26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे देश में काफी जोश और सम्मान के साथ मनाया जाता है। यह, वह दिन है जब भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। यही कारण है कि इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव तथा सम्मान से भी जोड़ा जाता है। इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है तथा इसके उपलक्ष्य में भाषण, निबंध लेखन और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
गणतंत्र दिवस के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था इसलिए गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। भारतीय संविधान की दो प्रतियां जो हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई। इनकी मूल प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं। इस बात से ही संविधान और गणतंत्र दिवस के महत्व को समझा जा सकता है। हमारे देश में गणतंत्र दिवस समारोह धूमधाम से मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन भारत के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं और राष्ट्रगान गाया जाता है। इसके अलावा देश के सैनिक परेड करते हैं।
भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद भारत को एक गणराज्य का दर्जा दे दिया गया। “ गणराज्य ” वह देश होता है जिसमें लोकतंत्र होता है और देश पर शासन जनता का होता है। जनता अपने प्रतिनिधि का चुनाव करती है जो संसद जाते हैं और इस तरह देश की शासन व्यवस्था स्थापित होती है। गणराज्य विचारधारा वाला देश सदैव लोकतांत्रिक मूल्यों का स्वागत करता है।
लंबे समय तक हमारी मातृभूमि भारत पर ब्रिटीश शासन का राज रहा है। और भारत के लोगों ने सालों तक गुलामी की है। जिसके कारण भारत के लोगों को ब्रिटीश शासन द्वारा बनाये गये कानूनों का पालन करना पड़ता था। लंबे संघर्ष के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अंतत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दिलाई। आजादी के लगभग ढाई साल बाद यानी कि 26 जनवरी 1950 को भारत देश ने अपना संविधान लागू कर दिया। और भारत ने खुद को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित कर दिया।
आजादी मिलने और संविधान लागू होने के इतने बरसों बाद भी आज भारत अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा, नक्सलवाद, आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा जैसी समस्याओं से लड़ रहा है। हम सभी को एक होकर इन समस्याओं को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। भारत को जब तक इस समस्याओं से बाहर नहीं निकालते तब तक स्वतंत्रता सेनानियों का सपना पूरा नहीं होगा। एक होकर प्रयास करने से श्रेष्ठ और विकसित भारत का निर्माण होगा।
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