Monday, October 21, 2019

पूर्ण विराम का महत्व

एक पत्नी ने अपने पति को पत्र लिखा लेकिन वाक्यों में उसने कहीं पूर्ण विराम नहीं लगाया। पत्र लिखने पर जब उसे इस गलती का अहसास हुआ तो उसने अनुमान से जल्दी-जल्दी पूर्ण विराम लगा दिये। जिससे सारे पत्र का अर्थ ही बदल गया। प्रस्तुत है वह पत्र-
प्रिय पति देव,
 प्रणाम! आपके चरणों में क्या चक्कर है। आपने कितने दिनों से चिट्ठी नहीं लिखी, मेरी प्यारी सहेली को नौकरी से निकाल दिया है 
हमारी गाय ने। बछड़ा दिया है दादा जी ने। शराब शुरू कर दिया है मैंने। बहुत पत्र डाले तुम आये नहीं मुर्गी के बच्चे। भेड़िया खा गया है राशन की चीनी। 
छुट्टी से आते वक्त ले आना एक खूबसूरत औरत। मेरी नई सहेली बन गयी है तुम्हारी माँ। तुम्हें याद करती है एक पड़ोसन। मुझे तंग करती है हमारी जमीन। पर गेहूं आ गया है ताऊ जी के सिर में। सिकरी हो गई मेरे पैर में चोट लग गई है तुम्हारी चिट्ठी को। हर वक्त तरसती रही।


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