Friday, January 10, 2020

सतर्कता की लम्बित शिकायतों में अत्यएधिक कमी हुई

मोदी सरकार के तहत पिछले वर्षों में सतर्कता की लम्बित शिकायतों में अत्याधिक कमी हुई है। केन्द्री य पूर्वोत्तोर क्षेत्र विकास राज्य  मंत्री (स्वेतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्रालय में राज्यय मंत्री डॉ. जितेन्द्रु सिंह को केन्द्री य सतर्कता आयोग में सतर्कता संबंधी मामलों के लंबित होने तथा निपटारे सहित अन्य् स्थितियों से अवगत कराया गया। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग इसके लिए प्रशासनिक मंत्रालय है। 


सतर्कता आयुक्तम श्री शरद कुमार ने कल नई दिल्लीा में डॉ. जितेन्द्रल सिंह से मुलाकात की और आयोग में सतर्कता मामलों के लंबित होन तथा निपटारे की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। श्री कुमार फिलहाल केन्द्रीौय सतर्कता आयुक्तन (सीवीसी) के रूप में भी दायित्वस संभाल रहे हैं। 



डॉ. जितेन्द्रर सिंह को बताया गया कि सतर्कता के लंबित मामले में अत्यदधिक कमी हुई है और यह लगातार पिछले तीन वर्षों में औसत 3000 से घटकर 2019 में 876 हो गया है, जिसमें से 683 मामले दिसंबर 2019 से संबंधित हैं। पिछले 5 से 10 वर्षों से अधिक अवधि के बहुत से पुराने लंबित मामलों की समीक्षा की गई थी और अधिकांश मामलों का निपटारा कर दिया गया था। इसके परिणामस्वकरूप पिछले 3 वर्षों में लंबित मामलों की संख्याा 1500 थी, जिसमें अत्येधिक कमी हुई और दिसंबर 2019 के अंत में इनकी संख्यां लगभग 950 रह गई।    


श्री शरद कुमार ने बताया कि बैंक संबंधी धोखाधड़ी पर सलाहकार बोर्ड के क्रिया कलापों के बारे में भी अद्यतन जानकारी दी, जिसे अगस्त  2019 में गठित किया गया था। बैंक के अधिकारियों के भय का समाधान करना तथा जांच एजेंसियों द्वारा जांच से निष्पबक्ष निर्णय प्राप्तय करना इस बोर्ड का महत्व पूर्ण उद्देश्यस है।    



सतर्कता आयोग की कार्यप्रणाली की नवीनतम उपलपब्धियों में आयोग के तहत विभिन्न  मंत्रालयों/विभागों/संगठनों के मुख्य  सतर्कता अधिकारियों के लिए एक व्या9पक ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्रणाली की शुरुआत करना शामिल है।



डॉ. जितेन्द्र  सिंह को ई-ऑफिस की कार्यप्रणाली के बारे में भी अवगत कराया गया, जिसे 01 नवम्ब र, 2019 से शुरू किया गया था।  



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