Sunday, May 17, 2020

आपदा में पुलिसकर्मियों की तवाई, कभी भी लग जाते है झुठे आरोप




लोनी,गाजियाबाद। देश मे लॉकडाउन जब से लागू हुआ है, उसी दिन से हमारे देश के कोरोना योद्धा देश की जनता की जान बचाने के उपायों में लगे हुए है। कोरोना वायरस तेजी के साथ फैल रहा है, तो वहीं संक्रमित मरीजों को डॉक्टरों की टीम ठीक करने के प्रयत्न कर रही है। वहीं लॉकडाउन को कायम रखने के लिए मुख्य अहम भूमिका हमारी पुलिस की है। पुलिस अगर अपना कर्तव्य का पालन न करती तो आज देश मे किस कदर महामारी फ़ैलती उसका अंदाजा भी नही लगाया जा सकता है। इस आपदा की घड़ी में पुलिस सुरक्षा के लिहाज से जनता से लॉकडाउन का पालन सख्ती के साथ करा रही है, तो वहीं आपसी कलह के चलते घरों में आपसी झगड़ों के कारण स्थानीय पुलिस पिसती नजर आ रही है। जबकि उनकी गलती भी नही होती है, और उन्हें वो सब झेलना पड़ता है, जो गलती उन्होंने की ही नही। 

ऐसा ही एक मामला सामने आया है थाना ट्रॉनिका सिटी अंतर्गत पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों का, मामला है कि थाना ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में बीते शुक्रवार को निशांत कालोनी में गृहकलेश के चलते तीन बच्चों की माँ ने मिट्टी का तेल उड़ेलकर आग लगा ली थी। जिसकी सूचना एम्बुलेंस एवं पुलिस कंट्रोल रूम कप दी गई थी। जिस पर तत्काल हरकत में आई और घटना स्थल की ओर दौड़ पड़ी, बताया गया है कि पीवीआर जब रास्ते मे जा ही रही थी तो उधर से कुछ लोग आनन फानन में झुलसी महिला को एक चादर में लेकर भागते हुए जा रहे थे, तभी पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें पीड़िता को गाड़ी में बैठाने को कहा, लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी, और पीड़िता को अस्पताल स्वम् ले गए। बाद में मामले में पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाए गए कि न ही तो एम्बुलेंस पहुंची, और न ही पुलिस वैन, जबकि सोशल मीडिया पर इस घटना से संबंधित एक वीडियों क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें पीआरवी पुलिसकर्मी मामले में बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे, अब सोचनीय विषय है कि पीड़िता को ले जाने वाले व्यक्तियों ने पीड़िता को वीडियों में दिख रही पुलिस वैन में क्यों नही बैठाया, आखिर उनकी मंशा क्या थी। बरहाल मामला कुछ भी रहा है, अब सुनने में आ रहा है कि इस मामले में उच्चाधिकारियों द्वारा  मामले की जांच की जा रही है। लेकिन एक बात जरूर साफ है कि इस मामले में जिन पुलिसकर्मियों पर कमेंट्स किए गए, वे बेहद गलत है। पुलिस हमेशा गलत नही होती है। उनका सम्मान करना चाहिए, इन्ही योद्धाओं के कारण हम अपने घरों में सुरक्षित है। लॉकडाउन का सख्ती के साथ पालन करा रहे है। इसलिए संबंधित अधिकारियों से अपील है कि ऐसे मामलों में गहनता से जांच की जाए, कहीं ऐसा न हो कि जल्दी में किसी नेक पुलिसकर्मी को बेवजह कार्रवाई का सामना करना पड़े।


 

 



 

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