Friday, August 7, 2020

केरल में बड़ा विमान हादसा, दो हिस्सों में बंटा एयर इंडिया का विमान, अब तक 16 लोगों की मौत

एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान यहां कोझीकोड हवाईअड्डे की हवाईपट्टी पर फिसलकर करीब 50 फीट गहरी खाई में गिरकर दो हिस्सों में टूट गया। नागरिक विमानन मंत्रालय ने कहा कि विमान में 174 यात्री, 10 बच्चे, दो पायलट और पांच केबिन क्रू सवार थे। दुबई-कालीकट एअर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे में पुलिस सूत्रों के मुताबिक मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।यह विमान दुबई से आ रहा था और इसमें 191 यात्री सवार थे। डीजीसीए ने कोझिकोड में एयर इंडिया के विमान हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दिए।


कई लोगों को पास के अस्पतालों में पहुंचाया गया है और इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को मौके पर जाने के निर्देश दिये हैं। शाह ने ट्वीट किया, “केरल के कोझीकोड में एअर इंडिया एक्सप्रेस विमान की दुर्घटना के बारे में जानकर व्यथित हूं। एनडीआरएफ को यथाशीघ्र मौके पर पहुंचकर राहत अभियान में सहायता का निर्देश दिया है।”


डीजीसीए के बयान में कहा गया कि हवाईपट्टी-10 पर उतरने के बाद विमान रुका नहीं और हवाईपट्टी के अंत तक पहुंचकर खाई में गिरने के बाद दो हिस्सों में टूट गया। यात्रियों में 10 नवजात, दो पायलट और चालक दल के चार सदस्य भी शामिल हैं। विमान शाम करीब सात बजकर 40 मिनट पर हवाईपट्टी पर उतरा। विमानन कंपनी के एक प्रव्कात ने कहा कि विमान संभवत: हवाईपट्टी से फिसल गया। बचाव अभियान जारी है। हादसे के वक्त वहां भारी बारिश हो रही थी। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि पुलिस और दमकल कर्मियों को राहत और बचाव अभियान के लिये सभी कदम उठाने को कहा गया है। 


प्रधानमंत्री मोदी ने विमान हादसे पर शोक जताया


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोझिकोड में एअर इंडिया एक्सप्रेस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर शुक्रवार को शोक जताते हुए कहा कि प्रशासन मौके पर है और सभी प्रभावितों को सहायता मुहैया करा रहा है। उन्होंने इस संबंध में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से भी बात की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘कोझिकोड में हुए विमान हादसे से शोकाकुल हूं। मेरी संवेदनाएं अपने प्रियजनों को खोने वालों के साथ हैं। घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो।’’ मोदी ने लिखा है कि प्रशासन मौके पर है और सभी प्रभावितों को हर प्रकार की सहायता मुहैया करा रहा है।


केरल भूस्खलन से 10 लोगों की मौत, PM मोदी ने मुआवजे का किया ऐलान

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के इडुक्की जिले में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में 10 लोगों की मौत होने पर शुक्रवार को दुख जताया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसके साथ ही घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘इडुक्की में भूस्खलन में हुई जान की क्षति से दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’’ 




उन्होंने घायलों के शीर्घ स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)और प्रशासन मौके पर काम कर रहा है तथा प्रभावित लोगों को सहायता की जा रही है। गौरतलब है कि इडुक्की जिले के राजमाला स्थित पेत्तिमुदी में मूसलाधार बारिश के कारण शुक्रवार की सुबह हुए भूस्खलन से दस मजदूरों की मौत हो गई।


पुलिस सूत्रों ने बताया कि कम से कम 70 लोगे के वहां फंसे होने की आशंका है। भूस्खलन के कारण करीब 20 मजूदरों के घर वहां मलबे में दब गए हैं। पुलिस और दमकल कर्मी मौके पर मौजूद हैं और जिला प्रशासन ने अस्पतालों से भी हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने 15 एम्बुलेंस और एक विशेष चिकित्सक दल को रवाना किया है। 




Thursday, August 6, 2020

पांच महीनों बाद फिर से भक्तों को होंगे माता के दर्शन, 16 अगस्त से शुरू होगी वैष्णो देवी यात्रा

जम्मू: वैष्णो देवी यात्रा करने की चाह रखने वाले श्रद्दालुओं का इंतजार अब खत्म होने वाला है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने लंबे समय से बंद धार्मिक स्थलों को 16 अगस्त से दोबारा खोलने का फैसला किया है. कोरोना वायरस की वजह से 19 मार्च को यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, सरकारी आदेश में माता वैष्णो देवी की यात्रा शुरू करने का अलग से कोई जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि अन्य धार्मिक स्थलों की तरह ही यात्रा शुरू कर दी जाएगी. श्रद्धालुओं की संख्या सीमित जरूर हो सकती है. जम्‍मू-कश्‍मीर के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने कहा कि 16 अगस्त, 2020 से जम्मू और कश्मीर में सभी धार्मिक स्थलों और पूजा स्थलों को खोलने का फैसला लिया गया है. लेकिन धार्मिक जुलूस और बड़े धार्मिक आयोजनों के लिए इजाजत नहीं मिलेगी.


हेलीकॉप्टर किराए में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी
इसी बीच हेलीकॉप्टर सेवा का किराया बढ़ गया है. वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए हेलीकॉप्टर किराए में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इस हेलीकॉप्टर सेवा के लिए नए टेंडर की प्रक्रिया पूरा होने के बाद यह बढ़े हुए किराए 1 अप्रैल 2020 से लागू होंगे. मतलब यह कि अब जब भी यह सेवा शुरु होती है, तो श्रद्धालुओं को यह बड़ा हुआ किराया देना होगा. फिलहाल, कटरा से सांझी-छत जाने के लिए हेलीकॉप्टर का किराया 1045 रुपये प्रति सवारी था जिसे अब बढ़ाकर 1730 रुपये कर दिया गया है. पहले हेलीकॉप्टर से आने जाने का किराया 2090 रुपये था जिसके लिए अब यात्रियों को 3460 रुपए चुकाने होंगे. वैष्णो देवी यात्रा के लिए अपनी सेवाएं दे रही हिमालयन हेली और ग्लोबल वेक्ट्रा कंपनियों का टेंडर हर 3 साल बाद रिन्यू होता है. नए टेंडर के मुताबिक पहले से श्रद्धालुओं को सेवाएं दे रही यह दोनों हेलीकॉप्टर कंपनियां ही अपनी सेवाएं जारी रखेंगी.


भारत में 24 घंटे में आए सबसे ज्यादा 56 हजार नए मामले, अमेरिका-ब्राजील को भी पछाड़ा

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. अमेरिका और ब्राजील से भी ज्यादा मामले भारत में दर्ज किए जा रहे हैं. बीतें दिन 56,282 कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं, 904 लोगों की मौत भी हुई है. जबकि अमेरिका और ब्राजील में बीते दिन क्रमश: 55,100 और 54,685 मामले आए. वहीं क्रमश: 1,306 और 1,322 मौतें हुई.


स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल संक्रमितों की संख्या 19 लाख 64 हजार 536 हो गई है. इनमें पांच लाख 95 हजार एक्टिव केस हैं तो वहीं 13 लाख 28 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. अबतक 40 हजार 699 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. इसके साथ भारत में संक्रमण से मौत की दर यानी मृत्यु दर भी 2.07% हो गई है. मृत्यु दर में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. 5 अगस्त तक भारत में अब तक 2,21,49,351 सैंपल टेस्ट किए गए है, वहीं 5 अगस्त को एक दिन में 6,64,949 सैंपल टेस्ट किए गए है.


भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश
कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है. अमेरिका, ब्राजील के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत है. लेकिन अगर प्रति 10 लाख आबादी पर संक्रमित मामलों और मृत्युदर की बात करें तो अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति बहुत बेहतर है. भारत से अधिक मामले अमेरिका (4,973,520), ब्राजील (2,862,761) में हैं. देश में कोरोना मामले बढ़ने की रफ्तार भी दुनिया में तीसरे नंबर पर बनी हुई है.


एक्टिव केस के मामले में टॉप-5 राज्य
आंकड़ों के मुताबिक, देश में इस वक्त करीब छह लाख कोरोना के एक्टिव केस हैं. सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं. महाराष्ट्र में सवा लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इसके बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर कर्नाटक, चौथे नंबर पर आंध्र प्रदेश और पांचवे नंबर पर दिल्ली है. इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है. यानी कि भारत ऐसा तीसरा देश है, जहां फिलहाल सबसे ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है.


गुजरात के अहमदाबाद में कोविड-19 अस्पताल में आग लगने से आठ मरीजों की मौत

अहमदाबाद। अहमदाबाद में कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए चिह्नित एक निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने से बृहस्पतिवार को आठ मरीजों की मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद में नवरंगपुर इलाके के श्रेय अस्पताल में बृहस्पतिवार तड़के आग लग गई। 


उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोविड-19 के करीब 40 अन्य मरीजों को बचा लिया गया और उन्हें शहर के एक अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारी ने बताया कि आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।


 


Wednesday, August 5, 2020

पांच सदी बाद पूरा हुआ राम मंदिर निर्माण का संकल्प: योगी आदित्यनाथ

अयोध्या। राम मंदिर भूमि पूजन सम्पन्न होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच सदी के बाद आज 135 करोड़ भारतवासियों का संकल्प पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सनातन धर्म के प्रति शुभेच्छा का भाव रखने वालों की भावनाओं को पूरा करने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।  



योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक तरीकों के साथ ही मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूझबूझ और प्रयासों के कारण आज संकल्प पूरा हो रहा है। हमने तीन साल पहले अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया था, आज उसकी सिद्धी हो रही है।


इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा। योगी आदित्यनाथ ने अवध पुरी में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का स्वागत किया।


 


मंदिर की आधारशिला रखी गई राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन सम्पन्न

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल दशकों पुराने मुद्दे का समाधान करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। आज मंदिर निर्माण की नींव रखे जाने के साथ ही राम मंदिर के लिए चलाया गया भाजपा का आंदोलन फलीभूत हो गया, जिसने भगवा दल को सत्ता के शिखर तक पहुंचा दिया। भूमि पूजन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे। 



पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ भूमि पूजन की शुरुआत की और फिर मोदी द्वारा मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखे जाने के साथ ही भूमि पूजन संपन्न हो गया। कार्यक्रम के दौरान नौ शिलाओं की पूजा की गई और मोदी ने मंदिर की नींव की मिट्टी से अपने माथे पर तिलक लगाया। इससे पहले, मोदी हेलीकॉप्टर से अयोध्या पहुंचे जहां मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया। भूमि पूजन से पहले मोदी हनुमानगढ़ी स्थित मंदिर पहुंचे और राम मंदिर निर्माण के लिए हनुमान जी से आशीर्वाद मांगा। मंदिर में कुछ समय पूजा-अर्चना करने के बाद मोदी राम जन्मभूमि क्षेत्र के लिए रवाना हुए और वहां पहुंचकर भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया। इसके बाद भूमि पूजन समारोह हुआ।


 


हिंदुओं की राह बाधित करने के अनेकों किये प्रयास 500 वर्षों के संघर्ष के दौरान

प्रथम किन्ही प्रभु धनुष टंकोरा। रिपु दल बधिर भयहू सुनि सोरा ।। 


लगभग पाँच सौ वर्षों के सतत, दुधुर्ष व उत्कट संघर्ष के बाद 5 अगस्त को अयोध्या में रामलला जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की प्रथम शिला रखी जानी है। जो समय के भीतर झांक सकते हैं वे जानते हैं कि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तो 6 दिसंबर 1992 के दिन ही प्रारंभ हो गई थी जिस दिन बाबरी ढांचे का कलंक भारत भूमि से हटा था। बाबरी ढांचे से लेकर भव्य निर्माण तक का ये घटनाक्रम और आरोह अवरोह, सब प्रारब्ध है और रामरचित लीला मात्र है। श्रीराम भारत के गुलामी से जकड़े हुये समाज जागरण हेतु जितने बरस स्वयं की जन्मभूमि को आतताइयों के कब्जे में रहने देना चाहते थे उतने बरस उन्होंने रहने दिया। जब श्रीराम का मन किया कि अब लीला को नवस्वरूप देना है और नवविलास करना है तो वे तिरपाल को त्याग कर नए भवन की ओर अग्रसर हो गए हैं।



होइहि सोइ जो राम रचि राखा।


को करि तर्क बढ़ावै साखा॥


अस कहि लगे जपन हरिनामा।


गईं सती जहँ प्रभु सुखधामा॥ 


मैं स्वयं अपने अनुभव से कह सकता हूँ कि यदि इतिहास में 6 दिसंबर की वीरोचित घटना नहीं हुई होती तो 9 नवंबर 2019 का विवेकपूर्ण निर्णय भी नहीं हो सकता था। साथ ही यह भी कहना ही होगा कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में जितने भी रामभक्त बाबरी विध्वंस में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित थे उन सभी में उस दिन रामेश्वरम रामसेतु के निर्माण में संलग्न देव तुल्य वानरों की आत्मा प्रवेश कर गई थी। गिलहरी, नल, नील, जांबवंत, सुग्रीव, अंगद, हनुमान, सहित भैया लक्ष्मण और श्रीराम वहाँ स्वयं स्वयंसेवक रूप मे उपस्थित थे और एक नए युग के जन्म की कथा का प्रारंभ स्वयं अपने हाथों से लिख रहे थे।      


गोस्वामी तुलसीदास के इन शब्दों को प्रत्येक स्वयंसेवक कहते हुये आगे बढ़ रहा था–


कटि तूनीर पीत पट बाँधें।


कर सर धनुष बाम बर काँधें॥


पीत जग्य उपबीत सुहाए।


नख सिख मंजु महाछबि छाए॥


कमर में तरकस और पीतांबर बाँधे हैं। हाथों में बाण और कंधों पर धनुष तथा पीले यज्ञोपवीत सुशोभित हैं। नख से लेकर शिखा तक सब अंग सुंदर हैं, उन पर महान शोभा छाई हुई है और वे साथ-साथ चलते जा रहे हैं।                        


लंका दहन, क्षमा कीजिये बाबरी विध्वंस के बाद देश भर व विश्व मे चले विमर्श के संदर्भ मे कभी किसी प्रसिद्ध लेखक ने लिखा था कि वह विमर्श बड़ा ही भयावह था। समूचे भारतीय व वैश्विक मीडिया ने बड़ा ही अनैतिक, अनर्गल व अनावश्यक प्रलाप किया था। भारतीय सेकुलर विधवा विलाप कर रहे थे और बीबीसी से लेकर न्यूयार्क टाइम्स, मिरर, वाशिंगटन पोस्ट, एकानामिक टाइम्स आदि आदि वही कह रहे थे जो पाकिस्तान का “द डान” कह रहा था। द टाइम मैगज़ीन ने तो लिखा था कि “पवित्र काम भारत में शांति नष्ट किए दे रहा है।“ टाइम ने उस समय “राम का क्रोध” नाम से भी एक स्टोरी भी प्रकाशित की थी। यूनिवर्सिटी आफ केलिफोर्निया से Ayodhya and the Politics of India's Secularism: A Double-Standards Discourse जैसा शोध पत्र भी प्रकाशित हुआ था। इस समूचे विमर्श में एक ही बात पर बल दिया जा रहा था कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ढाँचा गिराए जाने को ग़ैरक़ानूनी घोषित कर दिया है। बाबरी विध्वंस के बाद देश भर में ऐसे लेखन को प्रायोजित किया गया जो हिंदू समाज में घनघोर आत्मग्लानि, दुख, कुंठा व खेद का वातावरण तैयार करे। वामपंथी, तथाकथित सेकुलर व कांग्रेस ने भारत में इस वितंडावादी वातावरण को निर्मित करने हेतु एड़ी चोटी के प्रयास किए। वस्तुतः बाबरी विध्वंस राम काज था, गौरावान्वित कर देने वाला अवसर था, पाँच सौ वर्षों की कुंठा, अवसाद व कलंक को मिटा देने वाला अवसर था। बाबरी विध्वंस पर 6 दिसंबर 1992 से लेकर 9 अक्तूबर 2019 तक न्यायालय द्वारा जितनी भी प्रतिकूल, अनुकूल प्रतिकूल टिप्पणियां की गई थीं उन सभी को इस राष्ट्र के हम हिंदू बंधुओं ने न तो स्मरण करना चाहिए और न ही उन्हें विस्मृत करना चाहिए। मुझे लगता है बाबरी विध्वंस पर हुई तमाम न्यायलीन टिप्पणियों का यथासमय समाशोधन/ न्याय हमारे समाज द्वारा स्वमेव ही कर दिया जाएगा। एक सर्वव्यापी मंथन कभी न कभी होगा जो इस विमर्श के सत्व को स्थापित करेगा। जिस राष्ट्र ने श्रीराम को अपना पूर्वज, अपना कुटुंबपति, अपना पुरोधा, अपना प्रभु, अपना नीतिनियंता और अपना आदर्श माना हो उस समाज में रामकाज करना प्रत्येक नागरिक का प्रथम कर्तव्य है। निस्संदेह मंदिर निर्माण रामकाज ही है और बाबरी का विध्वंस भी रामकाज ही था।


यदि समाज, देश व विश्व यह सोचता है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण ही अंतिम रामकाज है तो वह गलत सोचता है। आप चिंता न करें मैं यहां मथुरा, काशी आदि आदि की बात नहीं कर रहा हूँ। मथुरा काशी अपने आप में एक सामाजिक कार्य हैं जो समय आने पर विधिवत अभियान का स्वरूप लेगा; मैं तो यहां यह चर्चा कर रहा हूँ कि ये जो पाँच सौ वर्षों तक हमारे माथे पर कलंक का टीका लगा रहा है वह मंदिर बनने मात्र से समाप्त नहीं होगा। इस कलंक को समाप्त करने हेतु हमें हमारे समाज में चले पाँच सौ वर्षों के षड्यंत्रकारी व लज्जाधारी विमर्श के विरुद्ध भी एक व्यापक विमर्श खड़ा करना होगा। मंदिर स्थूल है किंतु मंदिर का व्यापक विमर्श एक दिव्य विचार है। हमें इस दिव्य विचार की स्थापना हेतु कार्य करना होगा ताकि हम हमारी आने वाली पीढ़ियों को आत्मग्लानि, कुंठा व खेद के भाव से निकाल कर वीरोचित भाव से आत्मविभोर कर पाएँ। आप कल्पना कीजिये कि जिस देश में नरेंद्र मोदी के पूर्व किसी प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक मंच से जय श्रीराम का उद्घोष ही नहीं किया, उस देश में राममंदिर के निर्माण हेतु एक प्रधानमंत्री का जाना सतह के नीचे कितनी लहरों को जन्म दे रहा होगा।


 


टीका नहीं लगाया, प्रसाद नहीं लिया, पीएम मोदी ने ऐसे सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ख्याल

अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंच गए हैं. इस दौरान पीएम मोदी सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रख रहे हैं. उन्होंने मास्क पहन रखा है. एयरपोर्ट पर सीएम योगी से दो गज की दूरी से नमस्कार किया. इसके बाद उन्होंने हनुमानगढ़ी के दर्शन किए. यहां उन्होंने करीब 10 मिनट तक हनुमान जी की आरती की और वहां उन्होंने बजरंग बली के सामने शीश नवाया. आरती की थाली को खास पहले ही सैनेटाइज किया गया था. कोरोना संकट के कारण उन्हें टीका भी नहीं लगाया गया, न ही उन्होंने प्रसाद दिया गया. हालांकि प्रधानमंत्री ने अपनी जेब से कुछ रुपये निकालकर हनुमानगढ़ी मंदिर में कुछ दान भी चढ़ाया.
इसके बाद राम जन्मभूमि स्थल पहुंचे और रामलला के दर्शन किए. मोदी ने इस दौरान भी लगातार मास्क पहने रखा. उनके साथ मौजूद योगी आदित्यनाथ ने भी मास्क पहने रखा. पीएम मोदी ने रामलला के दर्शन किए और वहां अपना शीश नवाया. इसके बाद अब पीएम मोदी राम जन्मभूमि का भूमि पूजन कर रहे हैं और सभी पूजा-अर्चना के नियमों का पालन करते हुए इस कार्यक्रम को पूरा कर रहे हैं. सबसे पहले उनके हाथ धुलवाए गए और मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी मुख्य स्थान पर बैठे हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे 29 साल बाद अयोध्या पहुंचे हैं और इससे पहले वो 1992 में अयोध्या आए थे. उस समय वो राम मंदिर आंदोलन का हिस्सा थे और इस समय वो बतौर प्रधानमंत्री अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे हैं.


सदी के श्रेष्ठ कार्यो में अंकित राम मंदिर निर्माण  

भारत की एकता संप्रभूता और आस्था को एक नई गाथा अयोध्या नगरी में  लिखी जाएगी जब भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण कार्य की नींव रखी जाएगी।सदी के महानतम कार्यो में से एक यह दो सदी के संघर्षो का इतिहास समेटने हुए खड़ा होने को उत्सुक है।वही पूरा भारतवर्ष राममय नजर आ रहा है।अदभूत और मनोरम है यह दृश्य जिसको हमारी न्यायपालिका ने यह गौरव हासिल करने का सौभाग्य तमाम सबूतो और साक्ष्यों के आधार पर देकर करोडो भक्तों का मान बढ़ाया है।आज पूरा भारतवर्ष खुश है ।हर कोई इस सदी के इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनना चाहता है।भारत ही नहीं कई देशों में भी इसका सीधा प्रसारण होगा।
जिनके हृदय श्रीराम वसै तिन और का नाम लियो न लियो।।यह पंक्ति हमारे अराध्य की महत्ता को दर्शाता है। दो अक्षर का यह नाम पूरे ब्रह्माण्ड पर भारी है।इनके नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति का मोक्ष है।यहाँ तक परमपिता परमेश्वर शिव भी इनके नाम का जप करते हैं।जीवन की सत्यता का सार है राम नाम, मोक्ष का द्वार है राम नाम, सभी कष्टो के निवारण इन्हीं नामो में निहित है। ऐसे मर्यादा पुरूषोत्तम के मंदिर निर्माण  के अवसर पर हम भारतवासी उनके भक्ति में नहाकर हमारे गौरवशाली इतिहास को चार चाँद लगा रहा है। आज की आस्था तथा इतिहास की यह गौरव गाथा का परिचायक युगो युगो तक याद रखा जाएगा। वेद पुराण और धार्मिक ग्रंथो और हिन्दू कलेंडर के अनुसार प्रभू श्री राम को भगवान् विष्णु जी की 10वीं अवतारों में से 7वां अवतार माना गया है। भगवान् श्री राम की अराधना घरो में भी करते हैं और अपने परिवार और जीवन की सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। पूरे देश में लोग मर्यादा पुरूषोत्तम की लीलाओ का बखान करते हैं उनके प्रति अपार श्रद्धा और विश्वास के साथ लोग उन्हें मर्यादा पुरूषोत्तम मनाते है।  सभी लोग प्रभू श्री राम का दर्शन मंदिरो में करने को कई वर्षो से उत्सुक  है।भक्त हमेशा रामचरितमानस का अखंड पाठ करते हैं और साथ ही मंदिरों और घरों में धार्मिक भजन, कीर्तन और भक्ति गीतों के साथ पूजा आरती भी करते है। आज  विश्व पटल पर उनकी महिमा वखानऔर भक्ति में  लीन अयोध्या,नगरी अदभूत लग रही है।
प्रभू राम को घर मिले प्रतीक्षा में हैं भक्त
पीड़ाहार,की पीड़ा दूर करते रामभक्त। 
हो रहा निर्माण कार्य शूरू पाँच अगस्त 
भव्य मंदिर होगा वहाँ जहाँ होंगे प्रभू।।
सजेगी नित दरबार गूँजेगी मंत्रोचार
घूम गूगल से महकेगी अयोध्या नगर।
आस पास दूर दरार से लोग आएँगे
चार चाँद लगेगा जब पर्यटन बढ जाएँगे।
वो घड़ी आयी है जिसका सबको इन्तजार
आइये इस ऐतिहासिक पल को दे प्यार।
आशुतोष, पटना बिहार 


कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक भी हुए कोरोना संक्रमित, बोले- संपर्क में आए लोग अपनी जांच कराएं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक भी कोविड-19 के मरीज हो गए हैं। प्रदेश के कानून मंत्री पाठक ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि कोरोना के लक्षण होने के बाद मैंने डॉक्टरों की सलाह पर अपना टेस्ट कराया था जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पाठक ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान जो लोग भी मेरे संपर्क में आए हैं उनसे अनुरोध है कि वे सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए खुद पृथक-वास में चले जायें और अपनी जांच कराएं। 


गौरतलब है कि इससे पहले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मोती सिंह और महेंद्र सिंह भी कोरोना की जद में आ चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी इस वायरस के मरीज हुए हैं। हाल में कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण का कोविड-19 संक्रमित होने के बाद निधन हो गया था।


 


रामलला के अस्थायी मंदिर में पीएम मोदी ने की पूजा-अर्चना

रामलला के अस्थायी मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजा-अर्चना की। यहां पीएम मोदी ने परिसर की परिक्रमा की औरसाष्टांग दंडवत प्रणाम किया। जिसके बाद पीएम मोदी ने पारिजात के पौधे का रोपन किया। पारिजात के पौधे का भी अपना एक विशेष महत्व है। पारिजात के फूल को भगवान हरि के श्रृंगार और पूजन में प्रयोग किया जाता है, इसलिए इस मनमोहक और सुगंधित पुष्प को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है।



हनुमान पूजन के साथ शुरू हुआ अनुष्ठान, मोदी ने राम के काज के लिए ली अनुमति

हनुमानगढ़ी में नरेंद्र मोदी पहुंचे और सबसे पहले शीश नवाजा। उन्होंने आरती उतारी और पूजा अर्चना की और मंदिर की परिक्रमा की। यही से शुरुआत होती है भगवान की भक्ति की प्रभु राम की पूजा की। वहां पर पीएम मोदी को एक पगड़ी पहनाई गई जिसपर एक मुकुट भी बंधा हुआ है। कार्यक्रम अच्छी तरह से संपन्न हो इसके लिए अनुमति ली जाती है, भगवान के सेवक हनुमान से। कहा जाता है कि लंका विजय करने के बाद हनुमान यहां एक गुफा में रहते थे और राम जन्मभूमि और रामकोट की रक्षा करते थे। इसी कारण इसका नाम हनुमानगढ़ या हनुमान कोट पड़ा। इसे ही हनुमानजी का घर भी कहा गया।