Saturday, May 16, 2020

""अमेरिका -चीन में जारी  शीत युद्ध एवं पाकिस्तान का इसमे पिसना तय है ""

आज जहां पूरी दुनिया कोविड -19 से  उपजी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से एकजुट होकर लड़ रही है देखे ध्यान से तो  आज पूरी दुनिया में 46 लाख  से अधिक करोना के केस हैं जिसमें 3 लाख 60 हजार लोगों की मौत हुई है वही राहत की बात है कि 1,73,6,00 से अधिक स्वास्थ्य भी हुए हैं जोकि शुभ संकेत है लेकिन दूसरी तरफ इसकी उत्पत्ति को लेकर दो खेमो में बंट भी गई है अमेरिका का दावा है की यह एक चीनी वायरस है जबकि चीन का विदेश मंत्रालय इस वायरस को चीन में लाने के लिए अमेरिकी सेना पर दोष मढ़ रहा है आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर कहीं ना कहीं कूटनीतिक राजनयिक राजनीतिक खेमो के अलावा दोनों देशों के  वैज्ञानिक द्वारा भी चलाया जा रहा है इसका मुख्य वजह आतंकवाद के अलावा चीन के साथ व्यापारिक युद्ध एवं इसी वर्ष होने वाला अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव इसलिए अमेरिकी लोगों के बीच एक भावनात्मक मुद्दा बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है चीन को एक विलेन के रूप में दिखाकर डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में अपनी वापसी का रास्ता तैयार कर रहे हैं और वैश्विक बाजार में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को रोकने की कोशिश भी हो सकती है जब सीधा मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में वायरस के जरिए अर्थव्यवस्था को पैरालाइज करने का प्रयास हो रहा है "दोस्तों आज पूरी दुनिया इस प्रश्न के उत्तर की प्रतीक्षा कर रही है कि आखिर बुहान शहर में पैदा हुए वायरस ने कैसे पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है"इससे दोस्तों जो जान माल की नुकसान हुआ और जारी है नुकसान उसकी थाह लेना मुश्किल ही है इसलिए इस वायरस को लेकर स्वतंत्र जांच होना चाहिए लेकिन चीन जांच से कन्नी काटता दिख रहा है उल्टे वह इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाल रहे और देशों को हड़का  भी रहा है दोस्तों आज कोविड 19 ने कहीं ना कहीं दुनिया को इस कड़वे सच से रूबरू कराने का काम किया है कि प्रमुख वस्तुओं के मामले में चीन के वर्चस्व को तोड़ने की जरूरत है इसके लिए चीन छोड़ने वाली कंपनियों को राहत रियायत देने से भी गुरेज नहीं किया जाना चाहिए l यदि ऐसा न किया गया तो जोखिम बढ़ता जाएगा चीनी साम्राज्यवाद की काट के लिए यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी स्पेन और इटली में नए नियम बनाए जा रहे हैं इस मामले में चीनी निवेश की राह कठिन बनकर भारत ने अपने किस्म की अनूठी पहल की है वही दोस्तों जापान ने भी चीन से पलायन करने वाली अपनी कंपनियों के लिए 2.2 अरब डॉलर का कोष बनाया है दुनिया को जिन प्रश्नों के उत्तर चाहिए वे स्वतंत्र जांच से ही मिल सकते हैं अगर चीन इससे इनकार करता है तो तमाम तरीकों से उसका वैश्विक बहिष्कार जरूर किया जाना  जरूरी है दोस्तों चीन की घेराबंदी करने की जरूरत है दोस्तों वही अमेरिका और चीन के बीच जारी कोल्ड वार में पाकिस्तान बुरी तरह उलझता दिखाई दे रहा है पाकिस्तान के पास कोरोना के कहर  से बचने के लिए न  तो टेस्ट किट हैं न हीं डॉक्टरों के लिए मास्क  और प्रोटेक्टिव सूट और इमरान खान के कर्ज़ मांगने की अपील को भी कई देशों ने अनसुना कर दिया दोस्तों आर्थिक मंदी और कारोना  वायरस से तबाही के साथ पाकिस्तान का अमेरिका और चीन के बीच जारी कोल्ड वार में पाकिस्तान का पिसना तय माना जा रहा है पाकिस्तान कभी अमेरिका का चहेता रहा लेकिन इन दिनों चीन के गोद में बैठा हुआ है लेकिन दोस्तों इस वक्त जारी अमेरिका और चीन के बीच कोरोना वायरस के कारण शीत युद्ध में एवं ट्रेड वॉर के कारण खैरात पर निर्भर पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले डूब सकता है दोस्तों हम वसुधैव कुटुंबकम को मानने वाले देश हैं हम सभी को हर प्रकार से मदद करने में विश्वास करते हैं दोस्तों अब हमें आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है विकसित देशों की पिछले दो सदी के इतिहास को देखें तो शहर प्रवास और व्यापार विकास के कारागार हथियार रहे हैं विश्व बैंक ने भी इसी नुस्खे को गरीबी उन्मूलन का सशक्त हथियार माना इसलिए तीसरी दुनिया के देशों ने इस नुस्खे को अपनाने में देरी नहीं की इसलिए अब अपने देश में भी इसी नुस्खे को अपनाने की जरूरत है ताकि हम आत्मनिर्भर बने दोस्तों इस वैश्विक महामारी में आप अपने आस-पड़ोस जरूरतमंदों की जितना मदद कर सकते हैं जरूर करने का प्रयास करें आप सब से यह मेरा अनुरोध है ll

कवि विक्रम क्रांतिकारी(विक्रम चौरसिया-अंतरराष्ट्रीय चिंतक)

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