Monday, June 15, 2020

खासबाग पैलेस की दीवारों पर लगी यूरोपियन कलाकारों के हाथों बनी रामपुर रियासत के शासकों की पेंटिंग्स

दैनिक अयोध्या टाइम्स,रामपुर- कभी रामपुर के हुक्मरां रहे नवाबों के यूरोपियन कलाकारों के हाथों बने विशाल चित्रों को अब या तो दीमक चाट रही है या फिर देखभाल के अभाव में इनकी चमक खत्म हो गई है। ब्रिटिशकाल में रामपुर रियासत की शानो शौकत का केंद्र रहे खासबाग़ पैलेस की दीवारों पर लगी शासकों की पेंटिंग्स अपनी दुर्दशा की कहानी खुद बयां कर रही हैं।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रामपुर के अंतिम शासक नवाब रज़ा अली खां की सम्पत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया मुस्लिम पर्सनल लॉ के आधार पर जिला न्यायालय में चल रही है। कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नरों द्वारा सम्पत्ति का मूल्यांकन किये जाने के दौरान नवाब खानदान से जुड़ी बहुत सी बातें सार्वजनिक हुई हैं। इन्हीं में महल के अंदर लगी नवाबों की पेंटिंग्स की बदहाली का मामला भी शामिल है। खासबाग़ पैलेस की दीवारों पर सात शासकों की पेंटिंग्स लगी हैं। यह ऑइल पेंटिंग्स कैनवास पर बनी हैं। इन्हे अलग अलग विदेशी आर्टिस्टों ने बनाया है। सभी पेंटिंग्स बेहद खूबसूरत और भव्य  हैं। बताते हैं कि इन्हे जिस फ्रेम में लगाया गया है उस पर सोने का पोलिश किया गया था। इतना ही नहीं सभी फ्रेम रामपुर रियासत के लोगों से सुसज्जित हैं, लेकिन देखभाल के अभाव में इन इन पेंटिंग्स की चमक फीकी पड़ गई है। कुछ को दीमक ने चाट लिया है और कुछ को बरसात के पानी और सीलन ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। कुछ फट गई हैं। सौ साल से भी ज़्यादा पुरानी इन पेंटिंग्स पर नवाबों के नाम की पट्टिकाएं भी लगी हैं। 

रामपुर रियासत में दस नवाबों ने राज किया था, लेकिन खासबाग़ पैलेस में सात नवाबों की पेंटिंग्स ही मौजूद हैं। इन दस शासकों की पेंटिंग्स का ज़िक्र नवाब रज़ा अली खां की सम्पत्ति की सूची में भी है। जो पेंटिंग्स मौजूद हैं अगर उन के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह भी जल्दी ही नष्ट हो जाएंगी।रामपुर में 173 साल रही है नवाबों की हुकूमत 

पहले शासक नवाब फैज़ उल्ला खां से लेकर अंतिम शासक नवाब रज़ा अली खां तक रामपुर में 173 साल नवाबों की हुकूमत रही है। इनके अलावा नवाब मोहम्मद अली खां, नवाब गुलाम मोहम्मद खां, नवाब अहमद अली खां, नवाब मोहम्मद सईद खां, नवाब यूसुफ़ अली खां, नवाब कल्बे अली खां, नवाब मोहम्मद मुश्ताक़ अली खां और नवाब हामिद अली खां हुक्मरान रहे हैं। 1 जुलाई 1949 को नवाब रज़ा अली खां ने इस रियासत का विलय भारतीय गणराज्य में कर दिया था। स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय गणराज्य में विलय होने वाली रामपुर सबसे पहली रियासत थी।1967 से नहीं हुई देखभाल, 3 पेंटिंग बेंच दीं नवाब काज़िम अली खां 

अंतिम शासक नवाब रज़ा अली खां के पौत्र पूर्व मंत्री नवाब काज़िम अली खां उर्फ़ नवेद मियां का कहना है कि 1967 से रामपुर रियासत की शान रही तमाम धरोहरों की कोई देखभाल नहीं की गई। ऑइल ऑन कैनवस पेंटिंग्स की खराब हालत इसका सबूत है। कुछ माह पहले अपने पूर्वजों की इन पेंटिंग्स की बदहाली देखकर मुझे अफ़सोस हुआ, क्योंकि यह पेंटिंग्स विदेशी आर्टिस्ट्स को रामपुर बुलाकर बनवाई गई थीं । नवाब मोहम्मद अली खां, नवाब मोहम्मद सईद खां और नवाब यूसुफ़ अली खां की पेंटिंग्स खसबाग़ से गायब हैं, जो बेच दी गई हैं। यह शर्म की बात है कि रामपुर रियासत के बेशकीमती सरमाये को एक पक्ष ने खुर्दबुर्द और बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।रज़ा लाइब्रेरी को सौंपकर पेंटिंग्स का हो संरक्षण : काशिफ इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) रुहेलखंड चैप्टर के सह संयोजक काशिफ खां ने रामपुर रियासत के शासकों की इन पेंटिंग्स को बहुमूल्य धरोहर बताया है। उनका कहना है कि इन पेंटिंग्स का उचित रखरखाव न कर अपराध किया गया है, क्योंकि यह पूरे रामपुर की धरोहर है और इसे नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। दुर्भाग्य से खासबाग़ ऐसे लोगों के कब्ज़े में रहा जिन्हे न तो रामपुर से और न ही अपने पूर्वजों के इन चित्रों से कोई लगाव है। जितनी भी ऑइल ऑन कैनवस पेंटिंग्स पैलेस में मौजूद हैं उन्हें रज़ा लाइब्रेरी में स्थित संरक्षणशाला को सौंप दिया जाना चाहिए ताकि उनका संरक्षण हो सके।

 

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