Saturday, May 30, 2020

""आखिर तंबाकू निषेध पूर्ण रूप से कब होगा 

जैसा कि हम जानते हैं कि पिछले वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस का थीम"तंबाकू और फेफड़ों का स्वास्थ्य"को लेकर था l और मेरे दोस्त इस वर्ष का विषय "फेफड़ों पर तंबाकू का खतरा"पर केंद्रित है जो कि कैंसर और सांस की बीमारियों की तरफ इशारा करता है l जैसा कि हम जानते हैं कि 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रस्ताव पारित करके वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाने का निर्णय लिया गया था , तब से हम जागरूकता लाने के लिए 31 मई को अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाते हैं l अपने देश में भी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध है, जो कि भारत सरकार ने 2003 में एक अधिनियम पारित किया था जिसके तहत कहा गया कि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान नहीं करेगा लेकिन मैं बोलता हूं  हमेशा के लिए अपने भारत से  धूम्रपान और शराब बंद होना चाहिए l क्या आपको मालूम है की धूम्रपान मनुष्य के लिए कितना हानिकारक है? सर्वे के मुताबिक 450 ग्राम तंबाकू में निकोटीन नामक जहर की मात्रा लगभग 22 ग्राम से ज्यादा होती है और इसकी 6 ग्राम मात्र एक कुत्ता लेने से  3 मिनट में ही मर जाता है l दोस्तों धूम्रपान और शराब से केवल एक व्यक्ति बर्बाद नहीं होता बल्कि उसका पूरा परिवार और पूरा देश बर्बाद होता है l  मैं बचपन से ही देखते आ रहा हूं जब मैं कॉलेज में गया तब देखा कि कॉलेज के लड़के -लड़कियां धड़ल्ले से धुआं उड़ा रही है उड़ा रहे हैं l देखकर बहुत मन दुखी होता था और  हमेशा प्रयास करते रहा  प्रेरित करके अपने दोस्तों साथियों को कि स्मोकिंग ना करें गुटका ना खाएं लेकिन मेरा मजाक बनाया जाता था l  फिर मैंने अपने स्तर पर प्रतिदिन जागरूकता कैंप लगाना शुरू किया फिर धीरे-धीरे मेरे साथ लोग जुड़ते गए l  और बहुत से एनजीओ ट्रस्ट ने भी मेरे मुहिम में साथ दिया l और हमने मिलकर बड़ा आंदोलन किया और आज बिहार में कानूनी रूप से शराब बंद है l  हम कहते हैं दोस्तों की बिहार और मिजोरम जैसे पूरे देश में इस जानलेवा पदार्थ को बंद करने की जरूरत है lक्योंकि आज धूम्रपान का सबसे अधिक शिकार है हमारे देश का युवा जो कि भारत युवाओं का देश है और किसी भी देश के विकास में युवाओं का प्रमुख भूमिका होती है ,लेकिन जब युवा ही नशे में डूबा रहेगा और जिस देश का युवा बर्बाद हुआ इतिहास गवाह है कि वह देश भी बर्बाद हो गया l  इसलिए अपने देश को बचाने के लिए हम सब का यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने युवा पीढ़ी को बचाएं इसके लिए उनको जागरूक करें l 

"दोस्तों मैं देखता हूं कि लोकतंत्र में लोग अपने अधिकारों की बात तो करते हैं लेकिन कहीं न कहीं कर्तव्यों को भूल जाते हैं यह सभी पढ़े लिखे और जागरूक लोगों को मालूम है कि संविधान में यह -यह अधिकार हमें दिया गया है l जब कर्तव्यों की बात आती है तो पीछे हट जाते हैं l""दोस्त अपने स्कूल समय से ही मैं जागरूकता लाने का प्रयास कर रहा हूं l आज भी दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहते हुए आईएएस की तैयारी के साथ -साथ प्रतिदिन 15 से 20 मिनट जागरूकता लाने के लिए समय निकालता हूं ,अगर मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर लाइब्रेरी में रहता हूं अगर कोई भी व्यक्ति यहां व्यक्ति कहने का मतलब केवल छात्र ही नहीं प्रोफेसर लोग भी जोकि इतने पढ़े लिखे लोग भी मुंह में लेकर सिगरेट उडाते रहते हैं l  जब मैं उनसे जाकर पूछता हूं कि आखिर क्यों तो उनका जवाब होता है रिलैक्स फील करने के लिए फिर मैं पूछता हूं कि पैकेट पर लिखा क्या हुआ है , तब उनका जवाब होता है की स्मोकिंग किल्स, किलर टोबैको, जानलेवा है फिर जब आपको मालूम है तब भी क्यों लेते हो मरने का इतना ही जल्दी है तो और भी रास्ते हैं l यह सच है कि तंबाकू राज्य सरकार का विषय है तंबाकू शराब से राज्य सरकार को बहुत ही ज्यादा रेवेन्यू आती है लेकिन इससे कहीं ज्यादा लोगों की जिंदगियां बर्बाद होती है लोगों की पूरे परिवार बर्बाद हो जाता है। और विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है कि जितना रेवेन्यू इन जानलेवा पदार्थों से आता नहीं उससे कहीं ज्यादा जब जानलेवा बीमारियां किसी व्यक्ति में लग जाती है ,इसका सेवन से तब खर्च आता है l अगर हम आंकड़े देखें तो भारत न केवल सबसे बड़े तंबाकू उत्पादक देशों में से एक है बल्कि विश्व में तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों के 1/6 वे हिस्से का जिम्मेदार भी है और तो और किशोरों में तंबाकू के सेवन का स्तर लगातार बढ़ रहा है l  और भारत की वर्तमान तंबाकू नीति में भी मुझे कई विसंगतियां भी नजर आ रही है l जैसा आपने देखा इस लॉकडाउन में सभी राज्य सरकारों ने अपनी रेवेन्यू बढ़ाने के लिए शराब की दुकानें खोल दिए और जो हालात हुआ देश के विभिन्न राज्यों में देश के राजधानी में वह आप सबके सामने हैं जो कि एक चिंता का विषय है l दोस्तों तंबाकू के सेवन से चिकित्सा खर्च बढ़ जाती है विभिन्न प्रकार के रोग होते हैं और इससे घरेलू आय में कमी आती है जिससे गरीब और गरीबी में चला जाता है l दोस्तों नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है इसलिए हमेशा के लिए इस जानलेवा पदार्थ को बंद करने की जरूरत है l दोस्तों देश हमारा है तो इसको बचाने का जिम्मेदारी भी हमारी है , ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम बोले कि लोकतंत्र हैं और यह मेरा अधिकार है ठीक है आपका अधिकार है तो आपका कर्तव्य भी है इसलिए जितना हो सके समाज में जागरूकता लाएं मेरा साथ दे और इस अभियान के माध्यम से हम हमेशा के लिए तंबाकू ,शराब को अपने भारत देश में बंद करेंगे ,और सरकार का भी नैतिक जवाबदेही है की इसके लिए पहल करें ताकि भारत में तंबाकू, शराब अब हमेशा के लिए बंद हो जैसा कि हम जानते हैं कि राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 48 में कहा गया है कि राज्य को सार्वजनिक स्वास्थ्य में लगातार बेहतरी के प्रयास करते रहनी चाहिए लेकिन जिस प्रकार से शराब परोसी जा रही है यह कहीं से भी नैतिक और उचित नहीं है अतः भारत जैसे एक आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य को अपने सामाजिक दायित्वों के पालन हेतु वर्तमान तंबाकू शराब नीति में बदलाव करते हुए प्रयास करना चाहिए इस जानलेवा पदार्थ को बंद किया जाए और अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का दूसरा रास्ता जोड़ा जाए क्योंकि सबसे अधिक गरीब मजदूर ही इसके शिकार होते हैं, आपको बता दें कि दुनिया में हर साल तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से करीब 50 लाख  लोगों की मौत होती है , और एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष तक यह  संख्या एक करोड़ तक पहुंच जाएगी मैं डरा नहीं रहा हूं एक सर्वे के मुताबिक जो रिपोर्ट आई है ,उसी को रखने प्रयास किया हूंl और सबसे ज्यादा शिकार इसका गरीब और अशिक्षित लोग ही हैं , मेरे दोस्तों आप सब मेरे इस अभियान में साथ दें आप जहां भी रहते हैं l वही प्रतिदिन 10 मिनट अपना समय देश के युवाओं को बचाने के लिए दें उनको प्रेरित करें तंबाकू से होने वाले बीमारियों के बारे में जागरूक करेंl क्योंकि हम सब जानते हैं कि किसी भी देश का युवा खत्म तो देश खत्म किसी भी देश का रीढ़ युवा ही होता है इसलिए यह वक्त है अपने कर्तव्यों को निभाने का....

कवि विक्रम क्रांतिकारी(विक्रम चौरसिया -अंतर्राष्ट्रीय चिंतक)

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