Wednesday, June 3, 2020

"मानवता सबसे बड़ा धर्म"

इस समय सम्पूर्ण जगत इतिहास के सबसे बड़े संकट काल से गुजर रहा है।"कोरोना"(कोविड-19)

महामारी एक विकराल दानव रूप में सम्पूर्ण जगत पर हावी हो चुकी है,और इसके निदान हेतु सम्पूर्ण जगत व्याकुल है।भारत सहित अन्य देशों में ये बीमारी तीव्र गति से फैल चुकी है।और दिन-प्रतिदिन हजारो लोग काल के गाल में समा रहे हैं।

                                    इस समय सम्पूर्ण मानव जाति पर संकट के बादल छा गए हैं।मजदूर दूसरे राज्यों से हजारों किलोमीटर पैदल चल कर अपने घर पहुंच रहे हैं।निश्चित ही ये समय सम्पूर्ण मानव जाति के लिये बड़ा ही दुःखदायी है।लोग पंक्षियों की तरह अपने घरों में कैद हो गए हैं।ऐसा लगता है मानो प्रकृति सम्पूर्ण मानव जाति से क्रुद्ध होकर मानव के प्रकृति से किये गए खिलवाड़ का बदला ले रही है।

            कहीं न कहीं ये मानव का प्रकृति के साथ किये गए खिलवाड़ का ही परिणाम है।अगर इतनी बड़ी महामारी से भी मानव जाति ने सबक नही लिया तो निश्चित ही मानव अपना अस्तित्व खो देगा,और इतिहास के पन्नो में सिमट कर रह जायेगा।इस समय सभी राजनीतिक पार्टियों को भी चाहिए कि आपसी छींटाकशी छोड़ कर और एकजुट होकर मनुष्य जाति के कल्याण के बारे में सोचे,क्योंकि मनुष्य का अस्तित्व रहेगा तभी तो कुछ सम्भव होगा।बिना मनुष्य के सरकार की या किसी पार्टी की कल्पना भी नही की जा सकती।मानवता सबसे बड़ा धर्म है इसको साबित करने का इससे स्वर्णिम अवसर नही मिल सकता।

 

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