Sunday, January 31, 2021

नील गाय से परेशान किसान तरह तरह के नुक्से अपना कर रहे है खेतो की रखबाली

वैशाली(हाजीपुर)ब्युरो चीफ,दैनिक अयोध्या टाइम्स

वैशाली जिले के अन्तर्गत विभिन्न प्रखंडों जैसे हाजीपुर सदर, लालगंज, वैशाली, पटेढ़ी बेलसर गोरौल विदुपुर सहदेई देसरी महनार राघोपुर जंदाहा राजापाकर महुआ पातेपुर समेत चेहराकलां प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के नीलगाय व घोड़प्रास की दिन प्रति दिन संख्या बढ़ रही है| इन जानवरों ने किसानों के साग सब्जी, गेहूं, दलहन, तम्बाकू, की फसल को काफी बर्वाद करती रहती हैं | नीलगाय व घोड़प्रास द्वारा फसलों की क्षति की भरपाई नहीं होने को लेकर किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है| नीलगाय व घोड़प्रास को मारने का आदेश सरकार से प्राप्त नहीं है | इससे निजात पाने के लिए तरह तरह की तरकीब कर के थाक चुके हैं|इसके बावजूद भी फसल की क्षति पहुंचाने से बाज नही आ रहा है| सबसे बड़ी चिंता का मुख्य विषय है कि नीलगाय एक साल में दो बार बच्चा देती है | वही दूसरी ओर बुध्दिजीवी कृषक आत्मा प्रखंड अध्यक्ष शिवचन्द्र भगत, चतुर्भुज पासवान, यदुनंदन राय, उमेश सिंह पटेल, दीपक कुमार पटेल, जदयू नेता सफदर रेयाज, अनिल सिंह पटेल, रमेश कुमार राय, नथुनी ठाकुर, लालदेव कुशवाहा, विमल कुमार वर्मा, विनोद कुमार ठाकुर, रामनिवास सिंह पटेल, महेश पासवान, नागेश्वर सहनी जीतु राम, विश्वनाथ भारती आदि ने कहा कि कोरौना वायरस से बचाव में नीलगाय व घोड़प्रास के श्वशन प्रक्रिया की अहम भूमिका निभा रही है| लोगों के कथनानुसार बिहार के जिन जिलों में नीलगाय व घोड़प्रास की संख्या अधिक होने के कारण उतना मानव जीवन की रक्षा हुई है| इसके प्रभाव से कोरौना वायरस का असर नहीं बराबर देखने को मिलता है| उन जिलों में कोरौना वायरस का असर पड़ा भी नहीं के बराबर| कोरौना वायरस के प्रभाव हुआ भी तो ठीक होने की संख्या काफी थी| पर बदलती हुई परिस्थितियों में नीलगाय व घोड़प्रास पर सरकार द्वारा नियंत्रण के लिए पहल नहीं किया गया| वैसी स्थिति में किसानों के फसल को बचा पा मुश्किल होगा| यही कारण है कि खासकर बिहार में कोरौना वायरस से मरने वाले व्यक्ति की संख्या काफी कम देखने को मिला है|


गांव के बीते दिन

वो चिलचिलाती धूप और किटकिटाती ठंड,

ओह! सावन की वर्षात में राहें बनती  पंक।


गाँव के बीते ऐसे ही दिन करते रहते तंग ,

चकाचौंध शहर में भी बजते नहीं मृदंग।


खेतों में लतरे हरे मटर की मीठी- मीठी गंध,

मदमाती गेहूँ ,मक्के के भरे भरे हैं अंक।


पीली नीली,सरसों, तीसी से भरे भरे वसंत,

मन को यों लुभाते रहते जैसे कोई पतंग।


मुक्तेश्वर सिंह मुकेश

तम्बू के दिन

ये जिन्दगी हमारी, है मौत से भी भारी,

संकटों को झेला हिम्मत नहीं है हारी। 

चलता रहा सदा , मंजिल मिले हमारी, 

पर धूंध ना छंटा , चहुँ ओर मारा मारी। 

सुबहा से शाम तक यूं खोज मेरी जारी,

ठहरा हुआ समय है,जीने की बेकरारी।

कांटो भरे चमन में,फूलों की वफादारी,

बंदिशों का पहरा, कदम दर पहरेदारी।

धूप ,वर्षात,ठंडक तंम्बू में दिन गुजारी,

चाहा नहीं कभी महलों की तीमारदारी।



मुक्तेश्वर सिंह मुकेश

जननायक के रास्ते पर चलने का लिया संकल्प

ब्यूरो रिपोर्ट- अनिल कुमार

 
अमांपुर/कासगंज। अमांपुर के समसपुर डेंगरी में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की 97 वीं जंयती जननायक कर्पूरी सेना ने धूमधाम से मनाई। उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके बलिदान को याद किया। लोगों ने संकल्प लिया कि वह उनके बताए रास्ते को अपनाएंगे। मुख्य अतिथि श्याम नारायण सिंह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने समाज हित के लिए जीवन भर संघर्ष किया। छात्र जीवन से ही अंग्रेजों के खिलाफ आन्दोलनों में भाग लेने लगे थे कर्पूरी ठाकुर। इनको जननायक के नाम से भी जाना जाता है। विशिष्ट अतिथि दीपक राणा ने कहा कि समाज उनके कार्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष करता रहेगा। कार्यक्रम अतिथि सरिता बौद्ध, विनीत श्रीवास्तव, डॉ अरविंद राजवंशी एवं कार्यक्रम आयोजक कृपाल श्रीवास्तव ने   भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सुनील कुमार ने किया। इस दौरान। मण्डल प्रमुख अरविंद राजवंशी, सह प्रभारी मुकेश सविता, जिला प्रभारी सत्यवीर सिंह,  जिलाध्यक्ष कृपाल श्रीवास्तव, आकाश श्रीवास्तव, जिला महासचिव देवेंद्र शाक्य, जिला महासचिव यशवीर सविता, जिला महासचिव प्रेमपाल दिवाकर, मीडिया प्रभारी कुलदीप माथुर, अध्यक्ष बबलू श्रीवास्तव, हाकिम सिंह, प्रधान प्रतिनिधि अशोक कुमार, भरत भूषण, पवन कुमार, विशाल, बॉवी नागर, अजय पाल, हरिओम, शेर सिंह, सत्यपाल, भोले, संतोष, आदि लोग मौजूद रहे