Sunday, June 7, 2020

बहुत ही शानदार रहा शनिवार की शाम होने वाला द्वितीय आनलाइन कवि सम्मेलन 




प्रतापगढ़ । धर्म सम्राट करपात्री स्वामी जी महाराज के वंशज भटनी निवासी युवा श्रृंगार कवि सौरभ ओझा के संयोजन मे आनलाइन कालिंग के माध्यम से 100 से अधिक साहित्य प्रेमी श्रोताओं ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ओज के सुप्रसिद्ध कवि अंजनी अमोघ ने किया । कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि बलिया जिले के समाजसेवी ज्ञान प्रताप भारती ने कार्यक्रम की सरहना की और सदैव समाज से जुड़े कार्य करने की तनमयता दिखाते हुए समाज के साथ सदैव खडे रहने का संकल्प लिया और प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए वरिष्ठ कवि महादेव मिश्र बमबम ने पढा नाम रोशन करें अपने घर गाँव का, देश की शान दस दिशि बढ़ाते रहें । प्रसिद्ध हास्यकवि संदीप सरारती ने पढा किसी की कुंडली में राहु केतु शनि बैठे हमारे कुण्डली मे बैठे है प्रधान जी । संयोजक सौरभ ओझा ने पढ़ा तुम हमे हम तुम्हें याद आते रहेंगे, गीत मे गढ हम तुम्हे गुनगुनाते रहेगें और मै मजबूत नहीं मजदूर हू ।ओजकवि अंजनी अमोघ ने मजदूरों पर पढा मेरा दर्द सुनो मैं बोल रहा भारत का भाग्यनिर्माता हूँ,खुले आसमान के नीचे का पूरा इतिहास बतलाता हूँ । बिहार से जुड़े मनीष मोहक ने पढा न मुझको कभी ग़म अता कीजिएगा, कसम है खुदा की वफा कीजिएगा । ओज कवि हरिबहादुर हर्ष ने पढा राजनीति के लुटेरे लूलते हैं शोषितों को, हिंसकों का राज कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ कवि व पत्रकार अनूप त्रिपाठी ने पढा राम समझ रहमान समझ ले धर्म समझ ईमान समझ ले,मंदिर कैसा मस्जिद कैसी ईश्वर का सब स्थान समझ ले । संरक्षक सुरेंद्र तिवारी सागर रहे, कार्यक्रम को राजकीय पालीटेक्निक लखनऊ के छात्रों द्वारा बहुत समर्थन मिला। विशेष आभार प्रधान अशोक सिंह ने व्यक्त किया कार्यक्रम का प्रेम मिश्रा, बीरू मिश्रा, अनूप सिंह, निश्चितकुमार, विवेक, गौरव, राहुल, सत्यम आदि ने भरपूर आनंद लिया।


 

 




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