Saturday, March 14, 2020

उपराष्ट्रपति ने आईसीएमआर से कहा कि वे मुर्गीपालन उद्योग पर कोरोनावायरस के प्रभाव के बारे में आशंकाओं का समाधान करें

अखिल भारतीय कुक्कुट उत्पादक संघ (ऑल इंडिया मुर्गी पालन ब्रीडर्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष बहादुर अली के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की और उन्हें नोवल कोरोनो वायरस के प्रभाव के बारे में व्यापक आशंकाओं के मद्देनजर मुर्गीपालन क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया।



उन्होंने राज्यसभा के सभापति को बताया कि मुर्गी पालन उद्योग के लिए खतरे के बारे में झूठी खबरें लोगों में घबराहट पैदा कर रही हैं और परिणामस्वरूप मुर्गी पालन उत्पादों की खपत में भारी कमी आई है।


अमेरिकी जीवविज्ञानी डॉ. ब्रूस लिप्टन का हवाला देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि "कोरोना वायरस का डर वायरस से ही अधिक घातक है।"


उन्होंने कहा कि सभी प्रकार अफवाहों को रोकना  चाहिए और उद्योग को सामान्य बनाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।


उपराष्ट्रपति ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)  के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव से भी बात की और आईसीएमआर को सलाह दी कि वे मुर्गे का मांस और अंडे के उपभोग पर लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए एक परामर्श जारी करें।


उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं और विक्रेताओं दोनों को आश्वस्त करने के लिए सही जानकारी का प्रसार आवश्यक है।


यह बताते हुए कि विशेष रूप से ग्रामीण भारत में लाखों किसान मुर्गी पालन क्षेत्र पर निर्भर हैं, उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को पोषण सुरक्षा प्रदान करने के अलावा किसानों के लिए द्वितीयक आय बनाने में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है।


श्री नायडू ने इस बैठक में उपस्थित वित्त और कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर से इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा।


उपराष्ट्रपति ने सभी हितधारकों से लोगों को सही जानकारी प्रदान करने के लिए सामूहिक प्रयास करने को कहा।


श्री ठाकुर ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार मामले की जांच करेगी और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेगी।


तेलंगाना पॉल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सांसद श्री रंजीत रेड्डी और ऑल इंडिया पॉल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन (एआईपीबीए) के उपाध्यक्ष श्री सुरेश चित्तूरी भी उपस्थित थे।




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