Wednesday, January 29, 2020

 दिव्यांग जन सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ प्रशिक्षण







बलरामपुर 29 जनवरी। दिव्यांगता वह स्थिति है, जिसके कारण व्यक्ति को दैनिक कार्य करने में कठिनाई का अनुभव होता है। ऐसे व्यक्ति बिना सहायता के कोई भी कार्य नहीं कर पाते। दिव्यांगता एक बीमारी नहीं बल्कि बीमारी व किसी अन्य कारण की वजह से उत्पन्न स्थिति है। दिव्यांगता कई प्रकार की होती है। ऐसे व्यक्तियों को देखकर, जांचकर व पूछकर उनकी दिव्यांगता का पता आसानी से लगाया जा सकता है। 

बुधवार को सदर ब्लाक के स्वर्ण जयंती सभागर में दिव्यांग जन पुनर्वास अधिकारी मुकलेश कुमार ने यह बातें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के प्रशिक्षण को सम्बोधित करते हुए कही। दिव्यांग जन सशक्तिकरण और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ग्रामीण स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के दौरान उन्होने कहा कि सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत जागरूकता के लिए 21 प्रकार की दिव्यांगताओं को शामिल किया गया है। जिनके लक्षण जैसे चलन दिव्यांगता, बौनापन, मांसपेशी दुर्विकास, तेजाब हमला पीड़ित, दृष्टि बाधित, अल्पदृष्टि, श्रवण बाधित, कम, ऊंचा सुनना, बोलने एवं भाषा की दिव्यांगता, कुष्ठ रोग से मुक्त, प्रमस्तिष्क घात, बहु दिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता, सीखने की दिव्यांगता, स्वलीनता, मानसिक रूगणता, बहु-स्केलेरोसिस, पार्किसंस, हेमोफीलिया, थेलेसीमिया, सिक्कल कोशिका रोग शामिल है। देहात परियोजना के सीडीपीओ राकेश शर्मा ने कहा क्षेत्र की आंगबाड़ी कार्यकत्रियां दिव्यांग सर्वेक्षण प्रश्न सूची की मदद से कम उम्र में ही उनकी पहचान करें। दिव्यांगों को उपचार, पुनर्वास सुविधाएं और प्रशिक्षण आदि में सहयोग करें। समाज में लोगों को दिव्यांगता से बचाव व रोकथाम की जानकारी दें और लोगों को बताएं कि घर में दिव्यांग की उचित देखभाल करें। उन्हे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की मदद से आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में आयोजित कार्यक्रमों में दिव्यांग बच्चों को शामिल किया जाए। प्रशिक्षण के दौरान बीसीपीएम जय प्रकाश पाण्डेय, मुख्य सेविका सुमनलता, भानुमति और सावित्री ने भी आॅगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बताया कोई भी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड व विकलांगता दर्शाता हुआ फोटो लेकर सीएमओ कार्यालय में सम्पर्क कर सकता है। प्रशिक्षण के दौरान मीना कुमारी, उर्मिला श्रीवास्तव, सुमन सिंह, सुनीता व सरोज सहित नगर व देहात परियोजना की करीब 150 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां मौजूद रहीं।

-दिव्यांगों के लिए चल रहीं लाभकारी योजनाएं राज्य दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग की ओर से निराश्रित दिव्यांगों का भरण पोषण अनुदान, दिव्यांगों के विवाह हेतु प्रोत्साहन पुरस्कार, कृतिम अंग सहायता उपकरण, दुकान निर्माण संचालन योजना, निर्धन व असहाय दिव्यांग जन को चिकित्सकीय अनुदान, सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा, दिव्यांगजन शिक्षा योजना और सरकारी नौकरी में आरक्षण सुविधा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है जबकि भारत सरकार की ओर से एपिड योजना, रेल यात्रा सुविधा, हवाई यात्रा सेवा सुविधा तथा दिव्यांगों के रोजगार व व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय दिव्यांगता वित्त एवं विकास निगम की ओर से तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं।


 

 




 

 

 


 



 



 




 



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