के लिए खुद को तैयार किया। श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सही समय पर एवं सही तरीके से लिए गए निर्णयों तथा लोगों द्वारा अनुपालन किए जाने ने देश की सहायता की है क्योंकि कि आज हम अधिक संसाधनों तथा कम जनसंख्या वाले दुनिया के कई अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं।


दिशानिर्देशों में ढील दिए जाने के बाद भी खुदरा व्यापारियों के सामने आने वाली कुछ परेशानियों के संबंध में मंत्री ने कहा कि बिना अनिवार्य एवं गैर अनिवार्य के बीच अंतर किए अधिकांश दुकानों को खोल दिए जाने की अनुमति दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए मॉल्स में शेष दुकानों को खोलने का निर्णय भी शीघ्र लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोवड-19 से लड़ने के लिए केंद्रीय वित मंत्री द्वारा घोषित आत्म निर्भर पैकेज ने एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी उपलब्ध कराई और यह व्यापारियों को भी कवर करता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा में किए गए परिवर्तन से भी उन्हें लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने भी संकेत दिया है कि उनके पास उन समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए भी खुला दिमाग है जो अभी तक अनसुलझी रही हैं।


श्री गोयल ने खुदरा व्यापारियों को ई-कॉमर्स की बाजीगरी से खतरा महसूस न करने को कहा क्योंकि आम लोगों ने अब महसूस कर लिया है कि पड़ोस के किराना दुकानदार ही संकट की इस घड़ी में उनकी सहायता की है। उन्होंने कहा कि सरकार खुदरा व्यापारियों के लिए बी2बी को सुगम बनाने के लिए तंत्र तथा उनकी पहुंच को विस्तारित करने के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के तहत सरकार ने रूपांतरकारी पहलें की हैं जो भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनने में सहायता करेंगी। मियादी ऋण, मुद्रा ऋण एवं अन्य मुद्वों से जुड़ी व्यापारिक समुदाय की दूसरी समस्याओं के संबंध में श्री गोयल ने कहा कि इसका समाधान करने के लिए इस मुद्वे को वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाया जाएगा। 


श्री गोयल ने कहा कि विभिन्न संकेतकों से प्रदर्शित होता है कि आर्थिक सुधार पटरी पर हैं। इस महीने बिजली का उपभोग पिछले वर्ष की इस अवधि के लगभग बराबर है, ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ा है। निर्यात, जो अप्रैल में लगभग 60 प्रतिशत कम हो गया था, उसमें बढोत्तरी का संकेत मिलना आरंभ हो गया है और आरंभिक संख्याओं से संकेत मिलता है कि इस महीने की गिरावट कम होगी। दूसरी तरफ, सेवा निर्यात पिछले महीने भी बढ़ा। उन्होंने कहा कि मर्केन्डाइज निर्यात में गिरावट से अधिक, आयातों में पिछले महीने अधिक कमी प्रदर्शित हुई जिससे व्यापार घाटा कम हुआ।


श्री गोयल ने कहा कि पिछले दो महीनों के दौरान सरकार ने व्यापारियों एवं भारतीय विनिर्माताओं की कठिनाइयों को कम करने के लिए कई कदम उठाये हैं और भविष्य में भी वह उनकी सहायता करेंगे। उन्होंने व्यापारियों से भारतीय वस्तुओं का उपयोग करने, उन्हें बढ़ावा देने और उनका समर्थन करने की अपील की। मंत्री महोदय ने उन्हें विश्वास, निर्भीकता और संकल्प के साथ काम करने को प्रेरित किया जिससे सफलता अर्जित की जा सकेगी।



टीके के विकास और दवाओं के परीक्षण के लिए सीसीएमबी में कोरोना वायरस कल्चर

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला आणविक जीवविज्ञान केन्द्र (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों ने मरीजों के नमूने से कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) का स्थिर संवर्धन (कल्चर) किया है। लैब में वायरस के संवर्धन की क्षमता से सीसीएमबी के वैज्ञानिकों को कोविड-19 से लड़ने के लिए टीका विकसित करने और संभावित दवाओं के परीक्षण में मदद मिल सकती है।


वैज्ञानिक जब वायरस कल्चर करते हैं, तो यह स्थिर होना चाहिए, जिसका अर्थ है कि वायरस संवर्धन निरंतर होते रहना चाहिए। इसीलिए, इसे स्थिर संवर्धन कहा जाता है। नोवेल कोरोना वायरस एसीई-2 नामक रिसेप्टर प्रोटीन के साथ मिलकर मानव के श्वसन मार्ग में एपीथीलियल कोशिकाओं को संक्रमित करता है। श्वसन मार्ग में एपीथीलियल कोशिकाएं प्रचुरता से एसीई-2 रिसेप्टर प्रोटीन को व्यक्त करती हैं, जिससे इस वायरस से संक्रमित मरीजों में श्वसन रोगों का खतरा बढ़ जाता है। कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश की एंटोसाइटोसिस नामक प्रक्रिया के बाद वायरस आरएनए कोशिकाओं के साइटोप्लाज्म में रिलीज होता है, जहाँ यह पहले वायरल प्रोटीन बनाता है और फिर जीनोमिक आरएनए की प्रतिकृति बनने लगती है। इस प्रकार, वायरस इन कोशिका संसाधनों का उपयोग अपनी संख्या बढ़ाने के लिए करता है।


सीसीएमबी के विषाणु-विज्ञानी (वायरलोजिस्ट) डॉ. कृष्णन एच. हर्षन के नेतृत्व में शोधार्थियों की एक टीम ने नमूनों से संक्रामक वायरस पृथक किया है। डॉ. कृष्णन ने बताया कि “वर्तमान में, मानव एपीथीलियल कोशिकाएँ प्रयोगशालाओं में निरंतर कई पीढ़ियों तक नहीं बढ़ पाती हैं, जो लगातार वायरस संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण है। इसीलिए, सीसीएमबी और अन्य लैब जो वायरस को संवर्धित कर रहे हैं, उन्हें कभी न खत्म होने वाली सेल लाइन की आवश्यकता है।” इसीलिए, वैज्ञानिक विरो सेल का प्रयोग करते हैं- जो अफ्रीकी बंदर के गुर्दे की एपीथीलियल कोशिका लाइनों से प्राप्त होते हैं, और जो एसीई-2 प्रोटीन को व्यक्त करते हैं। इसके साथ ही, ये कोशिका विभाजन भी करते हैं, जिससे वे अनिश्चित काल तक वृद्धि कर सकते हैं।


यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर क्या कारण है कि वैज्ञानिक इस घातक वायरस का संवर्धन करने में जुटे हुए हैं! वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि हम बड़ी मात्रा में वायरस का संवर्धन करते हैं और उन्हें निष्क्रिय कर देते हैं, तो इसका उपयोग निष्क्रिय वायरस के टीके के रूप में किया जा सकता है। एक बार जब हम निष्क्रिय वायरस को इंजेक्ट करते हैं, तो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली रोगाणु-विशिष्ट एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ा देती है। ताप या रासायनिक साधनों द्वारा वायरस को निष्क्रिय किया जा सकता है। निष्क्रिय वायरस एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बढ़ा सकता है, लेकिन हमें संक्रमित करके बीमार नहीं करता है।


सीसीएमबी के निदेशक, डॉ. राकेश मिश्र ने कहा है कि “कोरोना वायरस को विकसित करने के लिए विरो सेल लाइनों का उपयोग करते हुए, सीसीएमबी अब विभिन्न क्षेत्रों से वायरल उपभेदों को अलग करने और बनाए रखने में सक्षम है। हम बड़ी मात्रा में वायरस का उत्पादन करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसे निष्क्रिय किया जा सकता है, और चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए टीका विकास और एंटीबॉडी उत्पादन में उपयोग किया जा सकता है। हमने इस वायरल कल्चर का उपयोग करते हुए डीआरडीओ और अन्य भागीदारों के साथ संभावित दवाओं का परीक्षण शुरू कर दिया है।”


 



28 से 31 मई 2020 के दौरान उत्तरपश्चिम और मध्य भारत में बारिश के आसार

भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार:



  • पूर्वी अफगानिस्तान और उससे लगे पाकिस्तान में मध्य क्षोभमंडल स्तर पर एक चक्रवाती प्रसार के रूप में पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। कम दबाव का क्षेत्र उत्तरपूर्व राजस्थान और आसपास में बना है तथा एक पूर्व-पश्चिम निम्न वायुदाब का क्षेत्र (गर्त) निचले क्षोभमंडल स्तर में उत्तरी मैदानी इलाकों में बना है।

  • इसके प्रभाव से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र (जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) और उत्तर पश्चिम भारत के आसपास के मैदानी इलाकों में 28 से 31 मई 2020 के दौरान गरज के साथ छिटपुट से भारी वर्षा हो सकती है और इसी अवधि के दौरान मध्य प्रदेश में कई जगहों पर गरज के साथ छींटे/बारिश हो सकती है।

  • 28 से 31 मई के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में गरज के साथ बिजली, ओलावृष्टि, आंधी/तेज हवाएं चल सकती हैं और 28 से 30 मई के दौरान ही उत्तर प्रदेश और राजस्थान में धूल भरी आंधी/गरज/तेज हवाएं चलने की संभावना है।

  • उपरोक्त मौसम के कारण कल, 29 मई 2020 से उत्तरपश्चिम और मध्य भारत के मैदानी इलाकों में चल रही लू और गंभीर लू की स्थिति समाप्त हो सकती है।


इस बीच, आईएमडी द्वारा किए गए कुछ अवलोकन/अनुमान इस प्रकार से हैं:


दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों, बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से, अंडमान सागर के शेष इलाकों और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों की तरफ आगे बढ़ा है। अगले 48 घंटों के दौरान मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।



  1. 31 मई के करीब दक्षिण-पूर्व और आसपास के पूर्वमध्य अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना को देखते हुए 1 जून 2020 के आसपास केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।

  2. पश्चिम-मध्य अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र और चक्रवाती प्रसार मध्य-क्षोभ मंडल स्तर तक बना हुआ है। अगले 48 घंटों के दौरान इसके उसी क्षेत्र में डिप्रेशन में तब्दील होने की पूरी संभावना है। यह अगले 72 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम की ओर दक्षिण ओमान और पूर्वी यमन तट की ओर बढ़ सकता है।

  3. पूर्वी अफगानिस्तान और सटे हुए पाकिस्तान के ऊपर समुद्र स्तर से 5.8 और 7.6 किमी के बीच चक्रवाती प्रसार के रूप में पश्चिमी विक्षोक्ष बना हुआ है।

  4. उत्तरपूर्व राजस्थान और आसपास के क्षेत्र के ऊपर औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर तक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती प्रसार) है।

  5. यह विदर्भ से तमिलनाडु के अंदरूनी हिस्सों, तेलंगाना से रायलसीमा तक समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है।

  6. दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण श्रीलंका तट पर चक्रवाती प्रसार समुद्र तल से 3.1 और 4.5 किमी के बीच बना है।

  7. पूर्व-पश्चिम कम दबाव का क्षेत्र पंजाब से उत्तर छत्तीसगढ़, हरियाणा,  उत्तर-पूर्व राजस्थान और उत्तर मध्य प्रदेश तक समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर बना हुआ है।

  8. दक्षिण असम और आसपास के इलाकों में चक्रवाती प्रसार समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर तक बना है।

  9. दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे मालदीव क्षेत्र में समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर चक्रवाती प्रसार बना हुआ है।


 


अगले 5 दिनों के लिए विस्तृत पूर्वानुमान और चेतावनी निम्नानुसार हैं:



Friday, May 29, 2020

पीड़ित ने शौचालय का पैसा दिलवाने की जिलाधिकारी से लगाई गुहार






*ब्यूरो रिपोर्ट विनय सिंह*

बाराबंकी । देवा विकास खण्ड अधिकारी की तानाशाही को लेकर पीड़ित ने ज़िलाधिकारी से की शिकायत दरअसल मामला जनपद बाराबंकी के विकास खंड देवां का है जहां पीड़ित धर्मपाल पुत्र रघुबर दयाल निवासी ग्राम बल्लापुर मजरे अजगना द्वारा विकास खण्ड के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुये बताया गया कि विकास खण्ड के अधिकारियों ने कहा कि आप अपना पैसा लगाकर शौचालय बनवा लीजिये जब शौचालय पूर्ण रूप से तैय्यार हो जायेगा तो आपके खाते मे पैसा 12 हजार रुपये भेज दिया जाएगा । शौचालय तैय्यार होने के बाद धर्मपाल ने शौचालय की फ़ोटो खींचकर विकास खण्ड अधिकारियों के पास गया और कहा की साहब हमने शौचालय तैय्यार कर लिया है अब आप हमारा पैसा बैक खाते मे भेज दे । परंतु काफी समय बीत जाने के बाद भी खाते में पैसा नही आया जिस पर पीड़ित द्वारा 25 मई 2020 को इस संबंद्ध में प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन फिर भी खाते में पैसा नही भेजा गया । जिससे परेशान होकर पीड़ित ने बाराबंकी जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है । पीड़ित धर्मपाल का ये भी कहना है की अगर हमारा शौचालय का पैसा हमको नही दिया गया तो मैं अपने परिवार के साथ धरने पर बैठ जाऊँगा ।


 

 



 



पिनाहट ब्लॉक प्रमुख ने जरूरतमंद, असहाय लोगों को की खाद सामग्री किट वितरित




दैनिक अयोध्या टाइम्स संवादाता हिमांशु गुप्ता 

 पिनाहट | लॉक डाउनलोड में बाहर से आए हुए मजदूर लोग अपने घर पुनः वापस आ गए | एक तरफ देश  कोराना  जैसी महामारी से  लड़ रहा है लोकडाउन के  चलते सभी काम बंद चल रहे हैं मजदूर और असहाय वर्ग हाथ पर हाथ रखे घर पर बैठा हुआ है  ब्लॉक प्रमुख  की अनोखी पहल कमा रही है ब्लाक प्रमुख पिनाहट सुग्रीव सिंह चौहान ने आज दिन शुक्रवार को पिनाहट  ब्लाक के गांव उमरेठा में गरीब और असहाय लोगों को खाध सामग्री   किट वितरित की गई है बाहर से आए हुए लोगों को जागृत करते हुए बताया कि जरूरी कार्य से ही बाहर निकले अन्यथा अपने घर पर ही रहे घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क  होनी चाहिए एक दूसरे में कम से कम 1 मीटर की दूरी का  फासला होना चाहिए ब्लाक प्रमुख पिनाहट सुग्रीव सिंह चौहान  ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति गरीब , असहाय व्यक्ति राशन सामग्री से वंचित रह जाता है तो वह मुझे मेरे नंबर पर कॉल करके बता सके हम उसको खाध  सामग्री किट उपलब्ध कराएंगे


 

 



 

समाजवादी नेता व पूर्व लोकसभा प्रत्याशी मोहनलालगंज,सी.एल.वर्मा  जरूरतमंद लोगों के पास पहुॅचकर लगातार कर रहें है- मास्क व राशन कीटो का वितरण




*प्रदुम दीक्षित, संवाददाता लखनऊ, दैनिक अयोध्या टाइम्स*

लखनऊ, मोहनलालगंज। समाजवादी नेता,व पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सी.एल.वर्मा ने जरूरतमंद लोगों के गाॅवों में पहुॅचकर लगातार कर रहें है मास्क व राशन वितरण। शुक्रवार को सी.एल. वर्मा ने लाकडाउन के दौरान किये जा रहें अनवरत सेवा भाव कार्य के क्रम में विधानसभा -मोहनलालगंज के गाॅव-नटखेडा, कासिमपुर, कबीपुर, बिरूहा, मोहनलालगंज, भदेसुवा, नगराम, सेल्हूमऊ, उदवतखेडा, मुख्य स्थानों पर सैकडों गाॅव के जरूरतमंद परिवार के लोगों को कैम्प लगाकर लगभग एक हजार लोगों को वैश्विक आपदा कोरोना महामारी के बचाव के नियमों का पालन करते हुए मास्क व राहत-सामग्री वितरित की। इस अवसर पर सी.एल. वर्मा ने कहा- वैश्विक आपदा से निपटने के लिए गाॅववासियों से अपील करते हुए कहा कि घर से बाहर जाते समय मास्क लगाकर जरूर निकलें। साबुन या सैनिटाइजर से अपने हाथों को धोए व सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें। सी.एल.वर्मा ने कहा कि हमारे आदरणीय नेता, अखिलेश यादव जी विपक्ष में रहकर भी गरीब और मजूदरों की मदद करने में हमेशा से प्रयासरत हैं। उन्होंने मजदूरों, गरीबों और किसानों के लिए हमेशा ऐतिहासिक कार्य किये है। 

इस अवसर पर सपा. नेत्री, श्रीमती पूनम सरोज जी, श्रीमती सरोजनी अम्बेडकर जी, पूर्व जिलाध्यक्ष मो0 आशिक अली जी, विधानसभा अध्यक्ष श्री उमेश वर्मा जी, पूर्व चेयरमैन बृजेश यादव जी, पूर्व जिलासचिव श्री शमशेर यादव जी, ऐडवोकेट राम समुच रावत जी, श्री मान सिंह यादव नेता जी, शिवांशु यादव जी, ब्रजभान रावत जी, श्री कृष्ण कुमार विश्वकर्मा जी, श्री कमल किशोर यादव जी, श्री दिनेश यादव जी, श्री सर्वेश यादव जी, श्री अजेन्द्र यादव जी, श्री जितेन्द्र राजपूत जी, श्रीमती सरस्वती लोधी जी, श्री मानस रावत जी, श्री अभिषेक रावत जी उपस्थित रहें।


 

 



 

लखनऊ रेलवे स्टेशन में   विशेष ट्रेनों से आए मजदूरों को एनडीआरएफ टीम द्वारा जागरूक तथा स्क्रीनिंग किया गया




प्रदुम दीक्षित, संवाददाता लखनऊ, दैनिक अयोध्या टाइम्स* लखनऊ।

 करोना महामारी के करण पूरे देश  में लाकडाउन की स्थिति बनी हुई है जिसके चलते विभिन्न राज्यों से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी  के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई विशेष ट्रेनों  से मजदूरों को लखनऊ रेलवे स्टेशन लाया गया । प्रशासन के साथ एन डी आर एफ की 02 टीमें लखनऊ रेलवे स्टेशन पर तैनात की गई इन टीमों ने  स्टेशन मे आये सभी श्रमिक को  सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए स्क्रिनिग किया गया ।  लखनऊ के प्रशासन द्वारा उनके होम डिस्ट्रिक्ट तक बस सेवा उपलब्ध कराया जा रहा है एन डी आर एफ की टीम ने विशेष ट्रेनों से आए मजदूरों को करोना संबंधित सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया और साथ ही उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्को अन्य सुरक्षा उपायों के बारे में समझाते हुए ट्रेन से उतरने में जिला प्रशासन का सहयोग किया, जिला प्रशासन को सहयोग करते हुए इन टीमों ने सभी मजदूरों को कतार वध करते हुए और सोशल डिस्टेंस में खड़ा करते हुए पूरी व्यवस्था को बनाए रखा है जिससे कि कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाने वाली जांच और अग्रिम कार्रवाई की प्रक्रिया से ही गुजरे ।

प्रशासन के साथ तैनात एनडीआरएफ की टीम ने सफलतापूर्वक इन सभी प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से उतार कर अग्रिम कार्यवाही हेतु आगे भेजा गया।


 

 



 

गरीब मजदूर तथा झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगो को रामनिवास यादव लगातार कर रहे भोजन वितरित




*प्रदुम दीक्षित, संवाददाता लखनऊ, दैनिक अयोध्या टाइम्स*

लखनऊ।भारतीय जनता पार्टी लखनऊ के पूर्व जिलाध्यक्ष राम निवास यादव ने बताया कि 27मार्च से लगातार अपने निज निवास स्थान 3/222 विजयन्तखंड निकट मिनी स्टेडियम गोमती नगर थाना-विभूतिखंड जनपद-लखनऊ पर कम्यूनिटी किचन का संचालन किया जा रहा है इस कम्यूनिटी किचन का आज 64वां दिन है कम्यूनिटी किचन में तहडी एवं पूड़ी-सब्जी के भोजन पैकेट एवं शुद्ध जल के पैकेट भी उपलब्ध कराये गये है। इस कम्यूनिटी किचन से आज लगभग 1500 भोजन पैकेट व शुद्ध जल वितरित किया जा रहा है इस कम्यूनिटी किचन का मात्र एक उद्देश्य यह है कि कोई भी व्यक्ति भूखा-प्यासा नही रहना चाहिए। कम्यूनिटी किचन में भोजन की शुद्धता, साफ-सफाई का ध्यान रखने के साथ ही सामाजिक दूरी का भी विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है यह कम्यूनिटी किचन राम निवास यादव पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा द्वारा लांकडाउन तक लगातार चलाने का संकल्प लिया गया है प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में एकजुट होकर सरकार के नियमानुसार कार्य करना चाहिए तथा प्रत्येक सक्षम व्यक्ति को लांकडाउन में पीडितों की मदद करने हेतु प्रेरित भी किया जा रहा है स्वयं मैने भी बहुत से समाज सेवकों से भी लोगों की सहायता करने का आग्रह कर रहा हूँ इस विषम परिस्थितियों में पलायन करने वाले श्रमिकों एवं जरूरतमंदो की सहायता करना ही मानव धर्म है मास्क लगाना तथा सामाजिक दूरी बनाये रखना ही वैश्चिक महामारी से बचाव का एक मात्र उपाय है। कम्यूनिटी किचन पर गरीब मजदूर तथा झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले को दोपहर में भोजन वितरित किया जाता है जो चिनहट, मटियारी, उत्तरधौना, मल्हौर, लौलाई, कमता, देवा रोड़, हुसेडिया, कठौता, तखवा तथा गोमती नगर क्षेत्र एवं आस-पास के लोगों को सामाजिक दूरी बना कर भोजन लिया जा रहा है भोजन लेने वाले सभी लोगों को विशेष तौर पर मुह ढकने तथा एक-दूसरे से दूरी बना कर भोजन दिया जा रहा है सभी गरीब मजदूर अपना मुह ढकने के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दे रहे है और कोरोना योद्धाओं की सहायता भी कर रहे है इसके अतिरिक्त अन्य जरूरतमंद लोगों को जिला प्रशासन/ पुलिस प्रशासन तथा सामाजिक संगठनो के माध्यम से भोजन पैकेट वितरित किया जा रहा है राम निवास यादव ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा एवं प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देशों का पालन करते हुए। यह कम्यूनिटी किचन लखनऊ में लांकडाउन तक लगातार चलता रहेगा। जिससे कोई भी व्यक्ति भूखा-प्यासा नही रहेगा। आज इस कम्यूनिटी किचन में संजय मिश्रा, ए.पी. सिंह, प्रदीप अग्रवाल, वैभव सोनी, अखिलेश यादव, डा0 अनूप सिंह, अरविन्द यादव, अनिल जायसवाल, योगेश गुप्ता, लालू यादव तथा अवधेश पाठक द्वारा सहयोग किया गया ।