१) गणेश जी को तुलसी
Wednesday, June 15, 2022
पूजा अर्चना में वर्जित काम
Sunday, June 12, 2022
चलो साथ दे दो जीत हम जाएंगे
वक्त की आंधियां आओ सह लें चलो
लड़खड़ाते कदम फिर संभल जाएंगे
आओ हम ही चलो आज झुक जाएंगे
टूटते रिश्ते फिर से संभल जाएंगे..।।
रिश्तों के खेत में हो उपज प्रेम की
खुशियों के उर्वरक से ही हरियाली हो
काट लें आओ मिलकर फसल प्रेम की
मन के खलिहान फिर से संवर जाएंगे..।।
जो कभी थे हमारे वो अब क्यों नहीं
प्रीति सच्ची थी पहले तो अब क्यों नहीं
आओ छोड़ो शिकायत ख़तम करते हैं
आज फिर पहले जैसे निखर जाएंगे..।।
अपनों से खेद ज्यादा उचित भी नहीं
रख लो मत भेद मन भेद फिर भी नहीं
अपनों से जीत जाना भी इक हार है
हार मानो चलो एक हो जाएंगे..।।
सच्ची निष्ठा प्रतिष्ठा सदा प्रेम से
जीवन में बस प्रगति अपनों के साथ से
एक जुटता से ही मिलता संबल सदा
साथ दे दो चलो जीत हम जाएंगे..।।
साथ दे दो चलो जीत हम जाएंगे..।।
् विजय कनौजिया
Tuesday, June 7, 2022
बंटवारा दो भाइयों के बीच का
दो भाइयों के बीच "बंटवारे" के बाद की बनी हुई तस्वीर है।
Monday, June 6, 2022
पतीला का दाल भात
पहले तसला, भगौना, पतीला (खुला बर्तन) में दाल-भात बनता था, अदहन जब अनाज के साथ उबलता था तो बार-बार एक मोटे झाग की परत जमा करती थी, जिसे अम्मा रह-रह के निकाल के फेक दिया करती थी। पूछने पर कहती कि "ई से तबियत खराब होत है।
डरता है मुर्दा, कहीं कफ़न बिक न जाए
बिक रहा पानी, पवन बिक न जाए,
बिक गयी धरती, गगन बिक न जाए !
अब तो चाँद पर भी बिकने लगी है ज़मीं
डर है कि सूरज की तपन बिक न जाए !
देकर दहेज खरीदा गया है दुल्हे को
कहीं उसी के हाथों दुल्हन बिक न जाए !
धर्म लाचार है ठेकेदारों के पैरों तले,
डर है कि कहीं ये अमन बिक न जाए !
हर काम की रिश्वत ले रहे हैं नेता.
उनके हाथों कहीं ये वतन बिक न जाए !
सरेआम बिकने लगे हैं अब तो सांसद,
डर है कि संसद भवन बिक न जाए !
आदमी मरा तो भी आखें खुली हुई है,
डरता है मुर्दा, कहीं कफ़न बिक न जाए !!
राजा विक्रमादित्य के नवरत्नों को जानने का प्रयास
महाराजा विक्रमादित्य के नवरत्नों की कोई चर्चा पाठ्यपुस्तकों में नहीं है। जबकि सत्य यह है कि अकबर को महान सिद्ध करने के लिए महाराजा विक्रमादित्य की नकल करके कुछ धूर्तों ने इतिहास में लिख दिया कि अकबर के भी नौ रत्न थे ।
खाटू श्याम बाबा की कहानी
Saturday, June 4, 2022
“मैंने दहेज़ नहीं माँगा”
साहब मैं थाने नहीं आउंगा, अपने इस घर से कहीं नहीं जाउंगा, माना पत्नी से थोड़ा मन-मुटाव था, सोच में अन्तर और विचारों में खिंचाव था, पर यकीन मानिए साहब, “मैंने दहेज़ नहीं माँगा”
व्रज 84 कौस - 66 अरब तीर्थ
वृंदावन, मथुरा, गौकुल, नँदगांव, बरसाना, गोवर्धन सहित वें सभी जगह जहाँ श्री कृष्ण जी का बचपन बीता और आज भी जहाँ उनको महसूस किया जा सकता है जैसे कि सांकोर आदि में वह सब बृज 84 कोस का हिस्सा है।
Friday, May 27, 2022
रिजल्ट हाईस्कूल का
हाईस्कूल_का_रिजल्ट_तो_हमारे_जमाने_में_ही_आता_था... ये जमाना गुजर गया ।अब बच्चो के no 95% से भी ऊपर आने पर भी कुछ नही आता ओर उस जमाने के 36 % वाला भी आज की फौज को पढ़ा रहा है
Tuesday, May 24, 2022
समय पर इलाज न कराया जाए तो इस बीमारी से जा सकती है आपकी आंख की रोशनी
डायबिटिक रेटिनोपैथी : समय पर इलाज न कराया जाए तो इस बीमारी से जा सकती है आपकी आंख की रोशनी
Friday, May 20, 2022
दादा-दादी, नाना-नानी, माता-पिता खाने से पहले आम को पानी भिगोने को क्यों कहती थीं, जानें इसके पीछे का विज्ञान
*हमारे दादा-दादी, नाना-नानी, माता-पिता खाने से पहले आम को पानी भिगोने को क्यों कहती थीं, जानें इसके पीछे का विज्ञान..*