हंसते हंसाते गंभीर होने का हुनर रखता हूँ
मसखरे से पलभर में कबीर होने का हुनर रखता हूँ!
साधारण कपड़े,लंबी दाढ़ी,लंबी चोटी रखकर
सभी को दंडवत होके नजीर होने का हुनर रखता हूँ!
दुख दर्द समेटे श्रोता आते हैं सुनने सदा हमको
सबको हंसाकर यार मैं फकीर होने का हुनर रखता हूँ!
काम कुछ ऐसा करने की कोशिश करता हूँ मैं
सभी लकीरों से बड़ी लकीर होने का हुनर रखता हूँ!
माँ शारदा भवानी के आशीर्वाद से ही निर्मल
मैं भी तो किसी की तकदीर होने का हुनर रखता हूँ!
आशीष तिवारी निर्मल
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