(1)
मौसम का भी रुख समझ,बदल गया है आज।
मौसम के अनुकूल चल,तभी बनेंगे काज।
(2)
करती है नादानियाँ,हवा हुई शैतान।
बन जाएगी एक दिन,यही हवा तूफान।
(3)
मौसम ने भी रुख बदल,फेंक दिया है दाँव।
भूख,गरीबी,देखिये,लौट रही है गाँव।
(4)
मौसम का रुख देख कर,जो चलते चुप चाप।
मंजिल उनको ही मिले,बात समझ लो आप।
(5)
मौसम तो बदलें सदा,यही प्रकृति की रीत।
चले प्रकृति के साथ जो,मिलती उसको जीत।
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