Tuesday, May 19, 2020

कोविड - 19 से निपटने में भारत के प्रयासों को समर्थन देने के लिए टीडीबी ने प्रौद्योगिकियों को मंजूरी दी

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सांविधिक निकाय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी), कोविड महामारी के रोकथाम के लिए वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों, उद्यमियों और उद्योगपतियों के प्रयासों का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा है। इसके लिए बोर्ड प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए वित्तीय सहायता दे रहा है। इसके अलावा, टीडीबी स्वास्थ्य देखभाल की आपात स्थिति से निपटने में देश के प्रयासों का समर्थन करने के लिए नए समाधान की भी खोज कर रहा है।


पिछले कुछ हफ्तों में, टीडीबी ने अपनी मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से, विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित बड़ी संख्या में प्रस्तावों पर विचार किया है। अब तक, टीडीबी ने व्यावसायीकरण के लिए छह परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें थर्मल स्कैनर, चिकित्सा उपकरण, मास्क और डायग्नोस्टिक किट शामिल हैं।


थर्मल स्कैनर्स


तापमान की जांच के लिए हाथ से उपयोग किये जाने वाले थर्मामीटर के कारण सुरक्षा कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता  है। लॉकडाउन के वर्तमान प्रतिबंधों के हटने से यह जोखिम और बढ़ जायेगा।


इसलिए, एक निश्चित दूरी से भीड़ में लोगों के तापमान के जाँच के लिए नए  तकनीकों की जरूरत थी। टीडीबी ने बैंगलोर स्थित दो कंपनियों, कोकोसलैब्स इनोवेशन सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और एडवांस मैकेनिकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को वित्तीय सहायता देने की मंजूरी दी है, जो इन समाधानों को उपलब्ध कराएँगे।


कोकोसलैब्स इनोवेशन सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने एक कम लागत वाले समाधान के व्यवसायीकरण की योजना बनाई है। इसके तहत भीड़ में असामान्य शरीर के तापमान वाले व्यक्तियों की पहचान की जायेगी और अधिकारियों को फोन और लैपटॉप पर सूचना/चेतावनी दी जायेगी । वास्तविक समय पर असामान्य तापमान का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस )सॉफ़्टवेयर समाधान का उपयोग किया जायेगा।


उत्पाद में मास्क के साथ और बिना मास्क वाले व्यक्ति का पता लगाना और उसे ट्रैक करना, उम्र, लिंग, तापमान (बुखार का पता लगाना) और चेहरे की पहचान जैसी विशेषताएं शामिल हैं जो वास्तविक समय में कई लोगों की पहचान कर सकती हैं।


एडवांस मैकेनिकल सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड ने इन्फ्रारेड थर्मोग्राफी-आधारित टेम्परेचर स्कैनर के व्यवसायीकरण की योजना बनाई है। यह एआई और आईआईओटी (औद्योगिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स) का उपयोग करके स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है जो वास्तविक समय पर चेतावनी देगा । कंपनी ने सर्वर तकनीक भी विकसित की है, जो आईआईओटी सिस्टम के लिए मूल्य वर्धित सुविधा है।


चिकित्सा उपकरण


टीडीबी ने लेटोम इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर को वित्तीय सहायता देने की मंजूरी दी। कंपनी ने डिजिटल डिस्प्ले के साथ बैटरी चालित पोर्टेबल एक्स-रे मशीनों के व्यवसायीकरण की योजना बनाई है, जो आईसीयू और आइसोलेशन वार्डों के लिए उपयुक्त रेडियोग्राफी उपकरण है। डिवाइस पोर्टेबल है और इसे रोगी के बिस्तर तक ले जाया जा सकता है। इससे प्रक्रिया में शामिल चिकित्सा कर्मचारियों के संक्रमण को जोखिम को कम किया जा सकता है। बैटरी बैक-अप विकल्प से उपकरण निरंतर संचालन के लिए उपयोगी है। डिजिटल इमेजिंग और बैटरी बैक-अप के साथ पोर्टेबल एक्स-रे का उपयोग कोविड – 19 के प्रबंधन के लिए आइसोलेशन वार्डों और आईसीयू में किया जा सकता है।


मास्क


थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है जो मास्क पर एंटी-वायरल एजेंटों की कोटिंग और 3 डी प्रिंटिंग प्रदान कर रहा है। सोडियम ओलेफिन सल्फोनेट आधारित मिश्रण का उपयोग मास्क पर कोटिंग के लिए किया जाता है। यह हाइड्रोफिलिक और हाइड्रोफोबिक गुणों वाला एक साबुन बनाने वाला एजेंट है। वायरस के संपर्क पर यह बाहरी झिल्ली को बाधित करता है। उपयोग की जाने वाली सामग्री कमरे के तापमान पर स्थिर होती है और इन सामग्री का व्यापक रूप से सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग होता है।


डायग्नोस्टिक किट


मेडजोम लाइफ साइंसेज, नई दिल्ली वर्तमान में मलेरिया, डेंगू, गर्भावस्था, टाइफाइड, आदि के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक किट बनाती है और प्रतिदीप्ति-आधारित रैपिड कोविड – 19 डिटेक्शन किट बनाना चाहती है। कम्पनी ने उत्पाद को 2-3 महीनों में व्यावसायिक रूप से तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रतिदीप्ति आधारित डायग्नोस्टिक किट कई गुना संवेदनशील होता है और इसके जांच करने क्षमता (संख्या) भी अधिक है।


इससे पहले, टीडीबी ने रियल टाइम पीसीआर आधारित मॉलिक्यूलर  डायग्नोस्टिक किट विकसित करने वाली पहली स्वदेशी कंपनी मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस, पुणे को वित्त पोषण देने को मंजूरी दी थी, जो फ्लू जैसे लक्षणों को प्रदर्शित करने वाले लोगों के नमूनों की जांच करती है।


डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा " कोविड – 19 ने हमें एक स्पष्ट उद्देश्य, प्रासंगिकता, आवश्यकता, समर्थन में आसानी, पारदर्शिता, समर्पण, सहयोग और जवाबदेही के साथ शिक्षा जगत और अनुसंधान प्रयोगशालाओं के तालमेल के साथ उद्योग को जोड़कर स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के व्यावसायीकरण के कई रास्ते दिखाए हैं। टीडीबी ने तेज गति से और बड़े पैमाने पर समर्थन दिया है जो मिशन स्वावलंबन- आत्मनिर्भर भारत के लिए काम करना जारी रखेगा।"


[अधिक जानकारी के लिए, कृपया संपर्क करें: कोमोडोर नवनीत कौशिक, वैज्ञानिक 'ई', प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड, navneetkaushik.tdb@gmail.com Mob: + 91- 9560611391]



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